Tuesday, 28 February 2023

Recipe: Cheesy Crispy Tomato

होली का त्यौहार आने वाला है, जिसमें चटपटे, जायकेदार Holi dishes की भरमार होती है। 

क्यों ना, इस होली में अपने घर में कुछ अलग और tasty dish बनाई जाएं...

तो हम आप के लिए ऐसी recipe share कर रहे हैं, जो सुनने में जितनी ज़्यादा असंभव लगती है, खाने में उतनी ही ज्यादा tasty..

Cheesy Crispy tomato, नाम सुनकर लग रहा है ना कि टमाटर भी भला crispy बन सकते हैं? 

जी बिल्कुल बन सकते हैं, अगर आप वैसे ही बनाएं, जैसा हम बताएंगे...

खट्टा, चटपटा और मज़ेदार, crispy tomato खाने में चाट जैसा मज़ा देता है।

तो चलिए आप को इस instantly and easily बनने वाली dish को बता देते हैं, हमारा दावा है, एक बार बना लेंगे तो बार-बार बनाएंगे... 

Cheesy Crispy Tomato




Ingredients 

Hybrid Tomato - 2 medium

Rice flour - 2 tbsp.

All purpose flour - ½ tbsp

Salt - as per taste

Black pepper powder - 1 tsp

Coriander leaves - 1 tbsp finely chopped

Butter - 1½ tbsp

Cheese - 2 tbsp


Method

  • चावल का आटा, मैदा, कालीमिर्च पाउडर, नमक और महीन कटी धनिया को मिलाकर flour mix ready कर लीजिए। 
  • टमाटर की thick slices काट लीजिए।  
  • टमाटर की rings को flour mix में हल्के -हल्के से दबा कर, उसको दोनों तरफ से अच्छे से cover कर दीजिए। 
  • Non stick tawa में butter लगाकर गरम कर लीजिए।


  • अब इस पर tomato ring slice को रख कर दोनों तरफ से crispy and golden brown होने तक सेक लीजिए।
  • अब इस पर grated cheese sprinkle कर दीजिए, और इसको धीमें से पलटकर, cheese melt होने तक सेक लें। 
  • अब इस पर mix herbs sprinkle कर दीजिए।
Cheesy Crispy Tomato is ready to serve.
चलिए कुछ tips and tricks पर भी ध्यान दे दीजिए, जिससे perfect Crispy Tomato बनें।


Tips and Tricks -

  • टमाटर, tight and hybrid ही लीजिएगा, तभी perfect taste और shape आएगा।
  • ऐसा इसलिए है क्योंकि hybrid Tomato की thick skin होती है, जिससे यह जल्दी गलते नहीं हैं।
  • जबकि देशी टमाटर जल्दी से गल जाते हैं, अपना रस छोड़ देते हैं, तो यह crispy texture and taste नहीं देंगे। तो इस बात का ध्यान जरूर से रखियेगा।
  • पूरी process medium flame पर करनी है, जिससे टमाटर ना तो जल्दी से गले और ना ही जले। 
  • अगर आप इसमें cheesy flavour नहीं चाहते हैं तो, cheese sprinkle करने के पहले तक की process करनी है। इस तरह के भी बहुत yummy and tasty लगते हैं।
  • अगर आप को ज्यादा spicy flavour पसंद है तो आप इसमें black pepper powder का amount बढ़ा सकते हैं।
  • आप चाहें तो chilli flakes भी add कर सकते हैं।
  • Flour mix में पानी बिलकुल मत डालिएगा, क्योंकि पानी डालने से घोल बन जाएगा, उससे crispy Tomato ना बनकर, टमाटर की पकौड़ी बन जाएगी।
  • दूसरा टमाटर के रस में इतना पानी होता है कि टमाटर में flour mix अच्छे से चिपक जाता है। 
  • पहले flour mix ready कीजिएगा, फिर टमाटर के slice काटें।
  • अगर आप मैदा अपनी diet में avoid करते हैं, तो आप मैदे के बिना भी इसे बना सकते हैं। 
  • वैसे मैदा डालने से binding अच्छी आती है। और चावल के आटे से crisp अच्छा आता है।
  • टमाटर को recipe बनाने के पहले ही fridge से निकालें। टमाटर ठंडे होने से देर से गलेंगे और ज्यादा crispy बनेंगे।
  • टमाटर पर flour mix लगाने के साथ ही उसे आलू की टिक्की की तरह तुरंत ही सेंकना शुरू कर दें, क्योंकि flour mix में नमक होता है, देर करने से नमक पानी release कर देगा।
  • Dish prepare होते ही hot ही serve कर दीजिए, जिससे टमाटर का crisp खत्म ना हो। 
  • आप इसे धनिया और पुदीना की चटनी के साथ भी serve कर सकते हैं।
  • अगर आप को खट्टा increase करना हो, तो आप इस पर नींबू का रस भी डाल सकते हैं। 
  • आप इसे as a starter, as a chat, as a spicy salad, as a taste enhancer or as a part of thali dish serve कर सकते हैं। 
  • हमने जो pic डाली है, उसमें cheesy crispy tomato and crispy tomato दोनों ही flavour दिखेंगे।

तो चलिए, आज ही एक unique, healthy and different taste वाली dish बनाएं, जो कि instantly and easily prepare होने वाली recipe है।

उसको try कीजिए और इसका आनन्द लें। 

और हां अपनी होली की dishes की variety में इसे जरूर से शामिल कीजिए।

हमें बताइएगा जरूर कि कैसी लगी आपको यह dish...

Thursday, 23 February 2023

Article : संस्कार और अनिवार्यता

 संस्कार और अनिवार्यता



इस Sunday हम लोग थोड़ा free थे तो सोचा, कुछ दिल्ली दर्शन कर लिए जाएं।

बंगला साहिब गुरुद्वारा का बहुत नाम सुना था, पर जाना नहीं हुआ था तो सोचा इस Sunday वहीं जाते हैं।

Program final करने के लिए, जब location देखी तो पता चला birla temple, जिसे श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर भी कहते हैं, पास में ही है।

हालांकि हम उस मंदिर के दर्शन कर चुके हैं पर उसके पास तक जाएं और वहां नहीं जाएं, इसके लिए मन तैयार नहीं था।

कारण?

उस मंदिर की दिव्यता, भव्यता और आत्मिक शांति ने हम लोगों को तब भी आकर्षित किया था और आज भी वही सुख हमें अपनी ओर खींच रहा था।

तो बस सुबह-सुबह ही स्नान आदि कर के हम लोग कार से रवाना हो गए, अपनी मंजिल की ओर...

पहले गए मंदिर की ओर, क्योंकि वहां मंदिर के कपाट के खुलने व बंद होने का निर्धारित समय था 4:30 am–1 pm, 2:30–9 pm. 

मंदिर के कपाट पर ही दो लोग प्रसाद सामग्री बेच रहे थे। जिसे जो लोग खरीदना चाहते थे वो ले रहे थे, कोई अनिवार्यता नहीं थी, ना ही वो दुकानदार, अपनी ओर बुलाने के लिए जोर जोर से चिल्ला रहे थे। 

प्रसाद सामग्री में कुछ फूल, एक नारियल और एक प्रभू के नाम का छोटा सा कपड़ा था।

मंदिर में प्रवेश से पहले, जूते चप्पल उतार कर व अपने मोबाइल और कैमरा आदि जमा कर देने थे। उसके लिए clock room था, उसके पास जाने पर आपको व्यक्तियों की संख्या के अनुसार बोरी आदि दे दी जाएगी, जिससे पूरे घर के जूते चप्पल उसमें सुनियोजित तरीके से रखकर दे देना था। कोई भी जूते चप्पल चोरी होने का कोई डर नहीं था।

चंद सीढ़ियां चढ़ कर हम मंदिर के प्रांगण में पहुंच गए थे। बहुत ही विशाल, भव्य व स्वच्छ मंदिर है।

मंदिर के प्रांगण में माता लक्ष्मी व श्री नारायण जी की बड़ी-बड़ी सुन्दर प्रतिमाएं थी, जिनका अद्भुत श्रंगार किया गया था। 

यहां आकर असीम शांति और अपनत्व का एहसास होता है, मानो अपने ईष्ट देव के घर में पधारे हों। श्री लक्ष्मी नारायण जी के दर्शन के बाद, वहां अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाओं के दर्शन किए।

यहां एक बड़ी सी वाटिका भी है, जहां मांगलिक कार्यों को संपन्न किया जा सकता है।

मंदिर में प्रवेश से लेकर निकास द्वार तक कोई भी ऐसा कार्य नहीं था, जो करना अनिवार्य हो, ना तो आप के वस्त्र धारण करने में किसी तरह की कोई पाबंदी, आप ने सिर ढका है या नहीं, कोई अनिवार्यता नहीं, आप प्रसाद के साथ प्रवेश कर रहे हैं कि नहीं, कोई अनिवार्यता नहीं, आप ने दान दिया या नहीं, आप की इच्छा...

