Wednesday, 31 August 2022

Bhajan (Devotional Song) : मुझको, तुझपे है, विश्वास हमेशा...

आज का भजन, प्रथम पूज्य गणपति बप्पा के श्री चरणों में समर्पित है। प्रभु, आपकी कृपा सदैव बनी रहे🙏🏻🙏🏻

आप सब इस भजन को पढ़कर, सुनकर व देखकर आनन्द प्राप्त करें व गजानन जी महाराज का आशीर्वाद ग्रहण करें 🙏🏻

मुझको, तुझपे है, विश्वास हमेशा...



जय गणेश,

जय गणेश,

जय गणेशा...  

मुझको, तुझपे है,

विश्वास हमेशा।।


साथ जो तेरा हो,

फिर क्यों अंधेरा हो,

संग तेरे काज मेरा, 

पूरा ही होगा।


जय गणेश,

जय गणेश,

जय गणेशा...  

मुझको, तुझपे है,

विश्वास हमेशा।।


साथ जो तेरा हो,

डर का क्यों घेरा हो,

संग तेरे दुःख,

मुझे छू नहीं सकता।


जय गणेश,

जय गणेश,

जय गणेशा... 

मुझको, तुझपे है,

विश्वास हमेशा।। 


साथ जो तेरा हो,

ज्ञान का सेवरा हो,

संग तेरा  सपने,

साकार करता। 


जय गणेश,

जय गणेश,

जय गणेशा... 

मुझको, तुझपे है

विश्वास हमेशा।। 





प्रथम पूज्य, विघ्नहर्ता, सुखकर्ता, दुखहर्ता, गजानन जी महाराज के शुभ आगमन पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ🙏🏻💐


गणेश चतुर्थी पर्व, पर भगवान गणेश जी की कृपा सब पर बनी रहे🙏🏻🙏🏻

💐गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया💐 


भजन को अपनी आवाज़ में अद्विका सहाय ने प्रस्तुत किया है। भजन का आनंद लें व उसे अपना आर्शीवाद प्रदान करें 🙏🏻

Tuesday, 30 August 2022

Poem : हरतालिका तीज

हरतालिका तीज 


हरतालिका तीज 

है अजब निराली;

सखियों द्वारा, माँ पार्वती 

को हरने वाली।

हरण था, माँ पार्वती का,

शिव शंभू के वास्ते।

पवित्र प्रेम प्राप्ति के लिए,

छोड़ आई महलों के रास्ते।

प्रेम अटटू था,

थी शिव शंभू को पाने की आस,

त्याग दी माँ ने,

सदियों तक अपनी भूख प्यास।

कठोर तप था, था अडिग निश्चय,

फिर कैसे भोलेनाथ उन्हें ना मिलते...

माँ पार्वती के हरण से,

महादेव के वरण तक की,

अनोखी प्रेम की गाथा है,

हरतालिका तीज का व्रत,

पवित्र व्रत अनुराग का;

सिद्ध व्रत सुहाग का।


अखंड सौभाग्य की कामना के परम पावन पर्व हरतालिका तीज की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं🙏🏻💐

माँ पार्वती और भगवान शंकर की कृपा सब पर बनी  रहे🙏🏻🙏🏻

Friday, 26 August 2022

Stories of Life : अपने भरोसे

 अपने भरोसे


नीमा, हम लोग निकल रहें हैं, तुम अभिमन्यु को, दाल-rice खिलाकर सुला देना।

दीदी, आप अभि बाबा की चिंता नहीं करना, मैं बहुत प्यार से उसका सब कर दूंगी।

सच्ची नीमा, तेरे प्यार के आगे, अभि हमें भी कुछ नहीं समझती है, उसे खाना-पीना, सोना सबसे तुम से ही रहता है।

दीदी, अभि बाबा है ही इतना प्यारा... उसका मैं सब देख लूंगी, आप बस मेरी पगार का...

पगार का क्या नीमा? रोनित ने कड़क आवाज़ में पूछा..

दीदी को पता है भैया, नीमा ने बेफिक्री से बोला..

रंजना ने कहा, पर नीमा हमने अभी 2 महीने पहले ही तो..

दीदी, आप तो जानती ही हैं कि कितनी मंहगाई बढ़ गई है, फिर अभी मेरे मर्द का भी काम छूट गया है।

रंजना को आफिस जाने की जल्दी थी, उसने पगार बढ़ाने का आश्वासन दिया और चली गई।

नीमा बहुत खुश थी, तभी उसके पति का फोन आया, क्या हुआ रे नीमा, पगार बढ़ी क्या?

हाँ रे, पहले मचमच कर रहे थे वो लोग, फिर बढ़ाने का बोल कर गए हैं।

सत्या बोला, बस ऐसे ही इनकी दुखती रग दबा कर रख,अभि बाबा का सारा काम अपने हाथ में लेती चल कि अभि बाबा सब कुछ तेरे से कराए..

तू चिंता मत कर, मैं सब कुछ बराबर देख लेगी।

अभी चंद महीने भी नहीं गुजरे थे कि एक दिन नीमा, रंजना से बोली- दीदी मुझे छुट्टी चाहिए।

कितने दिन की नीमा? रंजना ने file पलटते हुए पूछा...

दीदी, एक महीने की...

एक महीने की!... क्या बोल रही हो? 

दीदी, गांव में ननद की शादी है, आप तो जानती हैं, गांव जाने का मतलब 1 महीना तो लगेगा ही...

अरे नीमा, इतने दिन कैसे manage होंगे? अभी रोनित पर भी work load बहुत ज्यादा है... फिर अभि, तो तेरे ही हाथों से, सब करता है

दीदी, आप तो जानती हैं, मेरा मर्द गाली बकने लगेगा, काम छुड़वा देगा, वो अलग... 

नीमा काम छोड़ देगी, इस सोच से ही रंजना कांप गई, अच्छा जा, पर जल्दी आने की कोशिश करना..

नीमा अपना सारा सामान समेट रही थी कि सत्या का फोन आ गया कि जा अपनी दीदी से बोल कि बीस हजार दें नहीं तो काम छोड़ देगी, और सुन देने में आनाकानी करें तो काम छोड़कर निकल आना, नाक रगड़ती आएंगी, तुझे बुलाने...

नीमा ने जाकर, रंजना से बोला, दीदी मैं आपका काम छोड़कर जा रही है...

