Friday, 31 March 2023

Article : एक सुबह नवरात्र वाली

 एक सुबह नवरात्र वाली 



इस बार नवरात्र के अष्टमी वाले दिन सुबह सुबह ही कुछ सामान लेने के लिए घर से निकले थे।

ऐसा बहुत दिनों बाद हुआ था कि हम सुबह सुबह निकलें वो भी अकेले...

क्योंकि शादी के बाद से ही हम दोनों साथ ही जाते थे बाज़ार, या कभी यह अकेले जाते थे।

पर इस बार सप्तमी की रात यह देर से लौटे थे और अष्टमी - नवमी में कोई छुट्टी नहीं थी, कि दोपहर में नींद पूरी कर लें तो अष्टमी के दिन, इनका जल्दी उठने का कोई विचार नहीं था।

और बिटिया?

आज कल के बच्चे, उनके तो कहने ही क्या, वो तो रात को ही दिन बना कर रखते हैं, घंटों देर रात तक पढ़ते हैं तो उनसे सुबह बहुत जल्दी उठने की उम्मीद करना ही ग़लत है।

तो सोचा, सुबह हम ही चले जाते हैं।

Maid 7: 30 तक आ जाती है तो हमारा target उसके आने से पहले लौट आना था। 

साथ ही क्योंकि किसी की छुट्टी नहीं थी, तो सुबह के काम की भागदौड़ भी पूरी थी और माता रानी की पूजा भी...

तो बस सुबह 5 बजे उठ कर नहा धोकर, माता रानी की पूजा अर्चना कर के, बेटी का tiffin ready किया, खाने की सारी तैयारियां कर दी।

और 6:45 पर चल दिए बाज़ार.. 

बहुत दिनों बाद, सुबह निकल थे। जैसा कि आप सब जानते हैं, इस बार दिल्ली और उत्तर प्रदेश से गुलाबी ठंड का मौसम जा ही नहीं रहा है तो बस उस दिन भी मौसम गुलाबी ही था। बीच-बीच में ठंडी हवाओं के झोंके भी चल रहे तो उनसे सिरहन सी दौड़ जाती थी। 

सुबह का समय था तो ट्रेफिक भी नहीं के बराबर था, अतः बहुत शांति थी। इस वजह से हर हलचल दिखाई भी दे रही थी और सुनाई भी दे रही थी।

सुबह का समय था तो बहुत सी दुकानें अभी भी बंद थी, लेकिन चंद दुकानें और ठेलों पर साफ सफाई आरंभ हो चुकी थी।

कहीं झाड़ू लग रही थी तो कहीं dusting हो रही थी। वहीं कुछ दुकानों की साज सज्जा प्रारंभ हो चुकी थी। सजती हुई बड़ी बड़ी दुकानें मानो इठलाकर अपनी सफलता की कहानियां कह रही थीं। 

कुछ ठेले वाले अपने ठेले पर फलों या सब्जियों को सजा रहे थे।

हांलांकि, जो ज्यादा सफाई दार दुकानदार थे, वो दुकान के साथ साथ दुकान के सामने की सड़क पर भी झाड़ू लगा रहे थे, कुछ-एक पानी का छिड़काव भी कर रहे थे।

मंदिरों में भी साफ-सफाई हो चुकी थी। वहां पर भजन चल रहा था। कुछ लोग, जिनकी शुरुआत ही देव दर्शन से होती है, वो पूजा अर्चना के लिए मंदिर में मौजूद थे। कुछ अष्टमी होने के कारण मंदिर में आए थे। इसलिए मंदिर के घंटे-घड़ियाल भी बीच-बीच में बज रहे थे।

कुल मिलाकर, शांति और ताजगी से भरपूर माहोल था। हम ने दुकान पहुंच कर सामान खरीदे और लौट चले घर की ओर...

7 बजे के ऊपर का समय हो चुका था।

लौटते समय बहुत से घरों से हवन होने की खुशबू आ रही थी, कहीं कहीं से शंखनाद भी सुनाई दे रहा था..

लौटते समय थोड़ी थोड़ी दूरी पर कन्याओं की टोली दिखाई दे रही थी, सभी अपनी बातों में खोई हुई...

इसमें कुछ कन्याएं बहुत छोटी थी, शायद 3-4 साल की होंगी। उनकी टोली में 3 साल से 12 साल तक की कन्याएं थीं। सभी भारतीय परिधान में, कोई सलवार सूट में तो कोई लहंगा-चोली में... सभी सजी-धजी थीं।

सभी बहुत ही खूबसूरत लग रही थीं, उनके चेहरे की खुशी से ऐसी दिव्यता आ रही थी, मानो साक्षात माता रानी के नौ रुपों के दर्शन हो रहे हों...

उन्हेंं देखकर पहले तो मन में यही आया कि कन्याओं को खाने जाने के लिए इतना तैयार होकर आने की क्या आवश्यकता?

पर अगले ही पल विचार आया कि यह सब गरीब घरों की बच्चियां हैं। जहां दोनों समय खाना नसीब हो, यह भी आवश्यक नहीं है। फिर यह तो कन्या हैं, इन्हें तो खाना सबसे आखिर में और बचा खुचा ही मिलता होगा...

और आज तो इन्हें ना केवल खाना मिलेगा, बल्कि बहुत ही अच्छा और स्वादिष्ट खाना मिलेगा। फिर खाने के साथ ही, रुपए, पैसे, तोहफा आदि भी मिलेगा। लेकिन उसके साथ जो सबसे बड़ी चीज़ है, वो है importance, भरपूर सम्मान!.. जो इन्हें साल में दो बार 10-12 साल की होने तक मिलता है...

सच है ना, जिस कन्या के जन्म से ही पूरा घर शोकाकुल हो जाता है। नवरात्र में उसको ही देवी रुप में पूजा जाता है। नवरात्र में उन्हीं कन्या का बुलावा, छोटे छोटे घरों से लेकर बड़े बड़े महलों तक के लिए आता है...

ऐसे में उनके लिए साल में यह दो बार के दिन, किसी महोत्सव से कम नहीं हैं और महोत्सव में तो सजना-धजना बनता ही है।

घर पहुंच कर, एक अनोखी अनुभूति का एहसास था, सुबह की ताजगी और लौटते समय में कन्याओं के अधरों की मीठी मुस्कान ने दिल को भीतर तक सुख से भर दिया था।

हम 7:20 पर घर आ चुके थे। घर में पति, बेटी-बेटा सब सो रहे थे। Maid भी अभी तक नहीं आई थी। हम अपने बाकी कामों को ख़त्म करने में जुट गए।

थोड़ी देर में सब उठ गए, maid भी आ गई थी और दिन चल पड़ा अपनी रफ़्तार से...

पर क्या सभी घरों में और समाज में हर रोज लड़की को देवी रुप में मान सम्मान मिल सकता है? 

अगर आप सच में देवी भक्त हैं तो जरूर मिल सकता है😊 तो सोचिएगा जरुर ...

अम्बे मैया की जय 🚩