Tuesday, 26 February 2019

Story Of Life : भक्षक (भाग-2 )

अब तक आपने पढ़ा,.....  प्रीति अपने पति सूरज व बच्चों के साथ train से Bombay घूमने जा रही है, जहाँ TTE उस पर कुदृष्टि रखता है.......
अब आगे.....

भक्षक (भाग-2) 


वो सीट में अंदर की तरफ बैठ गयी, जिससे TTE के आने पर वो उसकी पहुँच से दूर रहे। साथ ही वो अपना दिमाग बहुत तेज़ी से चला रही थी, कि ऐसी क्या युक्ति करे कि सारी परिस्थिति अनुकूल रहे।

सूरज ने जब, प्रीति को अंदर की तरफ बैठा देखा, तो पूछ बैठा, क्या हुआ तुम window सीट पर कैसे चली गयी? वहाँ तो चिनू-मीनू बैठते हैं ना?

हाँ, हाँ जानती हूँ, कुछ uneasy लग रहा था, प्रीति ने tension में ही भरे हुए बोला।
Courtesy: Shutterstock

क्या हुआ? सूरज परेशान होता हुआ बोला।

नहीं नहीं, कुछ नहीं, प्रीति अपने को सयंत करते हुए बोली, मुझे बस थोड़ा बाहर देखने का मन कर रहा था।

अच्छा ठीक है, मैं चिनू मीनू के साथ खेल लेता हूँ, तुम थोड़ी देर सुकून से बैठ लो। ये कहते हुए सूरज चिनू मीनू के साथ खेलने लगा।

उसी समय, वहाँ TTE आ गया। उसको देखते ही प्रीति बोली, भैया आप ने बड़ी मदद कर दी, चलो बच्चों मामा जी को thank you बोलो।

बच्चे समवेत स्वर में चिल्ला उठे, thaaaannnnk yoooou मामामामा जीजीजीजी ।

मामा जी! ..... ऐसा सम्बोधन सुनकर TTE सकपका गया। प्रीति फिर बोली, भैया आप के पास कुछ toffee, chocolate है क्या? अगर है, तो दे दीजिये, बच्चे अपने मामा से हिल जाएंगे। 

एक काम करो सूरज, कुछ देर तुम और बच्चे भैया के साथ टीम बना कर खेल लो, सफ़र भी कट जायेगा, और भैया का मन भी लग जायेगा।

सूरज को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था, आखिर प्रीति को एकदम से क्या हो गया, जो इतना भैया,भैया कर रही है।

सूरज ने कह ही दिया, क्या भैया, भैया लगा रखा है……  

क्या सूरज सब समझ जायेगा? क्या प्रीति अपनी युक्ति में कामयाब रहेगी? .....
जानते हैं भक्षक (भाग-३)