Thursday, 28 April 2022

Article : हर प्रदेश चाहे, योगी सरकार

 हर प्रदेश चाहे, योगी सरकार... 




अभी कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश में चुनाव हुए, जिसमें भारी मतों से (बीजेपी) भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की, और उत्तर प्रदेश में एक बार पुनः योगी आदित्यनाथ जी, मुख्यमंत्री के रूप में चयनित हुए।

योगी जी, जब पहली बार उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री बने थे, उस समय जीत का सारा श्रेय मोदी जी का था। लेकिन इस बार के चुनाव के परिणाम, उनके द्वारा किए गए कार्यों के आंकलन पर भी होने थे। अर्थात् इस बार, योगी जी के मुख्यमंत्री बनने में, मोदी जी के साथ ही योगी जी के द्वारा किए गए कार्यों को भी, हार-जीत की कसौटी में कसा जाना था।

लोगों ने उनके द्वारा किए गए कार्यों को पूरे मन से सराहा और उन्हें शानदार जीत का तोहफा दिया।

आज तक चुनाव को जीतने के लिए बहुत से मुद्दे रखे जाते थे। पर law and order को कभी चुनाव का मुद्दा नहीं बनाया जाता था। शायद इसीलिए कि आज तक कभी भी किसी भी नेता ने इतनी सख्ती और ईमानदारी से law and order संभाला ही नहीं था।

सख्ती इतनी, कि एक से बढ़कर एक गैंगस्टर की भी इतनी हिम्मत नहीं है, कि वो योगी जी के कार्यकाल में कोई ग़लत काम करने की सोच भी सके। उनके बुलडोजर से सब डरते हैं और दबदबा तो इतना कि उनका नाम ही बुलडोजर बाबा रख दिया गया है।

और ईमानदारी इतनी, कि कोई भी जाति, धर्म, ऊंच, नीच, अमीर-गरीब के साथ न्याय में कोई भेद भाव नहीं है। 

चुनाव होने से पहले किसान आंदोलन, चुनाव के दौरान, हिजाब पहनने का एजेंडा और अब लाउडस्पीकर का कांड।

एक के बाद एक समस्या सामने आ कर खड़ी होती रही।

बहुत से प्रदेशों में हिजाब पहनने और लाउडस्पीकर के विवादों पर ना जाने कितनी हिंसा, तोड़-फोड़ कर दी गई। हिन्दू मुस्लिम के दंगे भड़क गए। लोगों पर अत्याचार हुए, कुछ लोग लापता भी हो गये।

पर इसकी तुलना अगर उत्तर प्रदेश से की जाए, तो आप पाएंगे कि, हिजाब का मुद्दा तो कब सुलझ गया, पता ही नहीं चला।

और जो लाउडस्पीकर का मुद्दा था, वो इतने सौहार्द्रपूर्ण तरीके से भी सुलझ सकता है, कोई सोच भी नहीं सकता था।

पर इस मुद्दे को भी योगी जी ने सुलझा दिया है, बिना किसी हिंसा के, बिना किसी ज़ोर जबरदस्ती के।

पर यह हुआ कैसे?

क्योंकि जब योगी जी ने उत्तर प्रदेश में इस समस्या को सुलझाने वाली बात कही और कहा कि High court के नियम के अनुसार, हर किसी को लाउडस्पीकर उतारने होंगे, फिर वो मस्जिद हों, मंदिर हों या मठ हों । और जो लाउडस्पीकर लगे रहेंगे, उससे भी आने वाली आवाज़, इतनी धीमी होनी चाहिए कि वो परिसर के बाहर नहीं जाए।

और आप को पता है कि, किस मठ के लाउडस्पीकर सबसे पहले उतारे गए? कोई और नहीं, उनके खुद का गोरखपुर का मठ, जहाँ के वो मठाधीश हैं। और जो लाउडस्पीकर लगे हैं, उनकी आवाज़, 45 decibels से भी कम कर दी गई है, साथ ही उन लाउडस्पीकर का face, जो कि बाहर की तरफ था, उसे मंदिरों की तरफ कर दिया गया है, जिससे, उनकी आवाज़ सिर्फ परिसर में ही सुनाई दे रही है। 

जब सत्ता में आसीन ताकत, अपने होने का वर्चस्व नहीं दिखाती है, बल्कि ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा से काम करती है, तो जनता भी उसका साथ देने में तत्परता से लग जाती है।

दूसरा लाउडस्पीकर उतरा, गोरखपुर की सबसे बड़ी मस्जिद से जो कि मठ के नज़दीक ही है। पर उस मस्जिद से लाउडस्पीकर उतारने के लिए, ना तो हिंसा करनी पड़ी, ना ही ज़ोर जबरदस्ती करनी पड़ी। उन्होंने स्वतः ही कानून के दायरे को अपना लिया। इसके बाद पूरे उत्तर प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों में स्वतः लाउडस्पीकर के नियम का पालन किया गया। 

उत्तर प्रदेश में सभी धार्मिक स्थलों के मिलाकर, लगभग 22,000 लाउडस्पीकर उतारे गए और 35,000 लाउडस्पीकर की आवाज़ कम की गई।

आप ने देखा, किस तरह प्रेम और सौहार्द्र से पूरे प्रदेश में law and order को follow किया गया। कहीं कोई मतभेद नहीं, कोई भेदभाव नहीं, कहीं कोई हिंसा नहीं, कहीं कोई पथराव नहीं, किसी को जेल में भर्ती भी नहीं किया गया।  

वहीं, राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली हिंसा की आग में जल रहे हैं, क्योंकि वहाँ एक तरफा कार्यवाही हो रही है। रामनवमी और हनुमान जन्मोत्सव पर रैली पर पथराव, हिंसा, मंदिरों और हिन्दूओं के घरों का खंडन किया जा रहा है। 

शायद जिन्होंने अपने निजी स्वार्थों के चलते योगी जी को वोट नहीं दिया था, उन्हें भी लगा हो, कि अच्छा हुआ कि योगी जी की ही सरकार बनी है, और वह भी आगे से अपनी भूल को सुधारते हुए, हमेशा योगी जी को दी वोट दें।

योगी जी, law and order के साथ ही, अमृत सरोवर, पर्यटन व परिवहन विभाग, सड़क यातायात व्यवस्था, रोजगार के अवसर, संस्कृति और विरासत का विकास व प्रदेश के आधुनिकीकरण पर भी विशेष ध्यान दें रहे हैं।

योगी जी हों साथ, तो सुरक्षा और विकास एक साथ...

वो दिन दूर नहीं, जब उत्तर प्रदेश का नाम भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदेश में लिया जाएगा।

कभी जो प्रदेश, सबसे अधिक गुंडागर्दी के लिए मशहूर था, वो आज law and order के नाम पर प्रसिद्धी प्राप्त कर रहा है।

अब आप खुद सोच लीजिए कि क्यों हर प्रदेश चाहे योगी सरकार…

Wednesday, 27 April 2022

Short Story: वरदान या श्राप

 वरदान या श्राप



एक बार की बात है कि तीन मित्र थे। वे चाहते थे कि उन्हें ज़्यादा मेहनत ना करनी पड़े, पर उन्हें सभी सुख-समृद्धि मिल जाए। 

एक दिन उनकी मुलाकात एक महात्मा से हुई। उन्होंने उन तीनों को कहा, ईश्वर से सर्वशक्तिशाली कोई नहीं है। अगर तुम लोग, पूरी आस्था और लगन से तपस्या करो और ईश्वर को खुश कर सको, तो तुम लोगों की मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होगी।

तीनों तपस्या में लीन हो गए। चंद महीनों की तपस्या के पश्चात, ईश्वर प्रसन्न हुए।

उन्होंने तीनों से कहा, मेरे पास तीन वरदान हैं, जिसको जो लेना हो, ले लो।

पहला - चारों तरफ बढ़िया खाना, खूब सारे लोग और सब लोग, चाह रहे हों कि तुम‌ उनके पास रहो।

दूसरा - बढ़िया आलीशान कमरा, जिसमें पूरे time, AC चलता रहे और खूब सारे आदमी-औरत तुम्हारी सेवा करें।

तीसरा - तुम्हारे चारों ओर, सोना-चांदी, हीरे-जवाहरात हों।

पहला बहुत चटोरा था, उसने सोचा, खूब सारा खाना पीना और सब चाहें कि वो ही सब के पास रहे। मतलब खाना-पीना और शोहरत, यही तो चाहिए थी उसे। उसने झट बढ़िया खाना रहे, वो वरदान मांग लिया।

दूसरा बहुत आलसी था, उसने सोचा, दिनभर आराम और आदमी-औरत उसकी सेवा करें। उसकी, ऐसी ही ज़िंदगी की कामना थी। उसने झट दूसरा वरदान ले लिया।

तीसरा बहुत लोभी था, उसने सोचा कि यह दोनों मूर्ख हैं, जिसके पास सोना-चांदी, हीरे-जवाहरात सब हों, उसे किस बात की कमी? अच्छा हुआ, दोनों ने अपने-अपने दुर्गुणों के कारण, असली चीज़ नहीं मांगी और उसने खुशी-खुशी तीसरा वरदान ले लिया। 

ईश्वर ने कहा, आज से ठीक चार दिन बाद, तुम लोगों की इच्छा पूरी हो जाएगी।

चौथे दिन, पहले मित्र को एक बड़े होटल में वेटर की नौकरी लग गई। उसके हर तरफ खाना-पीना था, खूब सारे लोग उसके चारों तरफ थे। सब उसे आवाज़ दे रहे थे और चाहते थे कि, सबसे पहले वो उनके पास आए।

काम बहुत ज़्यादा था, वो चक्करघिन्नी बना घूमता रहता, पर काम खत्म नहीं होता। उसे अपने खाना खाने का समय भी नहीं मिलता।

दूसरे मित्र का बहुत बड़ा accident हो गया, वो ICU में भर्ती हो गया। दिन भर बिस्तर पर लेटा रहता, पूरे time AC चलता और खूब सारे आदमी-औरत उसकी सेवा करते।

तीसरे मित्र को एक बहुत पुरानी बड़ी सी गुफा मिली, जहाँ सोना चांदी, हीरे जवाहरात सब थे। उसमें घुस तो वो गया, पर उससे बाहर निकलने का रास्ता उसे दिखाई नहीं दे रहा था। 

वहाँ, उसके अलावा कोई नहीं था, खाना-पीना भी नहीं था।

कुछ दिन पश्चात तीनों ही मृत्यु को प्राप्त हुए। तीनों ईश्वर के पास गए और बोले कि हे ईश्वर, यह कैसा वरदान था?