क्यों अब क्या हुआ नीमा? मैंने 1 महीने की छुट्टी दे तो दी।

नहीं दीदी, पूरा नहीं पड़ता पैसा, मुझे दूसरी जगह पूरे 20 हजार मिल रहे हैं और आप तो 15 हजार भी नहीं दे रही हैं...

नीमा तुमने जितना कहा, हमने दिया, फिर ऐसे क्यों बोल रही हो? फिर अभि का भी तो सोचो, उसका तो तुम्हारे बिना चलेगा भी नहीं...

दीदी मैं अपना फायदा सोचूं कि आपका देखूं... आप बीस हजार दे सकती हो तो बोलो, वरना मैं चली..

अच्छा कुछ दिन तो दे, मैं तब तक दूसरी देख लूं।

दूसरी, चौथी, आप को जितनी देखनी हो देखो, मेरी सी नहीं मिलनी है, मुझे मेरा बताओ, रुकूं या जाऊं?

पर नीमा, बीस तो बहुत... अच्छा भैया को आने दो...

रहने दो दीदी, तुमसे नहीं होने का, मैं चली, कहकर, नीमा ऐसी निकली कि फिर उसने पलट कर भी नहीं देखा।

इस बात को तीन महीने गुजर गए...

एक दिन रंजना ने देखा, नीमा बहुत दुःखी सी चली जा रही थी।

क्या हुआ नीमा? रंजना ने उसे रोकते हुए कहा, सब ठीक है ना?

नहीं दीदी, कुछ ठीक नहीं है, कहकर नीमा फूट-फूटकर रोने लगी।

क्या हुआ नीमा? बताओ तो..

दीदी मेरे मर्द का आक्सीडेंट हो गया है, city अस्पताल में भर्ती है। मैंने बहुत लोगों से मदद मांगी, पर कोई भी पैसा देने को तैयार नहीं है।

अरे पगली, तो मेरे पास आ जाती..

किस मुंह से आती दीदी? मैंने कितना बुरा किया था, आप के साथ।

वो छोड़, यह बता कितना रुपया चाहिए।

1 लाख दीदी 

1 लाख...! रंजना सुनकर स्तब्ध रह गयी 

अच्छा तुम चलो अस्पताल, मैं पैसे का इंतजाम कर के आती हूंँ। 

दीदी आप...

हाँ आती हूँ।

एक हफ्ते बाद

Sunday की शाम थी, रोनित, अभि और रंजना तीनों बैठे मस्ती कर रहे थे। तभी नीमा आती है।

अरे नीमा तुम! क्या हुआ सब ठीक है? और रुपए चाहिए?

नहीं दीदी, सब ठीक है, मेरा मर्द घर आ गया है और यह सिर्फ आपके कारण हुआ है।

ऐसे तो मैं आपका पैसा और एहसान  कभी नहीं चुका पाऊंगी, इसलिए मैंने सोचा है कि अब हमेशा के लिए आप के घर में मुफ्त में काम करूंगी और कभी परेशान नहीं करुंगी।

तुमने यह सोचा, हमारे लिए इतना ही बहुत है, पर नीमा  इसकी कोई जरूरत नहीं है, पैसे जब तुम्हारे पास हों दे देना, हमने तो इन्सानियत के नाते किया था।

जब तुम गई थीं, तब हमें बहुत परेशानी हुई थी, हम दूसरी लगा सकते थे, फिर हमने सोचा कि, हम लोग बच्चे तो पैदा कर लेते हैं पर पालन-पोषण दूसरे के भरोसे करते हैं।

उसके बाद हमने यह decide किया कि हमारा बेटा, हम उसे अपने भरोसे पालेंगे। तब से मै छुट्टी ले लेती हूँ या work from home करती हूँ और कभी भैया कर लेते हैं। 

सब अच्छे से manage हो जा रहा है। जब हमें जरूरत होगी, हम तुम्हें बुला लेंगे। 

सच कह रही है, तुम्हारी दीदी, हमने बहुत मुश्किल से सीखा है कि अपने बच्चों को अपने भरोसे ही पालना चाहिए, तभी बच्चों से proper bonding भी होती है और यही सही भी है। रोनित ने बहुत प्यार से अभिमन्यु की तरफ देखते हुए कहा...

नीमा, जल्दी ही पैसे वापस करने की बात कहकर निकल गई ।

Wednesday, 24 August 2022

Article : Reasonable Markets in Delhi NCR

आज आप को बताने जा रहे हैं कि अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो कैसे और कहाँ से सामान खरीदें कि दिल्ली में रहना भी आप के बजट के अंदर रहे। 

जिससे दिल्ली जैसे बड़े शहर में रहकर भी आप अपने सभी सपने पूरे कर सकें। 

यह market तब बहुत काम आते हैं, जब घर में शादी-विवाह या बड़ा function हो।

तो चलिए आप को दिल्ली NCR के उन markets के बारे में बताते हैं, जो इतने सस्ते, कि आपको लगेगा दुकानदार सब कुछ FREE दे रहे हैं। सस्ते दामों में अच्छी चीजें मिल जाए तो किसे बुरा लगता है...

दिल्ली NCR के सस्ते Market 

सबसे पहले आप को दिल्ली के market के विषय में बताते हैं।

Sarojini Nagar Market and Janpath 

जब सस्ते market के बारे में बात होती है तो सबसे पहले Sarojini Nagar का नाम लिया जाता है तो हम भी उसी से शुरुआत कर रहे हैं।

दिल्ली में सस्ते market के लिए लोग Sarojini Nagar Market and Janpath जाते हैं, यहां पर आपको 50 रुपये से लेकर 200 रुपये तक में shirt, boots, jeans, skirts, shorts, t-shirt, jewellery, और कुर्ती जैसे fashion के बहुत से trendy कपड़े & accessories आपको आसानी से मिल जाएंगे।

Chandni Chowk

चाँदनी चौक का नाम तो कौन नहीं जानता है? फिर वो चाहे दिल्ली में रहता हो या नहीं...

