Thursday, 2 May 2024

Story of Life : विवाह भाग - 3

विवाह भाग - 1 

विवाह भाग -2 के आगे…

विवाह भाग - 3


मैं 2 दिन बाद, चंदना को अपने घर ले जाऊंगी, तुम भी आ जाना। 

यह कहकर रंजना ने phone काट दिया। 

चंदना और संजय दोनों की धड़कनें तेज़ हो चली थी, दोनों ही रंजना के घर में मिलने का इंतजार बेसब्री से करने लगे। 

2 दिन बाद, चंदना और संजय, रंजना के घर पर मिले। रंजना बुआ ने दोनों से कहा, तुम लोग ऐसे पवित्र रिश्ते में बंधे हो, जो सृष्टि के निर्माण में सहयोग करेगी।

तुम लोगों को एक-दूसरे से मिलवाने का काम हम सब परिजन का था, जो हमने सफलतापूर्वक संपन्न किया।

देखो बच्चों, arrange marriage इसलिए आवश्यक होती है, क्योंकि उसमें अनुभवी लोगों की सोच शामिल होती है, जो अपने बच्चों के लिए वरदान होती है। 

तुम दोनो, एक-दूसरे के पूरक हो, मैं अपनी शुभकामनाओं के साथ यहां से जा रही हूं। अब आगे का सफर तुम लोगों को सफलतापूर्वक पूर्ण करना है।

रंजना बुआ के जाने के बाद, चंदना और संजय एक दूसरे की तरफ मुखातिब हुए, पर अब उन्हें अजनबीपन का एहसास नहीं था।

शरम और झिझक तो अभी भी थी, पर साथ ही अपनापन भी लग रहा था। 

बहुत झिझकते हुए संजय, चंदना के नजदीक गया और बोला, बहुत देर हो चली है, घर चलें?

संजय के नजदीक आने से, चंदना के पूरे शरीर में एक सिरहन सी दौड़ गई और दिल की धड़कन बहुत तेज हो गई।

जी... 

हम लोग bike से चलें? Actually मैं अभी उसी से आया था।

हाँ.. 

चंचल और अल्हड चंदना अभी भी, सिमटी सकुची सी, बस हां और ना में ही जवाब दे रही थी।

दोनो जब bike से घर लौट रहे थे तो उन्होंने पहली बार एक दूसरे की छुअन को महसूस किया था, जो दोनो को ही रोमांस की अनुभूति दे रहा था।

घर पहुंचने के बाद से दोनो को पहली बार यह एहसास हुआ कि वो जीवन साथी हैं।

इतना खूबसूरत जीवन साथी पाकर, संजय मौका तलाशने लगा, चंदना के निकट रहने का...

आगे पढ़ें विवाह भाग - 4 में...