Saturday 22 June 2024

Article : एक test NTA का

NTA.

आज कल यह नाम बहुत सुनने को मिल रहा है…

पर यह NTA है क्या?

NTA यानी National Testing Agency, जो कि एक autonomous and self-sustained testing organization है।

यह higher educational institutions में admissions & fellowships के लिए entrance examinations conduct करती है।

पर पिछले कुछ दिनों से इसके द्वारा conduct किए गए कुछ exams में भारी गड़बड़ियां पाई गईं हैं।

एक test NTA का

NEET UG के result का तो पूछना ही क्या...

67 candidates के 720/720 marks आना हो या फिर technically & mathematically impossible 719 & 718 का score! कहा जा रहा है कि यह scores grace marks के बदौलत है, but क्या इतने grace marks मिलना valid भी है कि एक 580 के पास score को भी 720 तक inflate कर दिया जाए? जहाँ पिछले साल तक सिर्फ दो candidates के 720 आ रहे थे, आज वहीं 67 candidates के 720 आए हैं। क्या हमारे undergraduates एक साल में इतने मेधावी हो गए? और same centre से 5-6 candidates के 720/720 आने की बात तो अलग ही है...

सब candidates के results आने के बाद भी यह निश्चित नहीं हो पा रहा है कि उन्हें जहाँ admission मिल रहा है, वही उन्हें मिलेगा या फिर कुछ फेरबदल हो जाएगी।

उसके बाद NET का भी वही हाल रहा। 

उसका तो exam ही cancel कर दिया गया, यह statement दे कर कि exam की अखंडता के साथ समझौता हुआ है।

आगे इस exam के result का क्या होगा, ईश्वर ही जानें।

पर इस तरह से युवाओं के भविष्य से खिलवाड़, कहां तक उचित है?

किसी का भी exam देना, अपने आप में एक कठिन परिस्थिति है, उसके बाद उसके result का wait करना और कठिन, फिर result ऐसा आए जिसमें कोई clearance नहीं... किसी torture से कम नहीं है।

हालांकि अब centre ने अपना ध्यान इस ओर केन्द्रित किया है। 

इन exams में हो रही त्रुटियों की पीछे की NTA की functioning की जांच करने के लिए एक committee बनाई गई है।

पर public की उनसे यह demand है कि वो जांच तो करें ही, साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि आगे से इस तरह की गड़बड़ियां ना हो।

क्योंकि देश के निर्माता और भविष्य निर्धारण करने वाले इन professions में इस तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

वैसे भी इस तरह की गलतियां, अराजकता बढ़ाती है और यह सिद्ध करती है कि शासन का कार्य उचित तरीके से नहीं चल रहा है।

सारा दोष, मौजूदा सरकार पर डाल दिया जाता है। जिसका फायदा, विपक्ष सरकार तुरंत उठाती है, क्योंकि वो तो बैठी ही इसी ताक पर है कि एक ग़लती हो और हंगामा किया जाए। 

इससे कभी-कभी मुद्दा जो होता है, उससे भटक कर बे-सिर-पैर की राजनीति में कब बदल‌ जाता है यह पता नहीं चलता है; और जिसे problem होती है, वो suffer करता रह जाता है।

'एक test NTA का' भी होना ज़रूरी है, जिससे पता चले कि loopholes कहाँ हैं।

इस matter को पूरी तरह से, शीध्र-अतिशीघ्र solve करना चाहिए, साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी situation फिर ना खड़ी हो - कार्य सुचारू रूप से चले और विपक्ष को मौका ना मिले, आगे ऐसे और failures को मुद्दा बनाकर राजनीति करने का…


जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