Tuesday, 31 January 2023

Story of Life : होनी होकर रहती है

आज की कहानी का मेरे जीवन में अलग ही महत्व है, क्योंकि यह कहानी मेरी दादी मां सुनाती थीं। वो कहती थीं, जब भी सवालों के घेरे में घिर जाना, तो यह कहानी तुम्हें उस चक्र से कुछ हद तक निकाल देगी।

तो आज उसी कहानी को share कर रहे हैं.. 

होनी होकर रहती है




कहानी तब की है, जब राजे-रजवाड़ों का समय था।

एक राजा था, अत्यंत शक्तिशाली व धन-धान्य से परिपूर्ण, अपनी प्रजा का बहुत ध्यान रखने वाला, उसकी प्रजा भी उसे बहुत मान-सम्मान देती थी। हर दृष्टि से वह सुयोग्य शासक था। उसकी रानी भी बहुत सुन्दर और नेक दिल थी।

सब था, राजा के पास.. कमी थी तो बस एक कि कोई संतान नहीं थी।

एक दिन उसके राज्य में एक बहुत सिद्ध साधू महाराज आए... 

राजा ने अपनी रानी के साथ, उनकी खूब सेवा की, जब साधू महाराज प्रसन्न हो गए तो, दोनों ने विनती की कि उन्हें इस राज्य का राजकुमार प्रदान करें..

साधू महाराज बोले, कि मुझे इसके लिए तप करना पड़ेगा, उसके बाद ही मैं बता पाऊंगा कि क्या होगा?

तप के बाद, साधू महाराज बोले कि राजकुमार तो मैं तुम्हें दे सकता हूं, पर उसकी अल्प आयु है और उसकी मृत्यु सर्प दंश से होना अवश्यंभावी है। 

सुनकर, राजा बोला, आप इस बात की किंचित मात्र भी चिंता ना करें,अगर हम अपने राज्य से सारे सांप ही समाप्त कर देंगे तो, राजकुमार मृत्यु नहीं होगी और वह चिरायु हो जाएगा... आप हमें पुत्र प्रदान करें।

साधू महाराज बोले कि होनी होकर रहती है, फिर भी अगर तुम्हारी यही इच्छा है तो, तुम्हारी सेवा से खुश होकर, मैं तुम्हें आशीर्वाद देता हूं कि अगले वर्ष यहां का राजकुमार जन्म ले लेगा। 

साधू महाराज का कथन सही सिद्ध हुआ, बहुत ही खूबसूरत राजकुमार का जन्म हुआ।

सभी बहुत प्रसन्न थे, पूरे राज्य में उत्सव मनाया गया...

राजा तो राजा था, वर्चस्व का स्वामी, उसने राजकुमार की सुरक्षा हेतु, पूरे राज्य में, साधू महाराज की भविष्यवाणी बता दी। 

राजकुमार पर खतरा जानकर, आनन-फानन सभी सांपों को खत्म कर दिया गया।

हर पल राजकुमार की रखवाली के लिए 10 सपेरे तैनात कर दिए गए, कि आस-पास कोई सांप ना फटके और अगर कोई दिख भर जाए तो उसका वहीं अंत कर दें।

उनके अलावा और भी बहुत से पहरेदार दिन रात पहर देते साथ ही पूरी प्रजा भी इस बात का ध्यान रखती कि सांप तो क्या, कोई कीड़ा-मकौड़ा भी राजकुमार के ईर्द-गिर्द ना फटके..

राजकुमार दिन-दूनी, रात-चौगुनी वृद्धि से बड़ा होने लगा। अब वो बीस साल का बांका जवान हो गया था। 

राजकुमार भी राजा के समान, हष्ट-पुष्ट वीर और साहसी था। और उनकी ही भांति सहृदय था तो सबका प्रिय भी था।

राजा-रानी अब बूढ़े हो चुके थे। राजकुमार को हर तरह से सुयोग्य देखकर राजा ने सोचा कि अब राजकुमार का राजतिलक कर दिया जाए।

पूरे राज्य में राजकुमार के राज्यतिलक की मुनादी करा दी गई। 

जिस साधू महाराज की कृपा से राजकुमार हुआ था, उन्हें भी आमंत्रण पत्र भेजा गया। पर वो महाराज तपस्या पर गये थे, तो उनके शिष्यों ने कहा आप आयोजन करें, गुरुवर तपस्या कर के आ जाएंगे तो आप के आयोजन के विषय में जानकारी दें देंगे।

बड़े धूमधाम से उत्सव की तैयारियां शुरू कर दी गई। बहुत ही भव्य आयोजन किया गया। पूरे सिंहासन को फूलों से सजाया गया। सिंहासन के पीछे बेहद खूबसूरत कलाकारी की गई। बहुत तरह की कलाकृतियां भी लगाई गई...

मुहूर्त के अनुसार राजपुरोहित व अनेक मंदिरों से पंडित, साधू संत सब पधारे... 

मंत्रोच्चारण के साथ, पूजा पाठ आरंभ हो गया। पूरे प्रांगण में धूप-दीप, पुष्प इत्यादि की सुगंध आ रही थी।

पूजा पाठ समाप्त करके राजपुरोहित जी ने राजकुमार को, राजतिलक के लिए बुलाया। 

राजतिलक होने के पश्चात्, राजकुमार को सिंहासन पर विराजमान होने को कहा गया।

राजकुमार जब सिंहासन पर बैठा, सब ओर से पुष्प की वर्षा होने लगी और राजकुमार की जय-जयकार होने लगी।

सभी तरफ प्रसन्नता छाई हुई थी कि अचानक से राजकुमार की चीख निकल गई और वो वहीं फर्श पर गिर पड़ा।

सब तरफ अफ़रा-तफ़री मच गई। 

राजकुमार को तुरंत, राजमहल ले जाया गया। राजवैद्य जी तत्परता से दवाई करने लगे, पर सब व्यर्थ था, वो राजकुमार को नहीं बचा पाए। 

सम्पूर्ण वातावरण शोकाकुल हो गया।

उसी समय वो साधू महाराज आए और देखकर बोले, राजन मैंने तुम्हें पहले ही अगाह किया था।

पर महाराज आपने तो कहा था कि राजकुमार की मृत्यु सर्पदंश से होगी, पर यहां तो कोई सांप नहीं है, फिर ऐसा कैसे हुआ? क्या आप का कहा, मित्थया था।

नहीं! राजन मेरा कथन कभी ग़लत नहीं जाता। तुम वहां मुझे ले चलो, जहां यह घटना हुई थी।

सब उस जगह पहुंचें, जहां ऐसा हुआ था, और जो उन्होंने वहां देखा, उसे देखकर सब हैरान रह गए...

आगे जाने...

होनी होकर रहती है (भाग - 2) में...

Monday, 30 January 2023

Recipe : Khoya Matar

ठंड का मौसम है और इसमें हरी मटर की बनी हुई dish, बहुत ही tasty लगती है। 

वैसे frozen हरी मटर, बारहों मासी मिलती है, लेकिन ताज़ी मटर से बनी dish की बात ही अलग है।

आज की dish में, हम दूसरा main ingredient, उसे ले रहे हैं, जो शायद आपके घर में महीने, दो महीने में इकट्ठा हो जाता हो। 

यह बहुत instantly and easily बनने वाली recipe है और सबको घर में पसंद भी बहुत आएगी।

तो चलिए झटपट पूरा method देख लीजिए...

