Monday, 31 October 2022

Article : रौनक त्यौहारों की

 रौनक त्यौहारों की 

अभी चंद दिनों पहले ही दुर्गा पूजा थी। इस बार माता रानी के पंडाल का आयोजन, हमारे apartment के पीछे के park में ही हुआ था। 

हमारा घर first floor पर ही है, अतः एक एक गतिविधि घर बैठे ही पता चल रही थी।

नवरात्र के शुरुआत में पंडाल को सजाए जाने का कार्य होता रहा, और षष्ठी से माता रानी की पूजा आराधना आरम्भ हो गई।

सुबह से लेकर रात तक, पूजा, पुष्पांजलि, बहुत सारे बंगाली गाने बजते, बहुत सारे competition होते रहते थे। 

जिससे एक अलग ही उत्साह और उमंग थी। पर दशहरा पर्व के साथ ही सब ख़त्म हो गया।

उसके बाद उस पार्क में ऐसा सन्नाटा पसरा, जिसे देखकर, लगता ही नहीं था कि यहाँ वैसा कुछ भी था। माता रानी की विशाल प्रतिमा, मंडप की भव्यता, लोगों की चहल-पहल, भजन व गीतों की मधुरता, साथ ही इतने सारे competitions की रौनक... 

वो सब क्या सिर्फ मन का भ्रम मात्र था?...

उसके बाद दीपावली थी, घर में उसकी खरीददारी और पूजा आदि के कार्य शुरू हो गये।

फिर दीपावली में पूजा अर्चना, पकवान, बच्चों के पटाखे और धूम धड़ाके...

इस साल ग्रहण होने से दीपावली का त्यौहार एक दिन और बढ़ गया था, साथ ही उसका उत्साह और उमंग भी।

पर फिर वही routine life.

कल दोपहर में खाना खाने के बाद कमरे में बैठे थे कि बहुत तेज बिहारी गीत सुनाई देने लगे। थोड़ा ध्यान दिया तो लगा, यह तो छठ मैया के भजन हैं।

समझ नहीं आया कि कहाँ से आवाज़ आ रही है। जब बालकनी में जाकर देखा तो पता चला कि हमारे घर के पीछे वाले पार्क में ही छठ पूजा का आयोजन किया गया था। उसे देखकर मन प्रफुल्लित हो गया। 

छठ पर्व का आयोजन पहली बार हुआ था और हमने कभी पूजा होते हुए भी नहीं देखी थी।

तो सोचा, जब आयोजन इतनी पास है। छठी मैया अपना आशीर्वाद देने के लिए आ गई हैं तो पूजा को जाकर देखना चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।

उस समय, छठी मैया के सूर्य अस्त के अर्ध्य देने का समय हो रहा था। वहाँ का माहौल बहुत पवित्र होगा, ऐसा सोचकर हमने तुरंत एक बार फिर से स्नान किया और पतिदेव के साथ वहाँ पहुंच गए।

चलिए आप भी हमारे साथ उस मनोरम दृश्य को देखने चलिए।

वहाँ पहुंचे तो देखा, पूरा पार्क साफ सुथरा था, जगह जगह केले के पेड़ रोपे गए थे। वहाँ Mike and speakers का arrangements भी था। जिस पर छठी मैया के भजन चल रहे थे।

गड्ढा खोदकर एक artificial pond create किया गया था। 

बच्चे, बड़े बूढ़े, सबकी खूब भीड़ थी।

जगह जगह गन्ने के मंडप बने थे। ईंटों से पूजा करने के स्थान बने हुए थे। वो ऐसे थे, जैसे हम लोगों के यहाँ हवन करने के लिए बनाए जाते हैं। जो कि गेरू रंग से रंगे हुए थे। उसे मोमबत्ती और दीयों से सजाया हुआ था।

लोगों का पूरा परिवार वहाँ मौजूद था, जो स्त्रियां व्रत रखें थीं, उन्होंने सिन्दूर नाक से लेकर मांग तक भर रखा था। जो उनकी खूबसूरती और तेज़ पर चार चांद लगा रहा था।वो लोग डलिया भरकर फल लेकर आए थे।

सूर्य अस्त का समय था, तो जल में उतरकर व्रत रखें हुए लोग सूर्यदेव को अर्घ्य दें रहे थे। कुछ पुरुष भी व्रत रखें थे, वो भी अर्ध्य दे रहे थे। छठ पूजा ऐसा त्यौहार है, जिसमें स्त्री और पुरुष बराबर से व्रत रखते हैं।

जब बड़े लोग, पूजा इत्यादि कर रहे थे, उस समय बच्चे, खेलकूद और आतिशबाज़ी कर रहे थे। 

जब अर्घ्य देने का कार्य पूर्ण हुआ तो, सभी लोग फल, पूजा के सामान इत्यादि लेकर लौटने लगे थे। फलों से भरी हुई डलिया, पुरुष ने ही उठा रखी थी। 

स्त्रियां, छठी मैया के भजन गाते हुए जा रही थी, सभी भक्ति भाव से परिपूर्ण थी। किसी ने भी चप्पल नहीं पहन रखी थी, पर किसी को भी यह डर नहीं था कि कांटा ना चुभ जाए, कहीं कोई कीड़ा ना काट लें। वो सब तो मातारानी के भक्ति भाव में लीन थी। 

हम इस पूजा को नहीं करते हैं, पर ऐसा अद्भुत दृश्य देखकर मन हर्षित हो गया। छठी मैया का आशीर्वाद लेकर हम भी घर लौट आए।

आज सुबह 4:30 बजे से ही पुनः छठी मैया के भजन और पटाखों की आवाज़ सुनाई देने लगी। उठे तो देखा, अभी सूर्य देव प्रकट भी नहीं हुए थे, पर पार्क में फिर से सभी की भीड़ और हलचल थी।

ईंटों के मंडप पर टिमटिमाते हुए दीप और मोमबत्ती जल रहे थे। जिन्हें देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानों आसमान से उतरकर सारे तारे जमीं पर आ गए हों...

तभी सूर्य देव प्रकट हो गए। उनके प्रकट होते ही लोग ने धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करना आरंभ कर दिया। पूरा पार्क पूजा स्थल बन गया था। Apartment के हर घर में धूप-दीप नैवेद्य आदि का पवित्र और शुद्ध धुआं जा रहा था, जो हर घर में positive energy भर रहा था। 

लोग का उत्साह और उमंग देखते ही बन रहा था, टिमटिमाते दीप, हल्का नीला आसमान, नारंगी सूरज, अर्ध्य देते लोग, पटाखे छुड़ाते बच्चे, गन्ने का मंडप, मैया के भजन, धूप-दीप नैवेद्य की खूशबू, सब मिलकर बहुत मनोरम दृश्य था। ऐसा लग रहा था कि यह सब चलता रहे और हम इनका हिस्सा बने रहें। अर्ध्य देने के कुछ देर बाद भजन गाते हुए सब वापस चले गए और हम भी अपने घर आ गए।

10 बजे के बाद, पार्क वापस पहले सा सुनसान हो चुका था। वहाँ मौजूद तालाब, केले के पेड़, गन्ने का मंडप, ईंटों से बने पूजा स्थान और लोगों का रेला कुछ भी तो नहीं था वहाँ... ऐसा लग रहा था मानो सारी कोरी कल्पना हो या स्वर्गिक स्वप्न...

उसे देखकर एहसास हुआ कि यह होती है त्यौहारों की रौनक... सच ज़िंदगी ही तो है, यह त्यौहार और उनकी रौनक... 

यही रौनक, हमारे भारत की खूबसूरती और पहचान है, जहाँ इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि त्यौहार किसका है, रौनक सब में होती है, उत्साह और उमंग सब में होता है।कभी मौका मिले तो, एक बार जाकर जरुर देखिएगा, यह रौनक ही जिन्दगी है। या यूं कहें कि रौनक से ही जिंदगी है, जो आपको आप से मिलाती है।

हमें गर्व है कि हम ऐसे देश के नागरिक हैं जो त्यौहारों का देश है। अद्भुत प्रेम सौहार्द और भाईचारे का देश है


जय हिन्द जय भारत 🇮🇳

Sunday, 30 October 2022

Story of Life: नहीं टूटेगी रीत (भाग - 2)


नहीं टूटेगी रीत (भाग - 2)




आज काॅलेज का आखिरी दिन था...

सब एक दूसरे से बिछड़ने के कारण बहुत दुःखी हो रहे थे, पर एंजेला के तो आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे।

उसने बहुत जोर से देवेश के हाथ को पकड़ रखा था, वो वापस अपने घर नहीं जाना चाह रही थी। 

क्या हुआ, एंजेला? देवेश ने उसे रोता हुआ देखकर पूछा।

ना जाने देवेश मुझे क्या हुआ है, पर अब मैं तुम से दूर नहीं रह सकती... क्या तुम मुझे जिंदगी भर के लिए अपने साथ रख सकते हो? 

क्या कह रही हो, एंजेला? तुम्हारा-मेरा कोई मेल नहीं है। कहाँ तुम शहर में रहने वाली अमीर लड़की और कहाँ मैं एक छोटे से गांव का रहना वाला गरीब लड़का...

एंजेला, देवेश को छोड़कर घर आ गई पर उसके चेहरे पर दुःख और परेशानी साफ़ झलक रही थी।

एंजेला के पापा से अपनी इकलौती बेटी का दुःख नहीं देखा गया। उन्होंने देवेश के मम्मी पापा से बात कर ली।

मेरी लाडली बेटी को आपके बेटे से प्यार हो गया है... क्या हम लोग, दोनों की शादी कर सकते हैं?