हिंदी फिल्मों में दिल्ली दिखानी हो तो, चाँदनी चौक तो दिखाते ही हैं, तो बस सबको पता है, चांदनी चौक के बारे में।

हिन्दी फ़िल्मों के अलावा चाँदनी चौक, सस्ते समानों के लिए भी बहुत famous है, specially cloths के लिए। 

फिर अगर शादी के लिए shopping करनी हो तो उसके लिए फिर इससे बेहतर कोई और market ही नहीं है। एक से एक ख़ूबसूरत लहंगे और वो भी एकदम reasonable price पर। Fancy jewellery, footwear, etc. भी बहुत अच्छे rates में मिल जाते हैं।


अब आप को Noida के सस्ते markets के बारे में बता देते हैं:

Indra Market

अगर आप घरेलू सामान, kitchen का सामान और jewellery लेना चाहते हैं, तो नोएडा के इंदिरा market जरूर जाएँ। यहाँ आपको बेहद ही किफायती दामों में बढ़ियाँ सामान मिल जाता है। 

Navdurga Market

नोएडा का नवदुर्गा market काफी famous है। यहां पर आपको casual wear से लेकर घरेलू सामान, street food सब कुछ किफायती दामों पर मिल सकता है। साथ ही यहाँ पर लोगों की काफी भीड़ लगी रहती है। तो weekend पर जाकर आप इस market का लुत्फ़ उठा सकते हैं।

Savitri Market

यहाँ पर आप mobile or laptop की repairing सस्ते में करवा सकते हैं। 

Atta (अटृा) Bazaar

नोएडा में लगने वाला अट्टा बाज़ार सस्ते बाज़ार के नाम से काफ़ी famous है। यहाँ आपको 50 रुपये से लेकर 500 रुपये तक में बेहतर कपड़े मिल जाते हैं। साथ ही यहाँ पर fancy सामान, electric सामान, footwear और अन्य सामान बेहद कम दामों में मिल जाते हैं।


अब कुछ बाजार, गुरुग्राम के भी बता देते हैं:

Sadar Bazaar

यहाँ पर आप western wear and branded shoes बहुत reasonable price पर खरीद सकते हैं। इसके साथ यहां घरेलू सामान की भी खरीददारी कर सकते हैं। 

अगर आप एक family person हैं, तो यह market specially आप के लिए ही है। Home decor, furniture से लेकर kitchen के जरूरी सामान तक, सब आपको कम दामों में मिल जाएगा। 

Qutub Plaza

गुरुग्राम के qutub plaza में बच्चों के खिलौने, gents-ladies के कपड़े, सब कुछ यहाँ बेहद कम दाम में मिल जाता है। यहाँ 500 रुपये में अच्छे कपड़े खरीद सकते हैं। 

Arjun Nagar Market

अर्जुन नगर Market में भी, reasonable price में बहुत कुछ मिल जाएगा, यहां पर आप 50 रुपये से लेकर 200 रुपये तक में shirt, कुर्ती, boots, t-shirt and jewellery आसानी से खरीद सकते हैं। 

अब अपनी requirements के according, जो भी market आप के घर के पास है, वहाँ से आप shopping कर सकते हैं।

Friday, 19 August 2022

Bhajan (Devotional Song): आए आए हमारे कान्हा जी

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व, जिसके आते ही बच्चों से बड़ों तक सबमें अलग ही उत्साह होता है।

जन्माष्टमी में, कान्हा की बाल लीलाओं की सरलता है, तो कठिन व्रत की संयमता भी, ढेरों पकवान की सुगंध है तो सुरीले भजन की सरसता भी, अपनों का साथ है तो मस्ती की रात भी...

आज उनकी छवि को उकेरता, एक भजन साझा कर रहे हैं। भजन में विशेषता होती है कि अगर उसे दिल से प्रभू  के ध्यान में गाएं तो लगता है मानो, प्रभू साक्षात, अपनी मुरली की तान, मधुर मुस्कान लिए मनमोहक चाल में आकर अपनी लीलाएं प्रदर्शित कर रहे हों🙏🏻🙏🏻


आए आए हमारे कान्हा जी




बाजे बाजे मुरलिया,

बाजे रे।।

आए आए हमारे,

कान्हा जी रे।।


कान्हा की मुरली की,

तान निराली;

सुन सुन हो रही,

दुनिया मतवाली।

आए आए हमारे कान्हा जी।।


बाजे बाजे मुरलिया,

बाजे रे।।

आए आए हमारे,

कान्हा जी रे।।


कान्हा की,

मुस्कान निराली;

रीझ रीझ हो रही,

दुनिया मतवाली।

आए आए हमारे कान्हा जी।।


बाजे बाजे मुरलिया,

बाजे रे।।

आए आए हमारे,

कान्हा जी रे।।


कान्हा की,

चाल निराली;

देख देख हो रही,

दुनिया मतवाली।

आए आए हमारे कान्हा जी।।


बाजे बाजे मुरलिया,

बाजे रे।।

आए आए हमारे,

कान्हा जी रे।।


कान्हा की,

लीलाएँ निराली;

सोच सोच हो रही,

दुनिया मतवाली।

आए आए हमारे कान्हा जी।।


बाजे बाजे मुरलिया,

बाजे रे।।

आए आए हमारे,

कान्हा जी रे।।




आप सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ 💐🙏🏻 

प्रभु की कृपा हम सब पर सदैव बनी रहे 🙏🏻🙏🏻 

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Poem : माँ को कान्हा नज़र आता है 

Short Story : प्रसाद 

Stories - Devotional : दर्शन कान्हा जी का

Bhajan : आया आया है नंदलाला

Thursday, 18 August 2022

Stories - Devotional : दर्शन कान्हा जी का

दर्शन कान्हा जी का 



रितिका, दादी मां की बड़ी लाडली थी, वो माँ से ज्यादा, अपनी दादी मां के साथ ही रहती थी। दादी माँ, आठों पहर लड्डू गोपाल की सेवा में लगी रहती थीं। अतः रितिका भी बचपन से कान्हा जी की बड़ी भक्त हो गई थी।

जब रितिका ने जवानी की दहलीज पर कदम रखा तो, दादी मां, अपने लड्डू गोपाल को रितिका को सौंप कर बोली, रितु, आज से मेरे लड्डू गोपाल तेरे, अब तुम इन्हें जिस रूप में चाहे, उस रूप में पूजना। 

क्या मतलब दादी माँ?

बिटिया, भगवान श्रीकृष्ण को तू जिस रूप में चाहे पूजना, चाहें सखा भाव में, चाहे पति रुप में, चाहें भाई रुप में या पुत्र रुप में... बस याद रखना, उनकी पूजा रोज़ करना। यह कहकर दादी मां, श्री हरि में विलीन हो गयीं। 

इधर दादी मां नहीं रहीं, उधर रितिका का रिश्ता तय हो गया।

रितिका ने माँ से पूछा - मैं किस रुप में कान्हा जी की पूजा करुं?

