Wednesday, 30 November 2022

Recipe : Perfect nankhatai

 आज आप के लिए, एक ऐसी recipe share कर रहे हैं, जिससे शायद आपको अपना बचपन याद आ जाए...

हम बात कर रहे हैं नानखटाई की

हमारी तो यादें जुड़ी हैं इससे... जब भी नानी जी के घर जाते थे तो हमारी नानी हम सबके लिए मंगाया करती थीं और हम सब बच्चे बड़े चाव से खाते...

तो चलते हैं, यादों के झरोखे में..

Perfect Nankhatai





All-purpose flour - 1 cup

Wheat flour - ½ cup 

Gram flour - ½ cup

Sugar - 1 cup 

Clarified butter (ghee) - 1 cup 

Baking soda - ½ tsp.

Fresh curd - 2 tsp. 

Green cardamom - 2 

Salt - 1 pinch 

Pistachio - for garnishing ( optional)


Method - 

Mixer grinder jar मेंं, Sugar व green cardamom को छीलकर डाल दीजिए और महीन पीस लें। 

मैदा, बेसन, आटा, सोडा सब मिलाकर छानकर  आटा mix ready कर लीजिए।

Mixing bowl में घी व sugar powder डालकर stiff peaks आने तक फेंट लें। 

अब इसमें आटा mix और दही को डालकर, हल्के हाथों से मिलाते हुए soft dough बना लीजिए।

Baking tray की lining( tray पर घी लगाकर चिकना कर लें, फिर उस पर मैदा dust कर लें) कर लीजिए। 

नानखटाई को shape दे दीजिए, फिर उसके ऊपर  thumb से press कर दीजिए और उसे pistachio से garnish कर लीजिए। 

Convection mode पर Preheat oven में नानखटाई रख दें। अब इसे 180 °c per 15 minutes तक bake कर लीजिए। 

Yummy tasty Nankhati is ready to have.

अगर आप के पास oven नहीं है या अगर आप के microwave oven में convection mode नहीं है, तब भी आप निराश नहीं हो...

आप तब भी मस्त नानखटाई बना सकते हैं... मंच

अगर आप के पास oven नहीं है तो आप Pan or wok में salt डालकर high flame पर 15 minutes के लिए, ढककर रख दीजिए।

एक प्लेट को greese कर के उस पर नानखटाई रख दीजिए।

अब इस Preheated wok में नानखटाई की plate रखकर 20 minutes के लिए slow flame पर ढककर पकाएं। 

मस्त नानखटाई तैयार हो जाएगी... 

चलिए कुछ tips and tricks भी बताते चलें...

Tips and Tricks 

घी पिघला हुआ 1 cup लेना है, याद रखियेगा अगर आप ने जमा हुआ 1 cup लिया तो घी की quantity बढ़ जाएगी। इससे आप की नानखटाई गोल और फूली ना बनकर flatten हो जाएगी। हालांकि स्वाद तब भी बहुत अच्छा लगेगा। 

घी और चीनी, soft peaks आने तक फेंटना है, इससे ही नानखटाई  में अंदर अच्छी जाली बनेगी साथ ही खुसखुसी भी बनेगी।

आप पिस्ता के अलावा कोई और मेवा भी ले सकते हैं और मेवा ना हो तो उसके बिना भी बना सकते हैं।

आप चाहें तो पूरे गेहूं का आटा भी ले सकते हैं, पर उसका स्वाद अलग होगा, लेकिन वो भी स्वादिष्ट होगा। 

आप चाहें तो, बेसन की जगह custard powder भी ले सकते हैं, इससे flavoured cookies बन जाएगी।

चुटकी भर नमक डालने से taste, enhance हो जाएगा। 

दही जरुर से डालें। दही होने से ही जाली आएगी। 

बेकिंग सोडा ½ tsp से ज्यादा ना लें।

तो हो जाए एक नानखटाई party 🎉

Tuesday, 29 November 2022

Short story : सोच का अंतर

 सोच का अंतर



कल किसी काम से एक office जाना हुआ, जहां हर तरह के लोग मौजूद थे। 

गरीब, मध्यम वर्गीय, अमीर और बहुत अमीर...

वहीं हम सबके बीच में एक गरीब व्यक्ति था, जिसने अपने जीवन भर की कमाई उस कार्य के लिए दी हुई थी।

यहां बड़े बड़े लोग आएंगे तो उन सब के बीच में उसकी कोई बात नहीं सुनेगा, इसलिए वो नहा-धोकर करीने से अपने बाल‌ बनाया हुआ था, वो अपने सबसे मंहगे कपड़े पहन कर आया था।

पर क्योंकि उसने सारी पूंजी तो उस कार्य में निवेश कर दी।

इसलिए उसके मंहगे कपड़े भी बहुत अच्छी अवस्था में नहीं थे।

उसने एक पुरानी जींस पहन रखी थी, जो जगह जगह से घिसी-पिटी और फटी हुई थी। साथ में तुड़ी मुड़ी सी शर्ट...

हम सब के बीच वो बिल्कुल भी comfortable नहीं था। वो ऐसे बैठा था कि जहां जहां से उसकी जींस फटी हुई थी, उन्हें छिपने के लिए, उस पर या तो उसने लाए हुए सामान रखे हुए थे या अपने हाथ।

उसकी इन सब हरकतों के कारण, और लोग भी उसे हिकारत भरी नजरों से देख रहे थे, उससे सब दूरी बनाकर बैठे हुए थे, कोई भी उससे बात नहीं कर रहा था। 

गरीब लोगों से बात करना, भला पसंद भी कौन करता है?...

मुश्किल से आधा घंटा गुजरा होगा, तभी एक आदमी, Mercedes से आया, उसके driver ने उसकी तरफ का दरवाज़ा खोला, जब वो उतर गया तो उसके साथ में एक और आदमी उसके काम की files लेकर उतरा।

उस अमीर आदमी के बाल बिखरे हुए थे, उसने branded ribbed jeans and crumbled T shirt पहनी हुई थी। 

जब वो अंदर आया तो room में एक भी seat खाली नहीं थी। वो इधर उधर देख रहा था कि किधर बैठे।

तभी उस office के guard ने गरीब आदमी से चिल्ला कर कहा, तू क्या कर रहा है, यहां सबके साथ बैठकर? चल हट यहां से।

वो आदमी शालीनता से बोला, मैं भी उसी काम से आया हूं, जिसके लिए सब आएं हैं।

चल उठ, बड़ा आया सबसे बराबरी करने वाला, कहकर लगभग खींचते हुए guard ने उस आदमी को उठा दिया।

अमीर आदमी ने guard से कुछ नहीं बोला, बस घूर कर  देखा, जैसे पूछ रहा हो, मैं यहांँ बैठूंगा?

Guard सकपका कर बोला, 1 minute.. और वो दौड़कर एक कपड़ा और साफ towel लेकर आया...

उसने पहले कपड़े से कुर्सी साफ की, फिर उस पर साफ़ towel बिछा दी।

अब वो आदमी गर्व से उस कुर्सी पर तनकर बैठ गया। उसके बाद पास बैठा हर कोई उस आदमी से बात करने को उत्साहित होने लगा।

वो गरीब आदमी, दूर खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करने लगा।

मैं भी अपनी बारी आने का इंतजार कर रही थी। समय काटने के लिए नज़र इधर उधर घूमती हुई, उन दोनों आदमी पर टिक गई।

जब मैंने ध्यान दिया तो पाया, दोनों ही आदमी एक ही तरह के कपड़े पहने थे।

घिसी-पिटी, फटी हुई जींस और सिकुड़ी- मुकडी़ शर्ट...  

फिर भी लोगों के व्यवहार अंतर‌ में...

गरीब आदमी ने वो कपड़े अपनी बदहाली और मजबूरी में पहने थे, जबकि अमीर आदमी ने वो कपड़े fashionable wear की तरह से पहने थे। उसने उन कपड़ों पर हजारों खर्च किए थे।

गरीब आदमी उन कपड़ों के साथ अपने आपको अपमानित महसूस कर रहा था, वो बराबर अपनी अवस्था लोगों से छिपाने की कोशिश कर रहा था। 

वहीं वो अमीर आदमी उन कपड़ों को अपनी शान समझ रहा था। वो ऐसे बैठा था कि उसकी ribbed jeans and crumbled shirt पर सबकी नजर जा रही था...

अमीर आदमी के देर से आने के बाद भी उसका number पहले आ गया, वो अपना काम करा के चलता बना। किसी ने भी उसके पहले काम होने पर कोई objection नहीं किया। सब उससे इतने influenced जो थे।

क्षण भर बाद, गरीब आदमी का भी number आ गया, वो ज्यादा बड़ा निवेशक था। उसके number आने पर मैनेजर ने उठकर उसको अभिवादन किया और उसका काम संपन्न किया... जब वो जा रहा था, guard का व्यवहार बदल चुका था, क्योंकि अब तक वो जान चुका था कि गरीब आदमी उसकी company को ज्यादा business देगा। Guard ने उससे क्षमा मांगते हुए उसे विदा किया। 

हमारा भी number आ गया था, हम भी अपना काम करा के लौट आए।

हम लौट तो आए, पर मन में मंधन चलने लगा, कि आखिर क्या वजह थी, लोगों के व्यवहार के अंतर में.

