Thursday 16 May 2024

Article: Taste or poison

स्वाद या ज़हर



आज के इस article को लिखने का मुख्य उद्देश्य है, हमारे देश के बच्चे..

आप कहेंगे क्या हो गया जी बच्चों को...

बच्चों में बढ़ता fast food का हद का craze.

Momos, Chowmein, Manchurian etc. यह सारे ही, उतने ही घातक हैं, जितना घातक मीठा जहर। 

यह सब खाने में जितने स्वादिष्ट है, health के point of view से उतने ही जहरीले। 

यह सब तब और घातक हो जाते हैं, जब इन्हें रेहड़ी पटरी से लिया जाए।

आप कहेंगे कि हम ऐसा क्यों बोल रहे हैं? 

क्योंकि इनका craze सिर चढ़कर बोल रहा है। 

Indian street food, जैसे पकौड़ी-कचौड़ी, चाट, गोल-गप्पे, लिट्टी चोखा, ढोकला, फाफड़ा, इडली, डोसा, छोले-भटूरे, आदि से मुकाबले momos, chowmein, manchurian, pizza, sandwich, burger etc. की stalls ज्यादा नजर आने लगी है।

और पहले लगने वाले ठेले जिनमें,फालसे, फलों की चाट, मूली, खीरा, भुट्टा, आदि... वो तो अब यदा-कदा ही देखने को मिलते हैं।

आप देखेंगे तो पाएंगे कि Indian foods, most healthy foods है। किसी-किसी में आपको oil content ज्यादा मिल सकता है लेकिन harmful chemicals आपको नहीं मिलेंगे।

इसलिए अच्छा यही होगा कि Indian food items ही खाए जाएं...

जबकि fast food में harmful chemicals होने की संभावना बहुत अधिक होती है। 

किसी में preservatives, किसी में emulsifier, किसी में different chemicals like ajinomoto, किसी में colour etc...

इनमें से mostly DNA या blood cells पर attack करते हैं, जिनसे cancer, heart disease, nerves disorder, bones में weakness, obesity, diabetes, blood pressure etc की problem हो जाती है।

हमने रेहड़ी पटरी वालों के items ज्यादा खतरनाक इसलिए कहे, क्योंकि उन्हें कम पैसों में food items ज्यादा स्वादिष्ट बनना है तो वो ज्यादा chemicals use करते हैं।

पर ऐसा नहीं कि सारे रेहड़ी पटरी वालों के items ख़राब ही होंगे, उनके अच्छे भी हो सकते हैं और बड़ी-बड़ी eateries में भी ज्यादा chemicals use हो सकते हैं।

पर अगर आप fast food खाना ही चाहते हैं तो उन्हें घर पर ही बनाएं, हो सकता है कि वो taste में थोड़ा कम tasty लगे, पर healthy 100% होंगे।

और अगर आप बाहर ही खाने में interested हैं तो कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें।

1. अगर food items, colour डालकर बनाया है तो उसे avoid करें। जैसे honey chilli potato, paneer, chicken, gobhi etc.

2. Chinese items में Ajinomoto डालने को मना कर दें। 

3. Momos में monosodium glutamate (MSG) डालने को मना कर दें। 

हमने आपको जो बताया है, उस पर एक बार विचार अवश्य करिए। क्योंकि आपकी व आपके परिवार की सेहत आपके ही हाथों में है।

एक बार फिर कहेंगे कि घर पर बने खाने से ज्यादा tasty and healthy कोई खाना नहीं है। आप को fast food बहुत ज्यादा पसन्द हो तो उन्हें भी healthy version में कर के बनाएं।

Be healthy, be happy 🫶🏻❤️😊🙏🏻

Tuesday 14 May 2024

Article: सरकारी नौकरी के बदलते स्वरूप

सरकारी नौकरी के बदलते स्वरूप 


हमेशा से ही एक चीज है, जिसका craze रहा है, फिर चाहे वो हमारे बाप-दादाओं के ज़माने की बात हो या हमारे, वो है सरकारी नौकरी... 

हां, पर धीरे-धीरे अब कुछ craze कम हो चला है। 

पर साथ ही सरकारी नौकरी का स्वरूप भी बहुत कुछ बदल गया है। 

चलिए देखते हैं कैसे…

जैसा पहले के जमाने में teacher को फटीचर कहा जाता है, जो सरकारी स्कूलों में नौकरी में करता था, क्योंकि उनकी ना तो आमदनी थी, ना ही कुछ काम...

पर अब स्वरुप बदल गया है, अब government school teachers की salary अच्छी-खासी बढ़ गई है कि उनके सामने private school teachers की salary कहीं नहीं टिकती है। पर साथ ही अब काम भी बहुत बढ़ गया है। 

पर government का कहना है कि जब salary बढ़ी है तो काम का बढ़ना, औचित्यपूर्ण है। वैसे आप ठीक से सोचेंगे तो उतना ग़लत भी नहीं है।

मतलब अगर आप government school teachers की बढ़ी हुई salary देखकर इसे join करना चाह रहे हैं तो साथ में यह भी सोचकर आइए कि काम भी आपको करना पड़ेगा, आराम या कामचोरी नहीं चलेगी।

दूसरे और भी सरकारी नौकरियों में भी बदलाव आया है, फिर वो चाहे bank हो, railway हो, airlines हो, electricity department हो, जज हो, IAS, PCS officers हो, police service हो, SAIL, BHEL, ONGC, या अन्य सरकारी महकमे हो, सबमें ही काम और salary दोनों ही बढ़ी है।

पर बढ़ने के साथ कुछ घटा भी है और वो है, छुट्टियां और मिलने वाली सुविधाएं...

पहले सरकारी नौकरियों में कामचोरी भी बहुत थी और छुट्टियों की भरमार भी, पर अब ऐसा नहीं है।

बहुत सी सरकारी नौकरियों में गाड़ी, बंगला, नौकर-चाकर सब मिलता था, मतलब एक बार आप ने मेहनत करके यदि सरकारी नौकरी प्राप्त कर ली, तो बस फिर तो आपके शाही ठाठ-बाट...

घर अब भी मिलता है, पर उतना बड़ा नहीं, गाड़ी मिलती है, पर ऊंचे ओहदे पर पहुंचने के बाद। और नौकर-चाकर, वो लगभग नहीं ही समझिए... 

आज लगभग सभी सरकारी नौकरी में private companies की तरह ही काम करना पड़ता है। ऐसे में बहुत से लोगों को लगता है कि जब काम ही करना है तो private companies ही join किया जाए, वहां पैसा तो ज्यादा होगा।

ऐसे हर नौकरी में नहीं कहा जा सकता है क्योंकि बहुत सी government job में भी salary अच्छी कर दी गई है। चलिए मान भी लिया कि private companies ज्यादा अच्छी salary देती है, फिर भी एक बात में आज भी government job ज्यादा अच्छी है और वो है security में...

Government job में work load हद का बढ़ा है, छुट्टियां जमकर कंट्रोल कर दी गई हैं।

लेकिन security आज भी वैसी ही है, आज भी जितना मुश्किल government job पाना है, उतना ही मुश्किल किसी भी employee को terminate करना। यही वजह है कि अभी भी government job का craze पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है।

हालांकि young age में जब job join करते हैं शायद, उस समय security की value कुछ ‌लोग ना समझ पाए पर work experience के साथ बहुत अच्छे से समझ आने लगता है।

इसलिए अगर आप government job में हैं तो बढ़े हुए काम और घटी हुई छुट्टियों को लेकर गरियाते और कोसते नहीं रहें, बल्कि बढ़ी हुई salary भी देखें और सुचारू रूप से खुशी-खुशी काम करें।

अगर हर government employee सुचारू रूप से खुशी खुशी काम करेगा, तभी देश का विकास होगा। और यह भी याद रखिए, जब हम भी किसी government system में अपने काम से जाते हैं तो सुचारू रूप से होते हुए काम को देख कर प्रसन्न होते हैं।

तो अगर कोई हमारे system में अपने काम से आए तो उसे भी तो खुशी मिलनी चाहिए। और खुशी सुचारू रूप से होते हुए काम से ही मिलती है। तो अगर काम का load बढ़ा है और छुट्टियां घटी है तो चिढ़ना क्यों?

आप यह सोच कर काम कीजिए कि हमारे कार्यालय में कोई आएगा तो खुश होकर ही जाएगा, फिर अधिक काम करना खलेगा नहीं।

मेरे पति भी सरकारी नौकरी ही करते हैं, काम की बढ़ोत्तरी और छुट्टियों में कमी उनके office में भी हुई है। 

पर हम लोगों के लिए personal problem से बड़ा है देश का विकास...

और देश के विकास के लिए अधिक काम और कम छुट्टियां बर्दाश्त है हमें 🙏🏻

हमने उनकी job का‌ जिक्र सिर्फ इसलिए किया है कि government job में होने वाली problem हम लोग भी face कर रहे हैं। 

आप को यह ना लगे कि हम या हमारे पति होते government job में, तब तो हम परेशानियां समझते... 

