Thursday, 31 March 2022

Tip : Fastag fraud

 Fastag fraud 

आज आप के लिए, ऐसी awareness लाएं हैं, जो किसी के साथ कभी भी हो सकती है, तो रहें सावधान और इस tip को ध्यान से पढ़िए और अपने सभी near and dear ones को भी बताएं...

आप जब भी national highway use करते हैं तो आप को हर 60 km. पर toll tax देना होता है, जो 35-70 रुपए से लेकर 150-200 से 300 रुपए तक होता है।

पहले यह cash में दिया जाता था, पर जब से fastag लगा है, इसे cashless कर दिया गया है।

आप सोच रहे होंगे कि यहाँ fraud कहाँ हो रहा है? तो थोड़ा धैर्य रखें, हम उसी के विषय में बताने जा रहा है।

जब आप toll plaza से जा रहे होते हैं तो  fastag द्वारा toll tax, scan कर लिया जाता है और amount आप के account से कट जाता है।

कभी ऐसा हो कि आप toll plaza से निकले और fastag को उनका scanner, scan नहीं कर पा रहा हो, तो black list tag आ जाता है।

आप से कहा जाएगा कि आप अपना vehicle थोड़ा आगे पीछे कर लीजिए, जिससे कि fastag scan हो सके।

अगर तब भी fastag, scan नहीं हो रहा होगा, तो वो आप से कहेंगे कि हम handheld reader लेकर आते हैं, यह हाथ से पकड़ी जाने वाली मशीन होती है, जिससे Fastag, scan किया जा सकता है। पर उसमें भी आप का invalid fastag आ रहा हो तो, आप को toll tax, manually pay करने को कहा जाएगा।

और वो आपको उस amount की पर्ची काटकर दे देंगे, बस यहीं ध्यान देना है, आप जल्दी में होंगे और वो आपको किसी भी number की पर्ची पकड़ा देंगे। किसी भी vehicle का, जिसका toll tax पहले ही लिया जा चुका है। ध्यान रखिएगा कि जहाँ कहीं भी आप खर्च करें, उसके bill पर नाम आप का ही हो। क्योंकि सही नाम होने से ही वो पैसा सरकार के पास जाएगा, वरना सारा पैसा black money बनकर करने वाले की pocket में जाएगा।

साथ ही जब आगे कभी आप को किसी तरह की कोई enquiry करनी होगी, तो यह छोटे-छोटे सबूत, बहुत बड़े-बड़े role play करते हैं। 

अगर आप का नाम या आपकी कोई पहचान जैसे number आदि आपके bill में होंगे, तभी वो मान्य है अन्यथा आप के bill pay करने के बाद भी आप को defaulter माना जा सकता है।

दूसरा कई बार ऐसा भी होता है कि आप किसी भी card से bill, pay कर रहे हों तो, amount तो deduct हो जाता है, पर किसी error की‌ वजह से show नहीं होता है। पर अगर आप को बाद में details मिलती है कि वो amount deduct हो गया था, तो आपके complain करने से वो amount आपको later or sooner refund हो जाता है। 

पर इसके लिए भी जरूरी है कि उस समय मिलने वाली पर्ची पर नम्बर आपके vehicle का ही हो।

सावधान रहें, सतर्क रहें और सुरक्षित रहें ...

Monday, 28 March 2022

Article : हिन्दू-एकता- एक आवश्यकता...

हिन्दू-एकता- एक आवश्यकता...

सदियों से हिन्दूओं का शोषण हो रहा है।

और उसकी शुरुआत कश्मीर से नहीं हुई है, बल्कि तब से हुई है, जबसे भारत को कभी धन के लालच में, कभी मजहब के नाम पर, कभी सत्ता के नाम पर, कभी स्त्री के सौंदर्य के लिए शोषित किया जाता रहा है।

पर यह सिर्फ और सिर्फ भारत में ही संभव हो सकता था कि बरसों बरस रहकर भी दुश्मन ना तो इसके अस्तित्व को मिटा सका है और ना ही इसकी संस्कृति को। 

क्योंकि सदियों के शोषण के बाद भी चिंगारी नहीं बुझी। 

पर उस चिंगारी को ज्वाला बनाने का समय आ गया है। हिन्दुओं में बढ़ती हुई एकता ने बहुत कुछ बदलना प्रारंभ भी कर दिया है, जानना चाहते हैं कि वो क्या है?...

  • सम्पूर्ण विश्व में पहले से ही हिन्दू धर्म का बोलबाला था। लेकिन हिन्दुओं की बढ़ती हुई एकता से हिन्दूओं की स्वीकार्यता विश्व व्यापी हो गई है।
  • एक बहुत बड़ा प्रभाव यह है कि Bollywood दवाब में आ गया है, उन्हें हिन्दूओं का विरोध, हिन्दू देवी-देवताओं का मज़ाक उड़ाने में अपने भविष्य बर्बाद होता नज़र आने लगा है। Film के producer,director, actor, actress, अब किसी भी तरह की बकवास बातें करने से बचने लगे हैं।
  • केन्द्र और राज्य सरकारें दवाब में आने लगी हैं, डरा, धमका कर धर्म परिवर्तन कराने वाली, मिशनरी और NGO's बंद किए जा रहे हैं।
  • लव जिहाद के खिलाफ, धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनने लगे हैं, जिससे अत्याचारों में कमी आ रही है।
  • बहुत से नेता अपने आप को हिन्दू दर्शाने के लिए मंदिर जाना, जनेऊ धारण करने जैसा कार्य कर रहे हैं। अब हिन्दू वोट की शक्ति प्रबल हो उठी है।
  • हिन्दुओं के पर्व पर jokes बनना, उन त्यौहारों में बेवजह की रोक लगाया जाना बंद होना प्रारंभ हो गया है।
  • सनातन धर्म पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आक्षेप लगाकर हमले किए जाने का काम बंद होता जा रहा है।
  • हिन्दुओं की एकता से सनातन और देश शक्तिशाली हो रहा है।
पर एक और विषय हमारे सामने आ रहा है, वो है जातिवाद।
हम सभी को जात-पात से ऊपर उठकर धर्म को प्राथमिकता देनी होंगी। हमें जैन, बुद्ध, सिख, ब्राह्मण, राजपूत, ठाकुर, सुनार, बनिया, यादव, चमार, पासी से ऊपर उठकर हिन्दू बनना होगा।

जिस दिन हम सब सिर्फ और सिर्फ हिन्दू हो गये, उस दिन भारत से आरक्षण का अभिशाप खत्म हो जाएगा जिससे हमारा देश सर्वशक्तिशाली, सर्वश्रेष्ठ, समृद्धशाली हो जाएगा। 

हर देश सुरक्षा, सेवा और विकास के लिए भारत की ओर ही उन्मुख रहेगा।

कश्मीर फाइल्स की प्रसिद्धी, हिन्दू एकता का जीवंत उदाहरण है, पर बात एक फिल्म तक सीमित ना रहे, जो ज्वाला अभी धधक रही है,  
वो अब बुझनी नहीं चाहिए। अन्यथा कब कौन सा राज्य कश्मीर वाली त्रासदी देखेगा, कोई नहीं जानता।

साथ ही एक बहुत बड़ी बात और भी है, सनातन ही शांति है और शक्ति भी। इसलिए अगर किसी को अमन और सौहार्द्र चाहिए, तब भी हिन्दू एकता आज की आवश्यकता है।

Saturday, 26 March 2022

Poem: याद आएंगे वो पल

आज-कल सभी schools में 12th के बच्चों की farewell parties चल रहीं हैं। यह पल सभी teachers and students के लिए बहुत ही अनमोल और यादगार होता है। 

Students के लिए तो यह पल उनकी lifetime memories में से एक होता है। एक ऐसा school जहाँ उनके जीवन का सबसे खूबसूरत समय व्यतीत हुआ, जिसके teachers ने उनके व्यक्तित्व को संवारा, निखारा और एक better personality बना दी।

आज की यह कविता, वह अविस्मरणीय पल, सभी teachers and students को समर्पित है...