कारण था, दोनों की सोच में अंतर... 

हमारे साथ दूसरों का व्यवहार कैसा होगा, यह हम खुद निर्धारित करते हैं...

जब हम अपनी अवस्था से प्रसन्न और confident होते हैं, तो हमारी सोच भी positive रहती है। 

जब हम  positive होते हैं, जमाना भी हमारे साथ रहता है। 

So be positive, be confident, be happy 😊

Monday, 28 November 2022

Article: High blood pressure and Natural Remedies

High blood pressure and Natural Remedies



आज कल hypertension या High blood pressure हर दूसरे व्यक्ति को हो रहा है। पर आप जानते हैं क्यों?

इसका बहुत बड़ा कारण है, आज कल की lifestyle. 

सबके सब बस भाग रहे हैं, कोई काम के लिए, कोई नाम के लिए, कोई पैसे के लिए, कोई भविष्य के लिए...

आज किसी के पास अपनों के लिए फुर्सत नहीं है, बल्कि यह कहना भी अतिशयोक्ति नहीं होगी कि अपने लिए भी फुर्सत नहीं है। इसलिए ठीक से ना तो खा रहे हैं ना सो रहे, बस एक ही काम कर रहे हैं, वो है बहुत सारी tension.

तो आज का article High blood pressure पर ही share कर रहे हैं। 

पहले आप को बताएंगे कि high blood pressure हो जाने के कुछ दिन बाद से आप को क्या-क्या initial problems हो सकती हैं। 

  • Pain in chest
  • Difficulty in breathing
  • Presence of blood in urine
  • Severe pain in neck and ear
  • Decreased eyesight
  • Severe headache
  • Nose bleeding
  • Tiredness 

यह सारे symptoms हों, यह जरूरी नहीं है, इनमें से कोई एक या कुछ problem आपको हो सकती है।

यह भी जान लीजिए कि High blood pressure को ignore करने से problems kidney failure, heart attack & brain haemorrhage तक भी पहुंच जाती है। 

पर जब आप shades of Life से जुड़े हुए हैं तो हम कोशिश करेंगे कि आप किसी भी problem को face ना करें... 

उसके लिए आप को कुछ changes अपनी  lifestyle में करने होंगे जो इस प्रकार हैं:

Changes in life style for BP control 


  • Keep your body weight under control
  • Quit Tobacco
  • Quit Smoking
  • Don't consume alcohol and caffeine
  • Have adequate sleep
  • Manage stress
  • Minimise the consumption of sodium, sugar, refined carbohydrates and processed food
  • Follow a light exercise routine on a daily basis
  • If prescribed by a registered medical practitioner, follow the course of your blood pressure pills, properly.


अब हम को बताते हैं कि कभी अगर आप को ऐसा लगता है कि आप का blood pressure बहुत तेजी से shoot कर गया है, तो ऐसा क्या करें कि आप relax हो जाएँ और heart stroke जैसी conditions ना आएँ:

Stand away from the crowd

High BP होने पर सबसे पहला काम ये करें कि भीड़ से तुरंत अलग हट जाएं‌। क्योंकि जब BP high होता है तो भीड़ के कारण घबराहट और साँस लेने में कठनाइयाँ बढ़ सकती है। साथ ही लोगों की आवाज़ और traffic, इत्यादि का शोर brain पर अतिरिक्त pressure create करता है, जो body को danger होने का signal देता है जिससे blood pressure increase होता है; इससे heart attack जैसी गंभीर स्थितियां पैदा हो सकती हैं।

Sit in fresh air

अब ताजी और खुली हवा में बैठ जाएं या लेट जाएं। AC या fan on कर लें और गहरी सांस लें। अपना ध्यान सभी चीजों से हटाकर सिर्फ अपनी सांस पर केंद्रित करने का प्रयास करें।

Take Deep Breaths

ध्यान रखें कि गहरी सांस लेते समय नाक से सांस भरें और मुंह से निकालें। ऐसा करने से आपका stress reduce होगा होंगे और breathing को normal करने में मदद मिलेगी। शरीर में oxygen level बढ़ेगा; इससे heartbeat and blood flow जल्दी control में आ जाएंगे।

Drink Fresh Water

Normal breathing restore होने पर आप एक गिलास ताजा पानी पिएँ। पानी गुनगुना भी नहीं होना चाहिए और एकदम ठंडा भी नहीं होना चाहिए, room temperature पर रखा हुआ पानी ही पिएँ या फिर इसमें थोड़ा-सा ठंडा पानी मिलाकर पिएँ ताकि सीने और पेट में ठंडक आए।

Lie down with your eyes closed

यदि आप पहले से high BP की दवा ले रहे हैं तो उस दवा का सेवन करें। यदि पहली बार इस तरह की समस्या हुई है या अभी तक आपने इस बीमारी का इलाज शुरू नहीं किया है तो अब आप शांति के साथ कम से कम आधे घंटे के लिए लेट जाएं। Stressful बातों के बारे में न सोचें। इसके बाद फीकी छाछ पिएँ, फीका और ठंडा दूध पिएँ या फिर नारियल पानी पिएँ और इसके बाद जाकर तुरंत डॉक्टर को जरूर दिखाएँ।

अब चलिए आप को कुछ ऐसी खाने-पीने की चीजें बता देते हैं जो काफी हद तक आप के blood pressure को normal रखने का काम कर सके।

Citrus fruits 🍊🍋

High blood pressure की शिकायत वाले लोगों को खटट्टे फल खाने चाहिए। अंगूर, संतरा, नींबू जैसे खट्टे फलों में blood pressure को कम करने की क्षमता होती है। चूंकि ये सभी फल vitamins, minerals से भरपूर हैं, इसलिए ये high blood pressure से होने वाले ह्दय रोग के जोखिम को कम करके दिल को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। इन फलों को आप पूरा खाएं, सलाद में शामिल करें या फिर BP को कंट्रोल करने के लिए इनका जूस बनाकर पिएँ। 

Chia seeds 

कहने को चिया और अलसी के बीज बहुत छोटे होते हैं, लेकिन ये बीज पोषक तत्वों की खान हैं। इसमें potassium, magnesium and fibres है, जो Healthy BP को regulate  करने के लिए जरूरी है।

Leafy vegetables 🥬

इन सबके अलावा हरे पत्तेदार सब्जियों का सेवन और रोजाना excercise करने से भी hypertension के लक्षणों में काफी सुधार हो सकता है। junk food से परहेज करें और high blood pressure को निंयत्रित करने के लिए अपने आहार में फल और सब्जियों को शामिल करें। 

Broccoli 🥦

Broccoli flavonoids and antioxidants से भरपूर होती हैं, जो शरीर में nitric oxides के level को बढ़ाकर blood pressure को कम करने का काम करती है। 

Carrot🥕

गाजर में Chlorogenic, caffeic acids जैसे phenolic components ज्यादा होते हैं। जो blood vessels को relax करने के साथ सूजन भी कम करते हैं, जिससे blood pressure level को कम करने में मदद मिलती है। 


Leafy vegetables, mainly spinach, carrot and broccoli, शरीर  में nitric oxides के level को बढ़ाकर blood pressure को कम करने का काम करते है। 

Pistachio

पिस्ता एक ऐसा dry fruit है, जो high BP वालों के लिए वरदान है। यह आपके दिल के लिए जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर है। High blood pressure की समस्या से जूझ रहे लोगों को अपने आहार में किसी भी रूप में पिस्ता को शामिल करना चाहिए। 

Pumpkin seeds

कद्दू के बीजों को पोषक तत्वों (nutrients) का Power House कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। जिन लोगों का अक्सर ही BP high रहता है, उन्हें कद्दू के बीज का सेवन जरूर करना चाहिए।  blood pressure को कम करने में बहुत help मिलेगी। 

Beans and pulses

Beans and pulses, protein and fibre का बेहतरीन स्त्रोत है। इनमें पोषक तत्व बहुत अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। विशेषज्ञ कहती हैं कि high BP के मरीजों को बीन्स और दाल का सेवन करना चाहिए। इससे blood pressure को बहुत कम समय में नियंत्रित किया जा सकता है। पर याद रखियेगा कि अगर किसी को kidney failure की problem है तो उनके लिए दाल और beans नुकसान दायक हो सकती हैं।

Tomato 🍅

टमाटर potassium and carotenoid pigment lycopene से भरपूर होता है। Lycopene का आपके दिल के स्वास्थ्य पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है। पोषक तत्वों से भरपूर टमाटर को खाने से high blood pressure से जुड़े दिल के रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है। 

Shades of Life की कोशिश रहती है कि सभी स्वस्थ एवं सुखी रहें। प्रसन्न रहें और जीवन के हर अवसर का भरपूर आनंद लें।

हम एक प्रयास कर सकते हैं, जीवन से जुड़े हुए हर पहलू में आप के साथ जुड़ सकें। पर इस प्रयास को सफल बनाने की जिम्मेदारी आप की है। 

इसलिए आप अच्छे से खाएं, सोएं, योग करें और हाँ, tension बिल्कुल नहीं लेंTension करने से मिलता कुछ नहीं है, हाँ जो पास है वो चला जरुर जाता...

तो स्वस्थ रहें, मस्त रहें, जीवन को भरपूर जीने में व्यस्त रहें... 


