Saturday, 15 May 2021

Poem : सौगातें हैं

आप सभी को विश्व परिवार दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ 💐


 सौगातें हैं  



बस कुछ दिन ठहर जा,

अभी कुछ काली रातें हैं।

जो संभल गया तू,

तो आगे सौगातें हैं।।


सौगातें हैं अपनों के साथ की,

उनके हाथों में फिर देने हाथ की।

कब के बिछड़े हुए हैं जिनसे,

उनके साथ बिताने वाली रात की।।


सौगातें हैं उन बिखरे हुए सपनों की,

जो पीछे छूट गए हैं हम से।

उनको फिर से समेट लेने की,

उन्हें फिर से अपना कहने की।।


सौगातें हैं हसीं वादियों में खोने की,

जिन्दगी से फिर रुबरु होने की।

जो रह गई हैं कब से,

उन हजारों गुफ्तगू होने की।।


बस चंद दिन संभाल के गुजार लें,

फिर हर पल जिन्दगी के संवार ले।

तब इन सौगातों को लेना है समेट,

फिर से हो जाएंगे परिवार एक।।


💞Happy Family Day💞