Sunday, 1 August 2021

Poem : वो दोस्त ही क्या!

आज का दिन हम सब के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, पर Teenagers के लिए तो यह जिन्दगी का सबसे सुनहरा दिन होता है।

तो आज की Poem, अपनी बेटी Advika Sahai की share कर रहे हैं।

Youngsters में friends को लेकर क्या नज़रिया होता है, इस Poem में उसे बहुत खुबसूरती से उसे उकेरा है।

आइए इस beautiful Poem को enjoy करते हैं....


वो दोस्त ही क्या!




जो सुर्खियों कि तरह बदल जाए;
वो दोस्त ही क्या!

जो तुम्हें कभी न सताए,
जो मुंह से आइसक्रीम न चुराए;
जो सुर्खियों कि तरह बदल जाए;
वो दोस्त ही क्या!

जो तुमसे पूछ के समान ले जाए,
जो मन की आरज़ू न जान पाए;
जो सुर्खियों कि तरह बदल जाए;
वो दोस्त ही क्या!

जो तुम्हारे गिरने पर न हंस जाए,
जो तुम्हें गिरने दें पाए;
जो सुर्खियों कि तरह बदल जाए;
वो दोस्त ही क्या!

जो दुनिया से न बचाए,
जो हँसा-हँसा के न रुलाए;
जो सुर्खियों कि तरह बदल जाए;
वो दोस्त ही क्या!

                            
🎉Happy Friendship Day🎉