डिस्क्लेमर: यह article केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

Friday, 25 November 2022

Poem : रुह से एक हो गए

रुह से एक हो गए



प्यार की सौगात बनकर,

आप मेरे दिल में समाए।

सदियों तक चलती रहें,

हमारे प्रेम की गाथाएं।

साल दर साल आपके साथ,

यूं ही गुज़रते जाएं।

यादों के सिलसिले, 

सुख की अनुभूति दिलाएं।

अलग अलग थे हम, 

आज के ही दिन, 

एक हो गए।

एक दूसरे में,

हम ऐसे खो गए।

जिस्म हैं अलहदा पर, 

रुह से एक हो गए।।


शादी के अटूट बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐🎉

ईश्वर कृपा व आप सभी का आशीर्वाद सदैव बना रहे 🙏🏻😊💞

आज की यह छोटी सी कविता, अपने जीवन साथी और उन सबको समर्पित, जिन्हें अपनी शादी की वर्षगांठ एक विशेष उत्सव लगता है...  😊💞

Thursday, 24 November 2022

Story of Life : ज़िन्दगी का पड़ाव (भाग - 4)

ज़िन्दगी का पड़ाव (भाग -1)...

ज़िन्दगी का पड़ाव (भाग -2) और

ज़िन्दगी का पड़ाव (भाग -3) के आगे...

ज़िन्दगी का पड़ाव (भाग -4) 



बहुत कुछ बदल चुका था जिंदगी में, हम दोनों ही बहुत व्यस्त हो चुके थे, मैं बच्चों में और नीलेश अपने काम में.. 

समय के साथ नीलेश का caring nature बढ़ता ही गया साथ ही उनका romance भी...

मैं ही कभी उन्हें झिड़क देती थी, अब ना हम 18 के रह गए हैं ना आप 21 के, दो बच्चों के माता-पिता हो गये हैं, अब इतना रोमांस अच्छा नहीं लगता...

वो हंसते हुए कहते, जब आप समय के साथ और ज्यादा हसीन होती जा रही हैं तो हम रोमांस कैसे कम कर दें? 

हाय! उनकी बातों से जितनी शर्म आती, उतना ही अपने ऊपर नाज़ भी कि आज भी हम सोलह साल की लड़कियों को मात दे सकते हैं...

पर सच तो यही था कि उम्र के साथ शरीर ढल रहा था। बहुत देर तक बैठे बैठे जब थक जाती तो जब तक मेरा हाथ बढ़ता तकिया उठा कर पीछे लगाने को, नीलेश उसे मेरे पीछे लगा चुके होते... 

मुझे अपनी किसी दवा की कभी चिंता नहीं करनी होती है, क्योंकि नीलेश की first priority थी कि मैं हमेशा healthy रहूं तो, मुझे कब कौन सी दवा खानी है, इसकी परवाह भी वही करते हैं...

जब किसी दिन खाना बनाने को मन नहीं करता, वो मेरे कहने के पहले ही खाना order कर देते... 

उनसे सीख कर मैंने भी उनका बहुत ध्यान रखना शुरू कर दिया था। उन्हें खाने में बारह मासी दही चाहिए होता था, वो भी घर में जमा हुआ। मैं चाहे कितना थकी हूं, मन नहीं कर रहा हो उठने का, पर दही जमाने का काम जरूर करती...

उनकी एक आदत है कि वो अचानक से कहीं भी चलने का प्रोग्राम बना लेते थे, पर मैं ने उनसे कभी नहीं कहा,  कि एकदम से प्रोग्राम ना बनाया करें, अब शरीर में पहले ही चुस्ती नहीं रही... 

ऐसी ही छोटी-बड़ी बहुत सी बातें हैं, ज़िन्दगी की, जिसमें हम दोनों ही कहे बिना एक दूसरे के लिए कुछ भी करने को तत्पर रहते हैं...

अब बच्चे बड़े हो चुके थे, दोनों अपना अपना भविष्य बनाने के लिए घर से दूर निकल चुके थे।

देखते देखते हमारी 25वीं सालगिरह आने में मात्र दस दिन शेष थे...

नीलेश ने पूरे एक हफ्ते का हमारा हनीमून plan किया और मुझे surprise tickets दिए।

यह क्या है, बुढ़ापे में कौन जाता है हनीमून? फिर 25 anniversary आ रही है, बच्चे एक हफ्ते में आते ही होंगे, हमें घर में नहीं देखेंगे तो क्या सोचेंगे?

क्या, क्या सोचेंगे? मैंने उन्हें बता दिया है कि हम हनीमून पर जा रहे हैं...

हे राम! आप को रोमांस के अलावा कुछ सूझता भी है, इस उम्र में लोग पूजा पाठ में लगने की सोचते हैं और आप हैं कि हनीमून plan कर रहे हैं।

वो हंस कर बोले, इस उम्र से क्या मतलब? जब तक हम दोनों का साथ है, जीवन में रोमांस है, फिर क्या फर्क पड़ता है कि anniversary कौन सी है, पहली, पच्चीसवीं या पचासवीं...

यह सब तो नंबर हैं खाली... जीवन को जिंदा दिली से जीना चाहिए तो जीवन के सारे पड़ाव खुशनुमा ही लगते हैं।

सच हमने, sun rise, sun set देखा, horse riding की, ice skating भी की, जवान जोड़ों की तरह एक दूसरे का हाथ थाम कर हसीं वादियां भी देखी। एक दूजे की आंखों में आंखें डालकर घंटों गुजारे।

एक हफ्ते बाद, जब घर पहुंचे तो घर वैसे ही खचाखच भरा था, जैसा हमारी शादी के समय था। बच्चों के अलावा बहुत सारे रिश्तेदार थे। 

मैं सबको देखकर अचकचा गई, सब हम दोनों को देखकर मुस्कुरा रहे थे। जीजा जी ने सबके सामने पूछ भी लिया और भाई, कैसा रहा हनीमून, ज़िन्दगी के इस पड़ाव पर?

यह सुनकर मैं तो शरमा कर अंदर जाने को हुई, तभी नीलेश ने मेरा हाथ थाम लिया, और बोले जीजा जी 

आपकी साली है ही, इतनी खूबसूरत कि इनसे मिलकर किसी और पर नजर टिकी नहीं और इनसे कभी हटी नहीं...

और ज़िन्दगी का पड़ाव तो अभी जवानी की दहलीज पर आया है, 25 साल ही तो हुए हैं अभी... आशीर्वाद दीजिए कि 50 वीं, 75 वीं सब हम ऐसे ही मनाएं।

सब ओर से आवाज़ आ रही थी, क्या बात है... सच है यही जिन्दगी जीने का सही अंदाज़...

शादी की वर्षगांठ के दिन, पुनः हमारा बहुत धूमधाम से  विवाह हुआ... इस बार साक्षी बच्चे भी थे।

हम ज़िन्दगी के इस पड़ाव में फिर से जवां हो चुके थे। नीलेश और मैं फिर से ज़िन्दगी को भरपूर जीने लगे...


अगर आप को यह कहानी पसंद आई हो तो आप भी हमेशा जवां रहिएगा और ज़िन्दगी का पड़ाव, एक दूसरे की care करते हुए प्यार के साथ गुजार दीजिएगा। 

उम्र तो सिर्फ एक संख्या है, उसके बढ़ने से प्यार और रोमांस कम मत कीजिएगा 🙏🏻

Wednesday, 23 November 2022

Story of Life: ज़िन्दगी का पड़ाव (भाग -3)

ज़िन्दगी का पड़ाव (भाग -1) और

ज़िन्दगी का पड़ाव (भाग -2) के आगे...

ज़िन्दगी का पड़ाव (भाग -3) 




मैं नीचे के bathroom में ready हो जाऊंगा, तुम भी जल्दी आ जाना... 

कहकर नीलेश नीचे चले गए और मैं बाथरूम में...

जल्दी जल्दी नहा तो मैं ली, पर साड़ी! हाय रे... पागल हो गई मैं, पर जितनी जल्दी कर रही थी मैं, उतना ही उसे सही से पहनना असंभव लग रहा था।

मां ने कितना कहा था कि ठीक से ready होना सीख ले, पर मेरी ही मति मारी गई थी, जो उनकी बात नहीं सुनी थी।

पर अब क्या? आज तो गई बारह के भाव...

तभी भाभी आ गई और उन्होंने झटपट मुझे ready कर दिया, और साड़ी तो इतनी अच्छी पहनाई कि मुझे खुद से ही प्यार हो गया, wow! क्या figure है मेरी...

अब खुद को निहारना बंद करें देवरानी जी, नीचे चलो, नहीं तो तुम्हारे साथ मैं भी नहीं बचूंगी।

अरे भाभी, आज तो आप ने बचा लिया, वरना मैं तो गई ही थी। बहुत बहुत धन्यवाद...

धन्यवाद तो नीलू भैया का करना, उन्होंने ही भेजा था, बहुत ध्यान रखते हैं वो हर छोटी बात का। वो जिसके साथ होते हैं, वो कभी जा नहीं सकता है...

भाभी के साथ मैं नीचे पहुंच गई और जल्दी से kitchen में भी...

तभी बुआ जी की फिर से कड़क आवाज़ सुनाई दी, बहुरिया हमारे जाने के पहले आएगी या हम ही ऊपर जाएं?

