मजबूर (भाग-1) के आगे…
मजबूर (भाग-2)
शादी बहुत धूमधाम से हुई, एक-एक मेहमान की विशेष खातिरदारी की गई, पूरे शहर में वरुण की शादी की चर्चा हो रही थी। पर अंकिता के पिता, मुकेश जी ने जितना भी जो कुछ दिया, सब आरती और उसके होने वाले बच्चों के नाम पर दिया।
वरुण को मिला बहुत कुछ, पर सब अप्रत्यक्ष रूप में... जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी।
खैर करता भी क्या? अंकिता का चुनाव, उसकी ख़ुद की choice थी।
कुछ ही दिनों में अपने ग़लत चुनाव का खामियाजा, वरुण ने भुगतना शुरू कर दिया...
अंकिता के अक्खड़ और ज़िद्दी स्वभाव के कारण दोनों में आए दिन तू-तू मैं-मैं होती, साथ ही उसका अत्यधिक खर्चीला होना वरुण को बहुत ज़्यादा irritate करता था।
अंकिता, जब कभी भी shopping करने जाती, 1-2 लाख से लेकर लाखों-करोड़ तक खर्च कर डालती और वो भी बेकार और बेमतलब की चीजों पर...
वरुण कुछ कहता, तो अंकिता हमेशा यही कहती, जब औकात नहीं थी, तो शादी क्या सोचकर करने आए थे?
वैसे तुम्हारी self ego, जिस दिन दम तोड़ दे, बता देना, तुम्हें अपने पापा के पास ले चलूंगी, वो तुम्हारे जैसे बहुत से कड़कों का ख़र्च वहन कर सकते हैं।
जाने क्यों, मैं तुम्हारी smartness पर फ़िदा हो गई थी, मुझे समझना चाहिए कि दो कौड़ी का इंसान, ज्यादा दिन तक मुझे खुश नहीं रख सकेगा।
तो एक तरह से देखा जाए तो, हर तरह से 19 अंकिता, सिर्फ पैसे के ज़ोर पर वरुण पर 21 हो जाती थी। और आए दिन उसका अपमान करने से बाज नहीं आती है।
तो जैसा भी शादी के पहले वरुण ने सोचा था, सब उसके विपरीत होने लगा। न तो उसे पैसे मिले न ही मन की शांति..
आए दिन की तू-तू मैं-मैं और irritation से वरुण के business पर भी effect पड़ने लगा।
उन्हीं दिनों न जाने कौन से क्षण का वरुण को फल मिला था कि अंकिता pregnant हो गई...
अब तो अंकिता के नखरे इस हद तक बढ़ गये कि मुकेश जी खुद उसे अपने साथ, यह कहके ले गए कि अब तो अंकिता delivery के बाद ही आएगी।
अंकिता, वरुण को यह सख़्त हिदायत दे कर गई कि, बच्चा होने तक वो उसके पास बिल्कुल भी न फटके, वो नहीं चाहती कि उसके यह pamper वाले दिन, एक कंगले इंसान को देखते हुए बीते...
अंकिता के यूं चले जाने से वरुण को यह एहसास होने लगा कि एक ग़लत फैसला, इंसान को कितना अपमानित और मजबूर बना देता है।
आगे पढ़े, मजबूर (भाग -3) में...