Friday 28 April 2023

Poem : ख़ामोशी की आवाज

 ख़ामोशी की आवाज




ख़ामोशी भी ख़ामोश नहीं रहती है,

गौर से गर सुनो तो,

ख़ामोशी भी बहुत कुछ कहती है।

उसकी भी अपनी एक आवाज़ होती है, 

और गर सुन सके‌ कोई उसे,

तो बस वही जिंदगी होती है।


जब रखता है मासूम मन, 

अपने स्कूल में पहला कदम।

उसकी ख़ामोश निगाहें,

ढूंढती है अपना बचपन।

गर सुन लेता है, 

उनकी ख़ामोशी,

कोई कर्तव्यनिष्ठ शिक्षक।

वो बन जाता है उनके,

सपनो का रक्षक।

बच्चे उनके सानिध्य में,

उज्जवल भविष्य बनाते हैं।

ऐसे शिक्षक उन्हें,

जिंदगी भर याद आते हैैं।


ख़ामोशी भी ख़ामोश नहीं रहती है,

गौर से गर सुनो तो,

ख़ामोशी भी बहुत कुछ कहती है।


जब होती है बेटी विदा, 

तब पिता की आंखों में नमी,

और जुबान पर ख़ामोशी होती है,

वो ख़ामोशी बेटी से जुदा होने की,

सारी व्यथा कहती है।

गर सुन सके बेटी, यह तो,

वो पिता के और नजदीक होती है।


ख़ामोशी भी ख़ामोश नहीं रहती है,

गौर से गर सुनो तो,

ख़ामोशी भी बहुत कुछ कहती है।


जब आती है नई नवेली दुल्हन, 

अपने ससुराल की दहलीज पर,

उसकी ख़ामोश नजर पड़ती है घर पर।

वो ख़ामोशी उसके मन में चलती, 

अनेकों उलझन को बंया करती है।

गर सुन सके उसकी सास यह, 

बहू उसके नज़दीक होती है।


ख़ामोशी भी ख़ामोश नहीं रहती है,

गौर से गर सुनो तो,

ख़ामोशी भी बहुत कुछ कहती है।  


जब हो साजन या सजनी ख़ामोश,

कह ना सके लब से पर,

आंखें कहना चाहती हों बहुत कुछ,

तब उस ख़ामोशी को पढ़ लेना।

उनकी ख़ामोश व्यथा समझ लेना, 

जो यह समझ पाता है।

उनका जीवन सुख से भर जाता है,

उनकी अमर हो जाती प्रेम गाथा है।


ख़ामोशी भी ख़ामोश नहीं रहती है,

गौर से गर सुनो तो,

ख़ामोशी भी बहुत कुछ कहती है।  


जब हो जाते हैं, मां-पापा बुजुर्ग, 

बच्चों के इंतजार में हो जाते ख़ामोश। 

गर सुन सके बच्चे उनकी ख़ामोशी, 

उनके स्नेह और आशीष के साथ,

सफलताओं के शीर्ष पर पहुंच जाते हैं,

जीवन में हर ख़ुशी पाते हैं।


ख़ामोशी भी ख़ामोश नहीं रहती है,

गौर से गर सुनो तो,

ख़ामोशी भी बहुत कुछ कहती है। 


आप भी एक बार सुनिएगा, ख़ामोशी अपने माता-पिता, अपने सास-ससुर अपने पति, अपनी पत्नी, अपने बच्चे, अपने दोस्तों की, सच मानिए, जिस दिन से आप ख़ामोशी भी सुनने लगेंगे, आप की bonding उनसे और बढ़ जाएगी क्योंकि


ख़ामोशी भी बहुत कुछ कहती है,

उसकी भी अपनी एक आवाज़ होती है।

और गर सुन सके‌ कोई उसे,

तो बस वही जिंदगी होती है।


बहुत सारे प्यार के साथ, अपने सभी viewers के लिए ईश्वर से प्रार्थना है कि उनके जीवन में सुख शांति और सौहार्द्र बना रहे 🙏🏻


यह अप्रैल की last post है, तो सोचा कि पांच साल के पूरे होने पर यह कोशिश बढ़ा दें कि अपने viewers की ख़ामोशी भी सुन सके।

जिससे हम लोगों की bonding और मजबूत हो जाए, तो आज आपकी नज़र में ख़ामोशी की आवाज साझा की है 🙏🏻🙏🏻