Friday, 31 May 2019

Poem : मुझको चलते जाना है



मुझको चलते जाना है 




मंजिल मेरी दूर सही,
पर मुझको बढ़ते जाना है
अडिग मेरा है, ये फैसला;
मंजिल तो मुझको पाना है
हों कितनी भी बाधा राहों में,
ये जोश ना कम होने वाला।
रुक कर चलना, चलकर रुकना,
मंजिल मिल जाने से पहले,
यह जिस्म नहीं थकने वाला।
बाहों में भर कर फौलाद
हर हार को, मुझे हराना है
सिद्ध करुंगी, मैं भी हूं सर्वश्रेष्ठ
दुनिया को मुझे दिखाना है
सफलता पाने तक, मुझको
अनवरत चलते जाना है

Thursday, 30 May 2019

Recipe : Chatpata Pyazi Karela


Thinking of bitter gourd (karela), the word that comes to our mind 
is “yucks” or “why karela?”

But if you prepare it following this recipe, I’m sure that “yucks” 
will get transformed to “WOW”. And you will not even like to share it with anyone.


Chatpata Pyazi Karela



Ingredients:

Bitter gourd (karela) – 250 gm.
Green chillies – 2 to 4
Medium Onions – 3 to 4
Raw mango – 1 medium (or 50gm)
Salt – according to your taste
Oil – 1½tbsp
Turmeric – ¼ tsp

Method:
  • Make thick pieces of gourd, onion, raw mango and chilli.
  • Heat up oil in a wok.
  • Sauté onion and chilli.
  • Add gourds, salt and turmeric.
  • Sim down the flame and close the lid.
  • When it gets cooked a little (for about 5 to 7 min.), remove the lid and stir it once.
  • Now cook it without lid, keeping sim flame, with occasional stirring.
  • When, the gourds get cooked completely, add raw mango to it.
  • Cover the wok for 5 minutes, so that mangoes get cooked.
  • Remove the lid. Mix it properly, stir the mixture occasionally; till the gourds start leaving oil.
  • Discard the excess oil.
  • The Chatpata Pyazi Karela is ready to be served.

 Note: 
  1. If the gourd seeds are of red colour, or are ripe, then discard the seeds.
  2. Don’t leave cut gourds for long. This would make the gourds more bitter.
  3. Taking excess oil for cooking will decrease the bitterness of the gourds. And as, the excess oil would be discarded afterwards, it won’t affect the health much.
  4. Keeping the wok open in later part of cooking will help to make the gourd tasty, crispy and less bitter.


Wednesday, 29 May 2019

Article : सूरत की घटना

सूरत की घटना


आज सब जगह, हर कोई, सूरत में घटित दिल दहला देनी वाली घटना का जिक्र कर रहा है। पर अपने सोचा है, इसका कारण हम सब लोग भी हैं? आप बोलेंगे, हम लोग कैसे?

मेरे कुछ भी कहने को मत मान लीजिये, पर एक बार ये article पढ़कर सोचिएगा जरूर।

सबसे पहली बात, हम सब अंधाधुंध से नम्बरों के पीछे भाग रहे हैं।उसके बच्चे के अच्छे नंबर आए हैं, तो मेरे बच्चे के क्यों नहीं?

इस होड़ में बच्चों की बहुतायत से tuition कराई जा रही है, उन पर बहुत अधिक mantel pressure डाल दिया जा रहा है।

जिसका नतीजा ये हो रहा है, कि बहुत से शिक्षक इस बात का लाभ उठा कर, tuition को अपना business बनाते जा रहे हैं। 

उसके लिए जगह जगह छोटी छोटी जगहों में ही जहां दस बीस बच्चे भी नहीं आ सकते, 50 से 100 तक के बच्चों को बैठाया जाता है। ऐसे में वहाँ बिना किसी दुर्घटना के भी दम घुटता है, फिर कोई घटना हो जाए, तब तो बस ईश्वर ही बचाए!

