Friday, 13 September 2019

Story of life : एहसास (भाग 3)

एहसास (भाग 1) और एहसास (भाग 2) के आगे...

एहसास (भाग 3)

मालिनी ने तुरंत ही action लेने start कर दिये। तुरंत policy बना दी, कि चाहे कोई patient हो, staff हो या डॉक्टर, किसी का भी bill hospital में free नहीं होगा। जो pay करेगा, उसी का hospital में treatment होगा।

उसके बाद उसने डॉ नितीश के लिए अपने सबसे बेकार, लापरवाह, rude डॉ और staff को appoint किया, अपने hospital के बेकार room को book किया, जहाँ का ना AC ढंग से work करता था, और वहाँ का bed भी बहुत झूल चुका था।

उसने सब को कह दिया था, जो उसके instruction follow नहीं करेगा, या उसकी डॉ नितीश से शिकायत करेगा, तो उसके 1 month की salary काट ली जाएगी। 

डॉ नितीश को ठीक हो कर join करने में कम से कम 6 month लगेंगे। तब तक वो ही head होगी। सारे instruction मालिनी के according follow होने लगे।

डॉ मालिनी ने डॉ नितीश के आनप-शनाप test करवाए। जिससे समय और पैसे दोनों बर्बाद हो रहे थे। साथ ही डॉ नितीश का दर्द भी बढ़ने लगा था।

फिर जब treatment start हुआ, तो बेकार डॉ और staff, तो treatment भी सही से नहीं हो रहा था। room में shift हुए तो बेकार room में एक रात गुजारने के बाद डॉ नितीश का patience जवाब दे गया।

डॉ नितीश ने डॉ मालिनी को बुलाने को कहा, तो दो दिन बाद मालिनी आई। अब तक तो डॉ नितीश गुस्से की आग में जलने लगे।

वो डॉ मालिनी को देखते ही बुरी तरह से चिल्लाने लगे। डॉ मालिनी ये क्या तमाशा लगा रखा है, आप किस तरह की head हैं? कि hospital में एक भी facility ठीक नहीं है।

जो test मेरे treatment के लिए जरूरी नहीं थे, उन्हें खाली समय और पैसा बर्बाद करने के लिए क्यों करवाए गए? उसके कारण मुझे व्यर्थ ही दर्द सहन करना पड़ा। उसके बाद इतने बेकार डॉ, staff, जिन्हें ना तो treatment की अक्ल है, ना बोलते ढंग से हैं, और लापरवाह भी हैं। और रही-सही कसर इस सड़े से कमरे ने पूरी कर दी है, कि कोई भी family member साथ रुकने को तैयार नहीं है।

मालिनी बोली, Sorry Sir...

आगे पढ़िए एहसास (भाग - 4) में...