इतनी भीड़ नहीं थी कि, आप दर्शन ना कर पाएं, आप का मन, आप जितनी देर दर्शन करना चाहें। कोई नियम नहीं की, आप को इस तरह से ही पूरा दर्शन करना है।

शायद किसी तरह की कोई अनिवार्यता नहीं होने के कारण, बहुत ही अच्छे दर्शन होने के कारण, वहां की दिव्यता, भव्यता और स्वच्छता होने के कारण, मन प्रफुल्लित हो जाता है। जिसके कारण वहां बार-बार जाने की इच्छा होती है।

उसके बाद हम बंगला साहिब गुरुद्वारे गये।

बहुत ही विशाल, सुन्दर और स्वच्छ गुरुद्वारा था। जैसा कि आप सबको पता ही होगा, गुरुद्वारे में स्त्री हो या पुरुष सबको ही सिर ढककर ही प्रवेश करना होता है। सिर ढका होना, वहां की अनिवार्यता है...

गुरुद्वारे के प्रवेश द्वार पर ही रुमाल व चुनरी बेचने की बड़ी बड़ी दुकानें थीं।

जो अपने साथ लाए थे, उन्होंने अपने और जो नहीं लाए थे, उन्होंने चुनरी या रुमाल खरीद कर सिर ढक लिए।

गुरुद्वारे में प्रवेश से पहले, अपने जूते चप्पल उतार देने थे, उसके लिए clock room था, उसके पास जाने पर आपको एक plastic की डलिया दी जाएगी, जिससे पूरे घर के जूते चप्पल उसमें सुनियोजित तरीके से रखकर दे देना था। कोई भी जूते चप्पल चोरी होने का कोई डर नहीं।

वहां साफ साफ लिखा था कि गुरुद्वारे में रुमाल या चुनरी से सिर ढककर जाएं। सिर ढकने के लिए cap वर्जित थी। छोटे-छोटे वस्त्र धारण करना भी वर्जित था। 

उसके बाहर ही चार पांच washbasin थे, जिनमें साबुन भी रखे हुए थे। जिससे जूते चप्पल उतारने से गंदे हुए हाथों को धोया जा सके।

गुरुद्वारे की तरफ जाने वाली पहली बड़ी सी सीढ़ी पर साफ जल प्रवाहित हो रहा था, जिस पर सभी को अपने पैर धोकर ही अंदर प्रवेश करना था।

अंदर एक जगह, प्रसाद चढ़ाने के लिए हलवा बिक रहा था, जिसे लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार खरीद रहे थे, पर खरीदना कोई अनिवार्यता नहीं थी।

पर जहां से प्रसाद खरीदा जा रहा था, वो जगह पूर्णतः बंद थी। प्रसाद के लिए, एक line थी, जिसमें लगने से पहले coupon  लेना अनिवार्य था। सब एकदम systematic way में था।

जहां से गुरुद्वारा प्रारम्भ था, वहां से पूरे गुरुद्वारे में बहुत ही सुन्दर और नर्म कालीन बिछा था। बहुत ही भव्य और दिव्य गुरुद्वारा था।

गुरुद्वारे में अंदर जाने पर गुरुग्रंथ साहिब की आराधना करते हुए गुरुबानी चल रही थी। 

वहां दर्शन करने जाने के लिए, मार्ग तय था, जिसका पालन करना सबको अनिवार्य था। वहां दर्शन करने के लिए बहुत लोग थे। कुछ गुरुबानी सुनने के लिए, वहां बैठे भी हुए थे।

सिर के खुलने पर तुरंत टोक दिया जा रहा था। दर्शन के बाद, अमृत सरोवर में जाकर, उसके जल को सिर, चेहरे, हाथ, कन्धों और पैर पर लगाया। माना जाता है कि उस जल से सभी प्रकार के रोग ठीक हो जाते हैं...

पर वहां घंटों पैर डूबाकर नहीं बैठ सकते थे। गुरुद्वारे से निकलते समय, थोड़ा-थोड़ा हलवा प्रसाद मिल रहा था, जिसके लिए line लगानी थी। 

उसके बाद जिन्हें लंगर चखना था, (गुरुद्वारे में भोजन प्रसाद ग्रहण करने को लंगर चखना कहते हैं) उन्हें एक बड़े से हॉल के आगे बैठ जाना था। वहां भी बहुत भीड़ थी। 

हम भी बैठ गये कि आज लंगर प्रसाद चख कर जाएंगे, क्योंकि कहा जाता है कि जिन पर बाबा जी की महर होती है, वो ही लंगर चखते हैं।

हम अभी बैठे ही थे कि hall में अंदर जाने का आदेश हो गया।

एक बड़े से hall में पतली पतली 10 दरियां बिछी थी, हर एक दरी में एक दूसरे की तरफ पीठ से पीठ टिकाए दो row बनी थी। इस तरह से वहां एक ही hall में 800 से 1000 व्यक्ति एक साथ लंगर चख रहे थे।

छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग, स्त्री, पुरुष वहां भोजन प्रसाद को serve कर रहे थे। निस्वार्थ सेवा भाव कर रहे थे।

सादा, सात्विक, गर्मागर्म व स्वादिष्ट भोजन था। वहां थाली, चम्मच व रोटी दोनों हाथों को जोड़कर लेनी थी। बाकी दाल, सब्जी, चावल, अचार वो थाली में रख दे रहे थे।

भोजन, आप को जितना खाना हो, मिल जाएगा, बस अनिवार्यता इतनी है कि खाना छोड़ना नहीं था। अतः सब लोग सिर्फ उतना ही भोजन ले रहे थे, जितना खा सकें।

लंगर चखते समय भी आपके सिर से चुनरी या रुमाल गलती से भी हट गया तो तुरंत टोक दिया जा रहा था, वहां भी सिर ढककर रखना अनिवार्य है।

और आपको बता दें, हर एक व्यक्ति, चाहे स्त्री हों, पुरुष हों या बच्चे सिर सबके ढके थे और भोजन किसी ने भी नहीं छोड़ा था। 

यदि किसी का बच्चा भोजन प्रसाद खत्म नहीं कर सकता है तो उसके माता-पिता भोजन प्रसाद खत्म कर रहे थे।

भोजन खत्म होने के बाद वो लोग ही थाली एकत्रित कर रहे थे, जिन्होंने भोजन प्रसाद वितरण किया था।

बंगला साहिब गुरुद्वारा जाने के बाद, हमें यही समझ आया कि अगर अनिवार्यता कर दी जाए, तो संस्कारों का पालन लोग स्वतः ही करने लगते हैं।

ईश्वर के दर्शन के लिए, स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए, वो वहां था, लोग हाथ और पैर धोकर ही गुरुद्वारे में प्रवेश कर रहे थे।

वस्त्र ऐसे हों जो शालीन हों, सिर ढका हुआ होना चाहिए, वो सब कर रहे थे और जिनका गलती से सिर खुल जा रहा था, टोके जाने पर वो भी तुरंत सिर ढक लेते थे। 

भोजन कभी भी छोड़ना नहीं चाहिए, फिर अगर भोजन प्रसाद हो, तब तो इस बात का और ज्यादा ध्यान रखना चाहिए, यह बात भी वहां पूरी तरह मान्य थी।

निस्वार्थ भाव के साथ अपने कार्य को ईश्वर की सेवा रुप में करना चाहिए और वहां सभी कार्य करने वाले लोग ऐसा ही कर रहे थे..

एक तरह से देखा जाए तो वहां जो कुछ भी हो रहा था, वो पूरी तरह से सही था। साथ ही ऐसा होना कोई नई बात भी नहीं है। 

यह सब ही तो भारतीय संस्कार हैं। स्वच्छता का ध्यान रखना, शालीन वस्त्र धारण करना, भोजन की बर्बादी को होने से रोकना व निस्वार्थ सेवा करना...