एक बार इस कविता को ऐसे पढ़िएगा, जैसे school में, आप का ही farewell हो; मुझे पूरा विश्वास है कि आप को भी अपने सुनहरे पल अवश्य याद आएंगे...


याद आएंगे वो पल 




जब हम school में नहीं होगे कल,

याद आएंगे यह सारे teacher,

और इनकी सारी बातें;

हमें हर क्षण हरपल।


याद आएगा वो लड़का,

जो सबसे ज्यादा हंसाता था;

कोई बोले ना बोले,

वो सबको ही भाता था।


याद आएगी वो लड़की,

जो चुप-चुप रहती थी;

जो बोलती नहीं थी कुछ,

पर आंखों से सब कहती थी।


याद आएंगे वो सबसे,

Sincere लड़का-लड़की;

जो सबसे पहले काम का तमगा पाते थे,

और बाकी सब की वाट लगाते थे।


याद आएंगे वो topper बच्चे,

जिनसे सारी जिंदगी

आगे निकलने की होड़ लगाते थे;

और बस एक नम्बर से पीछे रह जाते थे।


याद आएगी, school की

वो सबसे थकाऊ सीढ़ी;

जो हमारे घुटने दुखवाती थी,

हमें सबसे ज्यादा सताती थी।


याद आएगी यह हसीन canteen,

जो स्वादिष्ट खुशबू उड़ाती थी;

हमारे कहकहों के साथ,

वो भी हंसती मुस्कुराती थी। 


याद आएंगे वो पल,

जब हम school में नहीं होगे कल;

याद आएंगे वो पल,

हर क्षण हरपल…

Friday, 25 March 2022

Kids story : New School Bag

आज की कहानी, छोटे से समझदार बच्चे अद्वय सहाय द्वारा लिखी हुई है। 

वो अपनी कहानी के जरिए अपने दोस्तों को समझना चाहता है कि हमेशा उन्हीं सामानों की demand करनी चाहिए, जिनकी हमें requirement हो।

इस कहानी को अपने बच्चों को अवश्य सुनाएं, जिससे उन्हें भी पैसे और समय की कद्र रहे।

New School Bag

Results आ चुके थे, बच्चे pass हो चुके थे। New class, new books सब कुछ नया, बच्चों में इसका अलग ही craze रहता है।

सोनू भी उन्हीं बच्चों में से था, जिन्हें हर साल school के लिए नयी-नयी चीजें चाहिए होती हैं।

कोरोना के कारण पिछले दो साल से school ठीक से नहीं खुल रहे थे तो सोनू के सभी सामान काफ़ी अच्छी condition में थे।

इसके बावजूद सोनू जिद्द कर रहा था कि उसे सब कुछ नया चाहिए। 

Specially New School Bag, वो भी doraemon वाला।

माँ ने समझाया भी कि क्या जरूरत है, नये bag की। अभी पिछले साल ही तो छोटा भीम वाला bag लिया था, और तुम school, मुश्किल से महीने भर भी नहीं गये हो। वो bag बिल्कुल नया जैसा ही है।

माँ, आप समझती नहीं हैं, अब मैं बड़ा हो गया हूँ, छोटा भीम वाला bag नहीं ले जा सकता हूँ, मुझे doraemon वाला new bag ही चाहिए। फिर सारे friends भी हर बार new bag लाते हैं तो मैं क्यों नहीं। 

पापा बोले, छोड़ो, मैं देखता हूँ। अगर वो bag मिलता है तो।

पापा की बात सुनकर सोनू खुश हो गया और doraemon, doraemon... का गाना गाते हुए खेलने चला गया।

लौटने पर उसने देखा कि doraemon उसके कमरे में उसका इंतजार कर रहा था।

सोनू, खुशी से उछल पड़ा, doraemon तुम?

हाँ मैं, doraemon ने जवाब दिया।

तुम यहाँ कैसे आ गये?

तुम से यह पूछने कि तुम्हारा bag कहाँ-कहाँ से फटा है? 

कहीं से नहीं! 

अभी पापा ने पिछले साल ही तो लिया था और मैं एक महीने भी school नहीं गया था तो वो बिल्कुल नया जैसा ही है।

क्या उसमें तुम्हारी new books, pencil box, tiffin box नहीं आएंगे?

बिल्कुल आएंगे, बहुत बड़ा bag है, वो मेरा।

अच्छा देखने में बहुत गन्दा और पुराना लगने लगा है?

नहीं... कहा तो बिल्कुल नये जैसा है।

तो क्या कारण है कि तुम्हें new bag चाहिए, सिर्फ इसलिए कि उसके cartoon में छोटा भीम बना है। या सिर्फ इसलिए कि और बच्चे new bag लाएंगे।

हाँ यही कारण है। 

तो तुम बिल्कुल ग़लत हो, हमें कोई सामान तभी लेना चाहिए, जब उसकी requirement हो, ना कि दूसरों की देखा-देखी या show-off करने के लिए।

अगर हम बिना requirement के एक ही सामान को बार-बार लेते रहेंगे तो वो पैसे की और समय की बर्बादी है। 

अगर हम इसका ध्यान रखें तो हमारे पास बहुत variety की चीजें होंगी, साथ ही हमारे पैसे और समय की बचत होगी।

अच्छा ठीक है, मैं समझ गया doraemon, कि तुम क्या कहना चाहते हो। अब से मैं केवल उन्हीं सामानों को लूंगा, जिसकी मुझे requirement हैं। व्यर्थ में पापा के पैसे और समय बर्बाद नहीं करूंगा।

यह कहकर वो पापा, पापा चिल्लाने लगा।

पापा और मम्मी सोनू के कमरे में आते हैं, वो देखते हैं कि सोनू सोते-सोते, पापा पापा चिल्ला रहा है।

उन्होंने सोनू को जगाकर पूछा कि क्या हुआ?

तब सोनू को समझ आया कि doraemon उसके सपने में आकर समझा रहा था। पर उसे doraemon की कही हुई बात अभी भी याद थी।

उसने अपने पापा से कहा, पापा अब मुझे new bag नहीं चाहिए।

क्यों, क्या हुआ बेटा?

पापा अब मुझे अच्छे से समझ आ गया है कि उन्हीं सामानों की demand करनी चाहिए, जिसकी मुझे requirement हो। 

मम्मी और पापा ने सोनू को बहुत सारा प्यार किया।

Wednesday, 23 March 2022

Story of Life: गलती किसकी (भाग-3)

 गलती किसकी (भाग-1)...व‌ 

गलती किसकी (भाग-2) के आगे....


गलती किसकी (भाग-3)




“मुझे माफ कर दो रोहित। मुझे नहीं पता था की तुम्हारे साथ इतना बुरा हो जाएगा। उस दिन की bus की घटना का किसी ने video बना दिया था जो viral हो गया था। मुझे news channel से phone आया तो free की publicity और famous होने के लालच में मैंने वो interview दे दिया था।”

“तुम लड़की होने का बहुत फ़ायदा उठा चुकी, उस दिन bus मे भी सब मुझे गलत समझ रहे थे और आज पूरी दुनिया मुझे गलत समझ रही है।

अगर तुम नहीं चाहती हो कि, तुम्हारी ज़िन्दगी बर्बाद हो तो, आज तुम एक और interview दोगी और बताओगी की उस दिन bus में गलती किसकी थी।

रोहित ने शिवांगी को खोल दिया, उसे चाय और नाश्ता दिया, जिससे वो comfortable हो जाए।

रोहित के पापा ने उसी news anchor से interview set किया था।

News channel को देखकर, पहले तो शिवांगी आनाकानी करने लगी, पर फिर कोई और विकल्प ना देखकर उसने news channel पर सब सच सच बता दिया, कि उस दिन बस के डगमगाने से रोहित का हाथ उसकी कमर पर लग गया था। रोहित ने ऐसा किसी खराब intention से नहीं किया था।

News anchor ने पूछा, जब आपको पता था, तो आपने व्यर्थ में हँगामा क्यों मचाया?

