Friday 12 August 2022

Short Story : बहन मेरी भी

 बहन मेरी भी 

कंगना ने अभी अभी college में new admission लिया था। 

कंगना बहुत सुंदर और आधुनिक संस्कृति में ढली नवयुवती थी,  उसकी खूबसूरती में गज़ब की कशिश थी कि लोग उसकी तरफ, अनायास ही खींचे चले जाते थे।

College बहुत दूर नहीं था, तो वो अक्सर पैदल ही जाया करती थी।

एक दिन वो, जब घर से कुछ दूर ही आगे बढ़ी थी कि अचानक से एक लड़के ने उसका रास्ता रोक लिया। और उसको देखकर, अजीब अजीब से comments pass करने लगा।

इस तरह के comments, उसे कभी किसी ने नहीं बोले थे, अतः कंगना बुरी तरह से सहम गई, उसने अपने कदमों की रफ़्तार तेज कर दी...

अगले दिन फिर वही लड़का सामने आ गया और उसे अजीब नज़रों से देखने लगा।

कंगना को उसे देखकर बहुत डर लगा, उसने सोचा, कल से अपना रास्ता change कर लेगी।

उसने वही किया, अब उसे वो लड़का दिखना बंद हो गया, कंगना बहुत खुश हो गई।

चंद दिनों बाद, फिर से उस लड़के ने रास्ता रोकना शुरू कर दिया, अबकी बार वो और ज्यादा बेखौफ और बेशर्म लग रहा था।

कंगना की हिम्मत, अब जवाब देने लगी, उसे college जाने के नाम से डर लगने लगा। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे?

अगले दिन,  कंगना, college जाने को ready तो हो गई, पर उसके कदम आगे बढ़ने का नाम नहीं ले रहे थे।

तभी, उसके कुंदन भैय्या, जो कि उस पर अपनी जान छिड़कते थे, बाहर आए, और कंगना को असमंजस की स्थिति में देखकर बोले...

क्या हुआ छोटी? यहां खड़ी हुई क्या कर रही हो? आज college नहीं जा रही हो?

कंगना ने सकुचाते हुए, अपने बड़े भाई कुंदन से पूछा, भैय्या, क्या आप मुझे अब से college छोड़ने चलेंगे?

कुंदन हष्ट-पुष्ट बांका जवान था, कंगना को पूरा विश्वास था कि भैय्या के रहते कोई उसे छेड़ नहीं पाएगा।

क्या हुआ छोटी, तुम्हारा college तो walking distance पर है, फिर college छोड़ने चलने की क्या आवश्यकता है?

भैय्या, एक लड़का मुझे, एक हफ्ते से रोज़ परेशान कर रहा है... कंगना की बात सुनकर, कुंदन का खून खौल उठा, बोला, तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया? 

अच्छा एक काम करो,  छोटी, तुम आगे-आगे चलो, मैं तुम्हारे पीछे-पीछे आ रहा हूं।

कंगना, बहुत खुश थी कि आज उस गुंडे को सबक सिखायेगी।

वो जैसे ही थोड़ी दूर बढ़ी, वही लड़का सामने उसका इंतजार कर रहा था। पर आज कंगना को डर नहीं लग रहा था।

वो खुद उसके सामने पहुंच गई, कंगना को उस लड़के के पास खड़ा देखकर, कुंदन तेज़ कदमों से वहाँ पहुंच गया।

पास पहुंच कर, कुंदन ज़ोर से चिल्लाया, क्यों बे मेरी बहन को परेशान करता है?

उस लड़के ने तुरंत, कंगना के सामने हाथ जोड़ लिए, बोला, बहन, जिसका ऐसा भाई हो, उससे कौन छेड़छाड़ कर सकता है।

बहन!.. कंगना गुस्से से भड़क गई, आज भैय्या को देखा तो बहन...

आपके भैय्या को देखने के बाद ही तो, मैंने आपके साथ ऐसा किया?

क्या मतलब? कुंदन गुस्से से लाल पीला हो रहा था।

वो लड़का, कंगना की ओर मुखातिब होते हुए बोला, मेरा नाम विरेन्द्र है।

आपके भाई, पिछले एक महीने से मेरी बहन कियारा को परेशान कर रहे हैं।

पर इनके डोले-शोले देखकर, मुझसे इनसे भिड़ने की हिम्मत नहीं हुई।

पर मेरी भी बहन है, मुझे भी उसकी रक्षा करनी थी। फिर एक दिन, मैंने आपको इनके साथ देखा। उसी क्षण मैंने सोचा कि अगर मैं आपको परेशान करूं तो यह आपको बचाने अवश्य आएंगे और तब शायद मेरा दर्द और मेरी बहन की परेशानी, आप दोनों समझ सकें? 

अन्यथा आप को परेशान करने का मेरा कोई इरादा नहीं था, बहन...

कंगना ने आज पहली बार विरेन्द्र की तरफ ध्यान से देखा, वो सचमुच शरीफ़ इंसान ही लग रहा था, और आज तक जिस भाई पर उसे बहुत नाज़ था, आज पहली बार, उसे उन पर बहुत क्रोध आ रहा था।

भाई आप भी...?

कुंदन को अपनी बहन की आंखों में, आज अपने लिए प्यार और विश्वास की जगह घृणा दिखाई दे रही थी।

विरेन्द्र, तुम सही कह रहे हो, अगर तुमने मुझसे झगड़ा किया होता तो जरूर से तुम मुझसे हार जाते, पर तुम्हारे इस कदम ने मुझे एहसास करा दिया कि, हर लड़की किसी की बहन या बेटी होती है। किसी को भी बुरी नज़र से नहीं देखना चाहिए।

आज से मैं तुम्हारी बहन तो क्या, किसी भी लड़की से छेड़छाड़ नहीं करूंगा।

मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया है, बहन मेरी भी है और उसे कोई परेशान करे, यह मुझसे बर्दाश्त नहीं तो दूसरे क्यों करेंगे? 

अगर सभी इस बात को समझ लें कि हर स्त्री, किसी की बहन या बेटी होती हैं और कोई उनकी परेशानी बर्दास्त नहीं कर सकता, तो सभी स्त्रियां सुरक्षित होंगी और देश खुशहाल...

आइए इस रक्षाबंधन पर्व पर अपने आप से यह संकल्प लें कि, किसी भी नारी का अपमान ना करेंगे ना होने देंगे...

यह हम सब बहनों के लिए सबसे अच्छा उपहार होगा...🙏🏻


रक्षाबंधन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ 💐🎉