Tuesday, 2 September 2025

Article : वाह रे भारत!

आज कल जो news सबसे ज्यादा चल रही है, क्या वो आपको कुछ सोचने को मजबूर नहीं कर रही है?

कौन-सी news?

भारत पर USA द्वारा लगाए गए trade tariffs की news... 

वाह रे भारत!



आप सोचिए, कभी वो दौर था कि भारत पाकिस्तान और आतंकवाद के डर के साए में रहता था।

आए दिन पाकिस्तानी हमलों का डर बना ही रहता था। भारत में blackout कर दिया जाता था।

साथ ही आतंकवादी हमलों के कारण कभी यहां bomb blast, कभी वहां bomb blast...

बुरा मत मानिएगा, पर यही सच्चाई है कि जब से BJP सरकार ने भारत पर अपने सशक्त कदम रखें हैं, तब से भारत के सुर कुछ बदले-बदले से हैं।

मतलब?

अब भारत में न तो आतंकवादी हमले उतने हो रहे हैं, न ही पाकिस्तानी हमले...

क्या कह रहे हैं हम? 

उरी, पुलवामा, पहलगाम... यह सब attacks हम भूल गए हैं क्या?

नहीं जी, बिल्कुल नहीं भूले...

पहले तो आप इस बात पर ध्यान दें कि पिछले ग्यारह सालों में number of attacks कितने कम हो गये हैं, जबकि उससे पहले, हर साल दो से तीन attack हो ही जाते थे।

और साथ ही आप यह भी देखिए, कि किस तरह से पाकिस्तान के सभी नापाक इरादों को हर बार मुंहतोड़ जवाब दिया है।

हर जवाबी कार्रवाई एक से बढ़कर एक...

Operation Sindoor तो आप सबको खूब अच्छे से ही याद होगा।

इस operation के द्वारा आतंकवादी, पाकिस्तान, चीन सहित संपूर्ण विश्व ने भारत का सशक्त सैन्य बल व अचूक attack देख लिया।

जिसके बाद संपूर्ण विश्व यह समझ चुका है कि अब भारत सशक्त है, अखंड है।

इसके साथ ही पहले कभी जो भारत, आतंकवाद, पाकिस्तान और चीन से डर कर रहता है, आज वही भारत पाकिस्तान को धूल चटाकर, आतंकवाद को पछाड़ कर, चीन को झुकाकर, “so called” सबसे शक्तिशाली कहे जाने वाले देश अमेरिका से सीधी टक्कर ले रहा है।

अमेरिका ने अपने कुछ फैसले भारत पर थोपने चाहे, जिन्हें भारत ने एक सिरे से इंकार कर दिया। जवाब में अमेरिका ने भारत पर tariff का दबाव डाला, लेकिन भारत को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा, बल्कि उसने अपने आप को और सशक्त बनाने के लिए अन्य देशों के साथ business deal शुरू कर दी।

और बात यहां पर ही खत्म नहीं हुई, भारत ने हर international deal में USD (United States Dollar - $) का होना compulsory है, इस को भी खत्म करना शुरू कर दिया है।

आपकी जानकारी के लिए यह बता दें कि इस तरह का नियम था, कि दो देश किसी भी तरह की international business deal करेंगे तो उनका सारा लेन-देन USD में होगा, deal कर रहे उन देशों की currency में नहीं। इसके कारण ही USD और अमेरिका का दबदबा पूरे विश्व में छाया हुआ है।

पर मोदी जी ने यह नयी परिपाटी शुरू कर दी है। वो अभी जिस भी देश के साथ international business deal कर रहे हैं, सबसे उनकी और अपनी currency में ही deal final कर रहे हैं।

इससे होगा यह कि अपना देश सशक्त होगा, साथ ही अमेरिका भी बेमतलब की दादागिरी नहीं दिखा पाएगा।

भारत के इस तरह से सभी क्षेत्रों में सुदृढ़ और सशक्त होते हुए देख कर एक ही बात समझ आती है कि वो दिन दूर नहीं, जब भारत सर्वोच्च स्थान पर होगा, एक बार फिर से सोने की चिड़िया कहलाएगा, और हर कोई यह कहेगा, वाह रे भारत, क्या बात है!

जय हिन्द, जय भारत 🇮🇳 

Thursday, 28 August 2025

Poem : तुम प्रीत, तुम मीत

तुम प्रीत, तुम मीत 


तुम प्रीत, तुम मीत,

तुम जीवन के संगीत।

हर स्वर की तुम आवाज, 

हर झंकृत तार के साज।।


हर ओर तुम, हर छोर तुम, 

तुम हर पल दिल के साथ।

एहसास तुम, हर श्वास तुम, 

थामे हर पल मेरा हाथ।। 


तुम्हारे जन्म का अर्थ,

मेरा जीवन सार्थक।

अस्तित्व हों अलग-अलग, 

पर मन से नहीं पृथक्।।


जन्मदिवस पर अनेकानेक बधाइयाँ 💐🎉

Wednesday, 27 August 2025

India's Heritage : महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की प्रधानता क्यों?

