Wednesday 1 June 2022

Article: याद आएंगे ये पल

 याद आएंगे ये पल



आज कुछ search करने के लिए Google खोला और यह shocking news मिली कि कल संगीत की दुनिया का एक बड़ा सितारा डूब गया। 

कृष्ण कुमार कुन्नथ जिन्हें सभी KK के नाम से जानते हैं, Tuesday को कोलकाता के एक college में एक concert कर रहे थे, तभी उन्हें अचानक से बहुत तेज, घुटन और गर्मी लगने लगी, वो hotel के room में गए, वहीं उनकी cardiac arrest से death हो गई। वो महज़ 53 साल के थे। 

KK, हमारे साथ ही कई लोगों के favourite singer होंगे।

उन्होंने, बहुत ही बेहतरीन गाने गाए हैं, जिन्हें हर किसी ने बहुत पसंद किया है।

फिर चाहे वो दोस्तों के साथ मस्ती भरा गाना हो,

यारों दोस्ती बड़ी ही हसीन है,

ये ना हो तो, क्या फिर,

बोलो ये ज़िन्दगी है...


इस गाने के बोल, सच में सच्चाई है, पर KK की आवाज में यह ऐसे दिल में उतर गया कि हर कोई अपने दोस्तों के साथ यही गाता था। और college के farewell party में तो जब से यह गीत आया है, तब से आज तक ज़रुर ही सुना या perform किया जाता है।


But, who was KK?

He was the voice of love,

He was the voice of friendship,

He was the voice of heartbreak,

He was the voice of passion,

He was the voice of motivation,

He was the voice of positivity,

He was the voice of youth...

He was KK


इसके साथ ही KK ने फिल्मों में एक से एक super hit song दिए हैं, फिर चाहे वो किसी भी genre के हों:

 दिल इबादत कर रहा है... 

 तड़प तड़प के इस दिल से आह...

तूने मारी एंट्रियाँ रे, दिल में बजी घंटियां...

तू ही मेरी शब है... 

खुदा जाने के...

आंखों में तेरी अजब सी-अजब सी अदाएं हैं...

Dus बहाने करके ले गयी दिल...

तू जो मिला...

इनके साथ ही और भी बहुत सारे गाने हैं, जो एक से बढ़कर एक हैं, जिन्होंने film industry को सुरीले गीतों से सजा दिए।

KK ने हिन्दी के साथ ही बांग्ला, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, मराठी, असमी और गुजराती भाषा की फिल्मों के गीतों को भी अपने स्वर से सजाया था।

किशोर कुमार की तरह, KK ने भी कभी कोई professional training नहीं ली थी। पर आवाज़; वो तो KK की भी बेमिसाल थी।

KK ने अपने career की शुरुआत मनलुभावन ad jingles से की थी, फिर वो Nerolac paints का 'जब घर की रौनक बढ़ानी हो, दीवारों को जब सजाना हो...' या Colgate का 'साँसों में ज़िंदा दिल ताज़गी रहे घंटों तक...' हो या ऐसे ही और बहुत से...। इस multi-genre वाले talent को film industry में entry तो मिलनी ही थी। 

बस फिर, गुलज़ार साहब ने KK को Film industry के लिए चुन लिया।

 'माचिस' movie के 'छोड़ आए हम' से KK ने film industry में अपनी शुरुआत की; और दे गए हमें वे दिल छू लेने वाले अपने कई सुर-मय गीत, जैसे:



उनका यह गीत, जो सकारात्मकता से परिपूर्ण है:

आशाएं, खिलें दिल की, उम्मीदें हँसें दिल की...

KK के milestone songs में से एक है।

उनका यह गीत हमें उनके बहुत करीब ले जाएगा...

हम, रहे या ना रहें कल, कल याद आएँगे यह पल...

हम लोग यह गाना और KK के बाकी गानें सुनेंगे, तब न केवल उनकी मधुर आवाज़, पर साथ ही KK भी ज़रुर याद आएंगे और आंखों में नमी भी छोड़ जाएंगे।

ऐसी हृदय स्पर्शी आवाज़ को, भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं 🙏🏻🙏🏻