Wednesday 7 July 2021

Article : India towards formal economy

एक पुराना सवाल, जिसका जवाब बहुत लोगों को सही नहीं मिला। पर उसके कारण बहुत लोगों ने मोदी जी को ग़लत जरुर मान लिया। आज उसी सवाल का जवाब लेकर आए हैं....

शायद सभी के आंखों के सामने से गलतफहमी का पर्दा हट जाए....

India towards formal economy 




1947 से आज तक India में 15 Prime ministers रह चुके हैं।

जिसमें कांग्रेस से लेकर BJP व other parties की government रही है।

यह तो आप सबको पता ही होगा, किसी भी देश के विकास के लिए, देश से एकत्र किया जा रहा tax ही काम आता है। 

फिर चाहे, सड़कों का निर्माण हो, या पुल का, स्कूल, काॅलेज, अस्पताल खोलने हों या शहरीकरण करना या गांवों का विकास, देश‌ को महामारी से बचाना हो या सेना का सशक्तीकरण या ऐसे ही और बहुत से काम.....

देश की सुरक्षा और विकास के लिए tax बहुत जरूरी है।

पर 1947 से लेकर 2014 तक india में 3 करोड़ लोग ही direct tax pay करते थे। 

Direct tax pay को आसान भाषा में कहें तो income tax.

जिसमें अधिकांश Middle class salaried employees ही रहते हैं। जबकि देश की जनसंख्या लगभग 135 करोड़ है।  

2014 में demonetization किया गया था।

जिसे बहुत लोग अच्छा मानते हैं, पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टी के अलावा भी बहुतों के मन में यह रोष है कि यह करना पूर्णतया गलत था।

चलिए आज इसी बात पर चर्चा कर लेते हैं कि demonetization क्यों आवश्यक था, इससे देश को क्या लाभ मिला।

जो BJP समर्थक हैं, उन्हें कुछ बताने की आवश्यकता नहीं है कि मोदी जी, देश के लिए कितना कुछ कर रहे हैं, पर जो विरोधी हैं, उनका थोड़ा ध्यान खींचना है। 

Effects of demonetization and GST 

आप में से कितने लोग यह जानते हैं कि 2014 के पहले 1000 and 500 के नोट भारत में नहीं बल्कि Europe and USA में बनते थे। और इसके एक नोट की लागत approx 4.50 रुपए और 3 रुपए क्रमशः थी। और बाकी सभी नोट भारत में ही बनते थे।

पर जब मोदी जी सत्ता में आए तो उन्होंने अपने मंत्रीमंडल के साथ मिलकर यह तय किया कि अब से विदेश से भारत के रुपए छप कर नहीं आएंगे।

जिसके कारण demonetization में 1000 and 500 रुपए scrap किए गए। 

आज India की सारी currency, India में ही बन रही है। जिसके कारण हमें करोड़ों का फायदा हुआ है। 

साथ ही 1000 and 500 के नोट चलने बंद हो रहे थे तो सबको उन्हें 1 हफ्ते की समय अवधि में जमा करने थे। 

जिससे लोगों की जमाखोरी सामने आ गई। सज़ा और जेल से बचने के लिए ना जाने कितने कालाबाजारी सुधर गये।

नक़ली नोटों का कारोबार ठप हुआ, साथ ही आतंकवादियों का समर्थन करने वालों पर भी गाज गिरी। तो आतंकवाद भी कम हो गया।

जब सबकी जमा पूंजी निवेश सामने आया, तो tax pay ना करने वालों की संख्या का कच्चा चिट्ठा खुल गया और अपने को बचाने के लिए tax payers की संख्या मात्र चार सालों में तकरीबन 3 करोड़ से बढ़कर 6 करोड़ से आगे बढ़ गई। यह वो लोग हैं जो direct individual income tax payers हैं।

Demonetization के साथ ही GST लागू किया गया। जिसके कारण लगभग 4 लाख shell company के registration खारिज कर दिए गए।

जिनको clear कराने कोई नहीं आया, क्योंकि companies चलाने वाले भी जानते थे, clear कराने पर पूछा जाएगा कि इसको चलाने के लिए पैसे कहाँ से आए, तो उसका कोई जवाब नहीं होगा।

GST से पहले मात्र 65 लाख व्यापारी tax pay करते थे पर जबसे GST आया, तब से 1 करोड़ के ऊपर व्यापारी tax pay कर रहे हैं।

अब आपको समझ आया कि demonetization and GST के क्या effects आए हैं।

और यह भी समझ आया होगा कि क्यों किया गया। 

क्या कहा, नहीं आया?

अरे भाई, इसलिए कि tax pay करने का काम सिर्फ middle class salaried employees को ही ना करना पड़े।

बल्कि देश की सुरक्षा और विकास की जिम्मेदारी सब उठाएं।

जब देश सबका तो जिम्मेदारी भी सबकी।

अब समझ आया कि मोदी जी जैसे दूरदर्शी प्रधानमंत्री की भारत को कितनी आवश्यकता है।

जब तक आप सिर्फ़ अपने बारे में सोचेंगे, आप को मोदी जी कभी पसंद नहीं आएंगे, जिस दिन देश को अपना समझ कर सोचेंगे, उस दिन से मोदी जी आपको सबसे ज्यादा पसंद आएंगे।

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