गणपति महाराज जी की कृपा हम सब पर सदैव बनी रहे, उनकी अनुकंपा से सम्पूर्ण जगत में शुभ हो।

प्रथम-पूज्य देव गणपति बप्पा जी के शुभागमन से सम्पूर्ण भारत में आज से गणेशोत्सव का शुभारंभ हो रहा है।

हालांकि उत्साह, भक्ति और उमंग की लहर सम्पूर्ण भारत में छाई हुई है, पर महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की उमंग चरम सीमा पर विद्यमान रहती है।

पर ऐसा क्या कारण है कि महाराष्ट्र में सर्वोपरि उत्सव गणेशोत्सव है?

आज अपने India's Heritage में इसी विषय में विचार करेंगे।

महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की प्रधानता क्यों?


छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठा पेशवाओं के समय से गणेश पूजा का सांस्कृतिक महत्व रहा है।

पर महाराष्ट्र में गणेशोत्सव को सार्वजनिक रूप से प्रसिद्धि दिलाने का सारा श्रेय बाल गंगाधर तिलक को जाता है।

विस्तृत रूप से भी देख लेते हैं।


ऐतिहासिक कारण :

• छत्रपति शिवाजी महाराज -

भारत में समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न साम्राज्यों की स्थापना हुई थी।

सन् 1674 में छत्रपति शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी। 

शिवाजी महाराज अपनी मां जीजाबाई के सशक्त, सक्षम और आज्ञाकारी पुत्र थे। छत्रपति शिवाजी महाराज के समय मुगलों का लगभग पूरे भारत पर आधिपत्य था। पर छत्रपति शिवाजी महाराज की कोशिश रहती थी कि मुगलों को महाराष्ट्र से उखाड़ फेंकें। बस उसी कड़ी में शामिल हैं, महाराष्ट्र में गणेशोत्सव का आरंभ...

मान्यता है कि शिवाजी महाराज ने अपनी मां जीजाबाई के साथ मिलकर गणेश चतुर्थी यानी गणेश महोत्सव की शुरुआत की थी, जो मुगल शासन के दौरान अपनी सनातन संस्कृति को बचाने का एक तरीका था। इसके बाद मराठा पेशवाओं के युग में भी गणेश पूजा का बड़े भव्य रूप से उत्सव मनाया जाने लगा।


• बाल गंगाधर तिलक -

बात भारत की पराधीनता के समय की है। अंग्रेजों ने सार्वजनिक रूप से लोगों के एकजुट होने पर पाबंदी लगा दी थी। पर उत्सव, विवाह और तीज-त्योहार पर एकत्रित होने पर कोई पाबंदी नहीं थी।

बस इसी बात का लाभ बाल गंगाधर तिलक जी ने उठाया और उन्होंने British शासन के खिलाफ राष्ट्रीय एकता और विद्रोह को बढ़ावा देने के लिए 1893 में गणेश उत्सव को पुणे में सार्वजनिक उत्सव के रूप में पुनर्जीवित कर दिया।

यह अंग्रेजों के खिलाफ लोगों को एकजुट करने का एक विशिष्ट तरीका था, क्योंकि तिलक जानते थे कि भारतीय आस्था के नाम पर एक हो सकते हैं। इस उत्सव के माध्यम से उन्होंने हिंदू राष्ट्रवादी एकता को बढ़ावा दिया।


सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व :

• सामाजिक समरसता -

धीरे-धीरे इस उत्सव की प्रसिद्धि बढ़ती गई, जिससे वह धार्मिक होने के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता का भी प्रतीक बन गया था, जिससे विभिन्न वर्गों के लोग एक साथ आने लगे थे।


• आस्था का केंद्र -

ऐसा क्या था कि गणेशोत्सव की प्रसिद्धि, दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही गई। दरअसल, गणपतिजी को बुद्धि, समृद्धि और भाग्य का देवता माना जाता है, जिसकी कामना हर प्राणी को रहती है। साथ ही नई शुरुआत के लिए भी उनकी पूजा करते हैं। यह आस्था ही महाराष्ट्र में गणेश जी की लोकप्रियता का मुख्य कारण है।


• गणेश मंडल -

महाराष्ट्र में गणेश उत्सव के दौरान बड़े सार्वजनिक मंडल बनाए जाते हैं, जहाँ गणेश जी की मूर्तियों को स्थापित किया जाता है और उत्सव मनाया जाता है। यह उत्सव बहुत ही बड़े scale पर आयोजित किया जाता है। अतः इस उत्सव में दिव्यता और भव्यता दोनों शामिल है। और जहां दोनों शामिल हो, वहां प्रसिद्धि तो अवश्यंभावी है।


गणपति बप्पा मोरया....

गणपति महाराज जी की जय🙏🏻🎉💐