समझा जाता है कि पंजाबी और सिख सबसे ज्यादा modern और advanced होते हैं। पर हम आपको उनके ही पवित्र स्थान की विशेषता बता रहे हैं, जहां सभी अच्छे संस्कारों का पालन किया जा रहा था। 

और अगर जो समझा जाता है, वही मान भी लिया जाए तो जब वो कर सकते हैं तो बाकी क्यों नहीं?

 क्या यह सब हर जगह नहीं हो सकता, बिना किसी डर और अनिवार्यता के? 

क्या ईश्वर के लिए भी हम अपने सुसंस्कारों को नहीं अपना सकते हैं, कुछ घंटों, कुछ दिनों के लिए?...

मंदिर और तीज-त्योहार में स्नान कर के ही ईश्वर के दर्शन करने जाएं।

खूब modern और advance बनें, पर Atleast मंदिर और तीज-त्योहार में तो शालीन वस्त्र पहने। 

भोजन को तो कभी भी जूठा छोड़ने की आदत ख़राब है, इसलिए कहा भी गया है, उतना ही लें थाली में कि अन्न ना जाए नाली में...

आप को एक एक दाना अच्छा मिले इसके लिए किसान कितना परिश्रम करता है। क्या उसके श्रम का मोल, हम भोजन का मान देकर नहीं दे सकते हैं?

वैसे भी जहां अन्न का मान होता है, वहीं समृद्धि का भंडार होता है।

तो आज से हम अपने आप से प्रण करते हैं कि हम भारतीय संस्कारों का पालन atleast सभी धार्मिक स्थानों, फिर चाहे वो मंदिर हो, गुरुद्वारा हो, चर्च हो या मस्जिद हो, पर जरुर से करेंगे, बिना किसी अनिवार्यता के, बिना किसी भय के...

और हां भोजन तो, कभी भी जूठा नहीं छोड़ेंगे, फिर चाहे पवित्र स्थान का प्रसाद हो या घर आदि का खाना...

जब हम करेंगे, तभी तो बच्चे अनुपालन करेंगे और जिस देश में भरपूर मात्रा में अन्न होगा, उसका विकास तो सर्वविदित सत्य है।

जय भारतीय संस्कार 🚩

Tuesday, 21 February 2023

Story of Life : आप सा कोई नहीं

 आप सा कोई नहीं ( भाग -1) के आगे...

आप सा कोई नहीं ( भाग -2 ) 


एक हफ्ते में बिल्कुल अपनी जैसी कोई ढूंढ लाओगी, तो मिलवा दूंगा, बिल्कुल अपने जैसे से...

सच जीजा जी... एक हफ्ते क्या मैं दो दिन में ले आऊंगी...

बिल्कुल तुम्हारी जैसी होनी चाहिए, वो तुम से कम होनी चाहिए ना ज्यादा...

हां, हां, बिल्कुल मेरी जैसी होगी और हफ्ते भर में तो एक क्या तीन-चार मिल जाएंगी...

ठीक है, फिर एक हफ्ते में आता हूं।

फिर वरुण अपनी सास के पास गया और बोला, मम्मी जी, मैं एक हफ्ते बाद आऊंगा, आप मिठाई के साथ तैयार रहिएगा..

वरुण का confidence देखकर, रेखा बहुत खुश हो गई थी, वो जानती थी कि, वरुण ने अगर कोई बात बोल दी, तो वो पूरी होगी ही... 

अगले दिन से ही टीना ने अपनी खोज शुरू कर दी..

एक हफ्ते, पलक झपकते निकल गये... वरुण अपने वादे अनुसार आ गया था।

ओए, टिन टिन्नी कहां हो? देखो मैं आ गया...

टीना, अपने जीजा जी की आवाज़ पर दौड़ी चली आई...

क्या हुआ, कितनी टीना मिली तुम्हें?

जी एक भी नहीं...

क्यों तुम्हें तो तीन-चार मिलने वाली थी...अब क्या हुआ, तुम्हें एक भी नहीं मिली?

अरे जीजा जी, मिली तो बहुत, पर  बिल्कुल मेरी जैसी नहीं... कोई कम थी तो कोई ज्यादा... 

कम या ज्यादा नहीं, बिल्कुल तुम्हारी जैसी..

वही तो है आप का.. थोड़ा कम ज्यादा चला लीजिए...

नहीं टीना.. तुम्हें बिल्कुल तुम्हारी जैसी कभी मिलेगी ही नहीं, क्योंकि कोई होगी ही नहीं। 

यहां तक कि ना तुम्हारे जैसी तो ना तुम्हारी mirror images होगी ना ही तुम्हारी परछाई... 

मेरे ख्याल से अब तुम्हें समझ आ गया होगा कि, किसी एक की तरह दूसरा कोई नहीं होता है। साथ ही यह भी कि, कोई complete भी नहीं होता है, सब में कुछ अच्छा तो, कुछ बुरा भी होता है। 

किसी से  comparison करने से अगर आप को कुछ मिलेगा तो केवल दुःख...

इसलिए कभी किसी का किसी से comparison नहीं करो, देखना ही है तो, उसके अंदर मौजूद कमी के साथ, उसकी खूबियां भी देखने की कोशिश करो... 

तब तुम सही मायने में किसी को समझ सकोगी...

टीना समझ चुकी थी, कि किसी से किसी को नहीं मिलाया जा सकता, उसने माँ से कहा, अब आप जिससे बोलेंगी, उससे मैं शादी करने को तैयार हूं।

अगले दिन ही रेखा ने नंदनी को बोल दिया कि अपने बेटे रणबीर के साथ आ जाए। 

रणबीर भी बहुत गोरा लंबा और गज़ब का smart था।

जब रणबीर और टीना आपस में मिले तो दोनों ने एक दूसरे को पसंद कर लिया।

रोका की रस्म अदायगी तभी हो गई, फिर छह महीने के अंदर चट मंगनी पट ब्याह सम्पन्न हो गया।

जब पग फेरे में टीना मायके आई तो अपने जीजा जी से बोली, thank you so much Jiju, अगर आप ने मुझे नहीं समझाया होता तो मुझे इतना अच्छा जीवन साथी और बहुत प्यार करने वाला ससुराल कभी ना मिलता...

मां बोली, सिर्फ टीना ही नहीं, मैं भी बहुत आपको बहुत धन्यवाद देना चाहती हूं, क्योंकि अगर आप ने टीना को नहीं समझाया होता तो, मुझे कभी सुकून नहीं मिलता....

Monday, 20 February 2023

Short story: आप सा कोई नहीं

 आप सा कोई नहीं  


लम्बी, छरहरी, दूध सी गोरी टीना बहुत खूबसूरत थी, जो भी उसे देखता, उसके सपने सजाने लगता, पर अभी तक टीना को ऐसा कोई नहीं मिला, जिसके वो सपने सजाती...

इससे टीना की माँ बहुत दुःखी थी क्योंकि टीना के इस व्यवहार से उसकी उम्र और अच्छे रिश्ते दोनों ही हाथ से निकलते जा रहे थे। 

एक दिन माँ की पुरानी सहेली आयीं और जब उन्होंने टीना को देखा तो अपने एकलौते बेटे के लिए उसे पसन्द कर लिया। 

वो माँ से बोलीं, रेखा मैं अपने बेटे सिद्धार्थ के लिए लड़की ढूंढ रही थी पर मेरी ख़ोज तुम्हारी बेटी पर पूरी होगी, यह नहीं पता था। 

सुनकर माँ बोली नंदनी, मुझे तो तुम और तुम्हारा बेटा दोनों ही बहुत पसंद हैं, पर मेरी पसंद से होता क्या है, टीना को कोई पसंद आए तब ना.... 

अरे रेखा, मेरा बेटा लाखों में एक है और मैं टीना को अपनी बहू नहीं बल्कि बेटी बनाकर ले जाऊंगी...

