Thursday, 26 July 2018

Story Of Life : आखिर क्यों?

आखिर क्यों?

रैना अपने office से लौट रही थी, तब बड़ा ही सुहाना मौसम था। अपनी कार में वो रिमझिम घिरे सावन ,सुलग सुलग जाए मन..... सुन रही थी कि बड़ी तेज़ी से काले बादल छाने लगे। शाम के करीब 5 बजे थे, पर ऐसा लग रहा था मानों 7-8 बज रहे हों। और कुछ ही देर में ज़ोरों से वर्षा भी शुरू हो गयी। इतनी तेज बारिश और घिरे हुए अंधेरे की वजह से हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था, अत: रैना ने car की speed कम कर दी थी।
अभी वो कुछ दूर ही चली थी, कि उसे ऐसा महसूस हुआ, मानों कोई उसकी car से टकरा गया हो। इस एहसास से ही वो भीतर तक काँप गयी। उसने कार तो वहीं रोक दी, पर उसकी कार से उतरने की हिम्मत नहीं हो पा रही थी।
पर उसे ये भी लग रहा था कि टकराने वाले को बहुत चोट लगी होगी, उसकी वजह से। तब बहुत हिम्मत करके वो कार से उतर गयी, उसने देखा सामने एक आदमी गिरा पड़ा था। उसने उसे उठाया, तो पाया कि उसे चोट तो ज्यादा नहीं लगी थी, पर वो संतुलित भी नहीं था।
रैना का एक मन तो हुआ कि, उसे यहीं छोड़ दे कौन सा ज्यादा चोट लगी है! झूम रहा है, सो अलग। फिर लगा, यहीं छोड़ देगी तो अभी तो बच गया, पर कब ज़्यादा चोट लग जाएगी, कौन जाने। उसे उठाए हुए रैना को ये समझ आ गया था कि उस आदमी ने शराब नहीं पी रखी थीतो ये क्यों झूम रहा है? ये सब सोचते हुए, उसने उस आदमी को अपनी कार में बैठा लिया। और कार सीधे एक hospital के आगे ही रोकी।
जब रैना Dr. से मिली, तो Dr. ने बताया कि इनका BP बहुत कम हो गया है, इसलिए ये संतुलित नहीं रह पा रहे हैं। वो उस आदमी को hospital में admit करा के चली गयी।
अगली सुबह जब वो hospital पहुंची, तो Dr. बोले अब आप इन्हें ले जा सकती हैं। now he is better.
रैना जब room में पहुंची, तब उसे देखते ही वो आदमी बोला- रंजना!
जी नहीं, मैं रैना। आप कल मेरी गाड़ी के सामने आ गए थे, इसलिए मैं आपको hospital  ले आई।
Sorry रैना जी, मैं आनंद। एक businessmen  हूँ। कल काम का pressure  थोड़ा ज्यादा हो गया था, that’s why bp low हो गया। आपका बहुत बहुत धन्यवाद। 
आज रैना ने आनंद को गौर से देखा- tall dark & handsome. आवाज़ में भी ऐसी कशिश कि कोई भी खिचा चला जाए।
रैना बोली, मैं भी एक pharma company में area manager हूँ। Good- आनंद बोला।
Dr. ने बोला है कि अब आप better हैं, कहिए तो मैं आपको घर तक छोड़ आऊँ।
नहीं, आनंद बोला, मैंने घर फोन कर दिया है, कार आ रही है। मैंने hospital के सारे bill भी clear कर दिये हैं। Ok तो मैं चलती हूँ। कह तो दिया रैना ने, पर उसके पैर जाने के लिए नहीं मुड़े। जिस तरह के dream boy के रैना ने सपने देखे थे, आनंद बिलकुल वैसा ही था। तभी आनंद भी बोल उठा, अगर आपको office जाने की जल्दी ना हो, तो......
रैना को तो आनंद में अपना dream boy दिख रहा था, पर क्या आनंद को भी रैना उतनी ही भा गयी थी, और उसने उसे रंजना क्यों कहा? जानने के लिए पढ़ते हैं आखिर क्यूँ भाग-२ 

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