Thursday 23 June 2022

Story of Life: Friendly attitude (Part-2)

Friendly attitude (Part -1) के आगे...

Friendly attitude (Part-2 )



अगर आप लोग बुरा ना माने तो मैं mobile में music लगा दूं। थोड़ा माहौल बन जाएगा...

नायरा ने कहा, बिल्कुल...

असीम ने काफी loud bits वाला english number लगा दिया।

नायरा बोली, ऐसा लग रहा है, जैसे हम लोग किसी party में आ गए हों। 

जहां चार दोस्त बैठे हों, वहाँ party ही तो होती है, असीम ने नायरा के सुर में सुर मिलाते हुए कहा.... इसके साथ ही ठहाके मारकर सब हंसने लगे और तीनों मस्ती करने लगे।

तभी रितेश को कुछ अजीब सी आवाजें आने लगी, वो बोला, कुछ अजीब सी आवाजें आ रही है...

अरे यार कुछ नहीं, music ही ऐसा है, इस गाने का। असीम ने casually बोला।

नायरा भी, असीम का साथ देने लगी, सही कह रहे हो असीम, hard music numbers ऐसे ही होते हैं, actually रितेश इस तरह के गाने कम सुनता है।

नायरा के इस तरह से बोलने से रितेश चुप हो गया‌। कुछ देर बाद उसने नायरा से कहा कि तुम असीम के साथ बैठो, मैं अभी icecream लेकर आता हूं।

असीम बोला, icecream की क्या ज़रूरत है? कितना कुछ तो है...

अरे यार, तू कितना कुछ लाया है, अब मुझे भी नायरा की पसंद की icecream ले आने दे। वरना मेरी बीवी, मुझसे हमेशा यही कहती रहेगी कि तुझसे सीख लूं, पत्नी को खुश करना...

नायरा, अपनी favourite icecream की बात सुनकर बहुत खुश हो गई और कहने लगी, अरे असीम, जाने दो रितेश को। 

5 minutes से ज्यादा नहीं लगेंगे, पास में ही icecream parlour है, मुझे cassata icecream बहुत पसंद है।

रितेश चला गया, 5 minutes की जगह 10 minutes हो गये।

लेकिन जब रितेश लौटा तो साथ में पुलिस भी थी। 

पुलिस को देखकर, नायरा हैरान रह गयी और असीम सकपका गया।

यह पुलिस क्यों रितेश? नायरा ने हैरानी से पूछा।

अभी पता चल जाएगा, कहकर रितेश इंस्पेक्टर अजय के साथ bedroom में चला गया। और कुछ हवलदार drawing room में ही रुक गये।

Bedroom में तिजोरी टूटी हुई थी, सारे सामान बिखरे हुए थे, और एक आदमी वहां एक बैग और तिजोरी तोड़ने के कुछ औजार के साथ खड़ा था। इंस्पेक्टर अजय ने उसे धर दबोचा।

फिर इंस्पेक्टर अजय बाहर आकर बोले, Mr. Sagar you are under arrest..

सागर... सागर, तो यहां कोई नहीं है, नायरा चौंकते हुए बोली, पर तब तक इंस्पेक्टर, आगे बढ़कर, असीम के हाथों में हथकड़ी डाल चुके थे।

असीम, सागर..? 

जी हां madam, यह शातिर बदमाश, अपने साथी के साथ मिलकर ऐसे ही आप जैसे अमीर लोग, जो nuclear family में रह रहे होते हैं, जिन्हें जिंदगी सिर्फ मौज-मस्ती लगती है और बहुत लापरवाह होते हैैं, उन से दोस्ती कर अपनी बिंदासी दिखाता है, फिर वास्तु के नाम पर, लोगों के घरों में घुसकर तिजोरी साफ कर के हमेशा के लिए चंपत हो जाता है। 

पर यह आदमी, जिसने तिजोरी तोड़ी है,  हमारे घर में कैसे घुस गया? हमारे घर में तो केवल यह एक ही entry है और हम सब यहीं बैठे थे।

इंस्पेक्टर अजय बोले, सारी बातें तुम clear करोगे सागर या हम बताएं?

सागर बोला, मेरे boss का नहीं, मेरे साथी का फोन आया था, मैं बाहर अपने साथी को बोलने गया था कि मैं drawing room का दरवाजा खुला छोड़ दूंगा और सब के साथ kitchen में 15 minutes रहूंगा।

तुम तब अंदर आ जाना और bedroom में चले जाना, वहीं गहने और रुपयों से भरी तिजोरी रखी है। तिजोरी बहुत मजबूत लग रही है, time लगेगा तोड़ने में। पर बड़े ही लापरवाह लोग हैं, काम आसानी से हो जाएगा।

जब मैं music start कर दूं, तब तुम तिजोरी काट लेना। पर कोशिश करना, काम जितना जल्दी हो।

तुम फिक्र ना करो सागर, कोई भी तिजोरी तोड़ने में मुझे आधे घंटे से ज्यादा समय नहीं लगता है, उसके साथी विक्रम ने कहा।

रितेश को याद आया कि जब असीम लौट कर आया था, तो उसने gate बंद नहीं किया था। और एकदम से चाय की बात शुरू हो गई, तो gate खुला छूट गया था और वो लोग काफी देर kitchen में ही रहे थे। शायद 15- 20 minutes.

रितेश को एहसास हुआ, यही छोटी छोटी लापरवाही, हमें बर्बाद करने के लिए काफी है।

उसके आगे की बात मैं बताता हूं नायरा, रितेश बोला...

मुझे लगातार अजीब सी आवाजें आ रही थी, मैं ने जब कहा था, तब तुमने और असीम ने मेरा मजाक उड़ाकर मुझे चुप करा दिया था। पर लगातार आती आवाजों से मेरा माथा ठनक चुका था...

तब मैं, icecream लेने के बहाने से बाहर निकला तो मुझे अपने bedroom की खिड़की जो बाहर की तरफ खुलती है, उससे एक साया नज़र आया और bedroom से वो आवाज़ और तेज आ रही थी।

मैं समझ गया कि कुछ तो गड़बड़ है, मुझे अपनी मजबूत  तिजोरी पर भरोसा था कि वो जल्दी नहीं टूटेगी। मैंने तुरंत अपने पास के police station पर फोन किया और rapid action लेने की गुजारिश की। और इंस्पेक्टर अजय हमारे सामने हैं।

Thank you inspector Ajay...

हमें इसकी बहुत दिनों से तलाश थी, पर यह बहुत से लोगों को झांसा देकर रफ्फूचक्कर हो जाता था।

Thank you, Mr. Ritesh... आज आप की सूझबूझ और सतर्कता के कारण यह पकड़ा गया है।पर आप भी ध्यान रखिएगा कि एक दो मुलाक़ात में ही अजनबियों को घर नहीं लाते हैं। यह dangerous हो सकता है।

और हाँ,  बहुत जल्दी friendly attitude अपनाना अच्छा नहीं होता है। विश्वास कीजिए, पर अंधविश्वास नहीं।