सब देख परख के, परेशानियों से रुबरू होने के बाद ही हमने यह article लिखा है।

फिर जिस देश का मुखिया, बिना छुट्टियां लिए, बिना काम चोरी किए देश के विकास के लिए अनवरत कार्य कर रहा है, वहां के देशवासियों को भी कार्य करते हुए देश के विकास में सहायक बनना चाहिए ...

आप का क्या सोचना है?

जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳🙏🏻

Sunday 12 May 2024

Story of Life: आज मैं माँ

मेरे बेटे अद्वय ने आज, बहुत ही मार्मिक कहानी हमें Mother's day के उपलक्ष्य में तोहफ़े के रूप में दी। जब उसे पढ़ा, तो उसने मेरे दिल को छू लिया।

एक ऐसी कहानी, जो हर मां से जुड़ी हुई है‌ और अगर सभी बच्चे इसे समझ सकें तो हर मां को गर्व होगा।

आज उसे ही साझा कर रहे हैं, शायद आपके दिल को भी छू ले...

Happy Mother's Day 

आज मैं माँ



एक दिन मैं अपनी माँ से बोला, “आपका जीवन कितना सरल और आनंददायक है। घर में ही तो रहना है, जब चाहो तब टेलीविज़न देख लो, जब चाहो तब सो जाओ, जो मन में आए वह कर लो। आपको न पढ़ाई-लिखाई करनी होती है, न ही आपको परीक्षा का डर है। आपके जीवन में तो आनंद ही आनंद है।”

यह सुनकर माँ बोलीं, “बेटा, मैं इस पड़ाव से गुज़र चुकी हूँ। फिर भी तुम्हें ऐसा महसूस होता है, तो चलो, एक दिन के लिए तुम माँ और मैं बेटा बन जाती हूँ। कल मैं विद्यालय जाऊँगी, और तुम गृह के सभी कार्य करना।”

मैं मन ही मन आनंदित हो उठा। मुझे लगा कि एक दिवस के लिए ही सही, परंतु मौज-मस्ती करने को तो मिलेगी।

मैं अलार्म से सुबह पाँच बजे उठा। इतनी जल्दी उठने का मन तो नहीं कर रहा था, परंतु जानता था, कि माँ के विद्यालय जाने के बाद खूब विश्राम कर लूँगा। 

फिर मैं चला माँ को उठाने, परंतु “पाँच मिनट बाद, दस मिनट बाद” कह-कह के पूरे बीस मिनट उन्होनें ऐसे ही काट दिए। मैं क्रोधित हो गया, और मैंने पानी के तीन-चार छींटे उनके चेहरे पर मारे, और वे झल्लाते हुए उठ गईं।

तभी मुझे नाश्ते की चिंता हुई। मुझे कुछ भी बनाना नहीं आता था, मैंने सोचा कि इन्हें आज दूध-ब्रेड दे देता हूँ। जैसे ही मैंने नाश्ता परोसा, वे चिल्लाने लगीं, “यह कैसा नाश्ता है? छिः! मैं इसे बिलकुल भी नहीं खाऊँगी।”

मुझे कुछ भी बनाना नहीं आता था, इसलिए मैंने उन्हें डाँटते हुए कहा, “चुपचाप इस नाश्ते को खा लो, वरना बहुत मारूँगा।” यह सुनकर रोते हुए उन्होनें सारा नाश्ता अपने मुँह में जल्दी-जल्दी ठूस लिया।

मैंने उनके टिफ़िन में चिप्स और बिस्कुट रख दिए, परंतु देखकर वे ज़िद पर अड़ गईं, “यह क्या है! मुझे पोहा चाहिए, केवल पोहा, और कुछ नहीं।” मैंने गुस्साते हुए कहा, “जो दिया है, वह ले जाओ।”

हम नीचे उतरे, परंतु तब तक बस निकल चुकी थी। उसके पश्चात मैंने उन्हें कैसे विद्यालय पहुंचाया, यह केवल मैं ही जानता हूँ।

घर पहुँच कर ए.सी. चला कर मैं अपने बिस्तर पर लेट गया, पर तभी आँधी आ गई और बिजली चली गई। चंद मिनटों में पूरा घर धूल-धूसरित हो गया। मुझे ध्यान आया कि मैंने खिड़की तो बंद ही नहीं की थी। लो जी, हो गया आराम, अब करो सफाई। बहुत मेहनत लगी, पर आखिरकार पूरा घर साफ हो गया।

मैं थक कर चूर हो चुका था, और मुझे बहुत नींद आ रही थी। मैं लेटा ही था, कि तभी कामवाली आ गई। मुझे लगा सारे कार्य स्वयं करके चले जाएगी, परंतु उससे भी काम कराना किसी सिर-दर्द से कम नहीं था। हर पाँच मिनट में तो वह मुझे बुला रही थी।

तभी चाची का फोन आ गया। फोन पर बात करते-करते मुझे सामने दूध के पैकेट दिखे, तभी लगा कि दूध भी तो उबालना है, इसलिए बात करते-करते मैंने दूध चढ़ा दिया।

बिस्तर पर लेट के बातों में मगन हो गया। तभी कुछ जलने की महक आने लगी, मैं रसोईघर की ओर दौड़ा, मैंने देखा दूध उफन के फैल चुका था। मैंने तुरंत गैस बंद की।

आह! माँ का जीवन कितना कठिन होता है। तभी मुझे माँ कि आवाज़ आई, “उठो बेटा, विद्यालय नहीं जाना।”

मैं भड़भड़ाकर उठा और माँ से कस के चिपक गया।

माँ ने पूछा, “क्या हुआ? कोई डरावना सपना देखा?”

मैंने ना में सिर हिलाते हुए कहा, “माँ, आप बहुत अच्छी हैं।”

माँ ने मेरा सिर सहलाते हुए मुझसे पूछा,"क्यों रे?”

मैंने मुसकुराते हुए कहा, “क्योंकि आप माँ हो....


मातृत्व दिवस पर विशेष....

Saturday 11 May 2024

Short story: किराए की साइकिल

 किराए की साइकिल  



चंदन बस्ती में रहने वाला होशियार बच्चा था। उसके पापा, किशन की किराने की दुकान थी। 

पूरी बस्ती वहीं से राशन लेती थी, बहुत लोगों का उधार भी चलता था, इस कारण किशन का बस्ती में वट था, साथ ही बच्चों में चंदन का..

इस बार चंदन की मौसी ने उसके जन्मदिवस पर उसको तोहफे मे साइकिल दी। 

अभी तक बस्ती में किसी के पास साइकिल नहीं थी। ऐसे में चंदन की चमचमाती लाल साइकिल, सारे बच्चों मे आकर्षण का केंद्र बन गई।

हर बच्चा उसे छूना, देखना चाह रहा था। चंदन ठहरा व्यापारी का बेटा... उसने सब को कहा, देखने और छूने के 5 रूपए लगेंगे। 

5 रूपए बड़ी कीमत नही थी, आधे घंटे मे सारे बच्चे घर से 5 रूपए ले आए।

चंदन ने सबकी line लगवा दी, इस सख्त हिदायत के साथ कि सब बस साइकिल को देखेंगे और छूएंगे, कोई किसी तरह की कोई छेडछाड नहीं करेगा। जिसके कारण भी साइकिल में जरा भी खराबी आई, उसे पूरे 5 हजार का भुगतान करना पड़ेगा। 

इस तरह से चंदन के पास पूरे 250 रूपए एकत्रित हो गए। उसने एक बढ़िया चश्मा खरीदा और बड़ी शान से रोज, पूरी बस्ती के, साइकिल से चक्कर लगाने शुरू कर दिए। बच्चों के पास, उसे ललचाते हुए देखने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

हफ्ता-दस दिन बाद चंदन साइकिल चला-चला कर बोर हो गया। अब उसके दिमाग में एक तिकड़म आई।

उसने सारे बच्चों को बुलाया और कहा, जो-जो भी साइकिल चलना चाहता है, उसे किराया देना होगा। कितनी देर के लिए साइकिल लोगे, उसी के अनुसार किराया देना होगा। 20, 50, 70, 100 रूपए... साथ मे यह हिदायत तो थी ही कि, जिसके कारण भी साइकिल में जरा भी खराबी आई, उसे पूरे 5 हजार का भुगतान करना पड़ेगा। 

बच्चो मे खुशी की लहर दौड़ गई। वो दौड़े चले गए रूपए लेने...

अब तो हर रोज, सुबह से शाम साइकिल चलती और चंदन की कमाई बढ़ती जाती। 

कुछ ही दिनों मे साइकिल की पूरी कीमत निकल आई। अब चंदन ने एक और साइकिल खरीद ली और उसे भी किराए पर चलाने के लिए लगा दी। और ऐसे ही उसका किराए की साइकिल चलावाए जाने का business चल पड़ा...