Khoya Matar 


Ingredients :

  • Green Peas pod - 400 gm.
  • Khoya - 150 gm.
  • Onion - 2 medium 
  • Tomato - 2 medium 
  • Garlic - 2 to 3 cloves
  • Ginger - ¼ Inch 
  • Salt - to taste
  • Garam masala - ½ tsp.
  • Turmeric powder - ½ tsp.
  • Kashmiri mirch powder - ½ tsp. 
  • Ghee - 1 tbsp.
  • Sugar - 1 tsp. 


Method :  

  1. मटर में एक चुटकी नमक और एक चुटकी चीनी डालकर parboiled कर लीजिए। 
  2. प्याज, टमाटर, लहसुन और अदरक का fine paste बनाकर मसाला तैयार कर लीजिए।
  3. Wok में घी डालकर गर्म कर लीजिए।
  4. गर्म घी में, तैयार मसाला, हल्दी, नमक, मिर्च, गरम मसाला डालकर हल्का सुनहरा होने तक भून लें।
  5. जब हल्का सुनहरा भून जाए तो, इसमें खोया डालकर घी छोड़ने तक भून लीजिए। 
  6. फिर इसमें मटर डालकर भी थोड़ी देर और भून लीजिए।
  7. अब इसमें पानी डालकर high flame पर, एक boil आने दीजिए। फिर gas sim पर रखकर, grevy गाढ़ी होने तक पकाएं...

Yummy and tasty Khoya Matar is ready to serve...

You can serve it with, naan, rumali roti, parantha or rice...

चलिए कुछ tips भी जान लेते हैं, जो आपके खोया मटर को बेहद लाजवाब बना देगा...


Tips and Tricks :

1. मटर को जब parboiled करें, उस समय मटर में नमक और चीनी डालकर, खुला ही boil करें, इससे तीन चीजें होंगी।

a. मटर में मिठास बढ़ जाएगी

b. मटर slightly boil हो जाएगी, तो soft हो जाएगी, उससे ज्यादा tasty  हो जाएगी।

c. मटर का रंग भी अच्छा रहेगा। 

2. आप अगर समय समय पर घर में घी बनाते हैं तो, उससे निकलने वाला खोया, use कीजिएगा।

3. अगर वो खोया नहीं है तो आप बाजार से लाकर भी खोआ ( मावा) use कर सकते हैं। 

4. इसका taste, slightly sweet होता है। इसलिए इसमें garlic and ginger के competitively onion ज्यादा लेते हैं। 

5. अगर आप onion and garlic नहीं खाते हैं तो, 1 मुट्ठी काजू का पेस्ट भी डाल सकते हैं।

6. अगर आप के पास काजू ज्यादा नहीं है तो आप काजू मूंगफली का paste भी use कर सकते हैं। 

7. क्योंकि इसमें हम खोआ डालते हैं, इसलिए मसाला भूनने के लिए ज्यादा घी डालने की आवश्यकता नहीं है। फिर भी अगर आप, ज्यादा घी डालना चाहें तो डाल सकते हैं... 

8. खोआ मटर की सब्जी, पनीर की किसी भी preparation के साथ अच्छा compliment देती है। इसलिए आप इसे paneer की किसी भी recipe के साथ serve कर सकते हैं...

तो सोचते क्या हैं? जल्द ही बनाएं और yummy and tasty Khoya Matar का लुत्फ उठाएं।

Friday, 27 January 2023

Memories : किसी के जाने के बाद


किसी के जाने के बाद



उठ खड़ा हो, तू पुनः 

कर जिंदगी का आगाज़

कब रुकी है जिन्दगी,

किसी के जाने के बाद।।


स्वप्न को फिर, तू सजा,

आसमां तक पहुंचने का।

हौसलों की उड़ान को,

पुनः अपने अंदर जगा।।


था मुख़्तलिफ़ अंदाज तेरा,

आ, फिर उसी स्वर में तू गा।

तुझ सा नहीं कोई जहां में,

आकर यह सबको बता।।


जाने वाला गया है,

ना जाने किस जहां?

बैठकर, आंसू बहाकर,

हासिल ना होगा कुछ यहाँ‌।


ग़म के अंधेरे गर्त में,

रहकर, ना वक्त बर्बाद कर।

तू ही सवेरा है जिंदगी का,

ना तिमिर को स्वीकार कर।।


उठ खड़ा हो तू पुनः ,

कर जिंदगी का आगाज़।

कब रुकी है जिन्दगी,

किसी के जाने के बाद।।

Thursday, 26 January 2023

Poem : गणतंत्र दिवस और बसंत

गणतंत्र दिवस और बसंत



कश्मीर से कन्याकुमारी

पूरे देश में है 

गणतंत्र दिवस की तैयारी 

सिर्फ सेना ने ही नहीं 

हमने भी ली है कसम

देश की आन बान शान

की जिम्मेदारी 

हर ओर तिरंगा लहराएगें 

हम गीत देश के गाएंगे 

अपने देश के नाम को 

सम्पूर्ण विश्व में जगमगाएंगे 

आज तो बसंत ने भी

देश के संग जोड़ दी 

अपनी हिस्सेदारी

है माँ सरस्वती का

आशीर्वाद और

फूलों से सजी 

डाली डाली

क्यारी क्यारी

माँ सरस्वती के

आशीष से हम 

ऐसा कर जाएंगे

सम्पूर्ण विश्व में 

हम विश्व

विजयी कहलाएंगे 

हम विश्व

विजेता बन जाएंगे 

 सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस व बसंत पंचमी पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🏻💐

Monday, 23 January 2023

Article: Delhi for your kids

Hello Friends, हमने यह article, Delhi Gifts at a reasonable price डाला था, इसे बहुत पसंद किया गया...  

सोचा, आज का article, kids special बना दिया जाए...

तो आज हम आपके लिए उन जगहों की जानकारी साझा करेंगे, जिस जगह पर बच्चे पहुंच खुशी से उछल पड़ेंगे...

 Delhi for your kids  



दिल्ली, हमेशा से ही  center of attraction रही है.... और ऐसा इसलिए क्योंकि यहां बच्चों से लेकर बड़ों तक सबके लिए बहुत कुछ है।

कल का article, सबके लिए था और आज का बच्चों के लिए... तो चलिए सारी informations note कर लीजिए और ready हो जाइए, बच्चों को उनकी सपनों की दुनिया में ले जाने की... 

1. Museum of illusion 


बच्चों के लिए दिल्ली में घूमने के लिए सबसे नई रोमांचक जगहों में से एक museum of illusion है। यह अनूठा museum सभी उम्र के बच्चों के लिए एकदम सही है। चाहे आपका बच्चा optical illusion में दिलचस्‍पी रखता हो या फिर illusion के इतिहास के बारे में अधिक जानना चाहता हो Museum of illusion  में उसके लिए बहुत कुछ है। अगर आप रोमांचक और next level की photography करना पसंद करते हैं, तो यह best place है।

Entry fees - for adults 650 Rs., for kids 520 Rs. 

