Monday, 1 July 2019

Story Of Life : Maid चली गयी


Maid चली गयी

प्रेमा ने अपने इकलौते बेटे रजत का विवाह बड़ी धूमधाम के साथ रेखा से कर दिया। रेखा बेहद सुंदर थी, पर साथ ही उतने रूखे स्वभाव की महाआलसी और हद की कंजूस भी थी।

कुछ ही दिनों में रजत पर उसके खूबसूरती को जादू सर चड़कर बोलने लगा। रेखा जो कुछ भी उल्टा-सीधा उसके परिवार के लिए बोलती, वो उसे ही हकीकत मानता।

घर में आए दिन कलह होने लगे, तो रेखा रजत के पीछे पड़ गयी, तुम कोई दूसरी नौकरी क्यों नहीं ढूंढते हो? मैं तंग आ गयी हूँ, तुम्हारे माँ पापा के संग रह रह कर। ऐसी नौकरी ढूंढो, जिससे हम इस शहर से ही चले जाएँ। मेरा तो अब इस शहर में मन भी नहीं लग रहा है।

जब रेखा ने कह दिया, तो कैसे हो सकता था, कि रजत उसकी बात ना माने। रजत बहुत ही talented था, इसलिए नई जॉब ढूँढने में बहुत समय नहीं लगा।

वो नया appointment letter लेकर सीधे रेखा के पास गया, रेखा की बांछे खिल गयी।

अगले दिन ही रेखा ने movers and packers वालों को बुला लिया, और जो समान उसे अपनी शादी में मिला था, या जो कभी रजत ने खरीदा था। वो सब pack करने को बोल दिया।

समान pack होता देख माँ- पापा हैरान थे, आखिर packing क्यों हो रही है? उन्होंने रजत से पूछा, बेटा ये लोग कौन हैं, और ये समान क्यों pack कर रहें हैं? 

रजत बड़े ही सहज शब्दों में बोला, माँ इन्हें रेखा ने बुलाया है, हम Bombay जा रहे हैं ना। 

Bombay! क्यों रजत? पापा ने आश्चर्य से पूछा।

अरे पापा, रेखा का यहाँ मन लगना बंद हो गया है, तो अब से हम बॉम्बे में ही रहेंगे। 

और नौकरी........? उसका क्या सोचा है, तुमने रजत? पिता ने दूसरा प्रश्न पूछा, वो भी वहीं करूंगा। 

कैसे? तुम्हारी company का तो Bombay में कोई ऑफिस भी नहीं है।

पापा मैंने company बदल ली है। रजत हर बात ऐसे बोलते जा रहा था, जैसे कुछ बड़ा हुआ ही नहीं है।

माँ के आँसू निकल आए, तुमने नौकरी बदल ली, Bombay में join करोगे......, हम लोगों से इतनी दूर! और हमें कुछ बताया भी नहीं।

क्या माँ के आँसू से रजत का मन बदल जायेगा?  जानते हैं Maid चली गयी (भाग-2 )