Monday 18 October 2021

Article : Tata's Air India

यह खबर आप सभी को पता चल ही चुकी है कि Air India अब government company नहीं रह गई है, बल्कि Tata की झोली में जा चुकी है। 

पर उसका कारण क्या है? और अब उसके employees का क्या होगा? यही बताया है।

पर पढ़कर सोचिएगा जरुर कि यह कितना सही कदम है?

क्योंकि इस राह पर और भी ना जाने क्या-क्या होने वाला है।


 Tata's Air India


Air India : 

Tata की झोली में Air India, 18,000 करोड़ रुपये की बोली के साथ बनी winning bidder।

सरकार Air India और Air India Express में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। साथ ही Air India की ground handling company AISATS में 50% हिस्सेदारी बेच रही है।


Highlights :

सौदा इस साल दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद।

Tata Group और SpiceJet के अजय सिंह ने लगाई थी बोली।

सरकार Air India और Air India Express में बेच रही पूरी हिस्सेदारी।


कर्ज में डूबी सरकारी Airlines company, Air India, अपने पुराने मालिक के पास लौट आई है। Air India के लिए winning bid Tata sons की एक  unit ने जीती है। इस बारे में DIPAM (Department of Investment and Public Asset Management) के secretary तुहीन कांत पांडे ने घोषणा की है। 

पांडे ने शुक्रवार शाम को एक press conference में कहा कि Tata sons की unit, Talace Pvt. Ltd. 18,000 करोड़ रुपये के साथ Air India के लिए winning bidder रही। यह सौदा इस साल दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। Air India के लिए Tata Group और SpiceJet के अजय सिंह ने बोली लगाई थी।

सरकार Air India और Air India Express में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। साथ ही Air India की ground handling कंपनी AISATS में 50 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। इसके लिए Tata group और Spicejet के अजय सिंह ने व्यक्तिगत बोली लगाई थी। 

मोदी सरकार के निजीकरण कार्यक्रम में Air India की बिक्री सबसे अहम है। गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में मंत्रियों की एक समिति खुद इसकी निगरानी कर रही है।

 मौजूदा प्रस्ताव के मुताबिक Air India को 23,000 करोड़ रुपये के कर्ज के साथ नए मालिक को transfer किया जाएगा। Company का बाकी कर्ज Air India Asset Holdings Ltd. (AIAHL) को transfer किया जाएगा।

 

Air India की 68 साल बाद घर वापसी:

Air India की 68 साल बाद घर वापसी होने जा रही है। Tata group ने AirAsia India के माध्यम से Air India के लिए बोली लगाई। Air India को Tata group ने ही शुरू किया था और अब 68 साल बाद एक बार फिर Air India , Tata group की झोली में है। JRD Tata ने 1932 में  Tata Airlines की स्थापना की थी। दूसरे विश्वयुद्ध के वक्त विमान सेवाएं रोक दी गई थीं। जब फिर से विमान सेवाएं बहाल हुईं तो 29 जुलाई 1946 में Air lines का नाम Tata Airlines के नाम से बदलकर उसका नाम Air India Ltd. कर दिया गया।

आजादी के बाद 1947 में Air India की 49 फीसदी भागीदारी सरकार ने ले ली थी। 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया।

रतन टाटा ने कहा 'welcome back'


कितना है कर्ज और सरकार डाल चुकी है कितने करोड़ :

पांडे ने कहा कि सरकार 2009-10 से लेकर अब तक एयर इंडिया में cash support के तौर पर 54,584 करोड़ रुपये डाल चुकी है। इसके अलावा 55,692 करोड़ रुपये guarantee support गारंटी सपोर्ट के तौर पर डाले गए हैं। इस तरह सरकार 2009-10 से लेकर अब तक एयर इंडिया में कुल 1,10,276 करोड़ रुपये डाल चुकी है। 31 अगस्त 2021 तक Air India पर 61,562 करोड़ रुपये का कर्ज था। Winning bidder टाटा sons 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज वहन करेगी। इसके बाद एयर इंडिया पर 46,262 करोड़ रुपये का कर्ज बचेगा।


क्या होगा कर्मचारियों का :

Ministry of Civil Aviation के Secretary राजीव बंसल ने कहा है कि आज की तारीख में एयर इंडिया में 12,085 कर्मचारी हैं, जिसमें से 8,084 permanent employees हैं और 4,001 employees, contract पर हैं। इसके अलावा Air India express में 1434 कर्मचारी हैं। उन्होंने आगे कहा कि winning bidder Tata sons सभी employees को अगले एक साल तक बरकरार रखेगी। दूसरे साल में अगर उन्हें बरकरार नहीं रखा जाता है तो company उन्हें voluntary retirement की पेशकश करेगी।