चंदन के पापा किशन अपने बेटे की व्यापारी-बुद्धि देखकर अति प्रसन्न हुए और बोले, मैं तो हर रोज कितना राशन खरीदने और दुकान मे दिनभर खटने के बाद रूपए कमा पाता हू; और तुम घर बैठे, किराए की साइकिल चलवा कर कमा रहे हो... गजब दिमाग पाया है, ऐसे ही खूब कमाओ। 

धन्यवाद पापा, आगे मोटरसाइकिल और कार‌ की भी planing है...

किशन जोर से हंस दिया, फिर बोला, बहुत सही जा रहे हो...

Thursday 9 May 2024

Article : महल से Mall तक

महल से Mall तक 



आज husband के साथ long drive पर गए थे। Car दिल्ली की चौड़ी सड़कों पर दौड़ रही थी। हर  थोड़ी दूर पर एक mall आ रहा था या यूं कहें बहुत ही आलीशान और खूबसूरत थे, सारे के सारे Mall...

इन malls की ख़ूबसूरती और भव्यता देखकर यही ख्याल आ रहा था, भारत मे पहले ऐसे खूबसूरत और भव्य महल हुआ करते थे, आज malls हैं।

वैसे ही विशाल और गगनचुम्बी, उतने ही भव्य और बेहद खूबसूरत.. एक बार निहारना शुरु करो तो नजर नहीं हटती उससे..

महलों में बहुत सारे कमरे होते थे, जिसमें राजा-रानी, उनका परिवार, शाही कर्मचारी और अनेकानेक दास-दासी रहते थे। 

आज malls में भी बहुत कमरे हैं पर उनमे अलग-अलग companies और utility की shops हैं। 

महल में शाही परिवार और उनसे जुड़े विशेष लोग ही अंदर जा सकते थे, जबकि आम लोग किसी विशेष कार्य या अवसर पर ही अंदर जा सकते थे। 

जबकि malls में कोई भी अंदर जा सकता है, चाहे खास हो या आम, बशर्ते वो खुद ही अंदर जाने मे झिझक ना रहा हो।

सोचा जाए तो अपने बचपन में हमने कभी कल्पना ही नहीं की थी, कि एक ही जगह, हर संभव चीज़ मिल जाएगी।

अगर तब सोचते तो असंभव-सा लगता, पर आज किसी को कहेंगे कि कितना असंभव कार्य था, तो लोग कहेंगे कि ऐसा भी कोई बड़ा काम नहीं है, जिसके लिए असंभव शब्द use किया जाए। 

Mall के हर floor पर जगमगाती led lights, glow sign boards उसकी ख़ूबसूरती पर चार चांद लगा रहे थे। ऐसा प्रतीत हो रहा था, जैसे हजारों जुगनू एक साथ जगमगा रहे हो। 

आज कल fashion सा हो गया है, malls जाना, हो भी क्यों नहीं, सब सामान एक जगह मिल जाते हैं, थकान भी कम, क्योंकि बहुत दूर कुछ भी नहीं होता है।

Multistorey Floor के लिए lift है और साथ ही पूरे mall में central A.C. भी है, जो ही पूरे ambience को pleasant and soothing बना देता है।

Malls में आकर लोगों को लगता है कि shopping के साथ-साथ उनकी outing भी हो जाएगी। तो malls के आने से लोगों की shopping को लेकर धारणा ही बदल गई, अब shopping एक अच्छी outing भी बन गई है। 

इन malls ने आकर हर आम आदमी को शाही बना दिया, हर किसी को महलों तक पहुंच दिया...

Tuesday 7 May 2024

Tip: Gas stove cleaning

आज आप के साथ एक ऐसी Tip share कर रहे हैं, जो हर घर की requirement है।

और यकीन जानिए, एक बार आप ने इस तरह से gas stove clean कर लिया, तो आप को कभी gas service कराने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। 

गैस चूल्हे की सफाई 


Gas को use करते time कई बार ऐसा देखा जाता है कि उसके burners की flame कम हो जाती है। जिसके कारण उस पर काम करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।

खासकर जिनके पास दो burners वाला stove होता है उनके लिए तो इस से बहुत ही ज्यादा दिक्कत हो जाती है।

इस छोटे से काम के लिए stove service वाले आपसे बड़ी कीमत भी मांग सकते है। लेकिन अगर आप स्वयं इसे ठीक कर लें तो आप इस परेशानी से बच सकती हैं।

इसके लिए आपको ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी है। बस यहाँ जो तरीका बताया गया है उसे step by step follow करना है।

Step 1

Gas stove clean करने के लिए सबसे पहले cylinder को regulator से off कर दें। 

इसके बाद उस पर रखे हुए pan support (जिस पर बर्तन रखा जाता है) उसे निकाल दे और burners को भी निकाल लें। 

अब कोई भी बर्तन लें उसमें burners डालें और हर burners के ऊपर Harpic डालें और उसे 15 मिनट के लिए side में रख दें।

इस प्रकार से 2-3 महीने में आपको burners की सफाई करनी चाहिए। जब तक आपके burners Harpic में भीग रहें है तब तक हम दूसरे step पर चलते हैं।


Step 2

अब बारी है main stove को साफ करने की, जिसके कारण flame, low हो चुकी है। 

इसके लिए आपको एक plass और screw driver की जरूरत होगी। stove को उल्टा कर लें, और जिस burner की flame कम है उसे आपको खोलना है। 

कई बार बहुत दिनों बाद खोलने के कारण nut बहुत tight हो जाते है, उसे आसानी से खोलने के लिए उस पर थोड़ा तेल डालकर रख दें। 

अब पीछे plass से और आगे screw driver की मदद से आप burner खोल सकते हैं। खोलने के बाद अब सब parts आपके हाथ में होंगे। 

पीछे की ओर से जहां से gas हमारे burner में आती है उस हिस्से को साफ करना है। 

उसके लिए आपको किसी बारीक तार, needle या फिर pin (जिससे stove साफ किया जाता है) की जरूरत है। 

 Pin और brush की मदद से उसे अच्छे से साफ करें। उसी brush से आप ऊपर वाला हिस्सा भी साफ करें। देखने में आपको वह साफ दिखेगा लेकिन उसके अंदर बहुत ही बारीक कचरा फंस जाता है इसलिए उसे अच्छे से साफ करना बहुत जरूरी है।

Step 3

साफ करने के बाद जिस प्रकार आपने खोला था उसी प्रकार से आप pipe को जोड़ दें। ध्यान रहे कि आप इसे अच्छे से tight लगाएँ।

Step 4

Harpic में भीगे हुए burners में थोड़ा पानी डालें, washing powder और brush की मदद से अब इसे clean करना है। brush की मदद से आप burners को आसानी से साफ कर सकते हैं। 

clean करने के बाद इसे पानी में डालें और फिर एक बार नल के नीचे इसे धो लें। धोने के बाद इसे साफ कपड़े से पोंछें और झटक लें, इससे पानी बिलकुल भी अंदर नहीं रहेगा।

Step 5

अब बस सब चीजों को अपनी जगह लगा दें, और अपना stove चालू कर के देखें। चालू करने के बाद आपको इसकी flame high दिखेगी। चार आसान step में आपका चूल्हा पहले जैसा (नया सा) हो जाएगा।

इतनी आसानी से आप अपना चूल्हा साफ कर सकती है। इसके लिए अब आपको किसी को भी बाहर से बुलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

Note

Gas stove को खोलने के साथ ही यह ध्यान रखिएगा कि, आप ने कहां से क्या खोला है, जिससे बाद मे Gas stove के सारे parts, nut and screw से अच्छे से tight कर सकें। 

Friday 3 May 2024

Story of Life: विवाह भाग - 4

 विवाह भाग - 1,

विवाह भाग -2 व

विवाह भाग-3 के आगे…

विवाह भाग - 4 



घर पहुंचने के बाद से दोनो को पहली बार यह एहसास हुआ कि वो जीवन साथी हैं।

इतना खूबसूरत जीवन साथी पाकर, संजय मौका तलाशने लगा, चंदना के निकट रहने का... 

एक दिन संजय, जब office से लौट कर आया तो वो अपनी मां से बोला, बहुत गर्मी हो रही है क्यों ना, Mango shake और आम पन्ना पिया जाए? 

