Friday, 4 August 2023

Article: टमाटर के बढ़ते भाव

आजकल एक मुद्दा हर जगह उठाया जा रहा है, वो चाहे office हो, घर हो, स्कूल हो, बाज़ार हो, party हो, चाहे राजनीतिक चर्चा हो...  सब जगह बस इसी का बोलबाला है।

वो मुद्दा है टमाटर, जो कि मंडी से निकल कर limelight में आ गया है। आजकल घर में fresh और लाल लाल टमाटर देखना तो जैसे सुखद स्वप्न हो गया है।

टमाटर के बढ़ते भाव 



टमाटर के बढ़ते भाव ने, उसे गरीब की पहुंच से तो बाहर निकाला ही था, अब तो अमीरों की चूले भी हिला दी है। 

जिन लोगों के refrigerator में 2.5 kg टमाटर, मामूली सब्जी बनकर रहा करते थे, वहां अब 250 gm. भी बहुत शान से रहने लगे हैं।

बहुत लोगों के घर टमाटर के बिना ही खाना बन रहा है और जिनके यहां टमाटर डालकर सब्जी बनाई जा रही है, उस सब्जी को VIP treatment मिल रहा है...

पर कारण क्या है, टमाटर के इतने महंगे होने का? 

और फायदा किसका हो रहा है?

क्या सरकार दोषी है?

ऐसे बहुत से सवाल, लोगों के मन में घूम रहे हैं। और घूमने का बड़ा कारण यह है कि, जब प्याज़ महंगा था तो उस समय, बिना प्याज़ की, जैसे-तैसे सब्जियां बना कर लोग, उसके सस्ते होने का इंतज़ार भी कर रहे थे। पर अबकी बार, उन घरों में भी परेशानी आ रही है, जहां बिना प्याज़ लहसुन का खाना बनता था, क्योंकि उन सब्जियों में तो स्वाद ही टमाटर से आता है।

मतलब गाज़ जितनी, प्याज़ लहसुन खाने वाले पर गिरी है, उतनी ही बिना प्याज़ लहसुन खाने वालों पर भी, दूसरी तरह से देखें तो टमाटर की मंहगाई ने हर घर के खाने को बेस्वाद कर दिया है, हर घर की थाली मंहगी कर दी है।

टमाटर के भाव बढ़ने के कारण 

टमाटर की shelf life बहुत कम होती है। थोड़ा भी temperature कम ज्यादा होना, इसके सड़ने-गलने, सूखने का कारण बन जाता है। 

बस यही सबसे बड़ा कारण है... आपको बताते हैं कैसे है, बड़ा कारण? 

आंकड़ों की मानें तो 7 राज्यों में टमाटर की पैदावार की जाती है इनमें आंध्र प्रदेश, सबसे आगे है। बाकी के 6 राज्यों की बात करें तो कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, उड़ीसा, गुजरात और पश्चिम बंगाल है।

South में दो-तीन महीने पहले बहुत अधिक गर्मी पड़ रही थी, जिसके चलते टमाटर सड़े-गले जा रहे थे, क्योंकि टमाटर का रख-रखाव महंगा पड़ता है। जिसके चलते किसानों को टमाटर को बेचने में बहुत परेशानी हो रही थी। पैसे ठीक मिल नहीं रहे थे और रख-रखाव का ख़र्चा, अलग कमर तोड़ रहा था। अतः किसानों ने दुखी होकर बहुत से टमाटर फेंक दिए।

उसके बाद कहीं लू और कहीं बेमौसम की बहुत ज्यादा बारिश हो रही थी, जिससे कम पैदावार और सड़ना-गलना ज्यादा हो गया। जैसे तैसे टमाटर दूसरे राज्यों में पहुंच रहे हैं तो उनकी लूट-पाट कर ली जा रही है। रही सही कसर, Wholesaler और retailers पूरी कर देते हैं। मतलब demands ज्यादा और supply कम... फिर भाव तो बढ़ने ही हैं...