माँ बोली- मैं क्या बताऊं, तुम्हें कान्हा खुद बताएंगे कि किस रुप में पूजा करो।

रितिका अपनी शादी से बहुत खुश थी, क्योंकि उसका ससुराल वृन्दावन में था और सभी कृष्ण भक्त थे।

जब वो ससुराल जा रही थी तो, वो लोग वृंदावन से कुछ दूर पहले एक जगह, विश्राम के लिए रुके थे।

वहां रितिका के मन में ख्याल आया कि जब शादी हो गई है तो कान्हा जी को पति और सखा भाव में तो पूज नहीं सकती, तो क्या अब पुत्र रुप में पूजा करूं?

फिर उसने अपने लड्डू गोपाल निकाले और उन्हें आदेश देते हुए कहा कि आज से मैं, आप की माँ हो गई हूँ, आप मुझे माँ कहकर बुलाएंगे।

तभी रितिका के कक्ष में एक छोटा सा बालक आया और उसे मैया, मैया कहकर बुलाने लगा और उसका पल्लू खिंचने लगा।

रितिका ने अपना घूंघट और लंबा खिंच लिया और अपने पति के पास पहुंच गयी और कहने लगी, हमारे कक्ष में एक नन्हा बालक आया है और मुझे मैया मैया कहकर बुला रहा है। 

मैं तो यहां किसी को जानती नहीं हूं, ना जाने वो किसका बालक है?

अच्छा! चलो मैं चल के देखता हूं, पर तब तक वो बालक चला गया था।

कोई बात नहीं, यहीं पास का होगा, जब फिर मिलेगा, तब देख लूंगा।

जब वो लोग वृंदावन पहुंचे तो रितिका का ससुराल में बहुत स्वागत हुआ।

अगले दिन रितिका की सास ने अपने बेटे मोहन से कहा कि बहू को आज बांके बिहारी जी के मंदिर ले जा।

रितिका बहुत खुश थी, लंबा सा घूंघट कर के वो मंदिर को चल दी।

मंदिर में भी घूंघट करके खड़ी थी। मोहन बोला- अरे रितिका, बांके बिहारी के दरबार में कौन घूंघट करता है, हटा लें घूंघट...

रितिका ने जैसे ही घूंघट हटाया, उसे फिर वही नन्हा बालक खड़ा दिखाई देने लगा।

उसने तुरंत अपने पति को बोला, अरे यह वही बालक है, जो मुझे मैया मैया बुला रहा था। 

मोहन देखकर दंग रह गया, वो तो साक्षात् बांके बिहारी जी थे।

मोहन ने रितिका से कहा, रितिका तेरी भक्ति धन्य है, हम कब से वृन्दावन में रह रहे हैं पर कभी बिहारी जी ने दर्शन नहीं दिए और तेरे पग रखते ही तुझे मैया मान लिया।

मेरी तो किस्मत खुल गई, जिसे कान्हा जी ने माँ मान लिया, उससे बढ़कर दुनिया में कुछ नहीं।

हरि बोल, जिसने मुझे जिस भाव से चाहा है, मैं उस रुप में मिला हूँ। भक्ति से तो ईश्वर भी बंध जाते है, पर उसमें सतत् आस्था विश्वास और प्रेम अनिवार्य है...


आप सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ 💐🙏🏻

हे प्रभु, हम सब भक्तों पर भी अपनी कृपा दृष्टि बनाएं रखें 🙏🏻🙏🏻 

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Bhajan : आया आया है नंदलाला

Monday, 15 August 2022

Patriotic Song : 🇮🇳 हर ओर तिरंगा है

आज हर एक भारतीय, देशभक्ति के रंग में रंगा हुआ है, हर ओर हमारा तिरंगा यूं लहरा रहा है, मानो पूरा भारत ही तिरंगा बन गया हो।इस दृश्य को देखकर, ऐसा प्रतीत हो रहा है, जैसे हम वो पल, वो हर्ष, वो उत्साह फिर से जी रहे हों, जो 1947 में आज़ादी के समय था...

आइए इस पल को इस देशभक्ति गीत के साथ पुनः जीवित कर लें...


🇮🇳 हर ओर तिरंगा है 🇮🇳




हर ओर तिरंगा है,

हर छोर तिरंगा है।

भारत में जन जन का,

सम्मान तिरंगा है।


है जोश बहुत हम में,

इस जश्न ए आजादी का।

लहू रग में जो दौड़े,

वो जान तिरंगा है।



हर ओर तिरंगा है,

हर छोर तिरंगा है।

भारत में हर दिल का,

अरमान तिरंगा है।


आज़ादी के मतवालों का,

सब मिलकर नमन करें।

जिनकी शहादत का,

पहचान तिरंगा है।


हर ओर तिरंगा है

हर छोर तिरंगा है

जहां पुष्प सभी महके

वो बागान तिरंगा है


आज़ादी के उत्सव का

बीता, साल पचहत्तर है। 

नए सफल भारत का,

स्वाभिमान तिरंगा है।


हर ओर तिरंगा है,

हर छोर तिरंगा है।

भारत में हर मन का,

ईमान तिरंगा है।



हर मज़हब से ऊंचा,

हर जात से ऊंचा है।

भारत की सरगम का,

हर एक गान तिरंगा है।



हर ओर तिरंगा है,

हर छोर तिरंगा है।

भारत के कण कण का,

मान तिरंगा है।



हमारी आन तिरंगा है,

हमारी शान तिरंगा है।

रहे विश्व विजयी परचम,

गुणों की खान तिरंगा है।


हर ओर तिरंगा है,

हर छोर तिरंगा है।

भारत में तन मन का,

अभिमान तिरंगा है।



आप सभी को ७६वें स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ 💐🎉 

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

Friday, 12 August 2022

Short Story : बहन मेरी भी

 बहन मेरी भी 

कंगना ने अभी अभी college में new admission लिया था। 

कंगना बहुत सुंदर और आधुनिक संस्कृति में ढली नवयुवती थी,  उसकी खूबसूरती में गज़ब की कशिश थी कि लोग उसकी तरफ, अनायास ही खींचे चले जाते थे।

College बहुत दूर नहीं था, तो वो अक्सर पैदल ही जाया करती थी।

एक दिन वो, जब घर से कुछ दूर ही आगे बढ़ी थी कि अचानक से एक लड़के ने उसका रास्ता रोक लिया। और उसको देखकर, अजीब अजीब से comments pass करने लगा।

इस तरह के comments, उसे कभी किसी ने नहीं बोले थे, अतः कंगना बुरी तरह से सहम गई, उसने अपने कदमों की रफ़्तार तेज कर दी...

