Friday 26 January 2024

Poem : मेरा भारत, मेरा शेर

आज हमारे नौनिहाल किस तरह से देखते हैं हमारे देश को, उनके मन में अपने देश की क्या परिकल्पना है। 

ओज से परिपूर्ण इस कविता में साफ़ झलकता है, जिसे प्रिय अद्वय ने लिखा है।

आइए उसके बाल मन से रची-बसी इस कविता का आनन्द लें...

मेरा भारत, मेरा शेर


चुनौतियों को करके पार,

रोशन करके अंधेर।

आज भी है उतना ही परिश्रमी,

मेरा भारत, मेरा शेर।।


अनगिनत युद्धों में विजेता बनके,

शत्रुओं को करके ढेर।

आज भी है वह विश्व विजयी,

मेरा भारत, मेरा शेर।।


खुशियाँ, उमंग और उत्साह,

जीवन में रंगों को रहा बिखेर।

आज भी है उतना ही सुदृढ़,

मेरा भारत, मेरा शेर।।


मित्रों को लेकर साथ 

प्रतिपक्षी को करके घेर।

आज भी है उतना ही सफल,

मेरा भारत, मेरा शेर।।


सशक्त है जैसे चट्टान,

मीठा है जैसे बेर।

आज भी है सोने की चिड़िया,

मेरा भारत, मेरा शेर।। 


🇮🇳 भारत माता की जय 🇮🇳

🇮🇳 वन्दे मातरम् 🇮🇳

 गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र अभिनंदन।

Wednesday 24 January 2024

Recipe : Daal Makhani

सर्दियों का मौसम चल रहा है या यूं कहें कि स्वाद का मौसम चल रहा है। ऐसा इसलिए भी, क्योंकि सर्दियों में ज़्यादा parties होती हैं। 

शादी-विवाह और parties में एक से एक सब्जियां बनाई जाती हैं, पर हर menu में सब्ज़ियां change होती रहती हैं, नहीं होती है तो बस दाल मखनी...

दाल मखनी हर party की शान होती है। 

तो चलिए आज इसकी recipe ही share कर देते हैं, जिससे party की शान, आपके घर की शान बन जाए।


दाल मखनी 

Ingredients :

Whole black gram - 500 gm.

Jammu rajma - 250 gm.

Chickpea lentil - Handful

Cumin - 1 tsp.

Whole garam masala - 1 tsp.

Ginger garlic paste - 1 tbsp.

Chopped onion - 1 cup 

Tomato puree - ½ cup 

Clarified butter (ghee) - 2 tbsp. 

Turmeric powder -  ½ tsp.

Coriander powder - ½ tsp.

Kashmiri Lal Mirch powder - 2 tsp.

Salt - as per your taste 

Butter - 250 gm. 

Garlic cloves - 3 to 4  

Kasuri Methi - 1½ tsp 

Green chilli - 2

Cream - 1 tbsp.


Method

  1. साबुत उड़द दाल, राजमा और चने की दाल, तीनों को अलग-अलग भिगा दें। 
  2. अगले दिन उरद दाल को रगड़-रगड़ कर साफ कर लीजिए। 
  3. दाल रगड़कर साफ करने से वो काले से थोड़ा हरे से रंग जैसी दिखने लगेगी।
  4. Pressure cooker में घी डालकर गर्म करके उसमें राजमा, उरद दाल व चने की दाल डाल दें।
  5. फिर उसमें 50 gm. butter, नमक, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, 1 tsp कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर और लहसुन की 3 to 4 कलियां व 5 cup पानी डालकर, 3 अलग-अलग high flame पर 4 to 5 slow flame पर whistle लगा लें।
  6. एक wok लीजिए, उसमें 50 gm butter और ghee डालकर गर्म कर लीजिए।
  7. अब इसमें ginger, garlic, chilli paste डालकर sauté कर लीजिए।
  8. अब इसमें 1 tsp. कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर व‌ कसूरी मेथी डालकर एक बार अच्छे से mix कर लीजिए। 
  9. अब इसमें tomato puree डालकर, slow flame पर तब तक भूनें जब तक टमाटर से अच्छे से घी अलग ना हो जाए।
  10. अब इसमें उबली हुई दाल, राजमा और चने की दाल डालकर अच्छे से mix करते हुए चलाते हुए पकाएं। इसमें डले हुए लहसुन को मसल कर अच्छे से दाल में mix कर लीजिए।
  11. यह process दाल के proper texture आने तक करते रहें। बीच बीच में butter add करते जाएं। 
  12. 50 gm butter, serving time पर add करने के लिए छोड़ कर बाकी सारा मक्खन दाल पकाते समय डाल देंगे।
  13. जब दाल serve करें, उससे पहले इसमें बचा 50 gm butter add करके अच्छे से mix कर लीजिए।
  14. Serve करते समय इसे fresh cream या butter से garnish कर दीजिए।

Tasty cream Dal Makhani is ready to serve. You can serve it with Naan, Rumali Roti, Rice etc.

Perfect dal makhani recipe के लिए इन tips and tricks का जरुर से ध्यान रखिएगा।


Tips and Tricks :

  • उरद की दाल बहुत hard होती है, इसलिए कभी-कभी यह soak करने में ज्यादा time लेती है और एक दिन से ज्यादा दिन लग जाते है (specially winter में), पर याद रखिएगा, तब तक दाल भिगानी है, जब तक उसे रगड़ने से छिलके भी साफ होने लगे।
  • दाल रगड़ कर साफ़ कर लें, तभी पकने के लिए pressure cooker में डालें। 
  • दाल रगड़कर धोने से, दाल जल्दी गलेगी और दाल की कड़वाहट भी निकल जाएगी। 
  • Pressure cooker में दाल उबालते समय थोड़ा घी-मक्खन व सूखे मसाले डालकर ही उबालें। इससे दाल का texture, colour and aroma बहुत अच्छे आते हैं।
  • अगर आप garlic नहीं खाते हैं तो उसे हटा कर सिर्फ ginger, green chilli का paste भी डाल सकते हैं।
  • और green chilli की quantity भी अपने taste के according घटा-बढ़ा सकते हैं, discard भी कर सकते हैं।
  • कसूरी मेथी को रगड़ कर ही डालें, इससे कसूरी मेथी की fragrance enhance हो जाती है। 
  • टमाटर से घी अलग होने तक ही भूनें। वरना टमाटर का कच्चापन, taste, texture दोनों को खराब करेगा ही, साथ ही दाल को अच्छे से गलने भी नहीं देगा।
  • 80% दाल whistle देकर व बाकी 20%  slow flame पर घोंटकर-घोंटकर ही पकानी है।
  • दाल को घोंटने से दाल और राजमा से दस निकलता है जो कि दाल को smooth texture देता है।
  • इसमें राजमा की quantity आप अपने taste के according घटा या बढ़ा भी सकते हैं। बस डालिएगा जरुर, राजमा डालने से ही autho
  • चने की दाल इसमें binding के लिए डालते हैं और इससे सौंधापन भी बढ़ जाता है, जो दाल को और tasty बना देता है। 
  • इस दाल मखनी में दो ही चीजों का taste enhance रहता है, एक तो दाल, दूसरा मक्खन... 
  • इसलिए घी और मक्खन दोनों खूब डालकर ही दाल बनाएं। 
  • इस दाल में ज्यादा घी-मक्खन इसलिए भी डाला जाता है, क्योंकि यह dry ज्यादा होती है।
  • याद रखिएगा बहुत ज्यादा मसाले नहीं डालें वरना दाल मखनी की जगह दाल मसाला बन जाएगी। 
  • अगर आप को green coriander leaves का taste पसंद है तो आप उससे भी दाल garnish कर सकते हैं। 
  • इसमें घी मक्खन ज्यादा होता है, लेकिन कभी-कभी ज्यादा भी चाहिए होता है, स्वाद के लिए भी, और शरीर के लिए भी... तो enjoy कीजिए सर्दियों को....

बस इस recipe, tips and tricks को follow कीजिए और सब की favourite dal makhani बनाएं।

Monday 22 January 2024

Article : अयोध्या : स्वप्न नगरी

अयोध्या : स्वप्न नगरी 



इंतज़ार था कि राम कब आएंगे? 

राम आएंगे तो कैसा होगा? 

राम आएंगे तो हम क्या-क्या करेंगे? 

22 जनवरी, आज का विशेष दिन, एक विशेष पर्व, जिसका इंतज़ार 500 वर्षों से था... 

