Thursday, 4 July 2019

Article : जगन्नाथ पुरी


जगन्नाथ पुरी 


आज से जगन्नाथ पुरी में रथ यात्रा प्रारंभ हो रही है, इस विशेष अवसर पर मेरा ध्यान एक विषय पर गया, शायद आपका भी गया हो, यहाँ पर पूजा राधा-कृष्ण, या कृष्ण-रुक्मणी की नहीं की जाती है। 

अपितु उनके स्थान पर यहाँ दोनों भाई कृष्ण जी, बलराम जी के साथ उनकी बहन सुभद्रा जी की पूजा की जाती है।

किसी भी इंसान के जीवन में माँ का विशेष महत्व होता है, उसके बाद पिता, फिर जीवन-साथी और अंत में संतान का स्थान है।

पर एक ऐसा रिश्ता भी है, जो हर किसी के जीवन में नहीं होता है, वो है भाई-भाई, भाई-बहन, बहन-बहन का रिश्ता। जो ना हो तो भी जीवन चलता है, पर पूर्णता इस रिश्ते के साथ ही आती है। 

ये एक ऐसा रिश्ता है, जो आपके जीवन में सनिध्य का मीठा रस घोलता है, जो ये एहसास करता है, कि आप दुनिया में अकेले नहीं है। माता-पिता के अलावा भी इस दुनिया में आपका कोई बहुत बड़ा हितैशी है। आपके साथ दुनिया का सुख-दुख बाँटने वाला कोई है।

शायद यही कारण है, जिसके कारण प्रभु ने इस रूप की पवित्रता व स्नेह को भी पूज्य रूप में प्रस्तुत करने के लिए जगन्नाथ रूप धारण किया है।

ईश्वर की मुझ पर विशेष अनुकम्पा है, उन्होंने मुझे भाईयों, व बहन दोनों का ही स्नेह प्रदान किया है। हे प्रभु, आपका कोटि-कोटि धन्यवाद। 

आज विश्व के सभी भाई-बहनों को मेरा स्नेह-वंदन

साथ ही आप के साथ भगवान जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी 7 बातें भी share कर रही हूँ, जो करती हैं हैरान-

1-जगन्नाथ पुरी में किसी भी स्थान से, आप मंदिर के शीर्ष पर लगे सुदर्शन चक्र को देखेंगे, तो वह आपको सदैव अपने सामने ही लगा दिखेगा।

2-मंदिर के ऊपर स्थापित ध्वज, सदैव हवा के विपरीत दिशा में लहराता है।

3-इस मंदिर का रसोईघर, दुनिया का सबसे बड़ा रसोईघर है।

4-प्रतिदिन सायंकाल मंदिर के ऊपर स्थापित ध्वज को, मानव द्वारा उल्टा चढ़कर बदला जाता है।

5-मंदिर के सिंहद्वार में पहला कदम रखते ही, मंदिर के भीतर किसी भी भक्त को सागर द्वारा निर्मित ध्वनि नहीं सुनाई देती है।लेकिन जैसे ही आप मंदिर से बाहर एक भी कदम रखते हैं, आप इस आवाज को सुन पाएंगे।

6-जगन्नाथ पुरी के रसोईघर में भगवान जगन्नाथ को चढ़ाए जाने वाले महाप्रसाद को बनाने के लिए, 500 रसोइए और उनके 300 सहायक-सहयोगी एकसाथ काम करते हैं। यहां सारा प्रसाद मिट्टी के बर्तनों में ही पकाया जाता है।

7-हैरानी की बात यह है कि इस मंदिर के ऊपर से, कभी भी आप किसी पक्षी या विमान को उड़ते हुए नहीं देखेंगे।