नीलेश, बुआ जी के पैर दबाते हुए बोले, अरे बुआ जी, लगता है आप ने बातों में ध्यान नहीं दिया, आप की बहुरिया तो रसोईघर में ही है।

ऐं... रसोईघर में? कब? अब इतनी भी हम बात नहीं कर रहे थे, कहकर बुआ जी, रसोईघर की ओर आगे बढ़ गई...

मैं रसोईघर में ही थी, हलवा भी लगभग बनने को  तैयार था, यह सब देखकर बुआ जी प्रसन्न हो गई और शाम को खूब सारा प्यार, आशीर्वाद, और गहना कपड़े देकर चली गई।

बहू, बड़ा खुश होकर गई हैं जीजी, आगे भी ध्यान रखना।

मम्मी जी मुझे और मैं नीलेश को धन्यवाद दे रहे थे कि सब ठीक से हो गया। 

Kitchen में हलवा, इतनी जल्दी कभी ना बनता, अगर मेरे आने से पहले सूजी भूनी हुई ना रखी होती, भाभी ने बताया था कि वो भी नीलू भैया... 

दो दिन ससुराल में बहुत प्यार और सुख से गुज़रे, मम्मी जी सचमुच बहुत सुलझी हुई थीं।

हमारे इतनी जल्दी Bombay जाने की बात से भी उन्होंने कुछ नहीं कहा कि इतनी जल्दी क्यों जा रहे हो?

बल्कि हमारे जाने की खुद वो आगे से आगे बढ़कर तैयारी कर रही थीं।

मैंने कहा भी कि इतनी जल्दी नहीं जाना मुझे... तो वो बोली, अरे कोई बात नहीं, आते जाते रहना, हम तो यहीं हैं...

दो दिन बाद ही हम Bombay आ गए,  और साथ ही बहुत सारी है, जिम्मेदारियां...

ज़िन्दगी अपनी रफ़्तार से चल रही थी, हम दो से चार हो चुके थे...

बहुत कुछ बदल चुका था जिंदगी में, हम दोनों ही बहुत व्यस्त हो चुके थे, मैं बच्चों में और नीलेश अपने काम में.. 

समय के साथ नीलेश... 

पढ़ें ज़िन्दगी का पड़ाव (भाग -4) अंतिम भाग में 

अंतिम भाग अवश्य पढ़िएगा, क्योंकि उसमें ही सार है..

Tuesday, 22 November 2022

Story of Life : ज़िन्दगी का पड़ाव ( भाग - 2)

ज़िन्दगी का पड़ाव ( भाग - 2)


निशा, कैसा लगा तुम्हें? 

उस दमदार आवाज से मेरी तंद्रा भंग हुई...

आह! यह तो नीलेश हैं, cream colour की शेरवानी, उन पर बहुत फब रही थी, और उस पर उनकी लहराती जुल्फों ने तो कमाल ही कर दिया था।

दो मिनट बाद खुद को संभालते हुए, मैंने मन ही मन सोचा अरे निशा, क्या कर रही है, लड़कियों को यूं दीवाना नहीं होना होता है, उन्हें तो बल्कि दीवाना बनाना होता है...

यह ख्याल आते ही मैं सकुचाते, शरमाते हुए अपने में सिमटने लगी। 

नीलेश मुझे अपनी बाहों में थाम कर बिस्तर तक ले गए, और बैठते हुए बोले, शायद तुम्हें बिना फूलों का कमरा पसंद नहीं आया हो, पर मुझे पसन्द नहीं कि अपने सुख के लिए हम किसी और को रौंदे या कुचलें... पर फिर तुम्हारा ख्याल आया, वैसे मैं आपको, तुम तो बोल सकता हूं ना?

मैंने बिना कुछ बोले, हाँ में सिर हिला दिया...

तुम्हारा ख्याल आया तो सोचा कि तुम्हारे भी तो कुछ अरमान होंगे? इस सोच के साथ एक नये अंदाज में तुम्हारे स्वागत की तैयारियां करने लगा।

जैसे फूल ना सही पर कमरे के कोने कोने से तुम्हें गुलाब की सुगंध आए, तो पूरे कमरे में गुलाब का perfume छिड़क दिया। कमरा तुम्हें खूबसूरत लगे, इसके लिए चुन-चुन कर decorative pieces से कमरा सजाया और अगर कहीं तुम्हारी पसंद फिल्मी हों तो यह सोचकर, mild romantic number भी बजा दिया...

नीलेश की बातें सुनकर लगा अच्छा हुआ, हमारी arranged marriage हुई... इन्हें मेरे बारे में कुछ नहीं पता, इसलिए मुझे खुश करने के लिए, कितना कुछ किया है, गर सब पता होता तो इतना रोमांटिक नहीं होता। 

कोई फूलों के लिए भी ऐसे सोच सकता है, इनका हर एक के लिए caring nature ने मेरे दिल को छू लिया, साथ ही मेरी भावनाओं की इतनी परवाह..

मन बार बार मां-पापा को धन्यवाद दे रहा था... मां-पापा से बढ़कर, हमारे लिए कोई अच्छा नहीं सोच सकता है, हम खुद भी नहीं..

नीलेश की बातें,  रोमांटिक माहौल और मेरे दीवानेपन का असर कुछ ऐसा था कि कब हम दोनों एक-दूसरे में समा गये पता ही नहीं चला... 

सुबह जब उठी तो लगा, जैसे इतने सुन्दर ख्वाब की तो मैंने कल्पना भी नहीं की थी। मैं जो किसी को अपने को छूने को तो क्या, पास बैठने तक नहीं देती थी, आज किसी के आगोश में समा चुकी थी।

तभी बुआ जी की कड़क आवाज़ गूंजी, भाभी, तुम्हारी बहुरिया आज उठेगी भी या नीलेश के साथ ही रहेगी?

बुआ जी की एक कड़क आवाज़ से पूरा घर हरकत में आ गया। 

नीलेश, जो अभी तक गहरी नींद में थे, भड़भड़ाकर उठे, मुझे जगा देखकर बोले, कमरे से लगा बाथरूम है, जितना जल्दी नहा धोकर ready हो सकती हो जाओ..

नहा धोकर! इतनी सुबह? ..

बिल्कुल, वरना बुआजी को सातवें आसमान पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता...

आप भी नहीं, मैंने घबराते हुए पूछा...

बिल्कुल भी नही, सोचना भी नहीं...

बाकी परेशान ना हो, आज भर adjust कर लो, शाम को बुआ जी की train  है... माँ बहुत cool हैं, फिर हम दो दिन में Bombay के लिए भी निकल जाएंगे।

मैं नीचे के bathroom में ready हो जाऊंगा, तुम भी जल्दी आ जाना...

आगे पढ़े, ज़िन्दगी का पड़ाव ( भाग - 3) में...

Monday, 21 November 2022

Story of Life: ज़िन्दगी का पड़ाव

 ज़िन्दगी का पड़ाव  


कल ही नयी नयी शादी हुई थी। पूरा घर मेहमानों से खचाखच भरा था। 

ससुराल में पहला कदम रखने के साथ ही लंबा घूंघट करा दिया गया था। क्योंकि अभी मेरी ससुराल के साथ ही सासू मां की ससुराल के सब लोग भी मौजूद थे और कुछ उनके ससुराल के भी।

दिन भर रीति रिवाज में गुज़र गया। रात तक कमर का बैंड बाजा बज चुका था। पर ना तो अपना कमरा कौन सा है, वो पता था, ना बिस्तर... और पतिदेव तो किस कोने में हैं, उसकी तो हवा भी नहीं थी।

मेरी शक्ल पर बारह बजे देखकर सासू मां को दया आ गई, वो अपनी ननद से बोलीं जीजी, सारी रस्म अदायगी हो गई हो तो बहुरिया को बा का कमरा दिखाएं दूं।

पर ननद तो ठहरी ननद, उनको कभी अपनी भाभी पर तरस ना आया, तो मुझ पर कैसे आता। 

कहे भाभी, इन्नी जल्दी किस बात की है, अपना समय भूल गई, 4 दिन तक भैया से ना मिल पाई थी। 

4 दिन! मेरी तो सुनकर सांस लगभग रूकने ही वाली थी, पर तब तक मम्मी जी बोलीं..

सब याद है जीजी, कछु ना भूली। पर तब बख्त अलग था। आज कल के बच्चों में उतना सब्र कहाँ।

मम्मी जी ने बात ख़त्म की ही थी कि ना जाने पतिदेव कहां से प्रगट हो गये।

मां दो दिन में ही Bombay निकलना है, जो भी रस्म करनी हो, आधे घंटे में पूरी कर लीजिए। फिर निशा को मेरे कमरे में छोड़ दीजिए, बहुत से paper work करने हैं इसको अपने job transfer से related...

मेरी और मम्मी जी दोनों की बांछे खिल गई कि चलो आधे घंटे में सारी रस्में पूरी हो जाएंगी।

क्योंकि बुआ जी, केवल नीलेश के कहने से शांत होती थीं।

मुझे मेरे कमरे में पहुंचा दिया गया...

मम्मी जी, मुझे मेरे में छोड़कर अपने कमरे की ओर बढ़ चली थीं....

