Wednesday, 1 January 2020

Recipe : Special Pav bhaji


New year हो और कुछ special ना बने, how can it be possible.

ऐसे में मस्त गरमा गरम पाव- भाजी खाने को मिल जाए तो क्या बात है?

साथ में उसमें आपके हाथ का special taste हो, तो कहने ही क्या। पर बहुत से लोग, पाव भाजी मसाला use करके इसे बनाते हैं, और अगर आप भी ऐसे ही बनाते हैं, तो क्या special.

तो चलिये try कीजिये, shadesoflife की special pav bhaji recipe.  

इसमें ready मसाला नहीं, आपके हाथ का स्वाद होगा, जो आपको सबकी नज़र में बना देगा- Master chef.   

Special Pav bhaji




For Bhaji -

Ingredient 

Cauliflower–250 gm.
Pea- 50gm.
Cabbage- 100 gm.
Potato -250 gm.
Onion-150 gm.
Garlic-25 gm.
Ginger -25 gm.
Capsicum- 100 gm.
Tomato puree- 100 gm.
Salt –as par taste
Butter – 300 gm.

Method :

सारी  veggies को thickly chop कर लीजिये।
Pressure cooker में सब veggies (cauliflower, cabbage, potato, capsicum) डाल दें।
Add ½ glass of water and salt.
High flame, में 2 whistle and 3 slow flame पर दे दीजिये।
जब pressure released हो जाए,  veggies का masher की हेल्प से fine paste बना लीजिये।  
Wok में ghee डालकर गरम होने रख दीजिये।
जब  ghee  गरम हो जाए, उसमें chopped onion, garlic, ginger डालकर  Sauté कर लें।
फिर tomato puree डालकर sauté कर लें।  
अब इसमें  veggies paste and boil peas डालकर अच्छे से Mix कर लें।
 थोड़ा- थोड़ा सा Butter डालकर भूनते  जाइए। इस process को तब तक repeat कीजिये, जब तक वो slightly brown हो जाए।

Ingredient

For Pav -
Pav
Butter - 100 gm.
Method 

Pav को horizontally cut कर लीजिये।
Pan  में butter से डालकर pav toast कर लीजिये।
Serving के समय भाजी में ginger Julian and butter डाल दीजिये, pav में butter लगा लीजिये।
Thin onion slices and lemon के साथ serve कीजिये।

Poem : नववर्ष बेला

नववर्ष बेला


इस वर्ष की नववर्ष बेला
क्या मेरे सपनों सी हो जाएगी
राम के त्रेता जैसी ही क्या
सुख से दुनिया भर जाएगी
मात-पिता को जहाँ
मिलता था सम्मान
भ्रातप्रेम में एक दूजे के लिए
दे देते थे बलिदान
क्या वही सुखद स्वप्न सी 
भारत की भूमि कहलाएगी
इस वर्ष की नववर्ष बेला
क्या मेरे सपनों सी हो जाएगी
कृष्णा के द्वापर सी क्या
पावन धरती बन जाएगी
जहाँ ना छोटा, बड़ा कोई
सब पाते थे सम्मान  
स्त्री की अस्मिता बचाने
आ जाते थे खुद भगवान
क्या उन्हीं मधुर तानों में
भारत की भूमि खो जाएगी
इस वर्ष की नववर्ष बेला
क्या मेरे सपनों सी हो जाएगी
जहाँ प्रेम ही प्रेम रहेगा
ना होगा नारी का अपमान
मिलजुल कर रहेंगे सब
बड़े-बुजुर्गों को मिलेगा सम्मान
जहाँ ना आरक्षण का टंटा होगा
मेहनत का ही डंका होगा
ऊंच-नीच की बात ना होगी
बस अपनत्व की बरसात होगी
जहाँ ना कोई भूखा होगा
बिन छत ना कोई सोता होगा
जो बात ये, सच्ची हो जाएगी
धरती स्वर्ग सी बन जाएगी
इस वर्ष की नववर्ष बेला
क्या मेरे सपनों सी हो जाएगी
आओ इस नववर्ष हम प्रण करें
भारत को धरती का स्वर्ग करें
राम, कृष्ण की पावन भूमि को
मिलजुल कर सुयश करें
Happy new year