Nearest metro station:  Rajiv Chowk Metro Station Exit Gate Number 8)

2. Waste to wonder 


क्या आप दुनिया के 7 अजूबों को एक ही जगह देखना चाहते हैं? यदि हां, तो सराय काले खां पर स्थित waste to wonder बच्‍चों के लिए सबसे अच्‍छी जगहों में से एक है। यहां monuments की replica पुराने बाइक के टुकड़े, टूटी हुई जंजीरों और कचरे और scrap वस्तुओं से बनी हैं। चाहे आप बच्चे हों या adult, ये कला आपकी आंखों में एक खुशी जरूर ला देगी। आज के समय में बच्चों को सीखना पसंद है और दुनिया के आकर्षक स्थानों के बारे में एक ही जगह पर सब कुछ सीखने को मिल जाए, इससे बेहतर कुछ नहीं है। आप यहां पर Tajmahal, Eiffel tower, Giza pyramid, Statue of Liberty के  replica देख सकते हैं।

Entry fees - for adults : 50 rs.for kids: 25rs.

Nearest metro station:  Hazrat Nizamuddin


3. Shankar's International Dolls Museum


अपनी प्यारी सी बेटी को अगर आप उसके सपनों की दुनिया में ले जाना चाहते हैं तो इस doll house से अच्छा कुछ नहीं है... क्योंकि Dolls की variety दिखाने के लिए ये जगह एकदम perfect है। Shankar's International Dolls Museum, में 85 से अधिक देशों की 6500 सुंदर गुड़िया आप को यहां मिलेंगी। गुड़िया के museum में लगभग 150 भारतीय पोशाक वाली गुड़िया हैं जो विभिन्न भारतीय क्षेत्रों के साथ-साथ दुनिया की culture and ethos को दर्शाती हैं। सभी गुड़िया specially, Museum workshop  में बनाई गई हैं। यहां की खूबसूरत गुड़िया आपको और आपके बच्चे को अपने आकर्षण से जरूर आकर्षित कर देंगी। 

आप को पूरा doll house  देखने में कितना time लगेगा, यह इस बात पर depend करेगा कि आप की लाडली, अपना कितना time इन खूबसूरत गुड़ियों के साथ बिताना चाहती है...

Timings : 10 am to 6 pm

Closed : Monday

Entry fees : for adults : 30 Rs. and for kids : 13 Rs. 

Nearest metro station : ITO

4.  National Science Centre, Delhi 


1992 में स्थापित National Science Centre, Delhi में स्थित एक science museum है। यह निश्चित रूप से उन सभी बच्चों के लिए एक अच्छी जगह है, जिन्हें science से बेहद प्यार है और उनके लिए भी जो इस विषय से दूर भागते हैं, क्योंकि ये जगह हर प्रकार के बच्चों के लिए बेहद दिलचस्प है। Dinosaur Games,activities, human biology, intresting science library, etc..  आपको यहां मिल जाएगा। 

Entry fees : 30 Rs. per head

Nearest metro station : Pragati Maidan


5. The National Rail Museum 



16. The National Rail musium, दिल्ली में स्थित बेहद अलग तरह का और बेहतरीन Museum  है। यह भारत की रेल धरोहर पर ध्यानाकर्षण करता है और 163 साल के इतिहास की झलक प्रस्तुत करता है।  यहां रेल के भिन्न-भिन्न model हैं, जैसे electric, diesel and steam locomotives, etc. रेल से जुड़ी बहुत सी जानकारी मिलेगी। एक छोटे steam engine train में बैठने का आनन्द ले सकते हैं। 

3 D vartual train की सवारी, steam and diesel locomotives simulator, toy train and indoor galary की सुविधा भी प्रदान करता है। 

Simulator में जाकर आपको ऐसा प्रतीत होगा, मानो आप ही locomotive चला रहे हों।

यहां adult का ticket 50 Rs. and kids का ticket Rs. 20. है।

बच्चों से बड़ों तक सब को इसमें बहुत आनन्द आता है। बल्कि हम तो कहेंगे कि बच्चों के लिए तो यह बहुत ही बेहतरीन Museum है। जहां बहुत सारे मज़े के साथ ही उन्हें रेलवे के विषय में बहुत सारी जानकारी भी मिल जाती है। एक बार वहां जरूर से जाएं। 

Nearest metro station : Dhaula Kuan 


6. National Museum, Delhi



बच्चों के लिए बनाए गए कुछ museums में से, दिल्ली में national museum  बच्चों को indian history के बारे में समझाने के लिए एकदम perfect जगह है। Harappan Civilization के remains से evolution of man तक, इस जगह में आप सब कुछ देख सकते हैं। Museum का main attraction यह है कि यह भारत के पिछले 5000 वर्षों को काफी अच्छे ढंग से express करता है। 

Entry fees : The Adult Ticke: Rs. 20/-

Foreigners Tickets : Rs. 350/-

Nearest metro station : Udyog Bhawan 


7. National Crafts Museum 


National Handicrafts and Handlooms Museum जिसे हम National Crafts Museum के नाम से भी जानते हैं। New Delhi में यह museum, india में craft का largest crafts museums है। यह Ministry of Textiles, Government of India द्वारा संचालित किया जाता है। यह museum, Pragati maidan के corner में स्थित है। 

इस museum में Continuous and vibrant handicraft and handloom traditions को प्रदर्शित किया गया है। देश के विभिन्न राज्यों की cultural highlights यहाँ देखी जा सकती है। इस जगह देश के विभिन्न भागों से आए शिल्पकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। इस museum में देश भर से एकत्रित किए गए rare artefacts, handicrafts and handlooms का Wide collection है।

अगर आप का बच्चा, artefacts and handicrafts को बहुत पसंद करता है और चाहता हैं कि इस field को समझें, इसमें अपना career बनाए तो उसके लिए, यह जगह उसके सपनों सी खूबसूरत है। उसके साथ में आप जरूर से यहां आएं और अगर ऐसा नहीं है तो भी एक बार आप अपने बच्चे के साथ यहां जरूर से आइए, क्योंकि यह कलाकृति इतनी खूबसूरत हैं कि एक बार तो आप का मन मोह ही लेंगी। 

Timings : 10:00 AM - 5:00 PM, 

Closed on Mondays

Time Required : 1 - 2 hrs

Entry Fee : Indians - INR 20, Foreigners - INR 200 

Nearest metro station : Pragati maidan

हमने अपने इस article में किसी भी water park, amusement park etc को share नहीं किया है। दिल्ली में ऐसे parks की भरमार है, उनको किसी दूसरे article में share करेंगें।

आप को किसी अन्य विषय में जानकारी चाहिए तो comment box में लिख दें। हम शीघ्र अतिशीघ्र उसे भी साझा करने का प्रयास करेंगे।

Friday, 20 January 2023

Article: Delhi Gifts at a reasonable price

Delhi Gifts at a reasonable price



दिल्ली, जो पूरे देश का दिल है, वो ऐसे ही नहीं है। 

आप सोच रहे होंगे कि ऐसी भी क्या बात है।

तो आप को बता दें कि दिल्ली, एक ऐसी जगह है, जहां पूरे देश में जो कुछ भी प्रसिद्ध है वो सब आपको यहां मिल जाएगा। चाहे हैदराबाद की कराची बेकरी हो, राजस्थान का घेवर हो, लखनऊ की basket chat या मक्खन मलाई हो, आगरा का पेठा हो, आदि... ऐसा ही बहुत कुछ आप को दिल्ली में मिल जाएगा...