ठीक है, तुम कच्चे पक्के दोनो तरह के आम लेते आना, तो मैं एक एक दिन कर के दोनो बना दूंगी, मां ने कहा।

लेते आना, नहीं मैं अभी लेकर आता हूं। साथ ही तरबूज और खरबूजा भी लेता आऊंगा।

ठीक है, लेकर आजा सब, चंदना को भी गर्मी में फलों का आनन्द मिल जाएगा।

मां, अगर आप को ठीक लगे तो चंदना को भी ले जाऊं? फलों को छांटने और पकड़ने में मदद हो जाएगी। 

ठीक है, ले जा, पर तेरे पापा जी आएं, उससे पहले आ जाना, वर्ना वो नाराज होंगे कि नई बहू को भेज दिया, काम कराने।

हां हां, मां जल्दी आ जाएंगे।

संजय, चंदना को लेकर,  सीधे रमेश चाट भंडार वाले के पास पहुंच गया।

रमेश चाट भंडार वाले को देखकर, चंदना ने प्रश्न सूचक निगाहों से संजय को देखा...

कल जब हम लोग लौट रहे तो मैंने  तुम्हें इस ओर बड़ी हसरत भरी नजरों से देखते हुए देखा था,, फलों का तो बहाना था, दरअसल तुम्हे यहां लाना था...

और फल?

वो भी ले लेंगे, पहले तुम चाट के मजे तो ले लो। 

चंदना, संजय के प्यार और care से खुश हो गई। उसने मन ही मन, अपने सब बड़ों को धन्यवाद दिया कि उन्होंने उसके लिए इतना अच्छा जीवन साथी ढूंढ के दिया।

लौटते समय वो लोग फल लेकर लौटे..

चंदना ने खाना खाने के बाद सबके लिए Mango shake बनाया।

सबको कांच का गिलास दिया, पर संजय को स्टील का।

मां ने पूछा, स्टील का क्यों दे रही हो, तो उसने बोल दिया कि कांच के गिलास खत्म हो गए थे। 

जबकि हकीकत यह थी कि उसने संजय के लिए ज्यादा गाढा Mango shake बनाया था, क्योंकि संजय को Mango shake ज्यादा आम वाला पसंद था।

दिन-दिन बीतते गये और दोनो का एक-दूसरे के लिए प्यार और care बढ़ती ही गई। 

आज उनकी 10 anniversary थी। उसमें जब रंजना बुआ आई तो दोनो ने उनका आशीर्वाद लेते हुए धन्यवाद दिया और कहा कि अगर आप ने, उस दिन हम लोगों को विवाह और उसमें भी arrange marriage का सही अर्थ  ना समझाया होता तो यह शुभ दिन भी नही आता।

और आप ने सही कहा था कि arrange marriage, बहुत सारे gift rapers में लिपटा जिंदगी का सबसे खुबसूरत gift है। जिसमें हर दिन एक नया सा लगता है।

Thursday 2 May 2024

Story of Life : विवाह भाग - 3

विवाह भाग - 1 

विवाह भाग -2 के आगे…

विवाह भाग - 3


मैं 2 दिन बाद, चंदना को अपने घर ले जाऊंगी, तुम भी आ जाना। 

यह कहकर रंजना ने phone काट दिया। 

चंदना और संजय दोनों की धड़कनें तेज़ हो चली थी, दोनों ही रंजना के घर में मिलने का इंतजार बेसब्री से करने लगे। 

2 दिन बाद, चंदना और संजय, रंजना के घर पर मिले। रंजना बुआ ने दोनों से कहा, तुम लोग ऐसे पवित्र रिश्ते में बंधे हो, जो सृष्टि के निर्माण में सहयोग करेगी।

तुम लोगों को एक-दूसरे से मिलवाने का काम हम सब परिजन का था, जो हमने सफलतापूर्वक संपन्न किया।

देखो बच्चों, arrange marriage इसलिए आवश्यक होती है, क्योंकि उसमें अनुभवी लोगों की सोच शामिल होती है, जो अपने बच्चों के लिए वरदान होती है। 

तुम दोनो, एक-दूसरे के पूरक हो, मैं अपनी शुभकामनाओं के साथ यहां से जा रही हूं। अब आगे का सफर तुम लोगों को सफलतापूर्वक पूर्ण करना है।

रंजना बुआ के जाने के बाद, चंदना और संजय एक दूसरे की तरफ मुखातिब हुए, पर अब उन्हें अजनबीपन का एहसास नहीं था।

शरम और झिझक तो अभी भी थी, पर साथ ही अपनापन भी लग रहा था। 

बहुत झिझकते हुए संजय, चंदना के नजदीक गया और बोला, बहुत देर हो चली है, घर चलें?

संजय के नजदीक आने से, चंदना के पूरे शरीर में एक सिरहन सी दौड़ गई और दिल की धड़कन बहुत तेज हो गई।

जी... 

हम लोग bike से चलें? Actually मैं अभी उसी से आया था।

हाँ.. 

चंचल और अल्हड चंदना अभी भी, सिमटी सकुची सी, बस हां और ना में ही जवाब दे रही थी।

दोनो जब bike से घर लौट रहे थे तो उन्होंने पहली बार एक दूसरे की छुअन को महसूस किया था, जो दोनो को ही रोमांस की अनुभूति दे रहा था।

घर पहुंचने के बाद से दोनो को पहली बार यह एहसास हुआ कि वो जीवन साथी हैं।

इतना खूबसूरत जीवन साथी पाकर, संजय मौका तलाशने लगा, चंदना के निकट रहने का...

आगे पढ़ें विवाह भाग - 4 में...

Tuesday 30 April 2024

Story of Life: विवाह भाग - 2

 विवाह भाग - 1 के आगे 

विवाह भाग - 2  


रास्ते में बुआ जी ने पूछा भी, क्यों री लाडो, कैसे लगे जमाई सा?

कैसे? 

मुझे नही पता... चंदना ने सोच में डूबे हुए कहा..

फिर बुआ जी ने उसी समय, संजय को फोन घनघना दिया, और जमाई सा, आपके दिल में उतर गई, हमारी लाडो?...

दिल में...  थोड़ी देर शांत रहा संजय, फिर बोला...

मामी (असल में चंदना की रंजना बुआ, संजय की दूर के रिश्ते से मामी लगती थीं)

चंदना तो उस दिन ही मेरे दिल में उतर गई थी, जिस दिन मैंने पहली बार उसे देखा था।

उसकी हिरनी सी चंचल आंखें और मासूम सा खूबसूरत चेहरा, मेरे मन मस्तिष्क में बस गया है। वो धाराप्रवाह, सब बोलता चला गया, मानो जैसे बेचैन था, अपने दिल का हाल किसी को सुनाने को.. 

फिर थोड़ा ठिठककर बोला, पर आप सब बड़े लोगों ने, जिस तरह से हम लोगों की शादी की है, हम दोनों के बीच यही ख़ामोशी छाई रही, तो वो दिन दूर नहीं, जब आपकी लाडो, मेरे दिल से उतर भी जाएगी... जब संजय यह बोल रहा था, उसकी आवाज से दुख और मायूसी साफ छलक रही थी। 

बुआ जी ने mobile speaker पर रखा था, अपने पति के द्वारा की जाने वाली तारीफ से जहा चंदना, शरमा कर इतरा रही थी, वही संजय के दिल से उतर जाएगी, यह सोचने मात्र से सिहर गई। 

संजय की बात ने बुआ जी को भी सोच में डाल दिया था। 

फिर रंजना ने कहा, बेटा संजय, मैं जो बोल रही हूं, तुम सुनो, चंदना भी सुन रही है। तो सुनो दोनों, arrange marriage, जीवन में मिलने वाला सबसे खुबसूरत तोहफ़ा है, जिसमे बहुत सारे gift wrappers चढ़े होते हैं और वो धीरे-धीरे हटते हैं। पर उनका धीरे-धीरे हटना, जिन्दगी को बहुत रोमांटिक बनाता है।  

मैं 2 दिन बाद, चंदना को अपने घर ले जाऊंगी, तुम भी आ जाना। 

यह कहकर रंजना ने phone काट दिया। 

चंदना और संजय दोनों की धड़कनें तेज़ हो चली थी, दोनों ही रंजना के घर में मिलने का इंतजार बेसब्री से करने लगे।

आगे पढ़े विवाह भाग-3 में..

Monday 29 April 2024

Story of Life: विवाह

विवाह 



चंदना बहुत ही खूबसूरत चंचल सी लड़की थी। अल्हड़ उम्र थी, तो शोख भी कुछ ज्यादा थी। पर उम्र अब शादी-विवाह की भी हो चली थी। तो मां-बाउजी ने रिश्ता ढूंढना शुरू कर दिया था।

चंदना की खूबसूरती के चर्चे जान-पहचान, रिश्तेदार और दोस्त सबमें थे, तो बस इतने रिश्ते आ रहे थे कि पूछो ही मत..