बहुत ही व्यवस्थित कमरा था, जो उस कमरे में रहने वाले की निपुणता को दर्शा रहा था। 

कमरा गुलाब की भीनी खुशबू से महक रहा था, पर कमरे में एक भी फूल नहीं थे। लेकिन बेहद सुन्दर decorative pieces  से कमरा सजा हुआ था, बहुत धीमी आवाज में रोमांटिक गीत बज रहा था, साथ ही मद्धम रोशनी पूरे कमरे को बहुत दिलकश बना रही थी। 

सुहागरात का कमरा, जिसमें एक भी फूल ना हों, फिर भी वो इतना खूबसूरत और दिलकश लग सकता है, ऐसा मेरी सोच से परे था...

अंजान सी मैं कमरा निहार थी कि एक दमदार आवाज ने आवाज दी,..

निशा, कैसा लगा तुम्हें? 

आगे पढें...

जिंदगी का पड़ाव (भाग - 2) में 

Friday, 18 November 2022

Tip : How to warm yourself in the cold nights

बहुत तेजी से ठंडक बढ़ रही है, साथ में ला रही है ठिठुरन..

जब हम जवान होते हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ता है कि मौसम कौन सा है। हम हर मौसम को enjoy करते हैं।

पर जैसे जैसे बुढ़ापा अग्रसरित होता जाता है, लोगों को ठंडक बहुत परेशान करने लगती है।

फिर तो blanket and quilt को ओढ़कर भी ठंडक दूर  नहीं होती है और ना ही blanket गर्म होता है...

तो चलिए आज उसकी ही कुछ tips share कर देते हैं, जिससे आप ठंड को enjoy कर सकें। 

कांपती रातों में कैसे करें खुद को गर्म




  1. Quilt को समय-समय पर धुनवाते रहना चाहिए और अगर आप blanket use करते हैं तो उसे साल दो साल में धुलवाए। इससे इनमें गर्माहट बनी रहती है। साफ और fluffy woolen अधिक गर्माहट देते हैं।
  2. जब भी blanket या quilt use करें, cover जरुर चढ़ाएं, इससे वो अच्छा गर्म रहता है साथ ही साफ भी रहता है। 
  3. अगर आप को ज्यादा ठंड लग रही है तो आप, hot water bottle में गर्म पानी भरकर अपने blanket या quilt में रख सकते हैं, इससे भी अच्छी गर्माहट मिल जाती है। 
  4. आप को blanket या quilt ओढ़ने के बाद भी ठंड लग रही है और quilt or blanket ठंडे ही बने रह रहे हैं। तो इसका बहुत बड़ा कारण होता है कि आप के पैरों में गर्माहट नहीं हो रही है।
  5. जान लीजिए कि अगर आप के पैर गर्म हो गये हैं तो आप के पूरे शरीर को गर्म होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। तो समझ लीजिए कि अगर आप को अपनी पूरी body, जल्दी गर्म करनी है तो सबसे ज्यादा ध्यान पैरों पर दीजिए।
  6. अब उसके लिए आप को करना यह है कि सोने से पहले, पैरों को 15 से 30 minutes के लिए fold कर के (पालथी मारकर) बैठ जाएं। 
  7. सबसे अधिक गर्मी हमारा शरीर ही देता है। इसलिए इस तरह बैठने से आप के पैर बहुत जल्दी गर्म हो जाएंगे। 
  8. पैर गर्म होने के बाद आप, मोजे पहनकर सो जाएं, अब आप को ठंड नहीं लगेगी। 
  9. अपना hemoglobin check करा लीजिए। कम hemoglobin होने से भी ठंडक ज्यादा लगती है।
  10. अगर hemoglobin कम है तो iron supplements लेना start कर दीजिए।
  11. आप, गुड़, खजूर, मेवा, मूंगफली, eggs, hot drinks, आदि को अपनी diet में जरूर से शामिल कीजिए। 
  12. ठंड में मोटे अनाज जैसे, मक्का और बाजरा को भी अपनी diet में शामिल करें यह भी ठंड दूर में सहायक सिद्ध होते हैं।
  13. इसी तरह की और tips, अगर आप भी जानते हैं तो please share जरुर करें...

Thursday, 17 November 2022

Recipe: Dal ke kabab

गुलाबी ठंड अपनी दस्तक दे चुकी है, मौसम रोमांटिक हो रहा है। ऐसे में अपनों का साथ हो और tasty tasty खाने को मिल जाए तो, मज़ा ही आ जाए। 

अगर वो tasty होने के साथ बहुत healthy भी हो, तब तो सोने पर सुहागा ही हो जाए। 

यह  Recipe, लखनऊ की प्रीति सहाय जी के खजाने से ली है। 

Priti Sahai जी, आप का ह्रदय से अनेकानेक आभार 🙏🏻💞

आज हम बात कर रहे हैं, कबाब की... 

जी नहीं बिल्कुल नहीं...

हम nonveg कबाब के बारे में बिल्कुल भी नहीं बोल रहे हैं।

यह veg कबाब है, जो कि जितना healthy है, उतना ही tasty भी... 

जो health conscious हैं, उनके लिए तो यह कमाल की dish है, less oil and rich in protein.

अगर आप के पास घर पर कोई veggies नहीं है तो भी यह best option है।

चलिए अब झटपट सारे ingredients and method देख लेते हैं और इसे बनाकर ठंडक का लुत्फ उठाएं...


दाल के कबाब 



Ingredients


Kali Masoor dal-  1cup

Chana dal - 1 cup

Soya Granules - 1 cup

Garlic cloves - 20-25

Ginger - 2"

Black pepper karnels - 2 tsp

Gram flour - 2tbsp 

Cenemon  - 2 "

Black cardamom - 2

Green cardamom - 2

Bay leaf  - 2 

Nutmeg powder - ¼ tsp 

Cumin - ½ tsp 

Red chilli -2

Oil for shallow frying 


Method -  

  1. Cooker में, 1 tbsp. oil डालकर गर्म कर लीजिए।
  2. अब इसमें अदरक, लहसुन और सारे खड़े गर्म मसाले डालकर थोड़ा सा भून लें। 
  3. अब इसमें दालें और Soya granules डालकर थोड़ा सा भून लें।
  4. फिर इसमें नमक और पानी डालकर, cooker बंद कर दें। 
  5. 3 whistle, high flame पर और 4 to 5 whistle, slow flame पर लगा लें।   
  6. गली हुई दाल mix को mixer grinder में महीन पीस लें। 
  7. अब इसमें बेसन  मिलाकर, slow flame पर shallow fry कर लीजिए। 

Now, Dal kabab is ready to serve. 

You can serve it, with rumali roti, onion rings and green chutney. 

चलिए अब कुछ tips and tricks भी बता देते हैं, जिससे बहुत ही tasty कबाब बने...


Tips and Tricks 


  • अगर आप के पास soya granules ना हों तो आप soya chunks भी ले सकते हैं। 
  • Soya chunks से कबाब बनाने में, कबाब का texture and taste, nonveg के कबाब से ज्यादा similar लगता है। 
  • दाल, boil करते समय, इतना पानी डालना है कि दाल पूरी तरह से डूबी रहे, व उससे बस 2 tbsp और ज्यादा। 
  • जब दाल गल जाती है तो गीली तो रहती है पर excess water नहीं बचता है, पर अगर आप के mixture में पानी रह जाता है तो पानी discard करके दाल निकालिए।
  • Excess water होने से कबाब का taste and texture दोनों ही बेकार हो जाएगा।
  • अगर दाल पीसने में दिक्कत आ रही है तो आप jar में थोड़ा सा तेल डाल कर पीस लीजिए।
  • बेसन को कबाब के mix को dry  करने के लिए डाला जाता है। इसलिए आप बेसन की quantity को requirement के according कम या ज्यादा कर सकते हैं। 
  • Kabab Mix इतना dry होना चाहिए कि कबाब का shape दिया जा सके, वो चिपके या टूटे नहीं। 
  • कबाब का shape देने में, हाथों में घी या तेल जरुर से लगा लें, जिससे कबाब हाथ में चिपके नहीं।
  • बेसन की quantity ज्यादा होने से कबाब बनने के बाद भी बहुत dry-dry लगते हैं, साथ ही वो बहुत brittle हो जाता है। इसलिए ध्यान रखिएगा कि, बेसन की quantity, unnecessary ना बढ़े।
  • कबाब को slow flame पर ही shallow fry कीजिए। 
  • Flame high होने से कबाब का proper texture नहीं आएगा। 
  • आप अपने taste के according, shallow fry करते समय pure ghee या ghee and butter का combination भी ले सकते हैं। 
  • हम ऐसे ही बनाते हैं, इससे taste और enhance हो जाता है। लेकिन अगर आप को authentic taste ही चाहिए तो, mustard oil ही use कीजिए। 

