Sunday, 3 November 2024

Poem : चित्रगुप्त महाराज

चित्रगुप्त महाराज


ब्रह्मा की काया से उपजे,

कलम लिए हुए हाथ।

पाप-पुण्य का लेखा-जोखा,

रहता है जिनके साथ।।


कायस्थ कुल,

के जन्मदाता।

ज्ञान, बुद्धि से,

इनका नाता।।


अति पराक्रमी,

अति तेजस्वी,

वो देव ही कहलाते हैं

।। चित्रगुप्त महाराज ।।


 परम परमेश्वर श्री चित्रगुप्त जी महाराज के श्री चरणों में मेरा सादर प्रणाम 🙏🏻🙏🏻

चित्रगुप्त पूजा, भाईदूज, व यमद्वितीया की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🏻🎉