मैं तुम्हें बहुत अच्छे से जानती हूँ नंदनी, मुझे तुम लोगों से रिश्ता जोड़ कर बहुत खुशी होगी।

पर जब टीना को पता चला कि नंदनी आंटी, शादी के लिए देखने आई है तो, वो थोड़ी चुप चुप सी हो गई। 

नंदनी जी समझ गई कि टीना, शादी के लिए interested नहीं है। 

वो रेखा से यह कहकर चली गई कि मेरी बेटी नहीं है, इसलिए मैं बहू नहीं बल्कि बेटी ढूंढ रही हूं, अगर टीना ready हो तो मैं महीने भर इंतज़ार कर लूंगी। वरना मुझे मजबूर होकर, कोई दूसरा रिश्ता देखना पड़ेगा। 

नंदनी के चले जाने के बाद, रेखा बहुत दुःखी हो गई कि आज एक और अच्छा रिश्ता, हाथ से निकल जाएगा। लड़का भी PSU company में manager था और ससुराल भी ऐसी, बिल्कुल मायके जैसी...

रेखा ने अपने दामाद वरुण से कहा, अब आप ही बात करिए, अपनी लाडली साली से, वरना यह तो कभी शादी ही नहीं करेगी। 

वरुण की बात, टीना कभी भी नहीं टालती थी।

क्या बात है, टीना क्यों मम्मी जी को दुःखी कर रही हो, आखिर तुम्हें कैसे वर की तलाश है?

जी, बिल्कुल आप जैसा, टीना ने शरमाते हुए कहा, लेकिन कोई आप सा मिलता ही नहीं...

धत्त पगली... बस इतनी सी बात... मुझे पहले ही बता देती... 

क्यों, कोई है क्या जीजा जी, टीना ने चहकते हुए पूछा...

है ना... साली जी, लेकिन मेरी एक शर्त है।

क्या? 

जाने क्या कहेगा, टीना से वरुण, आप सा कोई नहीं ( भाग -2) में...

Saturday, 18 February 2023

Bhajan (Devotional Song), Aarti आरती करो शंकर की

महादेव के विशेष दिवस पर, मधुर और मन को मोह लेने वाली आरती, उनके श्री चरणों में समर्पित है🙏🏻🙏🏻 

महादेवमाता पार्वती हम सब पर सदैव अपनी कृपा दृष्टि बनाएं रखें 🙏🏻🙏🏻

आप सभी को महाशिवरात्रि पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं 💐

आज की यह आरती, लखनऊ की श्रीमती प्रीति सहाय जी की मधुर आवाज़ में साझा कर रहे हैं। आइए हम सभी इस आरती का आनन्द लें...


आरती करो, शंकर की 


आरती करो 

हरिहर की करो 

नटवर की 

भोलेशंकर की 

आरती करो 

शंकर की 


सर पर शशि का मुकुट संवारे 

तारों की पायल झनकारे 

धरती अंबर डोले तांडव 

लीलाधर नटवर की 


आरती करो 

हरिहर की करो 

नटवर की 

भोलेशंकर की 

आरती करो 

शंकर की 


फण का हार पहनने वाले

शंभू हैं जग के रखवाले 

सकल चराचर जगमग डोले

उंगलीधर विषधर की 


आरती करो 

हरिहर की करो 

नटवर की 

भोलेशंकर की 

आरती करो 

शंकर की 


महादेव जय जय शिव शंकर

जय गंगाधर, जय डमरूधर

हे देवों के देव मिटाओ 

तुम विपदा हम सब की 


आरती करो 

हरिहर की करो 

नटवर की 

भोलेशंकर की 

आरती करो 

शंकर की 



महादेव व माता पार्वती की जय-जयकार 🙏🏻🙏🏻

Friday, 17 February 2023

Article: एक कदम शिव की ओर...

 एक कदम शिव की ओर...  




भारत में हिन्दुत्व का बोलबाला, दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है, जो कि भारत के विकास के लिए आवश्यक भी है... 

आप कहेंगे कि, क्या आवश्यकता है हिन्दुत्व के बढ़ावे की?...

तो उसका पहला जवाब तो यही है कि भारत एक हिंदू देश है, और जैसे सभी देश अपने धर्म को बढ़ावा देते हैं, तो भारत में क्यों नहीं? 

पर इसका अगर आप को logical and scientific reason जानना है तो आप वेद, पुराण, उपनिषद, गीता और रामायण पढ़ें...

उसके बाद आप बहुत अच्छी तरह से समझ जाएंगे, क्यों हिन्दुत्व सबसे प्राचीन और सबसे नवीन है। 

अगर सब ना पढ़ पाएं तो, सिर्फ गीता भी अगर पढ़ लेंगे तो भी आपका उद्धार हो जाएगा। 

यह अपने आप में बहुत बड़ा आश्चर्य है कि सदियों पहले, कही और लिखी गीता में आपको अपने हर क्षेत्र के सभी प्रश्न के उत्तर, तब भी मिलते थे और आज भी मिल जाएंगे, अगर विश्वास ना हो तो पढ़िएगा जरुर...

पर आज हम शिव जी के विषय में विचार कर रहे हैं, देवों के देव महादेव के, आदि से अनंत तक के सत्य के, इस सृष्टि के अस्तित्व के विषय में... 

शिव, जो सम्पूर्ण हैं, अपनी शक्ति के साथ... महादेव, जिन्होंने अपनी शक्ति, अपनी अर्द्धांगिनी को अपने बराबर का स्थान दिया। 

जिस तरह से वो विनाश के, तांडव के प्रतीक हैं, उसी तरह से प्रीत को पूर्ण समर्पित अर्द्धनारीश्वर के भी प्रतीक हैं। 

पूरे विश्व में किसी भी धर्म के, किसी भी ईश्वर का यह रूप आप को देखने को नहीं मिलेगा।

उनका यह रूप, केवल दृष्टिगत नहीं होता है, बल्कि साक्षात प्रदर्शित भी होता है। 

शिव रात्रि इसका ही साक्षात सत्य है। जहां शिव जी और माता पार्वती की एक साथ आराधना की जाती है...

भारत में हमेशा से ही शिवरात्रि का महत्व रहा है, पर इस बार, हिन्दूओं के हर पर्व का एक अलग ही रूप है।

इस बार जगह जगह, शिव जी से मिलने वाली ऊर्जा को संग्रहित करने के लिए, बहुत से साधू-संत, आयोजन, आयोजित कर रहे हैं। 

शिव जी से ही ऊर्जा संग्रहित.. क्यों?

ध्यान और योग से ही ऊर्जा संग्रहित होती है और जो ईश्वर स्वयं ही सदैव ध्यान में लीन हों, वो तो सर्वश्रेष्ठ ऊर्जा का स्त्रोत हैं।

अगर आप ऐसे आयोजन में शामिल होते हैं तो आप को विशेष आनंद का अनुभव होगा। मानव जीवन सार्थक हो जाएगा...

पर अगर अपने व्यस्त कार्यक्रम या दूरी के कारण आप को यह सौभाग्य ना मिल पाए, तो अपने घर से ही शिवरात्रि में चंद घंटे या चंद मिनट शिव ध्यान अवश्य करें।

वैसे तो कहा जाता है कि शिवरात्रि में शिव आराधना रात्रि के सभी प्रहर में करना अधिक उत्तम है, तथापि आप अपनी शक्ति के अनुसार कल शिवरात्रि के किसी भी प्रहर में ध्यान करके ऊर्जा संग्रहित कर सकते हैं। 

जब उत्तम, रात्रि के प्रहर में है तो सभी प्रहर में कैसे ऊर्जा संग्रहित हो सकती है तो इसका एकमात्र उत्तर यह है कि शिव, भोले हैं, सरल हैं उनके लिए भक्ति भाव, आस्था और विश्वास ही सर्वोपरि है।

तो चलिए, इस बार हम अपनी आत्मा के दीप को इस तरह से प्रज्वलित करते हैं कि हमारी भक्ति की लौ, शिव जी में लीन हो जाए, उनमें एककार हो जाए।

हम भी वह ऊर्जा संग्रहित करने में सक्षम हो पाएं कि मानव जन्म सार्थक हो जाए।

एक कदम शिव की ओर चलें और उन्हीं में समाहित हो जाएं।

कल ही है वो रात्रि, शिवरात्रि, दिन तो याद रहेगा ना...