Monday, 14 November 2022

Poem : मेरे अंदर का बच्चा

मेरे अंदर का बच्चा 


मेरे अंदर का बच्चा

आज भी मुझमें 

जिंदा है 


देखता है जब वो 

बहते पानी को 

कागज़ की कश्ती

चलाने को मचलता है 


मेरे अंदर का बच्चा

आज भी मुझमें 

जिंदा है 


देखता है जब वो

ज़मीन में खींची लकीरों को

इक्कड़ दुक्कड़ 

खेलने लगता है 


मेरे अंदर का बच्चा

आज भी मुझमें 

जिंदा है  



देखता है जब वो

कहीं कोई झूला 

झूला झूलने का 

उसका मन करता है


मेरे अंदर का बच्चा

आज भी मुझमें 

जिंदा है 


देखता है जब वो 

कोई पटाखा चलता 

उसकी तेज़ आवाज़ से

झूम जाने का मन करता है


मेरे अंदर का बच्चा

आज भी मुझमें 

जिंदा है  


देखता है जब वो

कोई कंकड़ 

उसे पानी में

चलाने का मन करता है


मेरे अंदर का बच्चा

आज भी मुझमें 

जिंदा है 


देखता है जब वो

कटी हुई पतंग को 

उसकी डोर पकड़ कर

उड़ाने को मन करता है


मेरे अंदर का बच्चा

आज भी मुझमें 

जिंदा है 


देखता है जब वो

कोई रस्सी 

मन उसका भी

कूदने का करता है


मेरे अंदर का बच्चा

आज भी मुझमें 

जिंदा है 


देखता है जब वो

किसी को उंगलियां मिलाए हुए 

उंगली बीच की ढूंढ लूंगा

मन में वो चिल्लाता है


मेरे अंदर का बच्चा

आज भी मुझमें 

जिंदा है 

देखता है जब वो

माँ का आंचल

उसमें फिर से 

छिप जाने का मन करता है 


मेरे अंदर का बच्चा

आज भी मुझमें 

जिंदा है... 




एक बार आप भी अपने मन को टटोलिए जरुर... 

Happy children's day🥳💞🎊

Friday, 11 November 2022

Short story: Reality of Life

जिंदगी की सच्चाई  


हमेशा की तरह आज भी शिखर ने अपनी आलीशान कार दुकान के आगे रोकी ही थी, कि दूर से ही राहुल बोला, सर जी एक किलो बादाम तौलवा दूं?

हां, हां, 1 kg. Pack कर के भेज दो, तब तक मैं एक important call कर लूं...

शिखर को कोई call नहीं करना था, बस  उसका कार से उतरने का मन नहीं था और साथ ही उसे अपनी शान भी बघारनी थी... 

वो अपनी कार में बैठा, बादाम का इंतजार कर रहा था, तो उसने देखा कि एक आदमी बादाम, काजू, पिस्ता, अखरोट, चिरौंजी, चिलगोजा, मखाना, आदि सभी मेवाएं दस दस किलो तौलवा रहा था।

जब दुकान का एक नौकर, शिखर को बादाम देने आया तो शिखर ने पूछा, यह जो आदमी इतनी मेवाएं ले रहा है, इसके यहाँ कोई बड़ा function है? 

कोई बड़ा function नहीं है इसके यहां...

पिछले तीन महीने से हर महीने ऐसे ही दस दस किलो मेवाएं ले जाता है... 

तो क्या यह बहुत बड़ी कम्पनी का मालिक है? 

काहे का बड़ा आदमी, सर जी... 

आप जैसे ही किसी बड़े आदमी की विधवा से तीन महीने पहले इस ने शादी कर ली है, बस तब से ही ऐश कर रहा है...

क्या कह रहे हो तुम!...

सच कह रहा हूँ सर जी, आप चाहें तो मालिक से पूछ लीजिए।

शिखर, राहुल के पास पहुंचा, तो राहुल ने भी यही कहा..

अरे भाई, मुझे भी हर मेवे दस दस किलो दे दो...

जब शिखर घर सारी मेवाएं ले कर पहुचा, तो नीना ने पूछा- Office में बंटवाने के लिए लाए हैं।

नहीं घर के लिए, शिखर ने दो टूक जवाब दिया...

घर के लिए इतनी!... क्यों? 

चपरासी खाए, इससे अच्छा है कि मैं ही खा लूं।

क्या मतलब? 

कुछ नहीं, कुछ नहीं...

बस आज मेरी आंखें खुल गईं...

हमेशा सुनता आया हूं कि आप कमा कितना रहे हैं, उससे ज्यादा बड़ा है कि आप बचा कितना रहे हो...

पर उससे भी बड़ा है कि आप जिंदगी कितनी जी रहे हो? जीवन में कितने पल, हंसी खुशी मस्ती और ऐश के गुज़ार रहे हो।

वरना मर मर कर कमाने वाली हमारी गाढ़ी कमाई को हमारे ना रहने के बाद कैसे उड़ाई जाएगी नहीं पता...

हमारी खुद की जिंदगी कितने पलों की है, नहीं पता?...

तो इतना संचय किस बात का? 

अपने को इतना खपाना किस लिए?

कि जिस जिंदगी को पाने की चाहत में ताउम्र भागते रहे, वो उस इंतजार में ही गुज़र गई कि कुछ पल तो थमेंगे जिंदगी जीने के लिए...

छोटी सी कहानी है, और सार सिर्फ इतना है कि, अपनी भागदौड़ से भरी जिंदगी से चंद लम्हे, चुरा लीजिए, उन्हें जीने के लिए..

ना जाने कब जिंदगी की शाम हो जाए...

क्योंकि जिंदगी की सच्चाई यही है...

Always be happy...

Thursday, 10 November 2022

Story of Life : Positive thinking

 सोच से जिंदगी



आज की कहानी एक गांव की है, पर जिस सोच पर है, वो अगर हम सब की जिंदगी में शामिल हो तो, हमें कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता।

और depression में तो बिल्कुल भी नहीं जाने देगा।

तो यह कहानी एक बैल की है... 

अब क्योंकि कहानी है तो इस बैल का हम मानवीकरण कर लेते हैं..

तो उस बैल का नाम था हीरा..

तो भाई जैसा बैल का नाम था, वैसा ही वो था भी, बहुत ही हट्टा कट्टा, सुडौल, मेहनतकश और स्वामीभक्त भी... 

हीरा का मालिक, रामदास भी बहुत भला इंसान था, वो हीरा को भरपेट भोजन देता और उतना ही काम लेता, जिसे करते हुए हीरा आसानी से कर सके।

दोनों ही एक दूसरे पर जान छिड़कते... और यह बात पूरे गांव में मशहूर भी थी।

समय का चक्र चलता रहा और सभी कार्य सफलतापूर्वक संपन्न होते रहे...

समय के साथ हीरा वृद्ध हो चुका था, वो अब रामप्रसाद के कामों को उतनी तल्लीनता से पूर्ण नहीं कर पाता था, जैसे पहले करता था, पर रामप्रसाद जी का स्नेह कम नहीं हुआ था।

हीरा अपने मालिक के प्रति बहुत कृतज्ञ रहता था।

एक बार की बात है रामप्रसाद, हीरा को लेकर दूसरे गांव जा रहे थे। अभी वो गांव के बाहर निकले भी नहीं थे और एक बड़े से गढ्ढे में हीरा गिर गया।

किसी शिकारी ने, जंगली जानवर को पकड़ने के लिए गहरा गढ्ढा खोदा हुआ था।

हीरा ने गढ्ढे से निकलने की बहुत बहुत कोशिश की पर, सब व्यर्थ, वृद्ध शरीर में वो ताकत नहीं थी कि अपने आप निकल आता...

 रामप्रसाद भी हर संभव प्रयास में लगे हुए थे।‌‌ लेकिन निकालने में असमर्थ ही रह रहे थे, क्योंकि हीरा वृद्ध अवश्य हो गया था, लेकिन उसका वजन अभी भी बहुत था। 

फिर रामप्रसाद भी कौन से जवान थे। 

रामप्रसाद ने आने जाने वालों से भी मदद मांगी, पर सभी प्रयास असफल रहे।

दिन से शाम हो आई थी, अब आने जाने वाले भी कम हो गए।

रामप्रसाद ने सोचा, अब हीरा को बाहर निकालना तो असंभव है, वृद्ध यह हो ही गया है, ना जाने वैसे भी कितने दिन जीवित रहे, तो बेहतर यही होगा कि इसे अब इसी गढ्ढे में दफन कर दिया जाए।

उसने यह सोचकर बड़े भारी मन से लोगों को एकत्र कर के गढ्ढे में मिट्टी डालने को कहा, जिससे हीरा के दुखद जीवन का अंत हो जाए।

जब हीरा को समझ आया कि उसका मालिक उसे गढ्ढे में दफन कर रहा है, तो वह तड़प उठा...

हे ईश्वर, जिस मालिक ने इतना स्नेह दिया, वो ही मुझे यहां दफ़न कर के मौत की नींद सुला देना चाहता है।

इन्हें एक पल भी मेरी स्वामीभक्ति याद नहीं आई? यह इतने निर्दयी कब से हो गए? इसकी तो मैं कभी कल्पना भी नहीं कर सकता हूं...

हीरा के नेत्रों से अविरल धारा बह निकली...

पर सच यही था, बाहर निकालने के लिए जितने लोग नहीं मिल रहे थे, उससे ज्यादा लोगों ने मिट्टी डालना शुरू कर दिया था...

तभी किसी की डाली मिट्टी, हीरा के नेत्रों में जा गिरी, हीरा ने अपने को कस के झटका, इससे मिट्टी नीचे गिर गई और हीरा उछलकर मिट्टी के ऊपर आ गया।

हीरा ने महसूस किया कि वो पहले से गढ्ढे के ऊपर आ गया था। अरे मैं तो गढ्ढे में उतने गहरे में नहीं रहा

यह सोच मन में आते ही, हीरा जो अभी तक मृत्यु की बात सोच कर हताश और भयभीत था, वो उत्साह से भर गया।

अब तो वो हर बार यही करने लगा...