ईश्वर बोले, जब भी तुम चटोरे, आलसी और लोभी बनकर कोई भी कामना करोगे। वरदान, श्राप में ही बदल जाएगा।

जब भी परिश्रम, लगन और निष्ठा से काम करोगे, तभी तुम्हें सुख समृद्धि और प्रसिद्धी का वरदान मिलेगा।

इन सब को पाने का कोई shortcut नहीं है। जिसकी intention गलत होती है, उसके लिए वरदान भी श्राप बन जाता है...

Monday, 25 April 2022

Article : COVID, कितना डर, कितनी सच्चाई

 COVID, कितना डर, कितनी सच्चाई 




यह जो जिंदगी है, इसमें ना जाने कितने उतार- चढ़ाव देखने को मिलते हैं। कभी सुख तो कभी दुःख, कभी कठिनाई, कभी परेशानियांँ, कभी सफलताएं, कभी असफलताएं। पर यह है, तभी तो जीवन है। 

जब सुख में खुशी है तो दुःख से डरना क्या?

जी हाँ, नहीं डरना है, क्योंकि मंज़िल डरने से नहीं, आगे बढ़ने से मिलती है।

जीवन की एक ऐसी ही सच्चाई बन गया है कोरोना...

कोरोना, एक ऐसी सच्चाई है, जिसके होने से रोना-धोना नहीं है बल्कि दृढ़ता से उसका सामना करना चाहिए।

ऐसा नहीं है कि यह बात पीर पराई पर लिख रहे हैं। आप बीती पर लिख रहे हैं।  

हम लोग, पिछले ढाई साल से लगातार, सारे corona protocol, follow कर रहे हैं। Means, सामानों को 10 दिन, quarantine करना, social distancing रखना, means कहीं, किसी भी जगह unnecessary आना-जाना नहीं करना। जहाँ जाना ज़रूरी है, जैसे office, market, hospital etc. तो mask पहनकर निकलना, sanitizer use करना, घर आते से ही सबसे पहले shower लेना, सबके vaccination है, etc.

अभी कुछ दिन पहले‌ बेटे Advay का school खुल गया। वो 10 साल का है, इसलिए उसके vaccination नहीं हुआ है। 

बहुत से बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें cold, cough, fever, diarrhea, nausea, vomiting tendency etc. है, फिर भी school आ रहे हैं।

School में Advay दिन भर mask लगाता है, पर बहुत से बच्चे, दिन भर mask नहीं लगा रहे हैं। और parents उनके mask नहीं लगाने का support भी कर रहे हैं। 

शायद, यह 2 साल schools के online का after effects है कि कुछ parents को बच्चों की safety की कोई चिंता नहीं है। वो चाहते हैं कि बच्चा कुछ देर स्कूल में रहे और उन्हें शांति मिले।

और लोगों की लापरवाही से, फंस मेरा बेटा गया और उसे fever and cough हो गया।

उसके बाद हमें और बेटी को भी fever and cough हो गया।

Doctor को दिखाया, तो वो बोले कि दिल्ली में आजकल corona के case बहुत बढ़ गये हैं, और उनके भी symptoms URTI ही है। अगर आप कहें तो आप को RT PCR test लिख दें।

2 minute के लिए सोचा, कराएं कि नहीं?

फिर अगले ही पल सोचा कि अगर नहीं है तो डरना क्या? और अगर है, तो भी डरना क्या? सही diagnosis and treatment must है। और हमने test करा लिया।

Test positive आया!

जब test positive आ गया, तो हमें सोचना था कि हम इसे सबको बताएं या चुपचाप रहें। पर हमारे ज़मीर ने हमें इसकी इजाज़त नहीं दी कि हम चुप रहें और सब काम यथावत जारी रखें। और बाकी सब को हमारे कारण corona हो जाए।

मेरे पति ने, अपने office में, मेरे और बेटी की positive report के बारे में बता दिया, हमने बेटे के school में और maid को भी बता दिया।

उसके बाद हम लोग home quarantine हो गये। 

जितनी problem, हम लोगों को health regarding नहीं आयी, उससे ज्यादा home quarantine में आयी।

पर सोच लिया था कि एक responsible citizen behaviour रखेंगे, तो वही किया और सच मानिए, problem तो ज़रूर हुई पर मन में जो सुकून था कि हम से कोई और बीमार नहीं होगा, वो बहुत value रखता है।

आज-कल कहा जा रहा है कि corona अब mild हो गया है। पर ऐसा नहीं है, corona पहले भी mild था और आज भी mild है, पर सिर्फ उन लोगों के लिए जो पहले से पूर्णतया स्वस्थ हैं।

लेकिन जो पहले से ही किसी भी तरह की बीमारी से ग्रस्त हैं, जैसे high blood pressure, diabetes, heart problems, low haemoglobin, lungs problem or any such types of problems, उनके लिए corona कल भी धातक था और आज भी है। 

अगर आप, corona के पहले healthy हैं तो आप को सिर्फ fever and cough ही होगा, जो कि 2 से 3 दिन में ठीक भी हो जाएगा।

पर अगर आप पहले से ही किसी problem को face कर रहे हैं, जैसे BP, diabetes, low haemoglobin, lungs or heart problems etc. तो आप को fever and cough के साथ, weakness, dizziness, body ache, smell or taste का जाना, सांस फूलना etc. जैसी problem भी हो सकती है।

पर ऐसा नहीं है कि, जिन्हें इस तरह की problem है, उनका कोई treatment नहीं है, उनका भी treatment है, वो भी ठीक हो जाएंगे, बस उन्हें time थोड़ा ज़्यादा लगेगा। बशर्ते उनका सही diagnosis सही time से हो।

अब हम आपसे जो कहने जा रहे हैं, वो सबसे important है। जब भी आपको corona के symptoms लगें, जैसे cold, cough, fever, diarrhea, nausea, vomiting tendency, smell ना आना etc. तो RT PCR test ज़रुर कराएं, coz COVID positive होने से mild or severe नहीं होता है। वो healthy and unhealthy body पर depend करता है। पर अगर diagnosis सही नहीं होगा तो treatment सही कैसे होगा।

और आप सभी से यह अनुरोध भी है कि corona positive होने पर quarantine भी अवश्य रहें।

क्योंकि corona से पूरी तरह से निजात तभी मिलेगा, जब हम डरें नहीं बल्कि सच्चाई का डटकर मुकाबला करें। सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए भी सोचें।

दूसरों के लिए सोचना, panic होना नहीं है, I repeat - जब हम कोरोना से डरेंगे नहीं, सच्चाई का डटकर सामना करेंगे। सारे protocol follow करेंगे। Symptoms होने पर test कराएं और positive होने पर quarantine हों। तभी सच में कोरोनामुक्त होगा India.

अपने लिए नहीं तो, अपने बच्चों के लिए ही सही, COVID, से डरें नहीं, बल्कि सच्चाई से उसका सामना करें।

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

Friday, 22 April 2022

Story of Life : सच्चा सोना (भाग -3)

 सच्चा सोना (भाग - 1) और

च्चा सोना (भाग -2) के आगे...

सच्चा सोना (भाग -3) अंतिम भाग



रितेश सब लेकर अपनी माँ‌ के पास पहुंँचा। माँ की आंखें इतना सोना देखकर फटी की फटी रह गई, वो बोली बेटा, हमारे दुःख के दिन बीत गए हैं। तुझे देवता पुरुष मिला था जा उसी के पास जा, वह तुझे अच्छा काम देगा।

 अगले दिन रितेश रतन सिंह के पास पहुंचा।

आओ आओ, रितेश मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था।

रितेश ने रतन सिंह को धन्यवाद दिया और बोला, मेरी मां ने कहा है कि मैं आपसे काम मांगू पर मैं आपके यहाँ, काम करने से पहले आपकी आपबीती सुनना चाहता हूँ।

 क्या आप मेरी यह विनती स्वीकार करेंगे?

रतन सिंह हंस कर बोला, बिल्कुल, तुम्हें पूरा अधिकार है, तुमने मेरे जीवन को बचाया था।

बात तब की है, जब मैं भी तुम्हारी तरह गरीब, सीधा-साधा, कर्मठ व्यक्ति था।

एक दिन मैं काम की तलाश में निकला था, तो मुझे एक बड़े से घर से एक व्यक्ति निकलता हुआ दिखाई दिया।

वो व्यक्ति, घर से निकलकर थोड़ी दूर गया और एक जगह रुक गया और वहीं जमीन पर बैठ गया।

मैं उसके नजदीक गया तो देखा कि वो तो हमारे गांव के महेंद्र सिंह सुनार हैं। 

वो बहुत थके और बीमार लग रहे थे।

मैंने उनसे पूछा कि क्या मैं आपकी कोई मदद कर सकता हूँ?