जी बस पूरी तरह से भरी हुई थी और मैं खड़े होकर सफ़र नहीं करना चाहती थी, अतः मुझे seat पाने का अच्छा मौका लगा। मुझे नहीं पता था कि कोई हमारी घटना का video बना रहा है।

पर जब video, viral हो गया तो, फिर news channel वालों के call ने, बिना किसी बात के मुझे famous होने का मौका दे दिया, जिसको मैंने बिल्कुल नहीं गंवाया।

रोहित पूरी तरह से निर्दोष है, उसने कुछ भी गलत नहीं किया है।

News anchor को समझ नहीं आ रहा था कि, वो क्या करे? इस interview को telecast करे कि नहीं।

रोहित ने कहा, क्या हुआ? आज इतना सोच क्यों रहे हो? उस दिन तो आप ने बिल्कुल नहीं सोचा था। एक बार भी नही सोचा था कि किसी की ज़िन्दगी बर्बाद हो जाएगी, पहले पता कर लिया जाए कि सही क्या है? गलती किसकी है? हमेशा हम लड़के ही गलत नहीं होते हैं, कभी कभी लड़कियाँ भी गलत हो सकती है।

किसी के भी भविष्य को दाँव पर लगाने से पहले सोच लेना चाहिए।

Tuesday, 22 March 2022

Story of Life : गलती किसकी (भाग-2)??

 गलती किसकी (भाग-1) के आगे...

गलती किसकी (भाग-2)??


इस घटना को बीते हुए एक महीना हो चुका था। शिवांगी ने तेज़ कदमों से बढ़ते हुए एक auto rickshaw को रोका और अपने office की तरफ चलने को कहा।

 Auto कुछ देर तक तो सही direction में चलता रहा फिर, उसने अपने direction को change किया और शहर से सुनसान रास्ते की ओर जाने लगा। 

शिवांगी अपने mobile और net की दुनिया में खोई हुई थी और उसने उस ओर ध्यान नहीं दिया। जब auto रुका तो वह एक खंडहर हवेली के आगे रुका हुआ था।

 शिवांगी बोली, “भैया, ये आप मुझे कहाँ ले आए? मैंने तुम से office चलने को कहा था।” 

तभी एक करकशी आवाज़ के साथ auto driver ने शिवांगी से कहा, “चलो उतरो।” और शिवांगी का हाथ पकड़ कर उसे auto से नीचे उतार दिया। 

शिवांगी बोली, “ये क्या बदतमीज़ी है?” तभी शिवांगी ने auto driver को ध्यान से देखा,  बिखरे बाल, बढ़ी हुई दाढ़ी व फटी पुरानी सी shirt देखकर, वो कुछ देर तक उसे देखने बाद बोली, “तुम!”

Auto driver ने कहा, “हाँ, मैं।” और शिवांगी को हवेली के अंदर ले गया। शिवांगी को ले जाकर, उसने कुर्सी पर बैठा कर बांध दिया। सामने table पर एक laptop रखा था।

शिवांगी गिड़-गिड़ा रही थी और बोल रही थी “मुझे छोड़ दो, मुझे जाने दो, मेरे साथ कुछ गलत मत करो।” 

“क्यों? तुम तो आज की नारी हो न। तुम्हें किसका डर?” 

“नहीं रोहित, मुझे छोड़ दो। Sorry, मुझे जाने दो।”

“रोहित? तुम्हें मैं याद हूँ आज तक? 

 तुमने मेरी ज़िन्दगी बर्बाद कर दी। मैं बचपन से ही बहुत सीधा-साधा, होनहार लड़का था। मेरी बहुत अच्छी नौकरी थी। मेरे सारे परिवार वाले मुझ से बहुत खुश थे। चंद दिनों में मेरी शादी होने वाली थी। 

पर तुम्हारे उस interview ने मुझे आवारा सिद्ध कर के मेरी ज़िन्दगी बर्बाद कर दी। 

आज ना मेरे पास नौकरी है, ना प्यार, ना दोस्त, ना परिवार। मेरा सब कुछ मुझ से छिन गया है। आज मैं बेहद तन्हा और अकेला हूँ। यहाँ तक कि क्यों जी रहा हूँ, वो भी मुझे नहीं पता? और ये सब तुम्हारे कारण हुआ है।

तुम अच्छे से जानती हो की उस दिन गलती किसकी थी?

रोहित ने अपनी जिंदगी बर्बाद करने के लिए, शिवांगी को क्या सज़ा दी या उसे छोड़ दिया? जानने के लिए पढ़ें, अंतिम भाग,

 गलती किसकी (भाग-3) में...

Monday, 21 March 2022

Story of Life : गलती किसकी?

गलती किसकी?



आज bus खचा-खच भरी हुई थी। तिल रखने तक की जगह नहीं बची थी। 

रोहित अपनी seat पर बैठा हुआ था और उसके बगल में एक वृद्ध महिला बैठी थी।

तभी झटके से bus एक bus stop पर रुकी और कुछ लोग और bus में चढ़ गए, उनमें तेज़-तर्रार शिवांगी भी थी।

 वह रोहित के बगल में ही आकर खड़ी हो ई। उसको रोहित का seat पर बैठे रहना बिल्कुल नहीं सुहा रहा था। वह सोच रही थी की ऐसा क्या किया जाए की रोहित की seat उसको मिल जाये।

तभी bus आगे जा रहे scooter को बचाने के कारण कसकर डगमगा गईBus के डगमगाने से रोहित का हाथ शिवांगी के कमर से टकरा गया। 

शिवांगी बहुत खुश हो गई क्योंकि वह जिस मौके के तलाश में थी वह उसे मिल गया।

शिवांगी रोहित पर ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी और कहने लगी “तुम जैसे आवारा लड़के तो बस लड़कियों को छेड़ने को आतुर रहते हैं।

तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी कमर को छूने की!”?

रोहित सकपका गया और बोला “मैंने तुम्हारी कमर को जानबूझ कर नहीं छुआ है। बस के डगमगाने के कारण मेरा हाथ, तुम्हारी कमर से लग गया था। 

I am sorry, मेरी ऐसी कोई intention नहीं थी। 

पर शिवांगी के ऊपर sorry का कोई प्रभाव नहीं पड़ा बल्कि वह और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी, “तुम मुझे बेवकूफ समझते हो? मैं बहुत अच्छे से जानती हूँ तुम जैसे लड़कों की फ़ितरत को।

तुम ने ऐसा क्या सोचकर किया था? लड़की हूँ, डर जाऊँगी? मैं आज की लड़की हूँ जो डरती नहीं है, लड़ती है। 

और यह कह कर उसने रोहित को shirt के collar से पकड़ लिया और कहा, “उठ जाओ यहाँ से, तुम्हें यहाँ बैठने का कोई अधिकार नहीं है।

रोहित ने अपने collar को छुड़ाते हुए शिवांगी को धक्का दिया और कहा, “जब मैं गलत नहीं हूँ तो मैं क्यों उठूँ?” 

पर तब तक बस मे मौजूद सभी ने शिवांगी का साथ देना शुरू कर दिया था और रोहित के bus stop आने से पहले ही उसे जबरन bus से उतार दिया गया और शिवांगी, रोहित की seat पर बैठ गयी। 

वह मन ही मन अपनी कुटिलता पर मुस्कुरा रही थी और bus में मौजूद सभी लोग उसके साहस की तारीफ़ कर रहे थे। 

वहीं रोहित अपमान का घूंट पी कर अपने apartment की तरफ पैदल ही चला पड़ा।

घर पहुँचते-पहुँचते, वह अपमान, झगड़े और थकान से बहुत दुखी हो चुका था, अपने कमरे में पहुँचते ही बिस्तर पर लेटते ही तुरंत सो गया।

रात के करीब 8-9 बजे उसके दोस्त रितेश का phone आया। रोहित के phone उठाते ही वह बोला, “अरे बेवकूफ! तूने यह कौन सा बड़ा कांड कर डाला?” 