आज वो दिन आ ही गया...

आज कल हर ओर बस दो ही हैं नाम, एक राम और एक अयोध्या...

जब प्रभु श्रीराम जी अपना 14 वर्षों का वनवास पूर्ण करके अयोध्या लौटे थे तो सम्पूर्ण अयोध्या, स्वप्न नगरी बन गई थी। हर कोना अपनी खूबसूरती से परिपूर्ण था, वहां रहने वाला हर प्राणी यही सोच रहा था कि मैं क्या कर लूं, कि प्रभु श्रीराम जी की एक नज़र उस ओर आकर्षित हो जाए और प्रभु की कृपा मिल जाए। 

हर प्राणी प्रसन्नता से खिल उठा था, हर दिल खुश था और हर घर जगमग... 

ऐसा प्रसंग हमको कहानियों, ग्रंन्थों और महाग्रंथों में सुनने और पढ़ने को मिलता है। 

पर सौभाग्यशाली हैं हम सब कि वही क्षण और पल हमें फिर से जीने का मौका मिल रहा है।

अगर आप को भी भगवान श्री राम में आस्था है तो देखिए अपने चारों तरफ, कैसे सम्पूर्ण भारत के सभी रामभक्त, आगे से आगे बढ़ कर इस महायोजना में समर्पित हैं। 

हर प्राणी यही सोचने में लगा हुआ है कि मैं कैसे प्रभू की सेवा कर लूं.. मैं कैसे प्रभू श्रीराम जी को रिझा लूं...

दूर-दूर से लोग, अयोध्या में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य में ना जाने कितने पूजा अर्चना के सामान लेकर जा रहे हैं।

अयोध्या नगरी एक बार पुनः स्वप्न नगरी बन गई है, उसका एक-एक कोना अपनी खूबसूरती से परिपूर्ण हो गया है। हर ओर जगमगाहट है, हर ओर आनंद है।

समा फिर से वही बन गया है, पर शायद एक फ़र्क है कि इस बार उस दिन, जब प्रभू श्रीराम जी पुनः अयोध्या आ रहे हैं तो उसका उल्लास और उत्साह सम्पूर्ण भारत वर्ष में है। पूरा वातावरण राम-मय हो गया। 

जब सब जगह positive vibes हो तो उससे एक अलग ही synergy उत्पन्न होती है, जो पूरी मानवता के लिए कल्याणकारी होती है 🙏🏻

हर शहर, हर गांव, हर गली दीपों से जगमगा रही है, हर मंदिर में राम जी से जुड़े आयोजन किए जा रहे हैं, कहीं रामायण, कहीं सुंदरकांड तो कहीं भजन पूजन किए जा रहे हैं। 

हे प्रभू, हमारे घर द्वार भी आना, हम पर भी अपनी कृपा बरसाना...

इसके भक्तिमय सुख के लिए हम भाजपा को थोड़ा तो धन्यवाद दे ही सकते हैं कि आज उनके ही प्रयास से हमें यह शुभ दर्शन मिले।

एक दिन के लिए सम्पूर्ण भारत और सम्पूर्ण हिन्दू एक सूत्र में बंध गए। एक परिवार बना गये हैं, तो  इसके लिए BJP को धन्यवाद 🙏🏻

आज उससे भी बड़ा धन्यवाद उन सभी कारसेवकों को जिन्होंने इस स्वप्न को पूर्ण करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी 🙏🏻 😊 

उनके बलिदान को शत-शत नमन 🙏🏻 

साथ ही अपने ईश्वर को सबसे पहले धन्यवाद की उन्होंने हम सबको इतना सौभाग्य प्रदान किया कि हम सब इसके साक्षी बन सके। 

ना जाने कितने इस सुखद स्वप्न का इंतजार करते हुए स्वर्ग लोक को चले गए।  

जो भी अयोध्या स्वप्न नगरी के साक्षी हैं उन सबको अभिनंदन और जो इस समय अयोध्या में ही हैं, वो तो सबसे ज्यादा सौभाग्यशाली हैं, उनको तो बहुत बहुत अभिनंदन... 

अगर आप अयोध्या नगरी की सुंदरता का रसपान करना चाहें तो इस article की image को छूने से, आप उसे बड़ी कर के देख सकते हैं।

इस image की हर pics अयोध्या की ही है, जिसे हमारी भाभी शिप्रा ने भेजी है, जो कि अयोध्या में रहती है, उसका अनेकानेक आभार 🙏🏻

आज हम सब खुश होकर गाएंगे...

कृपा करेंगे भगवान आए आए अयोध्या में राम  इस link पर click करके भजन का आनन्द भी लीजिए, उसके video में भी अयोध्या की ही बहुत सी pics हैं 😊 

जय श्री राम 🚩🙏🏻

Sunday 21 January 2024

Bhajan (Devotional Song)

 आए आए अयोध्या में राम

 


किरपा करेंगे भगवान

आए आए अयोध्या में राम


राम आए हैं, तो दीपक जलाओ

दीपक जलाओ, सब दीपक जलाओ 

जगमग जगमग, दिवाली मनाओ

दीपक जलाओ, सब दीपक जलाओ

करने पूरन सारे काम

आए आए अयोध्या में राम 


किरपा करेंगे भगवान

आए आए अयोध्या में राम


राम आए हैं, तो सब झूमो-गाओ

झूमो और गाओ, सब झूमो और गाओ

घर घर में त्यौहार मनाओ

झूमो और गाओ, सब झूमो और गाओ

सुख का है दूजा नाम 

आए आए अयोध्या में राम 


किरपा करेंगे भगवान

आए आए अयोध्या में राम


राम आए हैं, तो खुशियां मनाओ

खुशियां मनाओ, सब खुशियां मनाओ 

घर घर में रामायण कराओ

खुशियों मनाओ सब खुशियां मनाओ

शुभ कर्मों का है परिणाम

आए आए अयोध्या में राम 


किरपा करेंगे भगवान

आए आए अयोध्या में राम


राम आए हैं, जयघोष लगाओ 

जयघोष लगाओ, सब जयघोष लगाओ 

श्रीराम जय राम गाते ही जाओ

जयघोष लगाओ, सब जयघोष लगाओ

भारत है देवों का धाम

आए आए अयोध्या में राम 


किरपा करेंगे भगवान

आए आए अयोध्या में राम

आप सबने हमारा बहुत साथ दिया है, उसके लिए अनेकानेक आभार 🙏🏻

प्रभू श्रीराम जी के आगमन पर यह यह भजन YouTube पर डाला है, जिससे आप पूरे भजन का आनन्द ले सकें...

🪔🙏🏻 आप सभी से अनुरोध है कृपया इस video को like and share अवश्य कीजिए 🌻🕉️


https://youtu.be/qP1PbNl_VEA?si=D8h2x595DGdSUr-E 


🚩🚩जय श्री राम🚩🚩

Friday 19 January 2024

Article: सुकून के पल

 सुकून के पल


आज कल की भागती-दौड़ती जिंदगी में यदि कुछ सुकून के पल मिल जाए तो लगता है कि life set है boss।

पर इस भागती-दौड़ती जिंदगी में हर एक के पास वो सुकून के पल जरुर होते हैं। आपके पास भी हैं... हैं ना?

अरे क्या सोचने लगे हैं कि नहीं है?...

बिल्कुल हैं, चलिए उन्हें एहसास करने की कोशिश करते हैं।

दिन पर दिन ठंडक बढ़ती जा रही है, ऐसे में जब हमें अपने बिस्तर पर आने का मौका मिलता है ना, बस तब ही...

तभी तो होते हैं वो सुकून के पल... 

जब साफ, सुथरा, नर्म और गर्म बिस्तर हो, उसके साथ बहुत soft, cozy और साफ सुथरा blanket या रजाई मिल जाए तो बात ही क्या...

बस इन्हीं सुख के पलों की बात कर रहे हैं ...