तो उन्होंने कहा कि, मुझे एक सच्चे और ईमानदार इंसान की तलाश है, जो उनके सोने के व्यापार को अच्छे से चला सके। जिससे वो आगे का जीवन सुख से बिता सकें।

मैं, काम की तलाश में था, मैंने कहा, आप मुझे आज़मा सकते हैं।

सेठ जी खुश हो गये, उन्होंने मुझे अपने यहाँ रख लिया। मैंने भी पूरी मेहनत और ईमानदारी से उनका काम सम्भाल दिया। साथ ही उनकी खूब सेवा की, जिससे वो पूर्णतः स्वस्थ भी हो गये।

मैं खूब जतन से सोने का व्यापार चलाता और सेठ जी चैन से सोते। सेठ जी और मैं दोनों खुश रहने लगे। 

कुछ साल बाद सुख पूर्वक दिन व्यतीत कर के सेठ जी स्वर्ग सिधार गए और फिर मुझे व्यापार का मालिक बना दिया गया।

मैंने दिन-रात मेहनत कर के सोने के व्यापार को चार गुना बढ़ा दिया। पर इस कारण से मेरा सुख-चैन, नींद सब कहाँ चला गया, मुझे पता ही नहीं चला।

बस मुझे इसी बात की धुन रहती कि थोड़ा और सोना इकठ्ठा हो जाए।

इससे मेरी तबियत ख़राब रहने लगी। 

उस दिन भी मैं एक जगह से सोना लेने के लिए ही निकला था, वो जगह पास ही थी, अतः मैं पैदल ही निकल गया था। पर मेरी तबियत ख़राब होने के कारण मैं, भटक गया था और किस रास्ते आ गया था, मुझे नहीं पता।

और तब तुम मुझे मिले, तुमने खाने के लिए, मुझे रुखी-सूखी रोटी, आलू-प्याज नमक मिर्च, और पीने के लिए कुंए का ठंडा पानी दिया। उसके बाद मैं शाम तक सोता रहा।

उस दिन मैंने समझा, कि सच्चा सोना, बहुत सारा gold नहीं है, बल्कि भूख मिटाने वाला भोजन, और चैन से सोना (नींद) ही है।

जो मैंने महेंद्र सिंह जी को दी थी, जिसके बदले वो मुझे अपना सोने का व्यापार दे गये।

यह है, मेरी आप बीती। रितेश क्या तुम मेरे साथ काम कर के, मुझे सच्चा सोना ( चैन की नींद) दे सकते हो?

रितेश बोला, दे तो सकता हूँ, पर अगर आप यह ना सोचो कि मैं भी आपकी तरह सोना बढ़ाने में अपना सच्चा सोना (भरपूर नींद) खो दूंगा।

मुझे अपनी नींद से बढ़कर कुछ नहीं चाहिए। वो भी तब तो मैं बिल्कुल नहीं छोड़ूंगा, जबकि मैं जान चुका हूँ कि सच्चा सोना (चैन की नींद) ही है।

रतन सिंह, जोर से हंसा और बोला, भाई जो गलती मैंने की थी, मैं नहीं चाहता हूँ कि कोई भी और व्यक्ति करें। हमें जीवन उपयोगी धन अवश्य अर्जित करना चाहिए। पर अपनी कभी नहीं खत्म होने वाली इच्छाओं को इतना नहीं बढ़ाना चाहिए कि उसको पूरा करने में जीवन के सच्चे सोने (चैन की नींद) को ही खो दें।

मुझे बस एक सहायक चाहिए, जिसके साथ मिलकर मैं अपना अब तक का जितना व्यापार है, उसे सुचारू रूप से चला सकूं। साथ ही किसी एक को सक्षम भी बना सकूं। 

और उसके लिए, मुझे तुम उपयुक्त इंसान लगे। अगर तुम चाहो? रितेश ने खुशी-खुशी हामी भर दी।

उसके बाद रतन सिंह और रितेश दोनों को हमेशा के लिए सच्चा सोना (चैन की नींद) मिल गया था।

Thursday, 21 April 2022

Story of Life : सच्चा सोना (भाग -2)

सच्चा सोना (भाग - 1) के आगे...

सच्चा सोना (भाग -2)


रतन खाना, खाकर संतुष्ट हो गया, आज उसे रुखी-सूखी रोटी भी बहुत स्वादिष्ट लग रहीo थी।

उसने रितेश से कहा, मैं कुछ देर सोना चाहता हूँ, क्या मैं जब तक यहांँ सो रहा हूँ। तुम यहाँ खड़े रहोगे?

रितेश, हकलाता हुआ सा बोला, जी.. जी...

रतन बोला, तुम परेशान ना हो, मुझे पता है तुम काम के लिए निकले हो, मैं तुम्हें आज का पूरा मेहनताना दूंगा।

रितेश, ने सोचा, जब मेहनताना मिलना ही है, तो कहीं और क्या जाना। कितने देर सोएगा? 1 से 2 घंटा...

भला आदमी घड़ी दो घड़ी आराम कर लेगा, तो चंगा हो जाएगा। उसमें मेरा क्या बिगाड़ जाएगा। वो राजी हो गया। 

रतन, पेड़ के नीचे ही, गहरी नींद में सो गया...

सुबह से दोपहर, दोपहर से शाम हो गई और रतन सिंह सोता ही रहा, रितेश का सब्र जवाब देने लगा।

अरे... यह तो उठ ही नहीं रहा। शाम हो चुकी है, भूख भी लग रही है और मांँ भी इंतजार कर रही होंगी, इसे उठा देता हूँ। यह सोचते हुए, रितेश ने रतन सिंह को उठाने के लिए, उसे जोर से आवाज दी।

अरे, रतन सिंह जी, उठिए, सुबह से शाम हो चुकी है और आप सोकर नहीं उठे...

रतन सिंह, आंख मलते हुए बोला, शायद थोड़ा ज्यादा ही सो गया?

ज्यादा?.. सुबह से शाम हो गई है, मैंने आधा पेट खाना खाया था, तो मुझे भूख भी लग रही है और मेरी माँ इंतजार भी कर रही होंगी... रितेश सब-कुछ एक सांस में बोल गया।

माफ़ करना भाई, कहते हुए उसने, अपनी दो सोने की अंगूठियाँ, एक सोने का और एक हीरे का हार, रितेश को दे दिया। 

यह किस लिए, सेठ जी... रितेश के मुंह से अनायास ही निकल गया।

मैंने कहा था ना कि मेहनताना दूंगा...

इतना क्यों, ऐसा भी मैंने क्या किया है?

तुमने मेरी जान बचाई, मुझे खाना दिया और एक अनमोल सी मीठी नींद... उसी सब के लिए।

नहीं सेठ जी, मुझ गरीब का मज़ाक ना उड़ाएं, मुझे दिन भर का मेहनताना 150 रुपए दे दीजिए।

खाने-पीने, सोने का कोई मोल होता है क्या? और जान तो ऊपर वाला बचाता है, हम और आप उसके आगे क्या हैं।

हाँ, पूरे समय आप की चौकीदारी में गुजर गया, तो काम पर नहीं जा पाया। तो घर जाकर माँ के हाथ में क्या दूंगा।

इसलिए दिनभर की मजदूरी मांग रहा हूँ, बस वही दे दीजिए।

अरे भाई, वही दे रहा हूँ। मैं एक दिन में इतना ही कमा लेता हूँ। जो अनमोल है, उसके लिए तो मैं तुम्हारी ज़िंदगी भर ऋणी रहूंगा। 

जब तुम्हें काम की जरूरत हो आ जाना। हमेशा तुम्हारी राह देखूंगा। यह कहते हुए रतन सिंह रितेश को सब पकड़ाते हुए आगे बढ़ गया।

अरे, सेठ जी अपनी आपबीती तो सुनाते जाओ...

जब मिलोगे, तब सुनाऊंगा.... कहते हुए रतन सिंह आगे बढ़ता गया...

क्या थी रतन सिंह की आपबीती? क्या रितेश, रतन सिंह के पास जाएगा?

जानिए के लिए पढ़ें, सच्चा सोना (भाग -3) में....

Wednesday, 20 April 2022

Stories of Life : सच्चा सोना

 सच्चा सोना

रितेश, बहुत ही सीधा, सच्चा, कर्मठ व्यक्ति था। 

हमेशा की तरह वो काम की तलाश में घर से निकला था। उसकी माँ रीता ने उसके खाने के लिए, 8 रोटी, 2 उबले आलू, नमक, मिर्च और प्याज रख दिए थे।

अभी रितेश, गांव से बाहर की ओर निकला ही था, कि उसने देखा एक आदमी उसकी तरफ लहराता हुआ सा चला आ रहा था।

रितेश ने उसे संभालने की कोशिश की, पर तब तक वो उसकी बाहों में बेसुध होकर झूल गया।

रितेश उसे पेड़ की छांव में लिटा कर, अपना खाने का सामान उसके पास रखकर, लोटा लेकर पानी की तलाश में निकल गया।

पास ही कुंआ दिखाई दे गया। रितेश ने लोटे में ठंडा पानी भरा और उस अजनबी के पास आ गया।

उसने अजनबी के मुंह में पानी के छोटे-छोटे छींटें मारे। थोड़ी देर में वो अजनबी अपनी मुर्छित अवस्था से जाग उठा। 

क्या हुआ भाई? कौन हो तुम? रितेश ने अजनबी से जानना चाहा...