Wednesday, 15 February 2023

Recipe : Cheesy Paneer Casserole

आज कल, हर जगह casseroles recipe बहुत ज्यादा चल रही हैं। यह इतनी tasty होती है कि हर एक की favourite dish बन गई है। साथ ही बनाने में भी यह इतनी easily and instantly बनती है कि बनाने वाले की भी favourite dish बन जाएगी। और जिनको healthy dishes ही सबसे ज्यादा पसंद है, वो भी इसकी तरफ खिंचे चले जाएंगे।

तो चलिए आज, हम सबसे ज्यादा tasty Casserole recipe share कर देते हैं। 

Cheesy Paneer Casserole 



Ingredients 

Paneer -  200 gm 

Red bell pepper - 1 big 

Green bell pepper - 1 big

Onion - 2 medium 

Salt - as per taste

Amul garlic and harb butter - 25 gm

Full cream milk - ¾cup

Fresh cream - 1 tbsp

Grated Cheese - 1½ cup 

Black pepper - ½ tsp

All parpose flour - 1 tsp

Mix herbs - for taste enhancement


Method 

  1. Paneer, bell peppers, onion के blocks, cut कर लीजिए।
  2. मैदे को wok में slightly roast कर लीजिए।
  3. जब मैदा ठंडा हो जाए तो उसमें, butter, दूध, ¾ cup cheese, salt and pepper, fresh cream को डालकर mix कर लीजिए। 
  4. Slow flame में continuously stir करते हुए, slightly thick, Cheesy sauce ready कर लीजिए।
  5. सारे blocks को glass Casserole में arange कर लीजिए।
  6. अब blocks को cheesy sauce से cover कर दीजिए।
  7. बचे हुए ¾ cup cheese को cheesy sauce के ऊपर फैला दीजिए।
  8. Mix herbs को पूरे में sprinkle कर दीजिए। 
  9. अब Casserole को 4 to 5 min के लिए microwave और 3 to 4 min के लिए grill (slightly Browning के लिए) होने के लिए रख दीजिए।

Yummy tasty Cheesy Paneer Casserole is ready to serve...

आप इसे as a starter serve कर सकते हैं। Dinner roll, bun, bread, naan or rumali roti के साथ आप इसे as a full meal भी serve कर सकते हैं।

चलिए इस easily and instantly बनने वाली recipe के tips and tricks भी देख लेते हैं।


Tips and Tricks 

  • आप के पास अगर glass Casserole नहीं है, तो आप इसे microwave safe tray में भी arrange कर सकते हैं। 
  • हमने भी tray ही ली है, coz इसमें grilling and Browning ज्यादा proper आती है।
  • आप चाहें तो इसे microwave की जगह Convection mode में 170° c पर 15 to 20 minutes पर रख सकते हैं। 
  • अगर आप के पास, microwave oven नहीं है तो आप इसे nonstick frying Pan पर lid रख के medium-slow flame पर  15 to 20 minutes के लिए or Cheese melt होने तक पका लें।
  • याद रखियेगा, Pan nonstick ही लीजिएगा, क्योंकि cheese में चिपकने की tendency होती है।
  • अगर आप के पास garlic and herb butter नहीं हो तो, आप normal butter में Finely chopped garlic cloves को slightly shoté कर लीजिए, फिर उसे cheesy sauce में मिला दीजिए।
  • Herbs की quantity, आप अपने taste के accordingly घटा या बढ़ा सकते हैं। 
  • अगर आप को spicy ज्यादा पसंद है तो आप इसमें finely chopped green chillies डाल सकते हैं।
  • Spicy flavour increase करने के लिए, serving time पर इसमें chilli flakes or black pepper, sprinkle कर सकते हैं। 
  • अगर आप के पास red bell pepper ना हो तो आप उसे छोड़ सकते हैं।
  • पर उसकी जगह टमाटर मत लीजिएगा, टमाटर का texture बहुत बेकार हो जाता है और पूरी Casserole recipe को बेकार कर देता है।
  • अगर आप onion and garlic नहीं खाते हैं तो उसे discard कर सकते हैं।
  • आप चाहें तो इसमें से all-purpose flour, avoid कर सकते हैं। वैसे all-purpose flour डालने से, sauce में proper thickness आ जाती है, वरना watery sauce बनेगी।
  • अगर आप को इसकी richness को reduce करना है तो, butter and cheese की quantity कम कर सकते हैं। Tasty तो वो भी लगेगा, बस cheesy flavour and texture कम हो जाएगा।
  • Authentically, इसमें cheese का amount और ज्यादा ही रहता है। इसलिए आप चाहें तो cheese की quantity और बढ़ाकर 1½cup से 2cup तक कर सकते हैं।

यह dish इतनी easy है कि इसे बच्चे भी बना सकते हैं।

तो सोचना क्या है, आज ही बनाएं और लुत्फ लें गर्म गर्म cheesy Paneer Casserole का😋

Tuesday, 14 February 2023

Article : ताजमहल ( A Love Story)

आज Valentine's day है और सभी romantic mood में ही हैं, तो आज का topic भी वैसा ही होना चाहिए...

ताजमहल ( A Love Story)



आप सोच रहे होंगे कि क्या Romantic article लिखने जा रहे हैं।

नहीं, यह कोई Romantic article नहीं है, बल्कि बहुत ज्यादा Romantic article है। पूरे अंत तक जरुर पढ़िएगा।

सच मानिएगा, अंत तक आते-आते, आपको भी अपने partner से सच्चा प्यार हो जाएगा।

शाहजहाँ और मुमताज महल से कहीं बहुत ज्यादा..

आप को लगता होगा कि क्या किस्मत थी मुमताज़ की, जो उसे शाहजहाँ जैसा पति मिला, जिसने अपनी मोहब्बत की ऐसी निशानी बनाई कि आज भी लोग उनकी मोहब्बत के कायल हैं।

चलिए आज उनकी मोहब्बत की गलियों में चलते हैं।

कहते हैं कि खुर्रम, अर्जुमंद से आगरा के मीना बाज़ार में मिला था। 

अर्जुमंद बला की खूबसूरत थी, कोई उसका दीदार भर कर ले, तो अपने होश खो बैठता था। बस फिर क्या था, वही हाल खुर्रम का भी हुआ, वो देखते ही दीवाना हो गया। 

तब खुर्रम 15 साल का था और अर्जुमंद 14 साल की। 

बिना किसी विरोध के दोनों की सगाई हो गई। सगाई के पांच साल बाद निकाह।

आप सोचेंगे बात तो शाहजहाँ और मुमताज की शुरु की थी, फिर यह खुर्रम और अर्जुमंद कहाँ से आ गये?

अरररे नाराज़ ना होएं...

वो ऐसे ही नहीं आएं हैं और ना ही हम, अपने मुद्दे से भटके हैं। दरअसल बात यह है कि खुर्रम शाहजहाँं और अर्जुमंद, मुमताज़ के बचपन के नाम हैं। सोचा जब बता ही रहे हैं तो यह भी बताते चलें, वो क्या है ना, इससे आप का इतिहास भी मजबूत हो जाएगा...

तो चलिए आगे चलते हैं-

लेकिन इन पांच सालों के बीच शाहजहाँ दो और निकाह पहले ही कर चुका था। मतलब दीवानगी को रजामंदी मिल गई थी पर गोया शाहजहाँ से इतना इंतजार नहीं हुआ कि मुमताज़ से निकाह तक का इंतजार कर लेता। नहीं साहब दो निकाह, पहले ही कर लिए।

चलिए जो हुआ, सो हुआ। पर जब मुमताज़, बेगम बन कर आ गयीं, फिर क्या हुआ? अब तो प्यार उनकी आगोश में था।

अरे नहीं जनाब, उसे कोई फर्क नहीं पड़ा, एक, एक करके कई बेगम आईं। 

पर मन इतने से भी नहीं भरा, तो 8000 औरतें हरम में भी रख लीं।

तो सोचिए, जिसके दीवाने थे, उसके पास जाने का नम्बर कितने दिनों बाद आता था?

फिर रही सही कसर, इस बात से खत्म हो जाती कि मुमताज़ बेगम हर साल उम्मीद से हो जाती थीं।

उन्होंने 13 संतानों को जन्म दिया और 14वीं संतान के होने के समय अल्लाह को प्यारी हो गईं।

जब उनका इंतकाल हुआ, तो उस से चंद रोज़ पहले, मुमताज़ बेगम ने, शाहजहां को अपने पास बुलाया और अपनी बेपनाह मोहब्बत का वास्ता देकर दो वादों को मुक्कमल करने की इल्तज़ा की।

एक, कि मेरे मरने के बाद और निकाह मत कीजिएगा। दूसरा उनके लिए एक मकबरा बनवा दें। 

पर रंगीले शाहजहाँ से कहाँ होता कि और निकाह नहीं करता, जिसके प्यार की कद्र जीते जी नहीं की, उसके मरने के बाद तो क्या ही कद्र करता। 

उसने उसके बाद भी दो निकाह और किए, यहाँ तक कि, उसने अपनी सबसे प्यारी बेटी जाहंआरा से भी निकाह कर लिया। तो पहले वादे की तो धज्जियां उड़ गयीं... 