हमारे घर से चार प्राणी हैं और चारों के पास double bed का cozy और साफ़ सुथरा भीनी खुशबू वाला blanket हैं। 

Double bed का होने और सबका separate blanket होने के कारण हम सबके लिए वो more than sufficient है। 

उसको ओढ़ने के बाद हम लोग उसे चारों तरफ़ से अपने नीचे दबा भी लेते हैं। मतलब वो तब सिर्फ blanket नहीं रह जाता है बल्कि sleeping bag बन जाता है। और बहुत अच्छी गर्माहट देता है।

आप कहेंगे कि sleeping bag ही बनाना है तो वही ना ले लें, तो भाई sleeping bag आपके according customize नहीं होता है। 

जबकि आप blanket और रजाई को अपने अनुसार जहां से जितना दबाना चाहो, दबा सकते हो। 

आपको एक secret बताएं, सुख क्या है? कोई fix formula नहीं, बल्कि कोई भी ऐसी चीज, परिस्थिति या इंसान जो हमारे according customize हो। बस वही सुख है।

उस साफ-सुथरे, नर्म मुलायम कंबल का एहसास, दूसरी ही दुनिया में ले जाता है। जहां जीवन के सुख की सुखद अनुभूति होती है। वो नर्म और गर्म बिस्तर ऐसा प्रतीत होता है, अगर दुनिया में कहीं स्वर्ग है तो यहीं है। ऐसा लगता है कि इस रात की सुबह ही ना हो। 

यूं ही मखमली एहसास में जीवन बीत जाए। वैसे तो हम अपने जितने काम करेंगे, जीवन उतना ही स्वस्थ रहेगा। पर ठंड में लगता है कि कहीं के राजकुमार और राजकुमारी बन जाएं और सब कुछ बस बिस्तर पर ही मिलता जाए। 

पर ईश्वर इस सुख को प्रदान कराने के लिए सख्त बीमार ना करें, क्योंकि तब वो आराम सुखद ना हो कर कष्टकारी हो जाएगा। 

उससे तो नर्म और गर्म बिस्तर की हर रात ही अच्छी है और हर सुबह की भरपूर मेहनत भी.... 

वैसे सुख बहुत लंबा हो जाने से सुख नहीं लगता है, बल्कि आदत लगने लगती है। 

इसलिए सुख के परम एहसास के लिए काम करना भी जरूरी है। और काम खत्म करके जब वो पल आएं तो उनका अनुभव करना भी... 

इसलिए अब से जब सारे काम खत्म करके अपने नर्म और गर्म बिस्तर पर लेटें तो तुरंत सो मत जाइए, बल्कि उस सुखद एहसास का अनुभव जरूर करें।

छोटे-छोटे सुख का एहसास करना ही सुकून के पल होते हैं और जो इसे अनुभव कर सकता है वहीं सुखी है।

इसलिए छोटी-छोटी बातों में दुःख ढूंढने के बजाए सुकून के पल ढूंढिए, सच मानिए इससे ही सुख और आनंद मिलेगा।

Thursday 18 January 2024

Article: क्या करें निमंत्रण में मिले अक्षत (चावल) का

क्या करें निमंत्रण में मिले अक्षत(चावल )का?


जैसा कि आप सभी को विदित है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूर्ण हो गया है। साथ ही अब उस शुभ दिन जब, "रामलला में प्राण प्रतिष्ठा" की जाएगी, उसमें एक हफ्ता भी बाकी नहीं है। 

इस शुभ पवित्र दिन से हर कोई जुड़ना चाह रहा है, चाहे वो अमीर हो या गरीब, शहर का या गांव का... हर कोई अपनी सामर्थ्य के अनुसार इसकी कड़ी बनना चाहता है।

ऐसे में राम भक्तों का तो कहना ही क्या? 

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामभक्त देशभर में एक खास मुहिम चला रहे हैं, जिसके अंतर्गत घर-घर जाकर बहुत ही खास अंदाज में निमंत्रण भेजा जा रहा है। 

500 सालों के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण हो गया है, जहां 22 जनवरी 2024 को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और इसके साक्षी बनने के लिए अयोध्या नगरी पहुंच रहे हैं। 

देशभर में इस दिन को पर्व की तरह मनाने की तैयारी की जा रही है, जिसके लिए हर गांव, गली और घर में खास अंदाज में निमंत्रण भेजा जा रहा है। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामभक्त घर-घर जाकर निमंत्रण दे रहे हैं। इस निमंत्रण में अक्षत यानि चावल का उपयोग किया गया है जो कि बेहद ही पुरानी भारतीय परंपरा है।


पर क्यों दिए जा रहे हैं अक्षत?

भारतीय परंपरा के अनुसार प्राचीन काल में लोग एक-दूसरे को किसी उत्सव या कार्यक्रम का निमंत्रण देने के लिए अक्षत का उपयोग करते थे।

अक्षत यानि चावल देकर लोगों को निमंत्रण भेजा जाता था। इसके लिए पहले चावल धोए जाते हैं, फिर हल्दी से रंगे जाते हैं। इस तरह से पीले हुए चावलों का उपयोग, निमंत्रण में भेजने के लिए किया जाता था।

हिंदू धर्म में अक्षत का विशेष स्थान है और कोई भी पूजा-पाठ, अनुष्ठान या धार्मिक कार्य अक्षत के बिना पूरा नहीं होता।


चावलों का धार्मिक महत्व :

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कोई भी पूजा पाठ का कार्य हो उसमें चावल का उपयोग जरूर किया जाता है। हिंदू धर्म में धार्मिक व शुभ कार्यों के दौरान तिलक लगाया जाता है, तो उसमें भी चावल लगाया जाता है।

कहा जाता है पीले चावल का उपयोग करने से देवी – देवता जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसलिए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ मौके पर आमंत्रण पत्र के साथ पीले चावल को भी दिया जा रहा है। 

मान्यता है पीले चावल से किसी भी शुभ कार्य में सफलता जरूर मिलती है, इसलिए रामलला प्राण प्रतिष्ठा के शुभ मौके पर भी अक्षत यानी पीले चावलों का उपयोग किया जा रहा है।

हमने आपको अपने कुछ दिन पहले के इस article  निमंत्रण प्रभू श्रीराम का में बताया था कि हमें भी वो सौभाग्य प्राप्त हुआ था और हमारे घर पर भी प्रभू श्रीराम जी का निमंत्रण और अक्षत प्राप्त हुए थे। 

अब जिन घरों में अक्षत यानी चावल आए हैं, उनके मन में, इन अक्षत के मिलने से एक और महत्वपूर्ण प्रश्न उठ रहा कि क्या करें निमंत्रण में मिले अक्षत का? 

जिन के घर बड़े बुजुर्ग है या वो खुद परिपक्व उम्र में पहुंच गए हैं कि उन्हें ज्ञात हैं कि इन अक्षत का क्या किया जाए, वो तो समझ गए होंगे कि उनका क्या करना है, पर जो अभी युवावस्था में हैं उनको हम इस चावल के सदुपयोग बता देते हैं। आप को जो सर्वोचित लगे, अपना लीजिए।

क्या करें निमंत्रण में मिले अक्षत का?

आइए जानते हैं कि क्या क्या कर सकते हैं हम, इन चावलों का...

तिजोरी में रखे अक्षत: 

ज्योतिषाचार्य लोग बताते हैं कि, चावल शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और शुक्र ग्रह से धन वैभव लक्ष्मी समस्त भौतिक सुख सुविधाएं प्राप्त होती है। इसका लाभ लेने के लिए चावल को लाल रेशमी कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखना चाहिए, ऐसा करने से मंगल और चंद्र दोनों सक्रिए होकर लक्ष्मी योग का निर्माण करेंगे, इससे घर में खुशियां आएंगी।


खीर का प्रसाद बनाएं: 

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, राम मंदिर से मिले चावलों का बहुत महत्व होता है। इसलिए रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन खीर बनाई जा सकती है, जिसमें इन चावलों को मिला दें। इसके बाद इस खीर को परिवार के साथ प्रसाद के रूप में ग्रहण करें और दूसरों में भी बांटें। ऐसा करने से घर में समृद्धि बनी रहेगी। वैसे भी प्रसाद में खीर का भोग सर्वोत्तम माना जाता है।


मस्तक पर तिलक करें:  

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रण में मिले चावलों का विशेष महत्व है। ये शुभता के भी निशानी माने जाते हैं, इसलिए जब भी आप शुभ कार्य के लिए घर से निकल रहे हैं तो इन चावलों को तिलक के रूप में मस्तक पर लगा सकते हैं। ऐसा करने से कोई भी कार्य आसानी से बन जाएगा। ऐसा सच में होगा? यह आपकी प्रभू श्रीराम पर आस्था पर निर्भर करेगा...