वो बोला मैं, सुनार रतन सिंह हूँ।

सुनार! और ऐसी अवस्था में?

हाँ? रतन ने धीरे से कहा..

मगर कैसे? रितेश अचरज में पड़ कर बोला...

वो मैं बाद में बताऊंगा, पहले यह बताओ, तुम्हें, मेरे पास इतना सारा सोना देखकर लालच नहीं आया?रतन ने प्रश्न भरी नजरों से देखा...

सोना! यह बोलकर, रितेश ने, रतन को देखा...

रतन की दस ऊंगली में से 6 ऊंगली में सोने की अंगूठियाँ थी। कान में सोने के कुंडल और गले में एक हीरे का हार, 2 सोने के हार और एक मोती का हार भी था। वेशभूषा भी बहुत कीमती थी।

रितेश बोला, जब तुम, मेरी बाहों में आकर मुर्छित हो गये थे। तो मेरा ध्यान, तुम से ज्यादा तुम्हारी अवस्था पर था। मैं तुम्हें पुनः ठीक करने का प्रयास कर रहा था।

वैसे, मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुम किस श्रेणी के हो, कोई गरीब भी होता, तो भी मैं सहायता अवश्य करता।

अगर तुम्हें भूख लगी हो तो मेरे पास आठ रोटी, आलू-प्याज, नमक, मिर्च हैं। हम दोनो लोग मिल बांट कर खा सकते हैं। 

पर अगर तुम रूखी सूखी रोटी खा सको तो।

रतन सिंह भूख से तड़प रहा था, उसने खाना देने के लिए, हामी भर दी।

रतन सिंह, एक सफल सुनार था, फिर उसकी यह हालत क्यों हुई, जानने के लिए पढ़ें... सच्चा सोना (भाग - 2) में...

Monday, 18 April 2022

About Shades of Life : 4th anniversary of Shades of Life

4th anniversary of Shades of Life


 4 years!! It has been 4 years since my daughter had created this blog for me.

Thanks to all of you, reminiscing these years feels like it has been just 4 days... 


These 4 years, witnessed a lot... From great things and incidents to the pandemic - a LOT!

But it's completely upto us on which emotions do we soak into ourselves.

Shades of Life has always tried to accompany you through all the ups and downs.

Inspite the sine-wave like years, it tried to encompass various different shades of life — be it rejoicing the bliss, or be it standing together through gloom; be it celebrating the festives with pomp n' vigour, or be it getting immersed into devotion and the One; be it entertaining ourselves in the lockdowns, or be it cooking from the limited kitchen items in the pandemic... We have sailed through them – successfully – and will continue to do so.

And that's why, the medium connecting us is called Shades of Life.

In these past years, various different shades kept on joining the pallete, and currently this pallete of 49 (and counting...) consists of:




Slices of life woven into stories

Stories of Life

Embracing different cuisines

Recipes

Bedtime narratables

Kids Stories

Information and opinions

Articles

Solving problems in minutes

Tips 

Getting absorbed in devotion

Bhajan (Devotional Song)

Heart touching poetry

Poems 

Showcasing the jewels of real India

India's Heritage



The splashes of these Shades from this pallete has been getting imprinted on the papers from all over the world:




Thank you for the continuous support, appreciation and love. Hope to see you all there with the growing Shades of Life family, even after many such years pass by...

About Shades of Life: Shades of Life की सफलता के चार वर्ष

Shades of Life की सफलता के चार वर्ष


फिर वही दिन, 

वही घड़ी, 

वही लम्हा आया है।

मिले थे, जिसमें

हम और आप,

वो पल फ़िर,

मुस्कुराया है।

साथ, आप का,

भाग्य है हमारा,

प्रशंसा आपकी,

सौभाग्य हमारा।


आज आप से जुड़े हुए पूरे चार साल हो गए हैं, पर लगता है जैसे कल की बात हो, जब हमारे जन्मदिन पर बिटिया ने यह सर्वश्रेष्ठ gift दिया था।

Shades of Life और आप सभी को इसके लिए बहुत बहुत बहुत आभार और शुभकामनाएँ 🙏🏻💐🎉

अब तक के आपके साथ के statistics इस प्रकार हैं।





इन चार सालों में बहुत कुछ अच्छा बुरा घटते हुए देखा है, लेकिन यह दिल बस अच्छी यादों को समेटकर, संजोकर रखना चाहता है।

Shades of Life आप के साथ जिंदगी के हर रंग में जुड़ना चाहता है, एक ऐसे हमसफ़र के रूप में, जिसने हर कदम साथ चलने का वादा किया हो।

जो चाहता है, खुशियों में साथ खिलखिलाना, त्योहारों में धूम मचाना, ईश्वर की आस्था अराधना में खो जाना, खाना इतना स्वादिष्ट बनाना कि सबकी उंगलियों का चाटते रह जाना, वहीं परेशानियों को चुटकियों में हराना, दुःख में साथ खड़े हो जाना... एक ऐसा हमसफ़र, जिसने हर कदम साथ चलने का वादा किया हो।

इसलिए Shades of Life, जिंदगी से जुड़े बहुत से रंगों को समेटे हुए आप से जुड़ा हुआ है। 

जिसमें है...

जिंदगी से जुड़ी यादगार कहानियाँ -

Stories of Life

हर cuisine से जुड़ी बेहतरीन recipes -

Recipes

बच्चों की परेशानियों को सुलझाने वाली रोचक कहानियाँ -

Kids Stories

देश-दुनिया से जुड़ी जानकारियों से जुड़े लेख -

Articles

समस्याओं को चुटकियों में सुलझाने वाली tips -

Tips 

ईश्वर को प्रसन्न करने वाले भजन -

Bhajan (Devotional Song)

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भारतीय संस्कृति के बहुमूल्य रत्नों को प्रदर्शित करती -

India's Heritage

और भी ऐसे ही जीवन के हर पल को समेटती हुई रचनाएं...


उपरोक्त दिए गए, सभी segment, आपको blog में मिलेंगे।

जिसमें इन चार सालों में जिंदगी से जुड़े रंगों की छटा बढ़ती गई है। आज 49 shades जुड़ चुके हैं:

ऐसा सिर्फ और सिर्फ ईश्वर कृपा, आप सभी के आशीर्वाद और शुभकामनाओं के कारण संभव हुआ है। इसके लिए ह्रदय से अनेकानेक आभार 🙏🏻

आपके इसी साथ, सराहना और सहयोग के सदैव आकांक्षी रहेंगे 🙏🏻💕

Saturday, 16 April 2022

Article : हनुमान जन्मोत्सव या हनुमान जयंती

 हनुमान जन्मोत्सव या हनुमान जयंती




आज हनुमानजी का जन्मोत्सव पूरे हर्षोल्लास से भारत के सभी क्षेत्रों में मनाया जा रहा है।

मंगल करने वाले, अमंगल हरने वाले, प्रभु हनुमानजी, जिस के साथ हों, उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है।

हे प्रभु, आप हम सब पर अपनी कृपा दृष्टि बनाएं रखें 🙏🏻

रामायण के अनुसार हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हुआ था। उस दिन मंगलवार था, मेष लग्न और स्वाती नक्षत्र था।

 महावीर हनुमान को भगवान शिव का 11वां रूद्र अवतार कहा जाता है और वे प्रभू श्री राम के अनन्य भक्त हैं।

 हनुमान जी ने वानर जाति में जन्म लिया। उनकी माता का नाम अंजना (अंजनी)  और उनके पिता वानर राज केशरी हैं। वहीं दूसरी मान्यता के अनुसार हनुमान जी को पवन पुत्र भी कहते हैं। 

हनुमान जी के इस संक्षिप्त परिचय से सभी परिचित ही होंगे।

पर बहुत से लोग आज के दिन को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में, तो कुछ इसे हनुमान जयंती के रूप में मना रहे हैं।

आप कहेंगे, अंतर क्या है, जन्मोत्सव और जयंती में?

एक ही तो है, हनुमान जी के जन्मदिवस पर उत्सव।

बिल्कुल एक होता, अगर हनुमानजी साधारण व्यक्ति होते, पर हनुमान जी तो महान विभूति हैं।

वो ना केवल देवों के देव महादेव के रुद्र अवतार हैं, बल्कि आज भी लोककल्याण के लिए पृथ्वी पर विराजमान हैं।  

जिसका भी इस पृथ्वी पर जन्म हुआ है, उसका जन्मोत्सव मनाया जाता है।

पर जयंती, उस व्यक्ति की मनायी जाती है, जिसका जन्म और मृत्यु दोनों हो चुकी हों।

वेदों और पुराणों के अनुसार पृथ्वी पर 7 महान लोग व साथ में ऋषि मार्कण्डेय आज भी पृथ्वी पर विराजमान हैं।

जिनमें से कुछ आशीर्वाद से, कुछ श्राप से, कुछ नियम में बंधकर, कुछ सिद्धि प्राप्त कर विराजमान हैं।

इस श्लोक के अनुसार वह लोग हैं...

