Saturday 31 December 2022

Poem: New Year

A new year, everytime on this day, we go to several parties, we celebrate this grand festival with pomp and vigour, we visit many places, and fill every single moment with fun & frolic. "Truly not!" Interrupts our succeeding generation. "Not according to me!" This new generation thinks something else and so this poem. Enjoy this poem 'New Year' written by Divyanshi Khare from Prayagraj.

Get to know that how do we celebrate a new year with pomp and vigour according to them.

 New Year


New years come and go,

But our lives go to and fro.

Some years might be full of sadness,

But some years fulfill our life with gladness.


What do you think a new year is?

Enjoying the party you never want to miss?

We take resolutions eagerly,

Of might listening to our parents sincerely.


But have you ever thought of improving your environment?

Enjoying a better country by making an improvement.

Past years are like teachers,

They teach us to protect our land and creatures.


So we should learn from our mistakes every year,

And try to shape a better new year.


I am a very nuclear element of this earth family,

So we all should get together and contribute to the earth as one family.


🎉Happy New Year 🎉

Story of Life : बंटवारा प्रेम का (भाग - 5)

 यह एक ऐसी कहानी है, जिससे हर एक लड़की जुड़ी हुई है। 

बंटवारा प्रेम का (भाग - 1)

बंटवारा प्रेम का (भाग - 2),

बंटवारा प्रेम का (भाग - 3) व

बंटवारा प्रेम का ( भाग - 4) के आगे पढें... 

बंटवारा प्रेम का (भाग - 5)



खुशी बहुत पशोपेश में पड़ गई, आज तक उसने अपने पापा का कहा हुआ कभी नहीं टाला था।

पर अपने ससुर जी को मना करने की बात भी उसे उचित नहीं लग रही थी...

उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करें? तभी उसके छोटे भाई और बहन, उसके ससुराल पहुंच गए। उन्होंने खुशी को मायूस देखा तो कारण पूछा...

खुशी ने अपना असमंजस बता दिया। तीनों बोले दीदी, आप जीजू के साथ हनीमून पर जाइए, मां-पापा से हम बात कर लेंगे।

जब राजशेखर को सब पता चला तो वे आगबबूला हो गए, गुस्से से वो चिल्लाने लगे, यहाँ कोई तमाशा चल रहा है कि जब मन करेगा, तब मिलने चले जाएंगे। अगर world tour का program था, तो उन्हें पहले से बताना चाहिए था। यह क्या कि एकदम से बता दिया। हम सब के घर में खुशी के जाने की बात  तो नहीं बोलते। 

पर आखिरकार, सब के समझाने से वो मान गए। खुशी और अनंत world tour पर निकल गये।

1 महीने बाद, जब खुशी और अनंत लौटे तो, खुशी ने अनंत से कहा कि वो पहले मायके जाना चाहती है तो अनंत बोला, चली जाओ पर 2 घंटे में आ जाना।

मां ने कथा रखी है और सभी अड़ोसी-पड़ोसी को मुंह दिखाई के लिए बुलाया है।

खुशी जब अपने मायके पहुंची तो उसे देखकर सब बहुत खुश हो गए। पर महीने भर की दूरी और मात्र 2 घंटे! कब निकल गये, पता ही नहीं चला।

जब खुशी ने चलने की बात कही तो माँ बोली, बेटा अभी तो आई थी, कुछ देर बाद चली जाना।

माँ, वहाँ मम्मी जी ने कथा रखी है, देर हो गई तो उन्हें ख़राब लगेगा। 

खुशी के मुंह से ऐसा सुनकर, मालती को कुछ क्षण ऐसा लगा, जैसे यह उनकी‌ अपनी खुशी ही ना हो। 

फिर अपने को संभालते हुए, उन्होंने उसे विदा कर दिया।

रास्ते में traffic बहुत ज्यादा था, इसलिए ससुराल पहुंचते पहुंचते देर हो गई, पंडित जी आ चुके थे।

खुशी को देर से आया देखकर, खुशी की सास वृंदा की त्योरियां चढ़ गई। उसके आते से ही बोली, बहू एक दिन तो मायके का मोह छोड़ देती। सब आ गये हैं, जल्दी से तैयार हो कर आ जाओ।

खुशी मन ही मन सोचने लगी, एक दिन नहीं एक महीना हो गया था, सबसे बिना मिले... पर उसने वृंदा जी से कुछ नहीं कहा। जल्दी से अपने कमरे में गई और तैयार हो कर कथा के लिए बैठ गई।

कुछ दिन बाद खुशी की दादी जी की तबियत बिगड़ गई, वो ख़ुशी को बहुत प्यार करती थीं।

तो राजशेखर और मालती चाहते थे कि खुशी एक हफ्ते के लिए मायके आ जाए। खुशी आई भी, पर सिर्फ दो दिन के लिए... 

सबको ख़ुशी का दो दिन का आना खल गया। उसके जाने के बाद माँ बोली, हमने अपनी बिटिया की शादी, अपने ही शहर में इसलिए की थी कि बेटी नजदीक रहेगी, यह तो सिर्फ नाम के लिए ही पास है, वैसे ना जाने कितना दूर चली गई है। कभी मन भर के रूकती ही नहीं है, हमेशा कह देती है, यहीं तो रहती हूं, फिर आ जाउंगी...

उधर वृंदा जी, अपने पति से बोल रही थीं कि बहू का मायका, इसी शहर में है तो जब देखो, वहीं पहुंच जाती है। बेकार ही एक शहर की लड़की से शादी करा दी अनंत की...

अब तो हर बार यही होता, खुशी के लाख प्रयासों के बाद भी दोनों परिवार में उसके प्रेम को लेकर असंतोष ही रहता...

खुशी की स्थिति कोई नहीं समझ रहा था, वो बेचारी तो दोनों जगह में अपना प्रेम लुटाना चाहती है, पर शादी के बाद, उसके प्रेम का यूं बंटवारा कर दिया जाएगा, यह उसने कभी नहीं सोचा था। 

ऐसा नहीं है कि यह स्थिति, एक शहर में मायका ससुराल होने से था, ऐसा अलग-अलग शहर होने से भी होता है।

क्या करे एक बहू, जिस परिवार से सालों जुड़ी थी, उस परिवार को, उसके सुख को, दुःख को भूल जाएं?

और क्या करे एक बेटी, जिस परिवार से जुड़ी है, उसका अटूट हिस्सा बनने के लिए, उस परिवार को अपना ना माने, उसके सुख-दुख को अपना ना माने?

आखिर क्यों एक बेटी और एक बहू से ही अपेक्षा रखी जाती है? क्या दोनों पक्ष उसकी स्थिति को समझते हुए उसके लिए दृढ़ सहायक बनकर उसके वैवाहिक जीवन को सुख से भरपूर नहीं बना सकते हैं? 

आखिर कब तक होगा, बंटवारा उसके प्रेम का? 

Thursday 29 December 2022

Story of Life: बंटवारा प्रेम का (भाग - 4)

यह एक ऐसी कहानी है, जिससे हर एक लड़की जुड़ी हुई है। 

बंटवारा प्रेम का (भाग - 1)

बंटवारा प्रेम का (भाग - 2) व

बंटवारा प्रेम का (भाग - 3) के आगे पढें... 


बंटवारा प्रेम का (भाग - 4) 


 इतने सारे लोगों के साथ, reception में जाना पापा को अच्छा नहीं लग रहा था, क्या कहेंगे, खुशी के ससुराल वाले, सोच सोच कर वो परेशान हो गए।

आखिरकार उन्होंने खुशी के ससुर जी को फोन लगा दिया... 

दीपक जी, कैसे हैं आप सब?

बहुत बढ़िया, राजशेखर जी, बहुत प्यारी बच्ची है खुशी... अभी, एक दिन भी नहीं हुए हैं और उसने सबका दिल जीत लिया है, अब हमारे घर में हर एक बस खुशी के पास ही रहना चाह रहा है। 

जी, बिल्कुल सच में खुशी ऐसी ही है। राजशेखर जी ने आनंदित होते हुए बोला..

अच्छा, आप लोग रात में आ रहे हैं ना? बिल्कुल समय से आ जाइएगा, खुशी बिटिया को आप सबका इंतजार रहेगा। दीपक जी ने पूछा..

जी, हम समय पर तो आ जाएंगे, पर एक problem है... राजशेखर जी ने सकुचाते हुए बोला...

Problem! क्या problem है? समधी जी...

दीपक जी, आपने कहा था ना कि हर कोई खुशी के पास ही रहना चाहता है, बस वही problem है। 

मतलब? 

हमारे यहां सभी लोग, खुशी से मिलना आना चाह रहे हैं, जिसको मना करेंगे, उसका दिल टूट जाएगा,  तो... आप से कैसे कहें, हम 50-60 लोग हैं।

अरे तो क्या हो गया, आप जितने भी लोग हैं, सब आ जाइए। दीपक जी हंसते हुए कहा...

सब आ जाएं? राजशेखर जी अभी भी सकुचा रहे थे।

बिल्कुल, ज्यादा मत सोचिए, बस समय से आ जाइएगा। हमें आप सबका इंतजार रहेगा, राजशेखर जी...

Reception में सब पहुंच गए। उन सबको देखकर, खुशी बहुत प्रसन्न हो गई। वो बहुत सुन्दर लग रही थी।

मालती ने जब खुशी को बताया कि, सब लोग नहीं आ पाते, अगर दीपक जी, तुम्हारे पापा को ना कहते कि बिना संकोच के आ जाएं।

खुशी को सुनकर बहुत अच्छा लगा कि उसके ससुर जी बहुत अच्छे हैं।

राजशेखर जी, जाते जाते, खुशी को लंबी list दे गये, और बता गए कि उसे और अनंत को बहुत सारे लोगों ने अलग अलग दिन अपने घर पर खाने के लिए बुलाया है। 

खुशी ने अगले दिन अनंत को वो list दिखाई तो अनंत बोला, पर पापा ने हमारे लिए 1 month का world tour book कर दिया है, जिसके लिए हमें दो दिन में ही निकलना होगा...

