Sunday, 20 May 2018

Article : Homework

Homework
हम लोगों का ज़माना सच में बहुत अच्छा था, तब गर्मी की छुट्टी का मतलब छुट्टी ही हुआ करता था। पर आजकल बच्चों की गर्मी की छुट्टियाँ आते ही बच्चों पर homework का burden भी साथ में आ जाता है।
आपको क्या लगता है, ये कहाँ तक उचित है?
आजकल जब बच्चों का स्कूल चल रहा होता है, तब study के साथ-साथ ही और भी बहुत सी co-curricular activities भी रहतीं हैं, जिसके चलते, उस समय बच्चों पर बहुत अधिक burden रहता ही है, फिर गर्मी की छुट्टियों में भी homework!
मेरा मानना है, कि बच्चों को कुछ समय, सिर्फ पने बचपन के लिए भी मिलना चाहिए। जिसमे वह, वो कर सकें, जो उनका मन हो, ना कि वो, जिसे करने में उन्हें बोझ लगे और अरुचि हो।  
वैसे इस बार का बच्चों का home work देखकर थोड़ी संतुष्टि हुई है, क्योंकि एक तो homework उतना नहीं है और साथ में बच्चों के entertainment का, family bonding  and values का भी ध्यान रखा गया है। लेकिन शिक्षा देने में भी यह home work पीछे नहीं है इनमें जीवन मूल्यों के साथ ऐसी बातें सीखाने पर ज़ोर दिया है जो हमें हमारे माता पिता ने हमारे साथ वक़्त बिता कर सिखाईं थीं और वो बातें इन बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करेंगी। शायद बच्चों के बचपन को ध्यान में रखते हुए इस साल से ये बदलाव लाया गया हो और अन्य स्कूलों में भी कुछ ऐसा ही हुआ हो।
जिन स्कूलों ने ये बदलाव अपनाया है, हम सभी को उन स्कूलों को इसके लिए धन्यवाद देना चाहिए, और साथ ही अन्य स्कूलों को इस तरह के कार्यों के लिए प्रेरित भी करना चाहिए।


एक उज्ज्वल भविष्य के लिए, और एक प्रगतिशील देश को बनाने के लिए शिक्षक की मुख्य भूमिका रहती है, पर उनका दायित्व केवल विद्या प्रदान करने तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, अपितु उन्हें छात्रों के सर्वांगीण विकास के विषय में अपना सहयोग भी प्रदान करना चाहिए। और यह बदलाव उस ओर बढ़ाया हुआ एक कदम है।

Saturday, 19 May 2018

Kids Story : कोशिश से सब कुछ हो सकता है

समस्या: बच्चा बेड पर सुसू करता है।

कहानी: कोशिश से सब कुछ हो सकता है।


राजा अपनी माँ का बहुत लाडला था। वो था भी बहुत अच्छा, सब काम में expert । उसकी माँ को कभी उसकी डांट तक लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ती थी, फिर भी वो राजा को ले कर बहुत परेशान रहती थीं, क्योंकि बहुत कोशिशों के बाद भी राजा की bed पर सुसू करने की आदत नहीं छूट रही थी। और इसके कारण वो लोग कहीं नहीं जा पाते थे।
एक दिन राजा का स्कूल, उसकी पसंदीदा जगह जयपुर 4 दिन के लिए पिकनिक ले जा रहा था। उसके सब दोस्त जा रहे थे, पर राजा चिंता में था कि अगर वो गया तो उसकी बेड पर सुसू की आदत का सबको पता चल गया तो.....   
राजा के सब दोस्त उससे चलने की ज़िद करने लगे, पर वो डर रहा था।
जब राजा ने ये सारी बात अपनी माँ को बताई, तो उन्हें भी अच्छा नहीं लगा। तभी राजा का दोस्त राहुल उसके घर आया। उसने सबको इस तरह परेशान देख कर पूछा कि क्या बात है? तो डरते-डरते कि राहुल क्या सोचेगा, राजा की माँ ने सारी बात बता दी।
राहुल बहुत समझदार था, उसने इस बात की बिना खिल्ली उड़ाए बोला मैं ध्यान रखूँगा। आप बस राजा को बोल दीजिएगा कि मेरी बात माने
सबके साथ राजा भी पिकनिक गया।
राहुल राजा को रोज़ रात सोने से पहले सुसू कर के आने को बोलता और रात में जब भी वो सुसू जाने के लिए उठता, तो राजा को भी तब तक उठाता रहता, जब तक वो उठ के सुसू नहीं कर आता। ऐसे ही मस्ती करते-करते और राहुल की छोटी सी बात मानते हुए कब 4 दिन निकल गए पता ही नहीं चला।
राजा बहुत खुश था, घर आ कर उसने चहकते हुए, अपनी माँ से बोला, माँ माँ पता है- मैनें 1 भी दिन bed पर सुसू नहीं की। ये सुन उसकी माँ, राहुल के लिए गदगद हो गयीं, वो बोली कि बेटा अपने दोस्त को thanks बोलो और अब ऐसा करो कि उसकी मेहनत बर्बाद न हो, और खुद कोशिश करो, कि तुम्हारी ये गंदी आदत हमेशा के लिए चली जाए।
राजा ने वैसा ही किया जैसा राहुल उसे रोज़ पिकनिक में कराता था। और हमेशा के लिए राजा कि गंदी आदत छूट गयी।
अब राजा को पता चल गया था, कि कोशिश से सब कुछ हो सकता है।


Friday, 18 May 2018

poem : वो गर्मी के दिन, वो गर्मी की रातें

आज से बच्चों की गर्मियों की छुट्टियाँ प्रारंभ हो गयी हैं ,पर आजकल कहाँ, बच्चों को हम लोगो के जैसी छुट्टियाँ मिलती  हैं।  
छुट्टियों के हमारे वो दिन अविस्मरणीय हैं, उन्हें काव्यबद्ध करने का प्रयास किया है, कदाचित आपको भी अपना बचपन याद आ जाये।

Image result for summer holidays
वो गर्मी के दिन, वो गर्मी की रातें


वो गर्मी के दिन, वो गर्मी की रातें
बहुत खूबसूरत थीं,उनकी बातें
वो,नानी के घर जाके,
गर्मी की छुट्टी बिताना
मामा, मौसी का हम लोगों को खेल खिलाना
वो आइसक्रीम वाले का आवाजें लगाना
चूरन के लिए, कापियां बेच आना
बड़े याद आते हैं
वो गर्मी के दिन, वो गर्मी की रातें
वो छत पे पानी का छिड़काव करना
कहां, कौन सोये, इसका लड़ना झगड़ना
वो, मटके सुराही का ठंडा पानी
कहानी सुनाती, दादी और नानी
बड़े याद आते हैं
वो गर्मी के दिन, वो गर्मी की रातें

वो बचपन कहां खो गया ना जाने
ना मटका सुराही ,ना ठंडा पानी
ना दादी नानी की मीठी कहानी
ना छत पे जाकर वो बिस्तर बिछाना
ना मामा, मौसी का साथ खिलाना
बहुत दिन हुए ,अब ना आतीं हैं वैसी
वो गर्मी के दिन, वो गर्मी की रातें