दूसरा वादा क्या मुश्किल था, एक शहंशाह के लिए, तो बनवा दिया मकबरा...

उसके लिए उसे कौन से पत्थर तोड़ने थे। और उसकी खूबसूरती में तो उन architects और मजदूरों का हाथ था।

और इस मगरुर शाहजहाँ ने उन मजदूरों को अपनी मोहब्बत की निशानी बनाने का, क्या क्रुर इनाम दिया था, यह तो किसी से छिपा नहीं है, उसने उन गज़ब के फनकार मजदूरों के हाथ ही कटवा दिए कि दूसरा ताजमहल ना बन सके। 

और मशहूर बन बैठा कि अपनी बेगम को कितना चाहता था कि सदियों से आज तक ताजमहल A Love Story बन गया।

तो यह है शाहजहां और मुमताज की love story.

सोचिए कि जिस शाहजहाँ की मोहब्बत को आप अपने पति की मोहब्बत से तुलना करतीं हैं, वो तो इसके काबिल तो छोड़ दीजिए, दूर-दूर तक stand तक नहीं करता। 

आपका जीवन साथी, सिर्फ और सिर्फ आप को चाहता है, उसने कई शादियाँ और हजारों अवैध संबंध नहीं बनाए।

ऐसे सौ मकबरे कुर्बान उस सच्चे प्यार पर, जो आप के पति आप से करते हैं।

वो दिन-रात मेहनत कर रहे हैं कि आप सुखी रहें, कि उनका परिवार सुख से रहे।

ऐसा प्यार किस काम का, कि जीते जी, कभी कद्र ना करो और मरने पर हजारों के खून से लथ-पथ ताजमहल बनवा दो।

आप तो अपने भाग्य पर इतराएं कि आप को शाहजहाँ सा बादशाह नहीं मिला, जिसके लिए आप मात्र दिल बहलाने का खिलौना हो।

और महसूस कीजिए, अपने पति के दिल में बने सच्चे प्यार का ताजमहल A Love Story. 

अगर आप के लिए सच्चा प्यार और आप का मान, ज्यादा महत्वपूर्ण है तो आप को जरूर वो ताजमहल दिखेगा। पर उसका नाम होगा  ताजमहल A true love Story. जिसमें सिर्फ प्यार ही प्यार होगा, ख़ून के धब्बे नहीं।

Happy Valentine's day 💞💐

Friday, 10 February 2023

Article : Think once!

 एक बार सोचिएगा !


आज के इस article में आगे बढ़ने से पहले हम आपसे इतना जरूर कहना चाहते हैं कि

देश के विषय में बात करना, उसके लिए सोचना कोई राजनीति नहीं होती है..

जैसे खाली 26 जनवरी और 15 अगस्त में झंडा फहराने और भारत माता की जय कहने भर से आप देशभक्त नहीं हो जाते हैं... 

तो चलिए आज के इस गहन मुद्दे पर सोच-विचार करते हैं...

अफगानिस्तान को तालिबानियों ने ख़त्म कर दिया, श्रीलंका कंगाल हो चुका, पाकिस्तान कंगाल होने की कगार पर है। नेपाल के हालात भी बहुत अच्छे नहीं रह रहे हैं।

जिसमें श्रीलंका, पाकिस्तान और नेपाल को तो खस्ता हालत में पहुंचाने में किसका हाथ है, यह पूरी दुनिया में किसी से भी छिपा नहीं है।  

आखिर ऐसा भी क्या हुआ, जो अचानक से भारत के सभी पड़ोसी देशों को target बनाया जा रहा है...

कभी आपने सोचा है क्यों?

और आज से आठ- नौ साल पहले तो ऐसा कुछ नहीं था...

जब भारत की सरकार, आज की सरकार नहीं थी। 

तब पाकिस्तान का आए दिन, हमला होता था...

आतंकवादी संगठन भारत में जगह जगह अपने आतंकवाद का कहर ढाते थे।

श्रीलंका से भी इस तरह के हमले हो ही जाते थे। 

अपनी ही सरकार में राजीव गांधी की हत्या... आपको, शायद याद तो होगी ही...

भारत में हम सभी खौफ में रहा करते थे, कि ना जाने कब क्या हो? फिर वो चाहे, कश्मीर में हो, मुंबई में हो या दिल्ली में, या अन्य जगहों पर...

पर कुछ सालों से ऐसा क्या हो गया है कि इस तरह के हमले होने से पहले ही उनको नियंत्रित कर लिया जाता है? 

क्योंकि, सेना सुदृढ़ हो चुकी है, सुरक्षा व्यवस्था चुस्त दुरुस्त हो चुकी है...

या यूं कहें कि भारत, अब पहले सा भारत नहीं रहा, जिसे डराया, धमकाया या बेबस बनाया जा सकता था।

आज का भारत, सुदृढ़, विकसित, सशक्त और आत्मनिर्भर बन चुका है। अब इसका कद विश्व के बड़े देशों के बराबर हो गया है। 

आज भारत की तुलना, अमेरिका, रूस, चीन, जापान से हो रही है और यह बड़े बड़े देश भी, भारत के साथ मैत्री के संबंध बनाने में विश्वास रखते हैं...

वो सहृदय तो आज भी है, पर अब उसने अपने पर बुरी नजर रखने की सोच वालों को भी जवाब देना शुरू कर दिया है। 

वो आज भी युद्ध नहीं चाहता है, पर दूसरे देशों के द्वारा युद्ध करने पर करारा जवाब भी दे देगा...

जब भारत के दुश्मनों को लगा कि अब भारत से टकराना आसान नहीं है तो उन्होंने भारत से टकराने का दूसरा पैंतरा अपनाया है। पड़ोसी देशों को target बनाने का...

इससे आपको समझ आ रहा होगा कि दुश्मन किस हद तक हम पर हावी होना चाह रहा है और किस कदर तिलमिला रहा है...

आज कल की news देखकर, दूसरे देशों के लोगों से यह कहते हुए सुनकर कि काश! वो भी भारत में होते तो यूं बदहाली का सामना नहीं करना पड़ता।

शायद, उससे आप को कुछ एहसास होता हो कि, क्यों वो भारत के कसीदे पढ़ते हैं?.. 

हम आप से आज नहीं कहेंगे कि किस ने क्या किया और उसकी हम को कितनी आवश्यकता है, क्योंकि अब तक तो आप भी समझ ही रहे होंगे...

क्योंकि हम कुछ बोलेंगे तो आप फिर कहेंगे कि हम तो...

पर क्या अब भी हमें कुछ कहने बोलने की जरूरत है? 

पहले श्रीलंका के तिल-तिल कंगाल होने की news और अब पाकिस्तान के वही आलम... 

दहशत की एक सिरहन तो लाती होगी ना?...

एक बार सोचने को मजबूर तो करती होगी ना?...

अगर नहीं...

तब भी भारत की हालत, अपने पड़ोसी देशों जैसी कभी ना हो, उसके लिए एक बार सोचिएगा जरुर, क्योंकि देश है तभी हम हैं, वरना करोड़ों रुपए भी कुछ नहीं कर सकेंगे... 

और देश के सुदृढ़ व्यवस्था के लिए, सुदृढ़ सरकार ज़रुरी है, और वो कौन सी है...

एक बार सोचिएगा जरुर... 


जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

Thursday, 9 February 2023

Article : एक फांसी ऐसी भी

 एक फांसी ऐसी भी 




आज एक ऐसा article share कर रहे हैं, जिसको पढ़कर आप को एहसास होगा कि किस हद तक क्रूर लोग होते हैं...

कभी-कभी leak से हटकर की गई, चीजें  ऐसी होती हैं कि एक बार आप को सोचने को मजबूर जरूर कर देती हैं। 

आप ने संगीन‌ मुजरिमों को फांसी देने की बात सुनी होगी। लेकिन क्या कभी आपने ऐसा सुना है कि किसी जानवर को सज़ा मिली हो और वो भी फांसी की सज़ा?

जी हां, ये सुनने में बहुत ही अजीब लग रहा होगा, लेकिन वास्तव में एक हाथी को फांसी पर लटकाया गया है। 

आज से 104 साल पहले अमेरिका में कुछ ऐसा ही हुआ था। 

वह कौन सा हाथी था और किस वजह से उसे हजारों लोगों के बीच दे दी गई थी फांसी, चलिए आप को बताते हैं... 