दो दिन में ही? 

हाँ, तुम अच्छे से सारी packing कर लेना।

खुशी बहुत पशोपेश में पड़ गई, आज तक उसने अपने पापा का कहा हुआ कभी नहीं टाला था।

पर अपने ससुर जी को मना करने की बात भी उसे उचित नहीं लग रही थी...

आगे पढें, बंटवारा प्रेम का (भाग - 5) में...

Wednesday 28 December 2022

Story of Life: बंटवारा प्रेम का (भाग - 3)

यह एक ऐसी कहानी है, जिससे हर एक लड़की जुड़ी हुई है। 

बंटवारा प्रेम का (भाग - 1)

बंटवारा प्रेम का (भाग - 2) के आगे पढें...

बंटवारा प्रेम का (भाग - 3) 

छोटे भाइयों और बहन को भी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था क्योंकि खुशी अपने छोटे भाइयों और बहन को इतना प्यार करती थी, कि सबकी कमी पूरी हो जाती थी।

खुशी जो उनसे कह देती, उनके लिए पत्थर की लकीर हों जाती।

बड़े आनन्द पूर्वक जिंदगी गुजर रही थी। 

खुशी ने जवानी की दहलीज पर कदम रख दिए थे।

खुशी, ठंड की गुनगुनी धूप सी बेहद खूबसूरत, गर्मी में चलने वाली ठंडी हवा सी शीतल, कान्हा की बांसुरी सी सुरीली थी। जो भी उसे देखता, दीवाना हो जाता। 

जितनी वो खूबसूरत थी, उतनी ही होशियार भी। उसने first attempt में ही PCS clear कर लिया था।

खुशी की उम्र, शादी योग्य हो गई थी, माँ ने कहा, बिटिया अब हम चाहते हैं कि तुम्हारी शादी कर दें। तो तुम बताओ क्या करना है?

खुशी ने कहा, माँ आप जाने क्या करना है, यह कहकर, खुशी ने शादी की बात, अपने मां-पापा के ऊपर छोड़ दी थी।

उसकी शादी के लिए बहुत से रिश्ते आने लगे।

कुछ बड़े officers के, कुछ बड़े bussinessman, कुछ NRI के... 

जिम्मेदारी मां-पापा के ऊपर थी, तो वो भी खूब देख-परख कर रिश्ता तय करना चाह रहे थे।

काफ़ी लड़ाकों को reject करने के बाद, finally उन्हें वो मिल गया, जिसकी उन्हें तलाश थी।

लंबा ऊंचा कद, sharp features, जितनी खुशी खूबसूरत थी, अनंत उतना ही smart. उसने भी first attempt में IAS clear कर लिया था।

यूं कहें कि दोनों, एक दूसरे के पूरक थे, तो कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी...

माँ को सबसे ज्यादा प्रसन्नता तो, इस बात की थी कि दामाद अपने ही शहर का मिल गया था। अब सारी उम्र खुशी उनसे मात्र 30 मिनट की दूरी पर रहेगी। 

बड़ी धूमधाम से खुशी और अनंत की शादी कर दी गई। 

शादी के बाद खुशी, अपने ससुराल चली गई और पीछे छोड़ गई, ऐसा सूनापन, कि मेहमानों से खचाखच भरे घर में भी सबकी निगाहें बस खुशी को ही ढूंढ रही थी।

अगले दिन शाम को reception था। तो सोचा जा रहा था कि किस को ले जाएं और किसको छोड़ दें?

सबमें से कोई भी खुशी से मिलने का मौका नहीं गवाना चाह रहा था, इसलिए ना चाहते हुए भी 50-60 लोग हो गये।

इतने सारे लोगों के साथ, reception में जाना पापा को अच्छा नहीं लग रहा था, क्या कहेंगे, खुशी के ससुराल वाले, सोच सोच कर वो परेशान हो गए।

आखिरकार उन्होंने खुशी के ससुर जी को फोन लगा दिया... 

आगे पढ़े, बंटवारा प्रेम का ( भाग - 4) में

Tuesday 27 December 2022

Story of Life: बंटवारा प्रेम का (भाग - 2)

यह एक ऐसी कहानी है, जिससे हर एक लड़की जुड़ी हुई है। 

बंटवारा प्रेम का (भाग - 1) के आगे...

बंटवारा प्रेम का (भाग - 2)



बच्चे के रूदन की आवाज सुनाई दी तो, सब एक दूसरे को बधाई देने लगे। 

जब नर्स बच्चे को लेकर सबके सामने पहुंची तो, सबको बधाई देते हुए देख कर सकुचाते हुए बोली

बेटी हुई है! 

थोड़ी देर सन्नाटा पसर गया, सब एक दूसरे का मुंह देखने लगे...

फिर थोड़ी देर बाद बच्चे की दादी आगे बढ़ी और मुस्कुराते हुए बोलीं, लक्ष्मी माता आई हैं, हमारे द्वार, सबको करो प्रणाम🙏🏻

बच्चे की नानी भी आगे बढ़ चुकी थीं और प्यार से बोली, मां जगदम्बा स्वयं प्रकट हुई हैं, कहकर उन्होंने बच्ची के चरण स्पर्श कर लिए।

थोड़ी देर में ही फिर से पूरे अस्पताल में बधाइयों का सिलसिला और खुशी की लहर छा गई।

नर्स को भी भरपूर इनाम दिया गया। 

जब अड़ोसी-पड़ोसी लोगों को पता चला कि बेटी हुई है तो वो बोलने लगे, अब मालती के सारे लाड़ खत्म हो जाएंगे... पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।

अभी भी मालती और बच्ची का उतने ही प्यार से ध्यान रखा जा रहा था।

नामकरण संस्कार भी बड़े धूमधाम से मनाया गया और क्योंकि उसके पैदा होने, सब जगह खुशी की लहर छा गई थी, अतः उसका नाम खुशी ही रख दिया।

खुशी अपने ददिहाल ननिहाल दोनों जगह लाडली थी। उस एक के तीन नाम थे, लक्ष्मी, जगदंबा और खुशी...

हां खुशी, सबसे ज्यादा अपने खुशी नाम से खुश थी। 

खुशी के होने के चंद सालों बाद दो जुड़वां भाई हुए। वो लड़के थे और एक साथ दो भी। फिर भी उनके होने से घर में वो खुशहाली ना छाई, जो खुशी के होने से हुई थी।

होती भी कैसे?

 पहला बच्चा, पहला ही होता है, उसके आने से सिर्फ वो नहीं आता है, बल्कि उसके साथ आती है, एक अनूठी खुशी, सबका पहली बार नये रिश्ते में बंधने का अटूट बंधन.. 

पहली बार मां-पापा बनना, पहली बार दादी-नानी, बुआ-चाचा,  मौसी-मामा, बनना... सब ही तो पहली बार बन रहे होते हैं। 

उस सुख का एहसास, यह सोचने ही नहीं देता है कि बच्चा क्या हुआ है, लड़का या लड़की? 

तो बस दो भाई होने के बाद भी, सब जगह खुशी को ही सबसे ज्यादा प्यार मिलता था।

फिर एक छोटी सी बहन‌ भी हो गई, पर सबका नंबर बाद में आता था, क्योंकि लाडली तो हमारी खुशी ही थी। 

छोटे भाइयों और बहन को भी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था क्योंकि खुशी अपने छोटे भाइयों और बहन को इतना प्यार करती थी, कि सबकी कमी पूरी हो जाती थी।

खुशी जो उनसे कह देती, उनके लिए पत्थर की लकीर हों जाती।

आगे पढें, बंटवारा प्रेम का (भाग - 3) में 

Monday 26 December 2022

Story of Life: बंटवारा प्रेम का

आज एक ऐसी कहानी post कर रहे हैं, जिससे हर एक लड़की जुड़ी हुई है। 

बंटवारा प्रेम का 



राजशेखर व मालती अपने भरे-पूरे परिवार के साथ रह रहे थे। शादी के दो साल बीत चुके थे। मालती मां बनने वाली थी।

दोनों परिवारों में रौनक छा गई। बच्चे के आने की जितनी तैयारी उसके दादा-दादी कर रहे थे, उतनी ही नाना-नानी भी।

जब बच्चा अपनी मां के पेट में था, तब से ही राजशेखर को तो मालती के लिए कुछ भी सोचना भी नहीं पड़ता था, क्योंकि  सब उसका बहुत ध्यान रखते थे। दोनों ही घरों से मालती के लिए खूब फल, दूध, मेवा मिठाई, सबकी भरमार थी। 

जब मालती को इतना लाड़ प्यार मिलता था, तो अड़ोसी-पड़ोसी सभी यही कहा करते थे, जरुर से इन लोगों ने पता कर लिया है कि बेटा होने वाला है। तभी सब तिमारदारी में पागल हुए जा रहे हैं।

बाकी इतना भी क्या बांवरा होना कि बहू को सिर पर चढ़ लो, ऐसा भी कौन सा बिरला काम कर रही है। सारी बहुएं ही, अपने सास-ससुर को वारिस देती हैं। 

सास, मालती पर वारी जाती और कहतीं, तुम सब जलनखोर हो। जब बहू, वारिस दे रही हो, तब तो सबसे ज्यादा बहू का ध्यान रखना ही चाहिए।

एक तो इसलिए कि बहू की कोख में हमारे खानदान का भविष्य होता है, दूसरा उस भविष्य को संवारने के लिए मां का स्वस्थ रहना भी जरूरी होता है।

कोई मालती की माँ से कहता, आप क्यों बांवरी हुई जा रही हैं, कौन आपके खानदान का वारिस आ रहा है तो मालती की माँ, गुस्से से आग-बबूला होती हुई कहती कि, जब बेटी मेरी हैं, तो उसका बच्चा पराया कैसे हो गया, भला... 