शादी के बाद मेरा सारा business empire देवेश का हो जाएगा और आप लोग भी यहीं आकर रहें।

बेटे के सुनहरे भविष्य और खुशी के लिए देवेश के मम्मी-पापा ने शादी के लिए तो हाँ कर दी, पर गाँव छोड़ने से इन्कार कर दिया।

देवेश को पता चला तो उसने कहा कि, अगर आप लोग नहीं चलेंगे तो मैं शादी नहीं करूंगा।

देवेश के मम्मी-पापा बोले "बेटा, हमारा तो सारा जीवन गाँव में गुज़र गया है, अब बाकी दिन भी यहीं की मिट्टी के साथ गुजर जाने दो, हमने इसे छोड़ा तो जी नहीं पाएंगे।"

"तुम्हें सुनहरा भविष्य बुला रहा है, तुम चले जाओ, तीज त्यौहार में आ जाया करना, तुम और बहुरिया..."

देवेश और एंजेला की शादी हो गई। दिन सुख से गुजरने लगे...

पहला त्यौहार दीपावली और छठ पूजा आने वाला था।

देवेश, अलग ही उत्साह में था। उसने एंजेला से गांव चलने की तैयारी करने को कहा...

एंजेला भी खुशी-खुशी सारी तैयारी में लग गयी। उसने अपने और देवेश के साथ ही अपने सास-ससुर के लिए भी खूब सारे कपड़े, गहने और बहुत सारे सामान भी खरीदने शुरू कर दिए।

दो दिन बाद वो लोग जाने वाले थे, तभी गांव से पापा जी का फोन आ गया, "बेटा देवेश आप बहुरिया को लेकर गांव नहीं आएं।"

"आप की माँ की तबीयत ठीक नहीं है तो इस साल वो छठ पूजा नहीं कर पाएंगी और दीपावली भी आप लोग वहीं ही कर लेना। अगर माँ की तबीयत ज़्यादा खराब हो गई तो  त्यौहार खत्म होने पर हम भी शहर में आ जाएंगे।"

"यह क्या कह रहे हैं, आप पापा जी? मम्मी जी की तबियत खराब है, और हम ना आएं...

नहीं बेटा, उतनी भी नहीं ख़राब है कि आप को आना पड़े। हम हैं ना, सब ठीक हो जाएगा।

त्यौहार में गांव नहीं आएं! और फिर छठ..."

"हाँ बेटा, इस छोटी-सी जगह में बहुरिया को लाकर क्या करेगा?"

"हाँ छठ पूजा, हमारे घर से खत्म हो जाएगी - इसका तेरी माँ को बहुत दुःख है। बहुरिया तो english medium की पढ़ी-लिखी, अमीर घर की बेटी है। उससे यह कठिन व्रत नहीं हो पाएगा... छोड़ दो उस बात को... जैसी छठी मैया, की मर्ज़ी... उनका किया सिर-माथे।" कहकर पापा जी ने दुःखी मन से फ़ोन रख दिया।

देवेश, यह सुनकर बहुत दुःखी हो गया कि सदियों से चली आ रही, छठ मैया की पूजा, मम्मी जी की तबियत बिगड़ने से हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। उनके घर की रीत सदा के लिए टूट जाएगी... 

उसने एक पल एंजेला को देखा, फिर जाने क्या सोच कर बोला, मैं आज थोड़ी देर के लिए अकेले घर से जा रहा हूँ, मेरा इंतजार मत करना, तुम खाना खा लेना।

देवेश, एंजेला के पास लौट कर आएगा, या हमेशा के लिए गांव लौट जाएगा, जानने के लिए पढ़ें, नहीं टूटेगी रीत (भाग - 3) में (आखिरी अंक में) 

भावनाओं के ताने-बाने में बुनी कहानी का अंतिम भाग अवश्य पढ़िएगा 😊

छठ पूजा की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ 💐

Friday, 28 October 2022

Story of Life: नहीं टूटेगी रीत

 नहीं टूटेगी रीत 




देवेश, बिहार के छोटे से गांव माधोपुर से था। बचपन से ही उसे तीज त्यौहार और अपना गांव बहुत पसंद था।

पढ़ने में बहुत तेज था, इसलिए अपने स्कूल में अव्वल आता था। लेकिन उसके गांव में दसवीं कक्षा तक के ही स्कूल थे।

आगे पढ़ने और बढ़ने के लिए, उसे अपना गांव छोड़कर शहर आना ही पड़ा।

गांव का होनहार देवेश, शहर में भी अव्वल आने लगा। आज जब, इंजीनियरिंग की परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ, तो वो उसमें भी अव्वल आया।

एंजेला, इंग्लिश मीडियम में पढ़ी, बड़े घर की बहुत सुन्दर लड़की थी, पर पढ़ने में औसतन ही थी।  

उसे भी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश मिल गया, लेकिन आखिरी नंबर पर।

इंजीनियरिंग कॉलेज में, हर कोई एंजेला के धनाढ्य और खूबसूरत होने के कारण उससे दोस्ती करने को उत्सुक हो रहा था, सिवाय देवेश के।

पर खूबसूरत एंजेला, होनहार देवेश से दोस्ती करना चाहती थी। कुछ ही दिनों में एंजेला के रूप के मोहपाश का असर देवेश पर भी छाने लगा और उसने एंजेला से दोस्ती कर ली।

देवेश तो अव्वल ही रहा, पर एंजेला को देवेश का साथ मिलने से अब वो दसवें स्थान पर रहने लगी, इंजीनियरिंग कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो गई।

आज कालेज का आखिरी दिन था...

क्या, इंजीनियरिंग कॉलेज तक ही रहेगी, देवेश और एंजेला की दोस्ती या आगे बढ़ेगी ..

आगे पढें, नहीं टूटेगी रीत(भाग-2)...

Wednesday, 26 October 2022

Article : भाईदूज (तिथि और शुभ मुहूर्त)

भाईदूज (तिथि और शुभ मुहूर्त)



दीपावली, पांच दिवसीय त्यौहार है जो कि धनतेरस से प्रारंभ होकर भाई-दूज के दिन जाकर पूर्ण होता है।

पर इस बार दीपावली के अगले दिन सूर्य ग्रहण पड़ने के कारण, गोवर्धन पूजा व भाई दूज और चित्रगुप्त पूजा किस दिन की जाए? 

इसको लेकर सबके मन में बहुत दुविधा है।

तो चलिए आप को भाई-दूज से जुड़ी बहुत सारी बातें और पूजा मुहूर्त को साझा कर देते हैं, जिससे आप के सारे संशय दूर हो जाएं...

 माना जाता है कि जो भाई इस दिन बहन के घर जाकर भोजन ग्रहण करता है और तिलक करवाता है उसको अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। हर साल भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। इस बार भाई दूज 26 अक्टूबर यानी आज और 27 अक्टूबर यानी कल भी मनाया जाएगा।

भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक माना जाता है। 

भाई दूज को भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया आदि नामों से भी जाना जाता है।

इस मौके पर बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुख समृद्धि की कामना करती हैं। वहीं भाई शगुन के रूप में बहन को उपहार भेंट देते हैं। 

भाई दूज के शुभ मुहूर्त 

भाई दूज 26 अक्टूबर और 27 अक्टूबर दोनों दिन मनाई जाएगी।

26 अक्टूबर यानी आज 02 बजकर 43 मिनट से भाई दूज की शुरुआत होगी। 27 अक्टूबर को इसका समापन दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर होगा।

26 अक्टूबर तिलक और पूजा शुभ मुहूर्त- दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक

विजय मुहूर्त- दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त- शाम 05 बजकर 41 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 07 मिनट तक

27 अक्टूबर तिलक शुभ मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 07 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 42 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक 

जो चित्रगुप्त महाराज जी की पूजा करते हैं, उस पूजा के मुहूर्त निम्न प्रकार से हैं-

चित्रगुप्त या कलम दवात पूजा का शुभ मुहूर्त 

26 अक्टूबर - दोपहर 2:42 बजे से शुरू हो रही है।  

मुहूर्त - दोपहर 1:18 से 3:33  तक हैं।

27 अक्टूबर - दोपहर 12:45  को खत्म होगी।

पूजा सामग्री

भाई दूज पर भाई की आरती उतारते वक्त बहन की थाली में सिंदूर, फूल, चावल के दाने, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल माला, मिठाई, कलावा, दूब घास और केला जरूर होना चाहिए। इन सभी चीजों के बिना भाई दूज का त्योहार अधूरा माना जाता है।

पूजन विधि

भाई दूज के मौके पर बहनें, भाई के तिलक और आरती के लिए थाल सजाती हैं। इसमें कुमकुम, सिंदूर, चंदन, फल, फूल, मिठाई और सुपारी आदि सामग्री होनी चाहिए। तिलक करने से पहले चावल के मिश्रण से एक चौक बनाएं। चावल के इस चौक पर भाई को बिठाया जाए और शुभ मुहूर्त में बहनें उनका तिलक करें। तिलक करने के बाद फूल, पान, सुपारी, बताशे और काले चने भाई को दें और उनकी आरती उतारें। तिलक और आरती के बाद भाई अपनी बहनों को उपहार भेंट करें और सदैव उनकी रक्षा का वचन दें।

भाई दूज के दिन कुछ बातें हैं जो अवश्य करनी चाहिए। उन्हें भी करें, इससे भाई बहन में प्रेम बढ़ता है...

