Sunday, 20 October 2024

Poem : करवाचौथ व्रत

करवाचौथ व्रत

 मेंहदी लगाकर हाथों में,

 सिंदूरा सजाकर माथे पे,

चूड़ी में खनकाऊंगी,

सजना तुझको मैं रिझाऊंगी।


करके सोलह श्रृंगार,

ओढ़कर चुनरी लाल,

रुप निखार के आऊंगी,

नेह तुझ पर मैं लुटाऊंगी।


करवाचौथ व्रत कठिन अपार,

करूँगी चंद्र पारण के साथ,

उम्र तेरी में बढ़ाऊंगी,

सजना तुझ पर वारी जाऊंगी। 


बस एक इच्छा के साथ,

हर जन्म मिले तेरा ही प्यार,

तुम से है पूरी दुनिया मेरी,

तुम से ही सुन्दर घर-संसार।


आप सभी को करवाचौथ पर हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🏻 

सृष्टि की सभी सुहागनों को अखंड सौभाग्य प्राप्त हो 🙏🏻


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