इन ही सब में नौ महीने कब निकल गए, पता ही नहीं चला और वो दिन आ गया, जिसका सबको बेसब्री से इंतजार था।

दोनों ही परिवार, एक ही शहर में थे, अतः जब मालती अस्पताल में पहुंचीं तो दोनों ही तरफ से सब पहुंचे हुए थे।

सबको पहले से आया देखकर, मालती और राजशेखर प्रसन्न हो गए। 

बच्चे के रूदन की आवाज सुनाई दी तो, सब एक दूसरे को बधाई देने लगे। जब नर्स बच्चे को लेकर सबके सामने पहुंची तो....
 

Sunday 25 December 2022

India's Heritage : तुलसी पूजन दिवस

तुलसी पूजन दिवस 


सदियों से हम 25 December में Christmas festival को celebrate करते आ रहे हैं।

इसके पीछे बहुत बड़ा कारण, अंग्रेजों का हम पर शासन करना और उनके जाने के बाद भी उन का प्रभाव हम पर रहना है।

पर 2014 से भारत में विदधमान बहुत से साधु-संतों ने यह विचार विमर्श किया कि, भारत में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा मिलना चाहिए।

एक ऐसी संस्कृति जो मानवता की प्रतीक है, जो सृजनात्मकता की द्योतक है। एक ऐसी संस्कृति, जहाँ प्रकृति ही सर्वश्रेष्ठ है, परमात्मा है, परमेश्वर है। हमारी संस्कृति जो भारतीयता की प्रतीक है।

अब यह सोचा गया कि इस दिन में ऐसा क्या विशेष किया जाए, जो सर्वसम्मत हों। जिसे अमीर, गरीब हर कोई श्रृद्धा विश्वास से व आसानी से कर सके। 

तब यह विचार किया गया कि, हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि जिन घरों में तुलसी की पूजा नियमित होती है, उस घर में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का वास होता है, उनकी विशेष कृपा बनी रहती है और उस घर में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है। 

अतः तुलसी के पौधे की महत्ता को मान देते हुए यह निर्धारित किया कि 25 December को तुलसी पूजन दिवस के रूप में स्थापित किया जाए। 

आइए जानते हैं तुलसी पूजन पर कैसे करें पूजा और क्या है उसका महत्व? 

तुलसी पूजा का महत्व

हिंदू धर्म में तुलसी पूजा का कितना महत्व है, यह इसी बात से सिद्ध होता है कि कोई भी शुभ कार्य बिना तुलसी पूजा के अधूरा माना जाता है। 

आप सोच रहे होंगे कि, तुलसी पूजा? वो तो हर बार नहीं की जाती है... 

की जाती है...

बताते हैं कैसे...

कोई भी शुभ कार्य में सत्यनारायण कथा अवश्य कराई जाती है... 

सत्यनारायण कथा में किसकी कथा की जाती है? इस सृष्टि के पालनकर्ता,  भगवान विष्णु जी की।

तुलसी भगवान विष्णु को अतिप्रिय हैं,  इसलिए भगवान विष्णु को भोग लगाते समय तुलसी पत्ते का प्रयोग अवश्य किया जाता है। आप छप्पन भोग तैयार करा लीजिए, पर जब तक उसमें तुलसी का पत्ता नहीं होगा, भोग अधूरा होगा।

तो करते हैं ना तुलसी पूजा..

यह कहा जाता है कि जिन घरों में तुलसी का पौधा होता है, वहां कभी भी नकारात्मक ऊर्जा हावी नहीं होती है. 

तुलसी पूजा विधि

तुलसी पूजन दिवस यानी 25 दिसंबर के दिन सुबह स्नान करने के बाद तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें, इसके बाद इन्हें नारंगी सिंदूर लगांए, चुनरी ओढ़ाकर विधि विधान से पूजा करें। 

इस दिन शाम को तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं और तुलसी की माला से जाप करें।  ऐसी मान्यता है कि जो लोग सच्चे मन से तुलसी जी की पूजा करते हैं उनके ऊपर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है और कभी रुपए पैसे की कमी नहीं होती है। 

कोई भी शुभ कार्य किया जाए, तो उसका एक विशेष स्थान भी होता है। अगर आप चाहते हैं कि आप के घर में सकारात्मक ऊर्जा रहे, तो उसके लिए आवश्यक है कि आप तुलसी जी का पौधा सही दिशा में रखें।

तो चलिए सही दिशा भी जान लेते हैं, तुलसा जी के पौधे को रखने की।

इस दिशा में लगाएं तुलसी का पौधा

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के तुलसी का पौधा घर के उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

तुलसी के पौधे की नियमित देखभाल करनी चाहिए। इस बात का विशेष ख्याल रखें की तुलसी का पौधा सूखे नहीं, क्योंकि तुलसी का पौधा सूखना दुर्भाग्य का सूचक है।

पर शीत ऋतु और धूप के अभाव में पौधे के सूखने की प्रक्रिया बढ़ जाती है। आप के घर, शीत ऋतु और धूप के अभाव के कारण यदि तुलसी का पौधा सूख रहा है, और अगर संभव हो सके तो उसे धूप के लिए कुछ दिन किसी दूसरे के निवास स्थान पर पहुंचा दें। जिससे पौधा सूखने से बच जाए।

यदि ऐसा संभव ना हो सके और पौधा सूख जाए, तो विचार ना करें। कभी भी निर्दोष होने पर आप पाप के भागी नहीं बनेंगे। 

तुलसी पूजा के लाभ

यदि आप नौकरी या कारोबार को लेकर परेशान हैं तो तुलसी पूजन के दिन पीले रंग के कपड़े में तुलसी का पौधा बांधकर उसे दुकान या ऑफिस में रख दें। यदि पौधा ना रख सकें तो पीले कपड़े में दो-चार पत्ते भी प्रतिदिन रखने का नियम बना सकते हैं, जिसमें दूसरे दिन पत्तों को बदलते समय, पहले वाले पत्तों को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर लें। ऐसा करने से आपके नौकरी व कारोबार में तरक्की मिलना शुरू हो जाती है। पर ऐसा कुछ तभी करें, जब आप पूर्ण विश्वास के साथ कर सकें। क्योंकि ईश्वर प्राप्ति का सबसे सरल और सटीक उपाय, ईश्वर पर श्रृद्धा और विश्वास रखना ही है। 

चलिए हम सब अपनी भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाएं, तुलसी पूजन दिवस को विश्वव्यापी त्यौहार बनाएं 🙏🏻

जय तुलसी माता 🌿🙏🏻

Thursday 22 December 2022

Article: कोरोना का डर, क्या फिर छाएगा कहर ??l

 करोना का डर, क्या फिर छाएगा कहर ?


आप सबको ही पता होगा कि कोरोना, फिर से दस्तक देने को तैयार खड़ा है। 

क्या कहा?

ऐसी बात ना बोलें

जी नहीं बोलेंगे, बिल्कुल नहीं बोलेंगे...

पर क्या बोलने, नहीं बोलने से कुछ फर्क पड़ता है?

नहीं पड़ता है। क्योंकि फर्क तो इस बात से पड़ता है कि हम करते क्या हैं...

अभी कल ही news देखी, चीन में कोरोना का कहर देखकर दिल दहल गया। 

मौत का ऐसा भंयकर मंजर देखकर, ईश्वर से यही प्रार्थना की कि हे प्रभु,  अब और नहीं। भारत में तो बिल्कुल भी नहीं...

पिछली बार से मिले दुःख से ही मन उबरा नहीं है, ना ही हम अपने जाने वालों के दुःख से कभी उबर सकते हैं।

पर वो मंज़र दोबारा ना देखना पड़े, इसके लिए प्रयास हमें ही करने होंगे।

आपको शायद याद हो, चीन zero percent corona को लेकर चल रहा था। उसने अपने देश में बहुत सारी चीजों पर ban भी लगा रखा था। 

पर ban को लेकर, लोग बहुत उकता गए था, इस कारण ban का बहुत ज्यादा विरोध हो रहा था, सरकार को इसके लिए, मजबूर किया जा रहा था कि इतना ज्यादा ban अब हटा दिया जाए।

चीन में 29 November को सरकार ने 15 cities से ban हटा लिया। नतीजा आप के सामने है। 

इस ban को हटे महीना भर भी नहीं हुआ और चीन पर तांडव नृत्य आरंभ हो चुका है। कोरोना का कहर, वहां पर गांवों तक पहुंच गया है। रोज़ लाखों संक्रमित हो रहे हैं और हजारो मृत्यु की शैय्या पर चले जा रहे हैं।

वहां पर लाशों को दफनाने के लिए, waiting लग रही है। जो medical practitioner हैं, वो over stress के कारण थक कर चूर हो गए हैं, जिससे वो खुद भी बीमार पड़ रहे हैं।

पर ऐसी स्थिति हमारे देश भारत पर ना आए, इसके लिए हमें बहुत सचेत रहना होगा। 

भारत में तो बहुत दिन पहले ही कोरोना से जुड़े सभी ban खत्म हो चुके थे, ना Mask पहना जा रहा था, ना social distancing, ना हफ्ता- दस दिन समानों को quarantine करना, ना ही sanitization, फिर भी ईश्वर की कृपा से भारत में सब ठीक है। 

पर अब अगर, भारत में सुरक्षा के लिए ban लगाया जाए, Mask पहनने के लिए कहा जाए, sanitization, social distancing, quarantine etc. तो उसे खुशी खुशी कर लीजिएगा। सरकार का विरोध करने और धरने देने का कार्य मत कीजिए।

क्योंकि यह सब हम करें कि ना करें, इससे सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, पर उन सब नियमो को मानने से हमें व हमारे परिवार पर फर्क अवश्य पड़ेगा।

इसलिए हम सब ईश्वर से प्रार्थना करेंगे कि हम सब की रक्षा करें, और प्रयास करेंगे, अपने देश को अपने परिवार को सुरक्षित रखने की...