अगले दिन फिर वही लड़का सामने आ गया और उसे अजीब नज़रों से देखने लगा।

कंगना को उसे देखकर बहुत डर लगा, उसने सोचा, कल से अपना रास्ता change कर लेगी।

उसने वही किया, अब उसे वो लड़का दिखना बंद हो गया, कंगना बहुत खुश हो गई।

चंद दिनों बाद, फिर से उस लड़के ने रास्ता रोकना शुरू कर दिया, अबकी बार वो और ज्यादा बेखौफ और बेशर्म लग रहा था।

कंगना की हिम्मत, अब जवाब देने लगी, उसे college जाने के नाम से डर लगने लगा। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे?

अगले दिन,  कंगना, college जाने को ready तो हो गई, पर उसके कदम आगे बढ़ने का नाम नहीं ले रहे थे।

तभी, उसके कुंदन भैय्या, जो कि उस पर अपनी जान छिड़कते थे, बाहर आए, और कंगना को असमंजस की स्थिति में देखकर बोले...

क्या हुआ छोटी? यहां खड़ी हुई क्या कर रही हो? आज college नहीं जा रही हो?

कंगना ने सकुचाते हुए, अपने बड़े भाई कुंदन से पूछा, भैय्या, क्या आप मुझे अब से college छोड़ने चलेंगे?

कुंदन हष्ट-पुष्ट बांका जवान था, कंगना को पूरा विश्वास था कि भैय्या के रहते कोई उसे छेड़ नहीं पाएगा।

क्या हुआ छोटी, तुम्हारा college तो walking distance पर है, फिर college छोड़ने चलने की क्या आवश्यकता है?

भैय्या, एक लड़का मुझे, एक हफ्ते से रोज़ परेशान कर रहा है... कंगना की बात सुनकर, कुंदन का खून खौल उठा, बोला, तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया? 

अच्छा एक काम करो,  छोटी, तुम आगे-आगे चलो, मैं तुम्हारे पीछे-पीछे आ रहा हूं।

कंगना, बहुत खुश थी कि आज उस गुंडे को सबक सिखायेगी।

वो जैसे ही थोड़ी दूर बढ़ी, वही लड़का सामने उसका इंतजार कर रहा था। पर आज कंगना को डर नहीं लग रहा था।

वो खुद उसके सामने पहुंच गई, कंगना को उस लड़के के पास खड़ा देखकर, कुंदन तेज़ कदमों से वहाँ पहुंच गया।

पास पहुंच कर, कुंदन ज़ोर से चिल्लाया, क्यों बे मेरी बहन को परेशान करता है?

उस लड़के ने तुरंत, कंगना के सामने हाथ जोड़ लिए, बोला, बहन, जिसका ऐसा भाई हो, उससे कौन छेड़छाड़ कर सकता है।

बहन!.. कंगना गुस्से से भड़क गई, आज भैय्या को देखा तो बहन...

आपके भैय्या को देखने के बाद ही तो, मैंने आपके साथ ऐसा किया?

क्या मतलब? कुंदन गुस्से से लाल पीला हो रहा था।

वो लड़का, कंगना की ओर मुखातिब होते हुए बोला, मेरा नाम विरेन्द्र है।

आपके भाई, पिछले एक महीने से मेरी बहन कियारा को परेशान कर रहे हैं।

पर इनके डोले-शोले देखकर, मुझसे इनसे भिड़ने की हिम्मत नहीं हुई।

पर मेरी भी बहन है, मुझे भी उसकी रक्षा करनी थी। फिर एक दिन, मैंने आपको इनके साथ देखा। उसी क्षण मैंने सोचा कि अगर मैं आपको परेशान करूं तो यह आपको बचाने अवश्य आएंगे और तब शायद मेरा दर्द और मेरी बहन की परेशानी, आप दोनों समझ सकें? 

अन्यथा आप को परेशान करने का मेरा कोई इरादा नहीं था, बहन...

कंगना ने आज पहली बार विरेन्द्र की तरफ ध्यान से देखा, वो सचमुच शरीफ़ इंसान ही लग रहा था, और आज तक जिस भाई पर उसे बहुत नाज़ था, आज पहली बार, उसे उन पर बहुत क्रोध आ रहा था।

भाई आप भी...?

कुंदन को अपनी बहन की आंखों में, आज अपने लिए प्यार और विश्वास की जगह घृणा दिखाई दे रही थी।

विरेन्द्र, तुम सही कह रहे हो, अगर तुमने मुझसे झगड़ा किया होता तो जरूर से तुम मुझसे हार जाते, पर तुम्हारे इस कदम ने मुझे एहसास करा दिया कि, हर लड़की किसी की बहन या बेटी होती है। किसी को भी बुरी नज़र से नहीं देखना चाहिए।

आज से मैं तुम्हारी बहन तो क्या, किसी भी लड़की से छेड़छाड़ नहीं करूंगा।

मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया है, बहन मेरी भी है और उसे कोई परेशान करे, यह मुझसे बर्दाश्त नहीं तो दूसरे क्यों करेंगे? 

अगर सभी इस बात को समझ लें कि हर स्त्री, किसी की बहन या बेटी होती हैं और कोई उनकी परेशानी बर्दास्त नहीं कर सकता, तो सभी स्त्रियां सुरक्षित होंगी और देश खुशहाल...

आइए इस रक्षाबंधन पर्व पर अपने आप से यह संकल्प लें कि, किसी भी नारी का अपमान ना करेंगे ना होने देंगे...