आज के समय में ऐसी किसी घटना को भले ही हम जानवरों के प्रति क्रूरता कहें। 

लेकिन उस समय अमेरिका में बड़ी संख्या में लोगों ने हाथी को फांसी दिए जाने का समर्थन किया था।

यह खौफनाक या फिर यह क्रूर घटना 13 सितंबर 1916 की है। जब अमेरिका के Tennessee राज्य में दो हजार से ज्यादा लोगों के बीच मैरी नाम के हाथी को फांसी पर लटका दिया गया था। जिसके पीछे की वजह बहुत ही अजीब थी और यह जानकर आपको भी काफी हैरानी होगी। 

दरअसल, charlie spark नाम का एक व्यक्ति Tennessee में 'Sparks World Famous Show' नाम का एक circus चलाता था। उस circus  में बहुत से जानवर थे। जिसमें मैरी नाम का एक एशियाई हाथी भी शामिल था। आपको यह भी बता दें, मैरी का वजन करीब पांच टन था और मैरी उस सर्कस का मुख्य आकर्षण था। 

ऐसा कहा जाता है कि, एक दिन मैरी के महावत ने किसी कारणवश circus छोड़ दिया और बिना महावत के circus में मैरी का show दिखा पाना असम्भव था।

अतः आनन-फानन में दूसरे महावत का इंतजाम किया गया 

नए महावत को मैरी हाथी के बारे में ज्यादा कुछ मालूम नहीं था और ना ही मैरी ने उस महावत के साथ ज्यादा वक़्त गुज़ाराना चाहता था। अतः मैरी को कंट्रोल करने में महावत को बहुत कठिनाई आ रही थी। मैरी ने ठीक से खाना पीना भी बंद कर दिया था।

इसी दौरान एक दिन circus के pramotion के लिए शहर में parade  का आयोजन किया गया। जिसमें मैरी समेत सारे जानवर और circus के सभी कलाकार शामिल हुए थे। शहर के बीचों-बीच parade निकाली गई।

इस दौरान रास्ते में मैरी को अपने पसंद की खाने की चीज दिखी, जिसके लिए वह तेजी से आगे बढ़ने लगा। नए महावत ने मैरी को ऐसा करते देख रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहीं रूका। इस दौरान महावत ने उसके कान के पीछे भाला मारा, जिससे हाथी तिलमिला उठा और गुस्से में उसे नीचे पटक दिया और उसके ऊपर अपना भारी-भरकम पैर रख दिया, जिससे महावत की मौत हो गई। 

यह घटना देख कर लोगो में अफरा तफरी का माहौल बन गया। वहीं कुछ लोगों ने हाथी को मार डालने के नारे लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। 

हालांकि उस समय तो यह मामला शांत हो गया, लेकिन अगले दिन के अखबारों में इस घटना को प्रमुखता से छापा गया, जिसके बाद घटना की खबर, पूरे शहर में आग की तरह फैल गई। इस खबर को पढ़ कर शहर के लोग circus के मालिक charlie spark से मैरी (हाथी) को मृत्युदंड देने की मांग करने लगे। 

Charlie Spark ने बहुत कोशिश की कि उसके circus show के main attraction के साथ ऐसा कुछ नहीं किया जाए। 

पर कुछ सिरफिरे लोग, यह समझने को तैयार नहीं थे कि वो एक नासमझ जानवर है और उसने ऐसा भूख और दर्द में किया था। 

वो बस इस बात की रट लगाए थे कि हाथी ने अपने महावत का खून किया है और खून की सजा फांसी है। तो जो सज़ा सबको दी जाती है,वही मैरी को भी मिलनी चाहिए...

इसके लिए उन्होंने 100 टन का वजन उठाने वाली एक क्रेन मंगवाई और 13 सितंबर 1916 को क्रेन की मदद से हाथी को हजारों लोगों के बीच फांसी पर लटका दिया। इस घटना को इतिहास में जानवरों के प्रति मानवता का सबसे क्रूर उदाहरण माना जाता है। 

Tuesday, 7 February 2023

Tips: Removing ink from clothes

हमारी बिटिया रानी, college गई थी और जब लौटी तो देखते क्या हैं कि madam, अपने एकदम नई jacket में बहुत सारे ink के stain लगा लाई हैं। 

एक तो नई jacket, ऊपर से light colour...

दिमाग ख़राब हो गया देखकर, पर बिट्टो रानी को भी क्या बोलते, कोई जानबूझ कर तो कर के लाई नहीं थी, दूसरा खुद भी बहुत दुःखी थी, अपने favourite jacket को बर्बाद हुआ देखकर...

अगले दिन वो तो college चली गई और हम बैठ गये, असंभव से stain को साफ करने...

और जब वो शाम को आई, तो हम उसके jacket को दिखा रहे थे और गा रहे थे...

मेरे हाथों में वो जादू, हर stain चला जाता है...

कपड़ों से ink के stains निकालने के लिए उनकी अधिक सफाई करना या उन्‍हें बहुत अधिक रगड़ना, इसका सही solution नहीं है क्‍योंकि इससे कपड़े के फटने और उसके रंग के fade होने का डर रहता है।

तो चलिए आप को भी बता देते हैं वो tips, जिससे आप के husband or kids की favourite jacket or shirt ink के stain से reject नहीं करनी पड़े... 


Removing ink from clothes 



हम ink stains को remove करने के लिए, सारी ऐसी चीजें use करेंगे जो घर में readily available हो।


Toothpaste :

Toothpaste से आप ink के stains हटा सकते हैं। इसके लिए आप किसी भी simple toothpaste का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। पर हां, gel based toothpaste का इस्‍तेमाल ink के stains को मिटाने के लिए न करें। 

आपको बता दें कि toothpaste में exfoliating properties होती हैं। कपड़े में जहां भी ink के stains लगे हैं, उन्‍हें toothpaste से पूरी तरह cover कर लें और सूखने दें। जब toothpaste सूख जाए तो उसे हटा दें, अब कपड़े पर कोई भी अच्छे liquid dish washer को stains वाली जगह पर apply कर दीजिए, फिर थोड़ी देर बाद उसे wash कर दें। 2-3 बार इस तरह कपड़े को wash करने पर ink के दाग पूरी तरह से गायब हो जाएंगे। 


Milk :

कपड़े के जिस हिस्‍से में ink लग गई है, उतने हिस्‍से को रात भर के लिए दूध में dip करके रख दें। सुबह उठ कर कपड़े को detergent से साफ कर लें। ऐसा करने से कपड़े पर लगे ink के निशान हल्‍के पड़ जाएंगे। दरअसल दूध में bleaching property होती हैं, जो कपड़ों पर लगे किसी भी तरह के दाग को साफ करने की क्षमता रखती हैं।


Alcohol :

Alcohol की मदद से भी कपड़े पर लगे ink के दाग remove किए जा सकते हैं। 

इसके लिए आपको पहले यह देखना होगा कि कपड़े पर लगे ink के stains कम है या ज्‍यादा। 

अगर ink का दाग छोटा सा है तो आप एक cotton को  alcohol में dip करें और फिर उसे ink के दाग पर rub करें। 

यदि कपड़े पर ink का stain ज्‍यादा लगा हुआ है तो आप दाग वाले हिस्‍से को 15 मिनट के लिए alcohol में dip करके रख दीजिए। उसके बाद दूसरे rough cloth से उस जगह को दबा-दबा कर ink के stains को rough cloth में ले लीजिए। ऐसा करने से ink के stains बहुत हल्‍के पड़ जाते हैं। अब किसी अच्छे से detergent powder से wash कर लीजिए।

आप कहेंगे कि, हमारे घर में alcohol नहीं रहती है, तो कैसे धोएंगे?

तो जनाब! एक बात बता दें, अब वो जमाना नहीं रहा, जब लोगों के घरों में alcohol रखना पाप मना जाता था। अब तो हर घर में alvohol है।

कैसे? कहां? हमारे यहां तो नहीं है...

है ना... Sanitizer के form में... 

Sanitizer??