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳 🙏🏻

Wednesday 21 December 2022

Recipe: Restaurant Style Mix Veg

शरद ऋतु के आगमन से आ जाती है खूब सारी रंग-बिरंगी veggies, साथ ही बहुत सारे healthy options भी।

यह भी कह सकते हैं कि, खाने का मज़ा तो ठंड में ही आता है, क्योंकि इसमें dishes की इतनी सारी verities होती है कि मौसम चला जाता है पर कुछ ना कुछ खाने को रह ही जाता है। 

तो आज की recipe भी उन्हीं healthy dishes में से एक है। पर अगर health के साथ taste भी लाजवाब हो तो क्या बात है और फिर वो बनाने में easy भी हो तो चार चांद लग जाते हैं।

आज की recipe देखकर आपको लग सकता है, कि इसमें क्या special है? 

तो हम कहेंगे कि special तो है ही, क्योंकि इसका taste, आपकी रोज बनने वाली mix veg जैसा नहीं है।

इसमें हमने बस कुछ twist and turn किए हैं, जिससे सब्जी ऐसी लाजवाब बनती है कि, आप को restaurant का taste घर में ही आ जाएगा।

चलिए अब बातों का सिलसिला यहीं रोकते हैं और बताते हैं झटपट आप को recipe, जिससे आप इस tasty restaurant style Mix veg को बनाए और स्वाद और स्वास्थ्य की दुनिया का आनन्द लें।

Restaurant  Style Mix Veg  

Ingredients 

Paneer - 100 gm

Cauliflower - 150 gm

Carrot - 100 gm

Pea pods - 100 gm 

French beans - 50 gm. 

Capsicum - 1 Big

Onion - 2 Big 

Tomato - 2 Big 

Garlic cloves - 6 to 8 

Ginger - ½ inch 

Chilli powder - ½tsp.

Turmaric powder  - ½tsp.

Kashmiri mirch powder - ½tsp.

Salt - according to the taste 

Coriander powder - ½tsp. 

Garam masala - ½ tsp.

Kasuri methi - ½ 

Cashew nuts - 6 to 8 

Oil - 2 tbsp.

Coriander leaves for garnishing 


Method  

  1. काजू को पानी में भिगो दें। 
  2. मटर के दानों को blanched कर लीजिए।
  3. गाजर को peal कर लीजिए। 
  4. गाजर, बीन्स‌ को ½ inch के टुकड़े काट लीजिए।
  5. शिमला मिर्च और पनीर के thick blocks cut कर लीजिए।
  6. गोभी के भी medium size के फूल काट लीजिए। 
  7. प्याज़, लहसुन, अदरख, टमाटर को thickly chop कर लीजिए।
  8. Wok में oil डालकर अच्छे से गर्म कर लीजिए।
  9. इसमें गोभी के फूल डालकर हल्का सुनहरा होने तक भून लें।
  10. बचे हुए Oil में, प्याज, अदरक-लहसुन डालकर भूनें।
  11. अब इसमें कटे हुए टमाटर डालकर अच्छे से भून लें।
  12. अब इस भूनें मसाले में से आधा मसाला निकाल लीजिए।
  13. बाकी मसाले में, नमक, मिर्च, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, गर्म मसाला, कसूरी मेथी डालकर भून लें।
  14. अब गोभी, गाजर, मटर, बीन्स को डालकर अच्छे से mix कर लीजिए।
  15. फिर इसे ढककर पकाएं।
  16. जब सब्जी गल जाए तो, इसमें capsicum डालकर, half done होने तक पकाएं।
  17. जो आधा मसाला निकाला था, उसे और काजू को, Mixer grinder jar में डालकर paste बना लीजिए।
  18. इस paste को सब्जी में डालकर भून लीजिए।
  19. अब इसमें पनीर blocks भी डाल दीजिए। और हल्के हाथों से उसे mix कर दीजिए।  
  20. Finely chopped coriander leaves से इसे garnish कर लीजिए।

Yummy tasty Restaurant style Mix veg is ready to serve.

You can serve it with, Naan, prathana, chapati, or rice. 

यह parties के लिए बनी किसी भी gravy prepration के साथ अच्छा combination बनाती है, gravy prepration, Paneer की हो, मशरुम की हो, दाल मखानी हो, सोया चाप, आदि...  सबके साथ ही बढ़िया लगती है।

जितनी अच्छी यह party preparation के साथ लगती है, उतनी ही घर की बनी preparation के साथ भी लगती है। 

कुछ tips and tricks भी हैं, उसे भी देख लेते हैं..

Tips and tricks

  • अगर आप इसे और rich बनाना चाहते हैं तो इसमें fresh cream भी डालकर mix कर सकते हैं। इससे इसका taste और enhance हो जाएगा। 
  • वैसे तो यह सब्जी थोड़ा bland taste की ही बनती है। पर अगर आप को spicy बनानी है तो आप मसाला भूनते समय slit green chillies डाल सकते हैं।
  • बाकी मसाले भी अपने taste के according घटा बढ़ा भी सकते हैं।
  • इसमें मसाले के साथ ½ tsp. Sugar  और crossley cut dry fruits भी डाल सकते हैं, इसका बहुत slightly sweet taste भी अच्छा लगता है।
  • अब यह आपके ऊपर है कि, bland, sweet or spicy कौन सा taste आप को पसंद है। 
  • सब्जियाँ बहुत ज्यादा नहीं गलानी है, उसका crunchy bit रखना है। तभी  proper texture and taste आएगा। 
  • आप veggies अपने taste के according changeभी कर सकते हैं।

 

तो चलिए एक बार इस method से बनाकर देखिए, सब घर में उंगली चाटेंगे और आप की तारीफ भी करेंगे।

तो बना रहे हैं ना tasty and healthy Restaurant style Mix veg...

Tuesday 20 December 2022

Article : Cyber ठगों की सेंध, Mobile है केंद्र

आज कल जितनी तेजी से धन कमाने के avenues बढ़ रहे हैं, उतनी तेजी से ही ठग, आपकी गाढ़ी कमाई उड़ाने में भी माहिर होते जा रहे हैं। 

यह ठग इतने शातिर हैं कि इस काम को करने में वो हमारी ही help लेते हैं। कभी फ़ायदा उठाते हैं, हमारी अनभिज्ञता(unaware) का, तो कभी हमारे alert ना होने का, कभी हमारी requirements का, तो कभी हमारी आकांक्षाओं आदि का ...

साथ ही उनकी राह आसान बनाता है, हमारा अपना mobile...

आप पूछेंगे कि कैसे? 

आज कल हम सब का सबसे बड़ा राज़ दार बन गया है, हमारा mobile...

Bank account, mobile में... 

सारे OTP, mobile में...

सारे transaction, mobile से..

Meeting, mobile से.. 

Entertainment, mobile से.. 

Facebook, WhatsApp, instagram, सब mobile पर...

सारी information, mobile से..

Shopping, mobile से, 

Web surfing, mobile से..

Mobile के बिना हमारा जीना ही संभव नहीं रह गया है, दूसरे शब्दों में कहें तो Overall हम लोग, mobile पर ही dependent हैं। और हमारी cyber hacking related knowledge, almost zero...

बस यही कारण है कि mobile हमारी जितनी important and basic need है, cyber hackers के लिए उतना ही सशक्त हथियार है... 

आज के अपने इस article, cyber ठगों की सेंध, mobile है केंद्र, में हम आपके लिए, कुछ cyber hacking से related information and solution, share कर रहे हैं।

यह बहुत useful article हैं, आप इसका link सभी अपनों के साथ share करें.. 

Cyber ठगों की सेंध, Mobile है केंद्र  



1. Jobs offers & Money prizes

अगर आप के mobile पर हजारों रूपयों की job join  करने से related बहुत ज्यादा msg आ रहे हो...

या, बहुत सारा रुपए जल्दी, कमाने के offer आ रहे हों...

तो समझ लीजिए, इसकी जांच किए बिना, इस तरह के lucrative offers में ना फंसे, यह cyber hackers का  जाल हो सकता है। 

बड़ी बड़ी companies का नाम डाल कर, वो इस तरह का जाल बिछाते हैं। 

इस तरह के offers बड़ी बड़ी companies, लोगों के WhatsApp, etc में नहीं डालते हैं।

ऐसे msgs में किसी link को click करने को कहा जाए, तो बिल्कुल मत कीजिए या OTP मांगा जाए तो बिल्कुल भी मत दीजिए। 

Link वही click कीजिए, जिनके link आपको पता हो कि वो genuine है।

तो हम यही कहेंगे कि बहुत सोच-समझकर, समझ-बूझ कर ऐसे निर्णय लें, अपनी परिस्थितियोंवश या बड़ी-बड़ी आकांक्षाओं से फलीभूत होकर नहीं।

2. Unknown friendship offers

किसी unknown beautiful girl or handsome boy का आप से  friendship बढ़ना, बहुत सुन्दर DP वाले WhatsApp number का आपके mobile में आना, आप से video call की request करना... 

