Saturday, 14 November 2020

Poem : यादों की दीपावली

यादों की दीपावली



चलो यह दीपावली हम,

कुछ अलग सी मनाते हैं।

यादों के दिए

दिल में जलाते हैं।।


चलते हैं इस बरस,

नानी की गली।

मामी, स्वादिष्ट खस्तों से,

सजी थाली लें खड़ी।

मामा, बड़ी सी पारात में,

चकरी जो चलाते।

जिसे देखकर हम बच्चे,

कितने खुश हो जाते।।


चलो यह दीपावली हम,

कुछ अलग सी मनाते हैं।

यादों के दिए

दिल में जलाते हैं।।


चलते हैं इस बरस,

दादी की गली।

चाची के गुलाबजामुन में,

मिठास है बड़ी।

चाचा, राॅकेट जो चलाते,

आसमां की सैर हम,

बच्चे भी कर आते।।


चलो यह दीपावली हम,

कुछ अलग सी मनाते हैं।

यादों के दिए

दिल में जलाते हैं।।


चलते हैं इस बरस,

मायके की गली।

मम्मी के नरम दहीबड़े,

का स्वाद भूलता ही नहीं।

पापा देते पैसे,

हम बच्चे उनसे,

पटाखे की सारी दुकान,

ही घर ले आते।।


चलो यह दीपावली हम,

कुछ अलग सी मनाते हैं।

यादों के दिए

दिल में जलाते हैं।।


हमारे बचपन के दिन,

लगते थे कितने अच्छे।

जहाँ अपने थे, सपने थे,

मिठास थी, उल्लास था।

हर साल हमें दीपावली का,

बेसब्री से इंतजार था।

मिठाई, पकवान, पटाखे,

दिखते थे हर ओर।

बच्चों की मस्ती का,

शोर चहूं ओर।।


तब क्यों बच्चों की,

मस्ती के पर कतरते, 

जाते हैं?

क्यों, आखिर क्यों,

दीपावली में ही,

पटाखों पर बैन लगाते हैं?

क्यों उनके जीवन से,

मीठी यादों की सौगात,

चुराते हैं?


अरे, घूमने दो उन्हें भी,

चकरी के संग।

आसमां की सैर,

करने दो राॅकेट के संग।

अनार से निकलती,

रोशनी से वो नहा लें।

फूलझड़ी के,

फूल संग वो भी,

झिलमिला लें।

कुछ देर तक तो

दीपावली, पटाखों संग

मना लें।

जी लें अपना बचपन,

मस्तियों से भरा।

एक बार जो बड़े,

हो गये तो।

दूर तलक जीवन में,

फिर वो मस्तियाँ कहाँ।।


चलो यह दीपावली हम,

कुछ अलग सी मनाते हैं।

यादों के दिए

दिल में जलाते हैं।।


आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻🕉️🎉🎆



माँ लक्ष्मी जी व प्रभू श्री गणेश जी की कृपा सदैव हम सब पर बनी रहे 🙏🏻🙏🏻

कविता को पढ़कर व सुनकर आनन्द लें।