रोहित ने आश्चर्य से भरकर कहा “कांड?”  

रितेश बोला, “हाँ कांड! 

TV on कर के देख की क्या news आ रही है। हर जगह पर तू ही तू छाया हुआ है। 

रोहित ने आनन-फानन में TV खोला, उसने news में देखा की शिवांगी का interview चल रहा था जिसमें शिवांगी से पूछा जा रहा था, “आज जो bus में घटना हुई उसके बारे में आपके क्या विचार हैं?”  

शिवांगी ने कहा, “मैं आज की लड़की हूँ, मैं न ही डरती हूँ और न ही झुकती हूँ, मुझे किसी के सहारे की कोई ज़रूरत नहीं है, साथ ही मैं अपनी लड़ाई खुद लड़ सकती हूँ और bus में आज मैंने वही किया। 

News anchor ने शिवांगी की बहुत सराहना की और कहा, “आज की नारी को आपके जैसे ही सशक्त होना चाहिए तभी वह अपना अस्तित्व बना पाएगी और सफलताओं को प्राप्त करेगी। 

रोहित, शिवांगी का interview देखकर बौखला गया। उसे समझ नहीं आ रहा था की वह क्या करे। तभी उसे एक के बाद एक phone आने लगे।

शिवांगी के interview का रोहित पर क्या असर पड़ेगा, जानने के लिए पढ़ें...

गलती किसकी (भाग- 2) में...

Friday, 18 March 2022

Poem: वो बचपन वाली होली

आज बच्चों को रंग खेलते हुए देख, मन में बरबस ही अपने बचपन की याद आ गयी। तो सोचा आज उसी पर कलम चलाई जाए। शायद हमारे साथ आप भी बचपन के रंग में रंग जाएं और मीठी-मीठी सी यादों में खो जाएं।

तो आइए चलें, उस सुनहरी, दुपहरी सी होली में...


वो बचपन वाली होली


देख बच्चों में होली का उमंग,
याद आ गये अपने बचपन के रंग।
जब हम भी पिचकारी ले घूमते थे,
सारा दिन मस्ती में झूमते थे।।

हफ्तों पहले से माँ के संग,
चिप्स और पापड़ बनवाते।
मजाल है कि एक भी,
कौआ, गिलहरी वहाँ फटक पाते।।

फिर दौर चलता,
गुझिया और मठरी बनने का।
माँ और चाची के हाथों के,
स्वाद के घुलने का।।

दही बड़े और मालपुआ की,
बारी जो आती।
प्लेट की प्लेट,
साफ हो जातीं।।

होली के दिन हम,
ना होते अकेले।
चंद कदमों में बन जाते,
दोस्तों के मेले।।

जब रंगों से सराबोर होते थे हम,
तो केवल नहीं तन,
बल्कि स्नेह और सौहार्द्र से,
रंग जाते थे मन।।
 
होली मिलन में घर-घर जाना,
प्रेम के रंग में रंग जाना।
याद है वो बचपन की होली,
भुलाए नहीं भूलता वो जमाना।। 

आप सभी को रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐

हम सभी की जिंदगी, सफलता के रंग में रंगी रहे, प्रेम के संग में बनी रहे, सुख, समृद्धि और प्रसन्नता की जीवन में बौछार होती रहे, स्वस्थ व चिरायु का रहे मेल, जिंदगी में अपनों के साथ की मिठास बनी रहे।।

ईश्वरीय कृपा सब पर बनी रहे 🙏🏻💐

Thursday, 17 March 2022

Article : होलिका दहन, मूहुर्त व पूजा विधि

होलिका दहन, मूहुर्त व पूजा विधि




होलिका दहन, क्यों किया जाता है? इसके पीछे क्या मान्यता है?

हिन्दुओं में बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक हर एक को पता है, कि होलिका दहन क्यों किया जाता है। तथापि जिन्हें विदित नहीं हो, उन्हें भी पता रहे कि क्यों होलिका दहन किया जाता है और क्यों उसे रंगोत्सव के एक दिन पहले किया जाता है? हम आपको बता देते हैं...

होलिका दहन की पौराणिक कथा :

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, हिरण्यकशिप का ज्येष्ठ पुत्र प्रह्लाद, भगवान विष्णु का परम भक्त था। पिता के लाख कहने के बावजूद प्रह्लाद विष्णु की भक्ति करता रहा। दैत्य पुत्र होने के बावजूद नारद मुनि की शिक्षा के परिणामस्वरूप प्रह्लाद महान नारायण भक्त बना। असुराधिपति हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को मारने की भी कई बार कोशिश की परन्तु भगवान नारायण स्वयं उसकी रक्षा करते रहे और उसका बाल भी बांका नहीं हुआ। असुर राजा की बहन होलिका को भगवान शंकर से ऐसी चादर मिली थी जिसे ओढ़ने पर अग्नि उसे जला नहीं सकती थी। होलिका उस चादर को ओढ़कर प्रह्लाद को गोद में लेकर चिता पर बैठ गई। दैवयोग से वह चादर उड़कर प्रह्लाद के ऊपर आ गई, जिससे प्रह्लाद की जान बच गई और होलिका जल गयी। 

उस दिन फालगुन मास की पूर्णिमा थी। इस प्रकार, तब से होलिका दहन का प्रचलन प्रारंभ हो गया।

हमारे कई अन्य पर्वों की भाँति होलिका-दहन भी बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है।


आज 17 मार्च 2022 को गुरुवार के दिन होलिका ​दहन किया जाएगा, इसके अगले दिन 18 मार्च को शुक्रवार के दिन रंगों की होली मनाई जाएगी। 

हर साल होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को सूर्यास्त के बाद किया जाता है। पूर्णिमा तिथि 17 मार्च 2022 को दोपहर 01:29 बजे से शुरू होकर 18 मार्च दोपहर 12:52 मिनट तक रहेगी, लेकिन 17 मार्च को 01:20 बजे से भद्राकाल शुरू हो जाएगा और देर रात 12:57 बजे तक रहेगा।

भद्राकाल होने से लोगों के मन में होलिका दहन के समय को लेकर संशय बना हुआ है। शास्त्रों में भद्राकाल को अशुभ समय बताया गया है और इस समय में किसी भी शुभ काम को न करने की हिदायत दी गई है।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त :

शास्त्रों में भद्राकाल में कोई भी शुभ काम न करने के लिए कहा गया है। भद्राकाल देर रात 12:57 बजे तक रहेगा। ऐसे में देखा जाए तो होलिका दहन का शुभ समय तो 12:57 बजे के बाद ही है। 12:58 बजे से 02:12 बजे तक होलिका दहन किया जा सकता है। इसके बाद ब्रह्म मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी लेकिन कुछ ज्योतिष विद्वानों का मत है कि होलिका दहन रात 09:06 बजे से लेकर 10: 31 बजे के बीच भी किया जा सकता है क्योंकि इस समय भद्रा की पूंछ रहेगी। भद्रा की पूंछ में होलिका दहन किया जा सकता है।

होलिका की पूजा विधि :

हिन्दुओं के किसी भी पर्व का प्रारंभ, पूजा अर्चना से होता है। फिर होली तो, हमारा महापर्व है अतः इसका प्रारंभ भी पूजा-अर्चना से ही होता है।

रंगोत्सव से एक रात पहले, होलिका दहन के शुभ मूहर्त पर, लकड़ी से तैयार, होलिका की पूजा अर्चना की जाती है। इस पूजा अर्चना के लिए निम्न पूजन सामग्री चाहिए होती है।

पूजा हेतु सामग्री :

एक बड़ी सी plate में कच्चा सूत, तांबे के लोटे में जल, चावल, पुष्प, हल्दी, लौंग, तेज़पत्र, कपूर, गेहूं की बालें, नारियल, तथा रोली/कुंकुम रख लीजिए।