 अगर आप के पास भी ऐसे msgs आ रहे हैं तो सचेत रहें, यह cyber hackers के बिछाए जाल हैं। इस तरह से वो आपकी फोटो, video का misuse करेंगे। आपको blackmail करके फिरौती मांगी जाएगी।

Hackers के ऐसे msg भेजने का एक कारण आपके mobile number से आपके bank account को target करने का भी हो सकता है। 

3. Fake calls for OTP

कभी भी कोई unknown call, पर OTP मांगा जाए, तो बिल्कुल मत बताएं। 

Unknown call पर OTP देने का मतलब है कि आप का अपने bank account की direct access दे देना। 

4. Unwanted Delivery cancellation

कभी कभी आप से ऐसे सामानों की cash on delivery के लिए कहा जाएगा, जो आप ने मंगाया ही नहीं होगा। आप लेने से इंकार करेंगे तो, उसे cancel कराने के लिए call करने को कहा जाएगा, फिर cancellation के नाम पर आप से OTP मांगा जाता है और OTP बताने के चंद मिनटों बाद ही आपका account vanish कर दिया जाएगा। 

ऐसे किसी भी सामान को जिसे आप ने order नहीं किया है, उसे cancel करने की requirement नहीं है और किसी भी हालत में OTP नहीं बताना है।

5. Unknown Missed calls

आज कल एक और नया तरीका निकाला है hackers ने, जिसमें आप के पास unknown missed call आती जाएगी, अगर आप ने कभी call उठा ली, तो दूसरी तरफ से कोई आवाज़ नहीं आएगी। और यह call तब तक आएगी, जब तक तंग आकर आप mobile switch off ना कर दें।

बस जैसे ही आप mobile switch off करेंगे, hackers, आपके SIM का clone बना लेंगे। और फिर चंद मिनटों से घंटों में आपका account साफ।

ऐसा कुछ होने पर alert हो जाइए, अपना  mobile switch off ना करें,  बल्कि इस number की complain, cyber cell में करें।

इस तरह की कुछ और बातें हैं, जिनका ध्यान रखने से cyber fraud से बच सकते हैं, वो हैं...

6. किसी भी तरह के doubtful transactions होने पर bank में जरुर call करें। 

7. Mobile number and email पर bank alerts active रखें।

8. Banking password and pincode बदलते रहें।

9. अंजान job offers पर भरोसा ना करें। Job offer करने वाले link पर click ना करें।

10. अंजान और उन links पर click ना करें, जिस पर आपको भरोसा ना हो।

11. KYC के नाम पर अपनी details share ना करें।

12. Unknown number की video call, recive ना करें।

13. Antivirus जरुर से install करें।

14. Last but not the least, अगर आप के साथ fraud हो जाए तो panic ना करें, बल्कि जल्दी से जल्दी अपनी complain cyber cell में करें। हो सके तो Evidence भी collect कर लें।

चलिए आप को यह भी बता देते हैं कि 2021 तक, इन cyber fraud से कितने लोग  शिकार हो चुके हैं

Mobile call से - 840

UPI  के जरिए - 490

Debit and credit, SIM से - 225

E-wallet से - 185  

Fake profile बनाकर -  279

इन hackers से बचने का यही एक तरीका है, सावधान रहें, सतर्क रहें, आप की सुरक्षा आप के हाथ।

Be alert, be aware and be happy

Friday 16 December 2022

Story of Life : गरीब की बेटी (भाग-5)

गरीब की बेटी ( भाग - 1),

गरीब की बेटी (भाग -2 ) ,

गरीब की बेटी ( भाग - 3) व 

गरीब की बेटी (भाग -4) के आगे... 

गरीब की बेटी (भाग-5) 


इसलिए तंग आकर, एक दिन अंजली के पापा, घर छोड़कर चले गए। 

अंजली की मम्मी ने सब जगह उनकी बहुत खोज कराई, पर वो नहीं मिले। 

अंजली की मम्मी, एक घर में काम करती थी, उसने दो काम और पकड़ लिए।

ईश्वर की कृपा से दोनों ही घरों की मालकिन बहुत अच्छी थी। दोनों ही रुपए-पैसे, अनाज सब्जी से उसकी मदद करने लगी।

अंजली का घर, फिर से सुचारू रूप से चलने लगा।

लेकिन जैसे जैसे अंजली की मम्मी के pregnancy के दिन बढ़ते जा रहे थे, उनके लिए काम करना मुश्किल होता जा रहा था।

साथ ही अंजली के ऊपर काम का बोझ भी बढ़ता जा रहा था...

अब तक घर सम्हालने वाली अंजली, मम्मी के साथ दूसरों के घर काम भी करने आने लगी।

अंततः मम्मी घर में रहने लगी थी और अंजली, खुशी-खुशी, अकेली, घर बाहर दोनों जगह के काम निपटा रही थी।

उसका भाई कन्हैया भी अब दस साल का हो चुका था, पर वो घर भर की नज़र में छोटा ही था। वो ना घर का कोई काम करता था, ना बाहर का। 

घर बाहर के काम करते हुए अंजली के नाज़ुक कंधे थकने लगे थे। पर जब वो मात्र 6 साल की थी, तब भी जिम्मेदारी सम्हालने के लिए बड़ी थी और आज जब, उसके पापा ने घर छोड़ दिया था, उसकी मम्मी गर्भवती थी, तब तो उससे यह उम्मीद की जा रही थी कि वो अपने मम्मी-पापा दोनों के फ़र्ज़ को पूरा करें।

क्योंकि वो एक लड़की थी, एक गरीब घर की बेटी। जिसे हर हाल में जिम्मेदारियों को पूरा करना था।

जिसने अपना पूरा बचपन इसी इंतजार में निकाल दिया कि अब वो समय आएगा, जब मैं अपने सपने पूरे करुंगी, पढ़ाई-लिखाई करुंगी, सिलाई सीखूंगी, मम्मी और अपने लिए मन चाहे कपड़े बनाऊंगी।

घंटों अपनी दोस्तों के साथ खेलूंगी, गप्पे लड़ाऊंगी, जी भर कर हंसी ठिठोली करुंगी। अपने मन का पहनूंगी, खाऊंगी।

पर जो दिन, उसके अकेले बच्चे होने के सुनहरे दिन थे, वो फिर लौट कर नहीं आए। 

जैसे जैसे, उसकी मम्मी के बच्चे होते गए, उसकी जिम्मेदारी बढ़ती गई और टूटती गई उसकी आकांक्षाएं, सपने, उम्मीद।

पर वो गरीब की बेटी, खुशी खुशी जूझती रही हालातों से।कब वो प्यारी सी, मासूम सी, चुलबुली लड़की, जो दिन भर हंसती खिलखिलाती, मस्ती करती रहती थी। जिम्मेदारियों के तले दब गई, वो भी नहीं समझ पाई...

आज उसके साथ उसके तीनों भाई भी जवान हो चुके थे, और मम्मी बूढ़ी...

लेकिन आज भी पूरे घर के खर्चों की जिम्मेदारी उसकी ही थी।

क्योंकि उसके भाइयों को खेलने से फुर्सत नहीं थी। वो उसकी मम्मी की नज़र में इतने बड़े कभी नहीं हुए थे कि घर की सारी जिम्मेदारी निभाएं...

और अब जब वो माँ बनेगी, अगर उसके भी बेटी हुई तो, जन्म होगा, एक और अंजली का, फिर कुर्बान होंगे सपने, एक गरीब की बेटी के...

क्योंकि अंजली ने यही तो सीखा था कि गरीब की बेटी, सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए नहीं बल्कि जिम्मेदारियों को ढोने के लिए ही पैदा होती है 

अगर आप के घर पर भी ऐसी ही कोई लड़की, काम करने आती है, जिसका शौक पढ़ाई करने का है तो उसको पढ़ने में सहयोग जरुर करें, जिससे किसी भी बेटी के सपने ना टूटे, फिर चाहे वो गरीब की बेटी ही क्यों ना हो...

Thursday 15 December 2022

Shades of Life: गरीब की बेटी (भाग -4)

 गरीब की बेटी ( भाग - 1),

गरीब की बेटी (भाग -2 )  व

गरीब की बेटी ( भाग - 3)  के आगे... 

गरीब की बेटी (भाग-4) 

दूसरा बच्चा भी लड़का ही हुआ, सभी बहुत खुश थे और अंजली खुशी से नाच रही थी, उसने बहुत प्यार से उसका नाम राजा रखा... 

कुछ दिन बाद से मम्मी, फिर से काम पर जाने लगे, कन्हैया स्कूल और अंजली...

अंजली, अपने दूसरे भाई और घर के कामों में जतन से लग गई। 

अभी राजा को हुए 2 साल भी नहीं हुए थे कि पूरे विश्व में कोरोना का कहर छा गया।

अंजली के मम्मी-पापा दोनों का काम छूट गया। उनके ज्यादातर पड़ोसी गांव चले गए, बहुत सोच विचार के बाद अंजली का परिवार भी गांव चला गया।

तीन-तीन बच्चों की जिम्मेदारी और घर के खर्चों के चलते, उनकी जमा-पूंजी खत्म होने लगी।

हालात से परेशान होकर, अंजली के पापा ने शराब पीना शुरू कर दिया।

अब तो हालात, बद से बद्तर होने लगे।

कोरोना से थोड़ी राहत मिली, तो सब पुनः काम की तलाश में शहर वापस आने लगे। 

अंजली और उसका परिवार भी लौट आया। पर जब समय ख़राब चल रहा हो तो अपना साया भी साथ छोड़ने लगता है।

मकान मालिक ने कहा, तुम कमरे में तब रह सकोगे, जब अभी के किराया देने के साथ ही पिछला भी दोगे। 

अंजली के पापा बोले कि पिछले 1 साल से तो हम गांव में रह रहे थे, फिर किराया किस बात का?

मकान मालिक, गुस्से से चिल्लाया, हमें ज़्यादा कानून ना बताओ, 1 साल से अपने सड़े हुए समानों से हमारा कमरा घेरकर बैठे हो, और बोलते हो किराया किस बात का?