तो यहाँ कुछ बातों पर मैं आपका ध्यान खींचना चाहूंगी,

पहली बात जहां अपने आँखों के तारों को भेज रहे हैं, उस जगह का निरीक्षण अवश्य करें। कुछ गलत है, तो आवाज़ भी अवश्य उठाएँ।

क्योंकि सुनी उसी की जाती है, जो बोलता है। अगर सारे parents एक हो जाएँ, तो institute भी हमारे बच्चों के लिए बदलता है। एकता में बहुत शक्ति होती है जनाब! इसी एकता ने, देश आज़ाद करा दिया था। तो गलत के खिलाफ आवाज़ जरूर उठाएँ।

दूसरी बात, सारे बच्चों की क्षमता अलग होती है, अपने आकांक्षाओं को उन पर लादें नहीं, सब doctor, engineer, IAS बनने के लिए दुनिया में नहीं आए हैं। कोई politician, actor, chef, teacher, painter, dancer, writer, poet, businessman आदि भी बनने आए हैं। सबकी ही अपनी अपनी importance है, सभी दुनिया के लिए जरूरी भी हैं। 

आप उनको अपने मन का करने दें, उसे वो आपकी अपेक्षाओं से भी ज्यादा अच्छा कर के दिखाएंगे, आपका मान बढ़ाएँगें।

तीसरी बात, अपने बच्चों में केवल किताबी ज्ञान मत भरिए, उन्हें life skill भी सिखाएँ, जिसमें अपनी सुरक्षा  करना भी शामिल है। आप हर समय उनके साथ नहीं रह सकते। उन्हें सिखाएँ, कैसे विपरीत परस्थिति में सब से पहले अपने पर काबू पाना होता है, panic करने से स्थिति हमेशा और बिगड़ जाती है, calm  रहने से ही आप विपरीत स्थिति पर काबू पा सकते हैं।

वो विपरीत स्थिति कुछ भी हो सकती है, आग में, भूकंप में, lift में फंस जाना, कार में lock हो जाना, पानी में डूबने लगना, कोई छोटा या बड़ा accident हो जाना, कभी गुंडों या आवारा लोगों के बीच घिर जाना आदि।

Presence of mind ही आपको किसी भी situation से बाहर निकाल सकता है, इसीलिए जो व्यक्ति Calm and cool होते हैं, वो ही ज़िंदगी में सफलता प्राप्त करते हैं।

और सबसे बड़ी चौथी बात, कुछ समय अपने बच्चों के साथ गुजारिए। हम लोग ना जाने किस किस बात के लिए Google में search करते हैं, उसी में सभी तरह की विषम परिस्थितियों से बचने के बहुत ही अच्छे अच्छे उपाय भी मिलेंगे, उन्हें search करें, स्वयं पढ़ें, और समय समय पर बच्चों को भी बताते रहें।

हम ही अपने बच्चों को सबसे ज्यादा सुरक्षित रख सकते हैं। उसके लिए आपके बच्चों को आपके कुछ पल और स्थितियों के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है। 

हे ईश्वर आप सबको सुरक्षित, स्वस्थ, चिरायु, सुखी एवं प्रसन्न रखें। 


Tuesday, 28 May 2019

Tip: Lemons


Summers are here with a juicy harvest of lemons. It serves to us so many benefits. But have you ever experienced the problems in buying lemons? Do you want more juice extracts? Here are some tips for you, that will surely benefit you.

Lemons

  • Buy medium sized lemons. They generally have a good quantity of juice.
  • They should be yellow with a greenish tinch. This would increase the quantity of juice and also increase the shelf life. As, the totally green ones don't have much juice, while the yellow ones have a short shelf life.
  • The presence of a unique but natural smooth and shiny skin indicates it's freshness.
  • Those having thin peels, have more juice and are usually known as 'कागजी नींबू'. They are best for pickles, too.
  • Before taking out their juice, roll them on the platform while applying a little pressure by your palm.
  • Don't leave lemons after extracting a little juice from it. This will make it a bit bitter. So, if the whole is not required cut out the part which is required and then squeeze it out.
  • Don't use the technique of pricking the lemon with the toothpick if you're not going to use the whole lemon's juice. This will make the rest bitter.

Monday, 27 May 2019

Kids Story : Advay the hero : मोलभाव


Advay the hero : मोलभाव


एक दिन Advay अपने पापा के साथ फल खरीदने गया। वहाँ 5 फल वाले बैठे थे। पापा ने पहले आम वाले से पूछा, आम कैसे दिये?
    