साथ में, वह सब पकवान जो आप ने होली के लिए बनाए हैं, जैसे गुझिया, मठरी, निमकी, शक्कर पारे, मिक्सचर, पापड़, चिप्स, दही बड़े आदि में से थोड़ा-थोड़ा रख लेते हैं। यदि आप ने घर में कुछ भी पकवान नहीं बनाएं हैं तो, थोड़ी से बताशा या कोई मिठाई भी रख सकते हैं।

पूजा विधि :

शाम के समय पूजा करके होलिका जलाएं और उसकी तीन परिक्रमा करें। वहीं भगवान नरसिंह का ध्यान करते हुए पाचों अनाज को अग्नि में अर्पित कर दें। परिक्रमा करते हुए अर्घ्य दें, 3 या 7 बार परिक्रमा करते हुए होलिका पर कच्चा सूत लपेटें। फिर गोबर के बड़कुले, चने की बालों, जौ और गेहूं होलिका में डालें। गुलाल डालें और जल भी चढ़ाएं।

साथ में आप पकवान, मिठाई आदि जो ले गए हैं, उसमें से कुछ वहांँ पर चढ़ा दें और बाकी बचे हुए को घर में रखे पकवानों में मिला दें, जिससे घर में रखे सारे पकवान भोग बन जाए। अब उन्हें सब को प्रसाद के रूप में बांट दें। 

होलिका जलने के बाद उसकी भस्म को अपने घर ले जाएं और उसे पूजा वाले स्थान पर रख दें। ऐसा करने से घर पर सुख-समृद्धि का वास रहेगा। साथ ही मां लक्ष्मी का आशीर्वाद हमेशा बना रहेगा। 

होली के पहले बन रहे पकवानों को होलिका दहन में अर्पित करने के बाद, वहाँ से बचे हुए भाग को सारे पकवानों में मिला कर प्रसाद बनाने के बाद ही ग्रहण (खाया) किया जाता है।


होलिका दहन की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ, श्री हरि हम सब पर अपनी कृपा दृष्टि बनाएं🙏🏻🙏🏻

हम सभी की जिंदगी, रंग, उमंग और उत्साह से परिपूर्ण रहे। सभी सुखी, संपन्न, स्वस्थ व चिरायु रहें 🙏🏻😊

Wednesday, 16 March 2022

Article : The Kashmir Files, एक क्रांति

 The Kashmir Files, एक क्रांति



अभी 11 March को release हुई Kashmir files.

Release होने के साथ ही एक क्रांति आ गई। जहाँ लोगों ने cinema hall में जाकर movie देखना लगभग छोड़ दिया था, वहीं cinema hall में भीड़ उमड़ पड़ी है। 5 दिनों में ही इस फिल्म ने 60 करोड़ रुपए कमा लिए हैं। 

विवेक अग्निहोत्री का कहना है कि उन्होंने व उनकी पूरी team ने, film बनने से पहले ही यह decide किया था, कि film से मिलने वाले धन से, जितने ज्यादा हो सकेंगे, उतने कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में पुनः स्थापित करने का प्रयास करेंगे।

यह एक ऐसी फिल्म है, जिसमें कश्मीरी पंडितों पर 19 जनवरी 1990 में हुए असहनीय अत्याचारों को प्रदर्शित किया है।

इस फिल्म को देखकर, आप असीम वेदना से भर जाएंगे। आप को एहसास होगा कि वो रात कितनी भयावह थी। 

पर ऐसा कोई ज़रुरी नहीं है कि, फिल्म केवल उन्हीं को प्रभावित कर रही है, जो कश्मीरी पंडित हों, बल्कि हर वो इंसान जो अपने अंदर इन्सानियत रखता है, जिसे अपने देश से प्रेम है, उस हर एक इंसान को यह पसंद आ रही है। 

भारत के प्रत्येक राज्य, जिसमें दक्षिण भारतीय राज्य भी शामिल हैं, सभी जगह फिल्म का प्रदर्शन अपने चरम पर है। अब तक सात राज्यों में इसे tax-free भी कर दिया गया है।

सबसे बड़ी बात यह है कि, इस फिल्म की popularity, ना केवल India में बल्कि abroad के भी बहुत से countries में हो रही है। USA के Rhode Island House of Representatives ने भी इस movie के द्वारा Kashmir genocide को offical recognise & acknowledge किया है।

आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ है कि किसी फिल्म की प्रसंशा बड़े-बड़े नेता लोग कर रहे हों। आम जनता से लेकर, बड़ी बड़ी हस्तियों तक सभी फिल्म का promotion कर रहे हैं। इतनी ज्यादा mouth publicity किसी भी फिल्म को नहीं मिली है।

फिल्म को देखकर लौटते हुए लोग, आंखों में नमी और दिल में राष्ट्र भक्ति लिए लौट रहे हैं। सारे ही cinema halls से वंदे मातरम्, जय हिन्द, भारत माता की जय के स्वर गूंज रहे हैं।

यह फिल्म, लोगों के मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि हकीकत से रूबरू कराने की कोशिश है, साथ ही देश में जागरुकता लाने का प्रयास किया गया है जिसमें विवेक अग्निहोत्री पूर्णतः सफल भी हुए हैं। 

अगर इसके कलाकारों की बात की जाए तो एक से एक मंझे हुए कलाकार इसमें शामिल हैं, अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी जैसे और भी कई...

जिन्होंने इस फिल्म के एक-एक scenes को जीवंत कर दिया है।

इस फिल्म को देखने जरूर जाएं, इसलिए नहीं कि उस दिन कश्मीर में क्या हुआ था? बल्कि इस लिए जाएं, कि आप जान सकें कि अगर आप, अब भी नहीं जागे तो, आप के साथ भी क्या-क्या हो सकता है? 

कश्मीरी पंडित तो, कश्मीर से पलायन कर भारत के विभिन्न हिस्सों में आ गए। पर आप भाग कर कहाँ जाएंगे?

आप जान सकें कि 370 कानून हटना कितना जरूरी था।

फिल्म के द्वारा किए गए, अत्यंत कठिन प्रयास को पूर्णतः सफल बनाएं और सभी को राष्ट्र भक्ति की ओर भी प्रोत्साहित करें।

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

Tuesday, 15 March 2022

Recipe : Aata Suji Nimki

दो साल बाद ऐसा हुआ है कि कोरोना हमारी होली को बेरंग नहीं करेगा। हमें डरा-डराकर तंग नहीं करेगा। तो क्यों ना इस होली में जोश, उत्साह और उमंग भर दें।

होली में खुशियों के रंग भर दें। उसकी रौनक को वापस ले आएं।

वैसे, होली के त्यौहार पर रौनक तो तब आती है, जब kitchen से पकवानों की खुशबू आ रही हो। 

तो चलिए इस बार कुछ ऐसा बनाते हैं, जो healthy भी हो और tasty भी। 

आटे सूजी की मठरी


Ingredients :

  • Wheat flour - 2 cup
  • Suji - ½ cup
  • Olive oil - ½ cup
  • Salt - 1 tsp.
  • Kasuri Methi - 1 tsp
  • Dry coriander powder - 1 tsp
  • Cumin seeds - 1 tsp
  • Carom seeds - 1 tsp 


Method :

  1. Wheat flour में सूजी, और olive oil डालकर हथेली से rub कीजिए।
  2. थोड़ी देर बाद, आटे के mix को हथेली में दबाएंगे तो लड्डू जैसा बनने लगेगा।
  3. अब इसमें नमक-मिर्च और सारे dry मसाले हथेली से rub करके डाल दीजिए। 
  4. 1 cup lukewarm पानी लें। 
  5. आटे, सूजी में थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर tight dough बना लीजिए।
  6. अब इसके गोले बनाकर rolling pin से बेलकर 1 inch की thickness की रोटी बेल लें।
  7. फिर उससे अपनी पसंद के अनुसार shape काट लीजिए।
  8. Wok में olive oil को गर्म कर लीजिए। 
  9. इसमें मठरी डालकर, उलट-पलट लीजिए।
  10. अब flame slow कर के, मठरी तलें, जब मठरी हल्की brown होने लगे तो उसे पलट लीजिए। 
  11. दोनों तरफ से light brown तल जाने पर flame high कर लीजिए और मठरी करारी होने तक उलट-पलट कर तल लीजिए।
  12. मस्त, खस्ता करारी आटा सूजी की मसाला मठरी तैयार है, जब यह ठंडी हो जाए तो आप इन्हें airtight container में रख दीजिए।