यह हम सब बहनों के लिए सबसे अच्छा उपहार होगा...🙏🏻


रक्षाबंधन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ 💐🎉 

Thursday, 11 August 2022

Poem: बंधन प्यार का

बंधन प्यार का




राखी, प्रेम सौहार्द का त्यौहार,

कलुषित हो रहा है, इस बार,

पूर्णिमा, भद्रा की है तकरार;

असमंजस में है सारा संसार।


पूर्णिमा, भद्रा में कौन है भारी,

कब की करें, राखी की तैयारी,

अलग-अलग, सब के मत;

नहीं हो रहे सब सहमत।


इतना मत करो सोच विचार,

यह है प्रेम का त्यौहार,

राखी को राखी रहने दो;

प्रेम की गंगा बहने दो।


बल्कि यह त्यौहार नहीं, 

एक बंधन है,

बंधन प्यार का;

भाई बहन के संसार का।।


आप सभी रक्षाबंधन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐🎉



Wednesday, 10 August 2022

Tips : Liquid dish wash

हम सभी सोचते हैं कि हमारे बर्तन चमकदार रहें, तो चलिए आज आप को liquid vim bar जैसे साबुन को घर पर ही बनाने का method बता देते हैं। 

घर पर बनाने से यह काफ़ी किफायती बनता है, तो अगर आप की maid ज्यादा साबुन भी use करेगी, तो भी उससे आप की झिकझिक नहीं होगी और आप उससे पूरे  रूआब से बोल सकेंगी, तुम्हें साबुन हम खूब सारा दे रहे हैं, अब बर्तन भी खूब साफ़ और चमकदार होने चाहिए। 

इसको बनाने के लिए जो सामान चाहिए, वो सब आपको घर पर ही मिल जाएंगे, और अगर घर पर ना हो तो आप को किराने की दुकान पर सब easily मिल जाएगा।

तो झटपट सब देख लीजिए, और इसे अपने घर पर भी बनाएं।

Liquid dish wash




Materials required:

100gm. - Salt 

2tbsp - Surf/Detergent powder

100 gm. - Vinegar 

250 gm. - Lemon 


Method:

  1. 1 Cup पानी में नमक घोल लें, अगर नहीं घुल रहा है तो पानी को हल्का गर्म कर लें। इससे नमक जल्दी ही घुल जाएगा।
  2. नमक के solution में सर्फ मिक्स कर लें। 
  3. नींबू को छोटा काट कर, 1 glass पानी के साथ pressure cooker में डालकर 2 whistle लगा लें। फिर उसे mixer में डालकर पीस लें, जिससे एक thick paste बन जाए।
  4. अब नींबू के paste को छानकर, नमक-सर्फ के घोल में डालें और अच्छे से mix कर लें। फिर सिरका डाल कर mix कर लें। अब इसमें 1 glass पानी डालकर mix कर लें।
  5. इस solution को थोड़ी देर पका लीजिए। 
  6. Boiling का काम 5-7 minutes में हो जाएगा। 

Now, Liquid dish washer is ready to use.

तो फिर सोचना क्या है, liquid dish wash बनाएं, और अपने बर्तनों को चमकदार और germ-free बनाएं।

Monday, 8 August 2022

Article : रक्षाबंधन पर्व और भद्रा

 रक्षाबंधन पर्व और भद्रा  


इस साल रक्षाबंधन पर्व को लेकर दुनिया भर की अटकलें लगाई जा रही हैं, जो कहीं ना कहीं त्यौहार की मिठास को खत्म कर रही है।

सावन की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है, उसके अनुसार रक्षाबंधन पर्व और मूहर्त इस प्रकार हैं- 

 रक्षाबंधन तिथि व उसके शुभ मुहूर्त - 

पूर्णिमा तिथि आरंभ - 11 अगस्त, सुबह 10 बजकर 38 मिनट से 

पूर्णिमा तिथि की समाप्ति- 12 अगस्त, सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर

शुभ मुहूर्त- 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक

अमृत काल- शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 4 बजकर 29 मिनट से 5 बजकर 17 मिनट तक 

पर, कहा जा रहा है कि इस बार रक्षाबंधन पर्व पर भद्रा काल का काला साया है। अतः उस समय रक्षा सूत्र(राखी) बांधा जाना, अनिष्ट का द्योतक है।

भद्रा काल के विभिन्न मत 

भद्रा काल को लेकर भी विभिन्न मत सुनाई दे रहे हैं, जैसे कहीं पंडित और ज्योतिषाचार्य कह रहे हैं कि रक्षाबंधन पर्व में लगने वाली भद्रा, मृत्युलोक (यानी, पृथ्वी लोक) में ना होकर, पताल लोक और स्वर्ग लोक में लग रही है, अतः यह भद्रा अतिशुभ फल दायक है, इसमें राखी का बांधा जाना बहुत शुभ है।

 वहीं दूसरी ओर पंडित और ज्योतिषाचार्य कह रहे हैं कि भद्रा काल में किया गया कार्य अनिष्ट की ओर ले जाता है।

यह तो हुई, भद्रा काल को लेकर विभिन्न मत, अब जानते हैं कि यह भद्रा काल कब से कब तक होगा।

भद्रा काल का समय 

जिस तरह से भद्रा काल के लिए विभिन्न मत हैं, उसी तरह इसके समय को लेकर भी आप को कोई एक मत नहीं दिखेगा।

कुछ पंडित और ज्योतिषाचार्य बोल रहे हैं कि इस बार रक्षाबंधन पर यानी 11 अगस्त को दिनभर भद्रा काल का साया रहने वाला है। भद्रा 11 अगस्त की रात को 8 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। ऐसे में कुछ ज्योतिषाचार्यो का कहना है कि भद्रा की समाप्ति के बाद ही रक्षा सूत्र बांधना चाहिए। इस दिन चर चौघड़िया रात में 8.30 बजे से 9.55 बजे तक रहेगी ऐसे में यह समय राखी बांधने के लिए सबसे शुभ समय रहेगा। इस बार पूर्णिमा तिथि सूर्योदय से तीन मुहूर्त से कम समय तक रहेगी। ऐसे में कुछ पंडितों का मानना है कि रक्षा बंधन 11 अगस्त को ही मनाना चाहिए। जबकि कुछ का कहना है कि राखी बांधने का कार्य 12 अगस्त को किया जाए, वही शुभ है।

वहीं कुछ कह रहे हैं कि भद्रा काल शाम 5 बजकर 17 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक व शाम 6 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 8 बजे तक है, अतः 11 अगस्त को दिनभर, और रात्रि में राखी बांधे जाना शुभ है, केवल संध्या समय पर राखी बांधने का कार्य ना करें।

रक्षाबंधन 2022 भद्रा काल का समय 

रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल की समाप्ति- रात 8 बजकर 51 मिनट पर 

रक्षाबंधन के दिन भद्रा पूंछ- 11 अगस्त को शाम 5 बजकर 17 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक 

रक्षाबंधन भद्रा मुख - शाम 6 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 8 बजे तक।

अतः भद्रा काल के अनुसार रक्षाबंधन पर्व का शुभ मुहूर्त

11 अगस्त 2022 को रात के 8 बजकर 52 मिनट से 9 बजकर 55 मिनट तक है। यह समय राखी बांधने के लिए सबसे शुभ समय रहेगा। 

12 अगस्त को प्रातः 7 बजकर 5 मिनट तक।


अब इतने सारे राखी बांधने के मुहुर्त और भद्रा काल का समय देखकर आप स्वयं समझें कि आप को क्या समय सही लगता है।

जब हम लोग बच्चे थे, तब Facebook, WhatsApp, Instagram, etc. कुछ नहीं था। 

तब भी हम राखी बांधने का मुहूर्त देखा करते थे। 

क्या हुआ चौंक गए? कि तब कहाँ मुहुर्त देखा करते थे?

