Sunday, 8 July 2018

Poem : बचपन

 बचपन         

बचपन कितना अच्छा होता है,
शहद से भी मीठा
सपनों से भी सच्चा होता है
बचपन कितना अच्छा होता है;
वो तितली पकड़ना
वो भईया से लड़ना 
वो गुड़िया की शादी
कहानी सुनाती दादी ,
ना रोटी की चिन्ता,
ना किसी की निंदा
सबकी बातों मे आ जाता है
तब मन कितना सच्चा होता है
बचपन कितना अच्छा होता है,
छोटी छोटी खुशियों मे ही दुनिया मिलती है
बड़ी खुशियों के इंतज़ार मे ज़िंदगी नहीं घुलती है
क्योंकि तब दिल भी बच्चा होता है  
बचपन कितना अच्छा होता है