अश्वत्थामा  बलिर्व्यासो हनुमांश्च विभीषणः। कृपः परशुरामश्च सप्तैते चिरंजीविनः॥सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्। जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।

इस श्लोक की प्रथम दो पंक्तियों का अर्थ है की अश्वत्थामा, राजा बलि, ऋषि व्यास, हनुमान जी, विभीषण, कृपाचार्य और भगवान परशुराम ये सात महामानव चिरंजीवी हैं। तथा अगली दो पंक्तियों का अर्थ है की यदि इन सात महामानवों और आठवे ऋषि मार्कण्डेय‌ का नित्य स्मरण किया जाए तो शरीर के सारे रोग समाप्त हो जाते है और 100 वर्ष की आयु प्राप्त होती है। 

हनुमान जी, जब माता सीता के पास अशोक वाटिका में प्रभू श्रीराम का संदेश लेकर पहुंचे थे तो माता सीता, प्रभू श्रीराम का संदेश सुनकर अति प्रसन्न हुईं।

जिसके फलस्वरूप उन्होंने, हनुमान जी को लोककल्याण के लिए, अजर-अमर होने का आशीर्वाद दिया था।

इस श्लोक से स्पष्ट है कि हनुमानजी, आज भी पृथ्वी पर लोककल्याण के लिए विराजमान हैं। अतः उनके जन्मदिवस के अवसर को हनुमान जन्मोत्सव कहा जाएगा।

हनुमान जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐🎉

प्रभु सबका मंगल करें 🙏🏻🙏🏻 

अन्य सात महामानव की कथा भी आप के साथ फिर कभी साझा करेंगे ....

Friday, 15 April 2022

Instant Gol Gappe

गोल गप्पे, पानी पूरी, फुचके, पानी के बताशे, जिस नाम से चाहें बुलाओ, दुनिया दिवानी है इसकी। कोई भी इसके नाम को सुनकर अपने मुंह में पानी लाएं, बिना नहीं रहेगा।

यह खाने में जितने tasty होते हैं, बनाने में उतने ही difficult and tedious होते हैं, इसलिए जल्दी कोई इन्हें घर पर लोग नहीं बनाते हैं।

पर हम आपके लिए instant Gol Gappe बनाने की recipe, share कर रहे हैं। यह instant होने के साथ ही healthy भी हैं....

Instant gol gappe



Ingredients :

Suji - 250 gm.

Baking powder - ½ tsp.

Ghee - 1 tbsp.

Salt - ¼ tsp.

Ghee (clarified butter) - for frying


Method :

  1. सूजी में बाकी सारे ingredients डालकर अच्छे से mix कर लीजिए।
  2. सूजी का हल्का, गीला-सा dough prepare कर लीजिए।
  3. इसे half an hour (30 min.) के लिए रख दीजिए। 
  4. Half an hour के बाद, सूजी को अच्छे से मसल कर चिकना कर लीजिए।
  5. इसके गोले तोड़कर, पतली रोटी बना लें।
  6. अब आप को जो size रखना है, उसके according, किसी ढक्कन की सहायता से छोटे-छोटे गोल गप्पे काट लीजिए।
  7. एक slightly wet, synthetic कपड़ा लीजिए, जो आधा गीला हो और आधा सूखा।
  8. Wet surface पर गोलगप्पे रखते जाएं और dry surface से उसे ढक दें। 
  9. कढ़ाई में घी डाल कर तेज़ गर्म कर लीजिए।
  10. गर्म घी में, एक-एक कर के गोल गप्पे डालते जाएं।
  11. एक बार में 10-12 से ज़्यादा मत डालिएगा।
  12. जब आप पूरी wave (गोल गप्पों की) डाल दें तो flame slow कर दीजिए।
  13. उन्हें उलट-पलट कर slightly brown होने तक सेक लें।
  14. इसी विधि से सारे बना लें।

Now your mouth watering and appetizing Instant Gol Gappe are ready to go in everyone's stomach.

अब tips and tricks जानने का समय है।


Tips and Tricks :

  • हमारे गोल गप्पे सूजी के हैं तो healthy भी ज़्यादा हैं।
  • सूजी के बने होने के कारण यह जल्दी crispy होते हैं और काफी देर तक crispy बने भी रहते हैं।
  • घी के हल्के से मोयन होने से, यह कड़े नहीं बनते हैं। जिससे इन्हें खाते समय यह होंठों में चुभते नहीं हैं साथ ही घी का मोयन होने से यह बेलते समय, चिपकते नहीं है।
  • ½ tsp. baking powder डालने से गोल गप्पे आसानी से फूलते हैं और फूले गोल गप्पों की संख्या ज़्यादा होती है।
  • सूजी का हल्का-गीला dough, इसलिए रखते हैं, जिससे सूजी पानी properly soak करके, soft हो जाए।
  • सूजी को जब half an hour के बाद दुबारा knead करते हैं तो सूजी का dough, rough नहीं रहता है।
  • Dough, soft होगा, तो हाथ में और rolling pin में बिल्कुल नहीं चिपकेगा।
  • एक बार में 10-12 गोल गप्पों से ज़्यादा होने से उन्हें proper space नहीं मिलती है तो वो आसानी से फूलते नहीं हैं साथ-साथ गोल गप्पे जैसे न बन कर पापड़ी जैसे ज़्यादा बन जाते हैं।
  • Wet and dry combination में cloth लेने से, गोल गप्पों की एक side में नमी रहती है और दूसरी तरफ dry, जो कि गोल गप्पों का key point है।
  • कढ़ाई में डालते समय wet side, नीचे होनी चाहिए, means वो side, wok में अंदर होनी चाहिए।
  • नमी के कारण ही गोल गप्पे अच्छे और गोल-गोल फूलते हैं।
  • बड़ी रोटी पतली रखिएगा। पतली होने से गोल गप्पे जल्दी बनेंगे और ज़्यादा crispy होंगे।
  • अगर आप से बड़ी रोटी नहीं बन रही हो, तो पाटे और बेलन पर हल्का-हल्का घी लगा लीजिए।
  • आप गोल गप्पे तलने के लिए, घी की जगह कोई भी oil, use कर सकते हैं।
गोल गप्पे के साथ बनने वाली सभी चीजों के लिए, click करें.... Gol Gappe

Wednesday, 13 April 2022

Tip: AC खूब चलाएं, फिर भी bill बचाएं

AC खूब चलाएं, फिर भी bill बचाएं




हर साल बढ़ती गर्मी, बहुत ज़्यादा tension का विषय होती जा रही है।

जिनके पास सुविधा नहीं है, वो AC and cooler के अभाव में हाय गर्मी-हाय गर्मी कर रहे हैं और जिनके पास सुविधा है, वो हर गर्मी में बढ़ते हुए bills को देखकर त्राहि मां-त्राहि मां कर रहे हैं।

जैसे गर्मी और तापमान बढ़ता जा रहा है तो AC की ज़रूरत ज़्यादा बढ़ती जा रही है। मगर AC के ज़्यादा इस्तेमाल से लोगों के मन में सिर्फ बढ़ते electricity bill की tension आती है। मगर क्या ऐसा कोई तरीका है कि गर्मी में AC से राहत भी मिल जाए और ज्यादा बिजली का बिल भी न आए? जी हां, हम आपको AC के सही इस्तेमाल के कुछ तरीके बता रहे हैं जो कि आपके बहुत काम आएंगे। 

सही इस्तेमाल?

जी हाँ, सही इस्तेमाल! 

आपके पास, जितना भी जो कुछ है, उसका सही इस्तेमाल ही आपको किसी भी चीज का पूर्ण आनंद दे सकता है। 

तो चलिए, जानते हैं, उन tips को जो आपको AC इस्तेमाल के दौरान दिमाग में रखनी चाहिए :


1. अपने AC को सही default temperature पर set करें :

Research से पता चलता है कि हर डिग्री temperature बढ़ने पर करीब 6 प्रतिशत बिजली की बचत होती है। 

आप अपने AC के temperature को जितना-जितना नीचे रखेंगे तो उसका compressor उतनी ही देर तक ही काम करेगा, जिसके कारण आपके बिजली का बिल बढ़ जाएगा। 

इसलिए यदि आप AC को default temperature पर start रखने का option choose करते हैं तो आप 24 प्रतिशत तक बिजली बचा सकते हैं। आप चाहें तो अभी भी अपनी पसंद के अनुसार तापमान कम रख सकते हैं।


2. अपने AC को 18°C की जगह 24°C पर रखें :

अगर आप ऐसे शहरों में रहते हैं, जहां हर दिन तापमान 34℃ से 38℃ के बीच में रहता हैं तो अपने AC को 10° कम पर set करना पहले से ही एक बड़ी राहत है। साथ ही, हमारे शरीर का तापमान औसतन 36° से 37° के बीच होता है। इसलिए इससे नीचे के temperature का कोई भी कमरा हमारे लिए सामान्य रूप से ठंडा ही होता है। अब जब हमें पता है कि AC पर जितनी डिग्री कम करेंगे, उससे 6 फीसद ज्यादा बिजली का consumption होगा। ऐसे में आपको अपनी आदत को 18°C से घटाकर 23-24°c पर लाना है। आपको पता चलेगा कि इस तापमान पर भी आपको सही cooling मिल रही है।


3. अपने कमरे को अच्छी तरह बंद करें & बिजली से चलने वाले equipments का इस्तेमाल करने से बचें :

जब हम air conditioner की बात करते हैं तो दरवाजा बंद ना करना बिना दिमाग जैसा लगता है। लेकिन यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपकी सभी खिड़कियां कसकर बंद हैं, और ठंडी हवा कमरे से बाहर नहीं निकल रही हो। पर्दे खींच लीजिए, ताकि सूरज की गर्मी आपके कमरे में ना आ सके, सूरज की किरणों से A.C. पर load बढ़ जाता है। AC का इस्तेमाल करते समय बिजली से चलने वाले equipments जैसे TV, Refrigerator, computer का प्रयोग करने से बचे क्योंकि ये equipments बहुत अधिक गर्मी उत्पन्न करते हैं। AC start करने से पहले इनको बंद करें, कमरा ठंडा होने के बाद आप इनको फिर से start कर सकते हैं। जब आप AC use कर रहे हों तो ध्यान रखें कि कोई furniture, AC की हवा को block न कर रहा हो। साथ ही बहुत खाली कमरे में भी AC का consumption ज्यादा होता है।


4. कमरे के अनुसार, सही capacity :

कमरे के size के according ही AC खरीदें। Means 1 ton, 1.5 ton, 2 ton, etc. जितना ज़्यादा ton होगा, electricity bill उतना ज़्यादा होगा, इसलिए छोटे कमरे के लिए ज़्यादा ton वाला AC नहीं लें। पर अगर कमरा बड़ा है और कम ton का AC होगा, तो compressor ज्यादा चलेगा, फिर भी कमरा ठंडा नहीं कर पाएगा। ज़्यादा compressor चलने से भी bill ज्यादा आएगा। 

अतः bill ज़्यादा नहीं आए, उसके लिए कमरे के size के according, AC की capacity, decide करें।


5. बिजली बचाने के लिए time limit decide करें :

क्या आप कभी कांपते हुए उठें हैं और AC बंद करना पड़ा है? 

