Friday 21 February 2020

Poem : महाशिवरात्रि


महाशिवरात्रि 


बिटिया पूछ रही बाबा से
शिवरात्रि क्यों मनाते हैं?
देवों में महादेव क्यों
शंकर जी ही कहलाते हैं?
बाबा बोले, तुम्हें बताऊं
शिवरात्रि क्यों मनाते हैं;
क्यों देवों में महादेव
भोले बाबा ही कहलाते हैं।
पहले बात, सुनो अनोखी
शिवरात्रि हर महीने आती है;
फागुन मास की यह शिवरात्रि
महाशिवरात्रि कहलाती है।
अब आगे की बात सुनो
इसमें है बहुत गहराई:
एक बार विष्णु - ब्रह्मा में
हो गई थी बड़ी लड़ाई।
कौन महान है दोनों में
बहस छिड़ गई थी भारी,
एक विशाल स्तम्भ, देख
प्रतियोगिता की करी तैयारी।
मध्य से चलेंगे दोनों
एक आदि, एक अंत जाएगा,
जो पहले पहुंचे मंजिल पर
महान वो ही कहलायेगा।
दोनों चल दिए मंजिल पर
ना आदि मिला, ना अंत,
तभी महादेव प्रकट हुए
बोले कलह करो अब बंद।
तब दोनों को अपनी धृष्टता
का हो गया भान,
दोनों ही हैं लघु बहुत
देवों में महादेव महान।
जिस शिवरात्रि महादेव प्रकट हुए,
महाशिवरात्रि मनाते हैं;
उसी दिन से शंकर जी
देवों में महादेव कहलाते हैं।

बम बम भोले