आम वाला बोला, बाबू जी 90 रुपए किलो दिये।

वहाँ एक uncle भी खड़े थे, वो बोले, बहुत महंगे दे रहे हो, और जगह तो 70 रुपए में मिल रहे हैं।
    
नहीं बाबू जी, उनके आम अच्छे नहीं होंगे, आप हमारे आम देखिये, बहुत बढ़िया हैं, मलिहाबाद के हैं।
    
अच्छा ठीक है, 150 के 2 किलो दोगे, तो ले लेंगे। बाबू जी, हमको ही 80 रुपए में पड़े हैं। हमें थोड़ा तो, नफा ले लेने दीजिये। सौदा 170 में हो गया।
    
फिर उन्होंने केला और सेब भी लिए, सब में दस, पाँच रुपए कम हो गए। Advay के पापा ने भी आम केला और सेब लिए।
    
Advay चीकू भी लेने को बोलने लगा, वो किसी भी ठेले वाले के पास नहीं था। तब दोनों लोग Spencer’s गए, वहाँ चीकू मिल गए।
    
पर ये क्या, उसने देखा, कि वहाँ जिस चीज़ के जितने रुपए लिखे थे, सब लोग बिना कम कराये, उतने ही रुपए दे रहे थे।  
    
अगले दिन Advay फिर अपनी Mumma के साथ Big bazaar  गया। 

वहाँ भी सब उतने पैसे दे रहे थे, जो वहाँ लिखे थे, कोई मोलभाव नहीं कर रहा था। पर आज भी बहुत से लोग उन फल वालों के साथ मोल भाव कर रहे थे।
    
Advay को कुछ समझ नहीं आ रहा था,कि फल तो सब ही दे रहे थे, तो ठेले वालों से मोलभाव क्यों?
    
दो दिन बाद वो पापा के साथ फिर से bank गया, रास्ता वही था। आज वो सारे फल वालों के पीछे पड़ गया, कि वो सब उसके साथ Spencer’s चलें। छोटे बच्चे की ज़िद पर उनमें से दो फल वाले रुक गए, बाकी तीन साथ में चल दिये।
    
किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था, कि advay आखिर करना क्या चाह रहा है?  वहाँ पहुँच कर उसने Spencer’s के Manager से कहा, आप इन uncle लोगों को भी यहाँ, अपने फल बेचने दीजिये, तो इन से भी कोई मोलभाव नहीं करेगा।
    
सब advay की सोच से हैरान रह गए, Manager बोले, ऐसा नहीं हो सकता, हमे यहाँ का बहुत rent देना होता है, ये वो नहीं दे पाएंगे। सब वापिस चले गए।
    
Advay अपने पापा के साथ bank चला गया, वहाँ से लौट कर वो अपने कमरे में चला गया।
    
फिर एक घंटे में बाहर निकला, पापा ने पूछा क्या कर रहे थे?

पापा कल आप मेरे साथ फिर से फल वालों के पास चलेंगे? ठीक है चलूँगा, पर क्यों?
   
कल देख लीजिएगा, यह कहकर वो Mumma के पास आ कर सो गया।

अगले दिन Advay पापा के साथ फल वालों के पास गया, उसके हाथ में 5 chart थे। उसने सारे फल वालों को बुलाया, और कहा आप इसे अपने ठेले के साथ लगा लीजिएगा, मैं शाम को फिर आऊँगा।

जब शाम को वो फल वालों के पास गया, तो सबने उसे Gift में फल दिये, और कहा आज किसी ने मोलभाव नहीं किया, तुमने ऐसा क्या लिख कर दिया था?

बस यही कि “अगर आप Shopping Mall में मोलभाव करते हैं, तभी हम से भी कीजिएगा, हमे भी अपना परिवार चलाना है”। फल के साथ दुआएं free

Advay के कारण लोगों ने मोलभाव करना बन्द कर दिया, फल वाले भी और अच्छे फल रखने लगे, और अनाप-शनाप भाव भी नहीं बोलते थे। अब सभी खुश थे।    

Saturday, 25 May 2019

Story Of Life : उड़ान (भाग -3)


अब तक आपने पढ़ा, पाखी एक बहुत ही चुलबुली, ज़िंदादिल लड़की है, जिसका master chef  बनने का सपना था। पाखी पर उसकी गली का आवारा लड़का सिराज बुरी नज़र रखे है । जब पाखी उससे शादी करने के प्रस्ताव को ठुकरा देती है, तो वो उसे पत्थरों के ढेर पर गिरा देता है, जिससे उसके हाथ की हड्डी टूट जाती है। जिससे पाखी बहुत मायूस हो जाती है, पर प्यारे चाचा की जोश भरी बातों से पाखी के मन में ज़िन्दगी को फिर से जीने की इच्छा जाग जाती है...... 
अब आगे...
उड़ान (भाग -3)