मां बाउजी को समझ ही नहीं आ रहा था कि किसे हां करें? एक से बढ़कर एक रिश्ते थे। 

फिर बाउजी ने, अपनी बहन के लाए रिश्ते को हां बोल दिया।

अब बुआ जी रिश्ता लाई थीं तो हर बात सोच समझ कर की जा रही थी, घर की दो-दो बेटियों के भविष्य की बात थी। 

जब लड़के वाले आए, तो चंदना को सबने हिदायत दे दी थी, बिल्कुल भी नजर ना उठाए और ना पटर-पटर किसी से बात करे। आखिरकार बुआ जी की इज्जत का सवाल था। लड़के वाले आए तो चंदना ने वैसा ही किया। 

लड़के वालो ने देखते ही हां कर दिया। वैसे चंदना सबका कहा ना भी करती, तो भी हां ही होती, क्योंकि वो रूप और  संस्कार की अनूठी मिसाल थी।पर सबका कहा करने से, चंदना का चंचल मन, अंदर ही अंदर कहीं घुटकर रह गया। उसको लगा, क्या विवाह का मतलब, लड़की को अपने को खत्म करना होता है?

पर वो अपने मां-बाउजी के कारण चुप थी और वो बुआ जी के कारण..

खैर धूमधाम से विवाह समारोह सम्पन्न हो गया। 

शादी तय होने से लेकर शादी होने तक, संजय और चंदना ने एक-दूसरे से एक बात नहीं की थी, क्योंकि सारी बात तो दोनों के घरवालों ने की थी।

सुहाग की सेज पर दो अजनबी बैठे थे। एक दूसरे से सकुचाते शर्माते हुए। चंदना को किसी अजनबी के साथ अकेले बैठना, बहुत अटपटा लग रहा था। 

पूरी रात आंखो ही आंखो में निकल गई और सुबह हो गई, पर दोनों ने एक दूसरे से एक शब्द नहीं बोला...

अगले दिन बुआ जी आ गई और चंदना का पग फेरा कराकर ले गई.. जाते-जाते भी चंदना और संजय एक दूसरे को मौन देखते रहे।

बुआ जी ने दोनो की नजरों से भांप लिया कि arrange marriage का रंग है, दोनों के अभी तक सिर्फ नैन ही मिले हैं। 

रास्ते में बुआ जी ने पूछा भी, क्यों री लाडो, कैसे लगे जमाई सा?

कैसे? 

मुझे नही पता... चंदना ने सोच में डूबे हुए कहा..

फिर बुआ जी ने उसी समय, संजय को फोन घनघना दिया, और जमाई सा, आपके दिल में उतर गई, हमारी लाडो?...

दिल में... 

आगे पढ़े विवाह भाग -2 में...

Friday 26 April 2024

Article : चुनाव का पर्व, देश का गर्व

चुनाव का पर्व, देश का गर्व

आज चुनाव का दूसरा चरण था, जिसमें उत्तर प्रदेश के बहुत सारे शहरों के साथ ही हमारा गाजियाबाद भी शामिल था।

तो बस आज सुबह से ही अलग ही उत्साह था,  कि एक बार पुनः देश के प्रति अपने कर्त्तव्य को निर्वह करने का दिन आया है। 

हम लोगों का polling station बहुत ही नज़दीक है, अतः हम हमेशा पैदल ही जाते हैं। वैसे वो स्कूल गली में है, तो अधिकांशतः लोग पैदल ही आते हैं। 

घर से निकले ही थे, तो देखा कि अलग-अलग political parties के लोग वहीं से ही अपनी-अपनी table-chairs को लेकर बैठे थे, जिससे किसी को भी चुनाव से संबंधित कोई भी query हो, तो solve कर सके।

वहा BJP के कार्यकर्ता भी बहुत थे और उनके पास पहुंचने वाले लोग भी बहुत थे।

वहीं congress का अपनी table पर कार्यकर्ता भी एक था और उसके पास लगभग कोई भी नही पहुंच रहा था। बस एक औरत ही गई थी।

खैर हम लोग अपने गंतव्य की ओर चल दिए। बीच में एक और स्कूल दिखा, उसको बहुत सुन्दर फूलों से सजाया गया था और बहुत अच्छे से लोकसभा चुनाव से संबंधित सभी जानकारी भी लिखी थी। साथ ही voting करने जाने वालों के लिए red carpet बिछा था और voters के पहुंचने पर उनका स्वागत गुलाब की पंखुड़ियों से किया जा रहा था। 

वह देखकर लग रहा था कि मानो चुनाव का पर्व, देश का गर्व हो..

जब हम लोग अपने गंतव्य पर पहुंचे तो वहां कोई सजावट नही थी, पर वहां भी सब कुछ बहुत साफ-सुथरा और व्यवस्थित था। हमारा भी गर्म जोशी से स्वागत किया गया। 

सभी अपना काम प्रसन्नचित होकर सुचारू रूप से कर रहे थे। हम सफलतापूर्वक अपना vote डालकर लौट आए। 

वहां का माहौल भी ऐसा ही था, जैसे चुनाव एक पर्व हो, जिस पर पूरे देश को गर्व हो, सभी को इस का इंतजार हो, सभी इसके होने से प्रसन्नचित हों। 

ऐसा होना, किसी भी देश के खुशहाल होने का, सन्तुष्ट होने का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि देश में प्रजातंत्र सुचारू रूप से चल रहा है।

यह सब देखकर बहुत खुशी हुई। धन्यवाद देना चाहेंगे उन सभी कर्मियों को जो चुनाव के सभी कार्यों को सुचारू रूप से संचालित कर रहे हैं, वो भी प्रसन्नचित होकर... 

उनके सफल प्रयास के बिना यह सफलतापूर्वक संपन्न नही हो सकता, तो लगे रहिए सभी और देश को उज्जवल बनाए..

साथ ही आप सब भी vote अवश्य डालने जाएं और चुनाव के पर्व को देश का गर्व बनाए। 

जय हिंद जय भारत 🚩🙏

Thursday 25 April 2024

Article : An Appeal to the Indian Government

एक appeal सरकार से

Election का दौर चल रहा है, हर राजनैतिक पार्टी बड़ी-बड़ी जीत के दावे कर रही है। 

पर कितने अपने दावे पर खरे उतरेंगे? 

शायद एक भी नहीं...

आप बोलेंगे हम ऐसा किस आधार पर बोल रहे हैं?

कारण, सिर्फ एक है, लोग पहले की तरह voting के लिए जाते ही नहीं हैं। 

जिसमें से कुछ ऐसे हैं, जो अपने अलग-अलग कारणों से नहीं जाना चाहते हैं। कुछ को voting से मतलब नहीं है, कुछ लोगों को किसी भी party को vote नहीं देना है, किसी को यह दिन छुट्टी का समझ आ रहा है, तो उन्हें या तो सोना है, या मौज करनी है। आज, हम ऐसे लोगों की बात ही नहीं कर रहे हैं।

आज तो बात उनकी कर रहें हैं, जो voting के लिए जाना चाहते हैं, फिर भी नहीं जा पा रहे हैं। और इसके लिए पूरी तरह से election commission जिम्मेदार है। 

हम यह क्यों कह रहे हैं, वो बताते हैं। 

कल ही वो slip मिली, जिसे दिखाकर हम लोग voting कर सकेंगे। हमारे घर में हम तीन लोग voting के लिए eligible हैं,  पर slip आई, सिर्फ हमारी और पतिदेव की, बेटी की आई ही नहीं... 

ऐसे ही हमारे apartment में 84 घर हैं, लेकिन voting के लिए slip आई, सिर्फ 15-16 घरों में...

तो जब voting slip ही नहीं आएगी, तो voting के लिए कैसे जाएंगे? और जब लोग जाएंगे ही नहीं, तो फिर बड़ी जीत कैसे हासिल होगी? 

इसीलिए appeal है, election commission board और current government से, कि वो देखें कि जो भी voting के लिए eligible है, उन सब को voting slip मिले।

साथ ही पहले election आने पर हर party के candidates, अपने circle area के हर घरों में जाकर मिलते थे और public से उनकी party को, उनको, vote देने की appeal भी करते थे। पूरा मोहल्ला उन candidates को जानता था। उनकी पहचान केवल अपनी party से ही नहीं, बल्कि अपनी भी होती थी।

पर आज हम जब vote देने जाते हैं, तो केवल party के नाम पर vote देकर आते हैं। जिस candidate को दिया है, उसको तो कभी देखा ही नहीं, और ना ही कभी देखेंगे। 

आखिर यह कहाँ तक उचित है? क्या कभी किसी को कोई problem आएगी, तो party का मुखिया आएगा, solve करने के लिए, क्या यह संभव है कि, हर issue main leader ही solve करे? नहीं हो सकता है... फिर आखिर क्यों नहीं आते हैं candidates, public से मिलने?

किसी एक से नहीं, बल्कि हर political  party से कहना है, कि वो अपने candidates को घर-घर भेजें, और केवल भेजें ही नहीं, बल्कि, वो candidates सामाजिक कार्यो में सक्रिय भी रहें, जिससे public उनको केवल शक्ल से ही नहीं, उनके काम से भी जाने... 