हीरा को ऐसा करते देख, दुःखी और मायूस, रामप्रसाद खुशी से चिल्लाने लगे, आह! मेरा हीरा बहुत बुद्धिमान और बहादुर है।

उसने मृत्यु से हार नहीं मानी है, वो अभी भी बाहर निकलने को प्रयासरत है। मिट्टी डालने का काम और तेज कर दो, मैं सभी को भरपूर इनाम दूंगा...यह कहते हुए प्रसन्नता से दोनों हाथों से भर-भर कर मिट्टी डालने लगा।

हीरा अपने मालिक को ऐसा करते देख, प्रसन्नता और जोश से भर गया, वो और तेजी से बाहर निकलने का प्रयत्न करने लगा। 

बाकी लोग भी बैल की बुद्धिमत्ता देखकर और इनाम की बात सुनकर और तत्परता से मिट्टी डालने लगे।

कुछ ही देर में हीरा गढ्ढे से बाहर था। रामप्रसाद ने सबको इनाम दिया और फिर हीरा के साथ, घर की ओर लौटने लगा। 

हीरा की positive thinking ने उसकी जिंदगी बदल दी...

हीरा, पुनः कृतज्ञता और स्नेह से अभिभूत होकर अपने मालिक को देख रहा था।

रामप्रसाद भी, हीरा की बुद्धिमत्ता, साहस को ध्यान में लाते हुए बड़े गर्व से हीरा को देख रहे थे।

इस कहानी से यह कहने का प्रयास किया है कि अगर हिम्मत ना हारें, बुद्धिमत्ता और साहस कायम रखें तो मृत्यु को भी हरा सकते हैं। तो छोटी-मोटी परेशानी क्या है, वो तो पल में आपके वशीभूत हो जाएगी। इसलिए कभी depression में मत जाएं, जूझे और अपनी situation से बाहर आएं। 

अपनी परेशानियों से छुटकारा आप को तभी मिलता है, जब आप उससे बाहर निकलने के लिए अपनी पूरी सामर्थ्य लगा देते हैं, तन, मन और बुद्धि से...

और हाँ, कभी मुसीबतों में फसने पर अपनों को ग़लत नहीं समझें, वो अगर आप की सहायता नहीं कर पा रहा है तो वो उनकी मजबूरी भी हो सकती है, ज़रुरी नहीं है कि, उनका स्नेह आपके प्रति कम हुआ हो...

सोच सकारात्मक रखें, उसी में जिंदगी है।

ईश्वर आपको वही देंगे, जो आपके लिए उचित होगा और जो अनुचित होगा, वो तो आप को बिल्कुल नहीं देंगे।

So be positive and be happy 😊

Tuesday, 8 November 2022

Article: गुरु नानक जन्मोत्सव- प्रकाश पर्व क्यों?

  गुरु नानक जन्मोत्सव  - 

प्रकाश पर्व क्यों?




आज कार्तिक पूर्णिमा है, यह दिन हमारे लिए विशेष है, क्योंकि इस दिन एक महान संत, गुरु, समाज निर्माता गुरु नानक देव जी का जन्मोत्सव है।

गुरु नानक जी जन्म को गुरपुरब या प्रकाश पर्व भी कहा जाता है।

गुरु नानक जी के जन्म को गुरपुरब या गुरु पर्व कहते हैं। 

यह क्यों कहा जाता है, वो समझ आता है, क्योंकि गुरु नानक देव, सिख धर्म के प्रथम गुरु व संस्थापक थे, तो उनके जन्मोत्सव को गुरु पर्व या गुरपुरब कहा जाता है।

पर प्रकाश पर्व क्यों? 

आइए आज आपको इसी सोच से रूबरू कराते हैं- 

 प्रकाश पर्व 

बात उन दिनों की है, जब भारत में बहुत सी कुरितियां और बहुत से मत बन गए थे।

मूर्ति पूजा का बहुत ही अधिक बोलबाला था। ब्राह्मणों का वर्चस्व था और आधिपत्य भी। जिसके साथ ही अंधविश्वास भी था, कुछ रुढ़ियां और कुसंस्कार भी।

ऐसे समय में गुरुनानक देव जी, एक प्रकाश पुंज के रूप में सबके सामने ईश्वर के अवतार के रूप में अवतरित हुए।

गुरुनानक देव जी ने मूर्तिपूजा को निरर्थक माना और हमेशा ही रूढ़ियों और कुसंस्कारों का विरोध करते रहे।

नानक जी के अनुसार ईश्वर कहीं बाहर नहीं, बल्कि हमारे अंदर ही है। उन्होंने आत्मचिंतन पर विशेष बल दिया। उनका कहना था कि जब ईश्वर स्वयं आप में और कण कण में विद्यमान हैं तो क्यों मूर्ति पूजा करनी है? 

उनके अनुसार ईश्वर प्राप्ति, मूर्ति पूजा से नहीं बल्कि मानवता और आत्मचिंतन के द्वारा होती है।

गुरुनानक जी के विचारों से समाज में परिवर्तन हुआ। नानक जी ने करतारपुर (पाकिस्तान) नामक स्‍थान पर एक नगर को बसाया और एक धर्मशाला भी बनवाई। 

नानक देव ने पूरे जीवन में दूसरों के हित के लिए काम किए। 

उन्होंने हमेशा समाज में बढ़ रही कु​रीतियों और बुराइयों को दूर किया, साथ ही लोगों के जीवन को सुखद बनाने का काम किया नानक देव ने दूसरों के जीवन को संवारने के लिए अपने पारिवारिक जीवन और सुख की चिंता कभी नहीं की।

दूर दूर यात्राएं करते हुए वे बस दूसरे लोगों के जीवन में प्रकाश भरते रहे। उनके दुःख दूर करते रहे।

इसलिए सिख समुदाय के लोग नानक को भगवान और मसीहा मानते हैं और उनके जन्मदिवस को प्रकाश पर्व के तौर पर मनाते हैं। 

चलिए अब थोड़ा ध्यान गुरु नानक देव जी के जीवन से जुड़ी बातों पर भी दे देते हैं- 


सिखों के प्रथम गुरु थे नानक देव

गुरु नानक सिखों के प्रथम गुरु थे. उन्होंने ही सिख समुदाय की स्थापना की थी। नानक का जन्म 15 अप्रैल 1469 को तलवंडी नामक जगह पर हुआ था जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित ननकाना साहिब (Nankana Sahib) में पड़ता है।

 इस स्थान का नाम नानक देव के नाम पर ही पड़ा था। इस स्थान पर आज भी गुरुद्वारा बना है, जिसे ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है। 

इस गुरुद्वारे का निर्माण शेर-ए पंजाब नाम से प्रसिद्ध सिख साम्राज्य के राजा महाराजा रणजीत सिंह ने कराया था। आज भी तमाम लोग इस गुरुद्वारे में दर्शन के लिए दूर दूर से आते हैं।

अंगददेव को बनाया था अपना उत्तराधिकारी

नानक देव ने अपना पूरा जीवन मानव सेवा में लगा दिया। इस दौरान उन्होंने ना केवल भारत, बल्कि दूर देशों जैसे अफगानिस्तान, ईरान आदि की भी यात्राएं कीं और लोगों के मन में मानवता कीजिए अलख जगाई। 

1539 में करतारपुर (जो अब पाकिस्तान में है) की एक धर्मशाला में उन्होंने अपने प्राण त्यागे. लेकिन मृत्यु से पहले उन्होंने अपने शिष्य भाई लहना को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था जो बाद में सिखों के दूसरे गुरु अंगद देव कहलाए। 

भारत में हर त्यौहार को विभिन्न प्रकार से आयोजित किया जाता है, तो गुरु नानक देव जी के जन्मोत्सव को कैसे आयोजित करते हैं, वो भी देख लेते हैं

नानकदेव का जन्मोत्सव

हर साल नानक देव के जन्मोत्सव को उनके भक्त बड़े हर्ष और उल्लास के साथ आयोजित करते हैं। 

सुबह के समय ‘वाहे गुरु, वाहे गुरु’ जपते हुए प्रभा​त फेरी निकाली जाती है। इसके बाद गुरुद्वारों में शबद कीर्तन किया जाता है और लोग रुमाला चढ़ाते हैं।

शाम के समय लंगर का आयोजन होता है। नानक देव के भक्त उनकी बातों का अनुसरण करते हुए मानव सेवा करते हैं और गुरुवाणी का पाठ करते हैं। 

कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली, गुरु पर्व, से जुड़ी अन्य रचनाएं -


देव दीपावली व प्रकाश पर्व 

कार्तिक पूर्णिमा एवं गुरु पर्व


आप सभी को कार्तिक पूर्णिमा, गुरु नानक जयंती, गुरु पर्व, प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐 🎉

Friday, 4 November 2022

Bhajan (Devotional Song): तुलसा आरती करहूं तुम्हारी

आज देव उठान का पावन पर्व है, जिसमें देवों को जाग्रत करने की पूजा अर्चना की जाती है, साथ ही इसमें तुलसा जी की भी पूजा की जाती है, जिसमें तुलसा जी और शालीग्राम जी का विधिवत विवाह भी किया जाता है। 

अगर आप जानना चाहते हैं कि तुलसा जी और शालीग्राम जी का विवाह क्यों सम्पन्न किया जाता है,  देव उठान से जुड़ी बातें, और देव उठनी में चावल क्यों नहीं खाते हैं, सब आपको इन दोनों post में मिल जाएगा...