ऐसा शायद इसलिए है, क्योंकि कमरे को बेहद ठंडा रखने के लिए आपका AC रातभर चालू रहा।

Energy बचाने और आराम से रहने का एक तरीका यह है कि इसे रात में बंद कर दिया जाए। खासकर अगर आप इसे दिन भर चला रहे हैं तो रात में आपको इसकी इतनी ज़रूरत नहीं पड़ेगी। और अगर आप रात भर चला रहे हैं तो पूरे दिन भर चलाने की ज़रूरत नहीं है। 

यह आपको decide करना होगा कि आप को, दिन में ज़्यादा ठंडा कमरा चाहिए या रात को सोते वक्त।

अगर आप AC वाले कमरे में लंबा समय बिता रहे हैं, तो आपको इस trick को इस्तेमाल करना चाहिए। AC को कुछ घंटों के लिए start रखें और फिर एक या दो घंटे के लिए बंद कर दें। बहुत सारी बिजली की बचत करते हुए भी कमरा ठीक प्रकार से ठंडा रहेगा।


6. A.C. के साथ पंखे के इस्तेमाल से होती है बिजली की बचत :

जब A.C. चल रहा हो तो ceiling fan को on रखना चाहिए। साथ में ceiling fan कमरे को हवादार रखते हैं और सभी कोनों में ठंडी हवा पहुंचाते हैं। जिसके कारण आपको AC का temperature कम करते रहना नहीं पड़ेगा। कम बिजली का प्रयोग करके ज़्यादा cooling पाएं। AC चालू करने से पहले अपने कमरे का fan start करें जिससे कमरे से गरम हवा बाहर निकल जाए, उसके बाद आप अपने AC को start कर सकते हैं।


7. AC की service और cleaning से होगी बिजली की बचत :

AC के ducts और vent में जमा होने वाली गंदगी की वजह से AC को ठंडी हवा कमरे में पहुंचाने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है। गंदे filter को निकालकर धोकर लगाने से AC की energy का consumption 5 से 15% तक कम हो जाता है। साथ ही बीच-बीच में AC की servicing भी करवाते रहना चाहिए, इससे AC खराब होने और repair होने से बचा रहता है। 

8. Vent position -

Vent, हमेशा swing position में रखें, इससे कमरे का कोना-कोना जल्दी ठंडा होता है, जबकि एक ही position पर vent होने से एक portion ही ज्यादा ठंडा होगा। साथ ही अगर vent position ऐसी ही कि आप की body पर एक ही जगह direct ठंडक दें रही है तो वो आप के शरीर के लिए भी बहुत ज्यादा harmful है।

तो बस इन छोटी-छोटी, Tips को follow कीजिए जिससे गर्मी और tension दोनों से राहत मिले....


Happy summer 💕

Monday, 11 April 2022

Short Story : पान का डिब्बा

 पान का डिब्बा



मम्मी पापा के साथ, एक uncle के घर जाया करते थे, वहाँ उनकी बहनें और उनके मम्मी पापा भी रहते थे।

वो जमाना ही और था, उस जमाने में कोई uncle-aunty नहीं होते थे।

सभी को हम मौसी, मामा, बुआ, चाचा, चाची कहा करते थे और उनके माता-पिता को बाबा दादी या नाना-नानी कहा करते थे।

ऐसा नहीं था कि हम केवल उन्हें सम्बोधित
किया करते थे। 

नहीं... बल्कि हम सब में रिश्ता भी प्रेम और अपनत्व का था। हमें उनसे मिलकर अत्यंत आनंद की अनुभूति होती थी। 

तो बात उन्हीं दिनों की है। 

जब भी हम वहाँ जाते थे, तो हम लोगों का स्वागत बहुत ही आत्मीयता से होता, अक्सर दोपहर के भोजन से लेकर, शाम की चाय तक का समय वहीं व्यतीत हुआ करता था।

जब हम वहाँ पहुंचते तो, मम्मी पापा तो उनके साथ होते बातें करते और हम बच्चे तो क्या कहें, अपनी टोली के साथ मशगूल हो जाते, खेलने कूदने में; फिर समय का पता ही नहीं चलता।

दोपहर के भोजन के बाद आता, दादी का बड़ा ही दिलकश पान का डिब्बा।

सुनहरा रुपहला सा वो डिब्बा,  अपनी अलग ही शान रखता था।

उस डिब्बे के ऊपरी हिस्से में एक प्लेट में छोटी छोटी कटोरी लगी होती, जिसमें रखा होता चूना, कत्था, सुपाड़ी, लौंग, इलायची, और ऐसी ही ना जाने,कितनी सुगंध बिखेरती बहुत सी चीजें...

और उस प्लेट को हटाएं तो उसके नीचे होता, एक सरोता! अरे, सरोता क्या होता है, जानते तो हैं ना? हाँ बिल्कुल वही, सुपाड़ी कटाने का औजार। और यह सुपाड़ी जो इतनी सख्त और मजबूत होती है कि अच्छे- अच्छों की ताकत को फेल कर दें, पर मियां सरोते के आगे टुकड़े-टुकड़े हो जाती है। इसी सरोते के साथ होतें हैं, पान के डिब्बे की शान, खूब सारे ताज़े, नरम मुलायम पान के पत्ते।

पर यह पान की हसीन दुनिया, दादी के प्यार व दुलार और पान के दीवानों के बिना अधूरी थी

दादी, सबसे पूछा करतीं, कौन किस तरह का पान खाएगा, फिर सबकी पसंद के अनुसार बहुत ही रुच-रुचकर पान लगाया करतीं।

यूं तो हम बच्चों को मीठा पान भाता था और वो मीठा पान नहीं लगातीं थीं, मतलब पान सिर्फ बड़े लोगों के खाने के लिए ही तैयार होता था।

पर उनका इतने प्रेम से और कलात्मक ढंग से सबके लिए पान तैयार करना, साथ ही उस डिब्बे से आती एक अलग ही मनमोहक सुगंध, हम सब बच्चों को वहीं बांधे रखती थी।

वो पान का डिब्बा, क्या था, बस समझिए प्रेम की भावना से भरा जीता जागता, कोतूहल था।

पर अब, जब वो दादी हमारे बीच नहीं हैं, तो मानो वो पान का डिब्बा एक कोने में रखा, इंतजार करता रहता हो, उस असीम स्नेह का।

जो आज के जमाने में तो संभव ही नहीं है, क्योंकि अब ना वो पहले सा प्रेम है, ना आत्मीयता, ना लोगों के पास पहले सा वो वक्त।

आज सब ना जाने कहाँ व्यस्त हो गए हैं, बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी व्यस्त हैं, पर कहाँ? किसी को नहीं पता।

Sunday, 10 April 2022

Bhajan (Devotional Song) : प्रभु की लीला अपरम्पार

प्रभु की लीला अपरम्पार


दशरथनन्द, भए आनन्द,

हर्षित भई, कौशल्या माई।

श्री हरि की बाल लीला,

कहो केहि विधि कही जाई।।


प्रभु की लीला अपरम्पार। 2।।


लोचन नयन कमल सरिखे, 

भृकुटि लगे तनी कटार। 2।।

चन्द्र मुख पर रज सजी ऐसे, - 2

माया संग हरि एकाकार।।


प्रभु की लीला अपरम्पार। 2।।


ठुमक-ठुमक कर चलत प्रभो,

जग में गूंजत है किलकारी। 2।।

झूम उठी पूरी ही धरती, - 2

सुन पैजनियों की झंकार।।


प्रभु की लीला अपरम्पार। 2।।


अधर लालिमा देखत,

भ्रमर भ्रमित भए जाए। 2।।

मुखमंडल पर आभा ऐसी, - 2

दमके उससे संसार।।


प्रभु की लीला अपरम्पार। 2।।




प्रभू श्रीराम की बाल लीलाओं का वर्णन अवधी भाषा में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है... कृपया, पढ़कर और सुनकर comment box में जरुर से बताएं, कैसा रहा हमारा प्रयास?