1. आज के दिन भाई बहन आपस में बिल्कुल भी लड़ाई न करें।

2. भाई दूज के दिन झूठ न बोलें। आपस में भी झूठ न बोलें और न कोई गलत काम करें।

3. बहनें अपने भाई के तोहफों का अपमान न करें। ये भी अशुभ माना जाता है।

4. भूलकर भी आज के दिन बहन या भाई काले वस्त्र न पहनें।

5. भाई को तिलक करने से पहले बहनें अन्न ग्रहण न करें। बल्कि तिलक के बाद साथ में बैठकर भोजन करें।

6. तिलक सही दिशा में बैठकर ही करें। बहनें पूर्व की तरफ मुख करके बैठें और भाई उत्तर की तरफ मुख करके बैठें। 

भाई दूज का प्रारंभ

हिंदू धर्म में जितने भी पर्व और त्यौहार होते हैं उनसे कहीं ना कहीं पौराणिक मान्यता और कथाएं जुड़ी होती हैं।

 ठीक इसी तरह भाई दूज से भी कुछ पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। ये प्राचीन कथाएं इस पर्व के महत्व को और बढ़ाती है।

यम और यमि की कथा

पुरातन मान्यताओं के अनुसार भाई दूज के दिन ही यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे।

इसके बाद से ही भाई दूज या यम द्वितीया की परंपरा की शुरुआत हुई। सूर्य पुत्र यम और यमी भाई-बहन थे. यमुना के अनेकों बार बुलाने पर एक दिन यमराज यमुना के घर पहुंचे। 

इस मौके पर यमुना ने यमराज को भोजन कराया और तिलक कर उनके खुशहाल जीवन की कामना की।

इसके बाद जब यमराज ने बहन यमुना से वरदान मांगने को कहा, तो यमुना ने कहा कि, आप हर वर्ष इस दिन में मेरे घर आया करो और इस दिन जो भी बहन अपने भाई का तिलक करेगी उसे तुम्हारा भय नहीं होगा।

 बहन यमुना के वचन सुनकर यमराज अति प्रसन्न हुए और उन्हें आशीष प्रदान किया। इसी दिन से भाई दूज पर्व की शुरुआत हुई. इस दिन यमुना नदी में स्नान का बड़ा महत्व है क्योंकि कहा जाता है कि भाई दूज के मौके पर जो भाई-बहन यमुना नदी में स्नान करते हैं उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है।

भाई दूज के दिन मृत्यु के देवता यमराज का पूजन भी किया जाता है।

भगवान श्री कृष्ण और सुभद्रा की कथा

एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार भाई दूज के दिन ही भगवान श्री कृष्ण नरकासुर राक्षस का वध कर द्वारिका लौटे थे। 

इस दिन भगवान कृष्ण की बहन सुभद्रा ने फल, फूल, मिठाई और अनेकों दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। सुभद्रा ने भगवान श्री कृष्ण के मस्तक पर तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु की कामना की थी। इस दिन से ही भाई दूज के मौके पर बहनें भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और बदले में भाई उन्हें उपहार देते हैं।

सभी लोगों को संशय था, अतः बहुत से विश्वस्त सूत्रों द्वारा ज्ञात कर के यह article डाला है...

आशा है इस article से आपके बहुत से संशय दूर हो गए होंगे।

आप सभी को गोवर्धन पूजा, भाई-दूज वो चित्रगुप्त पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐🎉

Tuesday, 25 October 2022

Recipe: Gulab jamun Icecream

दीपावली का त्यौहार, मतलब मिठाइयों का अंबार, और घर में सब मिठाइयां खाकर, उकताने लगते हैं; फिर जिसको भी मिठाई offer करो, बच्चे हो या बड़े, बुढ़े हों या जवान, सब कतराने लगते हैं। 

पर आज हम आपको जो sweet dish की recipe बताने जा रहे हैं, उसे सब आप से बार-बार मांगने चले आएंगे।

आज हम आपको ऐसी recipe बता रहे हैं, जिसमें एक twist है। 

उससे आपकी मिठाई भी ख़त्म हो जाएगी और घर के सारे लोग आप से उस sweet dish को बार-बार मांगेंगे भी...

वो dish है, गुलाब जामुन आइसक्रीम...

जिसमें गुलाब जामुन की स्वादिष्ट मिठास है और आइसक्रीम का मज़ा भी

गुलाब जामुन आइसक्रीम



Ingredients 

Gulab jamun (small) -  12

Non dairy whip cream - 1 Cup 

Vanilla essence - 2 to 4 drop. 

Dry fruits - according to your taste (optional)


Method 

  1. Non dairy whip cream को stiff peaks आने तक whip कर लीजिए।
  2. अब इसमें Vanilla essence डालकर अच्छे से mix कर लीजिए। 
  3. Dry fruits को coarsely cut कर के dry roast कर लीजिए।
  4. 6 गुलाब जामुन को vertically, cut कर लीजिए। 
  5. जिस भी container में आप को ice-cream बनानी है, उसमें whipped cream की एक layer लगाएं, फिर उसमें गुलाब जामुन की layer लगा दीजिए; फिर एक layer ice-cream लगाएं। उसके ऊपर कटे हुए dry fruits डाल दें और garnish करें।
  6. अब इसे 2 hours के लिए freezer में set होने के लिए रख दीजिए।
  7. Serve करने के time, icecream के scoops serve कीजिए। 
  8. हर serving को एक छोटे गुलाब जामुन से decorate कर दीजिए।

तो सोचना क्या है, आज ही बनाएं और सब का दिल जीत जाएं...

Monday, 24 October 2022

Poem : इस बरस दीपावली में

 इस बरस दीपावली में 



इस बरस दीपावली में

लक्ष्मी माता, इतना कर देना

सुख समृद्धि प्रेम उल्लास रहे 

हर घर में खुशियां भर देना 


हर घर दीप प्रज्जवलित हों

हर ओर रोशनी जगमग हो

हर कोई दीप जला सके 

इतना तेल हर घर में हो 


हर कोना फूलों से महके 

हर चौखट फूलों से सज जाए 

चहरे खिलें दिखें सबके 

ना कोई अभाव में मुरझाए 


हर घर में पकवान रहे 

सब को छठ रस मिल जाए

सबको भरपेट भोजन मिले 

कहीं कोई ना भूखा रह जाए 


चकरी, फूलझड़ी, अनार 

हर बच्चे को मिल जाए 

खुशियों से हर बच्चा चहके 

नीरसता ना कहीं आए


इस बरस दीपावली में

हे गणेश जी, इतना कर देना

सफल रहें हर ओर सभी

हर एक को उन्नत कर देना


ना आए कोई महामारी

ना रहे किसी को लाचारी

स्वस्थ रहें हर ओर सभी 

सबको सुरक्षित कर देना  


इस बरस दीपावली में

बस इतना सा कर देना

हे गणेश जी, हे लक्ष्मी माता

हर घर में खुशियां भर देना 


आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐🎉 

Sunday, 23 October 2022

Poem : उसकी कैसी दीवाली

आज आप सब के साथ मुझे भोपाल के मेज़र नितिन तिवारी जी की कविता को साझा करते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है।

आज नितिन जी की लेखनी में वो दर्द उभर कर आया है, जो कि हर भारतीय सैनिक के मन में उठता है। क्योंकि दुश्मनों से लड़ने वाले वीर फ़ौजी, त्यौहारों में अपने परिजनों से दूर रहने पर कुछ पलों के लिए बेहद संवेदनशील हो जाते हैं।


उसकी कैसी दीवाली




सभी पर्व तिथियों तक सीमित, 

आते याद दिलाने को,

आते आकर जाते भी हैं,  

आते ही हैं, जाने को।


टूटा मरा हुआ है जिसका मन, 

उसकी कैसी दीवाली, 

अंतरमन में यदि होली जलती, 

 तो बाहर कैसी दीवाली? 


अपना जीवन परवश काट रहा जो, 

उसे मनाने को है क्या, 

देख दिखावा औरों का वह, 

उससे क्या सुख पा सकता वो ।


जिसके पास नहीं हो पैसा, 

उसको नूतन वसन कहाँ, 

दीपक तेल और बाती का, 

कर ले पावन मिलन कहाँ? 


जिसका कोई सुजन नहीं है,  

साथी किसे बना सकता, 

भरी भीड़ में हो एकाकी,  

कैसै मेल मिला सकता?


पैसा साधन पास सभी कुछ, 

किन्तु उसके पास नहीं कोई संगी साथी, 

औरों को नित कोस-कोसकर,

भले दान दे दे हाथी।


कैसे सुख पा सकता है वह, 

कैसी उसकी  दीवाली, 

भले प्रदर्शन कितना कर ले, 

अंतरमन  तो रहता खाली।


किसी-किसी के हाथ नहीं कुछ, 

किन्तु बहुत है दिल वाला, 

उसकी नित रंगों की होली, 

रात दियों की नव माला। 


जो संयमी धैर्य से सुरभित, 

सबको अपना कहता है, 

औरो के सुख-दुख में भागी, 

 साथ दुखी के रहता है। 


दिल औरों का नहीं जलाये, 

दीवाली सचमुच उसकी, 

औरों के घर दिये जलाये,  

सही दिवाली है उसकी।


सज्जन लोगों के घर मैने, 

रोज दिवाली देखी है, 

दुर्जन के घर नित्य कष्ट की, 

 मैंने भीषण होली देखी है। 



                           🇮🇳 जयहिंद 🇮🇳


                      🇮🇳भारतीय सैनिक 🇮🇳




Disclaimer:


इस पोस्ट में व्यक्त की गई राय लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। जरूरी नहीं कि वे विचार या राय इस blog (Shades of Life) के विचारों को प्रतिबिंबित करते हों। कोई भी चूक या त्रुटियां लेखक की हैं और यह blog उसके लिए कोई दायित्व या जिम्मेदारी नहीं रखता है।

आप सभी को नरक चतुर्दशी, रुप चौदस‌ व छोटी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐

Saturday, 22 October 2022

Article : D for Dhanteras

हर साल धनतेरस पर हम सभी अपने घर को धन धान्य से परिपूर्ण करते हैं।

जिसके लिए विभिन्न प्रकार की चीजें करते हैं, और उसमें क्या क्या चाहिए, वो हमने अपने इस article शुभ धनतेरस  में साझा भी किया था।

आज हम आपके, दूसरे अमूल्य धन के विषय में बात करेंगे। 

स्वास्थ्य धन, जिसे धन धान्य समृद्धि एकत्रित करने में हम कहीं पीछे छोड़ देते हैं। पर स्वस्थ रहना, धन कमाने से भी ज्यादा जरूरी है।

आप को पता है, धनतेरस, धनवंतरी देव के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। धनवंतरी देव, धन, आयुर्वेद व medicine के देवता हैं। अतः धनतेरस को आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। 

तो चलिए इस धनतेरस को, आयुर्वेद दिवस के रूप में भी मना लेते हैं, कुछ स्वास्थ्य धन भी बढ़ा लेते हैं।

आज आप का ध्यान हम, उस ओर ले चलते हैं, जिसमें बच्चा हो, बूढ़ा हो या जवान हो, सभी में दिन प्रतिदिन इसकी कमी होती जा रही है। 

पहले यह सिर्फ अमीर लोगों तक ही सीमित थी या उन लोगों को होती थी, जो बहुत dense area में रहते थे। पर आज कोई इससे अछूता नहीं रहा... 