Vote चाहिए, तो इतनी मेहनत तो करनी ही पड़ेगी... सरकार को भी और political parties को भी...

यह एक appeal है हम सारी जनता की, आपको बहुमत से जीत दिलाने के लिए...

जय हिंद, जय भारत 🇮🇳🙏

Wednesday 24 April 2024

Article : Voting, कितनी सार्थक, कितनी ज़रूरी?

Voting, कितनी सार्थक, कितनी ज़रूरी?



Voting की first stage 19 April को हो चुकी है और 26 April को second stage है। 

पर हम में से कितने ऐसे हैं, जो voting करने जाने के लिए excited हैं? 

और youngsters, उनमें तो कोई excitement ही नहीं है.., बल्कि यह कहा जाए कि, उन्हें तो यह useless or sheer wastage of time लगता है, तो भी अतिशयोक्ति नही होगी।

जबकि हमारे दादा जी, नाना जी लोग तो election वाले दिन, सुबह सबसे पहले voting के लिए ही जाते थे। उनके लिए voting एक महत्वपूर्ण काम था। 

पर ऐसा अंतर क्यों आया? जो पहले important था, वो useless कैसे हो गया? 

इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि, उन्होंने देश को गुलाम और स्वतंत्र, दोनों तरह से देखा था। वो देश की कीमत पहचानते थे, उन्हें एक-एक vote की कीमत पता थी। उनका प्रयास रहता था कि देश सशक्त और सुदृढ हाथों में रहे। इसलिए उनमें से हर एक voting करता था। 

Voting क्यों जरुरी है, और उसकी क्या सार्थकता है, यह सोचने वाली बात है... 

जो यह सोचकर voting नहीं करते हैं, कि हमें कोई फर्क नहीं पड़ता, कौन आ रहा है, कौन नहीं... we are least bothered...

उनको यह बता दें कि आप के voting नहीं करने से किसी को भी फर्क नहीं पड़ता है, पड़ता है तो, सिर्फ आप को, क्योंकि आप ने अपने सबसे बड़े अधिकार को खो दिया।

Voting करने से आपकी importance बढ़ती है, आप द्वारा यह decide होता है कि, कौन select होगा... 

आप voting नहीं करेंगे, तो क्या? बाकी तो जाएंगे ही, और प्रतिनिधी उनकी पसंद के चुने जाएंगे।

फिर तो यही कहा जाएगा कि, जिनकी उँगली में निशान नहीं, उनको उँगली उठाने का अधिकार नहीं.. 

साथ ही फर्क पड़ता है पूरे देश को, जब चंद लोगों की voting से गलत प्रतिनिधी चुन लिया जाता है...

अब सोचने वाली बात यह है कि कैसे चुना जाए सही प्रतिनिधी?

यह बात तो पूर्णतः सत्य है कि, देश को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिन प्रतिनिधियों को चुना जाता है, वो ही देश को विकास या पतन की ओर ले जाते हैं। इसलिए हमें हर पहलू पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। 


I. Security :

देश की सुरक्षा... सुरक्षा, सबसे पहले क्यों? तो अगर आप भी यही सोचते हैं, तो एक बार अफगानिस्तान और Ukraine को याद कर लीजिएगा, वहां सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था की कमी थी, जिसने दो उन्नत और सुदृढ देशों का पतन कर दिया। 

साथ ही यह भी याद कर लें, अब से कुछ साल पहले तक, भारत पर भी आतंकवाद, पाकिस्तान और चीन से आए दिन हमले होते रहते थे, या उनका भय व्याप्त रहता था। लेकिन आज भारत में अमन और शांतिपूर्ण माहौल है, इसको voting करते समय ध्यान अवश्य रखें।


II. Economy :

दूसरा देश की अर्थव्यवस्था है... अर्थव्यवस्था क्या है? इसे समझाने की कोई जरूरत नहीं है, क्योकि सब ही तो लक्ष्मी मां को सर्वश्रेष्ठ समझते हैं। बिल्कुल, जीवन की जरूरत और अर्थव्यवस्था को प्राथमिकता मिलनी ही चाहिए और वो सुदृढ़ भी रहनी चाहिए। 


III. Development :

तीसरा देश का विकास, क्योंकि जब विकास होगा, तभी हम पूरी दुनिया में survive कर पाएंगे, अपने को सिद्ध कर पाएंगे। हर क्षेत्र में आगे बढ़ पाएँगे, आत्मनिर्भर बन पाएँगे। 


IV. Global Leader :

चौथा देश का विश्वविजयी होना, कोई भी देश तभी विश्वविजय बन सकता है, जब वो इन मानदंडों पर खरा उतरे। और सच कहते हैं, जो प्रतिनिधी इस सोच का हो, उन्हें ही चुनें। 

एक बार, देश को पहले रखकर और अपने स्वार्थ को पीछे छोड़कर vote डालने जाएं। क्योकि इस बात में कोई दो राय नहीं कि जब देश सशक्त और सुदृढ रहेगा तो देशवासी भी सुखी और खुशहाल रहेंगे। 

अब शायद आप भी यह समझ गए होंगे कि voting, कितनी सार्थक और कितनी जरुरी है...

जय हिंद जय भारत 🇮🇳

Tuesday 23 April 2024

Article: हनुमान जन्मोत्सव कब? चैत्र मास या कार्तिक मास..

हनुमान जन्मोत्सव, यह दिन भगवान हनुमान जी के जन्म दिवस का प्रतीक है। हनुमान जी, जिनके नाम मात्र से संकट का नाश हो जाता है। रामभक्त, बजरंगबली, संकटमोचन, हनुमान, मारुतिनंदन, अंजनी पुत्र, पवनपुत्र आदि बहुत से नामों से जाने वाले प्रभू, सदैव हम सब के साथ रहें और सबकी रक्षा करें 🙏🏻🙏🏻

आज हनुमान जन्मोत्सव पर आपके साथ कुछ तथ्य साझा कर रहे हैं, जिससे आपको पता चलेगा कि भगवान हनुमान जी के साथ इतने ज़्यादा अद्भुत संयोग हैं कि वह उन्हें सब से अलग बनाता है। यहां उनसे जुड़े कुछ अद्भुत संयोग प्रस्तुत कर रहे हैं..

पहला अद्भुत संयोग है कि, हनुमान जी को भक्त शिरोमणि भी कहा जाता है, क्योंकि वो प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त थे। एक ईश्वर जो दूसरे ईश्वर को इतना पूजते थे कि भक्त शिरोमणि कहलाएं, यह अपने आप में अद्भुत संयोग है। 

दूसरा अद्भुत संयोग है कि, उनके जन्मदिवसi को जन्मोत्सव कहते हैं, जयंती नहीं, पर क्यों? यह आपको हमारे article हनुमान जन्मोत्सव या हनुमान जयंती में पढ़ने को मिल जाएगा।

तीसरा अद्भुत संयोग है कि एक साल में हनुमान जन्मोत्सव, दो बार मनाया जाता है? पर क्यों? आज इसके ही पीछे का अद्भुत रहस्य साझा कर रहे हैं।

हनुमान जन्मोत्सव का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इसका हिंदुओं में बड़ा धार्मिक महत्व है। 

ऐसा माना जाता है कि इस दिन भाव के साथ पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। भक्त इस दिन को बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। 

बता दें बजरंगबली का जन्म कार्तिक मास में हुआ था, उनके पिता कपियों के महाराजा केसरी और माता अंजनी थी। 

फिर चैत्र मास में किस वजह से मनाया जाता है हनुमान जन्मोत्सव? 

हनुमान जन्मोत्सव कब?

चैत्र मास या कार्तिक मास…

ऐश्वर्यदं लं

हनुमान जन्मोत्सव का दिन अपार भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। यह हर साल दो बार मनाया जाता है। एक चैत्र माह की पूर्णिमा और दूसरी कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि को। इस बार यह 23 अप्रैल, 2024 के दिन मंगलवार को मनाया जा रहा है। 

राम भक्त हनुमान जी के जन्म को लेकर भक्तों के मन में यह सवाल हर साल आता है कि आखिर उनका जन्म साल में दो बार क्यों मनाया जाता है?