उसके साथ ही दिल्ली में बहुत से ऐसे तोहफे हैं जिनके बारे में अगर आप को पता चला तो आपको दिल्ली में आने की इच्छा और बढ़ जाएगी। 

और अगर आप दिल्ली में रहते हैं और रोजमर्रा की उबाऊ जिंदगी और काम के बोझ के तले ज़िन्दगी से थक चुके हैं, तो इस article को पूरा अवश्य पढ़िएगा, इन जगहों के बारे में जानकर आप खुशी से झूम उठेंगे।

ये सूची आप को यह यकीन दिला देगी कि दिल्ली की खूबसूरती सिर्फ़ सतही स्तर तक ही सीमित नहीं है।

तो पेश हैं 16 सस्ती और दिलचस्प चीज़ें जो आप को एक बार फिर दिल्ली से प्यार करने के लिए मजबूर कर देंगी।

Amrit Udyan (previously, Mughal Garden)



1. राष्ट्रपति भवन में स्थित, इस garden के जैसा पूरे देश में दूसरा कोई garden नहीं है। इसकी खूबसूरती की जितनी तारीफ की जाए, कम है।  

अमृत उद्यान में आकर, आप को लगेगा कि आप फूलों की खूबसूरत दुनिया में आ गए हैं।

केवल 12 फरवरी से 16 मार्च तक सुबह 10 से शाम 5 बजे तक आम लोग अमृत उद्यान जा सकते हैं।

अगर अभी तक नहीं गए हैं तो जरूर जाएं, इसको देख बिना तो दिल्ली दर्शन अधूरा है। 

यहां आप free में जा सकते हैं। Ticket booking, online होगी।

Nearest metro station: Central Secretiet


Jambo Point 



2. अगर आप भी बिना airport जाए, चाहते हैं कि, aeroplane को एकदम नजदीक से उड़ते हुए देखना चाहते हैं तो, द्वारका में Jambo point पर aeroplane को अपने ऊपर से उड़ते हुए देख सकते हैं।

द्वारका में एक विशेष crossing है, जिसे Jambo point कहा जाता है, जो airport की दीवार से सटा है। शाम को यहाँ प्रेमी जोड़ों, बच्चों और विमान उत्साहियों का ताँता सा लग जाता है जिसकी वजह से ये जगह किसी picnic spot से कम नहीं लगती है | इस जगह से आप बहुत करीब से हवाई जहाज़ को उड़ते और उतरते देख सकते हैं |

इसका आनन्द आप free में ले सकते हैं

nearest metro station : Dawarka sector 8


 Hazrat Nizamuddin 



3. अगर आप कव्वाली के शौकीन हैं तो हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह में कव्वाली सुनें।

हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह में गुरुवार का दिन काफ़ी ख़ास होता है क्योंकि इस दिन आप कई मशहूर कलाकारों को मार्मिक कव्वालियाँ गाते सुन सकते हैं | ये जाने माने कलाकार कई पीढ़ियों से दरगाह में अपनी आजीविका कमाने के लिए गा रहे है। 

समय शाम 6:30 से रात 9:30 बजे के बीच है।

सबसे अच्छी बात, इसका आनन्द आप free में ले सकते हैं।

Nearest metro station: jungpura 


Connaught Place 



4. यूं तो Connaught Place, दिल्ली की जान है, इसे CP भी कहते हैं। Connaught place की शामों का तो कहना ही क्या, पर आज हम आप से कुछ अलग बात कर रहे हैं। 

Sunday को, connaught place में राहगिरी में भाग ले

अगर आप रविवार की सुबह cannaught place पर नहीं गये हैं तो शायद आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि लोग यहाँ कितने मज़े करते हैं | पद यात्री cannaught place की सड़कों पर क़ब्ज़ा कर लेते हैं हैं और फिर मचता है धमाल।

 रविवार की सुबह 9 बजे तक इस इलाक़े में गाड़ियों का प्रवेश वर्जित है ताकि पद यात्री धमाल मस्ती, नृत्य और कसरत करते हुए मौज कर सकें |

इस मौज को free में कर सकते हैं।

Nearest metro station: Rajeev chowk


गोलगप्पे 



5. अगर आप भी हैं, बताशों, गोलगप्पे, पानी पूरी या फुचकों के शौकीन तो एक बार तिलक नगर के बाजार में सड़क किनारे गोलगप्पे जरुर खाएं।

किसी और की बातों पर ध्यान देने की कोई ज़रूरत नहीं है। ध्यान रखने वाली बात तो बस यह है कि तिलक नगर मुख्य बाजार की सड़क के किनारे बनी स्टालों पर मिलने वाले गोलगप्पे पूरी दिल्ली में मिलने वाले गोलगप्पो की तुलना में स्वादिष्ट हैं। यहां आप को एक ही गोल-गप्पे वालों के पास बहुत variety के पानी मिलेंगे। एक एक पानी के गोल-गप्पे taste करते करते ही ना जाने आप कितने गोल-गप्पे खा लेंगे। उसके बाद आप यह सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि सबसे tasty पानी कौन सा है, क्योंकि सब एक से बढ़कर एक होगें। 

एक और बात यहां के गोल-गप्पे की विशेषता है कि यहां आपको 30 रुपए में unlimited  गोलगप्पे खाने को मिलेंगे। तो हैं ना बढ़िया, बाकी सबसे?

अच्छा यह मत सोचिएगा कि केवल गोल-गप्पे मिलेंगे यहां, जी नहीं, यहां बहुत तरह की tasty चाट मिलती है। 

तो सोचना क्या है? जल्द ही एक शाम तिलक नगर के नाम कर दीजिए

Nearest metro station : Tilak Nagar 


Cafe 



6. अगर आप दीवाने हैं cafe के तो Delhi University के Hudson lane में सस्ते मगर बेहतरीन cafe में जाएँ

DU के north campus के बिल्कुल पास होने की वजह से पूरे दिल्ली के सबसे बेहतरीन कैफ़े में कुछ एक आप को जीटीबी नगर में मिलेंगे। मज़ेदार बात तो यह है कि इस इलाक़े में ज़्यादातर आबादी विद्यार्थियों की होने की वजह से इन cafe में दाम भी तुलनात्मक रूप से काफ़ी वाजिब है।

Nearest metro station :  जीटीबी नगर


 Jain Coffee House 



7. चावड़ी बाजार में जैन कॉफी हाउस की उम्दा जैन सैंडविच का स्वाद चखें।

हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि पुरानी दिल्ली की भूल भुलैया जैसी गलियों में हज़ारों राज़ छुपे हैं। अगर ये सच है तो Jain coffee house एक ऐसा ही छुपा राज़ है | यहाँ के स्वादिष्ट सैंडविच मुंह में रखते ही मक्खन की तरह पिघल जाते हैं।

ध्यान में रखने योग्य टिप : इस जगह तक पहुँचने के लिए गूगल के नक्शों का सहारा ना लें बल्कि आस पास पूछ कर पता करें। 
Nearest metro station : चावड़ी बाजार

Ballimaran Market 




8. बल्लीमारन में ग़ालिब की हवेली को देख सकते हैं।
यह वही जगह है जहाँ महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब रहा करते थे।  इसी जगह से उन्हें अपनी रचनाएँ लिखने की प्रेरणा मिली और यहीं उन्होनें अपनी ज़्यादातर शायरियाँ भी लिखीं। 
अब इस घर को musium  म्यूज़ियम में तब्दील कर दिया गया है ताकि प्रशंसकों और पारखी लोगों को उनके जीवन और समय की सराहना करने का सुख मिल सके |
इसे आप free में देख सकते हैं।

निकटतम मेट्रो स्टेशन: चावडी बाज़ार 


Langar 




9. बंगला साहिब गुरुद्वारा में एक बार जाकर लंगर जरुर खायें।

अगर आप ने गुरुद्वारा बंगला साहिब में बैठ कर लंगर प्रसादी ग्रहण नहीं की है तो, आप पर अभी तक बाबा जी की महर नहीं हुई है। यह स्वादिष्ट होता है और रात को साढ़े ग्यारह बजे तक भोजन प्रसादी मिलती रहती है। 
वहां पर आप चाहें तो मुफ्त में खा सकते हैं, चाहें तो दान पेटी में दान डाल सकते हैं। और हां, वहां दान देने पर बंदिश नहीं है, ना कोई देख रहा होता है कि आप ने कितना दान दिया। आप चाहें तो वहां पर सेवा भी कर सकते हैं। यहां सेवा से तात्पर्य है,  लंगर बनाने से खाना परोसने तक का कोई भी काम। 

आप कहेंगे कि बाबा जी की महर और लंगर तो हर गुरूद्वारे में होता है तो यहां की क्या विशेषता है? 

