Wednesday, 22 May 2019

Story Of Life : उड़ान (भाग -2)

अब तक आपने पढ़ा, पाखी एक बहुत ही चुलबुली, ज़िंदादिल लड़की है, जिसका master chef  बनने का सपना था। पाखी पर उसकी गली का आवारा लड़का सिराज बुरी नज़र रखे है जब पाखी उससे शादी करने के प्रस्ताव को ठुकरा देती है, तो वो उसे पत्थरों के ढेर पर गिरा देता है, जिससे उसके हाथ की हड्डी टूट जाती है। 
अब आगे....... 

उड़ान (भाग -2)



सिराज के जाने के बाद पाखी ने उसकी बात पर ध्यान दिया।
सचमुच उसके सीधे हाथ की हड्डी टूटने से उसके सारे सपने चकनाचूर हो गए थे। साथ ही सीधे हाथ के कारण वो अपना ही काम नहीं कर पा रही थी, तो भला कोई क्यों उसका साथ चाहता?   

अब बेजान सी पाखी यूँ वक़्त गुजारने लगी, मानों किसी ने उसके पंख ही काट दिये हों।

बहुत दिनों से पाखी cyber नहीं आ रही थी। इसलिए प्यारे चाचा उसके घर पहुँच गए। 

जब वो पाखी से मिले, तो ज़िंदगी से बुझी पाखी को देख कर उन्हें बहुत दुख हुआ। उन्होंने पाखी के सर पर बड़े प्यार से हाथ फिराया, और बोले, क्या हुआ पाखी तुम्हें? अब recipes नहीं सीखनी है?

उनकी तरफ देखकर पाखी बोली, अब क्या करूंगी चाचा? उसकी आँखें आँसूओं से भरी हुई थी।

चाचा बोले, ये तुम बोल रही हो पाखी? जिसका सपना आसमान छूना था। सपनों की उड़ान पखों से नहीं हौसलों से होतीं है बेटा। अगर तुम हिम्मत नहीं हरोगी, तो अब भी आसमान दूर नहीं है।

पाखी कभी प्यारे चाचा की तरफ कभी अपने टूटे हाथ की तरफ देख रही थी। प्यारे चाचा बोले, तुम्हारे सीधे हाथ की सिर्फ हड्डी टूटी है, ज़िंदगी नहीं रुकी है। उसे तुम यूँ हार कर रोके हुई हो। 

अभी तुम चाहो तो, सब हासिल कर सकती हो। अगर तुम अपने आप पर अब भी भरोसा कर सको, तो कल cyber आ जाना।

अगले दिन पाखी cyber पहुँच गयी, प्यारे चाचा की बातों ने उसके मन में नयी उम्मीद जगा दी थी। पाखी को देख कर प्यारे चाचा बोले, काम कठिन है पर नामुमकिन नहीं।

जो तुम अच्छा खाना बना लेती हो, उसमें तुम्हारे हाथ से ज्यादा तुम्हारी लगन काम करती है। 

तुम्हारा उल्टा हाथ एकदम ठीक है, तुम्हें अब उसी से ऐसे काम करने की आदत डालनी होगी, जैसे तुम सीधे हाथ से करती थी। साथ ही साथ सीधे हाथ में भी इतनी मजबूती लानी होगी, कि वो सहयोगी बन जाए। 

और मेरे बच्चे, जीतता वही है जो जीतने के लिए जुझारू रहता है। रुकने और झुकने वाले को जीत नहीं मिलती।

प्यारे चाचा की जोश भरी बातों ने पाखी के मन में नयी उमंग जगा दी थी, तो क्या उससे पाखी अपना सपना सच कर सकी? जानते हैं उड़ान (भाग-3) में