I. चैत्र मास में जन्मोत्सव का कारण :

ग्रंथों के अनुसार, यह घटना, हनुमान जी के बाल्यकाल की है, हनुमान जी का नाम बचपन में मारुति था। एक दिन मारुती नंदन अपनी निद्रा से जागे और उन्हें तीव्र भूख लग गई। उन्होंने पास के एक वृक्ष पर लाल पका फल देखा, जिसे खाने के लिए वे निकल पड़े। दरअसल मारुती जिसे लाल पका फल समझ रहे थे वे सूर्यदेव थे।

अतः भोजन की लालसा में फल समझकर सूर्यदेव को निगल लिया था।

जब इंद्रदेव को यह ज्ञात हुआ तो उन्होंने मारुति से भगवान सूर्य को मुख से निकालने को कहा, तो उन्होंने मना कर दिया, जिसके चलते देवराज इंद्र क्रोध में आ गए और उन्होंने मारुति पर वज्र से प्रहार कर दिया, जिससे उनकी ठुड्ढी थोड़ी सी टेढ़ी हो गई ‌और वे मूर्छित हो गए। 

अपने पुत्र को मूर्छित देखकर, पवनदेव क्रोधित हो गए (हनुमान जी, पवनदेव के आशीर्वाद से ही उत्पन्न हुए थे अतः उन्हें पवनपुत्र भी कहते हैं) और उन्होंने पूरे जगत से वायु का प्रवाह रोक दिया।  

सम्पूर्ण सृष्टि वायु विहीन हो गई, उससे सभी त्राहि माम त्राहि माम करते हुए ब्रह्मा जी की शरण में पहुंचे।

इसके बाद ब्रह्मा जी और अन्य देवताओं ने अंजनी पुत्र को दूसरा जीवन प्रदान किया और अपनी-अपनी कुछ दिव्य शक्तियां भी दीं।देवताओं के वरदान से बालक हनुमान और भी ज्यादा शक्तिशाली हो गए, लेकिन वज्र के चोट से उनकी ठुड्ढी टेढ़ी हो गई, जिसके कारण उनका एक नाम हनुमान पड़ा। 

यह घटना चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि के दौरान हुई थी, तभी से इस दिन को भी हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने लगा। 

कार्तिक मास में जन्मोत्सव की कथा आपको मारे article हनुमान जन्मोत्सव या हनुमान जयंती में पढ़ने को मिल जाएगा।

बजरंगबली की जय 🚩

Monday 22 April 2024

Poem : क्या है पृथ्वी?

क्या है पृथ्वी? 

क्या है पृथ्वी?

पुष्प की सुगंध से

महकता मंजर

या वक्ष चीरकर,

बहता तटिनी का आंचल..

या ऊंचे ललाट सा,

महीधर का शिखर..

या समीर की चाल पर,

बल खाती विटप की डाली..

या धूप छांव पर बदलती, 

रेगिस्तान की रेत..

या रुह को सुकून देता,

 हिम का अद्भुत एहसास..

या कहें उसे मां,

या सुकोमल नारी,

जिसके इर्द-गिर्द, 

है दुनिया सारी..

पर यह सब है

सिर्फ तब तक 

जब तक है 

हरियाली 

जीवन में है

तब तक ही

खुशहाली 


पृथ्वी दिवस पर विशेष 🌍

Friday 19 April 2024

Article : Voting

मतदान

आज से भारत में एक महोत्सव प्रारंभ हुआ है, जिसमें लोकसभा चुनाव द्वारा, भारत अपने उन प्रतिनिधियों को चुनेगा, जो उसे सुचारू रूप से चलाएंगे।

जो जीवन की रोज़मर्रा की जरूरत के साथ-साथ देश‌ की सुरक्षा, आस्था, अस्मिता और वैभव का पूर्ण ध्यान रखेगा।

इन प्रतिनिधियों के रहने से देश का चौतरफा विकास होगा, देश खुशहाल रहेगा, दुश्मन हमारा अनिष्ट करना तो क्या, अपनी कुदृष्टि भी नहीं रख पाएगा। साथ ही हमारे भारत का तिरंगा हर क्षेत्र में विश्व विजयी होगा, हर देश में भारत को मान-सम्मान मिलेगा। भारत विश्व में सर्वोच्च स्थान पर विराजमान होगा। 

पर ऐसा होगा तभी जब हम सही प्रतिनिधि का चुनाव करेंगे। उसके लिए जरूरी है कि हम vote अवश्य डालें। 

वोट डालने के लिए एक बात को जानना बहुत जरूरी है कि आपके प्रदेश में, आपके शहर में, किस दिन चुनाव है? जिससे आप, अपना अमूल्य वोट दे सकें। 

लोकसभा चुनाव कुल सात चरणों में पूर्ण होगा, जिसका शुभारंभ आज, यानी 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून तक है, तथा 4 जून को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

किस दिन कौन सा चरण होगा, नीचे इंगित कर दिया है।




किस चरण में किस state में वोट डाले जाएंगे, वो भी आपको बता देते हैं। आप उसके अनुसार अपने शहर में कब वोट डालने जाएं, यह ज्ञात कर लीजिएगा।


I. पहला चरण : 

21 राज्यों की 102 सीटों के लिए चुनाव होगा, 19 अप्रैल को मतदान होगा।

अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार, जम्मू कश्मीर, लक्षद्वीप, पुद्दुचेरी की कुल 102 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।


II. दूसरा चरण :

13 राज्यों की 89 सीटों के लिए चुनाव होगा, 26 अप्रैल को मतदान होगा।

असम, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर की कुल 89 सीटों पर मतदान होगा


III. तीसरा चरण :

12 राज्यों की 94 सीटों के लिए चुनाव होगा, 07 मई को मतदान होगा।

असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दादरा और नागर हवेली और दमन और दीव की कुल 94 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।


 IV. चौथा चरण : 

10 राज्यों की 96 सीटों के लिए चुनाव होगा, 13 मई को मतदान होगा।

आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर की कुल 96 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।


V. पांचवा चरण :

8 राज्यों की 49 सीटों के लिए चुनाव होगा, 20 मई को मतदान होगा।

छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर, लद्दाख की 49 सीटों पर मतदान होगा।

VI. छठा चरण : 

7 राज्यों की 57 सीटों के लिए चुनाव होगा,  25 मई को मतदान होगा।

बिहार, हरियाणा, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और दिल्ली की कुल 57 सीटों पर मतदान होगा।


VII. सातवां चरण :
 
8 राज्यों की 57 सीटों के लिए चुनाव होगा, 01 जून को मतदान होगा।

बिहार, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़ की कुल 57 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।

 

आप जिस भी प्रदेश में हैं, उसके अनुसार देख लें, अगर आप को किसी शहर विशेष की तारीख पता करनी हो, तो comment box में बताएं।

हम U.P. को belong करते हैं तो उससे जुड़े बहुत सारे शहरों की तारीख भी बता दें रहे हैं, आप मिला लें कि आप के शहर में कब चुनाव है :


1. पहले चरण - 19 अप्रैल (8 सीट) :

सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत में voting होगी।


2. दूसरा चरण - 26 अप्रैल (8 सीट) :

अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा में voting होगी।


3. तीसरा चरण - 7 मई (10 सीट) :

संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली में voting होगी।


4. चौथा चरण - 13 मई (13 सीट) :

शाहजहांपुर, खीरी, धौरहरा, सीतापुर, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर और बहराइच में voting होगी।


5. पांचवां चरण - 20 मई (14 सीट) :

मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा में voting होगी।


6. छठा चरण - 25 मई (14 सीट) :

सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अम्बेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही में मतदान होगा।


7. सातवां चरण - 1 जून (13 सीट) :

महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया,
बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज में voting होगी। 

भारत के चारों महानगर, जैसे दिल्ली में 25 May, मुम्बई में 20 May, कलकत्ता में 1 June और मद्रास में 19 April को voting होगी...

State and city की list बता दी है, जिससे आप जुड़ें है, उसे देखें लीजिए और
उसके अनुसार अपना बहुमूल्य वोट डाल
दीजिए। हर वोट कीमती है, इसलिए वोट डालिएगा जरुर...

Thursday 18 April 2024

Article : 6 years of togetherness

6 years of togetherness



Today, is the same day in our life, which is extremely beautiful.

6 years together, a wonderful journey, which is continuously growing and thriving. May god's compassion be the same throughout this journey 🙏🏻


This is the day, which gave me two birthdays of my life, one was given by my mother, in the form of this physical body, from which the world was introduced to me.

The other one was given by my daughter, in the form of profession, by making this blog…


I said beautiful, as mother connected me to this vast world, where I got the world's best parents, siblings, cousins, maternal and paternal family, relatives and friends. My mother gave my hand to an exceedingly caring soulmate, then son and daughter, in-laws, everybody was really affectionate.

Then by making this blog, my daughter gave me a new world, a new family. You all gave me such support and love, that you all seemed to be my nearest ones.

And as a result, the more attachment I had for my loved ones, the more I became attached to you all, or in other words, I didn't even realise when you all became my own.


And this family of mine is so gigantic, that it is also present in foreign countries. One more place, which is my heart.


This all was just possible due to god's blessings, thank you very much for this. Dear god, please continue to give your blessings as usual.

And thank you to you all too, please keep continuing your support and affection as before.

And a very big thank you to my daughter, who gave me this blog and also supported and motivated me for making this blog successful.

But due to studies, slowly and slowly, she decreased keeping in touch with this blog.