सती वृंदा से तुलसी  तक 

देवउठनी एकादशी व तुलसी विवाह 

बचपन से अपनी नानी जी से तुलसा जी की यह आरती सुन रहे हैं, जिसे अब मम्मी, मौसी सभी करते हैं। उनकी सुरीली आवाज़ में यह बहुत ही अच्छी लगती है।

यह भी कह सकते हैं, इस आरती में नानी जी का आशीर्वाद भी शामिल है। 

उनकी याद में आज, उनकी यही आरती share कर रहे हैं, आवाज़ तो नहीं पर बोल वही हैं, आप सब इसका आनंद लें व आशीर्वाद प्राप्त करें...


तुलसा आरती करहूं तुम्हारी



तुलसा आरती करहूं तुम्हारी


मैं तुमसे पूछूं हे तुलसा रानी

काहे का फूल? 

काहे के चावल? 

काहे का हार, 

चढ़ावे सारी जाति?


गुलाब का फूल,

साठी के चावल,

पियाबासा का हार,

चढ़ावे सारी जाति..


तुलसा आरती करहूं तुम्हारी


मैं तुमसे पूछूं हे तुलसा रानी

 कहे का दिया? 

काहे की बाती? 

काहे का घीया, 

जले सारी रात? 


सोने का दिया, 

कपूर की बाती, 

गाय का घीया, 

जले सारी राती...


तुलसा आरती करहूं तुम्हारी


मैं तुमसे पूछूं हे तुलसा रानी 

काहे का थाल? 

काहे का गडुआ?

काहे का भोग, 

लगावे सारी जाति?


सोने का थाल,

 रूपए का गडुआ,

मोहन भोग, 

लगावे सारी जाति...


तुलसा आरती करहूं तुम्हारी 


मैं तुमसे पूछूं हे तुलसा रानी

कउन तुमरा बाप?

कउन महतारी?

किसकी हो तुम,

सदा प्यारी?


मेघ मेरा बाप, 

धरती महतारी,

कृष्ण की हम,

 सदा प्यारी


तुलसा आरती करहूं तुम्हारी -2 




आप सभी को देव उठान व तुलसा विवाह की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐

Thursday, 3 November 2022

Article: How to Apply Perfume

आज का हमारा यह article, आपको मनमोहक खुशबू की दुनिया में ले जाएगा। और आपको पता है, उस दुनिया की धुरी आप ही होंगे।

तो चलिए बताते हैं कैसे...

हम सभी चाहते हैं कि हम जब कहीं पहुंचे तो, सब लोग हमारे होने के एहसास से ही खुश हो जाएं। इसके लिए, perfume बहुत करगर सिद्ध होगा। 

अब आप बोलेंगे कि perfume कैसे?

तो वो ऐसे की, कि अब पसीने से लथपथ, बदबूदार इंसान से तो कोई भी मिलना नहीं चाहता है।

आज कल हर कोई उनसे ही मिलना चाहता है, जिसके पास से भीनी-भीनी खुशबू आ रही हो, दूसरे शब्दों में कहें तो perfume, आपकी strong persona को enhance करता है। आप में confidence level को boost करता है, पर यह भी नहीं है की, कि perfume से ही पूरा नहा लें।

अब सवाल यह उठता है कि, कितना और कहाँ-कहाँ perfume लगाया जाए, जो आपकी personality को enhance करे और long lasting भी हो।

 तो चलिए आप को perfume लगाने का Step By Step तरीक़ा बताते हैं, जिससे, ख़ुशबू लंबे समय तक टिकी रहे।

How to Apply Perfume 



Office जाना हो या फिर Party, आज के वक़्त में perfume एक ज़रूरी चीज़ बन गई है. इसकी ख़ास वजह ये है कि कोई नहीं चाहता कि शरीर की दुर्गंध की वजह से सामने वाला उसे जज करें।

वहीं, शरीर व कपड़ों से आती सुगंध personality को निखारने का काम भी करती है। इसलिये, ladies हो या gents, perfume अपने पास रखते ही रखते हैं।

लेकिन दोस्तों, जैसे हर काम को करने का एक तरीक़ा होता है, ठीक उसी तरह perfume लगाने का भी एक सही तरीक़ा होता है। अधिकतर लोग सही जानकारी के अभाव में perfume के कई spray और कहीं भी apply कर लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए।

आइये, इस ख़ास article में हम आपको Step By Step, Perfume apply करने का सही तरीका क्या है बता देते हैं। 

Perfume लगाने का सही तरीक़ा जानने से पहले आइये जानें कि perfume लगाने की तैयारी कैसे करें :

 Top Note and Base Note 

अगर आप चाहते हैं कि party या office में आपसे आती ख़ुशबू लोगों को प्रभावित करें या उन्हें भी आपकी perfume अच्छी लगे, तो perfume का चयन करने से पहले उसकी top note & base note को check कर लें। Top note यानी perfume spray  करते ही तुरंत आने वाली ख़ुशबू। वहीं, Base note यानी fragrance का base, जो देर तक बना रहता है. इसे पाने के लिए कलाई के पीछे spray करें और 15-20 मिनट बाद सूंघें।

Daytime and Nightime Perfume: 

ऑफ़िस के लिए day perfume को choose करें और अगर रात का plan है, तो night perfume को choose करें।

 दिन और रात के हिसाब से अपने perfumes को चुनना ज़्यादा सही रहेगा।

After bathing : perfume लगा ने से पहले स्नान ज़रूर करें, क्योंकि चिपचिपे और पसीने वाले शरीर पर perfume की ख़ुशबू सही से समा नहीं पाती है। वहीं,  त्वचा अगर साफ़ हो, तो skin अच्छी तरह perfume को absorb कर लेती है।

Dry your skin properly : नहाने के बाद त्वचा को अच्छी तरह सुखा लें, ताकि perfume अच्छी तरह से लग सके।

इसके बाद ही नीचे बताए गए तरीक़े से शरीर पर perfume लगाएं। नहाने के बाद perfume लगाना अच्छा माना जाता है। नहाने से pores यानी रोम छिद्र खुल जाते हैं, जिससे त्वचा अच्छी तरह perfume को absorb कर लेती है।

Correct way to apply perfume  – 

Spray करने से सबसे पहले perfume की बोतल को शरीर से 3 से 6 इंच दूर रखें। Spray का मुंह यानी nozzle, perfume लगाने वाली जगह की ओर ही होना चाहिए। इस बात का ध्यान दें कि अगर perfume से त्वचा ज़्यादा गीली हो रही है, मतलब बोतल त्वचा से ज़्यादा क़रीब है। 

कमरे में fan की speed ज़्यादा है, तो कम करें या बंद ही कर दें। इससे क्या होता है कि हवा की वजह से perfume आपके मुंह पर या सही जगह से अलग लग जाएगी।

Perfume को Pulse Point पर लगाने के लिए कहा जाता है। Pulse point यानी वो जगह जहां Blood Vessel, skin के एकदम नज़दीक होती हैं। ऐसा कहा जाता है कि शरीर की इन जगहों पर अतिरिक्त गर्माहट (Heat) रहती है, जिससे perfume अच्छी तरह महकती है।

Where to Spray Perfume 

आप दोनों कान के पीछे, लेकिन थोड़ा नीचे एक-एक spray करें। ऐसा इसलिए जब आप किसी से गले मिलें, तो महक सामने वाले तक सीधे जाए।

एक spray पीछे गर्दन पर बालों के नीचे करें। Line में खडे़ं हों या lift में, पीछे खड़े इंसान को भी आपकी perfume की महक आएगी।

इसके बाद collar bone  पर एक-एक spray करें. ध्यान रहे दोनों side. ये इसलिये, ताकि जब आप किसी से हाथ मिलाएं, तो सामने से सीधे ख़ुशबू व्यक्ति तक पहुंचें।

इसके बाद दोनों कलाई पर लगाएं। आप चाहें, तो हाथों के दोनों जोड़ पर भी एक-एक spray लगा सकते हैं।

इस बात का ध्यान रखें कि शरीर पर perfume लगाने के कुछ देर बाद ही कपड़े पहनें। आप चाहें तो कपड़े पहनने के बाद दो spray कपड़ों पर भी कर सकते हैं।

अगर आपके लंबे बाल हैं, तो एक-एक spray बालों पर नीचे कर सकते हैं।

वहीं, अगर आप public places में जा रहे हैं, तो दो spray और जोड़ सकते हैं, दोनों shoulder पर। अगर आप बालों पर लगा रहे हैं जैसा ऊपर बताया गया है, तो कंधों पर न लगाएं। ये उनके लिए हैं जिनके लंबे बाल नहीं हैं।

अब आप भी ऐसे ही perfume apply करें और इसका क्या effect होगा, यह आपको gathering में जाने से अपने आप पता चल जाएगा। 

Be confident be happy....