D for Dhanteras

D for Dhanvantari 

And D for vitamin D

आज हम बात कर रहे हैं, Vitamin D की।

जबकि इसके source में कोई कमी नहीं आई है। 

D for Dhanteras


सूर्य की किरणों से मिलने वाले इस vitamin D को देने में सूर्य देव ने कोई कमी नहीं रखी। आज भी पहले की ही भांति सूर्य देव, हमें बहुत सारा vitamin D दे रहे हैं। 

फिर सोचिए क्या कारण है कि हर दूसरे इंसान को vitamin D की कमी है? 

उस कारण हम सब हैं। धन एवं आधुनिकता के पीछे भागना जिसके कारण गगनचुंबी इमारतों का निर्माण हो गया है। लोग AC room से बाहर ही नहीं निकलते हैं।

यह इमारतें दीवार बन गई है, vitamin D को हम तक नहीं पहुंचने देने में...

Symptoms of deficiency of Vitamin D:

• हर समय थकान महसूस होना।

• मांसपेशियों में कमजोरी, दर्द, ऐंठन होना।

• जोड़ों व हड्डियों में दर्द होना (हड्डियों इतनी कमजोर हो जाना कि मामूली चोट/झटकों से टूट जाने का डर होना)।

• स्वभाव में निराशा, चिड़चिड़ापन, depression, brain fog (सोचने, समझने में दिक्कत महसूस) होना।

• बच्चों की लम्बाई ना बढ़ना।

• हृदय रोग (जैसे blood pressure, heart attack आदि) होना।

• त्वचा पर असमय झुर्रियां पड़ना।

• Sugar level नियंत्रित ना रहना (diabetes बढ़ना)।

• आँख की रोशनी पर बुरा असर होना।

• fatty liver या खराब होना।

• Kidney संबंधित रोग होना।

• Virility problem।

• बालों का झड़ना (alopecia)।

• अस्थमा या अन्य फेफड़ों के रोग होना।

• दांतों का कमजोर होना।

• मोटापा बढ़ना।

• शरीर की immunity (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कम हो जाने की वजह से शरीर में अक्सर कोई छोटी-बड़ी समस्या पैदा होते रहना।

• कैंसर हो जाने का भी खतरा होना।

Prevention:

वैसे allopathy में हमें vitamin D की ढेरों दवाइयां मिल जाती है। पर allopathy में side effects भी बहुत होते हैं।

पर आयुर्वेद, हमारे शरीर में मौजूद सभी तरह की बीमारियों को जड़ मूल से नष्ट कर देता है, साथ ही पूर्णतः स्वस्थ और चिरायु भी करता है और side effects भी नहीं होते हैं।

तो आइए, जानते हैं कि कैसे आयुर्वेद सक्षम है, vitamin D की कमी को दूर करने में...

1. - Sunbathe (धूप सेंकना)

सुबह व शाम की धूप में कम से कम 15 minutes से लेकर half an hour तक लेटने (या टहलने) की कोशिश करें। पर ध्यान रखें कि धूप, आपके शरीर के अधिक से अधिक अंगों पर पड़े, इसलिए शरीर पर कम से कम कपड़े हों तो बेहतर है। धूप लेते समय अगर शरीर पर सरसों या नारियल के तेल से या देशी घी से मालिश भी किया जाए तो सोने में सुहागा वाला लाभ मिलता है अर्थात् धूप से मिलने वाला लाभ कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है।

2. - Consuming milk and dairy products

रोज कम से कम 1 glass दूध का सेवन अवश्य करना चाहिए। हो सके तो दोपहर में 1 कटोरी दही भी अवश्य लें। शुद्ध छेना, छाछ आदि भी बेहद लाभदायक हैं और अगर आपको diabetes, मोटापा या हृदय रोग है तब भी आप भारतीय देशी गाय के दूध से बना कोई भी ताज़ा milk product बेहिचक उचित मात्रा में ले सकते हैं और इससे आपको कोई नुकसान भी नहीं होगा। दही में चीनी की जगह काला नमक या गुड़ मिला सकते हैं और दूध में भी गुड़ मिलाकर पी सकते हैं।

3. - A balanced diet

रोज़ एक ही तरह का अनाज/सब्जी/दाल खाने की जगह कोशिश करें कि प्रतिदिन बदल – बदल कर खाने की, मतलब हर दिन अलग – अलग अनाजों/सब्जियों/दालों को खाएं या थोड़ा-थोड़ा सभी अनाज/सब्जी/दाल को आपस में मिलाकर प्रतिदिन खाएं ताकि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक किसी पोषक तत्व (vitamins and minerals जैसे- Biotin (vitamin B7), Folic acid (folate, vitamin B9), Niacin (vitamin B3), Pantothenic acid (vitamin B5), Riboflavin (vitamin B2), Thiamin (vitamin B1), Vitamin B6, Vitamin B12, Vitamin C, Vitamin A, Vitamin D, Vitamin E, Vitamin K, Calcium, Chloride, Magnesium, Phosphorus, Potassium, Sodium, Sulfur, Chromium, Copper, Fluoride, Iodine, Iron, Manganese, Molybdenum, Selenium, Zinc आदि) की कभी भी कमी ना पड़े।

Multi grain आटे का एक श्रेष्ठ विकल्प है, पतंजलि का “नवरत्न आटा” जिसमें गेहूं, जौ, चौलाई, मक्का, ज्वार, चना, सिंघाड़ा, सोयाबीन व बाजरा का मिश्रण होने की वजह से ये बेहद पोषक है। दालों के लिए आप अरहर, चना, मसूर, मूंग, उरद आदि को मिला करके प्रतिदिन खाएंगे तो मुफ्त में कई बीमारियों का नाश हो जाएगा और आपके शरीर में कभी प्रोटीन की कमी नहीं रहेगी।

हर अलग – अलग मौसम में मिलने वाली सब्जियों व फलों का ही सिर्फ सेवन करना चाहिए (ना की बेमौसम मिलने वाली frozen सब्जियों व फलों का)।

Dieting के नाम पर लम्बे समय तक बहुत कम खाने से बुढ़ापा तेजी से आता है ! सिर्फ एक ही तरह के अनाज व सब्जियों का रोज सेवन करने से भी शरीर में कुछ vitamins and minerals  की कमी पड़ सकती है इसलिए करोड़ो वर्ष पुराने आयुर्वेद में भारतीय गाय के दूध – दही आदि का भी रोज सेवन करना compulsory बोला गया है ताकि शरीर में कभी भी, किसी भी vitamins and minerals की कमी ना पड़े । (कोशिश करें कि सिर्फ देशी गाय के दूध का ही सेवन करने की लेकिन अगर ना मिल सके तो, भैंस के दूध का भी सेवन किया जा सकता है)।

4. - Last meal before sunset

मानवों का सूर्यास्त के बाद भोजन करना भी आयुर्वेद सम्मत नहीं है। आयुर्वेद के अनुसार मानवों को अंतिम भोजन यानी dinner सूर्यास्त से पहले कर लेना चाहिए और रात में 9 बजे तक सो जाना चाहिए (क्योंकि सर्वश्रेष्ठ नींद मध्य रात्रि यानी रात 12 बजे से पहले की ही होती है)। 

शास्त्रानुसार सूर्यास्त के बाद भोजन करने से वह भोजन, सूर्य के कई गुणों से विहीन हो जाता है इसलिए उससे vitamin D पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता है और उसका पाचन भी अपेक्षाकृत धीरे होता है जिससे sugar level व मोटापा भी बढ़ सकता है। इसलिए भोजन को दिन में (यानी जब सूर्य आकाश में हो) खाने से पर्याप्त vitamin D मिलता है। 

आधुनिक वैज्ञानिकों को भले ही अभी इस theory को digest करने में मुश्किल हो कि “सूर्य के उदय और अस्त होने से भोजन के Vitamin D पर कैसे असर पड़ सकता है”

 लेकिन उम्मीद है जल्द ही वैज्ञानिक इस theory को भी उसी तरह स्वीकारेंगे जैसे करोड़ों साल पहले भारतीय ज्योतिष ग्रंथ में लिख दिया गया था कि आकाश में चन्द्रमा के size के according, हर मानव मन का स्वभाव भी प्रतिदिन बदल सकता है और जिसे बाद में सम्भवतः modern researchers ने भी स्वीकारा।

आयुर्वेद के अनुसार, अगर कोई मानव किसी कारणवश अपना अंतिम भोजन (dinner) सूर्यास्त से पहले तक नहीं कर सकता हो तो भी वह एक आसान तरीके को अपनाकर Vitamin D की कमी से बच सकता है।