तो याद कीजिए कि देखा करते थे, पर वो मुहुर्त पंचांग से नहीं देखा जाता था, बल्कि वो मुहुर्त होता था कि भाई और बहन आपस में कब मिल सकते हैं, वो मिलन की घड़ी ही शुभ मुहुर्त होती थी। और इस शुभ मुहूर्त का आधार होता था, भाई-बहन का आपसी स्नेह, एक दूसरे के लिए शुभकामनाएं; और उस शुभ मुहूर्त से हम सब भाई-बहन का सदैव शुभ ही रहा।

याद आया आपको?

तो अब क्या हो गया है ? क्या आज के भाई-बहन में वो पहले-सा स्नेह नहीं रहा? एक-दूजे के लिए शुभकामनाएं नहीं रही?

अगर है तो, इतना भद्रा काल और मुहुर्त आदि को क्या देखना?

वैसे भी भाई-बहन के स्नेह और शुभकामनाओं से बढ़कर कुछ भी नहीं, त्यौहार की मिठास और उसके अस्तित्व को यूं धूमिल ना करें।

बाकी जिन्हें मुहुर्त ही देखना है, उनके लिए सभी तरह के मुहुर्त प्रस्तुत कर दिए हैं,आप अपने अनुसार उन मुहुर्त में रक्षा सूत्र(राखी) बांध सकते हैं।

जिस भी समय और दिन में रक्षाबंधन पर्व मनाएं, वो आपकी इच्छा, पर मनाएं पूरे हर्षोल्लास और स्नेह पूर्वक।


आप सभी को रक्षाबंधन पर्व पर अनेकों शुभकामनाएं व बधाइयां।

Sunday, 7 August 2022

Poem : एक दोस्त ज़रूरी है

एक दोस्त, जरूरी है


एक दोस्त की क्या ज़रूरत,

 जब इतने रिश्ते हैं साथ अपने:

 माता-पिता, भाई-बहन, 

बीवी-बच्चे हैं पास अपने।


सारी दुनिया, इन्हीं में,

तो समाई है,

फिर दोस्त की क्यों, 

याद सताई है।


हमने सोचकर कहा,

कुछ बात तो होगी;

वरना कान्हा ने सुदामा से

क्यों मित्रता निभाई है?


सक्षम थे प्रभू श्रीराम, 

फिर क्यों उन्होंने

सुग्रीव की सहायता से,

लंका में विजय पाई है?


क्योंकि, अगर दोस्त हो सच्चा,

तो जिंदगी का पूरक बन जाता है।

उसकी मौजूदगी का एहसास,

जीवन में सम्पूर्णता लाता है।


कभी वो माँ बन प्यार लुटाता है,

कभी पिता सा सख़्त हो जाता है।

कभी भाई-बहन सा साथ दे,

जीवन सरल बनाता है।


कभी बीवी सा रूठ जाता है,

कभी बच्चा, बन खिलखिलाता है।

जीवन में जब जो रंग हों भरने,

उस रंग में वो रंग जाता है।


एक दोस्त, ज़रूरी है,

सबको इस जीवन में;

यह तो जिंदगी का,

हर पल, हर लम्हा समझाता है।


 Happy Friendship Day 

Wednesday, 3 August 2022

Recipe: Onion Rings

आप अपनों के साथ बालकनी में बैठे हों, रिमझिम बारिश हो रही हो, ठंडी हवाएं चल रही हों, फूलों की मस्त सुगंध आ रही हो, ऐसे में कुछ, crispy and tasty खाने को मिल जाए तो दिन बन जाए...

तो चलिए, आप के इसी mood का ध्यान रखते हुए आज की recipe share करते हैं।

आप सोच रहे होंगे कि बारिश का मौसम है तो हम पकौड़े की बात कर रहे हैं, तो हम कहेंगे कि नहीं जी, पकौड़े तो आप ने बहुत खाएं होंगे, उनकी फिर कभी बात करेंगे, आज तो हम आप से crispy Onion rings की बात कर रहे हैं, तो चलिए झटपट recipe देख लीजिए और अपनी भी एक शाम हसीन बना लीजिए...

Onion Rings 



Ingredients 

Onion - 2 Big

All purpose flour - ½ cup

Corn flour - 1½ cup

Salt - as per your taste 

Chilli flakes - as per your taste 

Chilled water - ½ glass 

Eno - 1 tsp.

Black pepper - ½ tsp.

Herbs - optional 

Oil for frying 

Panko Bread crumbs -  ½ Cup


Method

Onion को peal कर लीजिए और उसकी thick rings काट लीजिए। 
अब सारी rings अलग-अलग कर लीजिए।



एक plate में bread crumbs लें लीजिए। 


एक bowl में, all purpose flour, cornflour, salt, pepper, chilli flakes, water, eno डालकर अच्छे से mix कर लीजिए, और pouring consistency का solution बना लीजिए।





Onion ring को solution में dip कर लीजिए, फिर उसे bread crumbs में roll कर लीजिए। 

यह process 2 times कर लीजिए, जिससे onion पर proper coating रहे। 
इसी तरह से सारी rings ready कर लीजिए।

एक wok में oil गर्म होने के लिए रख दीजिए।  
Medium high flame पर सारे rings, golden brown होने तक fry कर लीजिए।
Now crispy tasty Onion rings are ready to serve.

You can serve them with tomato sauce, any dip or Schezwan sauce. 