अगर नहीं दोगे तो तुम्हारा सारा सामान बेचकर पैसा वसूल लूंगा, तुम दूसरा घर देखो... 

यह सुनकर अंजली के मम्मी-पापा बहुत गिड़गिड़ाने लगे कि घर खोल दो, हम धीरे-धीरे सारा पैसा चुका देंगे।

मकान मालिक ने कहा, ज्यादा किराया, पहले महीने से ही देना होगा। दोनों ने हामी भर दी...

अभी घर खुले महीना भर भी नहीं हुआ था कि उसकी मां को पता चला कि वो फिर से गर्भवती हैं।

जब यह बात,अंजली के पापा को पता चली, तो वो बोले, अब हम लोग और बच्चों की जिम्मेदारी नहीं उठा पाएंगे, इसे हटा देंगे। 

पर खाने के अभाव के कारण शरीर कमजोर था, इसलिए कोई भी बच्चा हटाने को तैयार नहीं हुआ। 

जिम्मेदारी इतनी सारी, और काम ढंग से मिल नहीं रहा था, पैसे का अभाव दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा था।

इसलिए तंग आकर, एक दिन अंजली के पापा, घर छोड़कर चले गए।

अंजली और उसकी मां ने सब जगह उनकी बहुत खोज कराई, पर वो नहीं मिले।

आगे पढ़े गरीब की बेटी (भाग -5) अंतिम भाग में...

Wednesday 14 December 2022

Shades of Life: गरीब की बेटी (भाग -3)

गरीब की बेटी ( भाग - 1) और

गरीब की बेटी (भाग -2 ) के आगे... 

गरीब की बेटी (भाग -3)


अंजली ने सुना तो बोली, मेरी मां बहुत अच्छी है, मुझे जल्दी स्कूल भेजेगी और सिलाई सिखाने के लिए तो यूं झट तैयार हो जाएगी... 

रेखा सुनकर खुश हो गई, बोली अच्छी बात है, चार दिन बाद से सिलाई सीखने जाना है, 300 रुपए लेगी टीचर, तुम पैसे के साथ मेरे घर आ जाना, मां हम लोगों को लेकर चले चलेगी।

दोपहर के खाने के बाद, अंजली ने अपनी मम्मी से कहा, आज रेखा आई थी, उसका भी स्कूल छूट गया है और वो सिलाई सीखने जाएगी, मुझे भी भेज दोगी? 300 रुपए लेगी टीचर, हफ्ते में चार दिन क्लास लगेगी...

अच्छा, तेरे पापा आ जाएं तो बात करुंगी...

रात में अंजली के सोने के बाद दोनों पति-पत्नी ने बात की और इस निष्कर्ष पर निकले कि पढ़ाने-लिखाने से तो कुछ होना नहीं है, कौन बड़ी आफिसर बन जाएगी।

सिलाई सीख लेगी तो चार पैसे कमा लेगी। वैसे भी सिलाई सिखाने के पैसे, स्कूल की फीस से कम थे।

दूसरे दिन अंजली की मम्मी, अंजली को साथ लेकर, रेखा के घर पैसे लेकर पहुंच गई।

अंजली, रेखा से चहकते हुए बोली, मैं बोली थी ना, मम्मी मुझे सिलाई सिखाने को झट तैयार हो जाएगी। लो, हम आ गए..

वहां से सभी, सिलाई की क्लास में चले गए। वहां पैसे जमा कर दिए और अंजली ने सिलाई सीखना शुरू कर दिया। 

अंजली बहुत खुश थी, उसे अपने मम्मी-पापा दुनिया के सबसे अच्छे मम्मी-पापा लग रहे थे। वो स्कूल नहीं जा पा रही थी, पर अब उसे इसका कोई अफसोस नहीं था। 

अंजली होशियार थी, लगन की पक्की थी, उसने जल्द ही काज बनाना, उल्टी बखिया, छोटी-मोटी सिलाई और पेटीकोट बनाना सीख लिया। 

उसकी टीचर बोली, मैं तुम्हें अगले हफ्ते से सलवार सूट बनना सिखाऊंगी। ऐसा करना, तुम अब से शनिवार और रविवार की सुबह भी आ जाया करना... 

अंजली अत्यंत प्रसन्न थी, अब मैं अपने और मम्मी के लिए कपड़े घर में ही बना दिया करुंगी। 

यह बात, जब उसने अपनी मम्मी को बताई, तो वो शांत थी, उसने कोई खुशी नहीं दिखाई।

अंजली को समझ नहीं आया कि क्या हुआ? वो आशा भरी निगाहों से अपनी मां को देख रही थी।

तो उसके पापा ने अंजली को बताया कि कुछ दिनों में तेरा एक और भाई आने वाला है...

भाई की बात सुनकर, अंजली खुश हो गई, सच पापा, एक और भाई आएगा?

हाँ अंजली...

और सुन, अब तेरी मम्मी से काम नहीं हो रहा है, इसलिए तेरी सिलाई की पढ़ाई बंद करनी पड़ेगी... 

बंद...!

हाँ, वैसे भी तेरी टीचर अब 500 रुपए मांग रही है... उतने रुपए कहां हैं, हमारे पास? माँ दुःखी होते हुए बोली। वैसे ही कन्हैया की पढ़ाई के पैसे मुश्किल से जुटते हैं।

अब, तू ही बता कैसे होगा सब?

मम्मी को दुखी देखकर, अंजली बोली, ठीक है मम्मी, मैं छोड़ दूंगी सिलाई, तुम चिंता मत करो... तुम आराम करना, मैं घर के सारे काम कर लूंगी...

अंजली खुशी-खुशी मम्मी की तीमारदारी और घर के कामकाज में जुट गई...

दूसरा बच्चा भी लड़का ही हुआ, सभी बहुत खुश थे और अंजली खुशी से नाच रही थी, अंजली ने बड़े प्यार से उसका नाम राजा रखा... 

अभी राजा को हुए, 2 साल भी नहीं बीता था कि पूरे विश्व में कोरोना की लहर छा गई....

आगे पढें गरीब की बेटी (भाग -4) में ....

Tuesday 13 December 2022

Story of Life : गरीब की बेटी (भाग-2)

गरीब की बेटी ( भाग - 1) के आगे...


 गरीब की बेटी (भाग-2)



अंजली खुशी में बांवरी हुई जा रही थी, सबसे कहती, देखा, मैं ना कहती थी कि भाई आएगा... 

पर वो नहीं जानती थी, जिस बात के लिए, वो इतनी खुश हैं, वो असलियत में उसके लिए खुशी के दिन नहीं थे.... 

पूरे घर में खुशी का माहौल था। दादी बहुत सारा सामान लेकर गांव से आईं थीं। अंजली ने बड़े प्यार से अपने भाई का नाम कन्हैया रखा। 

अंजली आज कल स्कूल नहीं जा रही थी, उसका पूरा दिन, कन्हैया के साथ खेलते हुए बीत जाता...

कुछ दिन घर में दादी रही, फिर जब उसकी मम्मी बिस्तर से उठ गई तो दादी गांव लौट गईं। 

जब सब लोग चले गए तो अंजली को अपने स्कूल की सुध जागी। वो अपनी मम्मी से पूछने लगी, मैं फिर से स्कूल कब जाऊंगी? 

मम्मी ने, बड़े प्यार से अंजली से बोला बिटिया, तेरे पापा और मैं तो अब काम पर जाएंगे, तभी पैसे और खाना ला पाएंगे।

अगर तुम भी चली जाओगी, तो कन्हैया अकेला रह जाएगा, वो छोटा सा है ना... तुम उसे अकेला छोड़ दोगी, घर में?

अंजली ने बड़े प्यार से कहा, नहीं... पर फिर दुःखी होकर बोली, लेकिन स्कूल?...

मेरी रानी बिटिया, जब कन्हैया बड़ा हो जाए, तो तुम और कन्हैया दोनों स्कूल चले जाना... ले जाएगी ना अपने भाई को स्कूल?...

हां, बिल्कुल मैं और कन्हैया दोनों जाएंगे... कहकर उसके नन्हें हाथों ने कन्हैया को उठा कर बहुत प्यार से मम्मी को बॉय बोल दिया।

मम्मी और पापा दोनों काम पर जाने लगे और छोटी सी अंजली, ने कन्हैया की सारी जिम्मेदारी बड़े जतन से निभानी शुरू कर दी, इस इंतजार में की, कि कन्हैया जल्दी बड़ा हो जाएगा और वो दोनों स्कूल जाएंगे। 

चार साल, कन्हैया के बड़े होने में गुज़र गए, पापा ने कन्हैया का स्कूल में दाखिला (admission) करा दिया। वो स्कूल जाने लगा।

अंजली ने पूछा, मम्मी अब तो कन्हैया बड़ा हो गया, स्कूल भी जाने लगा है, मैं कब जाऊंगी?...

बिटिया थोड़े पैसे जमा हो जाए, फिर तू चली जाना, 

यह सुनकर, अंजली गुमसुम हो गई...

फिर मां बोली, अच्छा सुन मेरी समझदार बिटिया, कुछ घर के काम में मेरी मदद कर दिया कर.... मैं बहुत थक जाती हूं। घर बाहर सारे काम करते करते... 

अंजली ने बड़े मन से हामी भर दी, वो अब घर के काम में माँ का हाथ बंटाने लगी।

दो दिन बाद अंजली की पक्की सहेली, रेखा उसके पास आई। और बोली, अंजली पता है मेरा भी स्कूल छूट गया, पर मेरी मां, मुझे सिलाई सिखाने की बात बोल रही है। तू भी बात कर लें, तो दोनों साथ चली जाया करेंगी...