इस तरीके में केवल इतना करना है कि कोई व्यक्ति 24 घंटे में जितना भी खाना खाता हो उसका आधे से ज्यादा खाना (यानी लगभग 60% खाना) वह दिन में (यानी जब तक सूर्य डूबे ना हों) खा ले और 40% खाना रात में जब चाहे अपनी सुविधानुसार खा ले। यानी आसान भाषा में कहें तो अगर आप 24 घंटे में 6 रोटी खाते हों तो आपको 4 रोटी दिन में खाना है और 2 रोटी रात में खाना है। इसी तरह भोजन की अन्य सामग्रियां (जैस- सब्जी, दाल, चावल, दूध आदि) की 24 घंटे की कुल मात्रा का, 60% हिस्सा दिन में खाना है और 40% रात में खाना है।

इसके अलावा आयुर्वेद के अनुसार एक और अति महत्वपूर्ण जानकारी बताई जिसके अनुसार शिवपुराण में योगिराज भगवान शिव ने माँ पार्वती को बताया है कि दुनिया में सारी उपलब्धियों को पाया जा सकता है दो चीजों की मदद से, और वो हैं- वायु और पारा।

पारा से कई दुर्लभ औषधियां बन सकती हैं जिन्हे बना पाना तो आज के अल्प सामर्थ्य वाले मानवों के लिए अब सम्भव नहीं है, लेकिन वायु के दुर्लभ लाभ निश्चित प्राप्त किए जा सकते हैं सभी मानवों द्वारा।

वायु के सभी औषधीय लाभ पाने का सबसे आसान तरीका है प्राणायाम। और उन्ही प्राणायामों में से एक है अनुलोम विलोम प्राणायाम जिसे प्रतिदिन ठीक तरीके से मात्र 100 बार (जिसमे कम से कम आधा घंटा लग सकता है) करने से, सामान्यतया शरीर में किसी भी vitamins and minerals की कमी नहीं पड़ सकती है। 

अब यहाँ पर प्रश्न यह बनता है कि अगर किसी व्यक्ति से खाने पीने में कभी – कभी लापरवाही हो जाती है, लेकिन उससे प्राणायाम में कभी लापरवाही नहीं होती है, तो क्या तब भी वह vitamins and minerals की कमी से बच सकता है? 

तो इसका उत्तर है, हाँ ! मतलब सिर्फ प्राणायाम की वजह से, उसके खाने पीने में की गयी कई छोटी मोटी लापरवाहियां उस पर कुछ ख़ास असर नहीं डाल सकती हैं।

The science behind Pranayam-

अनुलोम विलोम प्राणायाम की वजह से सुषम्ना स्थित 7 चक्र, हर बार पहले से ज्यादा activate होते जाते हैं और इन्ही चक्रों में छिपे हुए अमृत द्रव (जो स्वयं महासंगम है उन सभी दुर्लभ पदार्थों का जो शरीर का अद्भुत कायाकल्प करने की क्षमता रखते हैं) के अति सूक्ष्म स्राव से भी शरीर के सारे आवश्यक पोषक तत्वों की स्वतः पूर्ती हो सकती है ! इसलिए हर व्यक्ति को प्रतिदिन आधा घंटा धीरे – धीरे अनुलोम विलोम प्राणायाम अवश्य करना चाहिए। 

हमने यहाँ आयुर्वेद द्वारा vitamin D की कमी को पूरा करने के लिए जीवन से जुड़ी समान्य बातों पर विचार किया है। जो अत्यंत सरल और सहज है, इसके कोई side effects नहीं हैं।

आयुर्वेद, भारत का medical science है, जो सर्वोत्तम है, यदि आप को सभी बातें नीति पूर्ण और जीवन में ढालने योग्य लगें तो आप इन्हें अपना सकते हैं और स्वास्थ्य धन अर्जित कर सकते हैं।

Positive रहें, प्रसन्न रहें, स्वस्थ रहें। 

आप सभी को दीपावली के पांच दिवसीय त्यौहार की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐

धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐

ईश्वर, हम सभी को सुखी स्वस्थ एवं चिरायु रखें 🙏🏻😊 दीपावली सब के लिए शुभ हो।

Tuesday, 18 October 2022

Tip : How to find out Spy camera

अभी हाल ही हम ने एक article डाला था 'लड़कियाँ कितनी सुरक्षित?' जिसमें एक girls hostel की घटना के विषय में बताया था, जहाँ लड़कियों के bathing के समय की अश्लील videos बना कर दूसरों को send की जा रही थीं। 

अगर आप ने नहीं पढ़ा है तो एक बार पढ़ लीजिएगा..

पर यह घटना किसी और के साथ ना हो, इसके लिए alert रहना जरूरी है...

अभी कुछ दिनों पहले हमें Spy camera कैसे ढूंढ़ा जाए, इसका पता चला तो सोचा, यह काफी useful और important information है, जो सबको पता होनी चाहिए।

इसमें बहुत details में बताया है कि spy camera कैसे पहचान सकते हैं, इसका एक-एक point बहुत ध्यान से पढ़ें।

 कैसे तलाशें स्पाई कैमरा?



अगर आप कहीं घर से बाहर हैं, जैसे hotel, mall, shop, etc. और वहाँ अगर आप bathroom या changing  room का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। इन tips को follow करके आप पता लगा सकते हैं कि कहीं कोई spy camera तो छुपा कर नहीं रखा गया है।


1. Check the suspicious items

आप किसी unknown जगह पर गए हैं या होटल के कमरे में हैं तो सबसे पहले उस कमरे में मौजूद सभी suspicious चीजों की अच्छे से पड़ताल कर लें। एक-एक सामान को check  करें और देखें कि कहीं उनके अंदर hidden camera तो नहीं लगा है. आजकल कैमरे बहुत छोटे होते हैं जो आपको नजर नहीं आएंगे, लेकिन camera कैसा भी हो, उसमें lens जरूर होता है, ऐसे में इन सामानों को check चेक करते वक्त lens पर ज्यादा focus करें। कहीं बीच में कोई lens दिखे तो समझ जाइए, कि वह Spy camera हो सकता है। फौरन उसे हटवा दें या कपड़े से ढक दें और उपयुक्त action लें। आपको जिन चीजों को जरूर check करना चाहिए, उनमें से कुछ हैं dressing/make-up table & mirror, night lamp, रोशनदान, door handle, flower pot, table पर रखे सामान, clock, smoke detector, AC power adaptor, alarm sensor, telephone, दीवारों पर लगी fancy lights या छत पर लगे छोटे झूमर, table fan, bed के headboard and footboard, sitee k handles and back-rest, TV set-up, almirah handles। अगर बाथरूम में जा रहे हैं तो वहाँ, mirror, tooth brush holder, water flush, towel holder, tap, light, window, switch board, shower, bathtub आदि को अच्छे से देख लें। इनमें से भी किसी चीज में lens जैसा कुछ दिखे तो फौरन alert हो जाएँ।


2. With the help of darkness

वैसे तो किसी को भी अंधेरा अच्छा नहीं लगता है और अंधेरे वाले कमरे में कोई रहना नहीं चाहेगा लेकिन spy camera को पता करने में अंधेरा आपकी मदद कर सकता है। आप कमरे की सभी lights बंद करके पूरी तरह अंधेरा कर दें। अब कमरे में अच्छे से नजर दौड़ाएं। अगर कहीं कैमरा होगा तो उसकी lens या camera की blink होती light आप देख सकेंगे, जो उजाले में आपको कभी नजर नहीं आएगी। अगर अंधेरे में आपको दिक्कत हो रही है तो next point आप ही के लिए बना है।


3. Take help of a flash light

छिपे हुए camera को तलाशने में आपका phone काफी कारगर हो सकता है। Flash light के reflection से आप कांच के पीछे छिपे spy camera का पता लगा सकते हैं। इस trick के लिए आपको सबसे पहले उस कमरे की light बंद करनी होगी। इसके बाद मोबाइल की flash light on कर दें। अब अगर किसी mirror या सामान के अंदर spy camera fit होगा तो आपको उसकी blink light यानी lens वाली light दिखाई देगी। इस तरह आप पता कर सकते हैं कि कोई camera है या नहीं।


4. With the help of your finger

अगर बाथरूम या बेडरूम में कोई mirror है तो उसके पीछे भी कैमरा लगा हो सकता है। अंदर कैमरा है कि नहीं इसे check करने के लिए आप इस trick को अपनाएं। आप mirror पर अपनी उंगली रखें। शीशे पर उंगली रखने के बाद आपकी असली उंगली और शीशे में दिख रही उंगली के बीच gap आ रहा हो, तो फिर चीजें ok हैं। यानी वह शीशा original है। लेकिन अगर gap नहीं है तो समझ जाइए कि अंदर कैमरा है।


5. Be aware about these as well

ऊपर तो हमने आपको कुछ tricks बताए, लेकिन आपको इन सब tricks के अलावा कुछ और बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। आप shower लें रहे हों या नहा रहे हों, तो bathroom में, gate, window और fancy roof को अच्छे से check चेक करें। अगर कहीं से कोई हिस्सा damage लग रहा हो तो alert रहें; हो सकता है कोई आप पर कैमरे के जरिए नजर रख रहा हो। जरूरी नहीं कि खतरा कमरे के अंदर ही हो। कई मामलों में लोग bathroom or changing room के videos बाहर से खड़े होकर भी, खिड़की या gate के सुराख के जरिए बना लेते हैं।

आपको इस स्थिति से बचने के लिए खिड़की पर ध्यान देना चाहिए। अगर खिड़की बंद है और कोई shadow नजर आता है तो फौरन alert हो जाएं। अगर खिड़की न पूरी तरह से बंद है और न पूरी तरह से खुली है तो भी कोई आप पर नजर रख रहा हो सकता है। ऐसे में alert रहें।

यह कुछ Tips हैं, Spy camera से alert रहने के लिए।

Be alert, be safe

Monday, 17 October 2022

Recipe: Eggless Vanilla cake

October month से ही बहुत सारी birthdays and anniversaries शुरू हो जाती हैं... 