Perfect crunch के लिए कुछ tips and tricks भी बता देते हैं।

Tips and Tricks  

  • Onion बड़ा लीजिएगा, जिससे proper rings बनाना easy रहे। 
  • Onion ऐसा लीजिए, जिससे पूरी एक बड़ी सी ring बने। 
  • ऐसा प्याज मत लीजिएगा, जिसमें दो छोटी छोटी ring बने, वो Onion Rings बनाने के लिए, proper Onion नहीं होगा।
  • अगर ½ glass से solution, thick बन रहा हो तो आप उसमे और पानी मिला लीजिए। मैदा, कार्न फ्लोर का घोल, pouring consistency का होना चाहिए।
  • आप spicy flavour अपने taste के according कम ज्यादा कर सकते हैं।
  • Rings thick काटें, जिससे ring, solution में dip करने से, bread crumbs में roll करने और fry करने में टूटे नहीं, और अपने shape, contain रख सके। 
  • 2 times coating process करने से ही coating proper होती है। ऐसा करने से coating, fry करते time हटेगी नहीं, साथ ही onion rings बहुत crispy भी बनेंगी।
  • Panko Bread crumbs, readymade मिलते हैं। अगर आप को वो नहीं मिले, तो आप bread को तवे पर slow flame पर slightly सेंक लें।
  • मगर ध्यान रहे कि Bread का रंग ना बदले, केवल उसे dry करने के लिए सेंकना है।
  • फिर dry Bread को mixer grinder में डालकर Bread crumbs बना लीजिए।
  • इससे texture थोड़ा different आएगा पर taste almost same आ जाएगा।
  • आप ठंडे पानी और eno powder की जगह soda water भी ले सकते हैं। 
  • Restaurants में Onion rings बनाने में, soda water and Panko Bread crumbs ही use किया जाता है। अगर आप को वही texture and taste देना है तो, यही ingredients use कीजिए। 
  • पर जब हम घर में तैयार कर रहे हैं तो, ठंडा पानी, eno powder and normal bread crumbs भी use कर सकते हैं।

तो सोचना क्या, बना लीजिए crispy tasty Onion rings, शाम की चाय के साथ और बना लीजिए, शाम हसीन...

Tuesday, 2 August 2022

Article: नागपंचमी पर्व, मनाने का कारण

नागपंचमी पर्व, मनाने का कारण 


श्रावण का पवित्र मास, भोलेनाथ को प्रसन्न करने का माह होता है। इस मास के हर सोमवार का महत्व तो होता ही है, साथ ही बीच-बीच में अन्य पर्व भी आते हैं, जिनका अपना-अपना महत्व होता है। 

जैसा कि आप जानते हैं कि हमारी भारतीय संस्कृति में कण-कण में भगवान का अस्तित्व मानते हैं। हम सभी को ईश्वर तुल्य मानकर पूजा, व्रत इत्यादि करते हैं।

ऐसा ही एक पर्व है, नागपंचमी पर्व। इसमें नागों की पूजा की जाती है, उन्हें ठंडा दूध चढ़ाया जाता है।

सदियों से नाग देवता की पूजा करते आ रहे हैं। 

हमारी पीढ़ी तो माता-पिता के कहने भर से, बिना किसी सवाल जवाब के सब कार्य करते जाते थे।

पर आज कल की पीढ़ी, हर बात के पीछे का तथ्य जानने को उत्सुक रहती है। सही तरह से देखें तो इसमें कोई बुरी बात भी नहीं है, क्योंकि जब हर तथ्य को सही से जानेंगे, तभी अपनी संस्कृति से पूर्णत: जुड़ेंगे भी।

तो सबसे पहला कारण तो यह है कि जब हमें भगवान शिव को पूर्ण रूप से प्रसन्न करना है तो, उनसे लिपटे, नागदेव को भी प्रसन्न करना ही चाहिए। यह तो रही, भोलेनाथ से प्रेम, आस्था, विश्वास और भक्ति से जुड़ी बात... 

अब आप को वेद, पुराण, ज्योतिष,आदि, के अनुसार बताते हैं कि क्यों नाग देवता की पूजा की जाती है? क्या कारण है कि नागों को दूध चढ़ाया जाता है?

तो सुनें... 

हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शु्क्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। यह दिन नाग देवता की पूजा के लिए समर्पित होता है। 

नाग पंचमी का महत्व

पुराणों के अनुसार

ऐसी मान्यता है कि इस पर्व में नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने से अपार धन और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। पौराणिक काल से सर्प देवताओं की पूजन की परंपरा है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नाग पंचमी के दिन नाग देवताओं की आराधना करने से जातकों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है व नाग पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त में नाग देवता की विधि विधान से पूजा करने से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है और यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो उससे भी मुक्ति मिलती है।

इस बार 2 अगस्त को नाग पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। 

नाग पंचमी शुभ मुहूर्त :

नाग पंचमी तिथि की शुरुआत- 02 अगस्त सुबह 05 बजकर 13 मिनट से

नाग पंचमी तिथि समाप्त- 03 अगस्त सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक 

इस साल नाग पंचमी पर शुभ संयोग

इस साल की नाग पंचमी बहुत खास है, क्योंकि इसमें दो शुभ संयोग बन रहे हैं। दरअसल इस दिन मंगला गौरी व्रत भी रखा जाएगा। इस प्रकार नाग पंचमी के दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की कृपा पाने का भी शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन यदि आप भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी करेंगे तो ये आपके लिए लाभकारी होगा।

नाग पूजा करने का कारण

पौराणिक कथा के अनुसार जनमेजय अर्जुन के पौत्र राजा परीक्षित के पुत्र थे। जब जनमेजय ने पिता की मृत्यु का कारण सर्पदंश जाना तो उसने, बदला लेने के लिए सर्प सत्र नामक यज्ञ का आयोजन किया। नागों की रक्षा के लिए यज्ञ को ऋषि आस्तिक मुनि ने श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन रोक दिया और नागों की रक्षा की।

 इस कारण तक्षक नाग के बचने से नागों का वंश बच गया। आग के ताप से नाग को बचाने के लिए ऋषि ने उन पर कच्चा दूध डाल दिया था। तभी से नागपंचमी मनाई जाने लगी। वहीं नाग देवता को दूध चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई। 

 नाग देवों की पूजा व स्मरण

नाग पंचमी के दिन जिन नाग देवों का स्मरण कर पूजा की जाती है। उन नामों में अनंत, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट, शंख, कालिया और पिंगल प्रमुख हैं। इस दिन घर के दरवाजे पर सांप की 8 आकृतियां बनाने की परंपरा है। हल्दी, रोली, अक्षत और पुष्प चढ़ाकर सर्प देवता की पूजा करें। कच्छे दूध में घी और शक्कर मिलाकर नाग देव का स्मरण कर उन्हें अर्पित करें।