Wednesday, 27 January 2021

Poem : तुमको हथियार बनाया है

तुमको हथियार बनाया है





क्या साबित करने के लिए

इतना बवाल मचाया है?

क्या सोच कर तुमने

झंडे का मान गिराया है ?


जो आन हमारे भारत की

जो शान हमारे भारत की 

उसके ही अस्तित्व पर तुमने

यह कैसा कलंक लगाया है?


गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर

जब सारे राष्ट्रभक्त हो जाते हैं

ऐसे पावन दिवस को क्यों

तुमने काला दिवस बनाया है?


तुम अन्नदाता हमारे हो 

हम मान तुम्हारा करते हैं 

पर आज के इस कुकृत्य से

तुमने देश का गौरव गिरवाया है


जो मान मिला था भारत को, 

कोरोना की वैक्सीन बनाकर के।

तुम्हारे विध्वंस प्रदर्शन ने,

उसको मिट्टी में मिलवाया है।।


अब तो जागो ओ किसान मेरे,

जिनके बहकावे में तुम बैठे हो।

अपनी राजनीति चमकाने में उसने,

तुमको अपना हथियार बनाया है।।