इसलिए आज हम आप सबके साथ, all time favourite, eggless vanilla cake की recipe share कर रहे हैं।

Eggless Vanilla Cake 



Ingredients

All purpose flour (Maida) - 1 Cup

Fresh Curd - ¾ Cup

Fresh मलाई - 2 tsp

Sugar - ¾ Cup

Milk - 1 tbsp.

Eno powder - 1 sachet 

For cake decoration

Non dairy whipped topping cream - 1 cup

Choco-chips - 1 tbsp.


Method

For Cake preparation 

Cake container में घी लगाकर, मैदा से dust कर के ready कर लीजिए।

दही में चीनी डालकर अच्छे से mix कर लीजिए। चीनी दही में घुल जाएगी।

दूध में पड़ी, 2 tsp ताज़ी मलाई add करें और अच्छे से mix कर लें।

इस mix में थोड़ा-थोड़ा करके all purpose flour डालते हुए mix करें।

इसमें दूध डालकर mix कर लीजिए। 

Microwave oven को preheat करने के लिए 1 cup पानी को 1 min के लिए microwave कर लें। 

Meanwhile, cake mix में eno powder डालकर अच्छे से मिला दें।

अब cake batter को ready किए गए cake container में डाल दीजिए। 

Cup को निकाल कर container को microwave में रख दीजिए और full temperature पर 4min के लिए microwave कर लीजिए।

Cake container को बाहर निकाल लीजिए। उसे ढक कर ठंडा होने तक, रख दीजिए।

जब cake पूरा ठंडा हो जाएगा, तो वो container की walls को छोड़ देगा, चिपका नहीं रहेगा।

अब cake को de-mould कर लीजिए।

उसको तीन जगह से horizontally cut कर लीजिए। 

For decoration 

Cream को 'high peaks' आने तक whip कर लीजिए। (Click here to know the meaning of high peaks & its preparation techniques.)

Whipped Cream के 4 portion कीजिए।

एक icing bag में अपनी पसंद के cake decoration के according, nozzle लगा कर ready कर लीजिए, और एक portion cream उसमें भर दीजिए।

बाकी के तीन portions को cake की layers में & उसकी walls में लगाकर, cake को पूरी तरह से cream से smoothly cover कर लीजिए। 

Cake को ½ hour के लिए freezer में set होने के लिए रख दीजिए।

अब icing bag से cake पर अपनी मनपसंद की design बना लीजिए, फिर उसे choco chips से decorate कर लीजिए।

अपने मन के according, decoration items को change भी कर सकते हैं।

Thursday, 13 October 2022

Poem: सजनी का करवाचौथ

सजनी का करवाचौथ



सिन्दूर,चूड़ी,बिंदी, मेहंदी,

कर सोलह श्रृंगार;

करवाचौथ व्रत रखने को,

सजनी हो गई तैयार।।


दुल्हन सी लग रही है सजनी,

सुहागन का है तेज अपार;

शिकन नहीं किंचित मुख पर, 

छलक रहा चेहरे पर प्यार।


करवाचौथ में, ओ चंदा तुम,

जल्दी से आ जाना;

बादलों में छिपकर तुम,

ना सजनी को तड़पाना। 


निर्जल व्रत, कठिन तप, 

पूर्ण हो तेरे दीदार से;

दमकता रहे निखार उसका, 

बुझे ना वो तेरे इंतज़ार से। 


जीवन मेरा पूर्ण हुआ,

पाकर सजनी का प्यार;

सुख समृद्धि से भरा रहे,

हमारा प्यारा घर संसार। 


आप को कुछ प्रमुख शहरों में सूत्रों द्वारा ज्ञात हुए चंद्रमा निकलने का समय बता रहे हैं, जिससे आप को रात की पूजा करने का समय ज्ञात हो सके।


कोलकाता 07:39 बजे

पटना 07:50 बजे

योध्या 07:55 बजे

वाराणसी 07:55 बजे

प्रयागराज- 07:57 बजे

गोरखपुर 08:00 बजे

लखनऊ 08:02 बजे

कानपुर 08:04 बजे

देहरादून 08:04 बजे

हरिद्वार 08:05 बजे 

गाजियाबाद- 08:09 बजे 

मेरठ 08:09 बजे

चंडीगढ़ 08:09 बजे

आगरा 08:11 बजे

मथुरा 08:12 बजे

नोएडा 08:12 बजे 

दिल्ली 08:12 बजे

ग्वालियर 08:13 बजे

अमृतसर 08:15 बजे

अजमेर 08:17 बजे

भोपाल 08:22 बजे

जयपुर 08:22 बजे

इंदौर 08:31 बजे

जोधपुर 08:33 बजे

बेंगलुरु 08:40 बजे

मुंबई 08:51 बजे

अहमदाबाद 08:54 बजे


इन सभी समय को देखते हुए लगता है कि आज चंद्र देव जल्दी ही दर्शन देंगे।


हे चंद देव शीध्र दर्शन देकर, सभी सुहागिनों का व्रत पूर्ण कीजिएगा और सभी को अखंड सौभाग्य प्रदान कीजिएगा🙏🏻🙏🏻

आप सभी को करवाचौथ व्रत की हार्दिक शुभकामनाएँ 💐💕

Tuesday, 11 October 2022

Article : Mahakaleshwar jyotirlinga (Ujjain)

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (उज्जैन) 



महादेव जी का तो हर मंदिर ही अपने आप में सिद्ध है। पर आज जब पूरा राष्ट्र उज्जैन की बात कर रहा है तो हम भी उसी में शामिल हो जाते हैं।

आप सभी को पता ही होगा ही कि काशी विश्वनाथ मंदिर में भव्य कोरिडोर का निर्माण करने के पश्चात, आज महाकालेश्वर मन्दिर में भव्य कोरिडोर का उद्घाटन किया जा रहा है।

पर क्यों उज्जैन में स्थिति महादेव जी को महाकाल कहा जाता है? और इसकी विशेषता भारत में कब से है?

आइए हम सब जानते हैं- 

मंदिर की विशेषता - 

महाकालेश्वर मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन नगर में स्थित, महाकालेश्वर भगवान का प्रमुख मंदिर है।

स्वयंभू, भव्य और एकमात्र दक्षिणमुखी होने के कारण महाकालेश्वर महादेव की अत्यन्त पुण्य दायी महत्ता है। 

मनुष्य जीवन का अंतिम लक्ष्य ही मोक्ष होता है, और ऐसी मान्यता है कि इनके दर्शन मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। कहा जाता है कि, महाकाल का आशीर्वाद मिल जाए तो काल भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। यही कारण है कि उज्जैन के महादेव जी को महाकालेश्वर कहा जाता है। 

प्राचीन काल से विशेषता -

उज्जैन का नाम, वहाँ पर बन रहे भव्य कोरिडोर के कारण, प्रकाश में नहीं आ रहा है बल्कि सदियों पहले से उज्जैन, हमेशा से लोगों के ह्रदय में अपना विशेष स्थान बनाए हुए है।

पुराणों, महाभारत और कालिदास जैसे महाकवियों की रचनाओं में इस मंदिर का मनोहर वर्णन मिलता है।

महाकवि कालिदास ने मेघदूत में उज्जयिनी की चर्चा करते हुए इस मंदिर की प्रशंसा की है।

1235 ई. में गुलाम वंश का शासक इल्तुत्मिश ने,  इस प्राचीन मंदिर का विध्वंस करा दिया था।

 पर उसके बाद से यहाँ जो भी शासक रहें, उन्होंने इस मंदिर के जीर्णोद्धार और सौन्दर्यीकरण की ओर विशेष ध्यान दिया, इसीलिए मंदिर अपने वर्तमान स्वरूप को प्राप्त कर सका है। 

प्रतिवर्ष और सिंहस्थ के पूर्व इस मंदिर को सुसज्जित किया जाता है। 

और आज जब, यहाँ पर भव्य कोरिडोर निर्माण का उद्घाटन किया जा चुका है, तब तो यह मंदिर और ज्यादा भव्य और विशेष हो जाएगा।

भारत के मंदिरों को इस तरह से भव्य और सुदृढ़ बनाते जाने का मुख्य उद्देश्य, भारत को पुनः पहले जैसे स्वर्ण भारत बनाना ही है।

आप कहेंगे कि मंदिर निर्माण से स्वर्ण भारत कैसे बनेगा? 

हम कुछ कहें, उसके पहले आप ही बताइए, भारत को स्वर्ण भारत क्यों कहा जाता है? 

क्योंकि तब भारत, धन-धान्य से परिपूर्ण था..

जी बिल्कुल, पर सिर्फ धन-धान्य ही किसी देश को स्वर्ण देश नहीं बनाता है..

भारत, धन-धान्य के साथ ही, ज्ञान, विज्ञान, अध्यात्म, संस्कृति, धर्म, कला, प्रेम, सौहार्द, आत्मसंयम आदि हर क्षेत्र में प्रथम स्थान पर था।

जब किसी में भी सम्पूर्णता होती है, तभी वो विशिष्ट होता है, स्वर्ण होता है।

भारत प्राचीन काल से ही अपनी विरासत के कारण ही विशिष्ट स्थान रखता रहा है। जब विरासत सुदृढ़ होगी, तब ही पर्यटन अधिक आएगा और साथ में लाएगा, सुदृढ़ आर्थिक स्थिति। तब ही भारत, स्वर्ण भारत बनेगा।

और यह ऐसे स्थानों में रह रहा प्रत्येक व्यक्ति समझता है कि विरासत सुदृढ़ीकरण ही विकास का मार्ग है। 

तभी पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में और अब उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भव्य कोरिडोर निर्माण कार्य किया जा रहा है। 

कोरिडोर निर्माण के लिए, कितनों ने खुशी खुशी, अपने आशियाने को अपने हाथों से ध्वस्त कर दिया।

क्योंकि उनके मन में यह धारणा नहीं थी कि मंदिर निर्माण से क्या होगा? बनाना है तो, स्कूल बनाओ, अस्पताल बनाओ.. 