But then, my younger son took the responsibility, and motivated me continuously to make this blog prosperous. Without him, running my blog regularly is just impossible. Therefore, thank you very much to him too.

Now, a small poem presenting my gratitude towards all my viewers.


I need every moment with you,

Always more, and never less.

For this platform to flourish,

Which relieves your stress.


I have received so much love,

That you all have become my own.

Thank you so much for your support,

Which you have always shown.


With a lot of gratitude, I am sharing all the data and statistics of this year, which is flourishing day by day. 












Article : 6 साल साथ-साथ

6 साल साथ-साथ




आज फिर वही दिन है, हमारी जिंदगी का, जो बहुत ही खूबसूरत है।

6 साल साथ-साथ, एक खूबसूरत सफ़र, जो निरंतर आगे बढ़ता ही जा रहा है। ईश्वर की अनुकम्पा ऐसी ही बनी रहे 🙏🏻

यह दिन ही है, जिसने हमें अपनी जिंदगी से जुड़े दो जन्मदिवस दिए, एक माँ ने दिया था, शरीर रूपी, जिससे इस दुनिया में आए थे। 

दूसरा बेटी ने दिया, कर्म रुपी, यह blog बना कर...

खूबसूरत इसलिए कहा, क्योंकि माँ ने एक बहुत खूबसूरत दुनिया से जोड़ा, जहां विश्व के सबसे अच्छे मम्मी-पापा, भाई-बहन, ददिहाल, ननिहाल, सारे रिश्तेदार, दोस्त मिले। माँ ने बहुत ही अच्छे जीवनसाथी से जोड़ा, उसके बाद बेटी-बेटा, ससुराल में सभी बहुत अच्छे मिले।

फिर बेटी ने blog बनाकर, एक और नई दुनिया, नया परिवार दे दिया। आप सबसे इतना सहयोग, इतना प्यार मिला कि बहुत जल्दी सब अपने लगने लगे।

जिससे जितना लगाव अपनों से था, उतना ही आप से हो गया या यूं कहें कि कब आप सब अपने बन गए पता ही नहीं चला।

और यह परिवार हमारा, इतना विशाल है कि आज यह देश-विदेश सब जगह है। पर एक और जगह है, हमारे दिल में..

ईश्वर की कृपा से यह सब संभव हुआ है, उनका कोटि कोटि धन्यवाद 🙏🏻 हे प्रभू आप अपनी कृपा दृष्टि सदैव बनाए रखियेगा।

और आप सबका भी अनेकानेक आभार, आप सब भी अपना प्यार और सहयोग, ऐसे ही बनाए रखियेगा। 

एक बहुत बड़ा धन्यवाद और प्यार, अपनी बेटी को जिसने blog बनाकर दिया और उसके सुचारू रूप से चलाने के लिए सहयोग दिया और प्रेरित भी किया। 

फिर पढ़ाई-लिखाई की व्यस्तता में वो उतना नहीं जुड़ पा रही थी। 

पर तभी मेरे छोटे से बेटे ने मेरा हाथ थाम लिया और मुझे इसे सुचारू रूप से चलने के लिए निरंतर सहयोग व प्रेरणा दी। उसके बिना, हमारा blog को निरंतर चलाते रहना असंभव है। उसको भी बहुत बड़ा धन्यवाद और प्यार… 

साथ आपका हर पल चाहिए

हमेशा और ज्यादा, 

कभी ना कम चाहिए 

प्यार मिला है इतना

कि आप सब बन गए हैं जिंदगी

अब इस जिंदगी में

यह खुशी हर दम चाहिए

बहुत सारे आभार के साथ इस साल का data डाल रहे हैं, जो साल दर साल निखरता ही जा रहा है।






Tuesday 16 April 2024

Recipe: Kuttu ki Kachori

आज नवरात्र की अष्टमी है। मां गौरी का पवित्र दिन, आज के दिन बहुत लोग व्रत रखते हैं। वो भी जो नौ दिन तक व्रत रखते हैं और वो भी जो पहला और आखिरी रखते हैं।

तो सोचा, आप सबके लिए व्रत की ही कोई dish share की जाए।

ऐसे में रश्मि जी, जो कि व्रत के एक से बढ़कर एक पकवान बनाती हैं, उनकी ही एक recipe साझा कर रहे हैं।

कुट्टू के आटे की कचौड़ी....

बहुत से लोग कहेंगे कि यह तो हमें भी आती है, तो कोई कहेगा कि अरे उसमें बहुत झंझट है, तो कुछ बोलेंगे कि इतना घी-तेल हम नहीं खाते हैं...

बिल्कुल सही कहा आप सब ने, हमें भी यही लगता था, पर जब उन्होंने सामने ही बना कर taste कराई तो सारी धारणा धरी की धरी रह गई।

आप एक बार पूरी recipe देख लीजिए, बहुत ही आसानी से बन रही थी। और taste की guarantee हमारी... Soft and crisp combination बहुत ही कमाल का आता है।

तो चलिए झट-पट से recipe share कर देते हैं।

कुट्टू की कचौड़ी

Ingredients :

  • Buckwheat flour - 1 cup
  • Boiled potato - 2 medium size
  • Rock salt - ¼ tsp. or as per taste
  • Coriander leaves - 6 to 8 twigs 
  • Green chilli - 2 
  • Clarified butter (ghee) - for frying 


Method :

  1. Boiled potato को अच्छे से mash कर लीजिए।
  2. धनिया पत्ती और हरी मिर्च को finely chop कर लीजिए।
  3. अब आलू में कुट्टू का आटा, नमक, हरी धनिया और मिर्च को अच्छे से मिलाकर dough prepare कर लीजिए।
  4. अब इन की छोटी-छोटी लोई तोड़ लीजिए।
  5. अब हथेली पर थोड़ा-थोड़ा घी लगाते हुए लोई से छोटी-छोटी सी कचौड़ी बना लीजिए।
  6. एक wok लीजिए, उसमें घी डाल लीजिए।
  7. जब घी गर्म हो जाए तो उसमें दो कचौड़ी डाल दीजिए।
  8. अब कचौड़ी पर थोड़ा-थोड़ा घी डालते जाएं, जिससे वो तलकर फूल जाए। 
  9. अब उसको पलट दें और दूसरी तरफ से भी तल लें। 
  10. जब कचौड़ी दोनों तरफ से हल्की-हल्की सी तल जाए, तो तेज आंच करके सुनहरा होने तक तल लें।


गरमागरम खस्ता करारी कुट्टू के आटे की कचौड़ी तैयार है। आप इसे चटनी, दही और पनीर या आलू की सब्जी के साथ serve कर सकते हैं।

वैसे तो गरमागरम कचौड़ी अपने आप में complete है, इसलिए अगर आप उसे ऐसे ही खाना चाहें तो भी बढ़िया लगेगी।


Tips and tricks :

  1. आलूओं को गर्म ही छीलकर mash कर लें। भर्ता जितना smooth होगा, कचौड़ी उतनी easily फूलेगी।
  2. जितना आलू quantity wise भर्ता बनाने के बाद हो जाए, उतना ही कुट्टू का आटा लेना है।
  3. दोनों का ratio equal होने के कारण बिना भरी कचौड़ी होने के बाद भी taste and texture कचौड़ी जैसा आता है। 
  4. आलू ज्यादा होने से घी ज्यादा soak होगा और आटा ज्यादा होने से कचौड़ी कड़ी बनेगी और उसमें आटे का flavour ज्यादा आएगा।
  5. इस तरह से बनाने से कचौड़ी घी भी कम soak करती है। और पूरी कचौड़ी में taste भी एकसार रहता है।
  6. कचौड़ी का dough prepare करते समय ध्यान रखिएगा कि dough ऐसा होना चाहिए कि हाथ पर बहुत चिपके भी नहीं और ना ही ऐसा हो कि bind ही ना हो।
  7. अगर bind ना हो तो, थोड़ा-थोड़ा पानी छींटते हुए आटा गूंथना है।
  8. कुट्टू का आटा बहुत जल्दी गीला होता है, इसलिए पानी अंदाज़ से ही डालें।
  9. धनिया पत्ती और हरी मिर्च भी महीन ही काटें।‌ ज्यादा बड़ी होने से कचौड़ी फूट जाएगी, तो वो बहुत ज्यादा घी soak कर लेगी। 
  10. कचौड़ी बनाने में एक बात का ध्यान रखिएगा कि कचौड़ी एक जैसी होनी चाहिए, कहीं से पतली, कहीं से मोटी नहीं होनी चाहिए। वरना कचौड़ी फूलेगी नहीं।
  11. कचौड़ी को medium flame पर ही तलनी है और सुनहरा high flame पर करना है।
  12. मतलब हर बार कचौड़ी slow flame पर डालनी है, फिर flame medium कर लेनी है और फिर तेज़।
  13. तो flame का right combination, perfect कचौड़ी बनाने का key ingredient है।