Sunday, 14 November 2021

Poem : जब हम बच्चे थे

आज बाल दिवस में अपना बचपन याद आ गया, सोचा उसी पर लेखनी चलाई जाए....

जब इसे पढ़िएगा या सुनिएगा तो हर शब्द में डूब जाइएगा, हमें पूरा विश्वास है आप भी अपना बचपन इन चंद लम्हों में पुनः जी लेंगे...

तो चलिए बचपन की गलियों में, उन यादों में जो बहुत मीठी थी... उन दिनों से बढ़कर कोई दौलत नहीं है...


जब हम बच्चे थे



जब हम बच्चे थे,
बड़े अमीर हुआ करते थे।।

पानी में जहाज चलते थे हमारे,
आसमां में भी उड़ा करते थे।
ज़मीं से आसमां तक,
 राज्य किया करते थे।।

जब हम बच्चे थे
बड़े अमीर हुआ करते थे

गुल्लक ही हमारे बैंक होते थे,
100, 200 इकट्ठे हो जाए तो।
हम राजा हो जाया करते थे।।

जब हम बच्चे थे,
बड़े अमीर हुआ करते थे।।

दादी-नानी, बुआ चाची, मौसी मामी,
सारे ही तो हमारे घर हुआ करते थे।
पड़ोसी भी ग़ैर नहीं होते थे।।


जब हम बच्चे थे,
बड़े अमीर हुआ करते थे।।

भूखे होने भर से,
सबके, बस एक एक हिस्से से।
प्लेट भर लिया करते थे।।


जब हम बच्चे थे,
बड़े अमीर हुआ करते थे।।

एक दो के लिए नहीं तरसते थे, 
दोस्तों की पूरी फौज रखते थे।
खेल कूद, मस्ती दिन भर करते थे।।

जब हम बच्चे थे,
बड़े अमीर हुआ करते थे।।

तन्हाई, उदासी तो जानते ही नहीं थे,
दिन भर तितली सा उड़ा करते थे‌।
घर में कैद नहीं रहा करते थे।।

जब हम बच्चे थे,
बड़े अमीर हुआ करते थे।।

जब देखते थे टीवी,
बड़े भी साथ हुआ करते थे।
अकेले बैठ चैनल नहीं बदला करते थे।।

जब हम बच्चे थे,
बड़े अमीर हुआ करते थे।।


जब हम बच्चे थे,
बड़े अमीर हुआ करते थे।।





आप सभी को बालदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐 
Happy children's day 🥳🎂🎁🎉🍕🍟🍫🍭🍿🍧🧁