वे जानते हैं कि जितनी आवश्यकता, स्कूल और अस्पताल की है, उतनी ही मंदिर निर्माण की भी। 

क्योंकि मंदिर निर्माण के साथ ही विकास और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

मोदी जी आप मंदिर का निर्माण सुदृढ़ करें, महादेव भारत में स्वर्ण काल सुदृढ़ करेंगे।

जय महाकाल 🔱

Monday, 10 October 2022

Article : World Mental Health Day

 विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस  



आज World Mental Health Day है तो सोचा इसी विषय पर थोड़ा विचार विमर्श करते हैं।

इस topic पर article लिखने से पहले आप को यह बता दें कि, कुछ लोगों के मन में यह बहुत बड़ी भ्रांति है कि mental health के regarding बात चल रही है तो मतलब किसी के पागल होने के विषय में बात की जा रही होगी। तो सबसे पहले यह, कि ऐसा सोचना ही सबसे बड़ा पागलपन है। क्योंकि जैसे physical health से related बहुत सारे issues होते हैं, ऐसे ही mental health के regarding भी issues होते हैं। 

और यह तो आप अच्छे से जानते ही होंगे कि हर health issue का एक treatment होता है, वैसे ही mental health issues का भी होता है।

Origin of the day

World mental health day पहली बार 10 अक्टूबर 1992 को मनाया गया था। यह World Federation for Mental Health की एक पहल थी, जो 150 से अधिक सदस्य देशों की एक global organization है। 

Mental health से related सबसे बड़ा issue है dipression

Dipression, एक आम समस्या है, दूसरे शब्दों में कहें तो, dipression means mental stress.

जिसमें इंसान अपनी वर्तमान परिस्थितियों से जूझते जूझते थकने लगता है, और एक दिन हार जाता है और वही से dipression का शिकार होने लगता है।

यह समस्या लोगों को पहले भी होती थी, पर कोरोना वायरस (COVID 19) महामारी के आने से इस problem को बहुत लोगों ने face किया है।

हालांकि अभी, हम सभी Covid से निपटने में तो सक्षम हो गए हैं, फिर भी बहुत से लोग dipression की  समस्या से जूझ रहे हैं।

 WHO की report के मुताबिक, international level पर आठ में एक शख्स  mental disorder का शिकार है। 

Mental stress आत्महत्या का एक बड़ा कारण है। WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में दुनियाभर में 7 लाख 3 हजार लोगों ने आत्महत्या की थी। 

इनमें 58 प्रतिशत लोगों की उम्र 50 वर्ष से अधिक थी। आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि 20 वर्ष से 35 वर्ष तक युवा सबसे ज्यादा सुसाइड करते हैं, इनकी संख्या 60 हजार से पार है. इनमें ज्यादातर low and middle class families  से आने वाले युवा शामिल हैं।

Covid pandemic से यह बहुत खुलकर सामने आया है कि metal health पर  socially cutoff का बहुत प्रभाव पड़ता है। बहुत दिनों तक अपनों से ना मिल पाना और लंबे समय तक घरों में कैद रहना, mental stress को बहुत तेजी से बढ़ा देता है। मतलब आप समझ रहे हैं, बहुत ज्यादा अकेलापन, खालीपन..., Mental stress भी बढ़ाता है और dipression भी...

इस स्थिति ने हजारों भारतीयों की mental health को प्रभावित किया है। 

चलिए अब देखते हैं कि, मानसिक तनाव नहीं हो उसके लिए क्या करें?

मानसिक तनाव कैसे दूर करें?

तनाव को खुद पर हावी न होने दें -  

अगर आप को किसी काम से बहुत ज्यादा stress हो रहा हो तो कुछ समय के लिए उस काम को करना छोड़ दें, साथ ही उसके बारे में सोचना भी छोड़ दे। मन को थोड़ा शांत करें, फिर काम शुरू करें, आप अपने आपको थोड़ा सा तनाव मुक्त पाएंगे। पर इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप अपने काम से भागने लगे। अपने काम से भागने से आप stress free नहीं होंगे बल्कि एक दिन dipression का शिकार अवश्य हो जाएंगे।अपने काम से stress free होने के लिए, कुछ time mind divert कर लें और फिर पुनः अपना काम करें।

Stress free रहने के लिए वो काम करें जो आपको पसंद है- दुनिया क्या कर रही है, दुनिया क्या सोचेगी, इस धारणा को मन से बिल्कुल निकाल दीजिए।  Mental stress का यह बहुत बड़ा कारण होता है। भेड़ चाल, हमेशा stress देती है। हमेशा वो काम करना चाहिए जो आप को सुख दे। क्योंकि जब आप काम करने से खुश होंगे, सफल भी तभी होंगे। और हाँ एक बात याद रखियेगा, सफलता आप को किसी भी काम से मिल सकती है। बस continuous efforts जरुरी है।

Mental health को दुरुस्त रखने के लिए योग और  excercise करें-  यह तो आप को पता ही होगा कि योग और excercise सभी तरह की health के लिए आवश्यक है, फिर वो चाहे physical health हो या mental health. 

पर साथ ही एक बात यहाँ, यह भी जरूरी है कि, योग और excercise भी किसी के कहने या बताने से मत करिए, (यहाँ किसी के मतलब doctor से बिल्कुल नहीं है, doctor अगर आप से किसी exercise को करने के लिए कह रहे हैं तो वो आप की healthy रहने के लिए आवश्यक है, उसे जरूर से करें) बल्कि वो भी वही और उतनी ही देर करें, जितना करने से आपको सुख मिले। पर जो भी करें, हो सके तो उसका नियम बना लें।

थोड़ी परेशानी होने पर भी doctor से बात करें- अगर आप को mental stress या dipression रह रहा है तो इस विषय में doctor से बात करने में ना तो हिचकें और ना ही doctor के पास जाने में देर करें। इस डर से लोग क्या कहेंगे, आप का doctor के पास ना जाना, आपकी ही health down करेगा।

नशे से दूर रहें - बहुत से लोग stress से बचने के लिए, दुनिया भर का नशा जैसे तम्बाकू, गुटखा खाना,  smoking करना या शराब पीने, drugs लेने का काम करने लगते हैं।

उनसे ऐसा करने को मना करो तो वह कह देते हैं कि इससे stress कम हो जाता है।

अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो यह बिल्कुल ग़लत धारणा है। नशे में रहने के कारण, कुछ समय आप को ऐसा अनुमान लग सकता है, पर अगर लम्बे समय तक के लिए देखें तो कोई भी नशा, stress कम नहीं करता है, बल्कि आप को physically and mentally weak ही करता है। 

आप मानेंगे नहीं, पर हद से ज्यादा चाय और कॉफी पीना भी एक नशा ही है, वो भी आपको नुकसान ही पहुंचाती है। अगर हो सके तो एक दो बार ही चाय और कॉफी पीएं, वो भी एक छोटा कप ही, और अगर छोड़ सकें तो छोड़ दीजिए। हम यह लिख रहे हैं तो आप कहेंगे कि खुद पीती हैं तो कुछ नहीं... तो हम आपको बता दें कि हम चाय नहीं पीते हैं, हाँ काॅफी पीते हैं, पर वो भी occasionally.

अच्छी नींद लें -

Mental stress ना हो, इसके लिए अच्छी और भरपूर नींद आवश्यक है। तो कोशिश करिए कि नींद से कोई compromise नहीं करें।

Healthy food खाएं -

 healthy food भी mental stress को कम करता है, तो healthy food खाएं। पर इसका मतलब यह नहीं कि आप चटर-पटर, चाट-पकौड़ी  बिल्कुल नहीं खाएं। आप इस तरह की चीजें भी बीच बीच में खा सकते हैं। लेकिन ध्यान रखिएगा कि रोज़ रोज़ यही सब ही ना खाएं और साथ ही इनके amount का भी ध्यान रखें। बहुत ज्यादा amount में इन्हें खाना भी नुकसान दायक होता है। 

Believe in yourself - 

अपने ऊपर विश्वास रखना कभी मत छोड़िए, क्योंकि mental stress को खत्म करने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी यही होता है। 

विश्वास मानिए, आप से अच्छा उस काम को कोई नहीं कर सकता है। जब आप इस विश्वास को अपने अंदर रखेंगे तो आप को कभी भी dipression नहीं होगा। 

मतलब आप को कभी dipression ना हो, यह सबसे ज्यादा आप पर निर्भर करता है।

Positive attitude रखना - 

हमेशा positive attitude रखें, और उनके साथ ही अपना उठना-बैठना ज्यादा रखें जो positive attitude वाले हों। मतलब अपने लोगों से मिलें, बातचीत करें, सुख दुःख बांटें...