माना जाता है कि यहां के सरोवर में बीमारियों का उपचार करने के गुण हैं, इसलिए बाहर से आने वाले लोग भी इसे अमृत मानकर अपने घर ले जाते हैं। तो सिर्फ लंगर खाकर ना जाएं, बल्कि इसके सरोवर का अमृत जल भी लें।

साथ ही आप को यह बता दें कि बंगला साहिब गुरुद्वारा, सबसे ज्यादा advance गुरुद्वारा है, जहां बहुत से काम मशीनों द्वारा संचालित होते हैं। इसलिए जब भी जाएं तो उनके रसोईघर में भी जाएं, आप को व बच्चों को मशीनों से संचालित काम होते देखना बहुत अच्छा लगेगा। 


Nearest metro station: Shivaji Stadium

Romantic walk 



10. खान मार्केट में सर्दियों में एक रोमानी walk पर जरुर से जायें 
इस बात में कोई दो राय नहीं कि भारत की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक, दिल्ली सर्दियों में और भी ज़्यादा हसीन हो जाती है। 
ऐसे में ख़ान मार्केट की खूबसूरती का आलम तो देखते ही बनता है। ऐसे में इस यूरोपियन तर्ज पर बने बाज़ार में अपने प्रेमी के हाथों में हाथ डाल कर टहलने में और आस पास की दुकानों से खरीदारी करने के लिए ख़ान मार्केट सबसे अच्छी जगह बन जाती है। 
अगर आप को साथ में स्वादिष्ट खाने का जायका भी लेना है तो इस मार्केट में Big chill cafe भी है।


Nearest metro station: Khan market

National school of drama  (राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय) 




11. National school of drama  में नाटक जरुर देखें

National school of drama, film City में काम करने वाले कई अभिनेताओं का career maker रह चुका है। इसलिए यहाँ पर आने वाले समय में बड़े सितारे बनने से पहले ही कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करते देखा जा सकता है, वो भी सस्ते दामों में 

Nearest metro station: Mandi House

Majnu-Ka-Tilla 




12. अगर आप को देशी विदेशी खाना खाने का शौक है तो मजनू का टीला में असली तिब्बती भोजन के स्वाद का ज़ायका ले सकते हैं।

क्या कहा? आपके पास मकलौद्ग़ंज जाने का समय नहीं है? तो चिंता मत कीजिए,  आप के लिए मकलौद्ग़ंज की आबो हवा हमने दिल्ली में ही ढूँढ निकाली है। मजनू का टीला एक छोटी तिब्बती बस्ती है जहाँ एक से बढ़ कर एक असली तिब्बती स्वाद परोसने वाले Veg and nonveg restaurant भरे हुए है। तो अब आप को मकलौद्ग़ंज की आबो-हवा दिल्ली में भी मिल सकती है।

Nearest metro station: Kashmiri gate

Sanjay-Van 




13. अगर आप को adventure places पसंद हैं तो वसंत कुंज के पास संजय वन में आप भूत देखने जा सकते हैं।

यह अनुभव कमज़ोर दिल वाले लोगों के लिए नहीं है। कई लोगों को संजय वन की डरावनी आवाज़ों और अजीबो ग़रीब वातावरण ने खौफ की गर्त में पहुँचाया हुआ है। 

सुरक्षा गार्ड और अन्य लोगों ने यहाँ अतीत में हुई कई ऐसी घटनाओं का ज़िक्र किया है जिन्हें वैज्ञानिक रूप से नहीं समझाया जा सकता है। इसका लुत्फ आप बिल्कुल free में उठा सकते हैं।

Nearest metro station: Qutub minar

C. R. Park 




14. C. R. Park  में कोलकाता का छोटा रूप देखने को मिल जाएगा। 

जैसे मजनू का टीला एक तिब्बती बस्ती है, वैसे ही चित्तरंजन पार्क को बंगाली लोगों घनी आबादी के कारण जाना जाता है। इन बंगाली लोगों की आबादी होने का ही परिणाम है कि C. R. Park में असली बंगाली ज़ायके का मज़ा लिया जा सकता है। यहाँ मनाई जाने वाली दुर्गा पूजा इतनी भव्य होती है कि इससे बड़ा समारोह, अगर आप देखना चाहते हैं तो फिर कोलकाता में ही देखा जा सकता है।

Nearest metro station: Nehru place.

St. John Church 


15. महरौली के सेंट जॉन चर्च में प्रार्थना करें

कितनों को पता है कि दिल्ली में एक इस्लामी प्रतीक चिन्ह के पास में ही एक बहुत सुंदर सा चर्च मौजूद है। सेंट जॉन चर्च काफ़ी लंबे समय से यहाँ स्थित है और दिल्ली के लोग शाम की प्रार्थना इसी चर्च में करना पसंद करते हैं। यह दिल्ली में मौजूद सभी चर्च में से सबसे खूबसूरत चर्च है।

Nearest metro station: Qutub minar 

चलिए चलते-चलते एक ओर बहुत बढ़िया जगह की बात बंता देते हैं।

 The National Rail Museum 



16. The National Rail musium, दिल्ली में स्थित बेहद अलग तरह का और बेहतरीन Museum  है। यह भारत की रेल धरोहर पर ध्यानाकर्षण करता है और 163 साल के इतिहास की झलक प्रस्तुत करता है।  यहां रेल के भिन्न-भिन्न model हैं, जैसे electric, diesel and steam locomotives, etc. रेल से जुड़ी बहुत सी जानकारी मिलेगी। एक छोटे steam engine train में बैठने का आनन्द ले सकते हैं। 
3 D vartual train की सवारी, steam and diesel locomotives simulator, toy train and indoor galary की सुविधा भी प्रदान करता है। 

Simulator में जाकर आपको ऐसा प्रतीत होगा, मानो आप ही locomotive चला रहे हों।

यहां adult का ticket 50 rs. and kids का ticket 10 rs. है।

बच्चों से बड़ों तक सब को इसमें बहुत आनन्द आता है। बल्कि हम तो कहेंगे कि बच्चों के लिए तो यह बहुत ही बेहतरीन Museum है। जहां बहुत सारे मज़े के साथ ही उन्हें रेलवे के विषय में बहुत सारी जानकारी भी मिल जाती है। एक बार वहां जरूर से जाएं। 

Nearest metro station : Dhaula Kuan 

यह सब पढ़कर आप भी मानते हैं ना कि दिल्ली, देश का दिल है...