अपनी रसोई में प्रयोग करें:

आप इसे अपने भंडार घर में रख सकते हैं,  इससे घर में बरक्कत रहेगी। जिन लोगों की हाल में शादियां होंगी तो उनकी दुल्हन अपनी पहली रसोई में इन चावलों का प्रयोग कर सकती हैं। ऐसा करने से घर में खुशहाली आएगी है और घर में मेल-मिलाप बना रहेगा।


बेटी का कन्या दान करें: 

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, धार्मिक दृष्टिकोण से अक्षत का विशेष महत्व होता है। इसलिए इन चावलों को पूजा-पाठ में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा जिन लड़कियों की हाल में शादी होनी है उनके पिता उन्हें सौभाग्य के रूप में राम मंदिर से आए चावलों से कन्या दान कर सकते हैं। ऐसा करने से जिस घर में बेटी जाएगी, वहां बरक्कत होने लगेगी। 

सोचिए, हम सब में से जिस किसी के भी घर में निमंत्रण के अक्षत (चावल) आए हैं, उनको सौभाग्य तो प्रभू श्रीराम ने वैसे ही दे दिया है। तो जब सौभाग्य प्राप्त हो ही गया है तो उसको सहेजने का कार्य तो हमारा ही है, अब आपको उसे सहेजना, ऊपर दिए किस उपाय से है, यह आपकी इच्छा..

साथ ही 22 जनवरी को दीपोत्सव भी अवश्य करें 🙏🏻😊

जय श्री राम 🚩

Tuesday 16 January 2024

Article: रामलला की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा

रामलला की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा 


 

आज कल शीतकाल चल रहा है, फिर भी हवाओं में एक गर्माहट की अनुभूति बढ़ चली है, शायद इसलिए, कि शीत लहर से ज्यादा राम लहर चल रही है।

जी हां, जो ईश्वर के सानिध्य को परम सुख मानते हैं, उनके लिए यह अमृत काल चल रहा है। क्योंकि जिसका वो बहुत दिनों से इंतजार कर रहे थे, वो स्वर्णिम पल आ गया है।

अयोध्या में रामलला की मूर्ति स्थापित होने का पावन समय... 

पर वो तो 22 जनवरी को घोषित किया गया था, तो अभी से कैसे?

बिल्कुल 22 जनवरी को ही प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जाएगा। पर इतना बड़ा आयोजन एक दिन और चंद घंटों में समाप्त नहीं हो जाएगा। बल्कि इस का प्रारम्भ तो सूर्यदेव के उत्तरायण में प्रवेश करने के साथ ही प्रारंभ हो गया है। 

आप पहले पूरे कार्यक्रम की रुपरेखा देख लीजिए, फिर इससे संबंधित और विषय में भी विचार-विमर्श कर लेते हैं।

जब आयोजन बड़ा है तो कार्यक्रम भी एक सप्ताह तो चलना ही है, अतः 15 जनवरी से शुरू होकर 22 जनवरी तक चलने वाले कार्यक्रमों का विधिवत लेखा-जोखा इस प्रकार है।

राम मंदिर में 15-22 जनवरी 2024 तक के कार्यक्रम की रुपरेखा: 

1. 15 जनवरी 2024: रामलला के विग्रह यानी श्रीराम के बालरूप की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा।

2. 16 जनवरी 2024: इस दिन से रामलला के विग्रह के अधिवास का अनुष्ठान शुरू हो जाएगा।

3. 17 जनवरी 2024: इस दिन से रामलला की प्रतिमा नगर भ्रमण के लिए निकाली जाएगी।

4. 18 जनवरी 2024: इस दिन से प्राण-प्रतिष्ठा की विधि आरंभ होगी। मंडप प्रवेश पूजन, वास्तु पूजन वरुण पूजन, विघ्नहर्ता गणेश पूजन और मूर्तिका पूजन होगा।

5. 19 जनवरी 2024: राम मंदिर में यज्ञ अग्नि कुंड की स्थापना की जाएगी। खास विधि द्वारा अग्नि का प्रज्वलन होगा।

6. 20 जनवरी 2024: राम मंदिर के गर्भगृह को 81 कलश, जिसमें अलग-अलग नदियों के जल इकठ्ठा किए हैं, उनसे पवित्र किया जाएगा। वास्तु शांति अनुष्ठान होगा।

7. 21 जनवरी 2024: यज्ञ विधि में विशेष पूजन और हवन के बीच रामलला का 125 कलशों से दिव्य स्नान होगा।

8. 22 जनवरी 2024: इस दिन मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। मध्यकाल में मृगशिरा नक्षत्र में रामलला की महापूजा होगी। अर्थात रामलला की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। 

मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा का क्या अर्थ है और यह क्यों की जाती है, आपके मन-मस्तिष्क में भी इस तरह से प्रश्न उमड़-घुमड़ रहे होंगे। चलिए यह भी जान लेते हैं। 

मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा: वैदिक काल से देवी-देवताओं की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की परंपरा चली आ रही है।

जैसे प्राण के बिना किसी भी चीज का अस्तित्व नहीं है, वैसे ही मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बिना उसका धार्मिक महत्व नहीं है।

किसी भी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा बेहद खास अनुष्ठान होता है। किसी भी मूर्ति में जब वैदिक मत्रों के उच्चारण और खास विधि द्वारा उसमें प्राण को प्रतिष्ठित (स्थापित) किया जाता है तो उसे प्राण प्रतिष्ठा कहते हैं। 

क्या प्राण प्रतिष्ठा के बिना नहीं है मूर्ति का अस्तित्व :

कहा जाता है कि यदि किसी मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा नहीं होगी तब तक उसका अस्तित्व नहीं है। 

यानी जब विधिवत पूजा अर्चना द्वारा मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है तभी उसकी पूजा से लाभ प्राप्त होता है। 

यही वजह है कि मंदिरों में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। 

धार्मिक जानकर कहते हैं कि मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा नहीं होने पर उसमें भूत, प्रेत, पिशाच जैसी नकारात्मक शक्तियों का वास हो जाएगा। 

ऐसे में पत्थर की मूर्ति की पूजा करने से कुछ भी प्राप्त नहीं किया जा सकता है। मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा शुभ नक्षत्र-ग्रह, तिथि, वार, समय, मंत्र, पुरोहित (पंडित), यजमान को ध्यान में रखकर किया जाता है।

बिना प्राण प्रतिष्ठा के पूजन अधूरी मानी जाती है। हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य करने के लिए शुभ मुहूर्त होना आवश्यक होता है।

रामलाल की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त: 

अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का समय 12 बजकर 29 मिनट 08 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक रहने वाला है। यह 84 सेकंड का मुहूर्त बहुत ही खास है।

आप सोच रहे होंगे कि यही समय क्यों निर्धारित किया गया है?

उसका दो कारण है

1.  इसी समय मुहूर्त में प्रभू श्रीराम जी का जन्म हुआ था। 

2. भगवान श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा योग का शुभ मुहूर्त, पौष शुक्ल, कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080, यानी सोमवार, 22 जनवरी, 2024 को आ रहा है।

हमने आपको पूरे कार्यक्रम की रुपरेखा, शुभ मुहूर्त का दिन व समय, सब से अवगत करा दिया है।‌ 

हम सब बहुत सौभाग्यशाली है जो इस स्वर्णिम पल के साक्ष्य हैं। ध्यान रखिएगा बहुत बड़ा शुभ कार्य है, कहीं व्यस्तता के कारण आप इससे वंचित ना रह जाए। 


प्रभू श्रीराम जी हम सब पर अपनी विशेष कृपा बनाएं रखें 🙏🏻😊 

जय श्री राम 🚩

Monday 15 January 2024

Poem: मकर संक्रान्ति

मकर संक्रान्ति  




उत्तरायण का सूरज 

पतंग की डोर

ले चली सबको

सुख की ओर 


घने कोहरे के

छंट गए बादल 

धूप ही धूप 

फैली हर ओर


मकरसंक्रांति हो 

खिचड़ी या पोंगल

भांति भांति के नाम

सब जुड़े एक ही छोर

 

जनवरी से दिसंबर 

त्यौहारों की बहार 

मस्ती ही मस्ती

छाई हर ओर 


मकरसंक्रांति हो

चाहे होली, दीवाली 

भारत में फैली रहे 

सुख शान्ति हर ओर 


आप सभी को सूर्य देव के उत्तरायण में प्रवेश की हार्दिक शुभकामनाएं 💐

मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं 💐🙏🏻

Saturday 13 January 2024

Poem : लोहड़ी पर्व

 लोहड़ी पर्व



मूंगफली की खुशबू

गुड़ की मिठास

पॉपकॉर्न, रेवड़ी,

गजक की आस

मक्के दी रोटी

और सरसों का साग 

जिंदगी में त्यौहारों की

जगह है खास

ढोल की थाप 

और रंगीले अंदाज 

ठंडी ठंडी रातों मे

गर्माहट का एहसास 

 लोहड़ी का पर्व ऐसा 

जैसे खुशियों का वास 


आप सभी को लोहड़ी दी लख लख बधाइयां 

Friday 12 January 2024

Article: निमंत्रण प्रभू श्रीराम का

 निमंत्रण प्रभू श्रीराम का 


कल guard ने आकर बताया कि, ma'am, मंदिर से चावल आ रहे हैं, 2 बजे नीचे आकर ले जाइएगा। हम ने पूछा, किस बात के चावल हैं? क्या प्रसाद के चावल हैं? 