अंजली ने सुना तो बोली, मेरी मां बहुत अच्छी है, मुझे जल्दी स्कूल भेजेगी और सिलाई सिखाने के लिए तो यूं झट तैयार हो जाएगी...

आगे पढ़ें, गरीब की बेटी ( भाग - 3) में...

Monday 12 December 2022

Story of Life: गरीब की बेटी

 गरीब की बेटी  



अंजली, छोटी सी, प्यारी सी,  मासूम सी, चुलबुली लड़की थी, जो दिन भर हंसती खिलखिलाती, मस्ती करती रहती थी।

अपने मम्मी पापा की लाडली थी। दोनों ही उसे बहुत प्यार करते थे। उसकी मम्मी दूसरों के घर काम करती और पापा, एक बारात घर (marriage hall) में काम करते और वो स्कूल जाती। 

क्योंकि उसके पापा, बारात घर में काम करते थे, इसलिए दावत (parties) से बचा हुआ खाना वो घर ले आया करते थे, तो खाने-पीने की कोई कमी नहीं थी, बल्कि जब बारात घर में दावत होती थी तब तो, बहुत बढ़िया खाना भी खाने को मिलता था। बड़े सुख के दिन गुजर रहे थे।

उसे पढ़ने का बहुत शौक था, इसलिए वो बहुत मन लगाकर पढ़ती थी। 

पर क्योंकि वो लड़की थी, इसलिए उसके ददिहाल, ननिहाल, अड़ोसी -पड़ोसी  सभी कहते कि परिवार तब पूरा होता, जब लड़का हो, वही खानदान का नाम बढ़ाता है।

इन सबके चलते हुए, उसके मम्मी पापा ने एक बच्चा करने का मन बना लिया। 

कुछ दिन बाद ही उसकी मम्मी की गोद भर गई। जब अंजली को पता चला कि वो दीदी बनने वाली है तो वो ख़ुशी से झूमने लगी। तब वो मात्र 6 साल की थी...

उसने अपनी एक एक दोस्त को चिल्ला चिल्ला कर बता दिया कि वो अब कोई बच्ची नहीं है, बड़ी हो गई है। 

वो अब दीदी बनने वाली है। बहुत जल्दी उसकी मां उसके लिए एक छोटा सा भाई लाने वाली है।

वो उसके राखी बंधेगी, उसके संग खेलेगी, खाना खाएगी और दोनों लोग एक साथ सोएंगे...

उसकी मासूम बातें सुनकर, लोग कहते, तुझे कैसे पता कि भाई ही होगा।

वो पूरे विश्वास से बोलती, मुझे पता है... 

देखना, जब वो होगा, सब को पता चल जाएगा कि मैं सब सही बोलती हूँ। 

उसकी इस बात पर लोग हंस देते और कहते, अंजली, और अंजली की बातें...

दिन गुजरते गए और वो दिन भी आ गया है, जब उसकी मां के बेटा पैदा हो गया। 

अंजली खुशी में बांवरी हुई जा रही थी, सबसे कहती, देखा, मैं ना कहती थी कि भाई आएगा... 

पर वो नहीं जानती थी, जिस बात के लिए, वो इतनी खुश हैं, वो असलियत में उसके लिए खुशी के दिन नहीं थे....

पढ़ें आगे गरीब की बेटी (भाग -2 ) में....

Friday 9 December 2022

Recipe : For perfect and easy Makke ki roti

सर्दियों के दिन शुरू हो गये हैं, साथ ही दिन शुरू हो गये हैं पकवानों के। बहुत सारे साग के...

साग की बात चली है तो, मक्के की रोटी और सरसों के साग का नाम तो सबसे पहले आएगा।

आप कहेंगे कि उसकी recipe तो हम बता चुके हैं तो फिर क्यों?

Actually बहुत सारे viewers ने request भेजी थी कि आप ने जो सरसों का साग बताया था, वो तो बहुत अच्छा बन‌ जाता है, पर रोटी बनाने में बहुत मेहनत है, फिर भी अच्छी नहीं बनती है। 

जिसके कारण फिर हम सरसों का साग और मक्के की रोटी का मज़ा नहीं ले पाते हैं।

हमने कहा, कोई बात नहीं जी...

जब आप shades of Life से जुड़े हैं तो, फिर आप की हर problem हम solve करने की कोशिश करेंगे।

आज आप के लिए, एक बार फिर से मक्के की रोटी का बहुत easy and perfect method share कर रहे हैं।


For perfect and easy Makke ki roti


 Ingredients

Makke ka aata - 2 Cup

Water - 1½ Cup. 

Ghee - 1 tbsp.


Method

  1. एक pan में पानी गर्म होने रख दीजिए, जब पानी खौल जाए तो, gas flame slow कर दीजिए।
  2. पानी में मक्के का आटा और घी डालकर अच्छे से mix कर दीजिए।1 minute बाद,  flame off कर दीजिए। 
  3. आटे को lid से ढककर 5 minutes के लिए रख दीजिए।
  4. जब आटा इतना ठंडा हो जाए कि आप हाथ से rub कर सकें।
  5. तब आटे को हथेली की सहायता से rub करते हुए, अच्छे से kneading कर लें। 
  6. Rubbing and kneading करने से आटा बहुत ही soft and smooth हो जाएगा। 
  7. अब इस आटे से, वैसे ही पतली और मुलायम रोटी बना लीजिए, जैसे गेहूं की बनाते हैं।
  8. एकदम गेहूं के आटे जैसी पतली, मुलायम और कम मेहनत में ही मक्के के आटे की रोटी तैयार हो जाएगी।
  9. ना टूटेगी, ना चिपकेगी, ना बनाने में झंझट, वो भी इसमें बिना गेहूं का आटा mix किए हुए।

तो आज ही बनाएं और ठंडी ठंडी रातों का लुत्फ, मक्के की रोटी और सरसों के साग के साथ उठाएं। 

अब कुछ tips and tricks भी हो जाए...

Tips and Tricks 

  • Boiling water and मक्के के आटे का ratio 1½:2 ही रखें।
  • आटे को mix करने के साथ, 1 minute बाद gas off कर दीजिए।
  • आटे की जितना ज्यादा rubbing and kneading करेंगे, आटे में उतना ही अच्छा लोच आएगा और रोटी उतनी ही soft बनेगी। 
  • 1 tbsp घी जरुर से डालिए। घी डालने आटे में बहुत अच्छी smoothness आती है। इसके चलते ही रोटी बनाते समय ना वो चिपकती है, ना टूटती है। 
  • मक्के के आटे में भी लोच आ सकता है? बिल्कुल आ सकता है, क बार try करके जरूर देखें। 
  • इस method से बनाएंगे तो , मक्के के आटे की रोटी भी super soft और बहुत पतली बन जाएगी। 
  • तो सोचना क्या है, एक बार ऐसे बनाएं जरुर।

इतनी अच्छी रोटी बनेगी कि बच्चों से लेकर लेकर बड़े तक सब, आप से इसे बार-बार मांगेंगे और आप को इसे बनाने में भी बहुत अच्छा लगेगा😊

और हां अपना experience, comment box में जरुर डालें, जिससे हम आपको आगे भी ऐसी recipes share कर सकें। 

जिस किसी को सरसों के साग और मक्के की रोटी की पहले वाली recipe देखनी हो, for perfect साग... वो यहां, click करें 👇🏻

Sarson ka saag aur makke ki roti 


Note : आप इसी method से बाजरे की रोटी भी बना सकते हैं।

हमारा यकीन मानिए कि इस तरह से बनाई गई रोटी का experience आपको अलग ही दुनिया में ले जाएगा। 

लोगों की धारणा से एकदम अलग कि, मोटे अनाज की रोटी भी बहुत soft बन सकती है😊

Thursday 8 December 2022

Article: Signs that you might be over-exercising

Signs that you might be over-exercising  


आज कल gym जाना, लोगों में status symbol बन गया है, साथ ही slim trim रहने का जुनून भी...

जिसके कारण, पहले जहां youngster में gym के लिए बहुत craze रहता था, वहीं आजकल तो हर दूसरा व्यक्ति, gym जा रहा है, चाहे किसी की कोई भी age हो।

 पर आज कल gym जाने वाले लोगों में heart attack के incidents बहुत तेजी से समाने आ रहे हैं।

अभी हाल ही में राजू श्रीवास्तव, सिद्धार्थ शुक्ला, पुनीत राजकुमार, सिद्धार्थ सूर्यवंशी जैसे celebs की gym में heart attack से death हुई है...

ऐसी news को देखते हुए, लोगों में exercise को लेकर डर बैठने लगा है, तो हमने सोचा आज इसी विषय पर article share किया जाए।

क्या सच में Exercise बन सकती है Heart Attack की वजह? 

जी, बिल्कुल बन सकती है... बल्कि हम तो कहेंगे कि limit से ज्यादा कुछ भी हो, तो वह dangerous हो सकता है...

जहां excercise आपको fit करने, toning करने में, immunity बढ़ाने में सहायक है, वहीं गलत या over exercising, paralysis or death का reason भी बन सकती है। 

आइए जानते हैं कुछ ऐसे factors, जिनसे आप समझ सकेंगे कि अब आप को excercise नहीं करनी है या चंद दिनों के लिए बंद कर देनी चाहिए, साथ ही doctor से consult करना चाहिए। 

पर इस topic पर आगे बढ़ने से पहले हम आपसे एक बात कहना चाहेंगे कि भारतीय संस्कृति, सभ्यता और इसके मूल मंत्र से हितकर और कुछ भी नहीं है...

आप सोच रहे होंगे कि बीच में हमने यह क्या शुरू कर दिया, तो हमने बीच में यह बात इसलिए शुरू की है कि अगर आप का intention सच में स्वस्थ रहने का ही है, दिखावा करने का नहीं... तो योग, प्राणायाम, ध्यान और टहलने से अच्छा कुछ नहीं...

