Wednesday, 25 November 2020

Poem : शुभ दिन

शुभ दिन


आज का यह शुभ दिन,

हमेशा शुभ बनकर आया है।

इसने मेरे मन को हरदम,

सुख बनकर हर्षाया है।।


इस दिन ने मेरे जीवन को,

अपूर्ण से सम्पूर्ण बनाया है।

एकल जीवन में खुशहाली दे,

जीवनसाथी से मिलवाया है।।


यह दिन नहीं, केवल हमारे,

मिलन का दिवस कहलाया है।

इस दिन ने दो परिवार को,

दो संस्कारों को मिलवाया है।।


हम सब, एक-दूसरे से,

रहते थे कितने अनजान।

पर, यह दिवस आया तो,

हो गये एक-दूजे की जान।।


एक परिवार था मेरा,

एक आपका कहलाता।

यह दिवस आया तो,

जुड़ गया, सदियों का नाता।।


जीवनसाथी आप को,

शुभ दिन की शुभकामनाएँ।

शादी की सालगिरह।

जीवन में खुशहाली लाएँ।।


आज मेरी शादी की 17वीं सालगिरह है, और आज की मेरी यह कविता अपने जीवन साथी, अपने पूरे परिवार को नज़र !

और उन सब को भी, जिनको अपनी शादी, सिर्फ जीवन साथी से ही मिलन नहीं, वरन् पूरे परिवार से मिलन नज़र आती है। 

शादी की सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएँ!!🎉💐❤️