उसने, हाँ तो कह दिया... पर वो कुछ confused लग रहा था... ma'am, 2 बजे तक में आ जाइएगा...

और वो चला गया।

उसके जाने के बाद असमंजस में थे कि कौन से मंदिर से, किस बात के चावल आ रहे हैं?

खैर एक घंटे बाद बेटी college से आ गई, हमारे यहां आज भी कहीं भी बाहर से आकर पहले नहाते हैं, फिर ही अन्य कोई काम करते हैं।

हमने उसे guard की पूरी बात बताई और उसे चावल लेने जाने को बोल दिया। वो तैयार भी हो गई...

ठंड बहुत है, और ठंड में कोई भी रोज़ sweater तो बदलता है नहीं, तो वैसा ही पहनकर हम जाते नहीं, आखिरकार प्रभू का प्रसाद लेना था और कुछ देर के लिए सब बदल कर जाने की हमारी हिम्मत नहीं हो रही थी। इसलिए ही बेटी को चावल लेने जाने को कहा था।

लगभग 2 बजे एक छोटी सी टोली, राम नाम के भजन गाती हुई, हमारे apartment में आई, हमने बेटी को एक डिब्बे के साथ नीचे भेज दिया, जिससे जब वो चावल ले, तो एक भी दाना कहीं गिरे नहीं।

पर उसने तो नीचे पहुंचते ही हमें आवाज लगा दी कि कोई चावल नहीं दे रहे हैं। हम ही नीचे आए क्योंकि और भी aunties ही नीचे हैं।

खैर करते क्या, sweater उतारा और एक साफ-सुथरा shawl ओढ़ा और नीचे आ गए। बेटी को डिब्बे के साथ वापस भेज दिया।

वहां जाकर देखा, कुछ पुरुष और कुछ महिलाएं थीं। उनके पास एक लाल डिब्बा था जिसके ढक्कन पर अयोध्या राम मंदिर की फ़ोटो लगी थी।

वो बोले, आप सब के लिए, प्रभू श्रीराम का निमंत्रण आया है, हम राम मंदिर से निमंत्रण के चावल लाए हैं, जितनी जल्दी हो सके प्रभू श्रीराम जी के दर्शन करने के लिए अयोध्या जाएं। 

उसके बाद उन्होंने बताया कि हमारे apartment के नज़दीक के बड़े पार्क पर अखंड रामायण पाठ किया जा रहा है, हम सभी apartment वाले उसमें सम्मिलित हों, 21 जनवरी से प्रारंभ होकर 22 जनवरी को दस बजे तक चलेगा। 

वहां बड़ी-बड़ी LED screen भी लगी होगी, जिसमें अयोध्या का सीधा प्रसारण चल रहा होगा, साथ ही मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा भी दिखाई जाएगी।

ऐसे कहकर, उन्होंने हम सब को राम मंदिर की एक फोटो, पूजा-अर्चना का आह्वान करने की प्रार्थना का काग़ज़ और एक छोटे packet में चावल दिया। 

ऐसा नहीं था, कि वो निमंत्रण देने के बहाने से चंदा लेने आए हों। न उन्होंने किसी से एक भी रुपया मांगा, और न हम में से किसी ने उनको कुछ दिया।

राम लला के 500 साल बाद वापस आने के जश्न में हम सबने कुछ प्रभू श्रीराम जी के भजनों को गाया और नृत्य किया, जय श्री राम के नारे लगाए।

प्रभू श्रीराम का निमंत्रण देने के बाद वो सब पुनः नाचते-गाते, दूसरे apartment चले गए। 

वो क्षण सचमुच बहुत ही अद्भुत था, ईश्वर की इच्छा और प्रेरणा थी कि हम ही नीचे आ गए। 

जब पता चला कि वो लोग किसी मंदिर का प्रसाद लेकर नहीं बल्कि, प्रभू श्रीराम जी का निमंत्रण लेकर आए हैं, जिसमें अयोध्या पहुंचने के लिए निमंत्रण पत्र रुपी मंदिर की फ़ोटो और निमंत्रण का चावल था। एक अलग ही सुख की अनुभूति हुई और अपने सौभाग्य पर अति प्रसन्नता हुई।

धन्य है BJP सरकार, कैसे पूरे उत्तरप्रदेश को एक परिवार बना दिया कि सबके पास रामलला के पुनः अयोध्या में अवतरित होने के उपलक्ष्य में घर-घर निमंत्रण पत्र व निमंत्रण के चावल भिजवा दिए।

जब तक वो लोग रहे, पूरा माहौल राम-मय था, जो अनुपम था, अकल्पनीय था।

हमने ऊपर, अपने मंदिर के सामने आकर प्रभू श्रीराम जी को धन्यवाद दिया और साथ ही प्रार्थना भी की, कि जैसे आपने आने का निमंत्रण दिया है, वैसे ही अपने दर्शन देने का सौभाग्य भी प्रदान कर दीजिएगा। कुछ ऐसा करिएगा कि शीघ्र, अति-शीघ्र, अयोध्या आने का प्रयोजन हो सके।

इसके साथ ही हमने, फोटो व चावल अपने मंदिर में रख दिए। 

आप सभी से अनुरोध है कि आप सभी के पास चाहे निमंत्रण पत्र व चावल पहुंच पाए या नहीं, पर आप सभी शीध्र, अति-शीघ्र, प्रभू श्रीराम जी के दर्शन करने अयोध्या अवश्य पहुंचें। 

साथ ही एक और अनुरोध है, कि 22 जनवरी को एक बड़े उत्सव, एक बड़े त्यौहार - जैसे की दीपावली, की तरह ही मनाएं। यह बहुत बड़ा दिन है, प्रभू श्रीराम जी को वापस अयोध्या में लाने में पूरे 500 वर्ष बीत गए। इस उपलक्ष्य में रामायण पाठ, कीर्तन, भजन, पुष्पों से घर सजाना और दीप प्रज्ज्वलित करना आदि कर सकते हैं। 

उसके साथ ही हम सब कोशिश करें कि उस दिन पूरे देश में स्वच्छता रहे, हर शहर, हर गली, हर मंदिर, हर घर में, क्योंकि अयोध्या तो symbolic है, प्रभू श्रीराम जी अपनी कृपा दृष्टि तो पूरे भारतवर्ष पर करने आ रहे हैं। 


किरपा करेंगे भगवान,

आए आए अयोध्या में राम।।


जय श्री राम, जय हनुमान 🚩

Thursday 11 January 2024

Article: Lakshadweep -Our pride

आज कल देश-विदेश में जो मुद्दा सबसे ज़्यादा गरमाया हुआ है, वो है मोदी जी द्वारा भारत के सबसे छोटे केंद्र शासित प्रदेश, लक्षद्वीप की यात्रा करना और उसकी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना... 

