Tuesday, 14 August 2018

Poem : भारत (The unity)

भारत  (The unity)



देश को आज़ाद कराने में
कोई एक दो का हाथ नहीं
वो भी संभव ना हो पाता
गर मिल जाते सब साथ नहीं

धरा को मुक्त करा कर के
उन्होंने सबको दिखलाया
संभव सबकुछ हो सकता है
पाठ एकता का सिखलाया

आज हमें भी भारत को
फिर मिलकर एक बनाना है
आज़ादी के मतवालों का
हर सपना सच कर जाना है

हर जात-धर्म के झगड़े से
देश को ऊँचा उठाना है
था सर्वश्रेष्ठ, है सर्वश्रेष्ठ
पूरे विश्व को बतलाना है


कल मैं स्वतंत्रता दिवस पर एक लेख post करूंगी। उसे भी अवश्य पढ़ें और अपने विचार एवं भाव व्यक्त करें।