आप इन्हें teatime में serve कर सकते हैं। अगर चाहें तो इसमें दही, और खट्टी-मीठी चटनी, पुदीने की चटनी डालकर, as a चाट भी serve कर सकते हैं।

हमने कल चटनी अचार की recipe share की थी, आप इस मठरी के साथ, उसे भी रख सकते हैं। चटनी अचार के साथ मठरी का स्वाद में चार चांद लग जाते हैं।

चलिए अब कुछ tips and tricks भी बता देते हैं।


Tips and Tricks :

  • आटे, सूजी के combination से मठरी बहुत अच्छी बनती है। खाली आटे की बनाने से मठरी कड़ी बनती है।
  • आप olive oil की जगह, घी, डालडा या refined oil भी use कर सकते हैं।
  • जब मोयन के लिए, तेल आटे में डाल रहें हों तो ध्यान रखिएगा कि, तेल इतना डालना है कि rub करने के बाद हथेली में आटा दबाने से लड्डू बनने लगे।
  • Dough prepare‌ करने में, धीरे-धीरे पानी डालिए। पानी का amount अधिक होने से मोयन बर्बाद हो जाता है, इसलिए पानी सिर्फ उतना ही डालिए कि आटा बंधने लगे।
  • Dough prepare होने के बाद तुरंत ही मठरी तल लीजिए। 
  • Dough के rest करने से नमक पानी छोड़ने लगता है, जिससे मोयन बर्बाद हो जाता है।
  • मोयन के बर्बाद होने से, मठरी खस्ता, करारी नहीं बनेगी।
  • आप dry मसाले की quantity अपने according घटा-बढ़ा सकते हैं या बिना मसाले के भी बना सकते हैं।
  • पर dry मसाला, preparation के समय में डाल देने से यह अपने आप में complete होती है।
  • मठरी ठंडी होने पर ही airtight container में रखकर ढक्कन बन्द कीजिए। गर्म रहने पर ढक्कन बन्द करने से मठरी soggy हो जाएगी।
  • Airtight container में मठरी नहीं रखने से उसमें हवा लगने के कारण moisture पकड़ लेगा, जिससे मठरी कुछ ही दिनों में soggy हो जाएगी।
  • Flame starting में high, बाद में slow और फिर सें high के combination में ही रखें। इसी combination से मठरी सबसे अच्छी बनती है।
  • मैदे से बनी मठरी को आप ज्यादा नहीं खा सकते हैं, लेकिन यह आटे, सूजी और olive oil से बनी होती है इसलिए यह बहुत healthy and tasty बनती है। तो सोचना क्या है, इस बार healthy मठरी बनाया जाए।

Monday, 14 March 2022

Recipe : Chutney Achar

होली का त्यौहार, उमंगों की फुहार और मस्ती अपार लेकर आता है। इसके आगमन की तैयारी, एक हफ्ते पहले से शुरू हो जाती है।

नये कपड़े, बच्चों की पिचकारी, रंग। पर इन सबसे बढ़-चढ़ कर होली में बनाए जाने वाले पकवान।

अब तो बस चार-पांच दिन ही बचे हुए हैं, तो आप की होली में की जाने वाली तैयारी में चार चांद लगाने के लिए, कुछ बहुत ही tasty and healthy recipes share कर रहे हैं।

आज लखनऊ की संध्या खरे जी के ख़ज़ाने से भेजी हुई recipe को share कर रहे हैं। यह complete dish ना हो कर, एक sides है। पर साथ ही आपको यह भी बता दें कि sides, जिस भी dish का साथ देगी, उससे complete dish कोई नहीं होगी।

संध्या जी आप का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏻

चटनी अचार, जैसा कि इसके नाम से समझ आ रहा है कि, यह एक चटनी है, पर अचार भी। इसका मतलब यह है कि यह two in one recipe है। 

इसमें आप को दोनों का मजा, एक ही में आ जाएगा और इसके साथ आप बेस्वाद से बेस्वाद dish भी खाएंगे तो, वो भी tasty लगेगी। 

चटनी अचार 


Ingredients :

Garlic cloves - 50 gm.

Ginger - 40 gm.

Green chilli - 100 gm.

Lemon - 3 to 4 big

Dry coriander powder - ½ tsp.

Onion seeds - 1 tsp.

Funnel - 1 tsp. 

Salt - 1½ tsp or as per taste

Mustard oil - 1½ tsp.


Method :

  1. Pan में dry मसालों को भूनकर, jar में दरदरा पीस लीजिए।
  2. इन dry मसालों को jar से निकाल लें।
  3. खाली jar में अदरक और नींबू रस डालकर दरदरा पीस लें।
  4. अब अदरक, नींबू वाले jar में ही हरी मिर्च, लहसुन, नमक, dry मसाला powder, mustard oil डालकर पीस लीजिए। इसे एक दिन के लिए set होने के लिए छोड़ दीजिए जिससे नींबू का रस और तेल को अचार अच्छी तरह से soak कर ले।

चटनी अचार तैयार है। आप इसे नमकीन मठरी, आटे की मठरी, बेसन की पापड़ी, कचौड़ी, पकौड़ी, भरवां परांठे, आलू-पूड़ी, कढ़ी-चावल, राजमा-चावल, छोले-भटूरे, पुलाव, यहां तक कि दाल-चावल और खिचड़ी के साथ भी serve कर सकते हैं। 

आइए आपको इसकी, Tips and tricks भी बता देते हैं, जिससे आप चटनी अचार बहुत tasty बना लें।


Tips and Tricks :

  • चटनी अचार के लिए, coriander powder घर में पीसकर, use किया जाए तो उसमें aroma and flavour enhance हो जाता है।
  • जब आप मगरैल और सौंफ पीस रहे हों तो उसमें धनिया पाउडर पहले से पिसा हुआ डालें वरना या तो मगरेल और सौंफ महीन पिस कर मसाले को काला कर देगी या धनिया बहुत मोटी पिसने के कारण दांतों में फंसेगी। 
  • जब आप jar में चटनी अचार बना रहे हों तो ध्यान रखिएगा कि jar एकदम साफ और सूखा हो। 
  • चटनी अचार तैयार करते समय बिल्कुल भी पानी नहीं डालिएगा, नींबू रस से वो आसानी से पिस जाएगा। 
  • Mustard oil कच्चा डालिएगा, इससे अचार का taste enhance हो जाता है। 
  • चटनी अचार को airtight container में रखें। यह महीनों चल जाता है। अगर आप refrigerator में रखेंगे तो इसका taste and colour ज़्यादा sustain करता है।
  • अगर आप लहसुन नहीं खाते हैं तो आप, लहसुन avoid कर सकते हैं। बिना लहसुन के भी यह बहुत tasty बनता है।

इस चटनी अचार में डाले जाने वाले सारे ingredients, easily available रहते हैं। यह instantly बनने वाली बहुत easy recipe है तो आप चाहें तो इसे अधिक मात्रा में या हफ्ते-15 दिन में थोड़ा-थोड़ा बना कर भी रख सकते हैं।  

यह चटनी, diabetes, cholesterol and blood pressure के patient के लिए बहुत beneficial है।

इसे आप सफर में भी आराम से ले जा सकते हैं।

तो इंतज़ार किस बात का है, आज ही बनाएं और होली के पकवानों पर चार चांद लगाएं।

Friday, 11 March 2022

Poem : उनको रोक सकेगा कौन?

BJP की प्रचंड जीत ना केवल U.P. में,  बल्कि उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी हुई है। जिससे पूरे देश में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई है। पर बहुत से लोग सोच रहे हैं कि BJP कैसे जीत गयी? 