अगर आप भी ऐसी किसी जगह के विषय में जानते हैं तो comment box में बताएं...

Sunday, 15 January 2023

Poem: उत्तरायण मास

उत्तरायण मास

चम चम चमके

सूर्य देवता 

रोशन करें संसार


उनसे ही तो 

है यह दुनिया 

वो ही है जीवन आधार 


अपनी चमक

 हमको भी दे दो 

सफलता मिले अपार  


आरोग्य रहें

दुनिया में सब ही  

प्रसन्नता रहे हर द्वार


सुख समृद्धि 

मिले सभी को 

संपन्नता बारम्बार  


उत्तरायण मास के

पवित्र दिवस पर

सूर्य देव को सादर नमस्कार 


आप सभी को उत्तरायण मास पर हार्दिक शुभकामनाएं 🌅

सूर्य देव सभी पर अपनी अनुकम्पा बनाएं रखें, सभी जगह सुख समृद्धि और प्रसन्नता रहे 🙏🏻🙏🏻

Friday, 13 January 2023

Story of Life: House number 1303 (भाग-5) अंतिम भाग

House number 1303 (भाग-1) ,

House number 1303 (भाग-2),

House number 1303 (भाग-3) व

House number 1303 (भाग-4) के आगे...

House number 1303 (अंतिम भाग)




सब सही कहते हैं कि वो घर मनहूस है, महा मनहूस.... उसके बाद उसने पलट कर नहीं देखा, बस पकड़ कर सीधे गांव निकल गया।

रमन की बातों से चौकीदार भी थर-थर कांपने लगा और अपने घर को निकल गया...

रमन के जाने के दो दिन बाद, महेश गांव से लौट आया...

महेश गांव से लौटते ही सीधे, रतन से मिलने पहुंचा। वहां उसने देखा, कमरा खुला पड़ा है और रतन वहां नहीं है, कमरे में सामान अस्त-व्यस्त है। बल्ब टूटा हुआ है, साथ ही रतन के सामान और कपड़े भी वहीं पड़े हुए हैं।

उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या, रतन कहां चला गया?

इसी उधेड़बुन में वो building के चौकीदार से टकरा गया।

चौकीदार बोला, अरे! महेश तुम्हारे दोस्त ने कल भूत देखा था और वो यहां से आनन-फानन भाग गया। 

बल्कि वो जैसे बदहवास सा भाग रहा था, उसे देखकर मैं भी डर कर घर जल्दी चला गया। 

अच्छा, यह बात है। मैं आज ही रतन से बात करुंगा, कि भूत - वूत तो कुछ नहीं होता है,  कहकर महेश चला गया।

महेश घर आ रहा था, तो उसे उसका दोस्त कार्तिक बोला, अरे महेश तुम दो दिन से कहां थे?

गांव गया था...

अरे, दो दिन पहले दिल्ली में ऐसा भूकंप आया था कि उसने घर के सामान इधर-उधर कर दिए। 

भूकंप! अच्छा...  चल मैं तुझसे फिर बात करता हूं। 

कहकर वो तेज़ क़दमों से आगे बढ़ गया।

उसने घर पहुंच कर रतन को फोन लगाया। 

रतन ने फोन उठाया और महेश पर बरस पड़ा, खूब दोस्ती निभाई दोस्त, मुझे भूतों के बीच फंसाकर खुद गांव भाग गया...

नहीं रतन तूने मुझे ग़लत समझा, मेरे दादा जी, गुज़र गए थे, इसलिए मुझे आनन-फानन गांव जाना पड़ा। 

ओह! हां, महेश, ऐसे में तो आनन-फानन ही जाना पड़ता है।

पर तू यह बता, तूने कौन से भूत देख लिए? क्या हुआ तेरे साथ, जो तू, अपना सामान तक यहां छोड़कर, कमरा खुला छोड़कर भाग गया?

अरे, तेरा वो महा-मनहूस 1303 वाला घर, जिसमें आगे 13 और पीछे 3, उसमें कल रात वही आए थे, जो वहां रहते हैं।

कौन रहते हैं? क्या पहेली बुझा रहा है? किसे देखा तूने वहां?

अरे भूत और कौन?

तुझे भूत दिखाई पड़े?

भूत कौन से दिखाई देते हैं, जो मुझे दिखते... 

पर, मुझे भगाने के लिए, उनका तांडव जरुर दिखा।

तांडव! कैसा तांडव? 

कल जब मैं सो गया था, तो पहले बल्ब टूटा, फिर सब सामान इधर से उधर सरकने लगे। बिल्ली के रोने की आवाज़ और भी जाने कैसी-कैसी भयानक आवाज़ें थी...

अच्छा अब मेरी बात सुन, पहले तो कोई नम्बर मनहूस नहीं होता है। यह सब वहम है...

दूसरा उस दिन भूकंप और आंधी-तूफान आया था, जिससे तुझे सारा कुछ लगा।, सामान इधर-उधर होना, तेज़ हवा के कारण, अजीबो-गरीब आवाज़, जानवरों को प्राकृतिक अपदा पहले समझ आ जाती है, इसलिए ही बिल्ली के रोने की आवाजें आ रही थी..

भूकंप, आंधी-तूफान...

हां 5 sec. के लिए भूकंप आया था... और उससे सिर्फ उस कमरे के सामान इधर-उधर नहीं हुए, बल्कि ऊपर वाली, जितनी भी मंजिलें थी, सबके सामान हिले थे।

ओह! एक तो हमारे गांव में भूकंप नहीं आता है,और ऐसा तो कभी नहीं आया कि सामान हिल जाए।

भैया माफ कर दो, हम लोगों की बातों में पड़कर, बेकार ही तुम्हारे घर को बदनाम कर दिए।

पर एक बात और बताएं, शहर आकर हमें एक और बात पता चली कि, जीवन को चलाने में जितना संघर्ष गांव में करना पड़ता है, शहर में उससे ज्यादा करना पड़ता है। साथ ही गांव में जो सुकून है, वो शहर में नहीं...

इसलिए हमारा सामान, गांव भिजवा देना, किसी के साथ, हम नहीं आएंगे अब शहर...

गांव में, अपने घर में जो सुख है वो परदेस में नहीं...

रतन की आंखें खुल चुकी थी कि मनहूस कुछ नहीं होता है, साथ ही गांव से और अपने घर से अच्छा कुछ नहीं...

रतन को महेश ने माफ़ कर दिया, और उसका सामान गांव भेज दिया, साथ ही यह भी कहा, तुम भाग्यशाली हो कि अपने गांव लौट गए...

Thursday, 12 January 2023

Story of Life: House number 1303 (भाग-4)

House number 1303 (भाग-1) ,

House number 1303 (भाग-2) व

House number 1303 (भाग-3) के आगे...

House number 1303 (भाग-4) 



आज की रात कुछ ज्यादा ही काली और ठंडी था, सन्नाटा पसरा हुआ था। हाथ को हाथ नहीं सुहा रहा था, जिस कारण हर छोटी से छोटी आवाज़ें भी बहुत तेज सुनाई दे रही थी। 

आवाज़ तेज सुनाई देने का कारण यह भी था कि कमरे की खिड़की ठीक से बंद नहीं होती थी।

सुबह से घर को लेकर इतनी बातें सुन सुनकर, रतन को भी घर अजीब सा लगने लगा था... 