प्यारे चाचा की बातों ने पाखी के पंखों में नयी जान फूँक दी थीअब पाखी जुट गयी, अपने सपनों को साकार करने में। 

अथक परिश्रम से मात्र 6 महीनों में पाखी ने उल्टे हाथों से भी बहुत अच्छा खाना बनना शुरू कर दिया। साथ ही अब वो देश-विदेश सभी जगह की dish बनाने में माहिर हो गयी।

अगले master chef में वो ही first आई। जितने से जो राशि उसे मिली, उससे उसने उड़ान नाम का बहुत बड़ा होटल बनाया। 

और चंद सालों में ही उसके होटल का भी बहुत नाम हो गया। अब तो उसने अपने hotel की chain भी बनानी शुरू कर दी।

आज उसके लिए बहुत बड़े बड़े घरों से रिश्ते आ रहे थे। 

वो सिराज़ के पास गयी, उसने उसे जाकर बताया, तुम्हें पता ही होगा, मैंने अपना भविष्य बना लिया है। आज दुनिया भर के लड़के मुझ से शादी करना चाहते हैं।

तुमने मेरा एक पंख तोड़ कर मुझे निरीह बना दिया था। पर 
जिस पाखी के पास प्यारे चाचा हों, वो अपने सपनों की उड़ान जरूर भरती है। 

उन्होंने ही मुझे सिखाया, कि पंखों से नहीं हौसलों से उड़ान भरते हैं।

अगर तुम दूसरों को सताना छोड़ दो, तो मैं तुम्हारे सपनों को भी पूरा करने के लिए मदद अवश्य करूंगी। 

सिराज़ की आँखों में पछतावा साफ झलक रहा था। उसने पाखी से कहा, तुम मुझे माफ कर दो, तुम जो भी काम दोगी, मैं पूरी लगन से करूंगा। 

साथ ही अब से किसी भी पाखी के पंखों को कमजोर नहीं करूंगा।

Friday, 24 May 2019

Poem : मोदी RETURNS

माननीय प्रधानमंत्री श्री मोदी जी को शानदार जीत पर  अनेकानेक शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई
मोदी  RETURNS 

पल पल था इंतज़ार
जिस पल का,
आज वो पल आया है।
हर हर मोदी
घर घर मोदी
का नारा,
सबने लगाया है।
मोदी जी को ही सबने
नायक, पुनः बनाया है।

दायित्व शेष नहीं होता
केवल, वोट को देने से;
काज पूर्ण नहीं होता
केवल, एक के होने से।
वोट दिया है, उनको तो
सहयोग भी, अब देना होगा;
मोदी जी! आप बढ़ो आगे
साथ हमें भी, पाओगे।
है, आस और विश्वास
आज पूरे भारत को;
फिर से सोने की चिड़िया,
भारत को आप बनाओगे।

Wednesday, 22 May 2019

Story Of Life : उड़ान (भाग -2)

अब तक आपने पढ़ा, पाखी एक बहुत ही चुलबुली, ज़िंदादिल लड़की है, जिसका master chef  बनने का सपना था। पाखी पर उसकी गली का आवारा लड़का सिराज बुरी नज़र रखे है जब पाखी उससे शादी करने के प्रस्ताव को ठुकरा देती है, तो वो उसे पत्थरों के ढेर पर गिरा देता है, जिससे उसके हाथ की हड्डी टूट जाती है। 
अब आगे....... 

उड़ान (भाग -2)



सिराज के जाने के बाद पाखी ने उसकी बात पर ध्यान दिया।
सचमुच उसके सीधे हाथ की हड्डी टूटने से उसके सारे सपने चकनाचूर हो गए थे। साथ ही सीधे हाथ के कारण वो अपना ही काम नहीं कर पा रही थी, तो भला कोई क्यों उसका साथ चाहता?   