चंद पंक्तियों में उस जीत को व्यक्त करने का प्रयास किया है।

सच मानिए, जो भी इस मार्ग पर चलेगा, उसकी सफलता निश्चित है।

उनको रोक सकेगा कौन?


वो जीत गए जो जीतने थे,

कोई ना उनको रोक सका।

जब राम लला थे साथ खड़े,

फिर उनको रोक सकेगा कौन?


जो काज प्रभु के करते हैं,

प्रभु, स्वयं मार्ग प्रशस्त करते हैं।

यह समर नहीं था मानुष से,

और प्रभु से जीत सकेगा कौन?


तुमने खंड-खंड तोड़ा था जो,

वो सबको एकजुट करते गए।

जब सब साथ मिल गये हों तो,

फिर उनको हरा सकेगा कौन?


जो अथक रहा हो मंजिल पाने तक,

जो अडिग रहा हो जीत जाने तक।

ऐसे दृढनिश्चय को बोलो,

पलभर भी झुका सकेगा कौन?


जिसका स्वार्थ नहीं अपना,

जिसका राष्ट्र भक्ति हो सपना।

जो देश-विकास का साधक हो

फिर उसको नहीं चुनेगा कौन?


वो जीत गए जो जीतने थे,

कोई ना उनको रोक सका। 

जब राम लल्ला थे साथ खड़े,

फिर उनको रोक सकेगा कौन?


जय श्री राम 🚩🙏🏻

Tuesday, 8 March 2022

Poem : स्त्री को भी, इंसान बनाया होता

महिला दिवस पर सभी स्त्रियों को हार्दिक शुभकामनाएँ 💐 

हे ईश्वर सभी स्त्रियों को सम्मान, स्नेह और अपना आशीर्वाद प्रदान करें 🙏🏻

स्त्री को भी, इंसान बनाया होता




हे ईश्वर,

काश! तूने,

पुरुषों सा,

स्त्री को भी,

इंसान बनाया होता,

महज़ खिलौना और

समान ना बनाया होता।


छू सकता उसे कोई,

जब उसकी तमन्ना होती,

वरना छूने से ही उसको,

अंग-अंग में  जलन होती,

तब उसकी अस्मत यूं,

सरे आम ना नीलाम होती,

शायद तब महाभारत भी,

यूं ना अंजाम होती।


इतिहास में ना जाने,

कितने ख़ून बहे,

स्त्री को भोगने के लिए।

काश! स्त्री केवल भोग का,

सामान ना होती।


सदियों सी चली आ रही दशा,

आज भी ना बदली है,

भोग्या थी, तब भी,

और आज भी है।


कितना कुछ बदला है,

अब यह भी बदल दे,

हे ईश्वर, जो तब ना किया,

वो अब तो कर दे,

स्त्री को भी पुरुषों सा,

इंसान बना दे।

❤️Happy International Women's day ❤️

Monday, 7 March 2022

India's Heritage : महाराजा दिग्विजय सिंह जडेजा जी

 महाराजा दिग्विजय सिंह जडेजा जी


आज India's heritage के segment में हम ऐसे महाराजा के विषय में बताने जा रहे हैं, जिनके विषय में जानकर आपको गर्व महसूस होगा।

जैसा की हम जानते हैं कि Russia के सैन्य हमलों के बीच Ukraine से निकल रहे Indian students को पड़ोसी देश Poland का बड़ा सहारा मिल रहा है। Poland में उनके रहने-खाने और अन्य ज़रूरी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। पर ऐसा है क्यों? आप ने कभी सोचा है?

आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं। 

ऐसा इसलिए है क्योंकि कभी India ने Poland के सैकड़ों बच्चों को पनाह दी थी। उस वक्त खुद Poland इसी Russia के हमले का शिकार हुआ था।

जगत कल्याण की भावना भारतीय जनमानस में, परंपरा से रची-बसी हुई है। Poland ने इसका ऐसा अनुभव किया कि भावविभोर होकर चौराहे, park, school को India के एक महाराजा का नाम दे दिया। 

आखिर वो राजा थे कौन? और उन्होंने ऐसा भी क्या किया था? जो Poland आज भी उनका शुक्रगुज़ार हैं।

Second World War :

Second World War के दौरान वर्ष 1939 में Germany ने Poland पर हमला बोल दिया। Germany के तानाशाह हिटलर और USSR के तानाशाह स्टालिन के बीच गठजोड़ हुआ। German attack के 16 दिन बाद USSR सेना ने भी Poland पर attack बोल दिया। दोनों देशों का Poland पर कब्जा होने तक भीषण तबाही मची। हजारों सैनिक मारे गए और भारी संख्या में बच्चे अनाथ हो गए। वो बच्चे camps में बेहद अमानवीय हालात में जीने को मजबूर हो गए। 

दो साल बाद 1941 में Russia ने इन camps को भी खाली करने का फरमान जारी कर दिया। 

Camps में रहने वाले बच्चे और औरतें बेसहारा हो गये, कहीं कोई उनको सहायता देने को तैयार नहीं था। ऐसे में जामनगर, गुजरात के महाराजा दिग्विजय सिंह जडेजा जी ने उनकी सहायता की। उस समय जामनगर को नवानगर कहते थे।

दिग्विजय सिंह जडेजा की दरियादिली :

1942 में 170 अनाथ बच्चों का पहला जत्था नवानगर पहुंचा। फिर अलग-अलग जत्थों में करीब 1,000 असहाय Polish बच्चे India आए। महाराजा दिग्विजिय सिंह जी ने उन्हें, नवानगर से 25 k.m. दूर बालाचाड़ी गांव में शरण दी। महाराजा ने बच्चों का ढाढस यह कहकर बंधाया कि अब वो ही उन बच्चों के पिता हैं।

बालाचाड़ी में हर बच्चे को कमरों में अलग-अलग बिस्तर दिया। वहां खाने-पीने, कपड़े और स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ उनके खेलने तक की सुविधा सुनिश्चित की। बच्चों के लिए एक football coach रखा। वो बच्चे अपनी जड़ों से कटा महसूस नहीं करें, इसलिए एक library बनवाई और उसमें Polish भाषा की किताबें रखवा दीं। Polish त्यौहार भी धूम-धाम से मनाए जाते। ये सभी खर्च महाराजा ने खुद उठाया, उन्होंने कभी कोई रकम Poland सरकार से नहीं ली।

महाराजा की महानता नहीं भूला पोलैंड :

1945 में विश्वयुद्ध खत्म होने पर Poland को USSR में मिला लिया गया। अगले वर्ष, Poland की सरकार ने India में रह रहे बच्चों की वापसी की सोची। उसने महाराजा दिग्विजिय सिंह जी से बात की। महाराजा ने Polish सरकार से कहा कि आपके बच्चे हमारे पास अमानत हैं, आप जब चाहें ले जाएं। महाराजा ने हामी भरी तो बच्चों की वापसी हो गई।

43 वर्ष बाद 1989 में Poland, USSR से अलग हो गया। स्वतंत्र Poland की सरकार ने राजधानी Warsaw के एक चौक का नाम दिग्विजय सिंह के नाम पर रख दिया। हालांकि, महाराजा का निधन 20 वर्ष पहले 1966 में हो चुका था। फिर 2012 में  Warsaw के एक park को उनका नाम दिया गया। 2013 में Warsaw में फिर एक चौराहे का नाम 'Good Maharaja square' दिया गया। इतना ही नहीं, महाराजा दिग्विजय सिंहजी जडेजा को राजधानी के लोकप्रिय Bednaraska high school के honorary patron का दर्जा दिया गया। Poland ने महाराजा को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान, The Grand Cross of Order of Merit of the Republic of Poland भी दिया। 

आज Poland, महाराजा दिग्विजय सिंह जडेजा को याद करते हुए Indian students की उसी तरह से मदद कर रहा है।