इन्हें करने से आपको सदैव स्वास्थ्य लाभ ही मिलेगा, बिना किसी side effects के...  इसलिए इसे सतत् करने का प्रयास करें..

Actually fit रहने के लिए gym लोगों की पहली पसंद होती जा रही है। उसके glamourous होने से, उसे status symbol समझने से और fashionable & trendy लगना, इसकी कुछ वजह हैं। जबकि सब जानते हैं कि yoga को fit रहने का natural तरीका माना जाता है। gym को opt करने का एक बड़ा कारण यह भी है कि इसमें, कम समय में ही आप अपने शरीर में कई तरह के बदलाव महसूस करने लगते हैं इसलिए ज्यादातर लोग gym को preference देते हैं। 

CDC (Center for Disease Control and Prevention) के अनुसार, adults को healthy रहने के लिए, every week, 150 minutes के लिए moderate intensity की physical exercise और 2 दिन muscle strengthening exercise करना sufficient होता है। इससे ज्यादा exercise करने से वो harmful हो सकती है।

इससे ज्यादा exercise या body को proper rest breaks दिए बिना continuous exercise करना, आपके लिए harmful हो सकता है।

चलिए जानते हैं कि, हम कैसे पता कर सकते हैं कि over exercising हो रही है और अब आगे exercise नहीं या कम करनी है।

कई दिनों तक शरीर में दर्द 

Doctors के according, gym की शुरुआत करने से muscles में तीन से चार दिन दर्द होना आम बात है, लेकिन अगर muscle pain, 1 week या उससे ज्यादा दिन रहे, या आपको छोटी-मोटी चोट या swallowing दिखे, तो यह indication हो सकता है कि आप over exercise कर रहे हैं या आप ग़लत तरीके से exercise कर रहे हैं। ऐसा होने से अपने gym trainer को बता कर, कुछ दिनों के लिए अपने gym routine को halt करें और साथ ही doctor को consult करें।

दिनभर रहती है थकान

Experts बताते हैं कि exercise करने से 5- 10 minutes की थकान, आम बात है, पर उसके बाद आप अपने को fit and fresh महसूस करेंगे। अगर आपको दिनभर थकान बनी रहती है, तो समझ लीजिए, doctor के पास जाने का alarm बज गया है।

Gym के बाद चिड़चिड़ापन लगना

Gym जाने से, body light and fresh हो जाती है। पर कुछ लोगों में चिड़चिड़ापन भी notice किया जा सकता है।

इसका एक कारण अधिक exercise भी हो सकता है। Over-exercising से stress hormone levels बढ़ जाते हैं। जिससे mood swings होना, ध्यान केंद्रीत न कर पाना, अस्वस्थ लगना, उत्साह कम होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

नींद न आना

Over exercising से कुछ लोगों की नींद भी disturb हो जाती है, क्योंकि ज्यादा stress से hormonal imbalance बढ़ने लगता है। साथ ही over-exercising या दिन में late exercise करने से आपकी body, physiologically aroused state में रहती है अथवा उससे relax होने में और ज्यादा समय लगता है; जिससे नींद कम आना या घंटों नींद का नहीं आना संभव है। ऐसा होना भी sign है कि gym continue करने से पहले एक बार doctor को consult करें।

कम होने के बजाए बढ़ने लगे वजन 

Gym मे जाने के बाद कुछ व्यक्तियो मे वजन कम होने ही बजाय बढ़ जाता है| ऐसा आवश्यक आराम न करने से होता है। ज्यादा gym करने से पुरुषों में testosterone levels, increase होने लगता है, जिससे body, cortisol hormones ज्यादा बनाने लगती है, जिससे वजन कम होने के बजाय बढ़ने लगता है। यह phenomenon, ladies में भी होता है।


Experts बताते हैं, exercise से शरीर को नुकसान न पहुँचे इसलिए आवश्यक diet लेना जरूरी होता है। वजन कम करने के लिए खाली पेट gym करना खतरनाक हो सकता है| दो केले भी खाकर gym मे जाए तो अच्छे फायदे नजर आएँगे। इसके साथ ही exercise शुरू करने से पहले gym instructor से सलाह अवश्य लें कि क्या और कैसे करना है। साथ ही, आपकी सेहत के लिए हमारा एक छोटा-सा suggestion भी है कि certified gym instructor की supervision में ही अपना gym schedule and outcome goals set करें; और उनके contact में बने रहें।


इसके अलावा, जिन्हें diabetes, heart diseases और High blood pressure जैसी बीमारियां हैं, ऐसे व्यक्ति Gyming शुरू करने से पहले अपने doctor से consult अवश्य करें।

Disclaimer: यह article केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता है। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

Tuesday 6 December 2022

Article : India ( The Progressive Leader)

India ( The Progressive Leader)



हम में से कितने लोग हैं जो जानते हैं कि G20 summit चल रहा है? और उसकी अध्यक्षता कौन सा देश कर रहा है?

कितने लोग जानते हैं कि G20 summit क्या है? और आखिरी सवाल कि कितनों को यह गर्व का विषय लगता है?

अरे बाप रे! इतने सवाल...

जी! आज तो बिल्कुल इतने ही सवाल बनते हैं। खासकर उन के लिए, जो भारत को हिकारत भरी नज़रों से देखते हैं। जिन्होंने भारत के लिए कभी गर्व ही नहीं महसूस किया। 

आज का यह article उन लोगों के लिए है जिन्हें गर्व है भारत पर, अपने भारतीय होने पर, वो इस article को ज़रूर पढ़ें..

पर वो तो इस article को अवश्य पढ़ें जो ना भारत पर गर्व करते हैं ना अपने भारतीय होने पर...

चलिए जो सवाल पूछे हैं, उन सबको सिलसिलेवार बताते हैं...

1 December 2022 को इंडोनेशिया ने G20 summit की अध्यक्षता भारत को सौंप दी थी, इसलिए इस साल G20 summit की अध्यक्षता भारत कर रहा है। और इसके अध्यक्ष कोई और नहीं बल्कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं। 

भारत की अध्यक्षता में G20 summit की theme है वासुधैव कुटुंबकम्, जिसका अर्थ है, एक पृथ्वी, एक कुटुंब, एक भविष्य। वासुधैव कुटुंबकम् को महा उपनिषद् से लिया गया है। 

G20 summit की अध्यक्षता भारत के अमृतकाल की शुरुआत का प्रतीक है।

भारत की G20 अध्यक्षता के logo में राष्ट्रीय फूल कमल के ऊपर पृथ्वी को दर्शाया गया है जो प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने का प्रतीक है।

भारत पहली बार 1 December 2022 से 30 नवंबर 2023 के लिए G-20 की अध्यक्षता संभालेगा।

G-20 समूह 19 देशों और European union से मिलकर बना है इसमें सम्मिलित 19 देश Argentina, Australia, Brazil, Canada, China, France, Germany, India, Indonesia, Italy,  Japan, Mexico, Russia,  Saudi Arab, South Africa, South Korea,  Turkey, UK and USA हैं।

G20 की अध्यक्षता के दौरान, देश भर में 200 से अधिक बैठकें होंगी। जिसमें भारत के विभिन्न states में यह आयोजित की जाएगी। यह कोशिश की जा रही है कि उस समय उस state की speciality, जैसे उसका dance, music, festival, art, clothing, etc...को विदेशी शहरों से परिचित कराया जाए, उसकी सक्षमता और सार्थकता उनके सामने लाई जाए, जिससे हमारे देश की संस्कृति और अर्थव्यवस्था का विस्तार विदेशों में भी हो, जिससे भारत और अधिक सुदृढ़ बन सके।

G20 शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में होगा और इसमें दुनिया भर के नेता शामिल होंगे।
 
G20 का कोई स्थाई अध्यक्ष नहीं है बल्कि इसकी अध्यक्षता की जिम्मेदारी हर साल अलग-अलग सदस्य देशों को मिलती रहती है। और किसी भी देश को यह ज़िम्मेदारी मिलना, उसके लिए गर्व का अभिप्राय है। 

अब तक आप को समझ आ गया होगा कि, G-20 क्या है, और उसकी importance क्या है। आज भारत 19 countries की अध्यक्षता कर रहा है, जिसमें विकसित और विकासशील देश शामिल हैं।

जिन देशों के लोग के लिए भारत कहीं stand नहीं करता है, आज वो भारत की अध्यक्षता में कार्य करने के लिए आतुर हो रहे हैं। 

अगर हम इस शिखर सम्मेलन में कामयाब रहे तो, हमें विदेशों में जाकर अपना भविष्य नहीं ढूंढना होगा, बल्कि विदेशी देश, हमारे देश में ही अपना निवेश और बढ़ा देंगे। जिससे आय के साधन बढ़ जाएंगेे, प्रतिभा पलायन नहीं होगा और सुदृढ़ हो जाएगी, हमारी अर्थव्यवस्था,  साथ ही भारत का पुनः स्वर्ण भारत बनने का स्वप्न भी साकार होगा।

शायद अब आप को गर्व हो भारत पर, अपने भारतीय होने पर...

और शायद विश्वास हो मोदी जी के नेतृत्व पर भी...

जो भारत, बरसों बरस रही गुलामी से और बहुत से लोगों के निजी स्वार्थ के कारण सफलता की दौड़ में पीछे रह गया था, वो भारत आज का भारत नहीं है।

आज का भारत, सफल है, सुरक्षित है, सुदृढ़ है, आत्मनिर्भर हैं, और सबसे बड़ी बात वो 19 विकसित और विकासशील देशों का अध्यक्ष भी है...

अब तो गर्व करो और ज़ोर से बोलो

भारत माता की जय...

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