श्री हरि, हम सब पर अपनी असीम कृपा बनाए रखें 🙏🏻🙏🏻❤️


आप सभी को राम लला के जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏🏻💐

Friday, 8 April 2022

India's Heritage : भक्त ध्यानू

नवरात्रि के पावन दिन चल रहे हैं तो सोचा, आज आप को विरासत के अंतर्गत माता के एक ऐसे भक्त की कहानी बताएं, जिसने अकबर को माता रानी के दरबार में सिर झुकाने को विवश कर दिया था।

भक्त ध्यानू 

बात उन दिनों की है जब भारत पर अकबर का शासन था, उन दिनों हिन्दूओं को धार्मिक यात्राओं पर भी जाने में बहुत रोक-टोक हुआ करती थी।

एक बार भक्त ध्यानू, अपने एक हजार साथियों के साथ ज्वाला देवी के दरबार में सिर झुकाने जा रहे थे।

जब अकबर के नुमाइंदों ने इतने सारे लोगों का झुंड देखा तो, उन्हें पकड़ कर अकबर के दरबार में ले गये।

अकबर ने कड़क कर, भक्त ध्यानू से पूछा, इतने सारे लोगों को लेकर किस मंशा से निकले हो?

भक्त ध्यानू ने बिना डरे, आत्मविश्वास से भरकर कहा कि वो सब ज्वाला माता के दरबार में सिर झुकाने जा रहे हैं।

अकबर ने पूछा, कौन ज्वाला माता?

ध्यानू ने कहा, ज्वाला माता, दुर्गा माँ का स्वरूप हैं, उनके दरबार में बिन तेल और बाती के ज्वाला जलती रहती है, इसलिए उन्हें ज्वाला माता कहा जाता है।

उनके दरबार में जो कोई भी, सच्चे मन और पूर्ण विश्वास से जाता है, माँ उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

अकबर ने कहा, तुम्हें इतनी आस्था है, अपनी भक्ति और माँ की शक्ति पर तो, तुम मुझे सिद्ध कर के दिखाओ।

यह कहते हुए उसने अपने सैनिक को इशारा किया कि ध्यानू के घोड़े का सिर धड़ से अलग कर दो।

चंद मिनटों में घोड़ा, दर्द से छटपटाते हुए फर्श पर गिर गया और मृत्यु को प्राप्त हो गया।

अकबर बोला, अगर तुम इस घोड़े को जीवित कर के दिखाओ तो मानूं।

तुम्हारी माता रानी की शक्ति और तुम्हारी भक्ति...

ध्यानू भी घोड़े की इस तरह की अकाल मृत्यु से बहुत दुखी हो गया। पर अगले ही क्षण, वो माता रानी की शक्ति पर विश्वास करते हुए आत्मविश्वास से परिपूर्ण होकर बोला, मेरे लौटने तक आप मेरे घोड़े के शव को संभाल कर रखिएगा। 

मेरी माता रानी, मेरे घोड़े को अवश्य जीवित कर देंगी।

अकबर ने कहा, उसका हम ध्यान रखेंगे, पर तुम शीघ्र आना, वरना तुम्हारे पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया जाएगा।

ध्यानू अपने साथियों के साथ ज्वाला माता के दरबार की ओर चल दिया।

वहाँ पहुंच कर, उसने नहा-धोकर, माता रानी की अराधना की। पुष्प अर्पित किए, आरती की।

उसके बाद उसने माता रानी से प्रार्थना कि उसके घोड़े को जीवित कर दें।

पर उसे उत्तर नहीं मिला तो उसने पुनः कहा, पर इस बार भी कोई प्रतिउत्तर नहीं मिला तो ध्यानू ने कहा कि यदि आप मेरी प्रार्थना स्वीकार नहीं करेंगी तो मैं अभी अपना सिर आपके चरणों में समर्पित कर दूंगा, क्योंकि मैं अपमानित होकर जीवित नहीं रह सकता।

यह कहकर ध्यानू ने अपनी तलवार से अपना सिर, धड़ से अलग कर माँ के चरणों में समर्पित कर दिया।

ऐसे होते ही, एक शक्ति से माँ प्रकट हो गयीं, उन्होंने ध्यानू को जीवित कर दिया, साथ ही उस घोड़े को भी जीवित कर दिया और ध्यानू से कहा कि तुम दरबार में जा सकते हो।

उधर जब अकबर को पता चला कि घोड़ा, जीवित हो गया है, तो अकबर असमंजस में पड़ गया। उसे अपने कथन पर बहुत अफसोस हुआ..

भक्त ध्यानू के राज्य महल में आते ही अकबर भक्त ध्यानू के पांव पकड़ के क्षमा मांगने लगा।

भक्त ध्यानू ने कहा कि मेरे नहीं, माता रानी के दरबार में जाओ, तुमने मेरा नहीं, माँ का अपमान किया था, इसलिए क्षमा भी वहीं मांगो।

अकबर ग्लानि से भर गया और अगले ही पहर वो अपने दल-बल के साथ ज्वाला माता के दर्शन की ओर चल दिया, उनसे क्षमा मांगने और शीश नवाने के लिए।

जो भी, माता के दरबार में, श्रृद्धा और विश्वास के साथ जाएगा, उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी

जयकारा ज्योतावाली का🚩

बोलो सांचे दरबार की जय 🙏🏻🙏🏻

Thursday, 7 April 2022

Recipe : Dry Fruits Kheer

जब नवरात्रि हो, तो उसमें मीठे की बात ना हो, यह तो असंभव है ना?

बिल्कुल...

जब आप को platter में Samak rice and Saboodana Poori with Paneer Navratn और snacks में Falahari Sandwich जैसी tasty and healthy recipes share कर चुके हैं, तो मीठे में भी कोई special recipe होनी चाहिए। 

इसलिए मीठे में आप के लिए बहुत special recipe share कर रहे हैं...

 मेवा खीर 


Ingredients :

Fox nuts - 20 to 25

Cashew nuts - 10 to 15

Raisins - 10 to 15

Milk - 1 litre

Saffron strings - 5 to 7

Sugar - ¾ cup or as per taste 

Clarified butter (ghee) - 2 tbsp.


Method :

  1. काजू को coarsely cut कर लीजिए।
  2. Saffron strings को 4 tsp. lukewarm दूध में डाल दीजिए। जिससे saffron milk, ready हो जाए।
  3. एक wok(कढ़ाही) लीजिए, उसमें 2 tbsp. घी गर्म कर लीजिए।
  4. Medium-slow flame कर के काजू को slightly shallow fry कर लीजिए।
  5. उसी घी में किशमिश भी slightly shallow fry कर लीजिए। Gas off कर के किशमिश निकाल लीजिए।
  6. अब उसी घी में medium-slow flame  में मखाना डालकर, कुरकुरे होने तक shallow fry कर लीजिए।
  7. Dry fruits को shallow fry करने से खीर की aroma and taste दोनों enhance हो जाएंगे।
  8. मखाने को grinder में डालकर coarsely(दरदरा) grind कर लीजिए।
  9. दूध में चीनी डालकर, medium-slow flame पर चलाते हुए slightly गाढ़ा कर लीजिए।
  10. अब दूध में भुने हुए, दरदरे मखाने को डाल कर, चलाते हुए गाढ़ा कर लीजिए।
  11. अब इसमें shallow fried काजू व किशमिश भी डाल दीजिए, साथ ही केसर वाला दूध भी डालकर पकाएं।
  12. Proper consistency आने पर gas off कर दीजिए।
  13. खीर में मखाना डालने से दूध गाढ़ा हो जाता है। साथ ही खीर ठंडी होने पर और गाढ़ी हो जाएगी, इसलिए दूध बहुत ज्यादा गाढ़ा नहीं करना है।
  14. साथ ही जब पूरी खीर बन जाएगी, तब भी उसकी consistency इतनी रखिएगा कि ठंडी होने से खीर सूख ना जाए।
  15. खीर के normal temperature पर आने पर इसे refrigerator में रखकर ठंडा कर लीजिए
  16. Serve करने से पहले, इसे almonds and pistachios से garnish कर दीजिए।

Now your super yummy, tasty & healthy Dry Fruits Kheer is ready to serve. 

Fast की सभी तरह की recipes के लिए click करें Recipes - Fast

देवी माँ को खीर का भोग लगाएं और सभी को tasty and healthy प्रसाद बांटें....

जय माता दी 🚩

Wednesday, 6 April 2022

Recipe : Falahari Sandwich

कल हमने आपको Samak rice & Sabudana Poori with Paneer Navratn के platter की recipe बताई थी, जो instant vrat premix से बनाई थी, जिसको prepare करने की tip भी आप के साथ share कर चुके हैं।‌‌ 

जैसा कि हमने कहा था कि आप के लिए fast की tasty and healthy recipes share करेंगे, तो उसी कड़ी में आज platter के बाद एक snack की recipe share कर रहे हैं जो कि बहुत tasty and healthy है। और जो health conscious हैं वो तो यह बहुत ही पसंद करेंगे ही, पर साथ में जो व्रत में special dish को miss करते हैं, वो भी खुश हो जाएंगे। 

तो सबका ध्यान रखते हुए, आज हर किसी के favourite sandwich की recipe बताने जा रहे हैं।

Sandwich कैसे व्रत में खा सकते हैं? क्यों बेकार में लालच दिला रहे हैं।

खा सकते हैं, बिल्कुल खा सकते हैं, बशर्ते वो फलाहारी हो, और जब आप जुड़ें हैं हमारे साथ, तो आपकी कोई भी इच्छा कैसे अधूरी रह सकती है।

Shades of Life, आज आप के लिए लाया है फलाहारी Sandwich...

इसके crispy and soft taste, के combination के कारण यह बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी को बहुत पसंद आता है।

फलाहारी सैंडविच 

Ingredients :

Instant vrat premix - 2 cups

Clarified butter (ghee) - for shallow fry

Coriander leaves - 1 tbsp. (finely chopped)

Green chilli - finely chopped (as per taste)

Rock salt (sendha namak) - according to taste 

Boiled Potato - 1 Big size  

Cumin seeds - 1 tsp. 