जी हां, Sanitizer, एक alcohol based chemical ही होता है, और यह बहुत अच्छा remover साबित होता है।


Shaving cream :

घर में रखी पति की shaving cream का इस्‍तेमाल भी आप कपड़े पर लगे इंक के दाग मिटाने में कर सकते हैं।

इसके लिए ink के दाग पर shaving cream लगाएं और brush की मदद से उसे दाग पर rub करें। अब 15 मिनट तक shaving cream को दाग पर लगा रहने दें, फिर इसे detergent से साफ कर लें। ऐसा करने से दाग हल्‍के हो जाते हैं। 

यदि आप 2-3 बार इस remedy को ink के stains पर apply करेंगी तो आपको अच्‍छे results भी देखने को मिल जाएंगे।


Salt & lemon :

यह नुस्‍खा बेहद आसान है और इससे कपड़े पर लगे ink के निशान काफी हद तक हल्‍के पड़ जाते हैं और कपड़े को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचता है। इसे लिए आपको एक चम्‍मच नींबू के रस में नमक mix करना होगा। इस मिश्रण को toothbrush की मदद से कपड़े पर लगे ink के stains पर लगाएं और brush से stains को हल्‍का रगड़ें। 15 min के लिए नींबू, नमक मिश्रण कपड़े पर लगा रहने दीजिए। 

इसे बाद आप कपड़े को detergent से wash कर सकते हैं। आपको बता दें कि नींबू में bleaching properties होती हैं और वह कपड़े में लगे किसी भी तरह के दाग को remove करने की क्षमता रखता है।


तो बस कर डालिए, सारे stains remove...

और हम से जुड़े रहें, इसी तरह के और भी useful tips जानने के लिए...

Friday, 3 February 2023

Tips : How to identify Plastic Rice

चावल, India के most of the states में खाया जाने वाला, staple food है। साथ ही बच्चों से बुजुर्गों तक, बहुत से लोगों की पहली पसंद भी होती है। 

यह Easily digest होने वाला, carbohydrate का rich source है, जो कि बहुत अच्छा energy provider भी हैं। 

पर आजकल चावल में इस हद तक मिलावट होने लगी है, कि जिस का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।

आज कल plastic के चावल भी बहुतायत से बनाए जाने लगे हैं, और वो इतने ज्यादा real लगेंगे कि,  हाथ में चावल को लेकर आप नहीं जान सकते कि चावल असली है या नकली। 

पर इस synthetic rice को खाने से आपके बहुत से internal organs damage जरूर हो जाएंगे। 

पर जब आप जुड़ें हैं, shades of Life के साथ, तो फिक्र की नहीं है बात...

आज आप को कुछ ऐसी tips share कर रहे हैं, जिससे आप घर पर साधारण जांच करके पता लगा सकते हैं, कि चावल असली हैं, नकली हैं या हैं plastic के... 

 How to identify Plastic Rice 



पहले आप को चावलों के बादशाह, बासमती चावल (Basmati Rice) के identification के बारे में जानकारी दें देते हैं। 

Basmati Rice :  खुशबूदार चावल कहा जाता है, जिसका production, India, Pakistan and Nepal में होता है। ये चावल महीन, खुशबू के साथ पारदर्शी और चमकदार होता है। इसे बनाने के बाद चावल की लंबाई दोगुना हो जाती है। ये चावल पकने के बाद खिला-खिला बनता है, बल्कि हल्का सा फूल जाता है। इस खासियत की वजह से इसे देश भर में खूब पसंद किया जाता है। 

नकली चावल की पहचान करने के लिए, आप चूने का इस्तेमाल कर सकते हैं।

 Identify by adding lime

चावल का कुछ sample एक बर्तन में रख लें। इसमें चूना यानी lime और पानी को मिलाकर एक घोल बनाएं।

अब इस घोल में चावलों को भिगोकर कुछ देर के लिए छोड़ दें। अगर कुछ समय बाद ही चावल का रंग बदल जाये या रंग छोड़ दे तो समझ जाइये कि ये चावल नकली है।

 अब चलिए, आप को बता देते हैं कि plastic rice की पहचान कैसे की जाए। 

Identification of plastic rice

1. By smell : 

थोड़े से चावल को आग में डालें, असली चावल, भूरा, काला हो जाएगा, पर जलेगा नहीं। पर अगर चावल जले और जलते समय उसकी smell, plastic के जलने जैसी हो तो समझ लें कि plastic का चावल हैं. 

2. By melting :

खाने वाले तेल को धुंआ निकलने तक गर्म कर लीजिए, अब इसमें चावल डाले, अगर यह पिघलना शुरू हो जाता है, तो चावल plastic का है। 

3. By floating test :

Plastic के चावल को पानी में डालने पर वो तैरने लगता है।

4 . By boiling :

Plastic के चावल उबलाने के बाद container के ऊपरी हिस्से में मोटी परत की तरह नजर आते हैं।

5.  By Rotting :

इसके अलावा एक तरीका ये है कि चावल पकाने के बाद कुछ दिनों तक उसे ऐसे ही छोड़ दें, अगर  plastic  का चावल होगा तो यह बदबू नहीं करेगा क्योंकि यह सड़ता नहीं है।

Wednesday, 1 February 2023

Story of Life : होनी होकर रहती है (भाग- 2)

 होनी होकर रहती है (भाग - 1) के आगे...

होनी होकर रहती है (भाग- 2)


सब उस जगह पहुंचें, जहां ऐसा हुआ था, और जो उन्होंने वहां देखा, उसे देखकर सब हैरान रह गए...

उन्होंने देखा कि जहां राजकुमार की मृत्यु हुई थी, वहां पास में सांप का फन जैसा पड़ा था, जो रक्तरंजित था।

यह कहां से आया?

सब यह देख रहे थे, तभी साधू महाराज बोले, यह उस कलाकृति से आया है?

यह कैसे संभव है? रानी पीड़ा से भरकर बोली... 

महामंत्री ने, बहुत ध्यान से कलाकृति देखी, तत्पश्चात् कलाकृति बनाने वाले कलाकार को बुलाया, उससे पूछताछ की, फिर पूरी घटना के तार जोड़े, उसके बाद राजमहल में पहुंचा।

महाराज, मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि, साधू महाराज की बात सत्य साबित हुई..

क्या कहना चाहते हो, साफ-साफ कहो? पहेलियां मत बुझाओ...

महाराज, जब पुष्प वर्षा की जा रही थी, तो उससे बहुत सारी कलाकृतियां हिल रही थी।

उन्हीं में से एक कलाकृति का हाथ थोड़ा मुड़ गया, साथ ही उसकी एक उंगली में एक तार निकल गया। जिससे ऐसी संरचना बनी, मानों कोई सांप अपनी विषैली जिह्वा निकाल कर बैठा हो।

और जैसे ही राजकुमार सिंहासन पर विराजमान हुए, वो कलाकृति ऐसी हिली कि वो हाथ राजकुमार के ऊपर गिर गया और राजकुमार की उसी क्षण मृत्यु हो गई।

तुम क्या कहानी सुना रहे हो? तार चुभने से कोई मृत्यु होती है। 

महाराज, मैंने पूरा परिक्षण किया है, वो तार जिस स्थान से लाया गया था, वहां पर जहरीले फूलों का पौधा था। उसका एक फूल उस तार में लगा रह गया था। 

कलाकार ने जल्दी बाज़ी में कुछ ध्यान नहीं दिया और वैसा तार ही मूर्ति को मजबूत करने में लगा दिया। 

फिर वही हुआ जो होना था।

राजा ने सारी बातें सुनकर, साधू महाराज से अनेकानेक क्षमा मांगी। महाराज आपने मुझे अगाह किया था, पर मैं मूर्ख, अपनी सामर्थ्य पर विश्वास कर के ईश्वर के विधान को बदलने चला था।

राजन्, तुमने दुःख में मुझसे कहा था, मैंने उसका किंचित मात्र भी बुरा नहीं माना और ना ही तुम से क्रोधित हूं। 

पर आज भी मैं यहीं कहूंगा कि, अच्छा हो या बुरा... होनी होकर ही रहती है, उसके होने के विधान अपने आप बन जाते हैं। 

जैसे राजकुमार की मृत्यु सत्य थी, वैसे ही उसका जन्म होना भी सत्य था, तुम्हारा सुख और दुःख भी सत्य था। इसलिए मेरे अगाह करने के बाद भी सब घटना घटित हुई...

इसलिए सत्य को स्वीकार करो और आगे की सुधि लो, यह कहकर साधु महाराज अपने आश्रम की ओर प्रस्थान कर गए।