रतन सोने के लिए जाने लगा तो आज, उसने कमरे के, दोनों bulb खोल दिए, एक तार के साथ झूलता हुआ 80 watt का और एक zero watt का night bulb, क्योंकि आज वो तेज़ रोशनी चाह रहा था। 

कहते हैं ना जब मन के अंदर का अंधेरा बहुत डरा रहा हो तो, बाहर की रोशनी बढ़ा देने से डर कुछ हद तक कम हो जाता है।

अभी रतन को झपकी लगी ही थी, कि थोड़ी ही देर में कमरें में रखे हुए सामान, हिलने लगे। झूलता हुआ bulb, बार-बार दीवार से टकरा रहा था, और अंततः टूट गया।

Bulb टूटने की आवाज़ से रतन की नींद टूट गई। कमरे में रोशनी कम हो गई थी।

कमरे में रखे हुए सामान, अभी भी हिल रहे थे, कुछ अब इधर से उधर सरकने भी लगे।

इन सबको देखकर, रतन डरने लगा। तभी एक बिल्ली के रोने की आवाज़ आने लगी।

साथ ही हवा चलने की आवाज़ और खिड़की के बंद खुलने का शोर, सब मिलकर कमरे को बहुत भयावह बना रहे थे। 

रमन के कान में माँ की कही बात और बाकी सबकी बातें गूंजने लगी।

मनहूस... महामनहूस.... 

उसे लगा, उसे महेश की बातों में नहीं आना चाहिए था। उसका डर अब चरम पर पहुंच गया था।

उसने आव देखा ना ताव, वो बदहवास सा घर से निकल भागा...

रास्ते में उसे building का चौकीदारी दिखा, वो रतन को देखकर चिल्लाया, कहाँ भागे जा रहे हो?

रमन भागते भागते हुए ही जोर से चिल्लाया, घर में भूत है, वो सारे सामान इधर से उधर सरकार रहा है। 

सब सही कहते हैं कि वो घर मनहूस है, महा मनहूस.... उसके बाद उसने पलट कर नहीं देखा, बस पकड़ कर सीधे गांव निकल गया।

रमन की बातों से चौकीदार भी थर-थर कांपने लगा और अपने घर को निकल गया...

रमन के जाने के दो दिन बाद, महेश गांव से लौट आया...

आगे पढ़ें House number 1303 (भाग-5) अंतिम भाग में... 

Wednesday, 11 January 2023

Story of Life : House number 1303 (भाग-3)

House number 1303 (भाग-1)

House number 1303 (भाग-2) के आगे..

House number 1303 (भाग-3) 

रतन मन कड़ा कर के रुकने को तैयार हो गया। महेश उसे घर की चाबी सौंपकर चला गया, साथ ही हिदायत दे गया कि यहां रखें कोई भी सामान से छेड़छाड़ ना करे व संभल कर रहे। और किसी चीज़ की ज़रूरत लगे तो बोल दे...

रतन ने घर की सिर्फ इतनी सफाई की, जिसमें उसका  बिस्तर बिछ जाए। बाकी सफाई, अगले दिन करेगा, सोचकर वो सो गया।

अगले दिन रतन ने थोड़ी और सफाई कर ली। 

फिर अपने गांव में फोन करके सबको उसने बता दिया कि उसे एक बड़ी सी बिल्डिंग में घर मिल गया है। उसमें एक कमरा, रसोईघर और बाथरूम है।

माँ ने पूछा, बिल्डिंग में क्यों?

माँ, यहां ऐसे ही मिलते हैं। 

उस समय रतन का दोस्त रोहित भी बैठा था। उसने तुरंत पूछा, कौन से floor, और कौन से number पर?

रतन ने कहा 1303...

1303! 

पहले 13 फिर 3..

हाय! रतन तुझे कोई और घर नहीं मिला, जो तूने, महा मनहूस घर ले लिया। 

1303, घर तो कोई भी नहीं लेता है, ना जाने उसमें कौन भूत चुड़ैल रहते हैं। 

तू घर लेने से पहले नहीं बता सकता था कि यह घर लेने वाला है। 

मां मेरी बात तो सुन...

पर 1303 सुनने के बाद मां का गुस्सा सातवें आसमान पर था। वो रतन की कोई बात नहीं सुनना चाह रही थी।

रतन के बाबूजी बोले, सुन भी ले बेटे की, क्या कहना चाह रहा है।

मां, वो घर मेरे एक दोस्त के पास चौकीदारी के लिए था, उसने मुझसे बिना एक पैसा लिए रहने को दिया है। 

हां हां, ऐसे घर को पैसा देकर लेगा भी कौन?

मां, दिल्ली में घर का किराया भाड़ा बहुत है और मेरे पास पैसे कम।

थोड़ा पैसा, पढ़ाई-लिखाई के लिए भी जोड़ना चाह रहा हूं। कुछ दिनों बाद, जब थोड़े पैसे जोड़ लूंगा तो दूसरा घर ले लूंगा।

फिर बाबूजी बोले, बेटा तू मां की छोड़, तुझे जो ठीक लगे वही कर...

बात ख़त्म होने पर, रतन काम पर जाने को तैयार होने लगा, फिर उसने सोचा कि महेश से मिलते हुआ जाएगा।

यही सोच कर वो महेश के घर की ओर चल दिया। वहां पहुंचने पर उसे महेश के घर पर ताला लटका हुआ दिखा।

उसने आस-पड़ोस से पूछा कि महेश कहां गया?

वो लोग पूछने लगे कि तुम कौन हो और कहां से आए हो।

जी मैं रतन, महेश का दोस्त, यहीं पास के apartment में 1303 घर में रह रहा हूं।

1303!

अच्छा तो महेश ने तुम्हें वहां रहने को राज़ी कर लिया?

हाँ..

तभी तो...

क्या तभी तो?

तभी तो वो, सबको लेकर गांव चला गया..

गांव?... पर क्यों? 

उसे चार साल पहले से इस घर की चौकीदारी मिली थी, जिसके कारण वो अपने गांव नहीं जा पा रहा था। उसने बहुत कोशिश की कि कोई इस घर पर रह जाए, पर 1303 नंबर सुनकर कोई भी free में भी इस घर पर रहने को तैयार नहीं होता था। 

क्यों भला, कोई तैयार नहीं होता था?

भैया, 1303 में कौन रुकना चाहता है? महा मनहूस नंबर है यह तो...

पर अब जब तुम मिल गये हो, तो वो अपना बोरिया बिस्तर बांध कर निकल लिया...

अच्छा, कब तक लौटेगा, वो बता दो...

क्या जाने, कितने दिन में आएगा, पूरे चार साल बाद तो गया है।

भैया, उसका फोन नंबर या उसके गांव का फोन नंबर बता दो। मैं आज उसका नंबर लेने आया था।

अरे भैया, उसके गांव में फोन नहीं लगता है और गांव में सिर्फ इसके पास ही फोन है। 

अरे! तो मैं उससे बात कैसे करुंगा? 

अब वो तो भाई, उसके आने पर ही होगी...

रतन अपने काम पर चला गया, जब वो घर लौटा, रात हो चुकी थी। 

आज की रात कुछ ज्यादा ही काली और ठंडी था, सन्नाटा पसरा हुआ था। हाथ को हाथ नहीं सुहा रहा था, पर आवाज़ें हर चीज़ की बहुत तेज सुनाई दे रही थी। 

सुबह से घर को लेकर इतनी बातें सुन सुनकर, उसे भी घर अजीब सा लगने लगा था...

