Monday, 5 September 2022

Poem : सूर्य सा दीप्तिमान

हम सभी के जीवन में शिक्षक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं क्योंकि हमें, जन्म तो माता-पिता देते हैं पर हमें अस्तित्व, शिक्षक ही प्रदान करते हैं।

अतः उन्हें अस्तित्व निर्माता कहना, अतिश्योक्ति नहीं होगा...

आज की मेरी यह काव्य प्रस्तुति, सभी शिक्षकों को समर्पित है।

सूर्य सा दीप्तिमान 




दीप था मैं कोरा,

प्रकाश मुझमें भर दिया।

जिंदगी के तिमिर को,

आप ने रोशन कर दिया।


था नहीं कोई वजूद मेरा,

ज्ञान मुझमें भर दिया।

दिशाहीन से अस्तित्व का,

मार्ग प्रशस्त कर दिया।


मार्ग में थे कंटक हजारों,

क्षित-विक्षित करने के लिए।

आपके सानिध्य ने मेरा,

हौसला बुलंद कर दिया।


हे गुरुवर आप मेरा,

शत् शत् प्रणाम स्वीकारिए।

आप के अथक प्रयासों ने मेरा,

जीवन सौंदर्य से भर दिया।


था मैं मात्र दीप कोरा,

मुझको प्रकाशित कर दिया।

जीवन के तिमिर को दूर कर,

सूर्य-सा दीप्तिमान कर दिया।


आज शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर, अपने सभी गुरुजनों को सादर प्रणाम 🙏🏻🙏🏻

 Happy Teacher's Day 💐