Sunday, 10 May 2020

Recipe : Lockdown special 4

Lockdown special 4

तन्हाई का आलम, इस क़दर बड़ा, कि हमारे पास दिल भी है, यह अभी पता चला।

यह धड़कता भी है, बच्चों सा मचलता भी है।

वरना, इस भाग-दौड़ में तो हम खुद को ही भूल गए थे।

इस Lockdown के कष्ट भरे पल में से कुछ स्वादिष्ट पल हमने चुरा लिए हैं।

और आप सब ने मिलकर, हमारा इसमें खूब साथ दिया।

पिछले चंद दिनों में हमने
आप के लिए post किए, जिन्हें बहुत सराहा गया।
इन दिनों Ice-Creams and Beverages की बहुत easily and quickly बनने वाली recipes post की। जिन्हें भी आप ने बहुत पसंद किया।



आप सबकी सराहनाओं व प्यार का ह्रदय से अनेकानेक धन्यवाद 🙏❤️

आप इन सब recipes को बनाकर यूं ही वाह-वाही पाते रहिए और हम से ऐसे ही जुड़े रहिएगा।

आगे हम आपको, कुछ और sweet dishes and traditional dishes बताने जा रहे हैं।

ईश्वर से प्रार्थना है कि आप सब के घर खूब मीठा-मिठाई बने और India से कोरोना, हमेशा हमेशा के लिए चले जाए।🙏🏻  🙏🏻

Poem :. माँ और मैं

माँ और मैं



मैं, चैन से सोता रहा।
माँ, रात भर चादर उढ़ाती रही;
मुझे ठंड से बचाती रही।

मैं, दिन भर पढ़ता रहा।
माँ, मुझे निवाला खिलाती रही;
कमजोर होने से बचाती रही।

मैं, मंजिलों की तलाश करता रहा।
माँ, रास्ते दिखाती रही;
मंजिलों तक पहुंचाती रही।

जिन्दगी की, उलझनों में फंसता रहा।
माँ, मेरा हौसला बढ़ाती रही;
मुझे गिरने से बचाती रही।

मैं, जिन्दगी हूँ उनकी।
उनके, जिन्दगी के हरपल से
 यह बात समझ आती रहीं।।

आज़ हूँ, जिंदगी के
उस, मुकाम पर;
जब सब मेरे पास है।।

पर जब भी सोचता हूँ,
अपनी माँ के बारे में;

ना, मैंने कभी उन्हें चादर उढ़ाई।
रोटी,ना कभी हाथों से खिलाई;
वो सबसे ख़ास हैं, मेरे लिए,
यह बात भी, ना कभी उन्हें बताई।।

क्योंकि चाहकर भी, माँ के जैसा।
मैं, कभी बन सकता नहीं।।


क्योंकि माँ, माँ है।
मैं नहीं,
उनके बिना मेरा;
अस्तित्व ही नहीं।।

माँ में ही है, केवल वो शक्ति।
जो ईश्वर को भी, सीखा सके,
उनके जैसी, सोच दुनिया में,
कोई भी ना पा सके।।


🙏🏻सभी माँ को समर्पित ‌🙏🏻

💐 मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ  💐