Monday, 1 January 2024

Poem: कुछ पल निकाल लें

कुछ पल निकाल लें 




इस दौड़ती-भागती ज़िंदगी से,

चलो कुछ पल निकाल लें,

आ फिर से ज़िन्दगी को,

पहले सा संवार लें।

पापा के प्यार को बटोर ले,

कसकर अपनी बाहों में,

मांँ के असीम लाड़ को

बंद कर लें निगाहों में

उस अल्हड़ सी जवानी को

आ फिर से जी लें

चलो लौट चलें फिर से

उस हसीन सी ज़िन्दगी में

दोस्तों के संग मिलकर

लगा लें कहकहे

बिन बात के साथ उनके

बस झूमते ही रहें

साल का क्या है

वो तो बदलेगा हर बरस 

बदलते साल को अपनी

बेफिक्री से रोक लें

कह दें साल से

नहीं फर्क पड़ता हमें

तेरे आने-जाने से 

हमने सीख लिया खुश रहना 

बदलते ज़माने में 

मज़ा तो जिंदगी का 

अपनों के साथ है

भागदौड़ से कुछ भी

आता ना हाथ है 

इस दौड़ती-भागती ज़िंदगी से

चलो कुछ पल निकाल लें

आ फिर से ज़िन्दगी को

पहले सा संवार लें 


आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 💐

नव वर्ष हम सब के लिए मंगलमय हो, सब प्रेम के अटूट बंधन में बंधे रहें, एक दूसरे के साथ खुशहाल जीवन जीते रहें।