अब बेजान सी पाखी यूँ वक़्त गुजारने लगी, मानों किसी ने उसके पंख ही काट दिये हों।

बहुत दिनों से पाखी cyber नहीं आ रही थी। इसलिए प्यारे चाचा उसके घर पहुँच गए। 

जब वो पाखी से मिले, तो ज़िंदगी से बुझी पाखी को देख कर उन्हें बहुत दुख हुआ। उन्होंने पाखी के सर पर बड़े प्यार से हाथ फिराया, और बोले, क्या हुआ पाखी तुम्हें? अब recipes नहीं सीखनी है?

उनकी तरफ देखकर पाखी बोली, अब क्या करूंगी चाचा? उसकी आँखें आँसूओं से भरी हुई थी।

चाचा बोले, ये तुम बोल रही हो पाखी? जिसका सपना आसमान छूना था। सपनों की उड़ान पखों से नहीं हौसलों से होतीं है बेटा। अगर तुम हिम्मत नहीं हरोगी, तो अब भी आसमान दूर नहीं है।

पाखी कभी प्यारे चाचा की तरफ कभी अपने टूटे हाथ की तरफ देख रही थी। प्यारे चाचा बोले, तुम्हारे सीधे हाथ की सिर्फ हड्डी टूटी है, ज़िंदगी नहीं रुकी है। उसे तुम यूँ हार कर रोके हुई हो। 

अभी तुम चाहो तो, सब हासिल कर सकती हो। अगर तुम अपने आप पर अब भी भरोसा कर सको, तो कल cyber आ जाना।

अगले दिन पाखी cyber पहुँच गयी, प्यारे चाचा की बातों ने उसके मन में नयी उम्मीद जगा दी थी। पाखी को देख कर प्यारे चाचा बोले, काम कठिन है पर नामुमकिन नहीं।

जो तुम अच्छा खाना बना लेती हो, उसमें तुम्हारे हाथ से ज्यादा तुम्हारी लगन काम करती है। 

तुम्हारा उल्टा हाथ एकदम ठीक है, तुम्हें अब उसी से ऐसे काम करने की आदत डालनी होगी, जैसे तुम सीधे हाथ से करती थी। साथ ही साथ सीधे हाथ में भी इतनी मजबूती लानी होगी, कि वो सहयोगी बन जाए। 

और मेरे बच्चे, जीतता वही है जो जीतने के लिए जुझारू रहता है। रुकने और झुकने वाले को जीत नहीं मिलती।

प्यारे चाचा की जोश भरी बातों ने पाखी के मन में नयी उमंग जगा दी थी, तो क्या उससे पाखी अपना सपना सच कर सकी? जानते हैं उड़ान (भाग-3) में 

Tuesday, 21 May 2019

Story Of Life : उड़ान


उड़ान


पाखी बहुत ही चुलबुली, खुश मिजाज, सब में घुलमिल जाने वाली लड़की थी। अपने नाम के अनुरूप ही वो कभी एक जगह टिकती नहीं थी, कभी इधर- कभी उधर, फुदकती फिरती रहती थी। अपने स्वभाव के कारण वो सबकी लाडली भी बहुत थी।


पाखी खाना बनाने में बड़ी निपुण थी। जो भी उसके हाथों का बना खाना खाता, उँगलियाँ चाटने लगता।

आजकल टीवी में master chef बनने का program चल रहा था।सब उससे बोलने लगे, पाखी तुम भी जाओ वहाँ, पक्का first आओगी।

सबकी बातें सुन सुन कर पाखी भी master chef बन ऊंची उड़ान के सपने सजोने लगी। उसने अपने घर के पास के cyber cafe में जाकर internet से बहुत सारी recipes सीखनी शुरू कर दी। 

वो जाने से पहले अपने आपको पूर्ण रूप से तैयार करके जाना चाहती थी, जिससे वो ही प्रथम आए। 

cyber का मालिक बहुत ही भला इंसान था। वो अपने cyber में आने वाले लगन के पक्के लड़के, लड़कियों को कम पैसे में ही internet use करने देता था। कभी कभी form आदि भरने के पैसे भी दे दिया करता था। सब उसे प्यारे चाचा बुलाया करते थे।  

उसकी ही locality में एक आवारा लड़का सिराज़ था, जो पाखी पर अपनी बुरी नज़र लगाए था। 

एक दिन उसे पाखी अकेले में मिल गयी। उसे देखते ही सिराज़ उसके पीछे हो लिया, और उससे शादी करने की इच्छा जाहिर करने लगा। 