लक्षद्वीप हमारा अभिमान 

लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है, जो केवल 32.62 वर्ग किमी में फैला है। भारत के दक्षिण पश्चिम तट से लक्षद्वीप की दूरी 200-400 किमी है। 

इस यात्रा में मोदी जी ने एक नया ही आह्वान किया है। जो आह्वान उन्होंने पहले किया था, वो तो आपने सुना ही होगा, उन्होंने Made in India का नारा देकर स्वदेशी सामानों को बढ़ावा दिया था।

वैसे ही जब उन्होंने लक्षद्वीप का दौरा किया तो लक्षद्वीप की अनछुई, अद्भुत सुंदरता का वर्णन करते हुए, अपनी कुछ तस्वीरें लक्षद्वीप के beach में बैठकर, life jacket पहनकर, आदि को अपने X acount ( formerly Twitter) पर डाल दी। इन तस्वीरों में लक्षद्वीप की अद्भुत सौंदर्य की छटा साफ दिखाई दे रही है, उसकी स्वच्छता, उसकी निर्मलता और उसके सौन्दर्य का आकर्षण, सब ऐसा अद्भुत प्रतीत हो रहा है कि मन स्वतः ही उसकी ओर आकर्षित हो जाए। उन्होंने लक्षद्वीप दौरे के साथ ही Wed-in India (wedding in India) का नया नारा दिया है और यह भी कहा कि हमारा भारत अद्भुत सौंदर्य का भंडार है, आप उन सबको explore कीजिए। आपको सब अपने ही देश में मिलेगा।

दरअसल आजकल destination wedding का प्रचलन बहुत बढ़ गया है और लोग शादी-विवाह के लिए विदेशों की बहुत सी जगहों को wedding place के रूप में select करने लगे हैं।

हमारे मोदीजी तो ठहरे देशभक्त और देश के हित में सोचने वाले, तो उन्होंने सोचा कि अगर destination wedding के लिए लोग, लक्षद्वीप को चुनेंगे तो उसका पर्यटन विभाग सुदृढ़ होगा, इससे लक्षद्वीप का विकास होगा, साथ ही देश का पैसा देश में रहेगा।

क्या ग़लत किया मोदी जी ने? अपने देश के विकास के लिए सही निर्णय लेना और उसका विकास सोचना, यही तो है ना, देश के प्रधानमंत्री का काम? 

बस वही किया, कहीं भी विदेश के किसी भी अन्य स्थल के विषय में कुछ नहीं बोला, ना किसी की तारीफ की, ना विरोध किया... 

तो फिर विरोध किसे है और क्यों? 

मालदीव को!...  

पर क्यों?

मालदीव एक island country है, जहां main revenue tourism से आता है।

आप इस बात को मानें, चाहे ना मानें, पर हकीकत यही है कि मोदी जी के followers देश और विदेश सब जगह बहुत ज़्यादा हैं। वो एक बहुत बड़े influencer हैं। इसलिए अगर मोदी जी किसी बात को कह दें तो उसका असर लोगों पर पड़ता है। वो सिर्फ़ भारत के प्रधानमंत्री नहीं है, बल्कि बहुत से लोगों के लिए एक icon हैं।

बस यही बात, मालदीव में कुछ लोगों को खटक गई कि मोदीजी ने आह्वान किया है तो लोग लक्षद्वीप जाने लगेंगे तो मालदीव में tourist कम आएंगे और उनके देश का revenue कम हो जाएगा। 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिन तीन बड़े देशों से मालदीव को बड़ा revenue मिलता है, वो हैं रूस, भारत और चीन। जिसमें रूस और भारत से 11% और चीन से 10%...

बस इसके चलते ही उन्होंने हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को clown, terrorist and  puppet of Israel कहा और साथ ही हमारे देश को भी बहुत से अपशब्द कह डाले... 


मोदी जी के आह्वान से लोग जितना लक्षद्वीप जाने के लिए प्रेरित हो रहे थे, उससे ज़्यादा इस बात से क्रोधित हो गए कि मालदीव के चंद लोगों ने भारत और भारत के प्रधानमंत्री के विषय में अपशब्द कैसे कहे?

मुद्दा अब देश की अस्मिता पर आ गया। भारत की incredibility पर आ गया है..

जिसका समर्थन करने बहुत से film stars जैसे अजय देवगन, अक्षय कुमार, वरुण धवन, सलमान खान, श्रद्धा कपूर, अमिताभ बच्चन, जॉन अब्राहम, जैकलीन फर्नाडीज आदि ने and sports stars, like  Sachin Tendulkar, Virendra Sehwag, etc भी आ गये। बहुत सी established ferms ने भी इसका समर्थन किया और सब मालदीव के विरोध में एकजुट हो गए। #BoycottMaldives #चलो लक्षद्वीप जैसे hashtags social media पर trand करने लगे।

सबने कहा कि मालदीव बहुत सुन्दर है पर अगर बात हमारे देश के सम्मान की है तो हम पहले देश का साथ देंगे। 

और बस धड़ाधड़, लोगों ने मालदीव के 3000+ hotels bookings and 9000+ flights cancel कर दीं। और बस दो ही दिन में मालदीव को अपनी ग़लती का एहसास हो गया। 

जिन्होंने पीएम मोदी की आलोचना की थी, "यह अनुमान लगाते हुए कि यह केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप को मालदीव के alternative tourism place के रूप में पेश करने का एक प्रयास था।" वे तीन मंत्री थे मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज़ूम माजिद। उन्हें terminate कर दिया गया।

साथ ही क्षमा मांगते हुए कहा कि वो सोच उनकी व्यक्तिगत थी, पूरा मालदीव ऐसा नहीं मानता है। 

उनकी नज़र में भारत के लिए बहुत सम्मान है और भारत से अपने रिश्ते को मधुर ही बनाए रखना चाहते हैं। 

लक्षद्वीप सचमुच बहुत सुंदर island है और वो खूबसूरती में मालदीव के समकक्ष ही है। और सच में भारत सौन्दर्य का भंडार है, अगर explore किया जाए तो यहां आपको वो सब कुछ मिल जाएगा, जिसकी तलाश में लोग विदेशों में जाते हैं। 

चलिए हम भी अपने देश का साथ दें और बता दें दुनिया को, कि हमें अपने देश का सम्मान सर्वोपरि है। कोई हमारे देश के लिए अपशब्द कहेगा तो हम वो बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारा भारत, अब पहले से बहुत अधिक सशक्त और समृद्ध है, उससे पंगे लेने वाले को उचित मुआवजे का भुगतान करना पड़ेगा। 

हमारा देश और उसकी धरोहर, हमारे लिए आन और मान है

इसलिए हर देश को हमारे देश भारत को सम्पूर्ण सम्मान देना होगा। 

जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

Tuesday 9 January 2024

Memories : अंगीठी - एक मीठी याद

इस बार ठंडक कुछ ज्यादा ही पड़ रही है या यूं कहें कि हर साल ही ऐसा लगता है, जैसे इस साल सबसे ज़्यादा ठंड पड़ रही है।

खैर बरहाल, सोचने वाली बात यह रहती है कि ठंड दूर कैसे की जाए। 

वैसे आज कल तो घर-घर में heater, room blower है... वही हमारे यहां भी...

आज ऐसे ही कुछ देखने के लिए Google बाबा की याद आई, और बस उस देखा-देखी में एक के बाद एक चीजों की लड़ी सी बनती गई।

और देखते-देखते, नज़र पड़ गई अंगीठी पर...

अंगीठी बिक रही हैं और वो भी online???

सच ऐसे ही विस्मित हो गये थे हम भी, पर खैर क्या नहीं है, जो आपको online में नहीं मिल रहा।

पर उन अंगीठियों को देखकर मन पंख लगाकर बचपन की ओर उड़ चला। एक मीठी सी याद बन कर...

अंगीठी - एक मीठी याद

हमारे बचपन में तो कोई घर ऐसा नहीं होगा, जिनके पास अंगीठी ना हो। 

बहुत से लोगों के घर में तो अंगीठी पर खाना भी बनता होगा शायद, पर हमारे यहां तो हमने अपनी मम्मी, दादी, चाची, नानी, मौसी, मामी... किसी को भी चूल्हे, स्टोव, अंगीठी, heater, किसी पर खाना बनाते नहीं देखा, सभी gas use कर के ही खाना बनाते थे।

पर एक अंगीठी थी, हमारे यहां, जो पूरे साल बड़े एतिहाद से रखी जाती थी और उसका उपयोग ठंड की शामों में ठिठुरन मिटाने के लिए किया जाता है।

एक सच बात बताएं, आप लोगों को, जब वो जलती थी तो feeling बिल्कुल bonfire वाली ही आती थी।

आज कल जैसे हम अपने मां-पापा की एकलौती या दो संतानों जैसे नहीं थे। हम चार भाई-बहन थे। दो भाई और दो बहन... और एक बात, हम चार से, हम लोगों को जितना आंनद आता था, और लोगों को हमें देखकर उतनी ही ईर्ष्या होती थी। 

कारण पता है क्या था? हम दोनों भाई-बहन जोड़े से थे, इसलिए हम लोगों घर पर हों या बाहर हमें किसी और की कभी आवश्यकता ही नहीं महसूस होती है। ऐसा लगता था, ईश्वर ने हमें complete बना कर भेजा है। 

उस पर सोने पर सुहागा यह कि शौक-पसंद भी हम लोगों के मिलते-जुलते थे...