आगे पढ़ें House number 1303 (भाग-4) में...

Tuesday, 10 January 2023

Story of Life: House number 1303 (भाग-2)

House number 1303 (भाग-1) के आगे...

House number 1303 (भाग-2)


बस फिर क्या था, रतन पहुंच गया दिल्ली और फिर नीरज के घर की ओर चल दिया...  

पूछते पूछते जब रतन, नीरज के सामने पहुंचा तो, दोनों एक-दूसरे को देखकर चौंक गए।

नीरज को तो पता नहीं था कि, रतन गांव से आ रहा है, तो वो वैसे ही था, जैसे रोज़ रहता था। 

फटेसटे कपड़ों में एक आदमी से डांट खाते हुए, एक हाथ में पाॅलिश व दूसरे हाथ में ब्रश पकड़े हुए। वो रतन को सामने देखकर सकपका गया।

नीरज तुम यहां, जूते पॉलिश का काम करते हो? फिर गांव में अपनी झूठी शान बघारने का काम क्यों करते हो?

अरे, मुझे क्या पता था कि एक दिन तुम यहां आ जाओगे, वो भी मुझे बिना बताए, नीरज भुनभुनाते हुए बोला ...

तुम्हारी झूठी बातों के कारण, हम सब शहर को महान, और अपने गांव को निम्न समझकर, गांव छोड़ने को आतुर हो गए हैं।

नीरज ने अपनी आंखें नीचे कर ली।

रतन, नीरज को वहां छोड़कर, अपने लिए, विद्यालय, नौकरी और घर की तलाश में आगे बढ़ गया।

शहर की दर बदर ठोकर खाने के बाद उसे एक दुकान में काम मिल गया। 

काम तो मिल गया, पर पढ़ाई-लिखाई सब छूट गई, क्योंकि उसके पास पढ़ने-लिखने के लिए, ना तो पैसा था और ना ही समय। 

काम तो उसे मिल गया था, पर एक अच्छे घर की तलाश उसकी अभी भी जारी थी।

कुछ दिनों में उसकी दोस्ती महेश से हो गई। महेश दिल्ली में पुराना रहने वाला था और बहुत से लोगों को जानता था। 

उसने एक दिन, रतन से कहा, मैं तुझे एक घर दे सकता हूं। यहीं पास के, apartment में है। एक कमरा, रसोईघर और बाथरूम है उसमें...

Apartment में! अरे, तब तो बहुत मंहगा होगा, क्यों मज़ाक कर रहे हो? मुझ गरीब के पास इतना पैसा कहाँ है? 

अरे, मेरे दोस्त मैं तुमसे पैसा नहीं लूंगा उसका, एक साहब, बहुत दिनों पहले यह घर छोड़ गए हैं और मुझे उसकी रखवाली के लिए छोड़ दिया है। 

घर थोड़ा पुराना है, अगर तुम्हें पसंद आए तो? देख लो...

सुनकर रतन खुश हो गया।दोनों apartment की ओर चल दिए। वो  lift से 13 floor पर पहुंचे। 

पुराना सा घर था, उस पर टूटी-फूटी नम्बर प्लेट लटक रही थी, घर का नंबर 1303 था।  बहुत सारी धूल और जाले थे, उस घर में। बहुत सालों से बंद था तो उससे बदबू भी आ रही थी। खिड़की, दरवाजे के खुलने में बहुत आवाज़ आ रही थी।

सब देखकर घर अजीब सा ही लग रहा था। रतन उसे देखकर सहम गया, वैसे भी वो थोड़ा डरपोक सा लड़का था।

महेश समझ गया कि रतन को घर समझ नहीं आ रहा है, वो डर रहा है। पर वो चाहता था कि रतन घर में रहने को तैयार हो जाए।

उसने रतन को ढांढस बंधाया और कहा कि, मैं यहीं पास की बस्ती में ही रहता हूं, तुम किसी बात की चिंता मत करो। बस्ती में मेरा अपना घर है, बूढ़े मां-बाप है, वो अपना घर छोड़ना नहीं चाहते हैं, और मैं उन्हें, इसलिए मैं यहां नहीं रहता हूं। अगर वैसा ना होता तो मैं खुद यहीं रहता।

यह बहुत भले इंसान का घर था, तुम मुझे भले लगे, इसलिए तुम्हें रहने को दे रहा हूं। तुम्हें रहने की जगह मिल जाएगी और उस भले इंसान के घर की रखवाली हो जाएगी।  

रतन मन कड़ा कर के रुकने को तैयार हो गया। महेश उसे घर की चाबी सौंपकर चला गया, साथ ही हिदायत दे गया कि यहां रखें कोई भी सामान से छेड़छाड़ ना करे व संभल कर रहे। और किसी चीज़ की ज़रूरत लगे तो बोल दे...

आगे पढ़ें House number 1303 (भाग-3) में...

Monday, 9 January 2023

Story of Life: house number 1303

 House number 1303 




रतन, महोबा के नज़दीक के एक गांव में रहता था। बहुत ही सीधा साधा और मासूम सा लड़का था। 

जब उसने बारहवीं कक्षा पास कर ली, तो आगे की पढ़ाई और नौकरी के लिए उसने सोचा कि दिल्ली चला जाए।

माँ- बाबूजी भी तैयार थे, क्योंकि सबको ही यह लगता था कि जीवन तो बड़े शहरों में ही है। गांवों में तो केवल संघर्ष ही है।

और उनकी इस सोच को पुख्ता, उनके दूर के रिश्तेदार नीरज ने बनाया था।

दरअसल वो जब से दिल्ली गया था, बाकी लोगों को यहाँ के सब्जबाग दिखाता रहता था। 

कुछ भी काम टिककर तो वो कर नहीं सकता था, साथ ही कामचोर और आलसी भी था। इसलिए शहर में छोटा-मोटा काम ही कर रहा था, फिर भी, शान बघारने के लिए, हमेशा कहा करता कि बहुत ठाठ बाट का जीवन जी रहा है।

सब सोचते कि जब नीरज जैसे लड़के के इतने ठाठ-बाट हैं तो रतन तो हर बात में नीरज से होशियार है, तब फिर इसके तो कितने ही ठाठ-बाट रहेंगे।

रतन ने दिल्ली आने की तैयारी आरंभ कर दी। बाबूजी बोले, हम भी चलते हैं तुम्हें शहर छोड़ने...

पर रतन ने मना कर दिया, बोला नीरज भैया तो हैं ना वहाँ, अचानक पहुंचकर उन्हें surprise दूंगा और उन्हीं के साथ कालेज, नौकरी और घर सब देख लूंगा।

एक बार घर हो जाए, फिर आप को बुला लूंगा।

बाबूजी मान गए, उन्हें लगा कि वैसे भी किराया भाड़ा हर चीज़ का बहुत ज्यादा है। फिर शहर में अप में कोई ठौर ठिकाना भी नहीं है। पता नहीं नीरज के पास भी कितना जगह है रहने की।

अभी रतन का जाना जरूरी है। ठीक ही कह रहा है रतन, जब वो अपना घर द्वार देख लेगा, तबहिं चले जाएंगे। 

बस फिर क्या था, रतन पहुंच गया दिल्ली और फिर नीरज के घर की ओर चल दिया...

आगे पढ़ें House number 1303 (भाग-2) में...