पाखी ने शादी से साफ इंकार कर दिया, उसने कहा, मुझे अपना भविष्य बनाना है। वैसे भी तुम जैसे आवारा लड़के से तो कोई भी लड़की शादी नहीं करेगी।

पाखी की ऐसी बात सुन कर वो आग बबूला हो गया, उसने पाखी को गुस्से से वहीं पड़े पत्थरों के ढेर में धक्का दे दिया। पाखी दर्द से चीख उठी। उसके सीधे हाथ की हड्डी टूट के चूरचूर हो गयी थी।

पाखी के हाथ का operation हुआ। जब महीने भर बाद plaster खुला, तो पाखी को पता चला, उसके हाथ में तो कोई जान ही नहीं है। उसका हाथ पहले से छोटा और हल्का टेड़ा भी हो गया था। 

जिस hospital में पाखी का operation हुआ था, सिराज़ फूल ले कर पहुँच गया। सब से छुप कर वो पाखी के पास पहुँच गया। 

पाखी को फूल देकर बोला, पाखी! अब भविष्य बना कर दिखा। तुझ लूली से अब मैं तो क्या, कोई भी शादी नहीं करेगा। तभी पाखी का भाई आ गया, उसे देख कर सिराज़ भाग गया।
क्या सिराज  अपने नापाक इरादों में कामयाब हो गया? पाखी के सपनों का क्या हुआ?  जानने के लिए पढ़ते हैं,  उड़ान (भाग- 2) में 

Monday, 20 May 2019

Article : मैं भी हूँ वीरांगना


मैं भी हूँ वीरांगना  



सुबह हुई, सबके school, office जाने का समय हो रहा था। मच्छरदानी हटाई, कि अब सबको उठा दूँ, पर ये क्या? मच्छरदानी हटाते ही दुश्मनों की फौज ने हमला बोल दिया। मुझे चारों तरफ से घेर लिया था। कोई हाथ के पास था, तो कोई पैर के पास। पर मेरी बर्दाश्त ने साथ तब छोड़ दिया, जब वे मेरे चहरे के एकदम नजदीक आ गए।

तभी छुटकू का ध्यान आया, देखा बहुत से दुश्मनों ने तो अब तक उसे भी चारों तरफ से घेर लिया था। जब वो छोटा था, तब भी एक बार इन दुश्मनों ने बहुत बड़ा हमला उस पर कर दिया था, जिसको भूलते भूलते महीनों निकल गए थे।

पर आज नहीं, आज मुझ में वीरांगना का वास हो गया था।
दोनों हाथों में अपनी तलवार उठाई। और लगी ज़ोर ज़ोर से घुमाने, कभी खड़े-खड़े, कभी बैठकर, तो कभी लेटकर भी वार किए। वो सैकड़ों की संख्या में थे, और मैं अकेली।

पर फिर भी मेरे साहस के आगे, उनकी धड़ाधड़ लाशें गिर रहीं थीं। उनके इस तरह से गिरने से मेरे जोश में बहुत वृद्धि होती जा रही थी। और कुछ ही मिनटों के प्रयास से मैंने कुछ समय के लिए अपने दुश्मनों से निजात पा ली थी।

अगले दिन फिर से उनकी फौज खड़ी थी। अब तो मेरा रोज का सुबह-सुबह का यही काम हो गया था।

और सच मेरी तलवार से निकलती चट-चट की आवाज़, और मर-मर के गिरते मच्छर मुझमें ऐसी feeling भर देते हैं, जैसे मैं भी वीरांगना हूँ, और मच्छर रूपी दुश्मन से अपने परिवार की रक्षा कर रहीं हूँ।

पर इस काम के बाद मुझे तसल्ली हो जाती थी, कि आज मैं फिर अपने परिवार को चिकनगुनिया, डेंगू, मलेरिया, जैसी खतरनाक बीमारी वाले मच्छरों से बचा पायी।

और इस काम में मेरी तलवार (mosquito killer racket) साथ देती थी, जिससे बिना कोई chemical use किए मैं अपने परिवार को मच्छरों से मुक्त कर देती हूँ।


एक बार mosquito killer racket इस्तेमाल जरूर कीजिएगा, बिल्कुल तलवार वाली feeling आती है, वो भी आतिशबाज़ी के साथ। कसम से मज़ा आ जाएगा।