खैर फिलहाल अभी अंगीठी पर ही लौटते हैं। हां तो बस शाम होती और कोई ना कोई भाई-बहन बैठ जाता, शाम की गर्माहट बढ़ाने की तैयारी में...

पापा जी ने तो खूब सारे, लकड़ी के, पत्थर के कोयले खरीद कर रख दिए थे। 

घर में एक बड़ा सा खुला आंगन था, बस वहीं बैठ कर अंगीठी जलाया करते थे।

और हम लोगों में से जो कोई उसे जलाने बैठता था तो बड़ी तेजी से उसे जलाने के जतन करता था और जब वो अपनी आंच पर आ जाती थी तो ऐसी अनुभूति होती थी, मानों किसी अड़ियल घोड़े को काबू में कर लिया हो। अंगीठी जलाना कोई हंसी-खेल नहीं होता है...

पर हम सब भाई-बहन में सबसे अच्छी अंगीठी, छोटा भाई जलाता था। जब वो अंगीठी सुलगा कर कमरे में लाता था, बहुत तेज आंच और धुआं एक रत्ती का नहीं। बहुत ज्यादा आनंद आ जाता था। उसके छोटे-छोटे हाथ कमाल का काम करते थे। 

बहुत ही सुहाने दिन थे, उस ज़माने में लोगों के पास व्यस्तता उतनी ही थी, जितनी होनी चाहिए थी और अपनों के लिए समय भी उतना ही जितना आवश्यक होता है।

पूरा परिवार उस अंगीठी के ताप से जगमगा उठता था, और, उसी दौरान, गर दौर मूंगफली का चल जाता था तो कहना ही क्या, मूंगफली के छिलके कमाल ही कर देते थे।

रिश्तेदारों का भी आना-जाना लगा ही रहता था, जो सुख में चार-चांद लगा दिया करता था..

उस ज़माने में जिंदगी, जिंदगी थी, आज जैसी नहीं जिसमें सिर्फ भाग-दौड़ और झूठा छलावा है, busy रहने और busy दिखाने का... 

बहुत याद आता है, अंगीठी का ताप और अपनों का साथ... पापा जी के चले जाने से, वो साथ, अब वैसे भी कभी संभव नहीं है!...

और ना संभव है अंगीठी का ताप...

अब आप कहेंगे कि वो क्यों? पूरा लेख लिख डाला अंगीठी पर, और ताप संभव नहीं...

वो क्या है ना हमारे घर में राज्य पति-महाराज का ही है, और पतिदेव एक धूपबत्ती, अगरबत्ती तक तो जलाने नहीं देते हैं, वो अंगीठी तो क्या ही जलाने देंगे.... 

हम नहीं अंगीठी का मज़ा ले सकते हैं तो क्या? उसकी याद और उसके सुख का उल्लेख तो कर ही सकते हैं और उसकी स्वतंत्रता उनकी तरफ से भी है... तो क्यों ना खुशी ले लें...

जो नहीं मिला रहा, उसके लिए दुःखी होने से अच्छा है जो मिल रहा है, उसके लिए प्रसन्न रहें, खुश रहें, जिंदगी जीना आसान होता है...

वरना ग़म तो ज़माने में ग़ालिब किस को नहीं है?....

खैर छोड़िए वो सब, वापस अंगीठी पर आते हैं..

आज जब अंगीठी देखी, और उसके भाव देखे तो लगा कि ऐसा भी क्या है, जो अंगीठी के भाव इतने बढ़े हुए है?.. तो देखा कि एक से एक ख़ूबसूरत design थी, कल की जरूरत आज के antique items में से एक है। बहुत से घरों में उसे antique and elegant का मान भी मिला हुआ था, लोगों के drawing room की शोभा है, अंगीठी। आज उसे बेहद उम्दा ashtray के रूप में present किया जा रहा है।

वैसे आज भी किसी को अगर अंगीठी में interest हो तो एक से एक अंगीठी हैं, multipurpose हैं, आपकी आंखों को धुआं ना लगे, ऐसी भी हैं। हां उनके दाम जरूर ज्यादा हैं। पर शौक तो शौक है, वो दाम कब देखता है... 

हम तो कहेंगे कि आज भी जिनके घर में अंगीठी है, वो सौगात है, खुशियों के दिनों की... आनंद ले, उसके साथ बस ठंड का, अंगीठी के ताप का और उसके multipurpose use का...

पर हां, एक बात का ध्यान हमेशा रखिएगा कि जली हुई अंगीठी, या जिस किसी भी चीज़ में आप आग जला रहे हैं, वो जितना सुख गर्माहट देकर देती है, जब वो बुझने लगती है तो उतनी ही खतरनाक हो जाती है, क्योंकि तब वो carbon monoxide, produce करने लगती है, जो कि जानलेवा होती है इसलिए अंगीठी बुझने लगे तो उसे खुली जगह में रख देना चाहिए। 

सुखी रहिए, पर सावधानी के साथ...

Saturday 6 January 2024

Recipe : Makhmali Gobhi

शीत ऋतु को अगर veggies का king कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि शीत ऋतु में सब्जियों का खजाना होता है।

तो चलिए आज हम आपको कुछ different पर बहुत ही tasty recipe, एक party dish share कर रहे हैं। Winter special veggie को लेकर...

और उस सब्जी का नाम है cauliflower (गोभी)...

वैसे तो गोभी के बहुत variation होते हैं। फिर भी जितने और पता चल जाए, हम vegetarians लोगों के लिए उतना अच्छा है।

बाकी आप की information के लिए बता दें। इसकी fragrance and taste, दोनों ही इतने लाजवाब हैं कि इसके आगे restaurant की सब्जियां fail है।

चलिए तो झटपट इसकी preparation भी देख लेते हैं।

मखमली गोभी


Ingredients :

  • Cauliflower - 100 gm.
  • Capsicum - 1 medium (sliced)
  • Tomato  - 1 (small)
  • Cumin seeds - ½ tsp.
  • Ginger - ¼ inch
  • Garlic - 4 to 5 cloves 
  • Onion - 1 bowl (small, chopped)
  • Curd - ½ bowl 
  • Cream - 1 tbsp.
  • Cashew nuts - 8 to 10 
  • Oil - 1½ tbsp.
  • Butter - 1 tbsp.
  • Salt - as per taste
  • Kasuri Methi (powder) - 1 tsp.
  • Turmeric powder - 1 tsp.
  • Kashmiri Lal Mirch (powder) - 1 tsp.


Method :

  1. Cauliflower को al-dente तक blanch कर लें।
  2. Flat pan में तेल गर्म करें।
  3. जब तेल पक जाए तो उसमें butter मिला दीजिए।
  4. अब इसमें जीरा डालकर चटका लें।
  5. फिर chopped onion डालकर हल्का सा भून लें।
  6. अब इसमें capsicum and blanched cauliflower डालकर medium high flame पर थोड़ा सा sauté कर लीजिए।
  7. एक mixer grinder jar में दही, काजू, टमाटर, अदरक-लहसुन डालकर कर fine paste बना लीजिए। अब इसमें cream भी add कर दें और कुछ देर jar और चला दें।
  8. अब Pan में cauliflower, capsicum etc. को side में कर दीजिए।
  9. बीच Pan में हल्दी powder, मिर्च powder, धनिया powder डालें व साथ ही दही, काजू, टमाटर, अदरक-लहसुन के paste को डालकर sauté कर लें।
  10. जब दही-काजू मसाला घी छोड़ने लगे तो उसमें कसूरी मेथी powder, गरम मसाला powder और नमक डालकर अच्छे से मिला दीजिए।
  11. अब इस मसाले में गोभी आदि को मिला लीजिए।
  12. आप चाहें तो dry मखमली गोभी भी serve कर सकते हैं, और चाहें तो थोड़ा पानी डालकर कर thick gravy भी बना सकते हैं। उसके लिए मसाले वाले jar में पानी डालकर वही पानी gravy के लिए use कर लीजिए।
  13. 5 to 10 minutes ढककर धीमी आंच पर पका लीजिए।

Now your Velvet Cauliflower is ready to serve. You can serve it with Naan, Rumali Roti or Dal Makhani and rice. Enjoy!!!