साथ ही यह भी याद रखें कि जिंदगी में हर किसी को ग़म है, पर उस ग़म से बाहर वही निकल पाता है, जिसे उससे बाहर निकलने की इच्छा हो। अगर आप अपने ग़म को बहुत बड़ा बना लेंगे तो कभी बाहर नहीं निकल सकते हैं। साथ ही वो आपका mental stress भी बढ़ाएगा और बढ़ते बढ़ते आप को dipression का patient भी बना देगा।

तो जैसे आप अपनी physical health का ध्यान रखते हैं। Mental health का भी ध्यान रखें, खुश रहें, आत्मविश्वासी बने, दृढनिश्चय रहें, बड़ों की सेवा करें, साथ के लोगों के साथ समय व्यतीत करें व बच्चों को खूब प्यार करें और हाँ ईश्वर पर अटल विश्वास रखें। जब वो साथ हैं तो सब अच्छा ही होगा।

विदेशों में companies में physical health के साथ ही mental health पर भी ध्यान दिया जाता है।

पर अब भारतीय कंपनियों ने भी कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी आरंभ कर दी है। मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से निपटने वालों की मदद करने के लिए कई संगठन नए तरीकों को विकसित करने और लागू करने के लिए आगे आए हैं। 

तो चलिए World Mental Health Day से ही थोड़ा ध्यान mental health पर भी रखना शुरू कर देते हैं।

Happy World Mental Health Day 😊 🎉

Be Happy, stay Healthy 😊


Friday, 7 October 2022

Story of Life : दो बोल प्यार के

 दो बोल प्यार के 


अंकित, आज बहुत ही smart लग रहा था, अपने सपनों की रानी को लेने जो जाने वाला था।

अंकित, लम्बा-चौड़ा,गोरा बांका जवान, शहर का सबसे बड़ा businessman था, उसके चेहरे पर वो तेज़ था कि जिस की नजर एक बार उस पर गई, तो वहाँ से हटती ही नहीं थी। 

Five-star hotel से बारात चलनी थी, सभी अपने अपने कमरे में बैठे, दुनिया भर के पकवानों का मजा ले रहे थे। पूरे hotel से कहकहों की आवाजें आ रही थी।

पर अंकित के माथे पर पसीना छलछला रहा था, वो बहुत बेसब्री से ना जाने किस का इंतजार कर रहा था।

तभी अंकित का एक employee, मनीष कमरे में आकर बोलता है, सर आप को AC room में भी इतना पसीना क्यों आ रहा है? 

नहीं कुछ नहीं?

बैंड-बाजा भी आ चुका और सारे बाराती भी, I think अब आप को सभी को चलने के लिए बोल देना चाहिए। 

नहीं मनीष, अभी नहीं...

 आप किस का इंतजार कर रहे हैं? 

उनका, जिनके आए बिना, मै दूल्हा नहीं बन सकता हूंँ। 

ऐसा भी कौन है सर?

मेरी माँ! 

आप की माँ...? 

सब जानते थे कि, मनीष के पिता के अलावा, दुनिया में उसका कोई अपना नहीं था, और वो भी चंद साल पहले स्वर्ग सिधार गए थे। फिर माँ...

हाँ माँ, अंकित ने आत्मविश्वास से भरे हुए कहा... 

आज मुझे सबसे उन्हें मिलवाना है और उनके आए बिना मै बग्गी पर नहीं चढूंगा।

तभी hotel के gate पर Rolls Royce car आकर रूकी। 

सभी उत्सुकता से देख रहे थे कि कौन आया है?

तीन चार guards के owner के साथ, उसमें से एक सादगी के रंग में रंगी अधेड़ावस्था की महिला निकली। 

जैसे ही अंकित को पता चला, वो दरवाजे पर ही आकर, उन्हें दंडवत प्रणाम करने लगा। इतनी बड़ी कार भेजने की क्या जरूरत थी? 

माँ, आप से ही है सबकुछ...

आह! मेरा प्यारा बच्चा, कहकर उस महिला ने अंकित को अपने अंक में समेट लिया। 

माँ की सारी रस्में उन्होंने ही पूरी की..

अंकित ने बहुत प्यार से उन्हें अपने साथ बग्गी पर बैठा लिया। 

बारात अपने गंतव्य स्थान को चल दी।

कुछ समय बारात को आया देखकर, लड़की वाले स्वागत सत्कार में लग गए...

जहाँ से शादी हो रही थी, वहाँ की भव्यता देखते ही बन रही थी। साज-सज्जा, सुख सुविधा से लैस थी वो जगह...

अंकित, उस महिला का हाथ पकड़ कर ही stage पर चढ़ा और अपने पास ही उसने उन्हें बैठाया। 

जब अंजली जयमाल के साथ stage पर आयी तो अंकित ने उससे कहा, आज मैं सबको पहले माँ के बारे में सब बताऊंगा, फिर ही विवाह करूंगा।

यह कहकर वो बोला, यह निखिला Ma'am हैं, मेरी माँ, मेरी गुरु... आज मैं जो कुछ हूँ, इन्हीं की वजह से हूँ... मेरी माँ, मुझे बचपन में ही छोड़कर, भगवान के पास चली गई थीं। उनके जाने से मैं बिल्कुल टूट गया था, शायद ज्यादा दिन जीवित भी नहीं रहता, पर तब निखिला Ma'am मेरे जीवन में आईं, मेरे लिए नया जीवन लेकर, इनके नेह स्पर्श और आत्मविश्वास ने मुझे जिंदगी में सफलता के मुकाम पर पहुंचा दिया।

 जब अंकित यह बोल रहा था, निखिला Ma'am की आंखों से अविरल धारा बह रही थी। 

रुक जा अंकित यह सच नहीं है... आज मुझे सच बोलना ही होगा...

कहकर निखिला जी ने बोलना शुरू किया, मैं एक primary school की teacher थी। बच्चों को पढ़ना और उनका जीवन संवारना ही है मेरा काम था। और मैं यह बाखूबी करती भी थी।

अंकित को मैंने 4th class से पढ़ाना शुरू किया। यह बहुत ही dull and careless बच्चा था, जिसका पढ़ाई-लिखाई में बिल्कुल मन नहीं लगता था।

ऐसा मेरे साथ कभी नहीं हुआ कि मैं बच्चे में भेदभाव करुं, पर इसकी आंखों का खालीपन, मुझे अंदर तक भेद जाता था और उसके अनमने मन से मुझे बहुत चिढ़ मचती थी और धीरे धीरे ना जाने कैसे मुझे इससे नफरत होने लगी।  

और वो नफरत ऐसी थी कि मुझे इसमें गुण दिखने ही बंद हो गए और जब मैंने इसका result बनाया तो उसमें मैंने इसके बहुत सारे अवगुणों का बखान कर दिया।

जब वो result, principal के पास पहुंचा, तो उन्होंने मुझे बुलाया और कहा कि आप ने एक छोटे से बच्चे का इतना negative result क्यों बनवाया है? 

सर, अंकित ऐसा ही है, वो किसी में भी अच्छा नहीं है।

अगले दिन मुझे results distribute करने थे, वहाँ मैंने देखा कि, अंकित के पीछे की class के results भी रखे थे।

मैंने उन्हें देखना शुरू किया, अंकित बहुत अच्छा बच्चा था, पर फिर दूसरी class से उसके performance में अंतर आने लगा, कारण जानने पर पता चला कि उसकी माँ को कैंसर हो गया था।

फिर तो उसकी performance, माँ की गिरती तबियत के साथ गिरती ही गई। और जिस दिन उसकी माँ, भगवान के पास गई, तब से वो पूरी तरह टूट गया है और तब से वो ऐसा अनमना रहने लगा है।

जब मैंने यह पढ़ा, मेरा अंतर्मन ग्लानि से भर गया। मुझे खुद से घृणा होने लगी मैंने तुरंत से अंकित का result फाड़ दिया। और उसके पिता से कहा कि उसका result अभी नहीं बना है।

अगले दिन से मेरे मन में अंकित के लिए भाव बदल गए थे। मैंने अंकित को बहुत सारा प्यार देना शुरू कर दिया और वो भी मेरे प्यार से पुनः खिलने लगा।

एक ही साल में यह बच्चा, पहले जैसा बन गया। 5th class, उन्हें पढ़ाने वाली मेरी आखिरी class थी, सभी बच्चे मेरे लिए, रंग-बिरंगे कागजों में लपेट कर दुनिया की छोटी छोटी चीजें लेकर आए।

अंकित भी एक पुराने कागज में कुछ लेकर आया था और उसने मुझे वो थमाया। 

मैंने सबसे पहले वही देखा, उसमें एक कंगन था, जो कि बहुत पुराना था, उसकी design टूट-फूट चुकी थी। साथ ही वो एक इत्र की शीशी भी लाया था, जिसमें इत्र लगभग खत्म था। 

मैंने उस इत्र को लगा लिया और उस कड़े को पहन लिया। जैसे ही मैंने ऐसा किया, अंकित ने बहुत प्यार से मुझे माँ कहा और मुझसे लिपट गया।

उस इत्र के कारण, उसे मुझसे अपनी माँ की महक आ रही थी, जिसने उसमें प्राण फूंक दिया।

उस दिन, मैं उसके प्यार में ऐसे पिघल गई कि उसकी माँ ही बन गई। और तब से हम दोनों का रिश्ता बन गया।

Ma'am, मैं जानता हूँ कि आप मुझे पसंद नहीं करती थीं, पर जब से आप ने मुझे दो बोल प्यार के, बोलने आरंभ किए थे, उन्हीं पलों ने मुझे पुनः जिंदा कर दिया था, मुझे आप में अपनी माँ मिल गई थीं।

अंकित और अंजली ने झुककर निखिला जी के चरणों को छुआ। फिर निखिला जी के आशीर्वाद से विवाह सम्पन्न हुआ।

आप के दो मीठे बोल किसी को जीवन भी प्रदान कर सकते हैं, ऐसा अवसर मिलने पर चूक मत जाइएगा। किसी की जिंदगी में फूल बिखेरने का कार्य भी ईश्वर कुछ खुशनसीब लोगों को ही देते हैं, अगर आप को ईश्वर ने इसके लिए चुना है तो अपने जीवन पर फक्र महसूस कीजिएगा और पुन्य अवश्य कीजियेगा।