Friday, 12 July 2024

Article : RBI - एक बड़ा भाई (Part - 2)

आपको RBI - एक बड़ा भाई (Part-1) में हमने कहा था कि आपको RBI Bank से related जो दूसरी news देनी है वो बहुत-बहुत ज़रूरी है, उसे भी अवश्य पढ़ें और उसे पढ़ने के बाद आपको लगेगा, क्या ऐसा भी संभव है, साथ ही आपको समझ आएगा, हर problem का solution है, बस आपको जाना सही जगह है, मिलना सही इंसान से है...

तो चलिए उस दूसरी news को भी बताते हैं।

RBI - एक बड़ा भाई (Part - 2)

पतिदेव को 20,000 रुपए का कुछ आवश्यक काम था, तो उन्होंने ATM से रुपए निकाले।

20,000 में से 19,500 रुपए निकले और पांच सौ रुपए नहीं निकले। उन्होंने कई बार गिना, पर रुपए 19,500 ही निकले।

तब उन्होंने एक बार वहां लगे cctv camera में दिखा कर गिन दिए, कि रुपए 19,500 ही हैं। और वहां के security guard के पास उपलब्ध complaint register में अपनी complaint लिख दी।

उसके बाद उन्होंने bank की nearest branch से संपर्क किया और अपनी समस्या बताई, तो उन्होंने कहा कि अगर यह transaction उनकी branch से attached वाले ATM से होता तो, वो अवश्य समस्या का समाधान करते, पर अब इस case में वो कुछ नहीं कर सकते। 

यहां पर आपको एक जानकारी दे दें कि, ATM Branch से attached नहीं होने का यह मतलब नहीं है कि वो, bank से जुड़े नहीं होते हैं। सभी ATM किसी ना किसी bank से ही जुड़े होते हैं।

तब 'bank से attached' से नहीं का क्या मतलब है?

आप ध्यान दीजिएगा, दो तरह के ATMs होते हैं।

एक onsite ATM और एक offsite ATM.

Onsite ATM, banks की branch के साथ ही होते हैं।

Offsite ATM, कहीं भी हो सकते हैं, market में, society में, highway में, कहीं दूर-दराज़ जगह इत्यादि में, उनके बगल में bank नहीं होता है। ऐसा लोगों की सुविधा के लिए बनाया गया है कि, जब आपको रुपयों की आवश्यकता हो, आप निकाल सकें।

लेकिन जब समस्या इन्हीं ATM के कारण आ जाए तो उसकी सुनवाई कैसे हो, यह एक बड़ी समस्या है। 

तब, किसी bank की कोई branch हाथ नही रखती है।

तो कोशिश कीजिए कि, जितना हो सके, money transaction, onsite ATM से working hours में ही करें, जिससे सुनवाई साथ के साथ हो जाए।

अरे! पर अगर समस्या आ ही गई है तो क्या कोई solution नहीं है?

है, बिल्कुल है, बस उसी समस्या का हल लेकर आया है, Shades of Life.

और वो हल क्या है, हम आपको विस्तार में बताते हैं...

हमारे पतिदेव ने इस समस्या के आने के बाद, सबसे पहले bank, जिसमें उनका account था, complaint register की। और problem solve होने का इंतजार किया...

उसका result आया कि case closed... लेकिन कुछ दिन इंतजार के बावजूद, पैसे वापस नहीं मिले।

अब उन्होंने अपने असंतुष्ट होने की बात को Bank में register की, और फिर इंतजार किया कि शायद अब कुछ हो।

पर result, वही का वही, पैसे वापस नहीं आए...

उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करें? 

हमारे पति के एक और मित्र हैं bank में, जब उनसे बात हुई तो, उन्होंने कहा कि तुम RBI में complaint डालो।

समस्या से जूझते हुए 10 - 12 दिन निकल चुके थे।

तो उन्होंने RBI की site पर अपनी complaint डाली, वहां पर एक form भरना था, जो कि बहुत ही systematic था, उन्होंने उसे भरा, जिसमें उन्होंने अब तक के सारे evidence दिए। 

बात 500 रुपए की नहीं थी, आप सोच रहे होंगे कि 500 रुपए के लिए, इतना कुछ...

बात थी हक की, मेहनत की कमाई की और सबसे बढ़कर सच्चाई की...

और अब देखिए कि, उसका क्या result रहा..

अगले ही दिन उनके account में 500 रुपए आ गये। साथ ही 2 दिन बाद 1,200 भी आ गये।

1,200 रुपए क्यों आए, यह समझ नहीं आया... पर फिर उन्हें याद आया कि उसमें problem होने के कारण compensation भी लेने का option दिया था, जिसे पतिदेव ने भरा था।

Problem को 12 दिन बीत चुके थे, अतः हर रोज़ के हिसाब से 100 रुपए जोड़ने से 1,200 बनते हैं तो उन्हें भी account में भेज दिया गया था।

तो आपने देखा, कैसे एक बड़े भाई की तरह RBI, आपकी problem का solution देता है।

तो अगर आप को भी ऐसी या bank से जुड़ी हुई कोई problem है और solution आपका bank नहीं दे रहा है, तो एक बार, अपने RBI (बड़े भाई) से संपर्क अवश्य करें...


Problem free रहें, प्रसन्न रहें।

Sayonara...