Saturday 24 February 2024

Article : समस्या का सरल उपाय

समस्या का सरल उपाय 



कल आपको premium trains में मिलने वाले meal के विषय में  Ticket without meal article share किया था।

आज एक बात share कर रहे हैं, जो शताब्दी train में ही हुई थी, जिसने हमें एक सीख दी थी, और वो बात है, एक लड़की की...

उस लड़की के मम्मी-पापा उसे बिठाकर जाते time उससे पूछ रहे थे कि बेटा जी, अपना ध्यान ठीक से रख तो लोगी ना? 

वो बोली, हां मां, आप परेशान मत होइए, मैं ठीक से जाऊंगी।

ध्यान नाल जाना बेटा जी, ऐसा कहकर वो लोग उतर गये।

Train ने अपनी रफ़्तार पकड़ ली। जब supper serve हो रहा था तो लड़की ने बोला कि वो भी coffee and snacks लेगी। 

उन्होंने उसे भी serve कर दिया, लड़की ने रुपए पूछे नहीं और उन लोगों ने बताए भी नहीं...

Dinner and icecream के time भी उन लोगों ने लड़की से serve करने के लिए पूछा, पर उसने मना कर दिया... 

जब सब serve हो चुका था तो उस लड़की से उन्होंने 250 रुपए मांगे...

लड़की सकते में आ गई, क्योंकि उसने सोचा था कि 50 या 100 रुपए लगेंगे... ऐसा हमें इसलिए पता है, क्योंकि वो हमारे ठीक पीछे बैठी थी और वो फोन पर किसी को बोल रही थी कि उसने coffee and snacks लिए हैं, जिसकी कीमत ₹50 से ₹100 तक होगी। 

खैर पहले तो उसने पूछा नहीं था और अब वो सब कुछ खा भी चुकी थी। तो रुपए तो उसे उतने ही देने पड़ते, जो वो बोल रहा था। 

लेकिन रुकिए थोड़ा, यहां कहानी थोड़ी अलग थी... लड़की ने बोला कि आप ऐसे-कैसे इतना ज़्यादा रुपए बता सकते हैं। Serving करने वाले ने तुरंत, supper, dinner and icecream का breakup बता दिया, जिसके अनुसार ₹250 ही बन रहे थे। 

लड़की ने ₹500 दिए और कहा कि आप bill के साथ मेरे बचे हुए पैसे वापस लेकर आइएगा। 

आप जो पैसे बोल रहे हैं, मुझे वो लिखित में चाहिए या आप ऐसा कोई record दिखा दीजियेगा, जिसमें यह breakup लिखा हो, जो आप बता रहे थे। मैं उसकी picture खींचूंगी। 

मैं बहुत ज्यादा इन trains में सफ़र करती हूं तो मुझे पता है कि कितना पैसा लगता है।

Serving वाला भी चढ़कर बोलने लगा कि मैं कब मना कर रहा हूं कि आप सफ़र नहीं करती हैं, पर जो है मैं वही बोल रहा हूं, आपको यही देना होगा। सारे लोग लड़की की बेवकूफी के लिए उसके ऊपर मंद-मंद हंस रहे थे, कि पहले तो पूछा नहीं, बड़ी रईस समझ रही थी अपने को, अब दो, जो मांग रहा है...

लोगों के मौन मगर स्पष्ट भाव उस लड़की और serving वाले को भी समझ आ रहे थे। लोगों के हंसने से serving वाले के हौसले और बुलंद हो गये। 

वो जाने लगा तो लड़की ने फिर से confidently कहा कि आप बिल के साथ पैसे वापस कीजिए।

वो कड़क कर बोला, लाता हूं अभी, और वो चला गया वहां, जहां उसके और साथी थे। वो उनसे विचार-विमर्श करने लगा।

थोड़ी देर बाद वो फिर से अपने serving के काम में लग गया। हमने गौर किया, कि वो आने-जाने में लड़की से आंखें चुरा रहा था।

उस लड़की के साथ अब हमें भी इंतजार था कि क्या होगा? क्या वो उस लड़की का confidence था या overconfidence?

थोड़ी देर बाद एक दूसरा आदमी उस लड़की के पास आया और कहा, "अगर आप से मेरे साथी ने कुछ ग़लत व्यवहार किया है, तो मैं माफ़ी चाहता हूं।"

लड़की बोली, आप क्यों आएं हैं? वही क्यों नहीं आया जो मुझ से बात कर रहा था? आप बिल के साथ ही पैसा लौटाएं। 

मैं इस train से बहुत ज्यादा आती जाती हूं, मुझे बहुत अच्छे से पता है कि कितना पैसा लगता है।

उसने भी उसी composition में bill का breakup बता दिया। 

लड़की बोली, आप भी वही बोल रहे हैं, जो वो बोल रहा था, बस अंतर इतना ही है कि वो बहुत तरेरते हुए मुझे बिल देने की बात बोल कर गया था। 

अब आप बिल लेकर आएं या उचित पैसा लीजिए। वरना मुझे आप लोगों की complain करने में time नहीं लगेगा। लड़की का confidence चरम सीमा पर था...

वो बोला, ठीक है, तो आप को जो ठीक लगे, वो दे दीजिए और बात खत्म कीजिए।

लड़की बोली, मुझे नहीं बताना, आपको जो उचित लगता है, उतना काटकर बाकी पैसे मुझे वापस कीजिए।

उसने कहा, ठीक है तो मैं ₹80 काटकर आपको बाकी पैसे लौटा रहा हूं। यह कहकर वो लड़की को ₹420 देकर चला गया। 

थोड़ी देर में train का final destination-Delhi आ गया था और सभी उतर गये।

इस घटना ने सिखाया कि हम बच्चों को छोटा और नासमझ समझते हैं, जबकि आज की generation बहुत समझदार, confident and smart है, उसे situation को handle करना आता है। फिर वो चाहे लड़का हो या लड़की...

दूसरा अगर आप सही हो तो, पूरे confidence से अपनी बात कहें, फिर चाहे पूरी दुनिया आपके विपरीत हो, situation चाहे कितनी difficult हो, आप अकेले हों, फिर भी आपकी सच्चाई और confidence आपको ही जीत दिलाएगा।

तीसरी और सबसे important बात, कि system को समझने की कोशिश करें, अगर आप knowledgeable होंगे तो अपनी बात को ज्यादा proper तरीके से रख सकेंगे। 

अब last but not the least, कभी भी अपना temper loose मत कीजिए। गुस्सा बनते हुए काम को भी बिगाड़ देता है और शांत चित्त से बात करने से बात हमेशा बनती है, बिगड़ती नहीं है...

आज का यह article, आपके लिए मददगार साबित हो, इसी कामना से... 

धन्यवाद 🙏🏻