महाराजा दिग्विजय सिंह जडेजा जी आप को शत् शत् नमन 🙏🏻 

आज आप के द्वारा किए गए सत्कर्मों का फल Indian students को मिल रहा है।

हम भारतीयों की परंपरा, संस्कृति और विरासत सभी इतनी अच्छी है कि जो कोई उसके सानिध्य में आया, उसी रंग में रंग गया।

हम सभी को भारत पर गर्व करना चाहिए और ईश्वर को कोटि-कोटि धन्यवाद देना चाहिए कि उन्होंने हमें भारतीय बनाया।

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

Saturday, 5 March 2022

Article : जो किसी ने नहीं किया

 जो किसी ने नहीं किया

आज-कल सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा मुद्दा रुस-युक्रेन युद्ध बन गया है।

रुस-युक्रेन युद्ध में बहुत कुछ ऐसा हो रहा है, जिसको देखकर हर एक की आँख खुल जानी चाहिए और यह सोच भी विकसित हो जानी चाहिए कि कौन कैसा है। 

शायद यह युद्ध टल जाता, बहुत से लोगों की जान बच जाती, दुनिया भर की बरबादी ना होती और अभी इस युद्ध के होने से पड़ने वाला सबसे बड़ा नुकसान यह है कि सब जगह बहुत अधिक महंगाई दर बढ़ जाएगी। 

अब बात करते हैं कि जब युद्ध टाला जा सकता था तो टला क्यों नहीं? 

क्योंकि अमेरिका और नाटो देशों ने युक्रेन के लोगों और उनके राष्ट्रपति Zelensky के मन में भड़की आग को शोलों में बदल दिया। 

सब जानते थे कि युद्ध प्रारंभ होने से रुस को ही जीतना था और युक्रेन नेस्तनाबूद हो जाना था पर फिर भी युक्रेन युद्ध करने को आतुर हो गया।

जब कोई सशक्त आपको आप की क्षमता से अधिक करने के लिए उकसा रहा हो, तो अपनी बुद्धि, धैर्य को दरकिनार करते हुए अपने नुकसान को बिना सोचे-समझे विनाश की ओर बढ़ने से पहले एक बार यह ज़रूर सोचिएगा कि वो सशक्त, सच में आप का सहायक है, या वो आपके जरिए अपना उल्लू सीधा कर रहा है। 

और यही हुआ, अमेरिका ने युक्रेन के रास्ते अपने समकक्ष रूस को बिना सीधे तौर पर युद्ध किए परास्त करने का मार्ग प्रशस्त कर लिया। 

अमेरिका ने एक बार भी युद्ध विराम के लिए नहीं कहा बल्कि युद्ध आरंभ होने के दूसरे दिन से युक्रेन को युद्ध सामग्री और धन देकर युद्ध की आग की तपिश बढ़ा दी। 

साथ ही रुस पर बहुत तरह के प्रतिबंध लगवा कर, अपने तेल और गैस इत्यादि के व्यापार का विस्तार किया है। अपने हथियार के व्यापार को भी और सशक्त कर लिया है।

इसका मतलब आप को समझ आया? कि युद्ध जितना लंबा खिंचेगा, युक्रेन उतना ही तबाह होगा, रुस उतना ही कमजोर होता जाएगा और अमेरिका उतना ही सशक्त व समृद्धशाली। 

यह तो रही युद्ध की बात...

अब बात करते हैं कि कितने देश युक्रेन में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए कितने प्रयासरत हैं... 

अमेरिका, चीन, ब्रिटेन जैसे बड़े देशों ने युद्ध आरंभ होने की advisory दे दी थी और अपने नागरिकों को युक्रेन छोड़ने की बात कह दी थी, साथ ही यह भी हिदायत दे दी थी कि इसके लिए उन्हें कोई आर्थिक सहायता नहीं प्रदान की जाएगी। सभी को अपने खर्च पर वापस आना होगा।

इस advisory के जारी होते ही उन देशों के अधिकतर नागरिक युक्रेन छोड़ कर चले गए। 

युद्ध का आरंभ 24 February में हुआ था, जबकि भारत 15 Feb. से 28 Feb. तक लगातार advisory जारी करता रहा, युद्ध आरंभ होने की और युक्रेन से निकल जाने की । Media में भी बराबर चेतावनी दी जाती रही कि अब युक्रेन में रहना सुरक्षित नहीं है।

जब कभी भी ambassy advisory जारी की जाती है उसे कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए।

बावजूद इसके, India के चंद students को छोड़कर, किसी ने भी advisory को seriously नहीं लिया, बल्कि media पर TRP बढ़ाने का आरोप, BJP पर जनता पर प्रभाव जमाने का आरोप और माता-पिता पर बेवजह panic होने का आरोप लगाकर, मखौल उड़ाया। उनका कहना था कि पुतिन केवल धमकी मात्र दे रहे हैं। कुछ करने की हिम्मत नहीं है, अगर वो ऐसा कुछ करेंगे तो नाटो देश और अमेरिका उसका खात्मा कर देगा।

वहीं कुछ इस तरह से भी बोल रहे थे कि युद्ध होने से thrill होता है, युद्ध नहीं होने से life में कुछ excitement नहीं आ रहा है। 

अब तो उनको और बाकी सब को भी समझ आ गया होगा कि advisory और दी जा रही चेतावनी कितनी सही थी। बात कितनी serious थी और जब बात जान पर बन जाती है तो कोई thrill नहीं होता है।

पर धन्य हैं! हमारे मोदी जी, कि जो उनका मज़ाक उड़ा रहे थे, आज उन्हीं को मुसीबत से बचाने के लिए उन्होंने operation गंगा बनाया है। जिसमें एक-एक student को सुरक्षित लाने की कोशिश की जा रही है, वो भी बिल्कुल मुफ़्त। 

और उससे भी बड़ी बात कि इस कार्य को पूरा करने के लिए BJP के चार बड़े केंद्रीय मंत्री, हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जनरल वीके सिंह और किरन रिजिजू शामिल हैं। जो अपनी जान को दांव पर लगा कर उन students को बचाने में लगे हैं। और अपने इस mission में वो काफी हद तक सफल भी हो रहे हैं। बहुत-बहुत आभार इन सभी मंत्रियों का, साथ ही इनको देश की तरफ से शत् शत् नमन 🙏🏻

वरना अपने ही देश भारत में 2013 में, जब कांग्रेस सत्ता में थी, केदारनाथ- बद्रीनाथ पर आई आपदा के समय लाशों को देना का ठेका सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को मिला था।

और वाड्रा, प्रत्येक लाश के 2lakh ले रहा था। और जो यह धनराशि देने में असमर्थ थे, उन्हें लाश नहीं दी जा रही थी। 

वहाँ बची हुई लाशों पर, हेलीकॉप्टर द्वारा acid डालकर नष्ट कर दिया गया था।

क्या हुआ था, आज से पहले कभी ऐसा? जैसा महान कार्य, मोदी जी कर रहे हैं। 

बल्कि यह कहना चाहिए कि किसी भी बड़े-छोटे देशों में आज भी नहीं हो रहा है।

आज हर देश चाह रहा है कि उन्हें मोदी जी जैसा प्रधानमंत्री मिले।

जिन लोगों के बच्चे, अपने घर में सुरक्षित पहुंच रहे हैं, उन्हें मोदी जी, ईश्वर का स्वरूप लग रहें हैं।

हम कहते हैं मत मानिए, उन्हें ईश्वर। पर वो हमारे भारत देश को सर्वोच्च पद पर आसीन कर सकते हैं, यह तो मान लीजिए। उनके सत्ता में होने से उनका नहीं, देश का हित है, यह तो मान लीजिए। देश का विकास करने के लिए उन्हें सत्ता में रहने का सहयोग तो दे दीजिए।

आँख खोलकर देखिए, समझिए, जो कोई नहीं कर रहा है, जो किसी ने नहीं किया, वो हो रहा है। भारत देश, हर क्षेत्र में सर्वोच्च पद पर आसीन हो रहा है।

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