किसका फायदा है 

वैसे यह बताने जैसी कोई बात नहीं है, क्योंकि सभी जानते हैं। फिर भी इस बात से अंदाजा लगा लीजिए कि 100 % में से किसानों को टमाटर के अंतिम खुदरा मूल्य का केवल 30% ही मिलता है और बाकी थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं की कई परतों द्वारा साझा किया जाता है। 

मतलब मंहगाई से नुकसान किसानों और उपभोक्ताओं को ही होता है। बाकी सब तो महंगाई के अनुसार अपना कमीशन उतना ही बढ़ा लेते हैं। 

क्या सरकार दोषी है? 

अगर directly नहीं, तो indirectly कुछ हद तक तो सरकार दोषी है। क्योंकि सरकार का काम, सब जगह management करना होता है। 

दो महीने पहले, किसानों ने मजबूर होकर, जो किया, वो वह नहीं करते, अगर उनके पास टमाटरों के लिए cold storage की व्यवस्था होती या किसानों से सही समय व उचित मूल्य पर टमाटर खरीदकर उन्हें cold storage में भेज दिया जाता। 

साथ ही बिचोलियों और लूट-पाट करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई की जाए। जिससे जिसने पैदावार की है, उसका % सबसे ज्यादा हो, जिससे वो संतुष्ट और सुखी होकर खुशी खुशी और अधिक पैदावार करें। और यह बात, सभी फसलों और पैदावार के लिए मान्य है।

Production ज्यादा होगा तो supply भी ज्यादा होगी और मंहगाई.... मंहगाई तो कम होनी ही है। 

मंहगाई नहीं होगी तो आम जनता भी सुखी व संतुष्ट रहेगी और देश विकासशील... 

ऐसा नहीं है कि आज BJP है, इसलिए मंहगाई हो रही है कोई अन्य सरकार होती तो ऐसा नहीं होता... क्योंकि जब तक इस direction में नहीं सोचा जाएगा, कभी किसान सुखी नहीं होगा, समृद्ध नहीं होगा।

इसलिए सरकार से हाथ जोड़कर अनुरोध है कि इस तरफ़ भी ध्यान केंद्रित करें। जिससे किसानों की स्थिति दृढ़ हो सके और साथ ही आम जनता भी सुख व तृप्ति से दो वक्त का खाना खा सके...

जैसे आपने, किसानों का हित सोचकर, उनके खाते में हर साल 6000 रुपए जमा करने का अति उत्तम प्रयास किया है, इसी तरह से किसानों से सही समय व उचित मूल्य पर उनकी पैदावार खरीद ली जाए, जिससे किसान मजबूर होकर अपनी पैदावार बर्बाद ना करें🙏🏻

क्योंकि अगर उत्पादक स्वयं अपना उत्पादन नष्ट करें तो इससे बड़ा कोई दुःख नहीं, और ऐसा होना देश को मंहगाई और भूखमरी की ओर ले जाता है... 

और मंहगाई के लिए, कहीं ना कहीं हम भी जिम्मेदार हैं, क्योंकि कोई भी ऐसी चीज नहीं होनी चाहिए, जिसके बिना हमारा जीवन ही रुक जाए, हम दिन रात उसी की दुहाई दें। हमारी मजबूरी, हमारी कमजोरी ही हम पर दूसरों को हावी होने देती है। और वही महंगाई, तबाही और असंतोष पैदा करता है। 

इसलिए संयत रहें और कुछ दिन का सब्र रखें, आपका खाना फिर से स्वादिष्ट हो जाएगा।

वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि सितंबर तक टमाटर के महंगे रहने की संभावना है। 

टमाटर बिना भी स्वादिष्ट भोजन

टमाटर के बिना भी कैसे खाना स्वादिष्ट बना सकते हैं, उसके लिए कुछ उपाय बता देते हैं।

1. टमाटर प्यूरी को आप use कर सकते हैं। बहुत सी अच्छी companies की tomato puree, market में easily available है।

2. आप ½ tbsp दही और ¼ tsp. Sugar के combination से भी टमाटर को replace कर सकते हैं। दही को मसाला भूनते समय डालना है। 

3. ½ tbsp खोआ और ½ tbsp. दही के combination से भी टमाटर replace कर सकते हैं।


कुछ दिन का इंतज़ार, फिर से होगा स्वादिष्ट भोजन तैयार

तब तक के लिए, आप टमाटर का replacement डाल लीजिए।

खुश रहिए, सुखी रहिए, जीवन का आनंद लीजिए, थोड़ा कम के साथ ही सही...