तो चलिए बना लीजिए इसे और शामिल कर लीजिए अपनी एक और party dish में...

Thursday 4 January 2024

Recipe: Customized Chaat Masala

शीत ऋतु में सबको ही चटपटा खाना ही पसंद आता है। 

ऐसे में चाट मसाले की demand बहुत बढ़ जाती है। 

वैसे market में तो बहुत सी company के चाट मसाले आते हैं और सबका स्वाद भी थोड़ा बहुत मिलता-जुलता ही है। 

फिर भी हर-एक को अलग-अलग company के चाट मसाले पसंद आते हैं...

तो सोचा आज चाट मसाले की recipe ही share कर देते हैं। एक ऐसा चाट मसाला जो आपके लिए ही customize हो...

Customize means?

चलिए पहले recipe देख लीजिए, फिर बताते हैं कि customize का क्या मतलब है....

Customized Chaat Masala



Ingredients :

  • Amchur powder - 3 tbsp.
  • Kashmiri lal mirch  - 2 to 4 tsp.
  • Cumin seeds - 1 tsp.
  • Mint powder - ½ tsp. 
  • Salt - ½ tsp.
  • Black salt - 1 tbsp.
  • Asafoetida - ¼ tsp.
  • Black pepper - ¼ tsp.
  • Coriander seeds - 1 tsp.


Method :

  1. पुदीना के पत्तों को धूप में अच्छे से सुखा लीजिए।
  2. Cumin seeds, coriander seeds व सूखी लाल मिर्च को slightly roast कर लीजिए।
  3. अब सारे ingredients को mixer grinder में डालकर महीन पीस लें।
  4. चटपटा tasty चाट मसाला ready है। आप इसे airtight container में रख दीजिए।

यह तो हुई चाट मसाला की recipe, चलिए अब यह भी बता देते हैं कि आप इसे अपने accordingly customize कैसे कर सकते हैं।

अव्वल तो जो ingredients, चाट मसाला बनाने के लिए डाले जाते हैं, हमने आपको वो सारे बता दिए हैं तो उनकी quantity, आप अपने taste के according कम-ज़्यादा कर लीजिएगा। 

उसके अलावा हम आपको कुछ variation और बता रहे हैं आप चाहें तो उन्हें भी add कर सकते हैं।

  1. आप ¼ tsp. carom seeds (अजवाइन) भी add कर सकते हैं, इससे यह tasty होने के साथ ही digestible भी हो जाएगा।
  2. आप ¼ tsp. कसूरी मेथी भी मिला सकते हैं। कसूरी मेथी से चाट मसाले का taste तो enhance होगा ही साथ में चाट मसाले की fragrance में भी चार चांद लग जाएगा। 
  3. बहुत सी companies, इसमें अमचूर पाउडर की जगह, citric acid or tartaric acid व चाट मसाले की Shelf life बढ़ाने के लिए, preservatives, food stabilizer or food emulsifiers etc. chemical ingredients भी डालते हैं, जो health के point of view harmful हैं। जबकि हमने सारे ingredients, natural लिए हैं। फिर जब बिना chemical ingredients के भी tasteful चीजें बन सकती है तो क्यों खाना chemicals?

तो क्यों खरीदें बाहर से चाट मसाला, जब आप बना सकते हैं अपने लिए customize चाट मसाला।

तो इसे बनाएं और अपने बनाएं खाने में चार चांद लगाएं...

Wednesday 3 January 2024

Recipe: Crispy Garlic Cheese Bun

नया साल शुरू हो चुका है तो कुछ नयी, easily prepare होने वाली interesting and amazing dish होनी चाहिए। 

जो झटपट बन भी जाए और खाकर मज़ा भी आ जाए।

तो चलिए आज ऐसी ही recipe share कर देते हैं।

Crispy Garlic Cheese Bun




Ingredients : 

  • Bun - 4 (medium)
  • Butter - 2 tbsp.
  • Garlic - 5-6 cloves 
  • Cheese  -  2 to 3 slices
  • Onion - 1 (medium)
  • Capsicum - 1 (medium)
  • Tomato - 1 (medium) 


Method :

  1. सारी veggies के small blocks काट लीजिए। 
  2. Bun को बीच में से काट लीजिए।
  3. Butter में finely chopped garlic डालकर mix कर लें। 
  4. अब butter को 30 second के लिए microwave कर लीजिए, जिससे butter melt हो जाए।
  5. अब bun में कटी हुई जगह पर garlic butter apply कर लीजिए और उसे crispy होने तक pan में सेक लीजिए। 
  6. अब crispy side पर onion, capsicum, tomato और cheese slice लगाकर 1 minute के लिए microwave कर लेंगे। 
  7. अब इस पर sauce, herbs, or green coriander leaves से garnish कर दीजिए। 

Your Crispy Garlic Cheese Bun is ready to serve.

चलिए कुछ tips and tricks भी बता देते हैं।


Tips and Tricks :

  • Sweet bun बिल्कुल मत लीजिएगा, वरना taste बढ़िया नहीं आएगा।
  • आप इसके लिए पाव bun या सादा bun लीजिए।
  • अगर आप onion garlic नहीं खाते हैं तो उसको ginger से replace कर सकते हैं। या अपने taste के according, without ginger भी avoid कर सकते हैं।
  • Butter apply white portion पर ही कीजिए, वो plain surface वाला रहता है तो उसे crispy करना ज्यादा easy रहता है। 
  • एक बार crispy अच्छे से हो जाए तभी topping लगाकर microwave कीजिए, इससे taste and texture दोनों अच्छे से आते हैं।
  • Cheese slices melt होने तक ही microwave करें।
  • Veggies block, छोटे-छोटे ही काटें, इससे serving के समय यह crunchy भी रहेंगे और कच्चे भी नहीं रहेंगे।
  • Sauce की topping, आप अपने taste के according करें। 
  • अगर आप को spicy flavour पसंद है तो आप chilli flakes भी डाल सकते हैं। उससे इसका taste और enhance हो जाता है।
  • अगर आप के पास microwave oven नहीं है तो आप pan में ही bun के ऊपर सारी topping रखकर 1 minute या cheese melt होने तक सेक लें।
  • पर pan में करने से crispy and soft का उतना अच्छा combination नहीं आ पाता है तो अगर आप के पास microwave oven हैं तो उसे ही use कीजिए।
  • ऊपर से soft और surface पर crispy, इससे soft and crispy का बहुत अच्छा combination आता है, जो कि सबको बहुत पसंद आता है।

तो इसे बनाएं और breakfast or supper में इसका लुत्फ उठाएं। आप इसे अपनी kitty party में भी serve कर सकते हैं।

Monday 1 January 2024

Poem: कुछ पल निकाल लें

कुछ पल निकाल लें 




इस दौड़ती-भागती ज़िंदगी से,

चलो कुछ पल निकाल लें,

आ फिर से ज़िन्दगी को,

पहले सा संवार लें।

पापा के प्यार को बटोर ले,

कसकर अपनी बाहों में,

मांँ के असीम लाड़ को

बंद कर लें निगाहों में

उस अल्हड़ सी जवानी को

आ फिर से जी लें

चलो लौट चलें फिर से

उस हसीन सी ज़िन्दगी में

दोस्तों के संग मिलकर

लगा लें कहकहे

बिन बात के साथ उनके

बस झूमते ही रहें

साल का क्या है

वो तो बदलेगा हर बरस 

बदलते साल को अपनी

बेफिक्री से रोक लें

कह दें साल से

नहीं फर्क पड़ता हमें

तेरे आने-जाने से 

हमने सीख लिया खुश रहना 

बदलते ज़माने में 

मज़ा तो जिंदगी का 

अपनों के साथ है

भागदौड़ से कुछ भी

आता ना हाथ है 

इस दौड़ती-भागती ज़िंदगी से

चलो कुछ पल निकाल लें

आ फिर से ज़िन्दगी को

पहले सा संवार लें 


आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 💐

नव वर्ष हम सब के लिए मंगलमय हो, सब प्रेम के अटूट बंधन में बंधे रहें, एक दूसरे के साथ खुशहाल जीवन जीते रहें।