Tuesday, 30 August 2022

Poem : हरतालिका तीज

हरतालिका तीज 


हरतालिका तीज 

है अजब निराली;

सखियों द्वारा, माँ पार्वती 

को हरने वाली।

हरण था, माँ पार्वती का,

शिव शंभू के वास्ते।

पवित्र प्रेम प्राप्ति के लिए,

छोड़ आई महलों के रास्ते।

प्रेम अटटू था,

थी शिव शंभू को पाने की आस,

त्याग दी माँ ने,

सदियों तक अपनी भूख प्यास।

कठोर तप था, था अडिग निश्चय,

फिर कैसे भोलेनाथ उन्हें ना मिलते...

माँ पार्वती के हरण से,

महादेव के वरण तक की,

अनोखी प्रेम की गाथा है,

हरतालिका तीज का व्रत,

पवित्र व्रत अनुराग का;

सिद्ध व्रत सुहाग का।


अखंड सौभाग्य की कामना के परम पावन पर्व हरतालिका तीज की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं🙏🏻💐

माँ पार्वती और भगवान शंकर की कृपा सब पर बनी  रहे🙏🏻🙏🏻