Lemon juice - 1 tsp.

Ginger Julien - 1 tsp.

Water - 2 Cups


Method :

  1. एक nonstick pan लीजिए, उसमें 2 cups पानी high flame पर गर्म होने रख दीजिए।
  2. जब पानी lukewarm हो जाए तो उसमें जीरा, अदरक के लच्छे, हरी मिर्च, नमक और 1 tsp. घी डालकर, slow flame कर दीजिए। 
  3. इस lukewarm पानी में instant vrat premix को धीरे-धीरे घोल लीजिए। 
  4. अब slow flame में ही बराबर चलाते हुए soft dough prepare होने तक पकाएं।
  5. जब soft dough prepare हो जाए तो gas off कर दीजिए।
  6. गर्म dough में boiled आलू को mash कर के या कद्दूकस करके mix कर दीजिए। इसी समय, finely chopped coriander leaves add कर दीजिए।
  7. जब dough हल्का ठंडा हो जाए तो एक plate में घी लगाकर बड़े से square के shape में जमा दें।
  8. जब पूरा ठंडा हो जाए इसके triangles काट लीजिए। 
  9. अब एक frying pan में थोड़ा सा घी डालकर triangles को दोनों तरफ से सुनहरा shallow fry कर लीजिए।
  10. Now your super duper crispy & amazingly delicious & tasty Phalahari Sandwich is ready to serve. You can serve it with coriander chutney or curd.
Note

  • अगर आप के पास, समा के चावल और साबूदाने में से कोई एक ही चीज़ है तो आप, इसे एक चीज़ से भी बना सकते हैं।
  • आप चाहे तो इसे बिना fry किए fridge में 2 to 3 days के लिए store करके रख सकते हैं।
  • और जब आप को serve करना हो, उस समय में shallow fry कर लीजिए।

तो सोचना क्या है, आज की tea party की तैयारी में जुट जाइए और साथ ही आने वाले मेहमानों से compliments लेने को भी, कि आप तो fast में भी गजब के व्यंजन बना लेती हैं 😊

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Tuesday, 5 April 2022

Recipe : Samak rice & Sabudana Poori with Paneer Navratn

कल हमने आपको instant vrat premix, को prepare करने की tip बताई थी।‌‌ और कहा था कि आप के लिए fast की tasty and healthy recipes share करेंगे।

तो चलिए अपना वादा निभाते हुए, आज आप के लिए बहुत ही healthy and tasty platter share करते हैं...

आप कुट्टू के आटे और सिंघाड़े के आटे की पूड़ियाँ और कचौड़ियां बनाते होंगे। पर इससे बनने वाली पूड़ियों और कचौड़ियों की रंगत काली सी होती है, साथ ही इसका taste भी हर किसी को बहुत पसंद नहीं आता है।

ऐसे में अगर बच्चे भी व्रत रखते हों तो सोचना पड़ता है कि उन्हें क्या खिलाएं।

आपकी इसी problem का solution है, आज का platter.

यह खाने में जितना tasty हैं, दिखने में उतना ही tempting लगता है। 

समा के चावल और साबूदाना की पूड़ी, पनीर नवरत्न के साथ





Ingredients :

For Poori -

Instant vrat premix - 2 cup
Luke warm water - approx ½ cup
Rock salt (sendha namak) - ¼ tsp.‌

Clarified butter (ghee) - for
frying.

For Paneer navratn -

Tomato - 4 to 5 medium size
Cashew nuts - 1 tsp.
Fresh coconut - 1 tbsp.
Ground nut - 1 tsp.
Ginger - ½ inch.
Green chilli - according to the taste
Fresh curd - ¼ cup
Clarified butter (ghee) - 2 tbsp.
Salt - as per taste 
Coriander leaves - for garnishing


Method :

For Poori -

  1. Instant vrat premix में थोड़ा-थोड़ा करके गुनगुना पानी डालकर soft dough prepare करें।
  2. अब इसे lid से ढककर, 20 to 25 minutes के लिए rest करने के लिए छोड़ दीजिए। 
  3. 20 to 25 minutes के बाद, dough slightly tight हो जाएगा, तो इसे फिर से 1 tsp. घी लगाकर, गूंथ लें, जिससे proper softness वाला dough prepare हो जाएगा।
  4. 1 wok लें, उसमें घी डालकर गर्म कर लीजिए। 
  5. Dough से छोटे-छोटे गोले बना लें।
  6. इन गोलों में घी लगाकर, उसकी पूड़ी बेल लीजिए।
  7. अब इसे घी में डालकर दोनों तरफ से हल्का सुनहरा fry कर लें।
  8. गरमागरम, गोल-गोल फूली हुई खस्ता करारी पूड़ियाँ तैयार हैं।


For Paneer navratn -

  1. Mixer grinder में टमाटर, काजू टुकड़ा, मूंगफली, नारियल, अदरक और हरी मिर्च डालकर coarsely (दरदरा) grind कर लीजिए।
  2. Paneer के blocks काट लीजिए।
  3. एक दूसरी wok में 2 tbsp. घी डालकर गर्म कीजिए।
  4. उसमें पनीर के टुकड़े shallow fry करके निकाल लीजिए।
  5. अब इसी घी में, टमाटर का मसाला डालकर भूनें।
  6. 5 min भूनने के बाद इसे slow flame पर 2 min के लिए ढककर पकाएं।
  7. इससे काजू, मूंगफली और नारियल अपना oil release कर देते हैं, जिसमें मसाला अच्छे से भुनता है।
  8. जब oil release हो जाए, तो उसमें दही डालकर भून लीजिए और 2 minutes के लिए, lid ढककर रख दीजिए। दही भी घी छोड़ देगा।
  9. 2 minutes बाद पनीर के टुकड़े डालकर, हल्के हाथों से mix कीजिए।
  10. अब इसमें पानी डालकर, 1 boil high flame पर दे दीजिए, उसके बाद low flame पर 5 to 7 minutes के लिए ढककर पकाएं।
  11. Slow flame में पकने से सब्जी में proper consistency की thickness आ जाएगी। और सब्जी से release होने वाला oil ऊपर आकर, बहुत अच्छा texture देता है।
  12. अब इसे महीन कटी धनिया पत्ती से garnish कर दीजिए।

Now your tasty and healthy Poori and Paneer navratn is ready to serve.

चलिए कुछ tips and tricks भी झटपट बता देते हैं, जो आप के platter में चार चांद लगा देंगे।


Tips and Tricks :

  • पूड़ी बनाने से पहले, premix को छान लीजिए, जिससे आप को और smooth flour मिले, जिससे easily पूड़ी बेल सकें।
  • Premix में पानी धीमे-धीमे डालते हुए dough prepare कीजिए, ज़्यादा पानी होने से dough गीला हो जाएगा तो पूड़ी बेलना बहुत कठिन हो जाएगा और अगर dough ज़्यादा tight हो गया तो पूड़ी फूलेगी नहीं साथ-साथ कड़ी भी बनती है।
  • अगर आप, dough से पूड़ी नहीं बना पा रहे हैं और पूड़ी उठाने में टूट जा रही है तो आप उसमे उबला हुआ आलू mash करके डाल सकते हैं।
  • आलू से binding अच्छी हो जाती है और taste में कचौड़ी जैसी लगती है।
  • सब्ज़ी में, कम घी होने के बाद भी, काजू, मूंगफली और नारियल व दही होने से सब्ज़ी में खूब सारा oil release हो जाता है जिससे सब्ज़ी अच्छे से भुनती भी है और look में भी एकदम hotel वाली सब्ज़ी लगेगी।
  • यह सब्ज़ी, thick gravy की बनती है, अतः पानी बहुत ज़्यादा मत डालिएगा।
  • सब्ज़ी को बीच-बीच में ढककर भूनने और पकाने से, सब्ज़ी का texture and colour बहुत ही अच्छा आता है।
  • आप दही की जगह, fresh cream या मोटी सी मलाई भी डाल सकते हैं। इनके डालने से सब्ज़ी का texture, aroma, taste and colour enhance हो जाता है।
  • आप पनीर की जगह, आलू fry कर के भी डाल सकते हैं, उसका taste भी पूड़ी के साथ बहुत बढ़िया लगता है।
  • मूंगफली dry roast कर के, उसका छिलका उतारकर ही डालें, इससे मसाला कम चिपकता है।
  • अगर आप के पास काजू या मूंगफली में से कोई एक ही हो तो, उसकी quantity दोगुनी कर दीजिए। 
  • Fresh coconut से बहुत अच्छा taste आता है, पर अगर आप के पास fresh coconut ना हो तो आप dry coconut या coconut powder भी डाल सकते हैं।
  • आप अपने taste के according, paneer blocks को कच्चा, shallow fry or deep fry कर सकते हैं।
  • कच्चा पनीर soft ज्यादा रहेगा और fried Paneer, ज्यादा दिन तक ठीक बना रहेगा। तो यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है कि आप को Paneer कैसे डालना चाहेंगे।
  • पूड़ी गर्मागर्म जितनी खस्ता-करारी लगती है, ठंडी होकर बहुत मुलायम हो जाती है। इसलिए दोनों ही तरह से स्वादिष्ट लगती है।
  • अगर आप व्रत में साबूदाना नहीं खाते हैं तो आप केवल समा के चावल की पूड़ी भी बना सकते हैं, बस तब आप के लिए आलू को बिना mix किए, पूड़ी बेलने और उठाने में दिक्कत हो सकती है।
  • तो सोच क्या रहे हैं, झटपट बना डालिए, व्रत में भी tasty and healthy खिलाएं और छा जाइए सब पर।
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