Monday, 15 January 2024

Poem: मकर संक्रान्ति

मकर संक्रान्ति  




उत्तरायण का सूरज 

पतंग की डोर

ले चली सबको

सुख की ओर 


घने कोहरे के

छंट गए बादल 

धूप ही धूप 

फैली हर ओर


मकरसंक्रांति हो 

खिचड़ी या पोंगल

भांति भांति के नाम

सब जुड़े एक ही छोर

 

जनवरी से दिसंबर 

त्यौहारों की बहार 

मस्ती ही मस्ती

छाई हर ओर 


मकरसंक्रांति हो

चाहे होली, दीवाली 

भारत में फैली रहे 

सुख शान्ति हर ओर 


आप सभी को सूर्य देव के उत्तरायण में प्रवेश की हार्दिक शुभकामनाएं 💐

मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं 💐🙏🏻