Sunday, 6 August 2023

Poem : तू मेरा दोस्त बन जा

तू मेरा दोस्त बन जा


याद दोस्तों की आती है

पर सब हैं मसरूफ़ इतने

कोशिश कर लो, कितनी भी

वो महफ़िल जम नहीं पाती है


ऐ अक्स मेरे, 

तू मेरा दोस्त बन जा

जब मेरा दिल दुःखे

तब तू मुझे मना


वो दिल दुखा हो दुःख में

या दुखा हो उदासी में

चाहे दुखे तन्हाई से

या मदहोशी में

ए अक्स मेरे

तू मेरा दोस्त बन जा


तू साथ दे मेरा

 सफलता में

पर साथ छोड़ ना दे

 असफलता में 

जब हूं खुश तो

 साथ कहकहे लगा

दुःखी होने पर

 साथ मायूस हो जा


ऐ अक्स मेरे 

तू मेरा दोस्त बन जा


तितलियों सा उड़ेंगे 

ऊंचे गगन में 

पतंग सा झूमेंगे

लहराती पवन में 

कभी पानी की 

चंचल बूंदों से खेलेंगे 

कभी चांद की चांदनी को 

बाहों में ले लेंगे

उन लम्हों में दोस्तों को 

याद कर लेंगे

यह पल मसरूफ़ियत के 

कभी तो ढलेंगे

कभी तो हम फिर से मिलेंगे


उस इंतज़ार के खत्म होने तक

ऐ अक्स मेरे,  

तू मेरा दोस्त बन जा

करते थे जो साथ दोस्तों के

वो लम्हे अब तू मेरे साथ बिता   

ऐ अक्स मेरे 

तू मेरा दोस्त बन जा...




Happy Friendship Day to all of you 💕💐🕺